डासना जेल में फांसी पर झूल गया पॉक्सो एक्ट का आरोपी, जेल प्रशासन में मचा हड़कंप
विभु मिश्रा
गाजियाबाद। उत्तर प्रदेश की सबसे हाईटेक जिला जेल डासना से एक दिल दहलाने वाली घटना सामने आई है। पॉक्सो एक्ट के मामले में 14 दिन पहले जेल आये एक बंदी ने जेल में फांसी लगाकर आत्महत्या कर ली।
जिसके बाद जेल प्रशासन में हड़कंप में मचा है। फिलहाल बंदी के शव को पोस्टमार्टम के लिए भेज दिया गया है।
जानकारी के अनुसार 19 वर्षीय शिवम राजपूत पुत्र सुंदर सिंह राजपूत निवासी बुलंदशहर को जनपद हापुड़ की पिलखुवा पुलिस द्वारा 10 सितंबर 2024 को पॉस्को के मामले में डासना की जिला जेल में भेजा गया था। युवक ने मंगलवार रात जेल के अंदर फांसी लगाकर आत्महत्या कर ली।
बंदी द्वारा सुसाइड किए जाने की सूचना मिलते ही जेल प्रशासन के हाथ पांव फूल गए। आनन फानन में अधिकारियों ने मौके पर पहुंचकर तफ्तीश की और शिवम के शव को पोस्टमार्टम के लिए भिजवा दिया। शिवम की मौत की सूचना उसके परिजनों को दी गई जिसके बाद वहां पहुंचे परिजनों ने पिलखुवा पुलिस और जेल प्रशासन पर गंभीर आरोप लगाए।
शिवम के पिता सुंदर सिंह ने आरोप लगाया कि पिलखुवा पुलिस ने लड़की की मां के साथ मिलकर उनके बेटे को फर्जी फंसाया था। छिजारसी चौकी इंचार्ज प्रदीप कुमार ने उनसे मामले को खत्म करने की एवज में एक लाख रुपए की डिमांड की थी। इतना ही नहीं लड़की की मां ने भी उनसे पांच लाख रुपए मांगे थे। जो बाद में दो लाख पर आ गई थी। इस मामले में परिजनों ने जेल प्रशासन पर भी काफी गंभीर आरोप लगाए हैं। सुंदर ने बताया कि उनके द्वारा मिलाई के समय लड़के को पांच हजार रुपए गिनती कटवाने के नाम पर दिए गए।
इसके बावजूद उसकी गिनती नहीं काटी गई थी और जेल प्रशासन ज्यादा डिमांड कर रहा था। और पैसे न देने पर उससे जेल में जबरन कार्य कराया जा रहा था। जिस कारण से उसने सुसाइड किया है। फिलहाल पुलिस ने मृतक युवक के शव को पोस्टमार्टम के लिए भेज दिया है और पूरे मामले की जांच पड़ताल की बात कर रही है। इस मामले से जहां जेल प्रशासन में हड़कंप मचा दिया वहीं परिजनों के आरोपों से उस पर सवालिया निशान भी खड़े हो रहे हैं। जेल प्रशासन मामले की जांच की बात कह रहा है।
Sep 25 2024, 14:39