कालाष्टमी के दिन क्या करें और क्या नहीं, जानें सही नियम और महत्व
हिंदू धर्म में कालाष्टमी व्रत का बहुत अधिक महत्व है. इस दिन भगवान शिव के रौद्र रूप कालभैरव की पूजा करने और व्रत रखने का विधान है. जो भक्त इस दिन विधि-विधान से व्रत रखकर काल भैरव की पूजा करता है तो उन पर भगवान काल भैरव की कृपा बनी रहती है और जीवन से सभी संकट दूर हो जाते हैं और मनोकामनाएं पूरी होती हैं. यह व्रत हर महीने के कृष्ण पक्ष की अष्टमी तिथि को मनाया जाता है. कालाष्टमी का विशेष महत्व इसलिए है क्योंकि इस दिन भगवान काल भैरव की पूजा करने से व्यक्ति को भय, संकट, रोग और शत्रु बाधा से मुक्ति मिलती है.
पंचांग के अनुसार, पौष माह के कृष्ण पक्ष की अष्टमी तिथि की 22 दिसंबर को दोपहर 02 बजकर 31 मिनट पर होगी. और अगले दिन 23 दिसंबर को शाम 05 बजकर 07 मिनट पर समाप्त होगी. काल भैरव देव की पूजा निशा काल में की जाती है. ऐसे में 22 दिसंबर को पौष महीने की कालाष्टमी मनाई जाएगी.
कालाष्टमी के दिन क्या करें?
काल भैरव को प्रसन्न करने के लिए कालाष्टमी के दिन व्रत रखना चाहिए.
इस दिन सुबह जल्दी उठकर काल भैरव की विधिवत पूजा करें.
अपने घर के पास काल भैरव के मंदिर में जाकर दर्शन करें.
काल भैरव को प्रसन्न करने के लिए शिव पुराण का पाठ अवश्य करें.
गरीबों की दुआएं पाने के लिए उनको भोजन कराएं या दान दें.
कालाष्टमी के दिन काले कुत्ते को रोटी खिलाना शुभ माना जाता है.
काल भैरव को प्रसन्न करने के लिए सरसों के तेल का दीपक जलाएं.
काल भैरव के मंत्रों का जाप करें.
कालाष्टमी के दिन क्या न करें?
किसी से झगड़ा न करें: कालाष्टमी के दिन किसी से झगड़ा या विवाद न करें.
नकारात्मक विचार न रखें: मन में नकारात्मक विचार नहीं लाने चाहिए.
मांस-मदिरा का सेवन न करें: कालाष्टमी के दिन मांस-मदिरा का सेवन नहीं करना चाहिए.
किसी को कष्ट न दें: किसी को कष्ट या दुःख न दें.
नशीले पदार्थों का सेवन न करें: नशीले पदार्थों का सेवन नहीं करना चाहिए.
कालाष्टमी के उपाय
कालाष्टमी के दिन काले तिल का दान करने से काल भैरव प्रसन्न होते हैं.
कालाष्टमी के दिन शमी के पेड़ की पूजा करने से भी लाभ मिलता है.
काल भैरव मंत्र का नियमित जाप करने से मन शांत होता है और दिल को सुकून मिलता है.
कालाष्टमी का महत्व
कालाष्टमी का दिन भगवान काल भैरव की कृपा पाने का एक विशेष अवसर है. इस दिन व्रत करके और पूजा-अर्चना करके हम सभी संकटों से मुक्ति पा सकते हैं और अपनी मनोकामनाएं पूरी कर सकते हैं. ऐसी मान्यता है कि कालाष्टमी के दिन भगवान काल भैरव की पूजा करने से उनकी विशेष कृपा प्राप्त होती है. यह व्रत सभी प्रकार के संकटों से लोगों को मुक्ति दिलाता है.
कालाष्टमी के व्रत से रोगों से भी मुक्ति मिलती है और शत्रुओं का नाश होता है.
Dec 20 2024, 13:52