/home/streetbuzz1/public_html/ajaydev/system/../storage/avatars/thumbs1/_noavatar_user.gif/home/streetbuzz1/public_html/ajaydev/system/../storage/avatars/thumbs4/_noavatar_user.gif/home/streetbuzz1/public_html/ajaydev/system/../storage/avatars/thumbs5/_noavatar_user.gif/home/streetbuzz1/public_html/ajaydev/system/../storage/avatars/thumbs1/_noavatar_user.gif/home/streetbuzz1/public_html/ajaydev/system/../storage/avatars/thumbs4/_noavatar_user.gif/home/streetbuzz1/public_html/ajaydev/system/../storage/avatars/thumbs5/_noavatar_user.gif/home/streetbuzz1/public_html/ajaydev/system/../storage/avatars/thumbs1/_noavatar_user.gif/home/streetbuzz1/public_html/ajaydev/system/../storage/avatars/thumbs4/_noavatar_user.gif/home/streetbuzz1/public_html/ajaydev/system/../storage/avatars/thumbs5/_noavatar_user.gif/home/streetbuzz1/public_html/ajaydev/system/../storage/avatars/thumbs1/_noavatar_user.gif/home/streetbuzz1/public_html/ajaydev/system/../storage/avatars/thumbs4/_noavatar_user.gif/home/streetbuzz1/public_html/ajaydev/system/../storage/avatars/thumbs5/_noavatar_user.gif/home/streetbuzz1/public_html/ajaydev/system/../storage/avatars/thumbs1/_noavatar_user.gif/home/streetbuzz1/public_html/ajaydev/system/../storage/avatars/thumbs4/_noavatar_user.gif/home/streetbuzz1/public_html/ajaydev/system/../storage/avatars/thumbs5/_noavatar_user.gif/home/streetbuzz1/public_html/ajaydev/system/../storage/avatars/thumbs1/_noavatar_user.gif/home/streetbuzz1/public_html/ajaydev/system/../storage/avatars/thumbs4/_noavatar_user.gif/home/streetbuzz1/public_html/ajaydev/system/../storage/avatars/thumbs5/_noavatar_user.gif/home/streetbuzz1/public_html/ajaydev/system/../storage/avatars/thumbs1/_noavatar_user.gif/home/streetbuzz1/public_html/ajaydev/system/../storage/avatars/thumbs4/_noavatar_user.gif/home/streetbuzz1/public_html/ajaydev/system/../storage/avatars/thumbs5/_noavatar_user.gif/home/streetbuzz1/public_html/ajaydev/system/../storage/avatars/thumbs1/_noavatar_user.gif/home/streetbuzz1/public_html/ajaydev/system/../storage/avatars/thumbs4/_noavatar_user.gif/home/streetbuzz1/public_html/ajaydev/system/../storage/avatars/thumbs5/_noavatar_user.gif/home/streetbuzz1/public_html/ajaydev/system/../storage/avatars/thumbs1/_noavatar_user.gif/home/streetbuzz1/public_html/ajaydev/system/../storage/avatars/thumbs4/_noavatar_user.gif/home