गौवंश की समस्याओं को लेकर डीएम ने की बैठक, अधिकारियों को दिए कड़े निर्देश
पंकज कुमार श्रीवास्तव,जिलाधिकारी शुभ्रान्त कुमार शुक्ल की अध्यक्षता में कलेक्ट्रेट गांधी सभागार में गौवंश भूसा क्रय तथा जले हुए ग्रामों के अभिलेख तैयार किये जाने के संबंध में बैठक सम्पन्न हुई। बैठक को संबोधित करते हुए जिलाधिकारी ने कहा कि जनपद में राजस्थानी बनजारों द्वारा गौवंशों को चराने के बहाने रात को इक्ठठा कर एक्सप्रेस वे से माध्यम से बाहर राज्यों में ले जाया जा रहा है।
यह लोग पिछले वर्ष सौरिख में पकडे गये थे इस बार छिबरामऊ क्षेत्र में पकडे गये है। खण्ड विकास अधिकाारियों को सख्त निर्देश देते हुए केयरटेकर की जिम्मेदारी तय करें यदि गौशालओं में गौवंश कम होते है तो उनके उपर कार्यवाही की जाये। इस हेतु सभी को सावधान और सतर्क रहने की आवश्यकता है।
बैठक मे गौवंश की समीक्षा करते हुए जिलाधिकारी ने कहा कि जनपद के ग्रामीण क्षेत्रों में 149 अ0गौ0आ0स्थ0 में 7239 संरक्षित गोवंश, 03 वृहद गौसंरक्षण केंद्र में 768 संरक्षित गोवंश, 01 कांजी हाउस में 14 संरक्षित गोवंश एवं नगरी क्षेत्र में 06 अ0गौ0आ0स्थ0 में 307 संरक्षित गोवंश, 02 कान्हा उपवन में 775 संरक्षित गोवंश और 04 पंजीकृत गौशाला में 430 संरक्षित गोवंश, 01 अपंजीकृत गौशाला में 54 संरक्षित गोवंश हैं।
कुल 163 गौशालाओं में 9587 संरक्षित गोवंश हैं। तापमान बढ़ गया है आगे आने वाले समय में और बढ़ने की संभावना है, को दृष्टिगत रखते हुए सभी गौशालाओं में पेयजल और छाया की व्यवस्था पूर्ण रूप से होना चाहिए। प्रत्येक खंड विकास अधिकारी एवं पशु चिकित्साधिकारी संयुक्त रूप से अपने विकास के अंतर्गत गोवंश आश्रय स्थल का निरीक्षण प्रतिदिन करें तथा जो भी कमियां पाईं जाए उनके समुचित निदान हेतु आवश्यक व्यवस्थाएं करना सुनिश्चित करें।
जिलाधिकारी ने कहा कि ग्रामीण क्षेत्र में भूसा क्रय किए जाने का लक्ष्य 129816 कुंतल है। लक्ष्य के सापेक्ष लगभग पूर्ति मात्रा 48569 कुंतल है, अवशेष लक्ष्य की मात्रा 81247 कुंतल है। उन्होंने खंड विकास अधिकारियों को निर्देश दिए की अभी भूसा क्रय करने का समय सही है, समय रहते भूसा क्रय कर लिया जाए। भूसा स्टॉक पूर्ण होना चाहिए। उन्होंने कहा कि नैपियर घास की बुवाई जुलाई माह में की जाती है। नैपियर घास की रोपाई अधिक से अधिक की जाए। जिससे लंबे समय तक हरे चारे की उपलब्धता बनी रहे।
तदोपरान्त जिलाधिकारी ने जले हुए ग्रामों के अभिलेख तैयार किये जाने की समीक्षा करते हुए कहा कि अकबरपुर, बरूआ सबलपुर, सरदामई, हाथिन, उस्मानपुर, गढ़ियापाह, मे सर्वे का कार्य पूर्ण हो चुका है। जहां पर चकों का मौके के अनुसार भूचित्र पर चक्र निर्माण किया जा रहा है उसे यथाशीघ्र पूर्ण किया जाये। उस्मानपुर में जो सत्यापन अभिलेख में आपत्तियां आयी है, उनका निस्तारण कर अग्रिम कार्यवाही समय से पूर्ण की जाये।
आगे उन्होंने कहा कि जहां पर नक्शा बन चुका है। खतौनी सत्यापन कार्य को भी जल्द पूर्ण किया जाये। किसी कार्य को बोझा न समझे, निष्ठापूर्ण ढंग से कार्य को सम्पन्न करें। कहा कि यह समय सही है अभी खेत खाली है, जितने पैमाइश के मैटर है उनका निस्तारण कर फील्ड की एक्टविटी को मैनेज करे। पूरी टीम के साथ कार्य करें। लगन के साथ कार्य करने से सफलता अवश्य मिलती है और बड़े से बडा कार्य कम समय में हो जाता है। छुट्टी के दिनों में कब्जा परिवर्तन के लिये जो लोग प्रयास करते है, ऐसे लोगों के लिये तहसील में शनिवार, रविवार, त्यौहार आदि छुट्टी के दिनों में रोस्टरवाइज टास्क फोर्स टीम तैयार की जाए। चकबंदी संबंधित मुकदमों और अबैध कब्जा परिवर्तन केसो का निस्तारण समय से किया जाये। बैठक में मुख्य विकास अधिकारी राम कृपाल चौधरी, जिला विकास अधिकारी नरेन्द्र देव द्विवेदी, डीसीएनआरएलएम, डीसी मनरेगा, आदि संबंधित अधिकारी उपस्थित रहे।
Jun 14 2024, 17:55