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राहुल गांधी की पूर्णिया रैली में नहीं शामिल होंगे सीएम नीतीश कुमार! बिहार से आई बड़ी खबर

डेस्क: बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार 30 जनवरी को 'भारत जोड़ो न्याय यात्रा' के तहत कांग्रेस नेता राहुल गांधी की पूर्णिया में होने वाली रैली में नहीं शामिल होंगे। रिपोर्ट्स के मुताबिक, 30 जनवरी को नीतीश का पटना में ही कार्यक्रम है और उनका पूर्णिया की रैली में जाना संभव नहीं है। 

बता दें कि बिहार की सियासत में इन दिनों नीतीश कुमार को लेकर कई तरह की चर्चाएं चल रही हैं और INDI अलायंस के साथ-साथ महागठबंधन का भविष्य खतरे में नजर आ रहा है। दरअसल, केंद्र ने मंगलवार को बिहार के पूर्व मुख्यमंत्री कर्पूरी ठाकुर को भारत रत्न देने का फैसला किया था, जिसके के बाद नीतीश कुमार ने अपने विचारक और गुरु कर्पूरी ठाकुर की 100वीं जयंती मनाने के लिए आयोजित पार्टी की रैली में न सिर्फ पीएम नरेंद्र मोदी का आभार जताया, बल्कि परिवारवाद पर कटाक्ष भी कर दिया।

बिहार की पॉलिटिक्स में 'ऑल इज नॉट वेल'

नीतीश कुमार का परिवारवाद पर हमला बिहार में 'महागठबंधन' में 'ऑल इज नॉट वेल' होने की अटकलों को मजबूत कर गया। अब ताजा अपडेट यह है कि नीतीश कुमार के एक-एक हमले का जवाब लालू यादव की बेटी रोहिणी आचार्य ने 'X' पर दिया है। रोहिणी ने इशारों-इशारों में नीतीश पर 'बदलती विचारधारा' और 'परिवार में किसी के योग्य न होने' जैसी बातें लिखकर जवाब दिया है। 

रोहिणी ने कहीं नीतीश कुमार का नाम भले न लिया हो, लेकिन जवाब से बहुत कुछ साफ है। दूसरी तरफ जेडीयू महासचिव केसी त्यागी ने नीतीश कुमार के कल दिये गए बयानों पर सफाई दी है। ऐसे में बिहार में सियासी हलचल और तेज होती दिख रही है और यह देखना दिलचस्प हो गया है कि ऊंट किस करवट बैठेगा।

नीतीश कुमार ने यूं परिवारवाद पर साधा था निशाना

रैली में परिवारवाद पर निशाना साधते हुए नीतीश कुमार ने कहा था, ‘आप सभी को याद रखना चाहिए कि अन्य चीजों के अलावा, कर्पूरी ठाकुर को कभी भी अपने प्रभाव का इस्तेमाल नहीं करने के लिए याद किया जाएगा। कर्पूरी जी ने कभी अपने परिवार को आगे नहीं बढ़ाया। उन्हीं से सीखकर मैंने भी आज तक अपने परिवार के किसी सदस्य को नहीं बढ़ाया है। दूसरे दलों के नेता अपने परिवार वालों को पहले आगे बढ़ाते हैं।’ 

बता दें कि बीजेपी भी इशारा कर चुकी है कि अगर नीतीश महागठबंधन का साथ छोड़कर उसके साथ आने पर बातचीत करते हैं तो इस पर विचार किया जाएगा। राहुल गांधी की रैली में न जाने का फैसला, परिवारवाद पर हमला और रोहिणी के ट्वीट अब नीतीश के भविष्य को लेकर काफी कुछ इशारा कर रहे हैं।

क्यों लग रही हैं नीतीश के पलटी मारने की अटकलें?

