8 जुलाई को खोला जाएगा जगन्नाथ मंदिर का रत्न भंडार, जानें राज्य के कानून मंत्री ने क्या कहा
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पुरी के प्रसिद्ध जगन्नाथ मंदिर का रत्न भंडार 8 जुलाई को खोले जाने की खबर है। आगामी रथयात्रा के समय रत्न भंडार खोला जाएगा, यह बात पहले कई बार कही जा चुकी है। रत्न भंडार में कितने आभूषण हैं, उसकी जानकारी सार्वजनिक की जाएगी। हालांकि, रत्न भंडार कब खोला जाएगा, उस संदर्भ में अभी तक कोई अंतिम निर्णय नहीं लिया गया है। ओड़िशा के कानून मंत्री पृथ्वीराज हरिचन्दन ने बुधवार को इस संबंध में कहा कि रत्न भंडार कब खोला जाएगा, अब तक निर्णय नहीं हुआ है।
कानून मंत्री हरिचन्दन ने कहा कि रत्न भंडार खोलने को लेकर छत्तीस नियोग बैठक में कोई निर्णय नहीं लिया गया है। 8 जुलाई के दिन रत्न भंडार खोलने को लेकर कोई निर्णय नहीं हुआ है। एक एएसआई अधिकारी ने इस संदर्भ में भ्रम उत्पन्न किया है। उन्होंने कहा कि अधिकारी ने अपनी गलती छिपाने के लिए इस तरह की टिप्पणी की है। संबंधित एएसआई अधिकारी के खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी। रत्न भंडार कब खुलेगा, इस पर निर्णय लिया जाएगा।
इससे पहले भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण के अधीक्षक डीबी गरनायक ने बुधवार को बताया कि पुरी श्री जगन्नाथ मंदिर का रत्न भंडार 8 जुलाई को खोला जाएगा. गरनायक के अनुसार, 8 जुलाई को निरीक्षण किया जाएगा। कोर कमेटी और तकनीकी कमेटी की मौजूदगी में रत्न भंडार खोला जाएगा। गरनायक ने कहा कि 2018 की रिपोर्ट के अनुसार, निरीक्षण किया गया और दरारें देखी गईं, कुछ पत्थर गिर गए थे और कुछ लोहे की छड़ें गायब थीं। स्थिति अच्छी नहीं थी। लेजर स्कैनिंग में बाहरी दीवार और जोड़ों में दरारें पाई गईं थीं। इन दरारों से बारिश का पानी अंदर आ सकता है।
बता दें कि हाल ही में संपन्न चुनावों के दौरान रत्न भंडार को पुनः खोलना राज्य में एक प्रमुख राजनीतिक मुद्दा था। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने ओडिशा में लोकसभा चुनाव के प्रचार के दौरान रत्न भंडार का जिक्र किया। उन्होंने कहा कि जगन्नाथ मंदिर सुरक्षित नहीं है। मंदिर के रत्न भंडार की चाबी पिछले 6 साल से गायब है।
बता दें कि चार धामों में से एक जगन्नाथ मंदिर का निर्माण 12वीं शताब्दी में हुआ था। कलिंग वास्तुकला के आधार पर बने इस मंदिर में एक रत्न भंडार भी बनाया गया है। इसी रत्न भंडार में जगन्नाथ मंदिर के तीनों देवताओं जगन्नाथ, बालभद्र और सुभद्रा के गहने रखे गए हैं। कई राजाओं और भक्तों ने भगवान को जेवरात चढ़ाए थे। उन सभी को रत्न भंडार में रखा जाता है। इस रत्न भंडार में मौजूद जेवरात की कीमत अरबों-खरबों में बताई जाती है।
जगन्नाथ मंदिर का यह रत्न भंडार दो भागों में बंटा हुआ है, भीतर भंडार और बाहर भंडार.बाहरी भंडार में भगवान को अक्सर पहनाए जाने वाले जेवरात रखे जाते हैं। वहीं जो जेवरात उपयोग में नहीं लाए जाते हैं, उन्हें भीतरी भंडार में रखा जाता है। रत्न भंडार का बाहरी हिस्सा अभी भी खुला है, लेकिन भीतरी भंडार की चाबी पिछले छह साल से गायब है। रत्न भंडार को अंतिम बार 14 जुलाई 1985 में खोला गया था और उसमें रखे जेवरात की सूची बनाई गई थी। इसके बाद रत्न भंडार कभी नहीं खुला और उसकी चाबी भी गायब है।
बीजेपी नेता समीर मोहंती ने पिछले साल जुलाई में ओडिशा हाई कोर्ट में एक जनहित याचिका (पीआईएल) दाखिल कर रत्न भंडार खोलने के लिए अदालत से हस्तक्षेप करने की मांग की थी। उन्होंने चाबी गायब होने की सीबीआई से जांच कराने की मांग की थी।
Jun 22 2024, 14:27