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27 % वेतन वृद्धि नहीं मिलने से संविदा स्वास्थ्य कर्मियों में आक्रोश, स्वास्थ्य मंत्री श्यामबिहारी ने कहा – जल्द मिलेगी खुशखबरी

रायपुर-   छत्तीसगढ़ प्रदेश एनएचएम कर्मचारी संघ के जिला अध्यक्ष अमृत राव भोंसले के नेतृत्व एवं प्रदेश अध्यक्ष डॉ. अमित मिरी व कौशलेश तिवारी के मार्गदर्शन में प्रतिनिधिमंडल ने आज स्वास्थ्य मंत्री श्याम बिहारी जायसवाल से मुलाकात की. इस दौरान मंत्री को एक बार फिर 27 प्रतिशत वेतन वृद्धि एवं ग्रेड पे सहित 18 मांगों को लेकर ज्ञापन सौंपा गया. इस दौरान मंत्री श्यामबिहारी ने कहा, एनएचएम वालों को बहुत जल्द 27 प्रतिशत वेतन वृद्धि की खुशखबरी मिलेगी और हड़ताल की जरूरत नहीं पड़ेगी.

प्रतिनिधिमंडल ने मंत्री को बताया कि पहले भी मांगों को लेकर आग्रह किया था पर आज तक कोई निराकरण नहीं हुआ है. राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन एवं एड्स नियंत्रण कार्यक्रम के संविदा स्वास्थ्य कर्मचारियों को अभी तक 27 प्रतिशत वेतन वृद्धि प्राप्त नहीं हुई है. ज्ञात हो कि जुलाई 2023 में बजट सत्र के दौरान सभी विभाग के संविदा कर्मचारियों को 350 करोड़ रुपए 27 प्रतिशत वेतन वृद्धि के लिए प्रदान किया गया था, जो आज तक स्वास्थ्य विभाग के इन कर्मचारियों को अप्राप्त है.

प्रतिनिधिमंडल ने बताया, 27 प्रतिशत वेतन नहीं मिलने के कारण कर्मचारियों में आक्रोश है. आगामी दिनों में बड़ा आंदोलन भी हो सकता है. प्रतिनिधिमंडल ने बताया कि उनका स्वास्थ्य मंत्री से मुलाकात बहुत सकारात्मक रहा है और इसमें एक सप्ताह के भीतर कार्यवाही करने का भरोसा भी दिया गया. इस अवसर पर अमृत राव भोंसले जिलाध्यक्ष, एनएचएम गरियाबंद प्रशांत अवधिया, डॉ शंकर पटेल, डॉ योगेंद्र रघुवंशी, भूपेश साहू, लम्बोदर महतो,कमलेश ढीढी, योगेश साहू, लालिमा साहू, कविता जगत, धीरज शर्मा, भारत ठाकुर, टिकेश साहू, टिकेश बांसकर,दीपेश टाँडी, सौरभ गुप्ता आदि उपस्थित रहे.

बृजमोहन अग्रवाल ने कांग्रेस पर निशाना साधा, "संविधान की हत्या करने वालों के साथ है कांग्रेस"

रायपुर-   कांग्रेस पार्टी, लोकतंत्र और भारतीय संविधान पर विश्वास नहीं रखती है इसका सबसे बड़ा उदाहरण है 1975 का आपातकाल, जब 25 जून की सुबह तत्कालीन प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी ने अपने निजी स्वार्थों की पूर्ति के लिए देश में इमरजेंसी की घोषणा की थी। यह कहना है रायपुर से भाजपा सांसद बृजमोहन अग्रवाल का। श्री बृजमोहन अग्रवाल ने बुधवार को आपातकाल के 50 साल पूरे होने पर दिल्ली में भारतीय जनता पार्टी के सांसदों के साथ संसद परिसर में विरोध प्रदर्शन किया और कांग्रेस व राहुल गांधी से इंदिरा गांधी के कृत्यों पर माफी मांगने की मांग की। रायपुर सांसद बृजमोहन अग्रवाल ने कहा कि 1975 में इंदिरा गांधी ने पूरे देश को जेल बना दिया था। संविधान और लोकतंत्र की हत्या कर दी थी। विपक्ष के नेताओं को जेल में डाल दिया गया था। हजारों परिवारों को बेघर कर दिया गया। इतना ही नहीं बड़ी संख्या में लोगों की मौत भी हो गई थी।