बता दें कि देश की सियासत में नीतीश कुमार एक ऐसे नेता के रूप में जाने जाते हैं जो अपने फायदे के लिए पलटी मारने में माहिर हैं। पूरे देश में शायद ही कोई ऐसा नेता होगा जो तुलनात्मक रूप से सीमित जनाधार के बावजूद इतने लंबे समय तक मुख्यमंत्री रह गया हो। बिहार में आज हुई कैबिनेट की मीटिंग के बाद कोई ब्रीफिंग नहीं हुई। वहीं, कैबिनेट की बैठक में उपमुख्यमंत्री तेजस्वी यादव काफी शांत दिखे, और किसी से कोई बात नहीं की। इन सब चीजों को देखते हुए एक बार फिर नीतीश के पलटी मारने की अटकलों ने जोर पकड़ लिया है।

सेक्स वर्कर के प्यार में पागल हुआ रेलवे इंजीनियर, फिर अंजाम जो हुआ वो कर देगा हैरान

 मध्य प्रदेश के मंदसोर में हुए रेलवे इंजीनियर के कत्ल का खुलासा करते हुए पुलिस ने मृतक की प्रेमिका तथा उसके अन्य प्रेमी को गिरफ्तार किया है। पुलिस ने बताया कि मृतक अपनी प्रेमिका को देह व्यापार छोड़ने तथा उस पर शादी करने का दबाव बना रहा था। किन्तु प्रेमिका इसके लिए तैयार नहीं थी। रेलवे इंजीनियर दिक्षांत पंड्या की इन बातों से तंग आकर देह व्यापार करने वाली प्रेमिका ने अपने अन्य प्रेमी के साथ मिलकर एक खौफनाक साजिश रची। अवसर प्राप्त होते ही उसे गोलियों भून दिया। खुद को बचाने के लिए दोषियों ने अपने मोबाइल फोन तथा कपड़ों को जला दिया। 

वही इस घटना का खुलासा करते हुए मंदसोर एसपी अनुराग सुजानिया ने बताया कि गत 21 जनवरी को जिले के भावगढ़ थाना क्षेत्र के खोडाना गांव में तालाब के किनारे लाल रंग की कार में रतलाम रेल मंडल के रेलवे इंजीनियर दिक्षांत पंड्या का शव खून से लथपथ शव मिला था कार तथा उसके शरीर पर गोलियों के निशान थे। शव को कब्जे में लेकर पुलिस ने मामले की तहकीकात आरम्भ की तथा मुखबिर की खबर पर ढोढर की रहने वाली लड़की को गिरफ्त में लेकर पूछताछ आरम्भ की। कड़ाई से की गई पूछताछ में लड़की ने हैरान करने वाले खुलास किया। उसने बताया कि दिक्षांत बीते 6 महिनों से रतलाम में रहने की जिद और गाली- गलोच करता रहता था। जिससे वह बहुत परेशान हो गई थी। 20 जनवरी को दिक्षांत के साथ नीमच के जेतपुरा गांव में शादी कार्यक्रम में गई थी। वह वो रतलाम जाने की जिद करने लगा। 

उसने अपने प्रेमी मोहसिन लाल को इस बार में बताया एवं प्लान बनाकर दिक्षांत को परवलिया गांव ले गए। जहां मोहसिन ने दीक्षांत को कार में चार गोली मारकर मौत के घाट उतार दिया। फिर प्रेमिका ने कार ड्राइव कर लाश को ठिकाने लगया। सबूत मिटाने के लिए उन्होंने कपड़े, मोटरसाइकिल को जला दिया। फिर दोनों फरार हो गए। पुलिस ने दोषियों को पकड़ने के लिए सभी मुखबिरों को अलर्ट किया तथा मोहसीन को राजस्थान के अखेपुर की और जाते वक़्त गिरफ्तार कर लिया। पुलिस ने बताया कि आरोपी महिला देह व्यापार में लिप्त है तथा बांछड़ा समुदाय की है। आरोपी मोहसीन पर पहले भी अवैध हथियार एवं मादक पदार्थ तस्करी के प्रकरण दर्ज है। फिलहाल पुलिस ने दोनों दोषियों के खिलाफ हत्या का प्रकरण दर्ज कर न्यायालय पेश कर रिमांड मांगा है। ‌

'आमंत्रण के बावजूद राम मंदिर नहीं गए राहुल गांधी, देश की जनता माफ नहीं करेगी', ज्योतिरादित्य सिंधिया ने बोला जोरदार हमला

राहुल गांधी के राम मंदिर प्राण प्रतिष्ठा पर नहीं जाने पर केंद्रीय मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया ने उन्हें आड़े हाथों लिया है। राहुल पर निशाना साधते हुए सिंधिया ने कहा कि गांधी मंदिर जाने वाले ‘टूरिस्ट’ हैं। कहना था कि अयोध्या में रामलला प्राण प्रतिष्ठा कार्यक्रम में राहुल गांधी को आमंत्रित किया गया था लेकिन वह नहीं गए, तत्पश्चात, देश की जनता उन्हें माफ नहीं करेगी।

