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क्या मणिपुर में लगेगा राष्ट्रपति शासन, सीएम पर फैसले के लिए आज की तारीख कितनी अहम?
#manipur_may_face_president_rule * मणिपुर में भड़की जातीय हिंसा के करीब दो साल बाद मुख्यमंत्री एन बीरेन सिंह ने रविवार (9 फरवरी, 2025) को इंफाल के राजभवन में राज्यपाल अजय कुमार भल्ला को अपना इस्तीफा सौंपा। मणिपुर सीएम का इस्तीफा विधानसभा सत्र शुरू होने से ठीक एक दिन पहले हुआ है। दरअसल, चर्चा थी कि मणिपुर में विपक्षी नेता सत्र के दौरान एन बीरेन सिंह के खिलाफ अविश्वास प्रस्ताव लाने की योजना बना रहे थे। इससे पहले केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह और जेपी नड्डा से मुलाकात के बाद बीरेन सिंह ने इस्तीफा देने का फैसला किया।अब सवाल ये है कि मणिपुर के अगले मुख्यमंत्री के रूप में बीरेन सिंह की जगह कौन लेगा? मणिपुर में लंबे समय से चल रहे हिंसा के बीच मुख्यमंत्री एन. बीरेन सिंह के इस्तीफे के बाद राज्य में राजनीतिक अनिश्चितता बढ़ गई है। एन.बीरेन सिंह के इस्तीफे के बाद भाजपा फिलहाल कोई नया सर्वमान्य चेहरा तलाश नहीं पाई है। पार्टी के पूर्वोत्तर मामलों के प्रभारी और सांसद डॉ.संबित पात्रा ने मंगलवार को इंफाल में पार्टी विधायकों के साथ बैठक की। सूत्रों के मुताबिक, इस बैठक में किसी नए नाम पर सहमति नहीं बनी है। पार्टी की कोशिश ऐसे चेहरे को चुनने की रही, जिसको लेकर मैतेई और कुकी दोनों समुदायों का भरोसा हो। यदि नए सीएम के लिए सर्वसम्मति नहीं बनती है तो राज्य में राष्ट्रपति शासन लगने की प्रबल संभावना है। *क्या है नियम* दरअसल संविधान के मुताबिक राज्यों की विधानसभा की दो बैठकों के बीच में 6 महीने से ज्यादा का अंतर नहीं होना चाहिए पर मणिपुर विधानसभा के संदर्भ में ये संवैधानिक समय सीमा आज (बुधवार) को खत्म हो रही है। संविधान के अनुसार, मणिपुर विधानसभा का अगला सत्र 12 फरवरी से पहले होना चाहिए। सत्र शुरू होने के 15 दिन पहले स्पीकर को इसकी घोषणा करनी होती है। स्पीकर राज्य मंत्रिमंडल की सिफारिश के बाद ही सत्र बुला सकते हैं। अगर सत्र नहीं होता है, तो राज्यपाल अजय कुमार भल्ला को राष्ट्रपति शासन की सिफारिश करनी होगी। इस दौरान विधानसभा स्थगित रहेगी। *सरकार गठन की संभावना तलाशने की कोशिश* हालांकि सूत्रों का ये भी दावा है कि विधानसभा के दो सत्रों के बीच अधिकतम 6 महीने के अंतर पर संवैधानिक प्रावधान ये स्पष्ट तौर पर नहीं कहते कि 6 महीने बाद विधानसभा को भंग ही कर दिया जाना चाहिए। ऐसे में सरकार गठन को लेकर संभावना तलाशने की कोशिश जारी रहेगी। अगर सरकार गठन को लेकर कुछ ठोस संभावना नहीं बनती है तो राज्य में राष्ट्रपति शासन लगाया जा सकता है। अब केंद्र की तरफ से आगे उठाए जाने वाले कदम पर सभी की निगाहें टिकीं हैं। जिस पर फैसला पीएम मोदी के विदेश दौरे से लौटने के बाद हो सकता है। *मणिपुर में सियासी संकट* मणिपुर में मैतेई और कुकी समुदायों के बीच 3 मई, 2023 को ऑल ट्राइबल स्टूडेंट्स यूनियन ऑफ मणिपुर की एक रैली के बाद हिंसा भड़क उठी थी जिसमें करीब 200 लोग मारे गए थे। यह रैली मणिपुर हाईकोर्ट की ओर से मैतेई समुदाय को अनुसूचित जनजाति सूची में शामिल करने पर विचार करने का निर्देश देने के बाद हुई थी। हिंसा के बाद केंद्र सरकार ने राज्य में सुरक्षा बंदोबस्त मजबूत करने के अलावा दोनों समुदायों में मेलजोल के प्रयास किए लेकिन पूर्णत: शांति के हालात नहीं बने। हाल में गृह सचिव पद से रिटायर हुए अजय भल्ला को राज्यपाल बनाकर भेजा गया है। इस बीच मुख्यमंत्री पद से बीरेन सिंह के इस्तीफे के बाद सियासी संकट खड़ा हो गया है।
