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निजीकरण के विरोध में देश भर में बिजली कर्मचारियों ने निजीकरण विरोधी दिवस मनाकर विरोध दर्ज किया


लखनऊ । विद्युत कर्मचारी संयुक्त संघर्ष समिति, उत्तर प्रदेश के आह्वान पर समस्त ऊर्जा निगमों के तमाम बिजली कर्मचारियों और अभियंताओं ने आज निजीकरण विरोधी दिवस मनाया और कार्यालय समय के उपरांत समस्त जनपदों, परियोजनाओं  एवं राजधानी लखनऊ में सभा की। संघर्ष समिति ने पावर कापोर्रेशन प्रबंधन पर आरोप लगाया है कि प्रबंधन कर्मचारियों को गुमराह कर रहा है और भय का वातावरण बनाकर  ऊर्जा निगमों में औद्योगिक अशांति का वातावरण बना रहा है। संघर्ष समिति ने चेतावनी दी कि प्रबंधन बिडिंग प्रक्रिया शुरू करने के पहले आर एफ पी डॉक्यूमेंट का ड्राफ्ट जारी करे तो निजीकरण के खतरों का अपने आप खुलासा हो जाएगा।

       आज उप्र और चंडीगढ़ में बिजली के निजीकरण के विरोध में राष्ट्रव्यापी निजीकरण विरोधी दिवस मनाया गया और देशभर में समस्त जनपदों और परियोजनाओं पर विरोध सभाएं की गई। बिजली कर्मचारियों और अभियंताओं की राष्ट्रीय समन्वय  समिति (एनसीसीओ ई ई ई) ने चेतावनी दी है कि उप्र में निजीकरण के बिडिंग डॉक्यूमेंट जारी होते ही देश भर में लाखों बिजली कर्मी सड़क पर उतरने को विवश होंगे। एन सी सी ओ ई ई ई ने निजीकरण को बड़ा घोटाला बताते हुए कहा कि अरबों खरबों रुपए की परिसंपत्तियों को कौड़ियों के मोल बेचने की साजिश सफल नहीं होने दी जाएगी।

उप्र और चंडीगढ़ में बिजली के निजीकरण के विरोध में मुम्बई, कोलकाता,चेन्नई, बेंगलुरू, हैदराबाद, त्रिवेंद्रम, विजयवाड़ा, गुवाहाटी, नागपुर, रायपुर, जबलपुर, भोपाल, शिमला, जम्मू, श्रीनगर, देहरादून, चंडीगढ़, पटियाला, रांची, आदि स्थानों पर बड़े प्रदर्शन हुए। उप्र की राजधानी लखनऊ सहित समस्त जनपदों एवं परियोजनाओं पर विरोध सभाएं की गई। राजधानी लखनऊ में राणा प्रताप मार्ग स्थित हाइडिल फील्ड हॉस्टल में हुई विरोध सभा में भारी संख्या में लखनऊ के सभी कार्यालयों, शक्ति भवन, मध्यांचल मुख्यालय और लेसा के बिजली कर्मी व अभियंता बड़ी संख्या में सम्मिलित हुए।

संघर्ष समिति के पदाधिकारियों राजीव सिंह, जितेन्द्र सिंह गुर्जर, गिरीश पांडेय, महेन्द्र राय,सुहैल आबिद, पी.के.दीक्षित, राजेंद्र घिल्डियाल, चंद्र भूषण उपाध्याय, आर वाई शुक्ला, छोटेलाल दीक्षित, देवेन्द्र पाण्डेय, आर बी सिंह, राम कृपाल यादव, मो वसीम, मायाशंकर तिवारी, राम चरण सिंह, मो0 इलियास, श्री चन्द, सरयू त्रिवेदी, योगेन्द्र कुमार, ए.के. श्रीवास्तव, के.एस. रावत, रफीक अहमद, पी एस बाजपेई, जी.पी. सिंह, राम सहारे वर्मा, प्रेम नाथ राय एवं विशम्भर सिंह ने आज यहां जारी बयान में कहा कि बिजली कर्मचारी और अभियंता  मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ जी के नेतृत्व में बिजली व्यवस्था के सुधार में लगातार लगे हुए हैं ।

15 दिसंबर से शुरू होने वाली ओ टी एस स्कीम को सफल बनाने में लगे हैं किंतु पता नहीं क्यों पावर कापोर्रेशन प्रबंधन ने अचानक प्रदेश के 42 जनपदों में बिजली वितरण के निजीकरण की घोषणा कर बिजली कर्मियों को उद्वेलित कर दिया है और अनावश्यक रूप से ऊर्जा निगमों में औद्योगिक अशांति का वातावरण बना दिया है। बिजली कर्मी अभी भी पूरी मेहनत से कार्य कर रहे हैं और निजीकरण के विरोध में सभी ध्यानाकर्षण कार्यक्रम कार्यालय समय के उपरांत कर रहे हैं जिससे बिजली व्यवस्था पर कोई दुष्प्रभाव न पड़े और उपभोक्ताओं को कोई दिक्कत ना हो।