/streetbuzz1/public_html/ajaydev/system/../storage/avatars/thumbs5/_noavatar_user.gif/home/streetbuzz1/public_html/ajaydev/system/../storage/avatars/thumbs1/_noavatar_user.gif/home/streetbuzz1/public_html/ajaydev/system/../storage/avatars/thumbs4/_noavatar_user.gif/home/streetbuzz1/public_html/ajaydev/system/../storage/avatars/thumbs5/_noavatar_user.gif StreetBuzz *महाकुंभ में दिखेगा कालीन नगरी की महिलाओं का हुनर* *आठ समूहों की महिलाएं माउथ फ्रेशनर, कालीन उत्पाद और रुद्राक्ष बेचेंगी* News 20 Uttar Pradesh
*महाकुंभ में दिखेगा कालीन नगरी की महिलाओं का हुनर* *आठ समूहों की महिलाएं माउथ फ्रेशनर, कालीन उत्पाद और रुद्राक्ष बेचेंगी*



रिपोर्ट -नितेश श्रीवास्तव
भदोही। प्रयागराज में चल रहे महाकुंभ में कालीन नगरी की आठ स्वयं सहायता समूह की महिलाओं का हुनर दिखेगा। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के लोकल फाॅर वोकल की मुहिम के तहत समूह की महिलाएं स्टॉल लगाकर अपने उत्पाद को बेचेंगी। 13 जनवरी से 26 फरवरी तक करीब 45 दिनों तक चलने वाले महाकुंभ में समूह की महिलाएं अलग-अलग तिथियों पर स्टॉल लगाएंगी। वह माउथ फ्रेशनर, कालीन के उत्पाद, आयुर्वेदिक दवाओं से लेकर अचार-मुरब्बा तक बेचेंगी।आत्मनिर्भर भारत अभियान को सफल बनाने में स्वयं सहायता समूह की महिलाएं बढ़-चढ़कर आगे आती हैं। छोटे से लेकर बड़े मेले में वह शामिल होती हैं। महाकुंभ में अपनी अलग छाप छोड़ने की तैयारी में लगी महिलाओं की आठ समूह आगे आई हैं। महिलाएं विश्व के सबसे बड़े मेले में अपने उत्पाद बेचने जाएंगी। मुख्य विकास अधिकारी डॉ. शिवाकांत द्विवेदी की देखरेख में स्वयं रोजगार उपायुक्त राजाराम ने स्वयं सहायता समूह की आठ महिलाओं का चयन महाकुंभ मेले में स्टॉल लगाने के लिए किया है। दो-दो के ग्रुप में ये महिलाएं महाकुंभ मेला में स्टॉल लगाकर इस योजना के बारे में भी जानकारी देंगी। आर्या स्वयं सहायता समूह की नगीना मौर्य , स्वदेशी स्वयं सहायता समूह की कंचन देवी 13 से 22 जनवरी तक कारपेट, मोटा अनाज, आयुर्वेदिक दवाएं, निर्मल स्वयं सहायता समूह की निर्मला देवी और मां विंध्यवासिनी सहायता समूह की प्रतिमा पांडेय अगरबत्ती, धूपबत्ती, मोती, रुद्राक्ष माला, माउथ फ्रेशनर, कैंडी का स्टॉल 23 जनवरी से एक फरवरी तक, आवेश स्वयं सहायता समूह की सायना बानो, शिवशंकर स्वयं सहायता समूह की निर्मला देवी दो से 12 फरवरी तक बैग पर्स, हार्पिक, फिनायल, टायलेट क्लीनर बेचेंगी और 12 से 26 फरवरी तक प्रज्ञा स्वयं सहायता समूह की सोभावती देवी, सफल स्वयं सहायता समूह की आंचल देवी अचार-मुरब्बा, टी-शर्ट, लोवर का महाकुंभ में स्टॉल लगाएंगी।
*चार गुना अधिक मुआवजे की मांग पर लटका कारपेट सिटी फेज -2* *मोरवा नदी के किनारे 32 हेक्टेयर में विकसित किया जाना है सिटी*