*मुफ्त योजनाओं पर सुप्रीम कोर्ट ने जताई नाराजी, कहा- इनकी वजह से लोग काम नहीं कर रहे
#supreme_court_angry_on_freebies_schemes
* चुनावों से पहले राजनीतिक पार्टियां जनता को अपने पाले मे करने के लिए मुफ्त योजनाओं की बौछार कर देती हैं। वोट को साधने के लिए सभी पार्टियां एक से बढ़कर एक मुफ्त की घोषणाएं करती हैं। राजनीतिक दलों की ओर से अपनाई जा रही इस नीति पर सुप्रीम कोर्ट ने सख्त नाराजगी जाहिर की है। कोर्ट ने कहा कि इससे लोगों की काम करने की इच्छा नहीं होगाी, क्योंकि उन्हें राशन और पैसे मुफ्त में ही मिलते रहेंगे। कोर्ट ने कहा कि मुफ्त राशन और पैसा देने के बजाए बेहतर होगा कि ऐसे लोगों को समाज की मुख्यधारा का हिस्सा बनाया जाए ताकि वो देश के विकास के लिए योगदान दे सके। जस्टिस बीआर गवई और जस्टिस ऑगस्टीन जॉर्ज मसीह की पीठ ने शहरी इलाकों में बेघर लोगों के आश्रय से जुड़ी एक याचिका पर सुनवाई के दौरान ये टिप्पणी की। सुनवाई के दौरान याचिकाकर्ता के वकील प्रशांत भूषण ने पीठ को बताया कि सरकार ने शहरी इलाकों में आश्रय स्थल की योजना को बीते कुछ वर्षों से फंड देना बंद कर दिया है। इसके चलते इन सर्दियों में 750 से ज्यादा बेघर लोग ठंड से मर गए। याचिकाकर्ता ने कहा कि गरीब लोग सरकार की प्राथमिकता में ही नहीं हैं और सिर्फ अमीरों की चिंता की जा रही है। *कोर्ट ने किए तीखे सवाल* इस टिप्पणी पर सुप्रीम कोर्ट ने नाराजगी जताई और कहा कि अदालत में राजनीतिक बयानबाजी की इजाजत नहीं दी जाएगी। जस्टिस गवई ने कहा कि 'कहते हुए दुख हो रहा है, लेकिन क्या बेघर लोगों को समाज की मुख्यधारा में शामिल नहीं किया जाना चाहिए, ताकि वे भी देश के विकास में योगदान दे सकें। क्या हम इस तरह से परजीवियों का एक वर्ग तैयार नहीं कर रहे हैं? मुफ्त की योजनाओं के चलते, लोग काम नहीं करना चाहते। उन्हें बिना कोई काम किए मुफ्त राशन मिल रहा है। *सुप्रीम कोर्ट ने छह हफ्ते के लिए टाली सुनवाई* केंद्र सरकार का पक्ष रख रहे अटॉर्नी जनरल आर वेंकटरमाणी ने पीठ को बताया कि केंद्र सरकार शहरी इलाकों में गरीबी को मिटाने के लिए प्रक्रिया को अंतिम रूप दे रही है। जिसमें शहरी इलाकों में बेघर लोगों को आश्रय देने का भी प्रावधान होगा। इस पर पीठ ने उन्हें केंद्र सरकार से पूछकर यह स्पष्ट करने को कहा कि कितने दिन में इस योजना को लागू किया जाएगा। इसके बाद सुप्रीम कोर्ट ने मामले की सुनवाई छह हफ्ते के लिए टाल दी। *सुप्रीम कोर्ट पहले भी लगा चुकी है फटकार* बता दें कि यह पहली बार नहीं है जब मुफ्त की योजनाओं पर सुप्रीम कोर्ट ने केंद्र को घेरा है। बीते साल कोर्ट ने केंद्र और इलेक्शन कमीशन से पूछा था कि राजनीतिक पार्टियां हमेशा ही चुनावों से पहले मुफ्त स्कीमों की घोषणाएं करती हैं। अधिक वोट्स पाने के लिए राजनीतिक पार्टियां मुफ्त की योजनाओं पर निर्भर रहती हैं और इसका एक उदाहरण हाल ही में हुए दिल्ली चुनावों में भी देखा गया है।
