'सासु मां मैं आपको कभी माफ नहीं करूंगा' लिखकर लगा ली फांसी, बंदी की मौत में आया नया मोड़
विभु मिश्रा
गाजियाबाद। जिला जेल डासना में बंदी की मौत के बाद मिले उसके दो पेज के सुसाइड नोट ने केस को नया मोड़ दे दिया है। इस नोट में उसने वादी महिला के प्रति नाराजगी व्यक्त की है और अपने मां-बाप से माफी मांगी है।
फिलहाल सुसाइड नोट पुलिस ने जब्त कर मामले की गहराई से तफ्तीश शुरू कर दी है।
बता दें कि बीती देर रात पॉक्सो एक्ट के मामले में 14 दिन पहले डासना जेल आये एक बंदी ने जेल में बिजली के तार से फांसी लगाकर आत्महत्या कर ली थी। जिसके बाद जेल प्रशासन में हड़कंप में मच गया था। इस मामले में शिवम राजपूत के पिता सुंदर सिंह राजपूत निवासी बुलंदशहर ने पिलखुवा पुलिस और जेल प्रशासन पर गंभीर आरोप लगाए थे। शिवम के पिता सुंदर सिंह ने आरोप लगाया था कि पिलखुवा पुलिस ने लड़की की मां के साथ मिलकर उनके बेटे को फर्जी फंसाया था।
छिजारसी चौकी इंचार्ज प्रदीप कुमार ने उनसे मामले को खत्म करने की एवज में एक लाख रुपए की डिमांड की थी। इतना ही नहीं लड़की की मां ने भी उनसे पांच लाख रुपए मांगे थे। जो बाद में दो लाख पर आ गई थी।
अब इस मामले में नया मोड़ आ गया है। जांच के दौरान पुलिस को मृतक शिवम के पास से एक सुसाइड नोट मिला है। जेल सुप्रिटेंडेंट सीताराम शर्मा के मुताबिक शिवम के पास से टूटी फूटी हिंदी में दो पेज का सुसाइड नोट मिला है। जिसमें उसने लिखा है कि वो अपनी प्रेमिका के बिना नहीं रह सकता।
साथ ही उसने सुसाइड नोट में टूटे हुए दिल की इमोजी भी बनाई हैं। नोट में उसने अपनी प्रेमिका की मां को अपनी मौत के लिए जिम्मेदार ठहराया है। नोट में उसने लिखा है कि ' सासु मां मैं आपको कभी माफ नहीं करूंगा'। इसके अलावा उसने नोट में अपने माता-पिता से भी इस कदम को उठाने के लिए माफी मांगी है।
श्री शर्मा ने शिवम के आरोपों को निराधार बताया है। उनका कहना है कि शिवम के साथ जेल में किसी तरह का कोई काम जबरन नहीं कराया जा रहा था। वह वेल्डिंग का काम जनता था तो उसे जेल में बन रहे नए बाथरूमों के दरवाजों की वेल्डिंग का काम दिया गया था। उन्होंने बताया कि साथी बंदियों से पूछताछ में पता चला है कि जब से वह जेल में आया था तब से वह गुमसुम रहता था। बाकी बंदियों से वह बात भी बहुत कम करता था। फिलहाल पुलिस सुसाइड नोट के आधार पर मामले की जांच करने की बात कह रही है।
Sep 26 2024, 11:22