रिपोर्ट -नितेश श्रीवास्तव
भदोही।किसानों के निर्धारित मुआवजा से अधिक रकम मांगने के कारण वाराणसी सीमा के पास कारपेट सिटी फेज-2 का प्रस्ताव लटक गया है। किसान सर्किल रेट से चार गुना अधिक मुआवजा मांग रहे हैं। जबकि प्रशासन तीन गुना अधिक मुआवजा देने को तैयार है। वह चार गुना पर तैयार नहीं है। मुआवजे का रेट तय करने लिए जिलाधिकारी विशाल सिंह ने हरी झंडी दे दी है। वहीं एडीएम के नेतृत्व में गठित कमेटी किसानों संग वार्ता करेगी। भदोही-चौरी मार्ग स्थित मोरवा नदी के बगल में 32.24 हेक्टेयर क्षेत्र में कारपेट सिटी-2 विकसित करने की योजना है। करीब सात हेक्टेयर जमीन सरकारी है, जबकि 25 हेक्टेयर भूमि किसानों से लेनी है। पहले गठित कमेटी और किसानों संग कई बार बैठक हुई थी लेकिन अभी ठोस निर्णय नहीं हो सका है। बीडा अधिकारियों के अनुसार सर्किल रेट से तीन गुना मुआवजे पर बात तय हुई थी। 243 किसानों को मुआवजा अदा करने के लिए बीडा अधिकारी 75 करोड़ रुपये की व्यवस्था में जुट गए थे। 20 दिसंबर को किसानों के साथ बीडा के अधिकारियों की बैठक हुई थी। जिसमें किसानों ने सर्किल रेट से चार गुना मुआवजा देने की मांग रख कर बीडा अधिकारियों को मुश्किल में डाल दिया था। किसानों की मांग के अनुसार मुआवजा देने की स्थिति में बीडा को सौ करोड़ रुपये की व्यवस्था करनी होगी जो कठिन कार्य है। धन का बंदोबस्त कर भी लिया गया तो जमीन के आवंटन में बीडा को तकनीकी दिक्कतों का सामना करना पड़ेगा। चार गुना मुआवजा अदा करने से जमीन की कीमत बढ़ जाएगी। ऐसे में बीडा के लिए जमीन का आवंटन करना मुश्किल हो जाएगा। हालांकि जिलाधिकारी ने शासन के निर्देशानुसार मुआवजे की रकम निर्धारित करने के लिए कमेटी गठित करने का भरोसा दिलाया है।


वर्जन

एडीएम की अध्यक्षता में कमेटी बना ली गई है। जो किसानों से वार्ता भी कर रही है। लेकिन अभी कोई ठोस नतीजा नहीं निकल सका है। मिल बैठ कर विचार विमर्श कर कोई न कोई रास्ता निकल लिया जाएगा। जल्द ही कोई निर्णय हो जाएगा। -अनीता देवी, उप मुख्य कार्यपालक अधिकारी (बीडा)।

जिले में वाराणसी सीमा के पास कारपेट सिटी फेज-2 के प्रस्ताव पर किसानों की शर्त का ग्रहण लगा हुआ है। कारपेट सिटी फेज-2 को लेकर प्रशासन व किसानों के साथ करीब चार से पांच दौरे की बातचीत के बाद भी नतीजा नहीं निकल सका है। जिले में मोरवा नदी के किनारे बीडा को 32 हेक्टेयर में कारपेट सिटी फेज-2 स्थापित किया जाना है। जिसमें किसानों ने चार गुना मुआवजा समेत अन्य कई शर्ते रखे हैं। अपनी प्रतिक्रिया व्यक्त करें विज्ञापन खबरों को बेहतर बनाने में हमारी मदद करें।
*लकड़ी के अवैध भंडारण पर होगी सख्ती, 35 को चेतावनी सबसे अधिक औराई रेंज और भदोही के चौरी क्षेत्र में पेड़ों की कटाई होती है*
