जलकुंभी से भरी ऐतिहासिक अभिषेक पुष्करणी, कैसे होगा छठ
लोकतंत्र की जननी वैशाली में कई एतिहासिक स्थल हैं जिसके लिए पर्यटक तो आते हैं लेकिन इसकी साफ-सफाई और अस्वस्थ संचालन से निराश होना पड़ता हैं।
लोक आस्था के महापर्व छठ में अब कुछ दिन ही बचे हैं। लेकिन वैशाली में अधिकांश छठ घाटों पर गंदगी का अंबार पसरा है। छठ घाट की साफ सफाई पर प्रशासन की ओर से ध्यान नहीं दिया जा रहा है। वैशाली की ऐतिहासिक अभिषेक पुष्करणी छठ घाट में चारों ओर गंदगी फैला हुआ है। पुष्करणी के अंदर पूरी जगह जलकुंभी उपज गया है। यहां चक्रमदास एवं वैशाली पंचायत के लोग छठ पर्व करने आते हैं। पर्यटक स्थल के लिहाज से भी यह स्थल काफी महत्वपूर्ण है। पर्यटक अभिषेक पुषकरणी का दर्शन तो करने आते हैं, मगर इसकी स्थिति को देखकर वापस चले जाते हैं। अब इसमें न तो पानी रहता हैं न ही पर्यटक। विगत दो दशक से इस के सौंदर्यीकरण के नाम पर करोडों की राशि का खर्च हो चुकी है, मगर यह अभिषेक पुष्करणी आज भी उद्धार के इंतजार में है।
वैशाली प्रखंड क्षेत्र के बावन पोखर, भगवानपुर रत्ती गांव स्थित पोखर, प्रसिद्धनगर गांव स्थित पोखर, गोपालपुर चौक स्थित पोखर सभी जगहों पर गंदगी का अंबार फैला हुआ है। छठ घाट के नाम पर वैशाली के दो दर्जन से अधिक तालाब में छठ घाट का करोड़ों रूपए की लागत से निर्माण कार्य तो हुआ मगर पानी का साफ सफाई, आस पास उगे जंगल एवं तालाब में गंदगी का सफाई कार्य नही हो पाया।
यहां जतकौली, चिंतामणीपुर, मतैया आदि पंचायत के लोग बड़ी संख्या मे बाया नदी में छठ के व्रत करने जाते हैं मगर यहां भी सफाई का कोई व्यवस्था नहीं है कहीं कीचड़ है तो अधिकांश छठ घाट पर गंदगी फैला हुआ है।
वैशाली प्रखंड क्षेत्र के चकअलहलाद पंचायत के सिमरा, चकअलहलाद, सलेमपुर पंचायत के सलेमपुर, दुमदुमा, फुलाढ पंचायत के फुलाढ, चकपिताम्बर, मंसूरपुर आदि गांव के लोग हजारों की संख्या मे गंडक नदी के किनारे छठ पर्व करने आते हैं। इस वर्ष बाढ आने के कारण कई छठ घाट खतरनाक बन गया है नदी के किनारे हीं दस से बारह फीट तक गड्डा बन आया है। इस लिहाज से गंडक नदी का रमदौली, चकपिताम्बर, फुलाढ, सिमरा आदि छठ घाट बेहद हीं खतरनाक हो गया है।
Oct 27 2024, 15:24