उन्होंने कहा कि, आपातकाल के 50 साल पूरे होने पर आज लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला विशेष निंदा प्रस्ताव लाए और पीड़ितों के सम्मान में सदन में 2 मिनट का मौन रखा। जिसका कांग्रेस विरोध कर रही है। इसका मतलब साफ है कि कांग्रेस इमरजेंसी का समर्थन करती है। कांग्रेस बात तो संविधान की रक्षा की करती है। लेकिन संविधान की हत्या करने वालों के साथ है। जिसके विरोध में भाजपा प्रदर्शन कर रही है। बता दें कि 1975 में तत्कालीन प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी ने देश में इमरजेंसी लगा दी थी इस दौरान भारत के नागरिकों के अधिकारों को नष्ट कर दिया गया था। नागरिकों से उनकी आजादी छीन ली गई थी। यह वह दौर था जब विपक्ष के नेताओं को जेलों में बंद कर दिया गया था। पूरे देश को जेल बना दिया गया था।

बस्तर में 5 करोड़ की लागत से बनेगा ग्लास ब्रिज, पर्यटक करीब से निहार पाएंगे तीरथगढ़ जल प्रपात की खूबसूरती…

जगदलपुर- बस्तर के कांगेर वैली नेशनल पार्क में पर्यटन की दृष्टि से बनाये जाने वाले ग्लास ब्रिज का सर्वे पूरा हो गया है. करीबन 5 से 6 करोड़ की लागत से तीरथगढ़ जल प्रपात के सामने बनाए जाने वाले ग्लास ब्रिज की बदौलत पर्यटक सुरक्षित तरीके से जल प्रपात की पूरी खूबसूरती को निहार पाएंगे. 

बारिश के मौसम में तीरथगढ़ जल प्रपात अपने रौद्र रूप में नजर आता है. उस वक्त पर्यटक इसे करीब से देखना तो चाहते हैं, लेकिन खतरे की वजह से जलप्रपात के करीब जाने से विभाग ने रोक लगा रखी है. कांच का ब्रिज बन जाने से पर्यटक बारिश के समय में भी तीरथगढ़ को करीब से देख पाएंगे.

यह ग्लास ब्रिज 5 से 6 करोड़ की लागत से बनाई जाएगी. 2025 तक यह ब्रिज बनकर तैयार हो जाएगा. हालांकि, इस ब्रिज से तीरथगढ़ का लुत्फ उठाने वाले पर्यटकों को टिकट लेना होगा, जिसकी दर आने वाले दिनों में तय की जाएगी.

सीसीएफ राजेश पांडे का कहना है कि तीरथगढ़ जल प्रपात में ग्लास ब्रिज बन जाने से पर्यटकों की संख्या और बढ़ेगी. यह ब्रिज लगभग 150 से 175 मीटर लंबी होगी. इस प्रकार के ब्रिज भारत में गिने-चुने ही हैं. इस लिहाज से ब्रिज के बन जाने से पर्यटकों की संख्या बढ़ने की पूरी संभावना है.

मुख्यमंत्री जनदर्शन कार्यक्रम जनता से जुड़ने का है सशक्त माध्यम

रायपुर-  जनदर्शन कार्यक्रम महज जनता से भेंट करने का माध्यम ही नहीं है, यह एक ऐसा विश्वास का सेतु है, जिसमें संवाद भी है और समस्याओं के समाधान के साथ प्रदेश का विकास भी समाहित है। अरसे बाद एक बार फिर मुख्यमंत्री निवास में जनदर्शन कार्यक्रम प्रारंभ होने जा रहा है। इस जनदर्शन कार्यक्रम का लोगों को बेसब्री से इंतजार भी था। वे अपने मुखिया से मिलकर अपना सुख-दुख साझा तो करते ही है, इसके साथ ही संवाद के माध्यम से प्रदेश के विकास की अवधारणा को लेकर अपना मंतव्य प्रकट करते हैं। आदिवासी मुख्यमंत्री होने के साथ ही सरलता, सहजता का पर्याय विष्णुदेव साय अपने मुख्यमंत्री निवास में 27 जून से प्रातः 11 बजे जनदर्शन कार्यक्रम के माध्यम से सीधे संवाद स्थापित करेंगे।

मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय द्वारा जनदर्शन कार्यक्रम के माध्यम से जनता से सीधे जुड़ने का प्रयास उनके धरातल से जुड़े रहने का अहसास कराता है। साधारण से ग्रामीण परिवार वाले पृष्ठभूमि से आए मुख्यमंत्री श्री साय गरीबों के साथ जरूरतमंदों के लिए अब आसानी से उपलब्ध होंगे। मुख्यमंत्री जैसे पद पर जहां निरन्तर व्यस्तताएं होती है और सभी लोगों तक पहुंच पाना और उनकी समस्याओं को, उनकी बातों को सुन और समझ पाना चुनौती है, ऐसे में जनदर्शन कार्यक्रम का आयोजन करके प्रदेश भर की जरूरतमंद जनता से मुलाकात करने का निर्णय साहसिक और सराहनीय भी है।