रिपोर्ट -नितेश श्रीवास्तव
भदोही।जिले में हरे पेड़ों की कटान को रोकने को लेकर वन विभाग सख्त है। विभाग की ओर से जिले के आरा मशीन संचालकों को लकड़ियों के अवैध भंडारण न करने की चेतावनी देते हुए नोटिस जारी किया गया है। चेताया कि अगर इसके बाद भी चेतावनी नोटिस जारी करना पड़ा तो संबंधित के खिलाफ कार्रवाई की जाएगी। जिले में अक्सर हरे पेड़ों की कटाई का मामला सामने आता रहता है। सबसे अधिक औराई रेंज और भदोही के चौरी क्षेत्र में पेड़ों की कटाई होती है। कुछ क्षेत्रिय लोगों का कहना है कि हरे पेड़ों की कटाई विभागीय कर्मियों की मिलीभगत से होती है। उन्हीं की मदद से आरा मशीन संचालकों के यहां भेजा जाता है। जिले में 35 आरा मशीन संचालक हैं।जहां अक्सर अवैध लकड़ी भंडारण को लेकर शिकायत मिलती है। इसे लेकर डीएफओ नीरज आर्या ने सख्त कदम उठाया है। उन्होंने सभी आरा मशीन संचालकों को चेतावनी लेटर जारी किया है। भदोही, सुरियावां, दुर्गागंज, दानुपर, गोपीगंज, औराई, लालानगर, मोढ़, कोईरौना आदि स्थानों पर आरा मशीन संचालित हैं। इन मशीनों पर लकड़ी के भंडार की जांच की जाए, तो हकीकत सामने होगी। डीएफओ नीरज आर्य ने बताया कि साल में एक बार आरा संचालकों को चेतावनी नोटिस जारी किया जाता है। जिसमें स्पष्ट बताया जाता है कि मशीन पर अवैध लकड़ी का भंडारण न किया जाए। यदि इसमें कोई आरा संचालक संलिप्त है तो सख्त कार्रवाई होगी।
*आयोग ने रिक्त सीटों की मांगी सूची*
रिपोर्ट -नितेश श्रीवास्तव
भदोही।‌ जिले में तीन ग्राम पंचायतों में ग्राम प्रधान की रिक्त सीटों के लिए होने वाले उप चुनाव की सुगबुगाहट शुरू हो गई है। आयोग ने पंचायत राज विभाग से रिक्त सीटों की सूची मांगी है। जनवरी के अंतिम और फरवरी के पहले सप्ताह में चुनाव की अधिसूचना जारी होने की संभावना जताई जा रही है। जिले के डीघ, ज्ञानपुर और औराई ब्लाॅकों के एक-एक ग्राम पंचायत में ग्राम प्रधान के पद रिक्त हैं। इन ग्राम सभाओं में संचालन समितियों के गठन से विकास कार्य चल रहे हैं। जिला स्तर से राज्य निर्वाचन आयोग को ग्राम प्रधानों, क्षेत्र पंचायत सदस्य और ग्राम सभा सदस्यों के रिक्त पदों के उपचुनाव के लिए सूची भेजने की तैयारी चल रही है। डीघ ब्लाॅक के बनकट उपरवार, ज्ञानपुर ब्लाॅक के बनकट छनौरा और औराई ब्लाॅक में एक गांव में ग्राम प्रधान के लिए उप चुनाव होने हैं। इसी तरह एक क्षेत्र पंचायत सदस्य और कुछ ग्राम पंचायत सदस्य के रिक्त चल रहे पदों के लिए भी उपचुनाव होंगे।डीपीआरओ संजय मिश्रा ने बताया कि राज्य निर्वाचन आयोग से सूची मांगी जा रही है। कहा कि जिले में तीन ग्राम प्रधान, एक क्षेत्र पंचायत सदस्य और ग्राम सभा सदस्य के पदों के लिए उप चुनाव होनें है। संभावना कि जनवरी अंतिम या फरवरी प्रथम सप्ताह में उपचुनाव हो सकते हैं।