संघर्ष समिति ने कहा कि आगरा के निजीकरण के पहले जारी किए गए आर एफ पी डॉक्यूमेंट में ए टी एंड सी हानियां बहुत अधिक बढ़ाकर बताई गई थी जो फर्जी थी। इसी गलत डॉक्यूमेंट के चलते पॉवर कारपोरेशन को टोरेंट को बिजली देने मे ही 2434 करोड़ रु की चपत अब तक लग चुकी है। इस बार भी परिसंपत्तियों का मूल्यांकन किए बिना पूर्वांचल और दक्षिणांचल विद्युत वितरण निगमों की अरबों खरबों रुपए की परिसंपत्तियों को कौड़ियों के मोल बेचने की साजिश है। बिडिंग के पहले यदि आर एफ पी डॉक्यूमेंट जारी किया जाए तो पूरा घोटाला सामने आ जाएगा।

पूर्वांचल विद्युत वितरण निगम और दक्षिणांचल विद्युत वितरण निगम की  अरबों रुपए की बेशक कीमती जमीन  किस आधार पर मात्र एक रुपए में निजी घरानों  को सौंप दी जाएंगी। यह जनता की  परिसंपत्ति है। इन सब बातों से बिजली कर्मचारी और उपभोक्ता बहुत अधिक परेशान और उद्वेलित है।

एनआईए व एसटीएफ ने मुफ्ती खालिद को किया परिजनों के सुपुर्द
लखनऊ। देश-विदेश में ऑन लाइन तालीम देने और विदेश से फंडिंग किए जाने के मामले में उत्तर प्रदेश के झांसी कोतवाली थाना क्षेत्र में एनआईए और एसटीएफ की टीम ने कल गुरुवार तड़के अचानक छापा मारा। आठ घंटे की तहकीकात करने के बाद भारी विरोध व धक्का मुक्की के बीच एनआईए व एसटीएफ टीम ने मुफ्ती खालिद नदवी को हिरासत में ले लिया था। टीम उसे लेकर तीन घंटे के विरोध का सामना करने के बाद पुलिस लाइन पहुंची। पुलिस लाइन में उससे करीब 7 घंटे की पूछताछ के बाद उसे देररात करीब 11 बजे परिजनों के सुपुर्द कर दिया।

गुलाम गौस खां पार्क स्थित एक मकान में छापा मारा

देश की बड़ी खुफिया एजेंसी एनआईए और एटीएस आतंकी संगठनों और देश विरोधी क्रियाकलापों में लिप्त गिरोह का भंडाफोड़ करने वाली टीम द्वारा गुरुवार तड़के करीब 3 बजे शहर कोतवाली थाना क्षेत्र स्थित गुलाम गौस खां पार्क स्थित एक मकान में छापा मारा गया। करीब आठ घंटे की पड़ताल के बाद एनआईए और एसटीएफ ने मुफ्ती खालिद नदवी को हिरासत में ले लिया। मुफ्ती खालिद नदवी दीनी तालीम की ऑनलाइन कक्षाएं लेते हैं।

खालिद से रात में करीब सात घंटे तक की पूछताछ

टीम ने पड़ताल के दौरान खालिद की कुछ किताबें, लैपटॉप व मोबाइल नम्बर आदि भी एकत्रित किये और तीन घंटे के भारी विरोध प्रदर्शन व धक्का-मुक्की के बाद पूछताछ के लिए उसे पुलिस लाइन ले आई। खालिद को देररात करीब 7 घंटे तक पूछताछ करने के बाद पुलिस लाइन स्थित साइबर क्राइम थाने से परिजनों के सुपुर्द कर दिया। फिलहाल टीम खालिद समेत अन्य संदिग्धों पर नजर बनाए हुए है I


झांसी में एनआईए टीम से धक्का-मुक्की  पर 111 के खिलाफ मुकदमा दर्ज

झांसी में विदेशी फंडिंग के मामले में इस्लामिक टीचर के घर एनआईए व एटीएस टीम की छापेमारी के दौरान बवाल करने के मामले में पुलिस ने देररात मुकदमा दर्ज कर लिया है। झांसी की शहर कोतवाली पुलिस ने 11 ज्ञात व 100 अज्ञात लोगों के खिलाफ सरकारी कार्य में बाधा डालने सहित अन्य धाराओं में मुकदमा दर्ज किया है। मुकदमे में अज्ञात लोगों में महिलायें भी शामिल हैं।