वैसे तो प्रदेश के मुखिया विष्णुदेव साय राजधानी स्थित अपने निवास में और जिलों के कार्यक्रमों में आम जनता से निरन्तर मुलाकात करते रहते हैं और उनकी समस्याएं भी सुनते रहते हैं। उन्होंने अपने गृहग्राम बगिया में आम जनता की समस्याओं को सुनने और निराकृत करने अलग से कैम्प भी बनवाया है। वे जब अपने गृहग्राम जाते हैं तो भी बड़ी सहजता से आमजनों से मुलाकात कर समस्या का निराकरण करते नजर आते हैं। वे जब नहीं होते हैं तो उनके मार्गदर्शन में उनकी पत्नी द्वारा भी आमजनों से मुलाकात की जाती है। जरूरतमंदों को मार्गदर्शन किया जाता हैं। गृहग्राम बगिया में जनदर्शन के माध्यम से मुख्यमंत्री ने अनेक लोगों की समस्याओं का निराकरण किया है। एम्बुलेंस भेजकर गंभीर बीमारी से पीड़ित मरीज को अस्पताल में भर्ती कराकर उपचार भी कराए हैं। ऐसे ही जशपुर जिले की निवासी सुकांति बाई चौहान है, जिनका पैर खाना बनाते समय आग में झुलस गया था। वह चलने में असहाय थी। जनदर्शन के माध्यम से जब मुख्यमंत्री के संज्ञान में यह बात आई तो उन्होंने रायपुर में सुकांति बाई का उपचार करवाया। उपचार के बाद स्वस्थ हुई सुकांति बाई जब अपने पैरों में खड़ी हो गई तो मुख्यमंत्री श्री साय ने उनसे फोन पर बात कर हालचाल भी जाना। आर्थिक तंगी झेल रही सुकांति बाई के लिए मुख्यमंत्री के गृहग्राम बगिया का जनदर्शन कितना लाभदायक साबित हुआ यह तो वह ही जानती है, लेकिन असहाय और जरूरतमंद महिला के प्रति मुख्यमंत्री ने जो किया, यह उनकी संवेदनशीलता को दर्शाता है।

मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय न सिर्फ गृहग्राम बगिया में लोगों की समस्याएं सुनते हैं, वे राजधानी रायपुर निवास में और विभिन्न कार्यक्रमों में भी आमजनों के आवेदन प्राप्त कर उसके निराकरण की दिशा में कार्यवाही करते हैं। मुख्यमंत्री निवास में प्रतिदिन सैकड़ों लोग उनसे मिलने आते हैं। वे बहुत ही सहृदयता से उनकी बातें सुनते, समझते हैं। अब जबकि उन्होंने सप्ताह में गुरूवार के दिन अपने निवास में जनदर्शन कार्यक्रम प्रारंभ करने का निर्णय लिया है, ऐसे में प्रदेश भर की जनता से उनका सीधा संवाद होगा। सरगुजा से लेकर बस्तर तक के आमजनों की समस्याएं-शिकायतें मुख्यमंत्री द्वारा आसानी से सुनी जाएगी और जाहिर है कि प्रदेश के मुखिया तक बात पहुंचने से उनकी समस्याओं के समाधान में गतिशीलता नजर आयेगी। आम जनता की मुख्यमंत्री तक पहुंच, एक ओर शासन-प्रशासन में सुशासन के वातावरण को और प्रकाशमान करेगा, वहीं जनमानस का विश्वास सरकार के प्रति मजबूत होकर निखरेगा। मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय द्वारा सप्ताह में गुरूवार के दिन जनदर्शन कार्यक्रम करने का यह निर्णय आम जनता के प्रति उनकी निकटता, उनके समस्याओं के प्रति संवेदनशीलता और जनता के प्रति एक जिम्मेदार मुख्यमंत्री होने का फर्ज निभाने जैसा है और निःसंदेह इस कार्यक्रम से समस्याओं के समाधान और जनता से संवाद आसान होगा।

खूबचंद बघेल स्वास्थ्य सहायता योजना का बदला नाम : पूर्व मंत्री सिंहदेव ने कहा – योजना का नाम बदलना लोकतंत्र के लिए अच्छा नहीं

रायपुर- छत्तीसगढ़ में डॉक्टर खूबचंद बघेल स्वास्थ्य सहायता योजना का नाम बदलकर शहीद वीरनारायण सिंह आयुष्मान स्वास्थ्य योजना रखा गया है. इसका आदेश लोक स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण विभाग ने जारी किया है. योजना का नाम बदलने को लेकर पूर्व स्वास्थ्य मंत्री टीएस सिंहदेव ने कहा, यह लोकतंत्र के लिए स्वस्थ परंपरा नहीं है. नाम बदलने का फैसला खूबचंद बघेल का अनादर है.

