वक्फ बोर्ड क्या होते हैं, कानून में संशोधन की जरूरत क्यों पड़ी?
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केंद्र की नरेंद्र मोदी सरकार वक्फ बोर्ड के अधिकारों को कम करने का प्लान बनाया है। इसको लेकर केन्द्र की मोदी सरकार ने वक्फ बोर्ड अधिनियम में संशोधन का बिल संसद में पेश किया।इस नए बिल में किसी जमीन को अपनी संपत्ति यानी वक्फ की संपत्ति बताने वाली पावर पर रोक लगेगी।सरकार का कहना है कि इस विधेयक के जरिए वक्फ बोर्ड को मिली असीमित शक्तियों पर अंकुश लगाकर बेहतर और पारदर्शी तरीके से प्रबंधन किया जाएगा। सरकार ने इसे संयुक्त संसदीय समिति (जेपीसी) के पास भेजने की सिफारिश की है।
वक्फ और वक्फ की संपत्तियों को लेकर हिंदुस्तान में गाहे ब गाहे चर्चा होती रहती है। हममें से ज़्यादातर लोगों ने वक्फ के बारे में सुना तो है, लेकिन जानते नहीं कि वक्फ होता क्या है।आइये समझते हैं कि वक्फ बोर्ड क्या है, इसे कौन-कौन सी पावर मिली हुई है।
*वक्फ बोर्ड क्या है*
वक्फ अरबी भाषा के वकुफा शब्द से बना है, जिसका अर्थ होता है ठहरना। इसी से बना वक्फ। यानी ऐसी जमीनें जो किसी व्यक्ति या संस्था के नाम नहीं है। वक्फ एक ऐसी संपत्ति होती है, जो जन-कल्याण को समर्पित हो। वक्फ कोई भी चल या अचल संपत्ति हो सकती है, जिसे इस्लाम को मानने वाला कोई भी व्यक्ति धार्मिक कार्यों के लिए दान कर सकता है। इस दान की हुई संपत्ति की कोई भी मालिक नहीं होता है। दान की हुई इस संपत्ति का मालिक अल्लाह को माना जाता है। लेकिन, उसे संचालित करने के लिए कुछ संस्थान बनाए गए है। वक्फ की संपत्ति का संचालन करने के लिए वक्फ बोर्ड होते हैं। ये स्थानीय और राज्य स्तर पर बने होते हैं।
वक्फ बोर्ड का एक सर्वेयर होता है। वही तय करता है कि कौन सी संपत्ति वक्फ की है, कौन सी नहीं। इस निर्धारण के तीन आधार होते हैं- अगर किसी ने अपनी संपत्ति वक्फ के नाम कर दी, अगर कोई मुसलमान या मुस्लिम संस्था जमीन की लंबे समय से इस्तेमाल कर रहा है या फिर सर्वे में जमीन का वक्फ की संपत्ति होना साबित हुआ। वक्फ बोर्ड मुस्लिम समाज की जमीनों पर नियंत्रण रखने के लिए बनाया गया था। जिससे इन जमीनों के बेजा इस्तेमाल को रोकने और गैरकानूनी तरीकों से बेचने पर रोक के लिए बनाया गया था।
*भारत में कब बना वक्फ बोर्ड?*
1947 में आज़ादी के बाद पूरे देश में पसरी वक्फ संपत्तियों के लिए एक स्ट्रक्चर बनाने की बात हुई। इसी तरह साल 1954 में संसद ने वक्फ एक्ट 1954 पास किया। इसी के नतीजे में वक्फ बोर्ड बना। ये एक ट्रस्ट था, जिसके तहत सारी वक्फ संपत्तियां आ गईं। 1955 में यानी कानून लागू होने के एक साल बाद, इस कानून में संशोधन कर राज्यों के लेवल पर वक़्फ बोर्ड बनाने का प्रावधान किया गया। इसके बाद साल 1995 में नया वक्फ बोर्ड एक्ट आया और 2013 में इसमें संशोधन किये गए।
फिलहाल जो व्यवस्था है, वो इन्हीं कानूनों और संशोधनों के तहत चल रही है। प्रायः मुस्लिम धर्मस्थल वक्फ बोर्ड एक्ट के तहत ही आते हैं। लेकिन इसके अपवाद भी हैं। जैसे ये कानून अजमेर शरीफ दरगाह पर लागू नहीं होता। इस दरगाह के प्रबंधन के लिए दरगाह ख्वाजा साहिब एक्ट 1955 बना हुआ है।
*कैसे काम करता है वक्फ बोर्ड*
वक्फ बोर्ड देशभर में जहां भी कब्रिस्तान की घेरेबंदी करवाता है, उसके आसपास की जमीन को भी अपनी संपत्ति करार दे देता है। इन मजारों और आसपास की जमीनों पर वक्फ बोर्ड का कब्जा हो जाता है। चूंकि 1995 का वक्फ एक्ट कहता है कि अगर वक्फ बोर्ड को लगता है कि कोई जमीन वक्फ की संपत्ति है तो यह साबित करने की जिम्मेदारी उसकी नहीं, बल्कि जमीन के असली मालिक की होती है कि वो बताए कि कैसे उसकी जमीन वक्फ की नहीं है। 1995 का कानून यह जरूर कहता है कि किसी निजी संपत्ति पर वक्फ बोर्ड अपना दावा नहीं कर सकता, लेकिन यह तय कैसे होगा कि संपत्ति निजी है? अगर वक्फ बोर्ड को सिर्फ लगता है कि कोई संपत्ति वक्फ की है तो उसे कोई दस्तावेज या सबूत पेश नहीं करना है। सारे कागज और सबूत उसे देने हैं जो अब तक दावेदार रहा है। कौन नहीं जानता है कि कई परिवारों के पास जमीन का पुख्ता कागज नहीं होता है। वक्फ बोर्ड इसी का फायदा उठाता है क्योंकि उसे कब्जा जमाने के लिए कोई कागज नहीं देना है।
*क्यों पड़ी संशोधन की जरुरत*
सरकार का कहना है कि वक्फ बोर्ड कानून में संशोधन करके केंद्रीय पोर्टल और डेटाबेस के माध्यम से वक्फ के पंजीकरण के तरीके को सुव्यवस्थित करना है। इसमें कहा गया है कि किसी भी संपत्ति को वक्फ संपत्ति के रूप में दर्ज करने से पहले सभी संबंधितों को उचित नोटिस के साथ राजस्व कानूनों के अनुसार कार्रवाई की जाएगी। रिपोर्ट के मुताबिक, सरकार का कहना है कि संशोधन विधेयक के पीछे का मकशद वक्फ बोर्डों के कामकाज में जवाबदेही और पारदर्शिता बढ़ाना है। इन निकायों में महिलाओं की अनिवार्य भागीदारी सुनिश्चित करना है। सरकार की तरफ से कहा गया है कि यह संसोधन मुस्लिम समुदाय की मांग पर किया जा रहा है।
Aug 08 2024, 19:58