भदोही 5.50 करोड़ रुपये से सुधरेगी पांच साल पहले बनीं सड़कों व नालियों की हालत* *नगर पंचायत भदोही के 28 वार्डों में रहती है, करीब डेढ़ लाख आबादी*

रिपोर्ट -नितेश श्रीवास्तव
भदोही । भदोही नगर पालिका में पांच साल पहले बनी नालियों और सड़कों को सुधारी जायेगी। 15वें वित्त के मद से इन सड़कों व नालियों की मरम्मत कराई जाएगी। नगर पालिका की ओर से इसको लेकर 5.50 करोड़ रुपये की कार्य योजना तैयार की गई है। निविदा प्रक्रिया पूरा कराने के साथ ही सड़कों व नालियों की मरम्मत का कार्य पूरा करा लिया जायेगा। भदोही नगर पालिका अंतर्गत कुल 28 वार्ड है।इसमें करीब एक लाख 50 हजार की आबादी निवास करती है। नगर के सीमा विस्तार के बाद पालिका की ओर से तमाम कार्य कराए जा रहे हैं। हालांकि इसके बाद भी अभी सीमा में शामिल 28 गांवों में मूलभूत सुविधाओं का अभाव बना हुआ है। नगर में पांच साल पहले बनाई गई सड़कें और नालियां जर्जर हो चुकी हैं। नगर के वार्ड 15 मर्यादपट्टी पूर्वी, वार्ड 10 मर्यादपट्टी पश्चिमी, वार्ड 17 पूरे रहीम, जल्लापुर, वार्ड-6 डुड़वा कुकरौठी में बनी कई सड़कें और नालियां बदहा हो चुकी है। जिससे वार्डवासियों को काफी परेशानी उठानी पड़ती है। नाली, इंटरलॉकिंग टूटने के कारण बारिश के दिनों में आवागमन के दौरान राहगीरों को बड़ी दिक्कतों का सामना करना पड़ता है। निकासी की व्यवस्था न होने के कारण बारिश का पानी कई दिनों तक मार्गों पर ही लगा रहता है। अब 15वें वित्त आयोग से पांच साल पहले बनी नालियों और इंटरलॉकिंग को दुरूस्त कराया जायेगा। इसके अलावा टूटी नाली, खुले मैनहोल का मरम्मत कार्य किया जाएगा। जल निकासी की भी व्यवस्था बेहतर होगी। इसी बजट से नगर में लगे विभिन्न स्ट्रीट लाइट, हाई मास्ट के कार्य कराए जाएंगे।


नगर में 15 वें वित्त मद के पांच करोड़ 50 लाख रुपए से पांच पहले हुए कार्यों का मरम्मत के साथ ही अन्य कार्य कराए जाएंगे। निविदा प्रक्रिया पूर्ण के बाद निर्माण कार्य होगा। अगले महीने कार्यों का शुभारंभ किया जाएगा। ईओ धर्मराज सिंह
*प्रिंटर न होने से डेढ़ माह से नहीं हो रहा अल्ट्रासाउंड गोपीगंज सीएचसी पर अल्ट्रासाउंड मशीन लगने के बाद भी नहीं मिल रहा लाभ*








रिपोर्ट -नितेश श्रीवास्तव
भदोही।एक से डेढ़ लाख लोगों को स्वास्थ्य सुविधा उपलब्ध करानी वाली सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र गोपीगंज पर एक महीने से आकर अल्ट्रासाउंड की मशीन रखी गई है। इसका लाभ मरीजों को नहीं मिल रहा है। अल्ट्रासाउंड मशीन का प्रिंटर न होने से मशीन को इंस्टॉल नहीं किया जा सका है। गोपीगंज सीएचसी हाईवे पर होने के कारण यहां लाला नगर से लेकर ऊंज की सीमा तक अगर कोई हादसा होता है तो मरीजों को उपचार के लिए लाया जाता है। हर