पूर्व मंत्री सिंहदेव ने कहा, अगर सरकार नए सिरे से कुछ योजना चालू करते हैं तो उसे अपने हिसाब से नाम रखें. पहले से संचालित कार्यक्रम योजना का नाम बदलना सही नहीं है. ये बिलकुल स्वस्थ परंपरा लोकतंत्र के लिए अच्छा नहीं है. ऐसे में एक परिपाटी बन जाएगा. आज मैं हूं सत्ता में तो अपने हिसाब से नाम रखा, कल कोई और आया तो वह अपने हिसाब से नाम रखेगा. हम नाम रखने पर सवाल नहीं उठा रहे हैं. नाम बदलने पर सवाल उठा रहे हैं. सरकार नई योजना, नया कार्यक्रम शुरू कर उसका नाम रख ले.

आरंग मॉब लिंचिंग में गिरफ्तारी के बाद बजरंग दल कार्यकर्ताओं ने किया कोतवाली थाने का घेराव

रायपुर- छत्तीसगढ़ मॉब लिंचिंग केस में पुलिस ने BJYM नेता सहित 4 आरोपियों को गिरफ्तार किया है। इसके बाद बजरंग दल भड़क गया है। बजरंगियों ने साधु-संतों के साथ बुधवार को जेल भरो आंदोलन के लिए रायपुर में सिटी कोतवाली का घेराव कर दिया। थाने के बाहर ही प्रदर्शन के साथ कार्यकर्ता हनुमान चालीसा का पाठ कर रहे हैं।

प्रदर्शनकारियों ने ढोलक और मंजीरे बजाकर भजन कीर्तन किया

चित्रकूट से राजीव लोचन महाराज, सर्वेश्वर दास महाराज और आचार्य वेद प्रकाश समेत करीब 5 हजार बजरंग दल कार्यकर्ता गिरफ्तारी देने पहुंचे हैं। थाने के बाहर ही हंगामा जारी है। आंदोलन के दौरान बड़ा बवाल न हो इसलिए पुलिस भी एहतियात बरत रही है। रायपुर शहर के 4 ASP, 10 CSP, DSP और 15 से 20 थाना प्रभारी मौके पर मौजूद हैं।

प्रदर्शन के दौरान संतों ने कहा कि, अभी हजार आए हैं और 10 हजार पीछे खड़े हैं। पुलिस अगर चारों गौ-रक्षकों को नहीं छोड़ेगी तो 10 लाख हिंदू यहां आएंगे। इसके बाद 10 करोड़, फिर 100 करोड़ लोग आएंगे। जिन गौ-रक्षकों ने गाय की रक्षा के लिए अपना जीवन समर्पित किया है, उन्हें गलत धारा लगाकर पकड़ा गया है।

उन्हें ऐसे गिरफ्तार किया गया, जैसे आतंकवादी को पकड़ा गया हो। डायल-112 के सामने सहारनपुर के तस्कर नदी में कूद गए। उन्हें पता नहीं था कि पुल में पानी है या नहीं। राम, सनातन और गाय का विरोध होता है, उनके लिए समुद्र सूख गई। उनके लिए महानदी सूख गई हम क्या करें।

BJYM नेता समेत 4 गिरफ्तार

दरअसल, मॉब लिंचिंग मामले में पुलिस दो और आरोपियों को मंगलवार रात को गिरफ्तार किया है। ये आरोपी महासमुंद निवासी नवीन सिंह ठाकुर और मयंक शर्मा है। नवीन ड्राइवर और मयंक ट्रांसपोर्टर है। वहीं आरोपी राजा अग्रवाल भारतीय जनता युवा मोर्चा का नेता है।

आरोपी राजा महासमुंद के BJYM का प्रचार प्रसार प्रमुख है। उसने अपने सोशल मीडिया पर महासमुंद से BJP विधायक योगेश्वर राजू सिन्हा के साथ फोटो भी शेयर किया है।

बजरंग दल ने कहा- खुद ही डरकर नीचे कूदे

बजरंग दल के जिला संयोजक रवि वाधवानी ने कहा कि, आरंग में गौ-तस्करों की गाड़ी को गौ-रक्षकों ने पीछा कर पकड़वाने की कोशिश की। इस दौरान ट्रक में सवार तस्कर नशे की हालत में थे। पकड़े जाने के डर से वो खुद ही महानदी ब्रिज से नीचे कूद गए। उनमें से दो लोगों की मौत पुलिस के आने के बाद हुई है। वहीं, घायलों को एम्बुलेंस तक पहुंचाने में गौ-रक्षकों ने ही मदद भी की है।

मुख्यमंत्री ने आपातकाल स्मृति दिवस पर अपने निवास पर लोकतंत्र सेनानियों को किया सम्मानित

रायपुर-  मुख्यमंत्री विष्णु देव साय ने कहा है कि लोकतंत्र की रक्षा के लिए लोकतंत्र सेनानियों का त्याग-तपस्या और बलिदान को कभी भुलाया नहीं जा सकता। उन्हें सम्मान देने के लिए राज्य सरकार द्वारा सम्मान निधि देना फिर से शुरू कर दिया गया है और पिछले पांच वर्षाें की रोकी गई सम्मान निधि की राशि सेनानियों को एकमुश्त दी जा चुकी है। पिछली सरकार ने लोकतंत्र सेनानियों की सम्मान निधि को बंद कर दिया था।