ज्योतिरादित्य सिंधिया ने कहा कि 2019 में राम मंदिर का शिलान्यास हुआ था तथा प्रधानमंत्री मोदी की उपस्थति में 22 जनवरी को लोकार्पण हुआ, जिसके बाद सालों पुराना इंतजार खत्म हो गया। उनके मुताबिक, राम मंदिर प्राण प्रतिष्ठा 22 जनवरी का दिन विश्व के लिए ऐतिहासिक दिन था क्योंकि प्रभु श्री राम को पुन: स्थापित किया गया। उन्होंने कहा- मां भारती के योग्य पुत्र प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के अथक प्रयासों से ही संभव हो पाया है। सिंधिया ने कहा कि देश की जनता की आस्था ही नहीं बल्कि पूरी दुनिया प्रभु श्री राम के भक्तों की आस्था से जुड़ा हुई है। 

उन्होंने कहा- देश और प्रदेश को विकास के पथ पर लेजाने के लिए हरकिसी को योगदान करने की जरुरत है। सिंधिया ने लोगों से आह्वान किया है कि वह देश को विश्वगुरु के तौर पर स्थापित में करने के लिए योगदान दें। इसके लिए देश के प्रत्येक नागरिक को कड़ी मेहनत करनी होगी। ज्योतिरादित्य सिंधिया ने कहा कि 500 वर्षों के लंबे इंतजार और कई पीढ़ियों के बलिदान के बलिदान के बाद रामलला पुन: स्थापित हुए हैं।

उज्जैन में सरदार पटेल की मूर्ति को ट्रैक्टर चढ़ाकर गिराया, मचा बवाल, दो महापुरुषों की प्रतिमा को लेकर हुआ था हंगामा

 मध्य प्रदेश के उज्जैन शहर के पास माकड़ोन में दो महापुरुषों की प्रतिमा को लेकर हंगामा हो गया है। सरदार वल्लभभाई पटेल की प्रतिमा पर एक पक्ष ने हमला करके गिरा दिया जो यहां बाबा साहब भीमराव आंबेडकर की प्रतिमा लगाना चाहते थे। तत्पश्चात, पटेल एवं आंबेडकर समर्थकों में खूब बवाल हुआ। पत्थरबाजी एवं आगजनी की गई। पुलिस ने मोर्चा संभाल लिया है।

उज्जैन जिले की तहसील माकड़ौन में सरदार वल्लभभाई पटेल की प्रतिमा को ट्रैक्टर चला कर गिरा दिया गया। तत्पश्चात, दो पक्ष आमने-सामने हो गए। जमकर पथराव हुआ। इस के चलते दुकानों और वाहनों में भी तोड़फोड़ की गई। हालात बिगड़ते देख उज्जैन एडिशनल एसपी नितेश भार्गव के साथ उज्जैन एवं तराना के साथ माकड़ौन पुलिस बल मौके पर पहुंचा। दोनों पक्षों को समझाइए देने के पश्चात् मामला शांत कराया जा है। हालात देखते हुए भारी पुलिस बल मौके पर उपस्थित है। उज्जैन जिले के माकड़ोन में बुधवार प्रातः भीम आर्मी और पाटीदार समाज के दो पक्ष आमने-सामने आ गए। एक पक्ष ने सदरा पटेल की प्रतिमा पर ट्रैक्टर चढ़ाकर इसे तोड़ दिया। लोहे की रॉड एवं पत्थरों से भी हमला किया गया। तत्पश्चात, दूसरा पक्ष भी टकराव के लिए पहुंच गया। दोनों पक्षों में पथराव और लाठियां चलने लगीं। उग्र भीड़ ने कई गाड़ियों में भी तोड़फोड़ कर दी। कुछ गाड़ियां जला दीं। दुकानों पर भी पथराव किया गया है।