1984 सिख विरोधी दंगे मामले में सज्जन कुमार को दोषी करार, राउज एवेन्यू कोर्ट का फैसला
#delhi_former_mp_sajjan_kumar_guilty_sikh_riots_1984
* 1984 में हुए सिख विरोधी दंगों के मामले में राउस एवेन्‍यू कोर्ट ने कांग्रेस नेता सज्‍जन कुमार को दोषी करार दिया है। दिल्ली की राउज एवेन्यू कोर्ट ने पूर्व कांग्रेस सांसद सज्जन कुमार को दो लोगों की हत्या के लिए दोषी ठहराया। कोर्ट ने अभी सज्जन कुमार को इस मामले में सिर्फ दोषी करार दिया है। सजा का ऐलान अभी नहीं किया गया है। अगली तारीख यानी 18 फरवरी को स्‍पेशल जज कावेरी बावेजा दोनों पक्षा के बीच सजा पर बहस को सुनेंगी। इसके बाद इसपर फैसला सुनाया जाएगा। यह मामला सरस्‍वती विहार में दंगों के दौरान दो लोगों की हत्‍या से जुड़ा है। ये मामला 1 नवंबर 1984 का है, जिसमें पश्चिमी दिल्ली के राज नगर इलाके में पिता-पुत्र, सरदार जसवंत सिंह और सरदार तरुण दीप सिंह की हत्या कर दी गई थी। शाम में करीब चार से साढ़े चार बजे के बीच दंगाइयों की एक भीड़ ने लोहे की सरियों और लाठियों से पीड़ितों के घर पर हमला किया था। कोर्ट ने माना कि सज्‍जन कुमार ने लोगों को भड़काया, जिसके कारण दंगा फैला और कई लोगों को अपनी जान गंवानी पड़ी। सज्जन कुमार के उकसावे के बाद बाद बाप-बेटे को उनके घर में जिंदा जला दिया गया। भीड़ ने घर में तोड़फोड़, लूटपाट और आगजनी भी की थी। मारपीट कर घर के अन्य लोगों को भी घायल किया गया। शुरुआत में पंजाबी बाग पुलिस स्टेशन ने मामला दर्ज किया था, लेकिन बाद में एक विशेष जांच दल ने जांच अपने हाथ में ले ली। 16 दिसंबर, 2021 को अदालत ने कुमार के खिलाफ प्रथम दृष्टया मामला पाते हुए उनके खिलाफ आरोप तय किए। हिंसा की जांच के लिए गठित नानावती आयोग की रिपोर्ट के अनुसार, 1984 के दंगों से संबंधित दिल्ली में 587 एफआईआर दर्ज की गईं, जिसमें 2,733 लोगों की मौत हुई। इनमें से लगभग 240 मामलों को अनट्रेस के रूप में बंद कर दिया गया और लगभग 250 को बरी कर दिया गया। मई 2023 में ही सीबीआई ने 1 नवंबर, 1984 को कांग्रेस नेता जगदीश टाइटलर के खिलाफ आरोप पत्र दायर किया।
जल्द शुरू होगी तेजस की डिलीवरी, वायुसेना चीफ की नाराजगी के बाद एक्टिव हुई HAL*
#aero_india_2025_hal_assures_delivery_of_lca_tejas
लड़ाकू विमान तेजस बनाने वाली कंपनी हिंदुस्तान एयरोनॉटिक्स (HAL) पर भारतीय वायुसेना के प्रमुख एयर चीफ मार्शल एपी सिंह का गुस्सा भड़का। उन्होंने लड़ाकू विमानों की डिलीवरी में देरी को लेकर सवाल उठाते हुए कहा कि उन्हें एचएएल पर भरोसा नहीं है। वायुसेना को तेजस मिलने में हो रही देरी पर एयर चीफ मार्शल की नाराजगी के बाद HAL के सीएमडी ने अपनी स्थिति साफ की है। उन्होंने बताया गया कि कब तक तेजस मार्क 1A की डिलीवरी हो जाएगी। एचएएल के अध्यक्ष और प्रबंध निदेशक डीके सुनील ने कहा, 'यह देरी केवल उद्योग की सुस्ती के कारण नहीं है।' एयरो इंडिया 2025 कार्यक्रम में उन्होंने संवाददाताओं से कहा कि कुछ तकनीकी मुद्दे थे, जिन्हें सुलझा लिया गया है। वायुसेना प्रमुख की चिंता समझ में आती है। विभिन्न स्तरों पर बैठकें हुई हैं और केंद्रीय सार्वजनिक उपक्रम एचएएल जल्द ही विमान की आपूर्ति करेगा। उन्होंने कहा, 'हमने अब वादा किया है कि हमारे पास सभी ढांचे तैयार होंगे। हमने यह बता दिया है। हमने