मुख्यमंत्री विष्णु देव साय आज अपने निवास कार्यालय में आपातकाल की 49वीं वर्षगांठ आपातकाल स्मृति दिवस पर आयोजित लोकतंत्र सेनानियों (मीसाबंदियों) के सम्मान समारोह को सम्बोधित कर रहे थे। उन्होंने लोकतंत्र सेनानी स्वर्गीय बलीराम कश्यप और स्व. नरहरि साय सहित अनेक सेनानियों का स्मरण करते हुए उन्हें नमन किया। कार्यक्रम में उन्होंने लोकतंत्र सेनानियों को शाल, श्रीफल देकर सम्मानित किया। इस मौके पर लोकतंत्र सेनानियों ने मुख्यमंत्री श्री साय को चांदी का मुकुट और गजमाला पहनाकर सम्मान निधि पुनः प्रारंभ करने और पिछले पांच वर्षाें की राशि देने के लिए उनका आभार व्यक्त किया। कार्यक्रम में लोकतंत्र सेनानियों को मुख्यमंत्री निवास में सपरिवार आमंत्रित किया गया।

कार्यक्रम में उप मुख्यमंत्री अरूण साव और विजय शर्मा, वन एवं जलवायु परिवर्तन मंत्री केदार कश्यप, कृषि मंत्री रामविचार नेताम, खाद्य मंत्री दयालदास बघेल, उद्योग मंत्री लखन लाल देवांगन, वित्त मंत्री ओ.पी. चौधरी, विधायक पुन्नूलाल मोहले, धरमलाल कौशिक, मध्य क्षेत्र के क्षेत्र संघचालक डॉ. पूर्णेंदु सक्सेना, प्रांत संघचालक टोपलाल वर्मा, लोकतंत्र सेनानी संघ के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष सच्चिदानंद उपासने, प्रदेश अध्यक्ष दिवाकर तिवारी, रामप्रताप सिंह, भी कार्यक्रम में उपस्थित थे।

मुख्यमंत्री ने कहा कि आपातकाल के दौरान लोकतंत्र को बचाने के लिए लोकतंत्र सेनानियों (मीसाबंदियों) ने काफी कष्ट उठाया, लोकतंत्र की रक्षा के लिए अपने परिवारों की परवाह न करते हुए जेल गए, जहां उनके साथ बर्बरता की गई, उनके परिवारजनों ने भी काफी कष्ट सहे। कई घरों में चूल्हा जलना मुश्किल हो गया था। जिन परिवारों में कमाने वाले जेल गए ऐसे कई परिवार बरबाद हो गए। देश में लोकतंत्र की रक्षा के लिए इन सेनानियों ने और उनके परिवारों ने अतुलनीय योगदान दिया है। उन्होंने कहा कि 25 जून 1975 को देश में आपातकाल लगा था, विपक्षी नेताओं को जेल में बंदकर दिया गया था। मीडिया का अधिकार छीन लिया गया था, लोगों को प्रताड़ित किया गया। इसी की याद में 25 जून को काला दिवस के रूप में मनाते हैं।

उप मुख्यमंत्री अरूण साव ने कहा कि लोकतंत्र सेनानियों ने बड़े कष्ट सहे। जो जेल गए उन्होंने जेल में और उनके परिवारों ने जेल के बाहर यातनाएं सही। उनका त्याग बहुत बड़ा है। उप मुख्यमंत्री विजय शर्मा ने कहा कि लोकतंत्र सेनानियों ने घर का अमन-चैन त्यागकर लोकतंत्र के लिए लड़ाई लड़ी। उनका यह अभियान वंदनीय है। मध्य क्षेत्र के क्षेत्र संघचालक डॉ. पूर्णेंदु सक्सेना ने कहा कि लोकतंत्र को बनाए रखने के लिए हमें लोकतंत्र सेनानियों के संघर्षाें को याद रखने की जरूरत है। हमारा यह दायित्व है कि एक पीढ़ी की कुर्बानी और संघर्ष की कहानी का क्रम अगली पीढ़ी तक बना रहे।

लोकतंत्र सेनानी संघ के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष सच्चिदानंद उपासने ने अपने सम्बोधन में आपातकाल के दौरान लोकतंत्र सेनानियों के संघर्षाें की विस्तार से जानकारी दी। उन्होंने कहा कि जब हम सड़कों पर निकलते थे, तो लोग मुंह फेर लेते थे। लोग बात करने से कतराते थे। उस काल की प्रताड़ना और कष्टों से कई परिवार बर्बाद हो गए। आज भी उनकी स्थिति नहीं सुधरी है। लोकतंत्र सेनानियों की भावी पीढ़ी को किसी न किसी रूप में संगठित कर अच्छे काम में लगाने के उद्देश्य से लोकतंत्र प्रहरी संगठन की कल्पना की गई है। कार्यक्रम में लोकतंत्र सेनानियों के साथ अधिवक्ता सुप्रिया उपासने दुबे को संघ की ओर से कानूनी लड़ाई लड़ने के लिए तथा संतोष कुमार शर्मा को भी संगठन के कार्याें के लिए सम्मानित किया गया।