दिन यहां पर 300 में 400 की ओपीडी होती है। इसके अलावा आधा दर्जन - दुर्घटना के मामले भी आते हैं। अल्ट्रासाउंड मशीन न होने से क‌‌ई बार मरीजों को परेशानी तो होती है। इसके अलावा उन्हें मजबूरी में रेफर भी करना होता है। ऐसे में सीएमओ डॉ संतोष कुमार चक की पहल पर यहां अल्ट्रासाउंड मशीन लगाने की कवायद शुरू की गई है। करीब डेढ़ माह पहले सीएचसी पर मशीन भी आ चुकी है। यह जिले का पहला ऐसा सीएचसी है, जहां अल्ट्रासाउंड मशीन लगाने जा रही है, लेकिन प्रिंटर न होने के कारण मशीन इंस्टाल नहीं हो सका है। इसके कारण मरीजों को परेशानी भी हो रही है। खासकर प्रसृता महिलाओं को अधिक दिक्कत होती है। मरीजों को अल्ट्रासाउंड कराने के लिए निजी सेंटरों का रुख करना पड़ता है , जहां उन्हें एक अल्ट्रासाउंड कराने पर 500 से 600 रुपए देने पड़ते हैं। गोपीगंज सीएचसी पर शासन स्तर से अल्ट्रासाउंड मशीन आ चुकी है। प्रिंटर न होने के कारण इसका इंस्टालमेंट नहीं किया गया है।‌ प्रिंटर की मांग की गई है, जल्द ही मरीजों को अल्ट्रासाउंड का लाभ मिलेगा। डॉ संतोष कुमार चक मुख्य चिकित्साधिकारी भदोही
*भदोही में सवा करोड़ से लगेंगे तीन राजकीय नलकूप* *तीनों विधानसभा में स्थापना के लिए एक - एक गांव का चयन*
रिपोर्ट -नितेश श्रीवास्तव
भदोही।‌जिले की तीनों विधानसभा में सवा करोड़ से तीन न‌‌ए राजकीय नलकूप लगेंगे। शासन से इसकी स्वीकृति मिल गई है। इससे सिंचाई का रकबा बढ़ेगा। वहीं किसानों को खेती में सहूलियत मिलेगी। जिले में 60 से 65 हजार हेक्टेयर में रबी और खरीफ की खेती होती है। नहरों के अलावा नलकूप ही सिंचाई के मुख्य साधन है। करीब आठ से 10 हजार हेक्टेयर की‌ सिंचाई नहर तो चार से‌ पांच हजार हेक्टेयर की नलकूप से होती है। पूर्व में स्थापित 525 राजकीय नलकूपों में क‌‌ई जर्जर एवं बदहाल हो चुके हैं। मरम्मत एवं सुधार के नाम पर हर साल उम्मीद के हिसाब से पैसा न मिलने से गिने-चुने नलकूप ही सही हो पाते हैं, जबकि अधिकतर तकनीकी खामियों के कारण बंद ही रहते हैं। साल‌ 2024 में नलकूप अनुरक्षण विभाग ने न‌ए नलकूप स्थापना का प्रस्ताव शासन को भेजा था, जिसमें तीन नलकूप लगाने की स्वीकृति नलकूप ही सही हो पाते हैं, जबकि अधिकतर तकनीकी खामियों के कारण बंद ही रहते हैं।‌ साल 2024 में नलकूप अनुरक्षण विभाग ने न‌ए‌ नलकूप स्थापना का प्रस्ताव शासन को भेजा था, जिसमें तीन नलकूप लगाने की स्वीकृति मिली है। अधिशासी अभियंता नलकूप बलिराम ने बताया कि ज्ञानपुर में सीखापुर, भदोही के पिपरिस और औराई के बढ़ौना में नलकूप लगाया जाएगा। इससे तीनों गांव की करीब 50 से 60 हेक्टेयर रुकबे की सिंचाई बेहतर ढंग से हो सकेगी। एक - एक नलकूप पर 35 से 40 लाख का खर्च आएगा। उन्होंने बताया कि विभाग सिर्फ मोटर एवं उपकरण की खरीद संग भवन का काम कराएगा जबकि शेष कार्य बेरिंग विभाग और बिजली निगम कराएगा।