विभिन्न स्तरों पर कई बैठकें की हैं। हम इसे बना रहे हैं। एक बार इंजन उपलब्ध हो जाने के बाद इसकी डिलिवरी को शुरू कर दिया जाएगा। मुझे लगता है कि चिंता को अच्छी तरह से समझा गया है। इस पर कोई संदेह नहीं है और एक टीम के रूप में हम सभी इस पर केंद्रित हैं। हम विमान की डिलीवरी शुरू कर देंगे।' सीएमडी ने साफ किया है कि इस साल मार्च में पहला इंजन अमेरिकी कंपनी जीई की तरफ से मिल जाएगा। इस कलेंडर ईयर में 12 और इंजन मिल जाएंगे। बताया गया कि तीन एयरक्राफ्ट तैयार हैं जबकि 2 भी जल्दी तैयार हो जाएंगे। साल 2031 तक 83 तेजस मार्क 1A मिल जाने का दावा किया गया है। इससे पहले भारतीय वायुसेना प्रमुख के एक वायरल वीडियो में HAL पर नाराजी जताई गई थी। वीडियो में वह कहते सुनाई दिए कि ‘मैं आपको केवल यह बता सकता हूं कि हमारी आवश्यकताएं और चिंताएं क्या हैं। आपको उन चिंताओं को दूर करना होगा और हमें ज़्यादा आत्मविश्वास देना होगा। फिलहाल, मैं HAL पर बिल्कुल भी भरोसा नहीं कर पा रहा हूं, जो कि एक बहुत ही गलत स्थिति है’।
राहुल गांधी की बढ़ी मुश्किलें, भारतीय सेना के खिलाफ अपमानजनक बयान मामले में कोर्ट ने किया तलब
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* लोकसभा में कांग्रेस के नेता प्रतिपक्ष और सांसद राहुल गांधी को उत्तर प्रदेश की राजधानी लखनऊ के एमपी एमएलए कोर्ट ने तलब किया है। भारत जोड़ो यात्रा के दौरान भारतीय सेना के खिलाफ कथित अपमानजनक टिप्पणी के सिलसिले में लखनऊ की एक अदालत ने समन भेजा है। एमपी एमएलए कोर्ट ने राहुल गांधी को 24 मार्च को हाजिर होने का आदेश दिया है। ये मुकदमा बॉर्डर रोड ऑर्गेनाइजेशन (बीआरओ) के पूर्व डायरेक्टर उदय शंकर श्रीवास्तव ने दर्ज कराया है। 16 दिसंबर 2022 को भारत जोड़ो यात्रा के दौरान भारतीय सेना पर राहुल गांधी ने टिप्पणी की थी, जिसको लेकर ये मामला दर्ज हुआ है। शिकायतकर्ता के मुताबिक, राहुल गांधी ने पत्रकारों से कहा था, '9 दिसंबर 2022 को चीनी सैनिकों की ओर से भारतीय सैनिकों की पिटाई के बारे में कोई कुछ नहीं पूछता?' 12 दिसंबर 2022 को भारतीय सेना ने राहुल गांधी के बयान का खंडन किया था। सेना ने आधिकारिक बयान दिया, 'चीनी सेना अरुणाचल में अवैध रूप से घुसी थी, जिसका भारतीय सेना ने माकूल जवाब दिया और चीनी सेना वापस चली गई।' उदय शंकर श्रीवास्तव के मुताबिक वो सेना का सम्मान करते हैं और राहुल गांधी ने सेना का मजाक उड़ाकर मानहानि की।
ट्रंप का बड़ा बयान, बोले- यूक्रेन किसी भी दिन रूस का हो जाएगा, धमकी की आड़ में कर डाली ये मांग
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* अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने एक बार फिर अपने बयान से तहलका मचा दिया है। पहले उन्होंने कनाडा और पनामा को लेकर दावे किए और अब उन्होंने यूक्रेन को लेकर बड़ी बात कही है। अमेरिकी राष्ट्रपति ने कहा है कि यूक्रेन किसी दिन रूसी हो सकता है। फॉक्स न्यूज को दिए एक इंटरव्यू में अमेरिकी राष्ट्रपति ने कहा कि अमेरिका ने यूक्रेन की जंग में जितनी मदद की है, उसे वापस लेने में वे नहीं हिचकिचाएंगे। ट्रंप के बयान से साफ है कि यूक्रेन को अमेरिकी सहायता पाने के लिए भारी कीमत चुकानी पड़ सकती है। ट्रंप ने सोमवार को फॉक्स न्यूज के साथ एक इंटरव्यू