क्या था पूरा मामला

बुधवार रात कुछ लोगों ने माकड़ोन मंडी गेट एवं बस स्टैंड के पास खाली पड़ी जमीन पर सरदार पटेल की प्रतिमा स्थापित कर दी। दूसरे पक्ष के लोग यहां भीमराव आंबेडकर की मूर्ति लगाना चाहते थे। पिछले 2 चुनाव से बीजेपी ने विवादित स्थान पर सरदार पटेल की प्रतिमा लगाने का ऐलान किया था तथा नया बस स्टैंड का नाम डॉ. आंबेडकर रख दिया। भीम आर्मी चाहती है कि यहां डॉ. आंबेडकर की प्रतिमा लगाई जाए। जबकि, पाटीदार समाज के लोग सरदार पटेल की प्रतिमा लगाने की मांग करते आ रहे थे। एडिशनल एसपी नितेश भार्गव ने बताया कि सूचना खबर होते ही पुलिस बल के साथ मौके पर पहुंचे हैं। दोनों पक्षों को समझाइए दी गई है और मामले को शांत कराया है।

और भी घातक हुई नौसेना की BrahMos Missile, 800 किलोमीटर दूर बैठे दुश्मन को पल में कर देगी ढेर

भारतीय वायु सेना ने 24 जनवरी, 2024 को एक युद्धपोत से उन्नत ब्रह्मोस मिसाइल का सफल परीक्षण किया। नवीनतम संस्करण में बढ़ी हुई रेंज, मारक क्षमता और बेहतर स्टील्थ तकनीक है, जो इसे नौसेना में एक दुर्जेय हथियार बनाती है। शस्त्रागार। सुपरसोनिक क्रूज मिसाइल का यह भूमि हमला संस्करण युद्धपोत से जमीनी उद्देश्यों को सटीक रूप से लक्षित कर सकता है, जो विस्तारित दूरी पर सटीकता के लिए अपनी प्रतिष्ठा की पुष्टि करता है।

उन्नत ब्रह्मोस मिसाइल ने 800 किलोमीटर से अधिक की रेंज में उल्लेखनीय वृद्धि प्रदर्शित की है, जैसा कि समुद्र में 900 किलोमीटर के बहिष्करण क्षेत्र के लिए एयरमेन (एनओटीएएम) को हाल ही में जारी नोटिस से संकेत मिलता है। यह विस्तारित रेंज सुपरसोनिक क्रूज़ मिसाइल भारतीय नौसेना को सुरक्षित दूरी से दुश्मन के लक्ष्यों को बेअसर करने की क्षमता से लैस करती है, जिससे नौसेना संचालन की प्रभावशीलता में काफी वृद्धि होती है।

ब्रह्मोस मिसाइल की स्टील्थ तकनीक में और सुधार हुआ है, जिससे यह हवा के बीच में अपना रास्ता बदल सकती है और चलते लक्ष्यों को प्रभावी ढंग से नष्ट कर सकती है। 10 मीटर की कम ऊंचाई पर उड़ने की क्षमता के साथ, मिसाइल दुश्मन के रडार द्वारा पकड़ में नहीं आती है, जिससे यह एक दुर्जेय और चुनौतीपूर्ण लक्ष्य बन जाता है। इसकी असाधारण गति, अमेरिका की टॉमहॉक मिसाइल से दोगुनी तेजी से उड़ान भरना और 1200 यूनिट ऊर्जा का उत्पादन बड़े लक्ष्यों को नष्ट करने की इसकी क्षमता सुनिश्चित करता है।

ब्रह्मोस मिसाइल में चार नौसैनिक संस्करण हैं, जिनमें एक एंटी-शिप वेरिएंट और लैंड-अटैक वेरिएंट शामिल है, दोनों भारतीय नौसेना में कार्यरत हैं। पनडुब्बियों से लॉन्च किए गए एंटी-शिप वेरिएंट और पनडुब्बियों से लॉन्च किए गए लैंड-अटैक वेरिएंट के सफल परीक्षण किए गए हैं। भारतीय नौसेना ने रणनीतिक रूप से विभिन्न जहाजों में ब्रह्मोस मिसाइल लांचरों को तैनात किया है, जैसे कि राजपूत श्रेणी के विध्वंसक आईएनएस रणवीर - आईएनएस रणविजय, तलवार श्रेणी के युद्धपोत आईएनएस तेग, आईएनएस तरकश और आईएनएस त्रिकंद, साथ ही शिवालिक श्रेणी के युद्धपोत और कोलकाता श्रेणी के विध्वंसक। नीलगिरि क्लास फ्रिगेट में आगे की तैनाती का भी अनुमान है।

