अब दिल्ली के मोहल्ला क्लीनिक और अस्पतालों की खुली पोले,CAG रिपोर्ट में बड़ा खुलासा
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दिल्ली विधानसभा सत्र का आज चौथा दिन है। दिल्ली विधानसभा का आज का दिन भी अहम है। आज यानी शुक्रवार को स्वास्थ्य विभाग की कैग रिपोर्ट पेश होगी। यह रिपोर्ट एक बार फिर से अरविंद केजरीवाल की आम आदमी पार्टी की परेशानी बढ़ा सकती है।दरअसल दिल्ली की स्वास्थ्य सेवाओं पर कैग की रिपोर्ट में कई चौंकाने वाले खुलासे हुए हैं। जिसे लेकर आज विधानसभा में एक बार फिर से हंगामे के आसार हैं।
सूत्रों का कहना है कि कैग रिपोर्ट में कई बड़े खुलासे हुए हैं। कैग रिपोर्ट की मानें तो दिल्ली के अस्पतालों में बिस्तरों की भारी कमी है। साथ ही कोविड के दौरान जितने पैसे मिले थे, उतने खर्च भी नहीं हुए। रिपोर्ट के अनुसार, कोविड-19 से निपटने के लिए केंद्र सरकार से मिले 787.91 करोड़ रुपये में से सिर्फ 582.84 करोड़ रुपये ही खर्च किए गए, जबकि बाकी राशि बिना उपयोग के रह गई। इसके चलते कोरोना संकट के दौरान जरूरी सुविधाओं की भारी कमी रही।
सरकारी अस्पतालों में बेड की भारी कमी
दिल्ली सरकार ने 2016-17 से 2020-21 के बीच 32,000 नए बेड जोड़ने का वादा किया था, लेकिन सिर्फ 1,357 बेड ही जोड़े गए, जो कि कुल लक्ष्य का मात्र 4.24% है। राजधानी के कई अस्पतालों में बेड की भारी कमी देखी गई, जहां बेड ऑक्यूपेंसी 101% से 189% तक रही, यानी एक ही बेड पर दो-दो मरीजों को रखा गया या मरीजों को फर्श पर इलाज कराना पड़ा।
डॉक्टरों और स्टाफ की भारी कमी
रिपोर्ट में अस्पतालों में मेडिकल स्टाफ की भारी कमी का भी जिक्र किया गया है। इतना ही नहीं, इसमें साफ-साफ कहा गया है कि मोहल्ला क्लीनिक आने वाले मरीजों को देखने के लिए डॉक्टर एक मिनट से ज्यादा वक्त नहीं देते थे। इतना ही नहीं, इनमें से कई क्लीनिक में पल्स ऑक्सीमीटर, ग्लूकोमीटर, एक्स-रे व्यूअर, थर्मामीटर और ब्लड प्रेशर मॉनिटरिंग डिवाइस जैसी बुनियादी चिकित्सा उपकरण भी नहीं थे। ऑडिट में यह भी सामने आया है कि जिन क्लीनिक का मूल्यांकन किया गया, उनमें से 18% क्लीनिक 15 दिनों से लेकर 23 महीनों तक बंद रहे। इसकी मुख्य वजह डॉक्टरों की अनुपलब्धता, इस्तीफे और डी-एम्पैनलमेंट रही।
बड़े पैमाने पर खाली पद भरे ही नहीं गए*
दिल्ली के स्वास्थ्य सेवाओं में बड़े पैमाने पर खाली पद भरे ही नहीं गए, जिससे आधारभूत ढांचा खराब हुआ। स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण विभाग में 3268 पद DGHS में 1532 पद स्टेट हेल्थ मिशन में 1036 पद ड्रग कंट्रोल डिपार्टमेंट में 75 पद खाली हैं। भर्तियां नहीं होने की वजह से दिल्ली के मौलाना आजाद मेडिकल कॉलेज में 503 पद, लोक नायक अस्पताल में 581 पद, RGSSH में 579 पद खाली रह गए। पद खाली होने से मरीजों के इलाज में देरी होने लगी सर्जरी, प्लास्टिक सर्जरी और जलने वाली सर्जरी में लोकनायक जय प्रकाश जैसे अस्पताल में 12 महीने की वेटिंग है जबकि बच्चों की सर्जरी में साल भर की वेटिंग चाचा नेहरु बाल चिकित्सालय में है।
बता दें कि इससे पहले दिल्ली शराब नीति पर कैग रिपोर्ट पेश की जा चुकी है। कैग रिपोर्ट से स्पष्ट है कि दिल्ली सरकार के राजस्व को 2002 करोड़ रुपये से अधिक का नुकसान हुआ है।
9 hours ago