*परीक्षा पे चर्चा : भदोही में रिकार्ड पंजीकरण, पूर्वांचल में अव्वल*
रिपोर्ट -नितेश श्रीवास्तव
भदोही। प्रधानमंत्री के ‘परीक्षा पे चर्चा’ कार्यक्रम में भाग लेने के लिए कालीन नगरी के विद्यार्थी, शिक्षक उत्सुक हैं। यही कारण है कि इस बार जिले में रिकाॅर्ड विद्यार्थियों और शिक्षकों ने पंजीकरण किया है। 87235 लक्ष्य के सापेक्ष 98951 लोगों ने पंजीकरण किया है, जो जिले में यूपी बोर्ड, आईसीएसई, सीबीएसई, मदरसा, बेसिक शिक्षा विभाग से संबद्ध करीब एक हजार से अधिक विद्यालय हैं। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के परीक्षा पे चर्चा कार्यक्रम के नौवें संस्करण का आयोजन नई दिल्ली के तालकटोरा स्टेडियम में प्रस्तावित है।कार्यक्रम में छठवीं से 12वीं कक्षा तक के छात्र-छात्राएं, अभिभावक और शिक्षक भाग लेंगे। इसके लिए ऑनलाइन पंजीकरण की प्रक्रिया 14 दिसंबर से 14 जनवरी तक चली। भदोही पूर्वांचल में अव्वल हो गया। जिला विद्यालय निरीक्षक अंशुमान ने बताया कि स्कूलों के प्रयास से इस बार पंजीकरण काफी बेहतर रहा। पूर्वांचल के सभी जिलों से भदोही आगे है। इससे टाप-20 में शामिल होने में सफल रहा। सोनभद्र 27वें और शेष अन्य जिले 40 से 50वें स्थान पर हैं। *बहुविकल्पीय प्रतियोगिता के बाद होगा चयन* परीक्षा पर चर्चा कार्यक्रम में प्रतिभाग करने वाले छात्र-छात्राओं को इनोवेट इंडिया डाॅट माईजीओवी डाॅट इन डैश पीपीसी-2025 पर ऑनलाइन बहुविकल्पीय प्रश्न प्रतियोगिता कराई जाएगी। विजेता को विशेष रूप से डिजाइन किया हुआ प्रशंसा प्रमाण पत्र और विशेष ‘परीक्षा पे चर्चा’ किट भी मिलेगी। विजेताओं में से कुछ छात्रों को सीधे प्रधानमंत्री के साथ संवाद और उनसे सवाल पूछने का अवसर मिलेगा। इसके अलावा, विजेताओं को पीएम के साथ उनकी ऑटोग्राफ वाली तस्वीर की डिजिटल स्मारिका भी दी जाएगी।
*सपा विधायक जाहिद को बड़ी राहत : दोबारा होगी केस की विवेचना, नौकरानी को आत्महत्या के लिए उकसाने का है मामला*


रिपोर्ट -नितेश श्रीवास्तव
भदोही। भदोही के सपा विधायक जाहिद जमाल बेग को बड़ी राहत मिली है। कोर्ट ने नौकरानी को आत्महत्या के लिए उकसाने के मामले में दर्ज मुकदमे की दोबारा विवेचना किये जाने का आदेश दिया है।पुलिस की विवेचना से संतुष्ट न होने पर एमपीएमएल साधना गिरी की अदालत ने मामले की पुन: विवेचना कर पुलिस को 21 जनवरी तक पत्रावली पेश करने का निर्देश दिया है।