उन्नत ब्रह्मोस मिसाइल का सफल परीक्षण एक सटीक और शक्तिशाली नौसैनिक हथियार के रूप में इसकी स्थिति की पुष्टि करता है। विस्तारित रेंज, बढ़ी हुई मारक क्षमता और स्टील्थ प्रौद्योगिकी में सुधार यह सुनिश्चित करते हैं कि भारतीय नौसेना अपने हितों की प्रभावी ढंग से रक्षा कर सकती है और बेजोड़ सटीकता के साथ संभावित खतरों का जवाब दे सकती है। यह तकनीकी प्रगति अपनी रक्षा क्षमताओं को बढ़ाने और नौसैनिक युद्ध नवाचार में सबसे आगे रहने की भारत की प्रतिबद्धता को रेखांकित करती है।

'रामलला को बनते देखने रोज आते थे ‘हनुमान जी’, प्रतिमा बनाने वाले अरुण योगीराज ने बताए अचंभित करने वाले अनुभव

अयोध्या में विराजमान रामलला की प्रतिमा देश के लोकप्रिय मूर्तिकार अरुण योगीराज द्वारा बनाई गई है। वही पहले व्यक्ति हैं जिन्होंने रामलला के विग्रह को तैयार होने के पश्चात सबसे पहले देखा। ऐसे में प्राण-प्रतिष्ठा के पश्चात् उनसे कई प्रकार के सवाल हो रहे हैं। उनसे उनका अनुभव पूछा जा रहा है। इन सवालों के उत्तर देते हुए उन्होंने अपने इंटरव्यूज में हैरान कर देने वाले खुलासे किए हैं। अरुण योगीराज ने अपने एक इंटरव्यू में चर्चा करते हुए कहा कि ये कार्य उन्होंने स्वयं नहीं किया भगवान ने उनसे करवाया है। वह बोलते हैं कि जब वो रामलला की प्रतिमा को गढ़ रहे थे तो रोज उस प्रतिमा से बात करते थे। वह कहा करते थे, “प्रभु बाकी लोगों से पहले मुझे दर्शन दे दो।” योगीराज की मानें तो जब प्रतिमा की प्राण-प्रतिष्ठा हुई तो उन्हें लगा ही नहीं कि वो प्रतिमा उनके द्वारा बनाई गई है। उसके हाव-भाव बदल चुके थे। इस बारे में उन्होंने लोगों से कहा भी कि उन्हें नहीं भरोसा हो रहा प्रतिमा उनके द्वारा बनाई गई है। उन्होंने माना कि यदि वो प्रयास भी करें तो दोबारा इस प्रकार का विग्रह कभी नहीं बना सकते।

उन्होंने कहा, “जब मैंने प्रतिमा बनाई तब वो अलग थी। गर्भगृह में जाने के बाद और प्राण-प्रतिष्ठा के पश्चात् वो अलग हो गई। मैंने 10 दिन गर्भगृह में गुजारे। एक दिन जब मैं बैठा था मुझे अंदर से लगा ये तो मेरा काम है ही नहीं। मैं उन्हें पहचान नहीं पाया। अंदर जाते ही उनकी आभा बदल गई। मैं उसे अब दोबारा नहीं बना सकता। जहाँ तक छोटे-छोटे विग्रह बनाने की बात है वो बाद में सोचूँगा।” रामलला की प्रतिमा पर इंटरव्यू देते वक़्त अरुण योगीराज नंगे पाँव बैठे नजर आए। उन्होंने कहा कि राम को दुनिया को दिखाने से पहले स्वयं मानना था कि मूरत में राम हैं। वह बोले, “मैं दुनिया को दिखाने से पहले उनके दर्शन करना चाहता था। मैं उन्हें बोलता था- दर्शन दे दीजिए प्रभु। तो, भगवान मेरी जानकारी जुटाने में स्वयं मदद कर रहे थे। कभी दीपावली के समय कोई जानकारी मिल गई। कुछ तस्वीरें मुझे वो मिल गईं जो 400 वर्ष पुरानी थीं। हनुमान जी भी हमारे दरवाजे पर आते थे गेट खटखटाते थे, सब देखते थे, फिर चले जाते थे।”