श्री रामलला दर्शन (अयोध्या धाम) के लिए 850 तीर्थयात्री दुर्ग से स्पेशल ट्रेन से हुए रवाना

रायपुर-  अयोध्या में श्री रामलला के भव्य मंदिर के निर्माण के पश्चात मुख्यमंत्री विष्णु देव साय ने भांचा राम के दर्शन के लिए अयोध्या धाम ले जाने श्री रामलला दर्शन योजना की शुरूआत की। आज इस योजना के अंतर्गत दुर्ग संभाग और बस्तर संभाग के 850 यात्री दुर्ग स्टेशन से रवाना हुए। छत्तीसगढ़ के भांचा राम जय सियाराम जय सियाराम की सुमधुर ध्वनि से पूरा दुर्ग स्टेशन गुंजायमान हो गया। तीर्थयात्रियों ने श्री रामलला दर्शन योजना की प्रशंसा करते हुए कहा कि मुख्यमंत्री श्री साय के नेतृत्व में छत्तीसगढ़ शासन की बहुत अच्छी योजना है। हम सब इस दिव्य क्षण की बरसों से प्रतीक्षा कर रहे थे। आज यह इंतजार पूरा हुआ। ननिहाल वासियों को अपने भांजे के दर्शन का अवसर सुलभ हुआ है। हम श्री रामलला से छत्तीसगढ़ की सुख समृद्धि की कामना करेंगे। उल्लेखनीय है कि इसके पूर्व रायपुर एवं बिलासपुर संभाग के यात्री भी अयोध्या धाम के दर्शन कर चुके है। लोकसभा चुनाव में लगी आचार संहिता के उपरांत आज तीर्थयात्रा का पुनः शुभारंभ हुआ है। मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय ने अयोध्याधाम जा रहे तीर्थयात्रियों को शुभकामनाएं दी है।

आज दुर्ग रेल्वे स्टेशन के प्लेटफार्म नं. 1 से इस स्पेशल ट्रेन को प्रदेश के उपमुख्यमंत्री द्वय अरूण साव एवं विजय शर्मा, वन एवं जलवायु परिवर्तन मंत्री केदार कश्यप और विधायक सर्व डोमनलाल कोरसेवाड़ा, ललित चंद्राकर, गजेन्द्र यादव व रिकेश सेन ने हरी झण्डी दिखाकर गंतव्य के लिए रवाना किया। तीर्थयात्रा में शामिल श्रद्धालुजन काफी उत्साहित थे। प्लेटफार्म नं. 1 पर श्री राम-लक्ष्मण एवं हनुमान जी की झांकी और पंथी नृतक दलों की करतल ध्वनि के साथ छत्तीसगढ़ के भांचा राम, जय सियाराम-जय सियाराम की ध्वनि गुंजायमान हो रही थी।

इस अवसर पर आयोजित कार्यक्रम को संबोधित करते हुए उपमुख्यमंत्री अरूण साव ने कहा कि छत्तीसगढ़ भगवान श्री राम का ननिहाल है। आप सभी श्री रामलला के दर्शन हेतु अयोध्या धाम जा रहे हैं। सभी श्रद्धालुगण छत्तीसगढ़ के विकास के लिए भगवान श्रीराम से आशीर्वाद लेकर आएंगे। उन्होेंने तीर्थयात्रियों को शुभकामनाएं देते हुए कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की एक और गारंटी को छत्तीसगढ़ की साय सरकार सबका साथ सबका विकास, सबका विश्वास और सबका प्रयास के ध्येय वाक्य के साथ पूरा करने जा रही है। उपमुख्यमंत्री तथा दुर्ग जिले के प्रभारी मंत्री विजय शर्मा ने कहा कि 500 वर्षों के संघर्ष के बाद अयोध्या धाम में श्री रामलला का मंदिर बना है। केंद्र सरकार की दृढ़ इच्छा शक्ति से यह कार्य हुआ है। वन एवं जलवायु परिवर्तन मंत्री केदार कश्यप ने तीर्थयात्रियों को शुभकामनाएं देते हुए कहा कि भगवान श्रीराम के प्रति वनवासियों में अगाध श्रद्धा भाव है।