इस्लामिक टीचर मुफ्ती खालिद के घर छापामारी की थी

गौरतलब है कि एनआईए व एटीएस टीम ने कोतवाली क्षेत्र के सलीम बाग इलाके में गुरुवार को दीनी तालीम देने वाले इस्लामिक टीचर मुफ्ती खालिद के घर छापामारी की थी। लगभग नौ घंटे पूछताछ के बाद जब टीम मुफ्ती खालिद को लेकर निकली तो इलाके के लोगों ने टीम को घेर लिया और धक्कामुक्की कर मुफ्ती खालिद को छुड़ा लिया। बाद में कड़ी मशक्कत के बाद पुलिस ने मुफ्ती खालिद को गिरफ्त में लिया। हालांकि पुलिस लाइन में लगभग सात घंटे पूछताछ के बाद देर रात मुफ्ती खालिद को छोड़ दिया गया। इसके बाद पुलिस ने 11 ज्ञात व 100 अज्ञात के खिलाफ मुकदमा दर्ज कर लिया।
बिजली के निजीकरण मुद्दे पर 18 दिसंबर को विधान सभा का घेराव करेगी कांग्रेस
लखनऊ। उप्र कांग्रेस विभिन्न मुद्दाें काे लेकर 18 दिसंबर को विधान सभा का घेराव करेगी। उसका मुख्य मुद्दा बिजली का निजीकरण है। 16 को शुरू हो रहे विधान सभा सत्र में कांग्रेस विधायक दल की नेता मोना मिश्रा सदन में सरकार को घेरेंगी, जबकि पूरे प्रदेश से आये कार्यकर्ता और पदाधिकारी विधान सभा का बाहर से घेराव करेंगे। इस संबंध में प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष अजय राय ने गुरुवार पत्रकाराें से कहा कि इस बार जबरदस्त घेराव होगा। हर ब्लाक से कार्यकर्ताओं को लखनऊ बुलाया जाएगा।

अजय राय ने कहा कि उप्र में गुजरात के ठेकेदारों का एकाधिकार हो गया है। सरकार बिजली को भी निजी घरानों को देकर उनके हित की बात कर रही है। उसको जनता के हित से कुछ भी लेना-देना नहीं है। विधान सभा में विपक्ष की आवाज नहीं उठने दिया जाता है। यदि बिजली का निजीकरण हो गया तो फिर बिजली बिल में भी बेतहासा वृद्धि होगी, जिससे किसानों पर एक और अतिरिक्त बोझ आएगा।

वहीं आराधना मिश्रा "मोना" ने कहा कि बिजली, परिवहन, स्वास्थ्य यह जनता से जुड़े मुद्दे हैं। इसमें सरकार को फायदा नहीं देखना चाहिए, जबकि यूपी में जबसे भाजपा सरकार आयी है, यह सबकुछ उद्योग घरानों को बेच कर सिर्फ पैसा कमाना चाहती है। इस सरकार काे जनता का हित नहीं दिख रहा है। सरकार को सिर्फ जनता से वोट चाहिए और उद्योग घरानों से पैसा। सरकार ने किसानों का बिजली बिल माफ करने के लिए कहा था लेकिन आज तक किसानों का बिल माफ नहीं किया गया। अब उसे निजीकरण करने की ओर सरकार आगे बढ़ गयी है। इससे पहले से ही महंगाई के बोझ तले दबे किसानों पर अतिरिक्त बोझ पड़ेगा।
राहुल गांधी हाथरस पहुँचे
लखनऊ। राहुल गांधी गुरुवार काे अचानक हाथरस पहुँचे हैं। राहुल गांधी उस दलित परिवार के घर पहुंचे हैं जिसकी बेटी की चार साल पहले माैत हाे गयी थी। आज उसी परिवार से वह मिले हैं। लाेकसभा में नेता प्रतिपक्ष राहुल गांधी एक बार फिर उस मुद्दे को चर्चा में लाने का प्रयास कर रहे हैं। इससे पहले आज सुबह ही उपमुख्यमंत्री ब्रजेश पाठक राहुल गांधी पर पलटवार कर चुके हैं। ब्रजेश पाठक ने कहा है कि राहुल गांधी हताश हैं। उत्तर प्रदेश तेजी से आगे बढ़ रहा है और राहुल गांधी प्रदेश और देश को अस्थिर करने का प्रयास कर रहे हैं। इस घटना की जांच सीबीआई ने की और मामला न्यायालय में है।
नदी के कैचमेंट एरिया में किसी भी प्रकार के अवैध खनन की गतिविधि को बर्दाश्त नहीं किया जाएगा: मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ

लखनऊ। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने बुधवार को भूतत्व एवं खनिकर्म विभाग के कार्यों की समीक्षा की और अधिकारियों को आवश्यक निर्देश दिए।मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कहा कि वित्तीय वर्ष 2024-25 में 2407.20 करोड़ रुपये राजस्व प्राप्ति हुई है। इसमें और वृद्धि की अपेक्षा है। इसकी बेहतरी के लिए विभागीय व जनपद स्तर के अधिकारी तेजी से प्रयास करें। राजस्व प्राप्ति के लिए जिलाधिकारी व जिला खनन अधिकारी की जवाबदेही तय की जाए।

खनन के दृष्टिगत राजस्व वृद्धि की असीम संभावनाएं

मुख्यमंत्री ने कहा कि सोनभद्र, बांदा, कौशांबी तथा महोबा में खनन के दृष्टिगत राजस्व वृद्धि की असीम संभावनाएं हैं। मुख्यमंत्री ने कम राजस्व प्राप्त करने वाले जनपदों की समीक्षा करते हुए इनमें भी राजस्व बढ़ोतरी के उपाय सुनिश्चित करने के निर्देश दिए। उन्होंने कहा कि शासन, विभाग व जनपद स्तर पर लंबित आवेदन पत्रों पर शीघ्रता से निर्णय लेकर कार्रवाई बढ़ाई जाए। उन्होंने कहा कि राजस्व बढ़ाने के अन्य उपायों पर भी विचार करें।

तकनीक का प्रयोग कर अवैध खनन को रोका जाए

मुख्यमंत्री ने निर्देश दिया कि नदी के कैचमेंट एरिया में किसी भी प्रकार के अवैध खनन की गतिविधि को बर्दाश्त नहीं किया जाएगा। तकनीक का उपयोग करते हुए इसे सख्ती से रोका जाए।मुख्यमंत्री ने निर्देश दिया कि स्वीकृत खनन क्षेत्र के अंदर खनन कर रहे वाहनों पर व्हीकल ट्रैकिंग सिस्टम (वीटीएस) लगाया जाए, जिससे सुनिश्चित किया जा सके कि खनन स्वीकृत क्षेत्र में ही हो रहा है या नहीं। इससे परिवहनकर्ता को भी सहूलियत होगी।

अवैध खनन रोकने को छापेमारी जारी रहे

मुख्यमंत्री योगी ने कहा कि अन्य राज्यों से प्रदेश में उपखनिज का परिवहन करने वाले वाहनों की वैधता की जांच के लिए उत्तराखंड, हरियाणा, राजस्थान व मध्य प्रदेश से एपीआई इंटीग्रेशन किए गए हैं।मुख्यमंत्री ने कहा कि जनपदों में टास्क फोर्स अवैध खनन को रोकने के लिए समय-समय पर छापेमारी करते रहें। छापेमारी के दौरान विभागीय अधिकारी, प्रशासनिक व पुलिस अधिकारियों की मौजूदगी सुनिश्चित हो। इसकी वीडियोग्राफी भी नियमित कराई जाए।

मार्ग दुर्घटनाओं को रोकने के लिए तेजी से प्रयास करें

मुख्यमंत्री ने निर्देश दिया कि विभाग के विभिन्न स्तर पर अधिकारियों की जवाबदेही तय की जाए। विभागीय स्तर पर पेंडिंग मामलों का समय से निस्तारण किया जाए। निर्देश दिया कि जून से अगस्त के मध्य ही वर्ष भर की कार्ययोजना तैयार की जाए। समय से कार्ययोजना तैयार करने से सरलतापूर्वक कार्य संपन्न होंगे।मुख्यमंत्री ने बैठक में उपस्थित परिवहन विभाग के अफसरों को निर्देश दिया कि मार्ग दुर्घटनाओं को रोकने के लिए तेजी से प्रयास करें। सड़कों के किनारे ओवरलोड वाहन कतई न खड़े किए जाएं।

