एनडीए में शामिल होने के 8 महीने बाद प्रफुल्ल पटेल को बड़ी राहत, सीबीआई ने इस मामले में दायर की क्लोजर रिपोर्ट
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मनमोहन सरकार के दौरान एयर इंडिया और इंडियन एयरलाइंस के विलय से एनएसीआईएल कंपनी बनी थी। कंपनी पर पट्टे पर विमान लिए जाने में कथित अनियमितताओं का आरोप लगा। विलय के दौरान प्रफुल्ल पटेल केंद्रीय नागरिक उड्डयन मंत्री थे । मई 2017 में सीबीआई ने मंत्रालय के अफसरों पर सत्ता का दुरुपयोग लगाते हुए दो केस दर्ज किए थे। ईडी ने इस केस में एनसीपी नेता प्रफुल्ल पटेल को आरोपी बनाते हुए पूछताछ की थी। हालांकि अब सीबीआई ने एयर इंडिया के लिए विमान पट्टे पर देने में कथित अनियमितताओं के मामले में क्लोजर रिपोर्ट दायर की है। पता चला है कि भ्रष्टाचार के आरोपों को साबित करने के लिए कोई सबूत नहीं मिलने के बाद एजेंसी ने 19 मार्च को एक अदालत में रिपोर्ट दायर की।
एनडीए में शामिल होने के आठ महीने बाद केंद्रीय जांच एजेंसी सीबीआई ने राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी के नेता प्रफुल्ल पटेल के ख़िलाफ़ एयर इंडिया-इंडियन एयरलाइन्स विलय मामले में क्लोजर रिपोर्ट दायर की है। जुलाई 2023 में अजित पवार ने अपने चाचा शरद पवार के खिलाफ बगावत की थी। तब शरद पवार के सबसे करीबी रहे प्रफुल्ल पटेल भी अजित पवार के साथ चले गए। अभी अजित पवार महाराष्ट्र की एनडीए सरकार में मंत्री हैं। जुलाई 2024 में प्रफुल्ल पटेल को एनडीए से राज्यसभा के लिए चुना गया, जबकि उसके पहले के कार्यकाल के चार साल बाकी थे। वह 2022 में ही राज्यसभा के लिए निर्वाचित हुए थे। 2028 में उनका कार्यकाल खत्म होने वाला था। एनडीए में आने के बाद उन्होंने राज्यसभा से इस्तीफा दे दिया और फिर से सांसद बने। राज्यसभा में उनका कार्यकाल 2030 में खत्म होगा। अजित गुट में शामिल होने के 8 महीने बाद ही अब प्रफुल्ल पटेल को सीबीआई ने क्लीन चिट दे दी है।
सीबीआई ने विशेष न्यायाधीश (सीबीआई) प्रशांत कुमार की अदालत में क्लोजर रिपोर्ट लगा दी। अभी विशेष अदालत ने इस रिपोर्ट पर कोई फैसला नहीं किया है। कोर्ट ने इस केस की सुनवाई के लिए 15 अप्रैल को जांच अधिकारी को तलब किया है। इसके बाद अदालत तय करेगी कि केस की जांच आगे बढ़ाई जाए या नहीं।
यूपीए शासन काल में एयर इंडिया और इंडियन एयरलाइंस का विलय हुआ। एयर इंडिया और इंडियन एयरलाइंस के विलय के बाद नेशनल एविएशन कॉरपोरेशन ऑफ इंडिया लिमिटेड (एनएसीआईएल) का गठन किया गया था। पट्टे पर विमान लिए जाने में कथित अनियमितताओं के आरोप लगे। आरोप हैं कि बड़ी संख्या में विमानों को पट्टे पर लिया गया। इसमें अनियमितताएं हुईं और जिसके कारण राष्ट्रीय विमानन कंपनी को भारी नुकसान हुआ और कुछ लोगों को फायदा हुआ।
सीबीआई ने उच्चतम न्यायालय के आदेश पर 2017 में इस मामले की जांच शुरू की थी।मई 2019 में ईडी ने एक विशेष अदालत को बताया था कि बिचौलिए दीपक तलवार, प्रफुल्ल पटेल ख़ास दोस्त हैं, जिन्होंने कथित तौर पर 2008-09 के दौरान मंत्री के साथ क़रीबी होने का फ़ायदा उठाया और मुनाफ़ा कमाने वाली एयर इंडिया के रूट्स को प्राइवेट एयरलाइन्स को बाँटने में मदद की।
Mar 30 2024, 09:54