अपने अद्भुत अनुभवों को बताते हुए उन्होंने कहा, “प्रतिमा बनाने के चलते हर रोज एक बंदर शाम में 4 से 5 बजे के बीच उस जगह आता था, वो सब देखकर चला जाता था। ठंड में हम दरवाजे बंद करने लगे। जब उसने ऐसा देखा तो वो तेज की दरवाजा खोलता अंदर आता, देखता तथा चला जाता। शायद उनका भी देखने का मन होता होगा।” वही योगीराज से जब पूछा गया कि क्या उन्हें सपने भी आते थे कुछ, तो उन्होंने कहा कि वो बीते 7 महीनों से ढंग से सो ही नहीं पाए हैं। इसलिए वो इस पर कुछ नहीं बोल सकते। उनके जहन में हमेशा था कि जो वो कर रहे हैं वो देश को पसंद आना चाहिए। उन्होंने कहा कि उनकी विश्वकर्मा समुदाय सदियों से यही काम करता आया है। उनके स्थानीय क्षेत्र में कहावत भी चलती है- ‘भगवान के स्पर्श से पत्थर फूल बन गए और शिल्प के स्पर्श से पत्थर भगवान बन गए।’

इतना सराहनीय कार्य करने के पश्चात् भी अरुण इस रामलला के विग्रह के लिए सारा श्रेय खुद नहीं लेते। वो बोलते हैं कि भगवान ने उनसे ये करवाया है। वरना वो प्रतिमा कैसे गढ़ पाते। उन्होंने एक अन्य इंटरव्यू में कहा कि उन लोगों ने रामलला को पत्थर से मूरत में देखने के लिए 6 महीने तक इंतजार किया। उन्होंने बताया कि उनकी बनाई राम प्रतिमा 51 इंच की है। ऐसा इसलिए क्योंकि वैज्ञानिकों की गणित थी इतनी इंच की प्रतिमा हुई तो राम नवमी वाले दिन सूर्य की किरण प्रभु श्री राम के मस्तक पर सीधे पड़ेंगी। इस इंटरव्यू में भी उन्होंने यही बताया कि वो अपने असिस्टेंट्स के जाने के पश्चात् भगवान के विग्रह के पास अकेले बैठते थे तथा यही प्रार्थना करते थे कि प्रभु दूसरों से पहले उन्हें दरश देना।

DRDO ने किया बड़ा ऐलान, मार्च तक शुरू होगा देश की इस शक्तिशाली सुपरसोनिक मिसाइलों का निर्यात

डेस्क: भारत की डिफेंस रिसर्च एंड डेवलपमेंट ऑर्गनाइजेशन (DRDO) ने एक बड़ा ऐलान किया है। डीआरडीओ ने ऐलान करते हुए जानकारी दी है कि इस साल मार्च तक वह देश की शक्तिशाली सुपरसोनिक क्रूज मिसाइल ब्रह्मोस का निर्यात (Export) शुरू कर देगा। माना जा रहा कि ये देश के रक्षा क्षेत्र में यह पूरी तरह आत्मनिर्भर बनने की कोशिश में एक बड़ी उपलब्धि होगी। इस ऐलान की जानकारी खुद डीआरडीओ प्रमुख समीर वी. कामत ने न्यूज एजेंसी एएनआई के जरिए की है।

आ सकते हैं विदेशों से ऑर्डर

डीआरडीओ प्रमुख समीर वी. कामत ने जानकारी देते हुए कहा कि डीआडीओ इस साल मार्च तक ब्रह्मोस सुपरसोनिक क्रूज मिसाइल की निर्यात शुरू करेगा। आगे कहा कि डीआरडीओ अगले 10 दिन में ही इन मिसाइलों की ग्राउंड सिस्टम्स का निर्यात शुरू करेगा। इसके अलावा डीआरडीओ ने जिन 307 ATAGS बंदूकों को डेवलप किया है और जिनका निर्माण भारत फोर्ज और टाटा एडवांस्ड सिस्टम जैसी प्राइवेट सेक्टर की कंपनियां कर रही हैं, इनके भी इस वित्तीय वर्ष के अंत तक विदेशों से ऑर्डर आ सकते हैं।

इस देश के साथ हुआ था मिसाइलों को लेकर सौदा

गौरतलब है, जनवरी 2022 में भारत और फिलीपींस के बीच ब्रह्मोस मिसाइलों को लेकर 375 मिलियन डॉलर की डील हुई थी। इसी के तहत फिलीपींस को मिसाइलों की डिलीवरी होनी है। 290 किमी रेंज वाली इन मिसाइलों का निर्यात अपनी तरह का पहला समझौता था। इस डील के तहत 2 सालों में एंटी-शिप वर्जन की 3 मिसाइल बैटरियों का भी एक्सपोर्ट होना है। इसी कड़ी माना जा रहा कि इन ब्रह्मोस मिसाइलों को फिलीपींस को एक्सपोर्ट किया जाएगा।