ओवरलोडिंग हर हाल में जीरो पॉइंट पर ही रोका जाए: सीएम

मुख्यमंत्री ने कहा कि कर अपवंचन तथा ओवरलोडिंग रोकने के लिए जनपदों में 55 चेक गेट्स स्थापित किए गए हैं। इन पर शीघ्र ही वे इन मोशन संयंत्र लगाए जाएं। ओवरलोडिंग हर हाल में जीरो पॉइंट पर ही रोका जाए। भारत सरकार के खनन मंत्रालय द्वारा स्टेट माइनिंग रेडिनेंश इंडेक्स तैयार किए जाने के निर्देश दिए गए हैं। इस संबंध में विभिन्न विभागों के समन्वय से आवश्यक सूचनाओं की समय से उपलब्धता सुनिश्चित की जाए।मुख्यमंत्री ने कहा कि नदियों के किनारे मिट्टी-बालू तथा सिल्ट का प्रयोग ईंट बनाने में किया जाए। यह पर्यावरण को बचाने में कारगर होगा। उपजाऊ जमीन की मिट्टी का उपयोग ईंट भट्ठों में न किया जाए।
बेटे ने ही मां को उतारा था मौत का घाट ,साथी के साथ मिलकर वारदात को दिया अंजाम
लखनऊ । राजधानी में नगराम पुलिस ने चौंकाने वाला खुलासा किया है। जिस मां ने अपने बेटे को पाल पोसकर बड़ा किया वहीं बड़ा होने के बाद शराब की खातिर अपनी ही मां को मौत के घाट उतार दिया। यह पूरी वारदात अपने साथी के साथ किया। खेत में गई मां का मफलर से गला घोंटकर हत्या कर दी। इसके बाद वारदात को लूट दिखाने के लिए मां के शरीर से सारे गहने को निकाल लिया। पुलिस ने बुधवार को जब आरोपी बेटे और उसके साथी को गिरफ्तार किया तब पूरा मामला खुलकर सामने आया। पुलिस ने दोनों आरोपियों से पूछताछ करने के बाद कोर्ट में पेश किया जहां से उन्हें जेल भेज दिया गया।

डीसीपी साउथ केशव ने बताया कि नगराम के करसण्डा गांव में शुक्रवार को प्रेमा नाम की महिला का खेत में शव मिला। सूचना पर पहुंची पुलिस ने शव को कब्जे में लेने के बाद पोस्टमार्टम को भेज दिया था। साथ महिला के बेटे दिलीप कुमार के तहरीर पर पिता, भाई, चाचा और अन्य लोगों के खिलाफ हत्या का शव जताते हुए तहरीर दी। पुलिस ने मुकदमा दर्ज करने के बाद जांच शुरू कर दी। मैनुअल और सर्विलांस की सहायता से प्रेमा के बेटे आकाश और उसके दोस्त सुलेमान को हिरासत में लेकर पूछताछ शुरू की तो सारा राज उगल दिया। डीसीपी ने बताया कि आकाश शराब पीने का आदी है।

इसी वजह से उसकी पत्नी रोज-रोज के झगड़े से तंग आकर मायके चली गई थी। पत्नी को यह कई बार लाने का प्रयास किया लेकिन वह आने को तैयार नहीं हुई। पत्नी को मायके से लाने के लिए आकाश मां पर दबाव बनाता था लेकिन वह बहू को प्रताड़ित नहीं होने देना चाहती है। इतना ही आकाश मां से हर दिन शराब पीने के लिए पैसा मांगता था। आकाश पैसा न मिलने के कारण मां से नाराज रहने लगा। इसी बीच मां प्रेमा शुक्रवार को खेत की रखवाली करने गई थी। मौके का फायदा उठाकर आकाश ने अपने साथी सुलेमान के साथ खेत पर पहुंचा और मफलर से गला घोंटकर हत्या कर दी। पुलिस को लूट दिखाने के लिए जेवर निकाल लिया और मोबाइल बंद करके अपने पास रख लिया। इतना ही नहीं पुलिस को शक ने हो इसके लिए अंतिम संस्कार में भी शामिल होकर खूब आंसू बहाया। पुलिस ने अभियुक्तों के पास से गहने व मोबाइल बरामद कर लिया है।
कैसरबाग में ब्रदर्स कैफे में लगी आग, कोई हताहत नहीं
लखनऊ। राजधानी के कैसरबाग थाना क्षेत्र में गोल चौराहे के निकट ब्रदर्स कैफे में मंगलवार काे देर रात 11 बजे के करीब आग लगी। आग लगने के बाद उठता धुंआ देखकर आसपास के लोग सड़क पर आ गये। मौके पर अफरातफरी मच गई। उधर आग लगने के कारण से बगल की बिल्डिंग में धुंआ पहुंचा तो वहां से फायर सर्विस स्टेशन को फोन से सूचित किया।

कैफे के मालिक ने कैसरबाग थाने में कोई शिकायत नहीं की

ब्रदर्स कैफे में आग लगने की घटना के करीब एक घंटे के भीतर हजरतगंज फायर सर्विस स्टेशन से वाहनों का पहुंचना हुआ। वाहनों पर सवार कर्मचारियों ने रात दो बजे के बाद तक आग पर काबू पा लिया। आग लगने का कारण कोई ज्वलंत वस्तु का होना पाया गया। कैफे के मालिक ने कैसरबाग थाने में कोई शिकायत नहीं की है। बुधवार की सुबह कैफे से जला हुआ मलबा हटाया गया है।

