दलित विरोधी है बिहार सरकार, दफादार चौकीदार की मांग पूरी नहीं होती आंदोलन जारी रहेगा: पशुपति कुमार पारस*
*
पटना : दलित सेना व बिहार राज्य दफादार चौकीदार पंचायत के संयुक्त तत्वावधान में गर्दनीबाग के धरना स्थल पर आज मंगलवार को चौकीदारों और दफादारों की सात सूत्री मांगों को लेकर दलित सेना के राष्ट्रीय अध्यक्ष पूर्व केन्द्रीय मंत्री पशुपति कुमार पारस के नेतृत्व में एकदिवसीय धरना दिया गया। चौकीदार व दफादार की मांगों से समर्थन में बिहार के राज्यपाल को ज्ञापन दिया जाएगा। इस धरना में दलित सेना के नेताओं एवं कार्यकर्ताओं ने बढ़ चढ़कर भाग लिया। इस मौके पर चौकीदारों और दफादारों को संबोधित करते हुए पशुपति कुमार पारस ने कहा कि बिहार सरकार निकम्मी,अंधी और दलित विरोधी है और खासकर वह पासवान समाज के विरोध में काम करती है। उन्होंने कहा कि सत्ता में आने के बाद नीतीश कुमार की सरकार दलितों को दो भाग में बांटकर महादलित और दलित बना दिया और पासवान समाज को महा दलित समाज से अलग कर दिया जो पूरी तरह नाइंसाफी है। श्री पारस ने कहा कि पासवान समाज सदियों से ईमानदारी पूर्वक देश व समाज की रक्षा किया है और यह समाज किसी के साथ गद्दारी नहीं किया और ना कभी झुका है। उन्होंने कहा कि चौकीदार की बहाली में आरक्षण खत्म कर सामान्य जाति को बहाल करना परंपरा एवं दलित विरोधी कार्य है। उन्होंने कहा कि जब तक चौकीदार समाज की मांगे पूरी नहीं हो जाती तब तक वह और उनके पार्टी के लोग तथा दलित सेना गांव में महापंचायत बुलाकर दलितों को एकजुट करेंगे। उन्होंने यहां आए चौकीदारों और दफादारों को विश्वास दिलाया कि पासवान समाज के हित की रक्षा में हुए आगे रहेंगे और पासवान जाति को देश व विदेश तक पहचान दिलाएंगे जब तक जिंदा हूं पासवान समाज के हक के लिए लड़ते रहेंगे। कहा कि बिहार सहित पूरे देश में इस सेवा में 90 प्रतिशत पासवान समाजके लोग ही बहाल होते रहे हैं। इस मौके पर रालोजपा के प्रदेश अध्यक्ष प्रिंस राज पासवान ने कहा कि बिहार में दफादार, चौकीदार और पासवान समाज के सामने रोजी-रोटी का बड़ा संकट खड़ा हो गया है। बिहार के पासवान समाज एवं चौकीदार और दफादार समाज जो लंबे समय से संघर्ष कर रहे है, धरना दे रहे है, अनशन कर रहे है, प्रदर्शन कर रहे हमारी पार्टी उनके साथ है। उन्होंने कहा कि राज्य के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार को दफादार और चौकीदार की मांगों पर गम्भीरता से विचार करना चाहिए और राज्य सरकार को पूर्व में सेवानिवृत्त होने वाले दफादार और चौकीदार के आश्रितों तथा स्वेच्छिक सेवानिवृत्त होने वाले लोगों के आश्रितों को ही इस सेवा में नियुक्त करना चाहिए। कहा कि बिहार के पासवानो और चौकीदारों दफादारों को लेकर मैं सड़क पर भी उतरूंगा और सड़क पर उतरकर उनके अधिकार को निश्चित रूप से दिलाने का काम करूंगा इसे लेकर मुझे लाठी भी खाना पड़े, जेल भी जाना पडे मैं लाठी खाने के लिए भी तैयार हुं। इस मौके पर पार्टी के केंद्रीय संसदीय बोर्ड के अध्यक्ष पूर्व सांसद सूरजभान सिंह ने कहा कि बिहार में मुगल काल से ही चौकीदार और दफादार के पद पासवान समाज के लोग गांव में ग्रामीणों की रक्षा करते आ रहे हैं और उन्हें उनकी हक से रोकना सरकार के लिए गलत होगा और इसका खामियांजा विधानसभा चुनाव में भुगतना पड़ेगा। कार्यक्रम की अध्यक्षता दलित सेना के प्रदेश अध्यक्षता घनश्याम कुमार दाहा ने किया। इस अवसर पर पार्टी के राष्ट्रीय प्रवक्ता श्रवण कुमार अग्रवाल, विधान पार्षद भूषण कुमार, बिहार दफादार चौकीदार पंचायत के महासचिव डॉ संत कुमार सिंह, कार्यकारी अध्यक्ष जीतूं जहान , प्रधान महासचिव केशव सिंह, युवा नेता यशराज पासवान, राष्ट्रीय महासचिव अम्बिका प्रसाद बीनू, रंजीत पासवान, शिवनाथ पासवान, विजय पासवान, राजा पासवान, महेश राय, मनीष त्यागी, मदन पासवान, राजकुमार पासवान छात्र अध्यक्ष आकाश यादव, सहित पार्टी एवं दलित सेना के नेता मौजूद थे।
Jan 21 2025, 19:04