के दौरान रूस-यूक्रेन युद्ध पर चर्चा की। इस दौरान उन्होंने यूक्रेन के भविष्य अपने युद्ध खत्म करने के वादे को भी दोहराया। फॉक्स न्यूज के साथ एक इंटरव्यू में कहा, “वे सौदा कर सकते हैं, वे सौदा नहीं भी कर सकते हैं। वे किसी दिन रूसी हो सकते हैं, या वे किसी दिन रूसी नहीं भी हो सकते हैं।” अमेरिकी राष्ट्रपति ने यह भी दोहराया कि वह दुर्लभ पृथ्वी खनिजों तक पहुंच के रूप में यूक्रेन को अमेरिका द्वारा प्रदान की गई सहायता के लिए मुआवजा चाहते हैं। ट्रंप ने कहा कि यदि यूक्रेन को अमेरिकी मदद चाहिए तो उसे 500 बिलियन डॉलर के रेयर अर्थ मटेरिलय (दुर्लभ खनिज) अमेरिका को देने होंगे। उन्होंने यूक्रेनी राष्ट्रपति जेलेंस्की को धमकी दी कि यदि उन्होंने ट्रंप की बात नहीं मानी तो अमेरिका यूक्रेन को और मदद देना बंद कर देगा। ट्रंप ने कहा कि अमेरिकी मदद के बिना यूक्रेन कमजोर पड़ जाएगा। इसके बाद रूस किसी भी दिन उसे अपने में मिला सकता है। ट्रंप ने अपनी पॉलिसी को क्लियर करते हुए कहा कि अमेरिका ने यूक्रेन को सैकड़ों अरब डॉलर की सहायता दी है और अब वह इसकी भरपाई करना चाहता है। उन्होंने यह भी जोड़ा कि अगर यूक्रेन भविष्य में रूस का हिस्सा बन जाता है तो अमेरिका को अपने निवेश की सुरक्षा सुनिश्चित करनी होगी। उनका दावा है कि यूक्रेन ने इस प्रस्ताव को अनौपचारिक रूप से स्वीकार भी कर लिया था। इधर, रूस ने ट्रंप के बयान पर का समर्थन का है। राष्ट्रपति पुतिन के प्रवक्ता दिमित्री पेस्कोव ने कहा है कि यूक्रेन का एक बड़ा हिस्सा रूस के साथ दोबारा मिल जाना चाहता है और ऐसा पहले ही हो चुका है। पेस्कोव ने कहा- यह एक सच्चाई है, जो जमीनी स्तर पर साकार हुआ है। रूस में अब चार नए क्षेत्र मिल गए हैं। यूक्रेन में लोग कई खतरों के बावजूद रूस में शामिल होने के लिए जनमत संग्रह में वोटिंग के लिए तैयार हैं।
*“भारत आने का यही सही समय”, इंडिया-फ्रांस CEO फोरम में पीएम ने निवेश के लिए दिया न्योता
#pm_narendra_modi_addressed_the_14th_india_france_ceo_forum
* प्रधानमंत्री मोदी इस समय फ्रांस के दौरे पर हैं। अपने दौरे के दौरान पीएम मोदी ने फ्रांस की राजधानी पेरिस से दुनियाभर के निवेशकों का आह्वान किया। उन्हें भारत आने और इन्वेस्ट करने का न्योता दिया। पीएम मोदी ने दुनियाभर के सीईओ से कहा कि भारत में आने का यही सही समय है। *भारत दुनिया की तीसरी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था बनने जा रही-पीएम मोदी* पीएम मोदी ने पेरिस में 14वें भारत-फ्रांस सीईओ फोरम को भी संबोधित किया। भारत-फ्रांस सीईओ फोरम को संबोधित करते हुए उन्होंने कहा कि भारत में बीते एक दशक में जो बदलाव हुए हैं, उससे आप भली-भांति परिचित हैं। हमने स्थिर और पूर्वानुमानित नीति का एक इको-सिस्टम स्थापित किया है। सुधार, प्रदर्शन और परिवर्तन के मार्ग पर चलते हुए आज भारत दुनिया की पांचवीं सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था है। दुनिया की सबसे तेजी से बढ़ती प्रमुख अर्थव्यवस्था जल्द ही दुनिया की तीसरी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था बनने जा रही है। *यह भारत आने का सही समय-पीएम मोदी* पीएम मोदी ने आगे कहा कि वैश्विक मंच पर हमारी पहचान यह है कि आज भारत तेजी से निवेश के लिए दुनिया का पसंदीदा देश बन रहा है। हमने भारत में सेमीकंडक्टर और क्वांटम मिशन लॉन्च किया है और हम रक्षा में ‘मेक इन इंडिया’ और ‘मेक फॉर द वर्ल्ड’ को प्रोत्साहित कर रहे हैं। पीएम मोदी ने कहा कि हमने हाइड्रोजन मिशन भी शुरू किया है। 