कई देशों ने दिखाई थी दिलचस्पी

जानकारी के लिए बता दें कि ब्रह्मोस मिसाइल को खरीदने में दक्षिण एशिया के कई देशों ने दिलचस्पी दिखाई है। जिसमें इंडोनेशिया, वियतनाम जैसे देश शामिल हैं। पिछले साल ही खबर आई थी वियतनाम ब्रह्मोस मिसाइल को लेकर 625 मिलियन डॉलर का सौदा भारत के साथ करना चाहता है।

बंगाल के पूर्वी बर्धमान में प्रशासनिक बैठक से वापस लौटते समय सीएम ममता बनर्जी के सिर में लगी चोट, रुमाल बांध कोलकाता के लिए हुईं रवाना!

पूर्वी बर्द्धमान जिले में एक प्रशासनिक बैठक से लौटते समय मुख्यमंत्री ममता बनर्जी के माथे पर हल्की चोट लग गई। दरअसल, कार चालक ने अचानक से ब्रेक लगा दिया जिसकी वजह से मुख्यमंत्री चोटिल हो गईं।

बुधवार को पूर्वी बर्द्धमान के गोदार मैदान में ममता ने प्रशासनिक बैठक की। बैठक के बाद मुख्यमंत्री कोलकाता लौटने के लिए कार में बैठ गईं। सभा स्थल से जीटी रोड पर चढ़ते समय रास्ते में चालक ने अचानक ब्रेक मार दिया। उस झटके में मुख्यमंत्री के माथे पर चोट लग गई। हालांकि, ममता बिना गाड़ी रोके सीधे कोलकाता के लिए रवाना हो गईं।

मुख्यमंत्री ने माथे पर बांधा रुमाल

एक प्रत्यक्षदर्शी के मुताबिक, घायल होने के बाद मुख्यमंत्री ने माथे पर रुमाल बांधा था। बता दें कि बुधवार को तकरीबन साढ़े 12 बजे ममता बनर्जी ने बैठक शुरू की। हेलीकाप्टर से वह पूर्वी बर्द्धमान पहुंची थी, लेकिन बैठक खत्म होने से पहले ही मौसम बिगड़ने लगा। कोहरे के साथ ही बारिश भी शुरू हो गई। उसी वक्त तय हो गया कि मुख्यमंत्री हेलीकाप्टर से नहीं लौटेंगी। सड़क मार्ग से कोलकाता जाएंगी।

मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार जिस कार में मुख्यमंत्री बैठी थीं, उसके ड्राइवर ने सभा स्थल से मुख्य सड़क तक जाते समय अचानक ब्रेक लगा दी। उस झटके में ममता के माथे पर हल्की चोट लग गई।

पांच साल के बच्चे को हरिद्वार के हरकी पैड़ी लेकर पहुंचे परिजन, गंगा में डुबोकर ले ली जान, भीड़ ने आरोपियों को पकड़ा


हरिद्वार में बुधवार को सनसनीखेज मामला सामने आया है। जहां एक परिवार ने अपने ही पांच साल के बच्चे को हरकी पैड़ी पर गंगा में डुबोकर मार डाला। पुलिस ने फिलहाल बच्चे के शव को कब्जे में ले लिया है।

पुलिस के अनुसार, घटना बुधवार दोपहर की है। एक परिवार बच्चे को लेकर हरकी पैड़ी पर आया। बच्चे की मां के अलावा अन्य परिजन भी साथ थे। उन्होंने बच्चे को ब्रह्मकुंड में ले जाकर डुबो दिया। इतना ही नहीं उसे लगातार डुबोते रहे। आस-पास के लोगों ने जब ये देखा वहां अफरा-तफरी मच गई। बच्चे को तुरंत बाहर निकाला गया।