आग लगने से कोई हताहट नहीं हुआ

हजरतगंज के फायर सर्विस आफिसर मंगेश ने बताया कि ओडियन सिनेमा हॉल के पास में आग लगी थी। यह बिल्डिंग ब्रदर्स कैफे के नाम से जानी जाती है। बिल्डिंग के दूसरे तल पर रेस्टाेरेंट में आग लग गयी। मौके पर टीम ने आग बुझा दिया है। किसी प्रकार का कोई हताहत नहीं है। घटना का कारण किसी ज्वलंत वस्तु में आग लगना या शार्ट सर्किट ही समझ में आ रहा है।
हिमाचल के राज्यपाल का काफिला आपस में टकराया,दो स्टाफ घायल

लखनऊ। हिमाचल प्रदेश के राज्यपाल शिव प्रताप शुक्ला मंगलवार की सुबह लखनऊ के अमौसी एयरपोर्ट पहुंचे। वहां से राजभवन जाने के लिए निकले ही थे, तभी शहीद पथ पर उनकी फ्लीट के वाहनों में आपस में टक्कर हो गयी। वाहनों के टकराने से उसमें सवार दो स्टाफ घायल हो गये। जिन्हें तत्काल ही अस्पताल भेजा गया। शहीद पथ के रास्ते राजभवन की ओर आते हुए सबसे आगे चल रहे वाहन के अचानक से ब्रेक लगाने से दूसरे और तीसरे वाहनों का आपस में टक्कर होना सामने आया है।

घायलों को सरोजनीनगर के सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्र भेजा गया है, जहां विभोर नामक स्टाफ को थोड़ी ज्यादा चोटें आयी है। वहीं फ्लीट में सवार रहे निजी चिकित्सक को मामूली चोट आयी है। घटना के बाद राज्यपाल शिव प्रताप शुक्ला दुर्घटना स्थल से निकले और राजभवन पहुंचें। इसके बाद राज्यपाल ने अपने घायल स्टाफ के स्वास्थ्य की जानकारी ली। बताया जा रहा है कि फ्लीट के सामने अचानक एक वाहन ने ब्रेक लगा दिया था, जिसकी वजह से हादसा हुआ। हादसे में राज्यपाल सुरक्षित हैं।

पुलिस हादसे का कारण पता लगा रही है। हादसे के बाद सुरक्षा में तैनात अफसरों की कार्यशैली पर सवाल उठने लगे हैं। माना जा रहा है कि जिन पुलिसकर्मियों की लापरवाही सामने आएगी, उनके खिलाफ कार्रवाई होगी।फ्लीट में एसीपी गाजीपुर भी शामिल थे। वह भी घायल हुए हैं। उनको दूसरी गाड़ी से भेजा गया है। हादसे की वजह से शहीद पथ पर जाम लग गया है। जाम की वजह से लोगों को परेशानी का सामना करना पड़ा रहा है।
महाकुम्भ : भीड़ कंट्रोल को माउंटेड पुलिस रहेगी तैनात,अमेरिकन व इंग्लैंड ब्रीड के घोड़े भी भीड़ नियंत्रण का करेंगे काम
लखनऊ। महाकुम्भ में भीड़ कंट्रोल के लिए योगी सरकार की खास प्रशिक्षित माउंटेड पुलिस मेले में तैनात रहेगी। महाकुम्भ में जल और थल दोनों स्थानों में उत्तर प्रदेश की प्रशिक्षित माउंटेड पुलिस करोड़ों श्रद्धालुओं की राह सुगम करने के लिए खास ट्रेंड है। पुलिस के जवान जहां पैदल नहीं पहुंच पाएंगे, वहां माउंटेड पुलिस जाकर श्रद्धालुओं की राह आसान करेगी। इसके लिए 130 घोड़े और 166 पुलिस कर्मी व स्टाफ तैनात किये गए हैं। इसमें भारतीय ब्रीड के घोड़ों के साथ अमेरिकन और इंग्लैंड ब्रीड के घोड़े भी भीड़ नियंत्रण का काम करेंगे।

मेले की ड्यूटी में तैनात घोड़ों के डाइट का और उनकी चिकित्सकीय सुविधा का खास ध्यान रखा जा रहा। घुड़सवार पुलिस देगी सुरक्षा का भरोसामहाकुम्भ के दौरान श्रद्धालुओं की सुरक्षा और व्यवस्था बनाए रखने के लिए माउंटेड पुलिस की भूमिका अहम होगी। भीड़ नियंत्रण और कठिन क्षेत्रों में गश्त के लिए माउंटेड पुलिस का उपयोग कुशलता और प्रभावशीलता का प्रतीक है। इनके मजबूत प्रशिक्षण और शानदार घोड़ों की सहायता से कुम्भ मेला पुलिस बल न केवल श्रद्धालुओं की सुरक्षा सुनिश्चित करेगा, बल्कि कुम्भ के विशाल आयोजन को सुचारू और व्यवस्थित बनाने में भी महत्वपूर्ण योगदान देगा।