2047 तक, हमने 100 गीगावॉट परमाणु ऊर्जा का लक्ष्य रखा है। इसे निजी क्षेत्र के लिए खोला जाएगा। हम निजी क्षेत्रों के लिए नागरिक परमाणु डोमेन खोल रहे हैं। साथ ही हम छोटे मॉड्यूलर रिएक्टर एसएमआर और उन्नत मॉड्यूलर रिएक्टर (एएमआर) पर ध्यान केंद्रित कर रहे हैं। उन्होंने निवेशकों से कहा कि यह भारत आने का सही समय है। *भविष्य की संभावनाओं की ओर खींचा ध्यान* प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने आगे कहा कि कुछ दिन पहले हमारे बजट में नई पीढ़ी के सुधार अंकित किए गए हैं। ईज ऑफ डूइंग बिजनेस के लिए नए कदम उठाए गए हैं। ईज ऑफ लिविंग की दिशा में हम नया सरलीकृत आयकर कोड लेकर आ रहे हैं। भारत की प्रगति में सभी क्षेत्रों की प्रगति जुड़ी है। इसका एक उदाहरण विमानन क्षेत्र में देखा गया। जब भारतीय कंपनियों ने हवाई जहाजों के लिए बड़े आदेश दिए हैं। अब जब हम 120 नए एयरपोर्ट खोलने जा रहे हैं, तो भविष्य की संभावनाओं का आप स्वयं अंदाजा लगा सकते हैं।
पेरिस में पीएम मोदी और अमेरिकी उपराष्ट्रपति वेंस की मुलाकात, जानें मिलकर मनाया किसका बर्थडे
#pm_narendra_modi_meets_us_vice_president_jd_vance
* प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने मंगलवार को पेरिस में अमेरिकी उपराष्ट्रपति जे डी वेंस और उनके परिवार से मुलाकात की। पीएम मोदी की वेंस के साथ ये मुलाकात एआई एक्शन समिट से इतर हुई है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने मंगलवार को पेरिस में अमेरिका के उपराष्ट्रपति जेडी वेंस और उनकी भारतीय मूल की पत्नी उषा व बेटों इवान और विवेक से मुलाकात की पीएम मोदी ने वेंस और उनके परिवार के साथ मुलाकात की तस्वीरे भी सोशल मीडिया पर साझा की हैं। पीएम मोदी ने एक पोस्ट साझा करते हुए लिखा है कि इस मुलाकात के दौरान वेंस और उनके परिवार से कई अहम मुद्दों पर बातचीत हुई।उन्होंने लिखा, “अमेरिका के उपराष्ट्रपति जेडी वेंस और उनके परिवार के साथ एक शानदार मुलाकात हुई। हमने विभिन्न विषयों पर बहुत अच्छी बातचीत की। उनके बेटे विवेक के जन्मदिन के जश्न में शामिल होकर बहुत खुशी हुई।” मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार पीएम मोदी ने विवेक को उनके बर्थडे पर खास गिफ्ट भी दिया है। पीएम मोदी के इस गिफ्ट को लेकर जेडी वेंस की पत्नी ने पीएम मोदी को धन्यवाद भी कहा है। अमेरिकी उपराष्ट्रपति जेडी वेंस ने पीएम मोदी के प्रति आभार व्यक्त करते हुए कहा, 'प्रधानमंत्री मोदी बहुत दयालु हैं और हमारे बच्चों ने सच में गिफ्ट्स का लुत्फ उठाया। मैं इस अद्भुत बातचीत के लिए उनका आभारी हूं।' *वेंस ने पीएम मोदी के तर्क का किया समर्थन* पीएम मोदी ने पहले भी अमेरिकी उपराष्ट्रपति से एक अनौपचारिक मुलाकात की थी। तब पीएम मोदी ने जेडी वेंस को उनकी शानदार जीत पर बधाई दी थी। एआई सम्मेलन में बोलते हुए वेंस ने भी पीएम मोदी के भाषण और विचारों की तारीफ की।