खंडजा पर जलभराव, नहीं कोई जिम्मेदार,सालभर से सड़क कीचड़ से ठप्प
भेटुआ, अमेठी। विकास खंड भेटुआ की ग्राम पंचायत भरेथा से क्षेत्र पंचायत सदस्य के रूप में ब्लॉक प्रमुख आकर्ष शुक्ल चुने गए, लेकिन पंचायत में बुनियादी समस्याओं पर कोई ध्यान नहीं दिया जा रहा है।
ग्राम पंचायत भरेथा के गांव पूरे अवधराम पाण्डेय का पुरवा से चौबे का पुरवा तक बने खंडजा मार्ग पर अप्रैल से जलभराव की स्थिति बनी हुई है। अवधेश पाण्डेय और शिवमूरत पाण्डेय के घरों में लगे टुल्लू पंप का पानी और नाली का गंदा पानी इसी सड़क पर बह रहा है।
स्थिति यह है कि सोख्ता गड्ढा ढका पड़ा है, जिससे गंदा पानी अवशोषित नहीं हो पा रहा और सड़क कीचड़ में तब्दील हो गई है। आवागमन महीनों से बाधित है, लेकिन इस पर ध्यान देने वाला कोई नहीं है।
जिम्मेदारों की बेरुखी
ग्राम प्रधान आभा कनौजिया का कहना है कि "इससे मेरा कोई लेना-देना नहीं, मेरे पति ही सब जानते हैं।"
जब उनके पति सुरेश कनौजिया से पूछा गया तो उन्होंने साफ कह दिया,
"खंडजा की मरम्मत नहीं होगी, यह कार्य योजना में नहीं है।"
सफाई कर्मी मुख्तार ने पंचायत की स्थिति पर सवाल उठाते हुए कहा,
"ग्राम पंचायत भरेथा में कभी जाता ही नहीं। किसी तरह जुगाड़ से काम चल रहा है। खंडजा मार्ग पर पानी भरा है, इसका समाधान प्रधान और ग्राम पंचायत विकास अधिकारी ही करें।"
रोज़गार सेवक आरती कनौजिया ने प्रधान से अपने मतभेद जाहिर करते हुए कहा,
"प्रधान से मेरी बात नहीं होती, सचिव कभी आते ही नहीं। सालभर में ग्राम पंचायत विकास अधिकारी सिर्फ एक दिन आए थे, लेकिन उन्होंने कोई कार्रवाई नहीं की।"
पंचायत सहायक ने बताया कि
"खंडजे की समस्या पहले भी बताई गई थी, लेकिन अब तक कोई कार्यवाही नहीं हुई।"
अधिकारियों की उदासीनता
ग्राम पंचायत विकास अधिकारी का कहना है,
"अब तक कोई शिकायत नहीं मिली, बिना शिकायत के कोई कार्य नहीं होगा।"
खंड विकास अधिकारी (परियोजना निदेशक) ऐश्वर्य यादव ने कहा,
"अभी तक ग्राम पंचायत नहीं गया हूँ। जब तक समस्या मेरे संज्ञान में नहीं आती, कुछ नहीं कह सकता।"
वहीं, ब्लॉक प्रमुख आकर्ष शुक्ल ने कहा,
"मुझे इस मामले की जानकारी नहीं है। यह मेरे आवास से दूर है। शिकायत मिलने पर जांच-पड़ताल के बाद ही कुछ कहूँगा।"
गांववासी परेशान, लेकिन कोई हल नहीं
सड़क पर सालभर से पानी भरा है, जिससे लोगों का निकलना मुश्किल हो गया है, लेकिन जनप्रतिनिधियों और अधिकारियों की अनदेखी के कारण समस्या जस की तस बनी हुई है। जिम्मेदार लोग एक-दूसरे पर टाल-मटोल कर रहे हैं, लेकिन कोई भी इसे हल करने के लिए तैयार नहीं है।
Feb 16 2025, 19:58