सूचना मिलने पर नगर कोतवाली प्रभारी भावना कैंथोला, हरकी पैड़ी चौकी इंचार्ज संजीव चौहान टीम के साथ मौके पर पहुंचे। बच्चे को तुरंत जिला अस्पताल पहुंचाया, जहां चिकित्सकों ने उसे मृत घोषित कर दिया। कोतवाली प्रभारी भावना कैंथोला ने बताया कि शव को कब्जे में ले लिया गया है। साथ में आए परिजनों को हिरासत में लेते हुए पूछताछ शुरू कर दी गई है। उनके बात के बाद ही पूरी स्थिति स्पष्ट हो पाएगी।

भीड़ ने आरोपियों को पकड़ा

घटना का पता लगते ही मौके पर सैकड़ों लोगों की भीड़ वहां जुट गई। इस दौरान लोगों ने आरोपियों को पकड़ लिया और पीट दिया।

लोकसभा चुनाव से पूर्व सिंधिया ने कांग्रेस को दिया एक और बड़ा झटका, एक दिन में 228 नेताओं को कराया भाजपा में शामिल

चंबल में ज्योतिरादित्य सिंधिया ने कांग्रेस को एक बार फिर से बड़ा झटका दे दिया है। इस बार सिंधिया ने मुरैना जिले के तमाम पदाधिकारी सहित 228 कांग्रेसियों को भारतीय जनता पार्टी में सम्मिलित करके कांग्रेस की हालत खराब कर दी है। बीते दिनों सिंधिया ने मुरैना से कांग्रेस के पूर्व MLA राकेश मावई को भी भारतीय जनता पार्टी में सम्मिलित करके कांग्रेस को करारा झटका दिया था। अब राकेश मावई की अगुवाई में ही 228 कांग्रेसियों ने भारतीय जनता पार्टी ज्वाइन करके कांग्रेस को अलविदा कह दिया है। 

दरअसल, मुरैना विधानसभा से कांग्रेस के MLA रहे राकेश मावई अपनी पार्टी से नाराज चल रहे थे। विधानसभा चुनाव में टिकट नहीं प्राप्त होने से नाराज राकेश मावई ने बीते दिनों भारतीय जनता पार्टी का दामन थाम लिया था। केंद्रीय नागरिक उड्डयन मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया के समक्ष दिल्ली पहुंचकर राकेश मावई ने भारतीय जनता पार्टी की सदस्यता ली। कांग्रेस यह झटका अभी खेल भी नहीं पाई थी कि सिंधिया ने राकेश मावई के जरिए कांग्रेस को एक बार फिर से जोरदार झटका देते हुए मुरैना के तमाम पदाधिकारी समय 228 कांग्रेसियों को भारतीय जनता पार्टी में सम्मिलित कर लिया है। 

वही अब तक प्राप्त हुई खबर के मुताबिक, सिंधिया के ग्वालियर स्थित जय विलास पैलेस में राकेश मावई कांग्रेस के पदाधिकारी एवं कार्यकर्ताओं को लेकर पहुंचे थे। यहां सिंधिया के समक्ष सभी पदाधिकारी एवं कांग्रेस कार्यकर्ताओं ने भारतीय जनता पार्टी ज्वाइन कर ली। भारतीय जनता पार्टी में सम्मिलित होने वाले पदाधिकारियों में मुरैना की महिला कांग्रेस की जिला अध्यक्ष संजू शर्मा, अल्पसंख्यक विभाग के शहर अध्यक्ष हसनैन खान, बानमोर ब्लॉक के सभी मंडल अध्यक्ष, सेक्टर अध्यक्ष एवं मुरैना दक्षिण के सभी सेक्टर एवं मुरैना उत्तर के 15 सेक्टर एवं 7 मंडल एवं जिला पदाधिकारी और ब्लॉक पदाधिकारी सहित आईटी सेल की प्रदेश पदाधिकारी एवं जिला पदाधिकारी सम्मिलित हैं। 

कुल मिलाकर 228 लोगों ने कांग्रेस को छोड़कर भारतीय जनता पार्टी का दामन थाम लिया है। लोकसभा चुनाव के पहले सिंधिया निरंतर कांग्रेस को झटका देते दिखाई दे रहे हैं। जिस तरीके से मुरैना के इन तमाम पदाधिकारी एवं कांग्रेसी कार्यकर्ताओं ने कांग्रेस का दामन छोड़कर भारतीय जनता पार्टी ज्वाइन की है, उससे लगता है कि आगामी लोकसभा चुनाव में कांग्रेस के लिए बड़ा संकट खड़ा होने जा रहा है।