वक्फ बोर्ड को मिली जेपीसी की हरी झंडी, विपक्ष ने जताई असहमति, शुरू हुआ वार-पलटवार
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वक्फ संशोधन विधेयक 2024 पर बुधवार को संसद की संयुक्त समिति (जेपीसी) की बैठक हुई है। इस दौरान वक्फ संशोधन विधेयक पर रिपोर्ट 14 से 11 वोटों से पारित हो गई है। जेपीसी अध्यक्ष जगदंबिका पाल ने बुधवार को कहा समिति ने मसौदा रिपोर्ट और संशोधित विधेयक को बहुमत से स्वीकार कर लिया। सांसदों को अपनी असहमति दर्ज कराने के लिए शाम चार बजे तक का समय दिया गया है। विपक्षी सांसदों ने इस कदम को अलोकतांत्रिक बताया और दावा किया कि उन्हें अंतिम रिपोर्ट का अध्ययन करने और अपने असहमति नोट तैयार करने के लिए बहुत कम समय दिया गया।
जेपीसी की बैठक पर कांग्रेस सांसद डॉ. सैयद नसीर हुसैन ने कहा, कई आपत्तियां और सुझाव आए थे जिन्हें इस रिपोर्ट में शामिल नहीं किया गया है। सरकार ने अपने अनुसार रिपोर्ट बनाई है. असंवैधानिक संशोधन लाए गए हैं और अल्पसंख्यकों के अधिकारों को नुकसान पहुंचाया गया है। अल्पसंख्यकों, खासकर मुस्लिम समुदाय को निशाना बनाने के लिए संशोधन लाए गए हैं।
वहीं, एआईएमआईएम सांसद असदुद्दीन ओवैसी ने वक्फ बोर्ड संशोधन विधेयक को लेकर हुई जेपीसी की बैठक पर कड़ी प्रतिक्रिया व्यक्त की। उन्होंने कहा, हमें कल रात 655 पन्नों की रिपोर्ट मिली। रात भर 655 पन्नों की रिपोर्ट पढ़ना असंभव है। मैंने उन संशोधनों के खिलाफ असहमति रिपोर्ट दी है जो वक्फ बोर्ड के पक्ष में नहीं है। मैं संसद में भी इस विधेयक का विरोध करूंगा।
तृणमूल कांग्रेस (टीएमसी) सांसद कल्याण बनर्जी ने कहा, मैंने अपना असहमति नोट दे दिया है। हमें कल रात 7:55 बजे 656 पन्नों का मसौदा रिपोर्ट मिला। पीड़ितों के बयान पर गौर नहीं किया गया है। हमने विचार-विमर्श के दौरान जो कहा उस पर ध्यान नहीं दिया गया। सवाल यह उठता है कि हितधारकों की जो राय हमने व्यक्त की, वह चेयरमैन को पसंद क्यों नहीं आई? मेरे हिसाब से जेपीसी की कार्यवाही मखौल बनकर रह गई है।
बता दें कि वक्फ (संशोधन) विधेयक, 2024 को केंद्रीय अल्पसंख्यक कार्य मंत्री किरेन रिजिजू की ओर से लोकसभा में पेश किए जाने के बाद 8 अगस्त, 2024 को संयुक्त संसदीय समिति (जेपीसी) को भेजा गया था। विधेयक का उद्देश्य वक्फ संपत्तियों को विनियमित और प्रबंधित करने से जुड़े मुद्दों और चुनौतियों का समाधान करने के लिए वक्फ अधिनियम, 1995 में संशोधन करना है। इस बीच समिति के सदस्यों के बीच तनातनी देखने मिली। जहां एक तरफ सरकार ने इसे सफलता बताया तो वहीं विपक्ष ने कहा कि उनकी बातें नहीं सुनी गई।
विधेयक का उद्देश्य वक्फ संपत्तियों को विनियमित और प्रबंधित करने से जुड़े मुद्दों और चुनौतियों का समाधान करने के लिए वक्फ अधिनियम, 1995 में संशोधन करना है। वक्फ संशोधन विधेयक को लेकर जेपीसी की बैठक खत्म हो चुकी है। जेपीसी ने 11 के मुकाबले 14 वोट से स्वीकार कर लिया। इससे पहले जेपीसी ने सोमवार को भाजपा के नेतृत्व वाली राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (एनडीए) के सदस्यों ने प्रस्तावित 14 संशोधनों के साथ वक्फ संशोधन विधेयक को मंजूरी दी थी। विपक्षी सांसदों ने 44 बदलाव पेश किए थे जिन्हें खारिज कर दिया गया था।
Jan 29 2025, 15:09