आम के मंजर पर लगने लगा मधुआ रोग, दवाका छिडकाव शुरू
मौसम के बदलते मिजाज के कारण आम पर इसका प्रतिकूल असर पड़ रहा है। आम की पैदावार पर मौसम का असर पड़ने की आशंका जताई जा रही है। मंजर के समय तापमान में उतार चढ़ाव से पैदावार को प्रभावित कर सकता है। इसको लेकर आम उत्पादन करने वाले छोटे और बड़े किसान मंजरों पर छिडकाव करना शुरू कर दिए हैं। क्षेत्र में लगे आम के पौधों में पिछले वर्ष की तुलना में इस बार कई गुणा अधिक मंजर लगे हैं। आम के मंजर को देखकर लगता है कि आम का उत्पादन अच्छा होगा, लेकिन बदल रहे मौसम के कारण उस पर ग्रहण लगना शुरू हो गया है। आम के मंजरों पर फंगस और मधुआ रोग लगना शुरू हो गया है। इसके अलावा मंजर में झड़का रोग के साथ-साथ मंजर झड़ने लगे हैं।
आम की अच्दी पैदावार लेने के लिए कड़ी मेहनत के साथ साथ अतिरिक्त देखभाल करना पड़ता हैं
आम की बेहतर पैदावार लेने के उद्यान पदाधिकारी आलोक कुमार, चंदन कुमार सिंह ने बताया गया कि इस वर्ष मौसम में पूर्व की भांति काफी बदलाव दिख रहा है। ऐसे में आम की फसल प्रभावित होने की संभावनाएं देखी जा रही है। बताया कि वर्तमान समय में ज्यादातर आम के बगीचे में मंजर निकले हुए हैं। साथ ही कुछ जगहों पर दाने भी दिखने लगे हैं। ऐसे मौसम में आम की अच्छी पैदावार लेने के लिए किसानों को कड़ी मेहनत के साथ- साथ देखभाल के अतिरिक्त समय का ख्याल रखने, रासायनिक दवाइयों का समय-समय पर छिड़काव करना अति आवश्यक है। उन्होंने बताया कि परागण के समय बगीचे में अधिक सिंचाई और जलजमाव से फसलों को हानी पहुंचती है।
बदलते मौसम में हल्की सिंचाई के साथ अनुकूल दवा का स्प्रे का आवश्यक होता हैं
बदलते मौसम में हल्की सिंचाई और मंजर व आम के निकल रहे दाने को सुरक्षित रखने के लिए फंजिसाइड के रूप में कॉपर आक्सिक्लोराइड तीन ग्राम पर लीटर तथा इंसेक्टिसाइड के रूप में रोगर एक एमएल प्रति लीटर पानी के मिश्रण को बनाकर स्प्रे करने से काफी लाभदायक साबित होता है।
ऐसे पेड़ जिसमें मटर के समान आम के दाने निकल चुके हों उसमें नैथलिन एसिटिक एसिड पर 04 से 05 लीटर पानी में एक एमएल का मिश्रण बनाकर स्प्रे करने से बेहतर फल होने की बात कही। इसके साथ ही बताया कि बढ़ रहे तापमान के कारण फ्लावर स्टेज पर अधिक सिंचाई और दवाइयों का प्रयोग हानिकारक हो सकता है। परागण के समय अधिक सिंचाई व दवाई स्प्रे करना फसल को प्रभावित कर सकता है। वैसे पेड़ जिसमें अब तक मंजर नहीं लगे हों उसमें फंगीसाइड के रूप में कॉपर आक्सिक्लोराइड तीन ग्राम पर लीटर तथा इंसेक्टिसाइड के रूप में रोगर पर लीटर पानी में एक एमएल का मिश्रण बनाकर स्प्रे करने से बेहतर फसल ली जा सकती है।
मौसम में उतार चढ़ाव, बादलों का लगना, तापमान में वृद्धि होना, बारिश होना सभी आम के मंजरों के लिए नुकसानदायक है। आम के मंजरों का झड़ना, पीला हो जाना, फंगस लगना और मधुआ रोग लगना शुरू हो जाता है। - आलोक कुमार और चंदन कुमार सिंह, उद्यान पदाधिकारी
Mar 02 2025, 13:03