भदोही के सपा विधायक जाहिद जमाल बेग के मालिकाना मोहल्ले स्थित आवास की तीसरी मंजिल पर आठ सितंबर को नौकरानी के फंदे पर झूलकर आत्महत्या कर ली। मामले में पुलिस ने विधायक के साथ उनकी पत्नी सीमा बेग और बेटे जईम बेग के खिलाफ आत्महत्या के लिए उकसाने, बाल श्रम और बंधुआ मजदूरी जैसे मामले दर्ज किये। आत्महत्या करने वाली नौकरानी की मां ने कोर्ट में वाद दाखिल कर पड़ोसी अभिषेक सरोज के खिलाफ शिकायत दर्ज कराते हुए आरोप लगाया था कि वह उनकी बेटी को प्रेमजाल में फंसाकर उसके साथ शारीरिक संबंध बनाए और उसका वीडियो भी बना लिया। पीड़िता ने मामले में आरोपी अभिषेक सरोज के खिलाफ मुकदमा दर्ज करने की अपील की थी। मामले में सुनवाई करते हुए कोर्ट ने 14 अक्तूबर को विधायक पर दर्ज आत्महत्या के लिए उकसाने के मुकदमे के साथ इस मामले की विवेचना भी एक साथ करने का निर्देश दिया। आरोप है कि पुलिस ने इस मामले में न तो आत्महत्या करने वाली नौकरानी के पिता का बयान दर्ज कराया और न ही उसकी मां का। इसके अलावा आरोपी अभिषेक सरोज का बयान भी मजिस्ट्रेट के सामने नहीं कराया गया। नौकरानी की मां और पिता ने अपने शपथ पत्र कोर्ट में दाखिल किया।
*पीएचसी से बरियल पीड गायब, बाॅयोवेस्ट निस्तारण के इंतजाम नहीं 17 पीएचसी 183 हेल्थ सेंटर से हर माह निकालता है 210 क्विंटल बाॅयोवेस्ट*
रिपोर्ट -नितेश श्रीवास्तव
भदोही।जिले के 17 प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्रों और 183 उप स्वास्थ्य केंद्रों से हर महीने करीब 210 किलो बायो मेडिकल वेस्ट ( अस्पताल का कचरा) निकलता है। इसके निस्तारण को लेकर कोई विशेष इंतजाम नहीं है। खास बात है कि दो साल पहले पीएचसी पर बाॅयोवेस्ट के निस्तारण को बना बरियल पीड ( गड्ढा) भी अस्तित्व में कहीं नहीं बचा है। इससे पीएचसी के कचरे को निस्तारण को लेकर बड़ी समस्या देखने को मिल रही है। जिले के बड़े अस्पतालों के साथ सीएचसी पर कचरे के निस्तारण के लिए वाराणसी की एजेंसी नामित है। ग्रामीण अंचलों में बेहतर स्वास्थ्य सुविधा को लेकर 17 पीएचसी संचालित है। जहां औसतन एक पीएचसी 150 की ओपीडी हर दिन होती है।‌ इस लिहाज से हर दिन 2550 की ओपीडी होती है।‌ आंकड़ों के लिहाज देखा जाए तो एक पीएचसी पर हर महीने पीएचसी और हेल्थ सेंटरों को मिलाकर 210 कचरा निकलता है। खुले में मेडिकल वेस्ट डंप करने से तमाम तरह के इंफेक्शन फैलने का डर रहता है।‌ खासकर उपयोग किए गए इंजेक्शन के नीडल से है। इसके निस्तारण के लिए करीब दो साल पहले पीएचसी पर बरियल पीड बनाए गया था। लेकिन वहीं भी जमींदोज हो चुका है। पीएचसी पर तैनात स्वास्थ्यकर्मियों को पता नहीं है कि बरियल पीड कहां बना है। ऐसे में इन बाॅयों वेस्ट का निस्तारण करना एक बड़ी समस्या है। हालांकि स्वास्थ्य विभाग इसके निस्तारण का दावा तो कर रहा है लेकिन यह कैसे होता है। इसको लेकर रोडमैप नहीं है। पीएचसी पर बरियल पीड बनाया गया है। जिसमें अस्पताल कचरा डंप होता है। वहीं नामित संस्था की सीएचसी से इन्हें कलेक्ट करती है। इसकी जिम्मेदारी कार्यदायी संस्था की है। डॉ संतोष कुमार चक मुख्य चिकित्साधिकारी भदोही