घुड़सवार पुलिस की मौजूदगी भीड़ में अनुशासन बनाए रखने और श्रद्धालुओं को सुरक्षा का भरोसा देने का काम करेगी। घोड़ों को विशेष तरीके से किया गया ट्रेंडउत्तर प्रदेश के पुलिस महानिदेशक प्रशांत कुमार ने बताया कि घोड़ों को विशेष तरीके से ट्रेंड किया गया है। घोड़ों को मुरादाबाद और सीतापुर ट्रेंनिंग सेंटर में प्रशिक्षित किया गया है। महाकुम्भ को देखते हुए माउंटेड पुलिस को खास ट्रेनिंग कराई गई है, जिससे ये श्रद्धालुओं को किसी भी तरह का नुकसान न पहुंचा सकें, बल्कि भीड़ को नियंत्रित करते हुए उनके लिए सुगम राह बनाएं। माउंटेड पुलिस थल के साथ ही पानी मे भी जाकर क्राउड मैनेजमेंट करने में दक्ष है। सुबह और शाम हो रही गश्तघुड़सवार पुलिस लाइन के प्रतिसार निरीक्षक प्रेम बाबू ने बताया कि महाकुम्भ मेले के लिए सेना से अमेरिकन बाम ब्लड, इंग्लैंड का थ्रो नस्ल का घोड़ा खरीदा गया है। इसके अलावा भारतीय नस्ल के घोड़े भी हैं। इनमें से कुछ घोड़े सेना से भी खरीदे गए हैं।

उन्होंने बताया कि रोजाना घोड़ों को महाकुम्भ मेला क्षेत्र की भौगोलिक स्थितियों से परिचय कराने के लिए घुड़सवार पुलिस सुबह और शाम मेला क्षेत्र में गश्त पर निकलती है। घोड़ों के लिए तीन पशु चिकित्सक भी नियुक्त किये गए हैं। उन्होंने बताया कि फोर्स में 4 से 5 साल की उम्र के घोड़े आते हैं जो 20 साल की उम्र में रिटायर हो जाते हैं। महाकुम्भ मेले में तैनात होने वाले घोड़ों की संख्या 130 -तैनात घुड़सवार पुलिस (इंस्पेक्टर, सब इंस्पेक्टर, हेड कांस्टेबल व कांस्टेबल) की संख्या 131 -घोड़ों की सेवा में लगे अन्य स्टाफ 35 -प्रमुख घोड़ों का नाम दारा, राका, शाहीन, जैकी, गौरी, अहिल्या, रणकुम्भ है।
महाकुम्भ में होगी आंखों की जांच, घर के पास पसंद के अस्पताल में करा सकेंगे ऑपरेशन

लखनऊ। तीर्थराज प्रयागराज में संगम के पावन तट पर 13 जनवरी 2025 से शुरू हो रहे दुनिया के सबसे बड़े धार्मिक आयोजन महाकुम्भ में करोड़ों लोग आस्था की डुबकी लगाने के लिए जुटने वाले हैं। योगी सरकार की ओर से इन श्रद्धालुओं की सुविधा और सुरक्षा के साथ ही उनके स्वास्थ्य पर भी विशेष ध्यान दिया जा रहा है। इसी क्रम में महाकुम्भ के दौरान आने वाले श्रद्धालुओं के नेत्रों (आंखों) के स्वास्थ्य को लेकर भी यहां नेत्र कुम्भ की स्थापना की जा रही है। 9 एकड़ में बन रहे इस नेत्र कुम्भ में पहली बार एक साथ 5 लाख से ज्यादा लोगों की आंखों की जांच और 3 लाख चश्मों के वितरण का दावा किया जा रहा है। इसमें सबसे महत्वपूर्ण बात ये है कि यहां जांच कराने वाले ऐसे नेत्र रोगियों को जिन्हें ऑपरेशन की आवश्यकता है, उन्हें उनके घर के पास स्थित नेत्र चिकित्सालय में निशुल्क ऑपरेशन की सुविधा प्रदान की जाएगी। इसके लिए नेत्र कुम्भ की ओर से देश भर के 150 से ज्यादा अस्पतालों के साथ करार किया गया है। यानी रोगी अपनी आंखों की जांच महाकुम्भ में आकर कराएंगे और ऑपरेशन अपने घर जाकर।