इससे पूर्व अतिथियों ने तीर्थयात्रियों से मुलाकात कर उनके कुशल क्षेम पूछा तथा ट्रेन को हरी झण्डी दिखाई। पहली बार अयोध्या धाम की यात्रा कर रहे बालोद जिले के 77 वर्षीय जय श्रीवास्तव एवं 70 वर्षीय जामुल बाई ने मुख्यमंत्री श्री साय के प्रति धन्यवाद ज्ञापन किया। उन्होंने कहा कि हमारी आस अयोध्या धाम देखने में लगी थी। मुख्यमंत्री श्री साय ने यह अच्छी योजना लाकर हमारी सपने को साकार कर दिया। राजनांदगांव जिले के 55 वर्षीय दौलत साहू ने बताया कि स्पेशल ट्रेन में यात्रा करने का आनंद और भी अनूठा है क्योंकि सारे यात्री भगवान राम के असीम भक्त हैं और पूरी ट्रेन उत्साह में है। कवर्धा से सकुन बाई ने बताया कि मुख्यमंत्री श्री साय के प्रति बहुत आभार व्यक्त करती हूं। भगवान श्री राम का दर्शन बहुत सौभाग्य की बात है।

इस अवसर पर दुर्ग संभाग के आयुक्त सत्यनारायण राठौर, आईजी आर.जी. गर्ग, कलेक्टर ऋचा प्रकाश चौधरी, एसपी जितेन्द्र शुक्ला एवं अन्य अधिकारी, स्थानीय जनप्रतिनिधि और बड़ी संख्या में नगरवासी मौजूद थे।

महिला एवं बाल विकास मंत्री लक्ष्मी राजवाड़े शाला प्रवेश उत्सव में हुई शामिल, 27 जून को सूरजपुर ऑडिटोरियम में जिला स्तरीय शाला प्रवेश उत्सव

रायपुर- शाला प्रवेश उत्सव के प्रथम दिवस पर महिला एवं बाल विकास मंत्री लक्ष्मी राजवाड़े ने अपनी उपस्थिति दर्ज कराई। उन्होंने सूरजपुर जिले के अपने गृह ग्राम बीरपुर के शासकीय पूर्व माध्यमिक शाला में बच्चों के साथ शाला प्रवेश उत्सव मनाया। जहां उन्होंने स्कूल के बच्चों का तिलक लगाकर और उन्हें मिठाई खिलायी और उनका हाथ पकड़कर उनकी कक्षा में प्रवेश दिलायी। उन्होंने बच्चों को पाठ्य पुस्तकों के साथ-साथ शाला गणवेश का वितरण भी की। श्रीमती राजवाड़े ने नव प्रवेशी विद्यार्थियों को बधाई एवं शुभकामनाएं देते हुए उनके उज्ज्वल भविष्य की कामना की।

सूरजपुर जिले के सभी 2085 शासकीय स्कूल खुल गए। जिनमें विभिन्न चरणों में शाला प्रवेश उत्सव मनाया जा रहा है। मुख्यमंत्री विष्णु देव साय के निर्देश पर शिक्षा विभाग ने सारी तैयारियां सुनिश्चित करते हुए विभिन्न चरणों में शाला प्रवेश उत्सव मनाना सुनिश्चित किया है। शाला प्रवेश उत्सव के अंतर्गत आज शासकीय प्राथमिक शाला माझापरा, शासकीय प्राथमिक शाला और माध्यमिक शाला सुंदरपुर इत्यादि में पूरे हर्षाेल्लास के साथ विद्यार्थियों, शिक्षकों व प्रतिनिधियों की उपस्थिति में शाला प्रवेश उत्सव मनाया गया।

शाला प्रवेश उत्सव के तहत 27 जून को सूरजपुर ऑडिटोरियम में जिला स्तरीय शाला प्रवेश उत्सव का आयोजन भी किया जाएगा है। जिसमें विद्यार्थियों के साथ-साथ जनप्रतिनिधि व अन्य गणमान्य नागरिक भी उपस्थित रहेंगे।

राज्य स्तरीय बाढ़ नियंत्रण समिति की बैठक सम्पन्न

रायपुर- मुख्यमंत्री विष्णु देव साय के निर्देशन पर छत्तीसगढ़ में बाढ़ नैसर्गिक विपत्तियों से निपटने हेतु गठित उच्च स्तरीय बाढ़ नियंत्रण समिति की बैठक आज यहां मंत्रालय महानदी भवन में अपर मुख्य सचिव वन एवं जलवायु परिवर्तन विभाग ऋचा शर्मा की अध्यक्षता में सम्पन्न हुई। बैठक में बरसात के मौसम में राज्य के विभिन्न स्थानों पर बाढ़ आने पर उससे निपटने की तैयारियों के संबंध में विचार-विमर्श किया गया। बाढ़ के दौरान राहत शिविरों की व्यवस्था सहित विभिन्न विभागों द्वारा की जाने वाली कार्यवाही एवं तैयारियों के संबंध विस्तृत चर्चा हुई।

