महाविनाश के और करीब पहुंची दुनिया! परमाणु वैज्ञानिकों ने एक बार फिर 'प्रलय घड़ी' को किया सेट
#doomsdayclockmovesclosestmidnight
इंसानी सभ्यता हर पल विनाश के और करीब आती जा रही है। दुनिया में प्रलय कब आएगा, कितने करीब है, ये समय भी हर साल तय होता है। दुनिया के नामी-गिरामी वैज्ञानिकों का एक समूह हर साल पृथ्वी के विनाश का समय तय करते हैं। समय निर्धारण के लिए एक घड़ी भी बनाई गई है। इसे डूम्सडे क्लॉक या प्रलय की घड़ी, या प्रलय घड़ी जाता है। यह घड़ी दिखाती है कि इंसानी सभ्यता विनाश के कितने करीब है। इस घड़ी में एक सेकंड और बढ़ा दिया गया है। मंगलवार को इस घड़ी को फिर से सेट करके आधी रात से 89 सेकंड पहले कर दिया गया है।
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बुलेटिन ऑफ द एटॉमिक साइंटिस्ट्स (बीएएस) के वैज्ञानिकों का पैनल हर साल इस घड़ी को सेट करता है। बीएएस के अनुसार, आधी रात को उस क्षण के बारे में बताती है जब पृथ्वी इंसानों के रहने लायक नहीं होगी और सर्वनाश हो जाएगा। इससे पहले के दो वर्षों के लिए बुलेटिन ने यूक्रेन पर रूस हमले, परमाणु हथियारों की दौड़ की संभावना, गाजा में इजरायल-हमास संघर्ष और जलवायु संकट के कारण घड़ी को आधी रात से 90 सेकंड पहले सेट किया था। इस तरह वैज्ञानिकों ने इसे 1 सेकंड पहले सेट किया है। घड़ी सेट करने को लेकर बीएएस ने कहा कि परमाणु खतरे, बायोलॉजी और आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (एआई) के गलत इस्तेमाल और जलवायु परिवर्तन इसके मुख्य कारण हैं।
घड़ी में एक सेकंड की बढ़ोतरी बेहद खतरनाक
बीएएस के वैज्ञानिक डैनियल होल्ज ने कहा कि यह कदम दुनिया के सभी नेताओं के लिए एक चेतावनी है। यह एक सांकेतिक घड़ी है जो दिखाती है कि दुनिया तबाही के कितने करीब जा रही है। बीएएस ने एक बयान में कहा, दुनिया पहले से ही विनाश की कगार पर है और इस घड़ी में एक सेकंड की बढ़ोतरी बेहद खतरनाक है। हर सेकंड की देरी वैश्विक तबाही की संभावना बढ़ा देती है।
पहली बार 7 मिनट पर सेट किया गया था समय
परमाणु वैज्ञानिकों ने 78 साल पहले ये अनोखी घड़ी बनाई थी। सबसे पहली बार इस घड़ी को 1947 में मध्यरात्रि से 7 मिनट पर सेट किया गया था। पिछले साल यह मध्यरात्रि 90 सेकंड पर थी। लेकिन इसे एक सेकंड और करीब ले आया गया है।








वरिष्ठ कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने मंगलवार को चुनावी राज्य दिल्ली में एक जनसभा में आप प्रमुख अरविंद केजरीवाल पर हमला करते हुए कहा कि दिल्ली के पूर्व मुख्यमंत्री 'छोटी कार में आए, लेकिन शीश महल में रहे'। वह नीली वैगन आर का जिक्र कर रहे थे, जो पहली बार दिल्ली के मुख्यमंत्री बनने पर केजरीवाल की प्राथमिक गाड़ी थी। गांधी का शीश महल वाला संदर्भ भाजपा के उस आरोप से जुड़ा था, जिसमें कहा गया था कि केजरीवाल ने अपने पूर्व सरकारी आवास के नवीनीकरण के लिए जनता का पैसा खर्च किया है।
श्रीलंकाई नौसेना ने डेल्फ्ट द्वीप के पास से गुजर रहे भारतीय मछुआरों को पकड़ने के लिए गोलियां चलाई। इस दौरान श्रीलंकाई नौसेना ने 13 भारतीय मछुआरों को पकड़ा है। भारत ने इस मामले में कड़ी प्रतिक्रिया व्यक्त की। भारत ने इस घटना पर प्रतिक्रिया देते हुए कहा कि किसी भी परिस्थिति में बल का प्रयोग स्वीकार्य नहीं है। भारत में श्रीलंका के कार्यवाहक उच्चायुक्त को विदेश मंत्रालय में तलब किया गया और कड़ा विरोध दर्ज कराया गया।
Jan 29 2025, 12:05
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