150 अस्पतालों के साथ किया करार

नेत्र कुम्भ की आयोजन कमेटी के अध्यक्ष कवींद्र प्रताप सिंह ने बताया कि इस महाकुम्भ में पहली बार ये व्यवस्था की जा रही है कि डॉक्टर्स जिस मरीज को भी ऑपरेशन के लिए रेफर करेंगे, वह अपने जिले या घर के करीब स्थित अस्पताल में जब चाहे ऑपरेशन करा सकता है। ऐसे मरीजों को डॉक्टर निरीक्षण के बाद एक एक रेफरल कार्ड देंगे, जिसकी एक कॉपी संबंधित अस्पताल को जाएगी और दूसरी कॉपी नेत्र कुम्भ की आयोजक संस्था 'सक्षम' के कार्यकर्ता को जाएगी। इसके बाद सक्षम कार्यकर्ता या मरीज कोऑर्डिनेट करके अपने रहने के स्थान पर सुविधानुसार निशुल्क ऑपरेशन सुविधा का लाभ उठा सकेंगे। उन्होंने बताया कि मरीजों के ऑपरेशन के लिए देश भर के 150 छोटे-बड़े अस्पतालों को इम्पैनल किया गया है। संबंधित मरीज मेले के दौरान या मेले के बाद भी इस सुविधा का लाभ उठा सकेंगे। अनुमान है कि नेत्र कुम्भ से 50 हजार लोगों को ऑपरेशन कार्ड प्रदान किए जा सकते हैं।

5 लाख लोगों की आंखों की जांच का बनेगा रिकॉर्ड

उन्होंने कहा कि महाकुम्भ सामाजिक समरसता का प्रतीक है। इसमें देश भर से करोड़ों श्रद्धालु आ रहे हैं। उनकी सुविधा को देखते हुए इस नेत्र चिकित्सा महायज्ञ का नेत्र कुम्भ के रूप में आयोजन किया जा रहा है। इस नेत्र कुम्भ में भारतीय सेना के डॉक्टर भी अपनी सेवाएं निःशुल्क देंगे। यहां आने वाले मरीजों को निशुल्क निरीक्षण के साथ ही निशुल्क दवाएं और निशुल्क जलपान की भी व्यवस्था रहेगी। उन्होंने कहा कि नेत्र कुम्भ का आयोजन पहली बार 2019 में किया गया था। तब से लेकर अब इसके स्केल में दोगुना से अधिक वृद्धि हो चुकी है। 2019 कुम्भ के दौरान 1.5 लाख लोगों को चश्मा और 3 लाख लोगों की जांच के साथ हमने लिम्का बुक ऑफ वर्ल्ड रिकॉर्ड में स्थान बनाया था। इस बार यह नेत्र कुम्भ पिछले रिकॉर्ड को भी तोड़ने जा रहा है। संख्या की दृष्टि से यह भारत ही नहीं, बल्कि दुनिया में भी किसी आयोजन में नेत्र रोगियों की जांच और चश्मा वितरण का सबसे बड़ा रिकॉर्ड होगा। इस आयोजन में हमारी सहयोगी संस्थाओं के साथ ही मेला प्रशासन की ओर से भी योगदान दिया जा रहा है।

प्रतिदिन 40 डॉक्टर्स की टीम रहेगी मौजूद

नेत्र कुम्भ की मीडिया को-ऑर्डिनेटर डॉ. कीर्तिका अग्रवाल ने बताया कि इस नेत्र कुम्भ का आयोजन सेक्टर 6 में स्थित नागवासुकि मंदिर के सामने मेला क्षेत्र में होने जा रहा है। इसका उद्देश्य जागरूकता के अभाव में बड़ी संख्या में आंखों की रोशनी खोने वालों की मदद करना है। नेत्र कुम्भ 12 जनवरी से मेला क्षेत्र में शुरू होगा, जो 26 फरवरी तक प्रतिदिन (प्रमुख स्नान पर्व को छोड़कर) चलता रहेगा। इसमें नेत्र संबंधित समस्याओं से ग्रसित लोग आ सकते हैं और यहां पूरी व्यवस्था निशुल्क रहेगी। करीब 150 डॉक्टर्स बाहर से आकर यहां पर अपनी सेवाएं देंगे, जबकि करीब 400 डॉक्टर्स यहां 45 दिन तक उपस्थित होंगे। इनमें प्रति दिन 40 डॉक्टर्स ओपीडी का हिस्सा बनेंगे। वहीं 500 से ज्यादा ऑप्टोमेट्रिस्ट रहेंगे, जिनमें 100 प्रतिदिन सेवाएं प्रदान करेंगे। कुल मिलाकर प्रतिदिन 200 डॉक्टर्स, ऑप्टोमेट्रिस्ट और अन्य वालंटियर्स नेत्र रोगियों की सेवा में मौजूद रहेंगे। नेत्र ओपीडी सुबह 8 बजे से दोपहर दो बजे तक चलेगी, जिसे बढ़ाकर शाम 4 बजे तक किया जा सकता है।