अवैध प्रवासियों के डिपोर्टेशन में यूएस कर रहा इतना खर्चा, दुनिया को क्या दिखाना चाहते हैं ट्रंप?
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अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप अवैध प्रवासियों को लेकर सख्त तेवर अपनाए हुए हैं।बीते 20 जनवरी को राष्ट्रपति पद संभालने के बाद ट्रंप ने अवैध प्रवासियों को अमेरिका से निकाले जाने संबंधी कार्यकारी आदेश पर हस्ताक्षर किए थे। जिसपर अलम लाना भी शुरू कर दिया गया है।अमेरिका ने गैरकानूनी स्थिति वाले प्रवासियों के सामूहिक निर्वासन की कार्रवाई के तहत 205 भारतीयों को भी वापस भारत भेजा है। उन्हें 4 फरवरी को C-17 अमेरिकी सैन्य विमान से पंजाब के अमृतसर के लिए रवाना किया गया। विमान टेक्सास के सैन एंटोनियो से भारत के लिए रवाना हुआ।
अहम बात या है कि अमेरिका ने अन्य देशों के प्रवासियों को भी निर्वासित करने के लिए चार्टर्ड प्लेन के साथ-साथ सैन्य विमान भी इस्तेमाल किए हैं।रिपोर्ट्स के मुताबिक, इन विमानों के इस्तेमाल पर भारी-भरकम खर्च आता है। अब बड़ा सवाल खड़ा है कि आखिर प्रवासियों को वापस भेजने के लिए ट्रंप इतने महंगे विमान का इस्तेमाल क्यों कर रहे हैं।
सैन्य विमानों के इस्तेमाल पर आने वाला खर्च काफी भारी है। रिपोर्ट्स के अनुसार, C-17 मिलिट्री ट्रांसपोर्ट एयरक्राफ्ट की परिचालन लागत 28,500 डॉलर प्रति घंटा (लगभग 24.82 लाख रुपये) है। एक अन्य अधिकारी ने बताया कि सेना ने इन उड़ानों की कुल लागत की गणना अभी नहीं की है, लेकिन 12 घंटे तक चलने वाली एक उड़ान की अनुमानित लागत लगभग 252,000 डॉलर (लगभग 2.20 करोड़ रुपये) हो सकती है। अमेरिकी सीमा शुल्क और आव्रजन प्रवर्तन (ICE) के अनुसार, 135 निर्वासितों के लिए एक चार्टर्ड उड़ान की लागत 17,000 डॉलर प्रति उड़ान घंटे है, जो कि आमतौर पर 5 घंटे तक चलती है।इसका मतलब है कि प्रति व्यक्ति लागत 630 डॉलर (लगभग 52,000 रुपये) होती है।
रॉयटर्स की रिपोर्ट के मुताबिक C-17 की परिचालन लागत 21,000 डॉलर प्रति घंटा (2022 के अनुसार) है, जबकि C-130E विमान की परिचालन लागत 68,000 डॉलर से 71,000 डॉलर प्रति घंटा के बीच है। इसका मतलब है कि एक 12 घंटे की C-17 उड़ान की लागत लगभग 252,000 डॉलर हो सकती है, जबकि C-130E की उड़ान की लागत 816,000 से 852,000 डॉलर हो सकती है।
ट्रंप प्रशासन द्वारा सैन्य विमानों का उपयोग राजनीतिक संदेश देने के लिए किया जा रहा है। राष्ट्रपति ट्रंप अवैध प्रवासियों को अपराधी और अमेरिका के लिए खतरा करार देते रहे हैं। सैन्य विमानों में हथकड़ी पहनाकर निर्वासित किए जा रहे प्रवासियों की तस्वीरें भी ट्रंप की सख्त आव्रजन नीति को दर्शाने का एक तरीका है। हाल ही में उन्होंने कहा था कि हम अवैध प्रवासियों को ढूंढकर सैन्य विमानों में भरकर वापस भेज रहे हैं। अब दुनिया हमें फिर से सम्मान देने लगी है।
ट्रंप प्रशासन के इस कदम को 2024 के राष्ट्रपति चुनावों के मद्देनजर एक राजनीतिक रणनीति के रूप में देखा जा रहा है। सैन्य विमानों के उपयोग से यह संदेश देने की कोशिश की जा रही है कि ट्रंप अवैध प्रवासियों पर नरमी नहीं बरतेंगे।
9 hours ago