अपर मुख्य सचिव श्रीमती शर्मा ने कहा है कि नगरीय क्षेत्रों में जर्जर भवनों की निगरानी लगातार की जाए। इन भवनों में निवासरत लोगों को अन्य सुरक्षित स्थानों पर अस्थायी रूप से बसाए जाने की भी व्यवस्था की जाए। ऐसे जिले जहां बड़ी नदियां बहती है वहां पर जल स्तर पर बराबर नजर रखी जाए। जल स्तर के खतरे के निशान पर पहुंचने की संभावना होने पर इसकी पूर्व सूचना राज्य स्तरीय बाढ़ नियंत्रण कक्ष तथा निचले जिलों को लगातार देने की व्यवस्था सुनिश्चित की जाए। इसी तरह से बड़े जलाशयों पर कंट्रोल रूम स्थापित कर जल स्तर की जानकारी समय-समय पर शासन को उपलब्ध करायी जाए। बांधों का जल स्तर बढ़ने पर जल निकासी हेतु निचले जिलों एवं सीमावर्ती राज्यों को 12 घण्टे पूर्व सूचना दिए जाने के निर्देश दिए गए हैं प्रदेश में कमजोर हो चुके पुल-पुलियों एवं ईमारतों की पहचान कर मरम्मत कर ली जाए। साथ ही बाढ़ के समय दुर्घटना जन्य स्थलों पर सूचना फलक और बेरियर आदि की व्यवस्था करने कहा गया है।

राज्य एवं आपदा प्रबंधन विभाग के अधिकारियों ने बताया कि प्रदेश में इस माह में मानसून सक्रिय होने की संभावना है। इसलिए सभी जिलों में वर्षा की जानकारी संकलित की जा रही है। अधिकारियों ने बताया कि राज्य स्तरीय बाढ़ नियंत्रण कक्ष की स्थापना भी की गई है। इसका दूरभाष क्रमांक 0771-2223471 एवं फैक्स क्रमांक 0771-2223472 है। इसके अतिरिक्त बाढ़ नियंत्रण कक्ष से 0771-2221242 दूरभाष पर भी सम्पर्क किया जा सकता है। जिला स्तर पर भी बाढ़ नियंत्रण कक्षों की स्थापना की गई है। बैठक में बताया गया कि बाढ़ की स्थिति को देखते हुए पहुंचविहीन क्षेत्रों में खाद्य सामग्री, नमक, केरोसिन, जीवन रक्षक दवाईयां, बाढ़ प्रभावित क्षेत्रों में चिकित्सा दलों का गठन सहित अन्य जरूरी सामग्री संग्रहित करने के निर्देश संबंधित विभाग के अधिकारियों को दे दिए गए है। बरसात के दिनों में पेयजल स्त्रोतों के आस-पास साफ-सफाई एवं वहां पर ब्लिचिंग पावडर की व्यवस्था करने के निर्देश लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी विभाग को दिए गए है। इसी प्रकार से ऐसे क्षेत्रों की चिन्हांकन कर ली जाए जहां प्रतिवर्ष बाढ़ आती है। इन क्षेत्रों में सतत् निगरानी रखने एवं अवश्यकता पड़ने पर वहां के लोगों को सुरक्षित स्थानों पर पहुंचाने और उनके ठहरने के लिए राहत शिविर आदि की समुचित योजना बनाने के निर्देश दिए गए है। बाढ़ से बचाव संबंधित उपकरणों की मरम्मत करने और जिन जिलों में मोटरबोट उपलब्ध है, उनकी जानकारी शीघ्र ही राहत आपदा नियंत्रण कार्यालय को दिए जाने के निर्देश दिए गए हैं। इसके लिए नगर सेना एवं नागरिक सुरक्षा के अधिकारियों को आवश्यक कार्यवाही करने कहा गया है। नगरीय प्रशासन एवं विकास विभाग के अधिकारियों को नगरीय क्षेत्रों में नालियों की साफ-सफाई बरसात के दिनों में निरंतर कराये जाने कहा गया है।

उच्च स्तरीय बाढ़ नियंत्रण समिति की बैठक में राजस्व एवं आपदा प्रबंधन विभाग के सचिव अविनाश चम्पावत, गृह विभाग के सचिव अरूण गौतम, स्वास्थ्य विभाग के विशेष सचिव चंदन कुमार, विशेष सचिव कृषि सारांश मित्तर और गृह, स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण, पंचायत एवं ग्रामीण विकास विभाग, लोक निर्माण, वित्त विभाग, जल संसाधन, ऊर्जा, जनसम्पर्क, खाद्य एवं नागरिक आपूर्ति, नगरीय प्रशासन एवं लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी विभाग सहित नगर सेना एवं नागरिक सुरक्षा, रेल्वे, दूरदर्शन, रेडक्रास सोसायटी, मौसम विज्ञान एवं भारत दूरसंचार निगम के अधिकारी उपस्थित थे।