बांग्लादेश में बढ़ता कट्टरपंथःमहिलाओं का फुटबॉल खेलना "इस्लाम विरोधी", हाथ पर हाथ धरे बैठे यूनुस
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भारत के पड़ोसी मुल्क बांग्लादेश में कट्टरपंथियों की हिम्मत दिन-ब-दिन बढ़ती जा रही है। एक तरफ जहां वो अल्पसंख्यकों को निशाना बना रहे हैं। वहीं दूसरी तरफ वो अब महिलाओं के साथ भी सौतेला व्यवहार शुरू हो गया है। सीधे शब्दों में कहें तो बांग्लादेश में तालिबान राज कायम हो गया है। बांग्लादेश में अब महिलाओं का फुटबॉल खेलना इस्लाम विरोधी हो गया है। कट्टरपंथियों ने महिला फुटबॉल मैच को रद्द करा दिया। यह सब तब हो रहा है, जब नोबेल पुरस्कार वाले यूनुस का बांग्लादेश में राज है।
दरअसल, बांग्लादेश के अकेलपुर उपजिला में 28 जनवरी को होने वाले एक महिला फुटबॉल मैच पर भारी विरोध हुआ, जिसमें स्थानीय लोगों ने इसे इस्लामिक विरोधी बताते हुए मैदान में तोड़फोड़ की। अकेलपुर उपजिला में टी-स्टार नाम का स्थानीय स्पोर्ट्स क्लब है, जिसने तिलकपुर हाई स्कूल के मैदान में दो महिला टीमों के बीच फुटबॉल मैच का आयोजन किया था। इस मैच की तैयारियां पिछले एक महीने से चल रही थीं और टिकट भी बेचे जा रहे थे। मैच के लिए जॉयपुरहाट और रंगपुर की महिला टीमों के बीच मुकाबला होना था। लेकिन मैच से पहले ही मदरसा छात्रों और स्थानीय इस्लामवादी लोगों के एक वर्ग ने इसका विरोध करना शुरू कर दिया। उन्होंने मैदान में पहुंचकर हंगामा मचाया और तोड़फोड़ की। उनका कहना था कि महिलाओं का खेल खेलना इस्लामिक मान्यताओं के खिलाफ है। विरोध के कारण आयोजन रद्द करना पड़ा।
बांग्लादेश में पूरी तरह से कट्टरपंथियों का कब्जा हो चुका है। उनको पता है कि वे धर्म के नाम पर हिंसा कर यूनुस के राज में आसानी से बच सकते हैं। उन्होंने बांग्लादेश में हिंदुओं के घरों को जला दिया, धार्मिक स्थलों को तोड़-फोड़ दिया, शिक्षकों पर हमला किया और ईशनिंदा के आरोपों पर लोगों की हत्या कर दी - फिर भी वे खुलेआम घूम रहे हैं। दूसरी ओर मोहम्मद यूनुस की सरकार चुपचाप बैठकर तमाशा देख रही है। जब कोई हिंसा के खिलाफ आवाज उठाता है तो उसे देशद्रोही, गद्दार, इस्लाम विरोधी का तमगा देकर परेशान किया जाता है
4 hours ago