तेलंगाना टनल हादसाः अब तक पता नहीं चला मजदूरों का लोकेशन, 8 जिंदगियों को बचाने के लिए 9वें दिन रेस्क्यू जारी
#telangana_tunnel_collapse
![]()
तेलंगाना सुरंग हादसे का आज सोमवार को नौंवा दिन है। तेलंगाना के नागरकुरनूल जिले में श्रीशैलम लेफ्ट बैंक कैनाल (एसएलबीसी) सुरंग में फंसे आठ लोगों को पिछले नौ दिनों से सुरक्षित निकालना संभव नहीं हो पाया है। रडार सर्वे से पीड़ितों की स्थिति का पता लगने का दावा किया गया था, लेकिन अब जांच में वहां सिवाए धातु के टुकड़ों के कुछ नहीं मिला है। मुख्यमंत्री ए. रेवंत रेड्डी ने कहा कि सुरंग के अंदर फंसे लोगों के सटीक स्थान की अभी तक कोई जानकारी नहीं है। मुख्यमंत्री रेवंत रेड्डी ने रविवार को टनल साइट का दौरा किया। बता दें कि मजदूर 22 फरवरी की सुबह करीब 8:30 बजे से फंसे हुए हैं, जिसके बाद से बचाव कार्य जारी है।
बीते 9 दिनों में फंसे मजदूरों से संपर्क नहीं हो सका है। टनल में पानी, कीचड़ और ढेर सारे मलबे के कारण रेस्क्यू में काफी दिक्कतें आ रही हैं। रेस्क्यू ऑपरेशन में सेना, एनडीआरएफ, एसडीआरएफ समेत 11 एजेंसियां जुटी हुई हैं। सीएम रेवंत रेड्डी ने घटनास्थल का दौरा किया और हालात की जानकारी ली। सीएम ने कहा कि सुरंग में फंसे लोगों की लोकेशन अभी तक पता नहीं चली है। जरूरत पड़ी तो रेस्क्यू में रोबोट की मदद ली जाएगी।
मुख्यमंत्री ए रेवंत रेड्डी ने साइड का दौरान करने के बाद कहा कि बचाव कर्मी इस बात को पूरी तरह से नहीं समझ पा रहे हैं कि लोग और मशीनें कहां फंसे हुए हैं। उनके पास केवल प्रारंभिक अनुमान है। उन्होंने कहा कि सरकार ने बचाव अभियान का नेतृत्व कर रहे अधिकारियों को सुझाव दिया है कि यदि आवश्यक हो तो सुरंग के अंदर रोबोट का उपयोग किया जाए, ताकि बचाव कर्मियों को किसी भी तरह के खतरे से बचाया जा सके। मुख्यमंत्री ने कहा कि सरकार फंसे लोगों को निकालने के लिए दृढ़ है और दुर्घटना के कारण पीड़ित परिवारों की सहायता करने के लिए भी तैयार है।
इधर, नेशनल जियोफिजिकल रिसर्च इंस्टीट्यूट (एनजीआरआई), हैदराबाद के वैज्ञानिकों ने सुरंग के भीतर ग्राउंड पेनीट्रेटिंग रडार सर्वे किया था ताकि सुरंग में फंसे आठ लोगों की स्थिति का पता लगाया जा सके। सर्वे में जिन जगहों पर पीड़ितों के होने का अनुमान था, वहां अब जांच में सिर्फ धातु के तत्व मिले हैं। यही वजह है कि अब वैज्ञानिकों ने रडार सर्वे से इतर जगहों पर भी पीड़ितों की तलाश करने की सलाह दी है। साथ ही वैज्ञानिक जल्द ही एक बार फिर से रडार सर्वे करने की योजना बना रहे हैं।
11 hours ago