जेडी वेंस का पीएम मोदी से मिलना और उनकी तारीफ करना तब हो रहा है जब कुछ दिन पहले ही वेंस पर भारत विरोधियों के साथ खड़े होने के आरोप लगे। दरअसल ट्रंप प्रशासन के सरकारी विभाग DOGE के एक पूर्व कर्मचारी मार्को एलेज ने सोशल मीडिया पर लिखा था, ‘नॉर्मलाइज इंडियन हेट’ यानी भारतीयों से नफरत को सामान्य बनाओ। उसकी इस टिप्पणी ने सोशल मीडिया पर बवाल खड़ा कर दिया और फिर एलेज को इस्तीफा देना पड़ा। तब जेडी वेंस ने एलेज का समर्थन किया था। *वाशिंगटन दौरे से पहले जेडी वेंस से मुलाकात* बता दें कि प्रधानमंत्री मोदी अपनी फ्रांस यात्रा को खत्म करने के बाद अमेरिका के दौरे पर पहुंचेंगे। वाशिंगटन की यात्रा से पहले पीएम मोदी की ट्रंप प्रशासन के किसी सदस्य के साथ उनकी यह पहली बातचीत है। जेडी वेंस से पीएम मोदी की यह मुलाकात अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के साथ दूसरे कार्यकाल में पहली बैठक से दो दिन पहले हुई है। यात्रा की योजना से परिचित लोगों ने कहा कि मोदी और वेंस के बीच अनौपचारिक बैठक प्रधानमंत्री के पेरिस पहुंचने से कुछ समय पहले ही तय हुई थी। उन्होंने कहा कि यह एक परिचयात्मक बैठक थी, जिसमें ट्रंप और मोदी के बीच बृहस्पतिवार की बैठक में उठाए जाने वाले महत्वपूर्ण मुद्दों पर अधिक चर्चा की जाएगी।
महाकुंभ में माघी पूर्णिमा का महास्नान, संगम से कई किलोमीटर श्रद्धालुओं का सैलाब, भक्तों और साधुओं पर पुष्प वर्षा
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* महाकुंभ मेले के 31वें दिन माघी पूर्णिमा पर महास्नान जारी है। पांचवें स्नान पर्व माघी पूर्णिमा पर श्रद्धालुओं का जनसैलाब प्रयागराज में उमड़ पड़ा है। हालात मौनी अमावस्या जैसे ही दिख रहे हैं। प्रयागराज में घाटों पर करोड़ों श्रद्धालु हैं। श्रद्धालुओं पर पुष्पवर्षा की गई है। प्रयागराज के 10 किमी तक के दायरे में श्रद्धालुओं का हुजूम उमड़ा है। सुबह 6 बजे तक 73 लाख से ज्यादा श्रद्धालु संगम में आस्था की डुबकी लगा चुके हैं, जबकि लाखों की संख्या में श्रद्धालु लगातार ट्रेन, सड़क और फ्लाइट्स से प्रयागराज पहुंच रहे हैं। *सीएमकर रहे मॉनिटरिंग* संगम में माघ पूर्णमा पर लगातार श्रद्धालुओं की भीड़ बढ़ रही है। मेला क्षेत्र में व्यवस्था के लिए 15 जिलों के डीएम, 20 आइएएस व 85 पीसीएस अफसर ड्यूटी में तैनात किए गए हैं। मुख्यमंत्री खुद सारी व्यवस्थाओं की मॉनिटरिंग कर रहे हैं। सीएम योगी सुबह 4 बजे से वॉर रूम से निगरानी कर रहे हैं। सीएम सचिवालय में बनाए गए कंट्रोल रूम से पल-पल की अपडेट ले रहे हैं। उनके साथ डीजी प्रशांत कुमार भी मौजूद है। *माघ पूर्णिमा को लेकर श्रद्धालुओं में उत्साह* माघ पूर्णिमा को लेकर श्रद्धालुओं में जबरदस्त उत्साह है। अलग-अलग राज्यों से आ रहे लोग भले ही कई घंटों जाम में फंसकर पैदल चलकर या फिर ट्रेन लेट होने की वजह से परेशान हो रहे हो, लेकिन स्नान के बाद उनकी सारी थकान उतर जाती है और सारी शिकायतें भी दूर हो चुकी है। *श्रद्धालुओं ने इंतजामों की सराहना की* प्रयागराज महाकुंभ में श्रद्धालुओं ने योगी सरकार और प्रयागराज प्रशासन द्वारा किए गए इंतजामों के लिए उनकी तारीफ की। उन्होंने कहा कि महाकुंभ में सरकार की ओर से अच्छे इंतजाम किए गए हैं, लेकिन यहां आने वाले लोगों की संख्या में इजाफा हो रहा है। इस वजह से परेशानी हो रही है।
कॉमेडी के नाम पर फुहड़ता, समाज को आज क्या दे रहा युवावर्ग?

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ये बदलता युग है। ऐसा बदलाव जिसने स्वतंत्र अभिव्यक्ति और नैतिक जिम्मेदारी के बीच की रेखाओं को धुंधला कर दिया। जहां भाषाई और सामाजिक सीमाओं का सुनियोजित क्षरण शुरू हुआ। आज गंदी बातें बोलना, सुनना और उन पर हंसना आम हो गया है। सड़क पर चलते हुए जिस तरह से युवा धड़ल्ले से गालियों की भाषा बोल रहे हैं, हम जैसे भाषाई शुद्धता को सर्वोपरी समझने वाले जब आते-जाते राह चलते, बसों, मेट्रो या ट्रेनों में हर तरफ गालियां से शुरू और गालियां से खत्म बातें सुनते हैं तो मानों कान से “लावा” रिसने लगता है। सच मानिए ये अतिशयोक्ति नहीं है। 

आज हम उस सदी का हिस्सा हैं, जो खुल्लमखुल्ला कुछ भी कह देने या कुछ भी सुना देने की सदी है। चाहे वो यू-ट्यूबर रणवीर अलाहबादिया हों या कॉमेडियन समय रैना। ये वो युवा है, जिन्होंने एक ऐसी स्याह राह दिखाई है, जो आज की पीढ़ी को बड़ी लुभावनी लग रही है। लेकिन उसकी ज़द में वो मासूम भी आ रहे हैं, जो रील देखने के नाम पर समय से पहले बहुत कुछ सीख रहे हैं। क्या आप सोच सकते हैं कि पांचवी कक्षा में पढ़ने वाला कोई गाली दे सकता है? आप कहेंगे, इतना छोटा बच्चा गाली का मतलब ही क्या समझता होगा। सही कहा, छोटा बच्चा गाली का मतलब तो नहीं समझता, लेकिन बार-बार उन्हीं बातों को सुनकर ही तो सीख लेता है। इन रणवीर और समय जैसे लोगों के कंटेंट रील के रूप में खूब वायरल होते हैं। ये “वायरस” तेजी से समाज को संक्रिमित कर रहे हैं।

सोसाइटी को क्या दे रहे ये युवा?

रणवीर अलाहबादिया और समय रैना आज के दौर के युवा है। इन्हें आज की पीढ़ी का युवा कहते भी शर्म आती है। इन लोगों को कतई यह पता ही नहीं है कि एक युवा होना क्या होता है? ये वो युवा हैं, जिन्हें पैसे और शोहरत की भूख है। ये इस भूख को मिटाने के लिए हर रास्ता अख्तियार करने को तैयार है। ये अच्छी तरह जानते हैं कि गंदी बातें परोस कर ये सोशल मीडिया पर छाए रह सकते हैं। मिलियन व्यूज पाने की होड़ में ये भूलना गए हैं कि सोसाइटी को क्या दे रहे हैं? 

ऐसे कंटेंट को लेकर क्या होना चाहिए सरकार का रूख?

समय रैना का 'इंडियाज गॉट लेटेंट' शो पहली बार विवादों में नहीं आया है। वह इससे पहले भी आपत्तिजनक टिप्पणियों के लिए यह विवादों में रह चुका है। ऐसे में सवाल उठता है कि क्या सरकार को या यू-ट्यूब को ऐसे कंटेंट पर बैन नहीं लगाना चाहिए?सरकार को ऐसे एडल्ट कंटेंट पर भी नजर रखनी चाहिए कि इसके नाम पर कुछ भी नहीं परोसा जा सकता है। इसके लिए हमें संविधान के अनुच्छेद 19 की शर्तों को ध्यान में रखना चाहिए। किसी की बोलने की आजादी तभी तक होनी चाहिए, जब उससे समाज के दूसरे का अहित न हो। एक बाकायदा निगरानी तंत्र भी होना चाहिए, जो सोशल मीडिया पर पब्लिश होने से पहले उसकी 'छंटाई' करे।

फ्रीडम ऑफ स्पीच की हद कितनी हो? 

संविधान में अनुच्छेद 19 से 22 तक कई तरह के अधिकार दिए गए हैं। अनुच्छेद 19(1)(A) के तहत देश के सभी नागरिकों को वाक और अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता का अधिकार दिया गया है। वाक और अभिव्यक्ति की आजादी को आसान भाषा में समझे तो एक भारतीय नागरिक इस देश में लिखकर, बोलकर, छापकर, इशारे से या किसी भी तरीके से अपने विचारों को व्यक्त कर सकता है। वहीं, अनुच्छेद 19 (2) में उन नियमों के बारे में भी जानकारी दी गई है जब बोलने की आजादी को प्रतिबंधित किया जा सकता है। वो शर्ते हैं-कुछ भी ऐसा नहीं बोला जाना चाहिए जिससे भारत की संप्रभुता और अखंडता को खतरा हो। राज्य की सुरक्षा को खतरा हो। पड़ोसी देश या विदेशी देशों के साथ मैत्रीपूर्ण संबंध बिगड़ने का खतरा हो। सार्वजनिक व्यवस्था के खराब होने का खतरा हो। शिष्टाचार या सदाचार के हित खराब हो। कोर्ट की अवमानना हो। किसी की मानहानि हो। अपराध को बढ़ावा मिलता हो। यही बोलने की हद है, जिसे हम सभी को समझना होगा और अपने बच्चों को भी सिखाना होगा।