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डोनाल्ड ट्रंप की जीत पर व्लादिमीर पुतिन की पहली प्रतिक्रिया, बधाई के साथ तारीफ में कही ये बात

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अमेरिकी राष्ट्रपति चुनाव में जीत हासिल करने के बाद डोनाल्ड ट्रंप को दुनिया भर के नेता बधाई दे रहे हैं। चीनी राष्ट्रपति शी जिपिंग के बाद अब आखिरकार रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन ने भी बधाई दी है। जीत की बधाई देते हुए पुतिन ने डोनाल्ड ट्रंप की तारीफ भी की। पुतिन ने एक कार्यक्रम में ट्रंप को शुभकामनाएं देते हुए कहा कि वो एक बहादुर नेता हैं। अमेरिका के चुनावी परिणाम सामने आने के बाद यह पुतिन की पहली सार्वजनिक टिप्पणी है। यह बधाई ऐसे समय में आई है जब अमेरिका और रूस के बीच संबंधों में भारी तनाव है, खासकर यूक्रेन युद्ध को लेकर, जिसमें अमेरिका ने यूक्रेन का समर्थन किया है।

रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन सोची रिसॉर्ट में एक अंतरराष्ट्रीय सम्मेलन में भाग ले रहे थे। पुतिन से सम्मेलन में ट्रंप की जीत को लेकर सवाल किया गया। इस पर पुतिन ने कहा कि "मैं इस अवसर पर संयुक्त राज्य अमेरिका के राष्ट्रपति के रूप में उनके चुनाव पर उन्हें बधाई देना चाहता हूं।"

इस दौरान पुतिन ने ट्रंप की बहादुरी की तारीफ भी की। इतना ही नहीं ट्रंप पर जुलाई में हुए हत्या के प्रयास के बाद उनके द्वारा की गई प्रतिक्रिया को भी उन्होंने सराहा। पुतिन ने कहा, मैंने ट्रंप के व्यवहार को देखा है, उन्होंने काफी साहस दिखाया। पुतिन ने यह भी कहा कि वह ट्रंप से बातचीत के लिए तैयार हैं और अमेरिका से संबंधों को बहाल करने में कोई आपत्ति नहीं है, लेकिन यह पूरी तरह से अमेरिका पर निर्भर है कि वह इस दिशा में कदम उठाएगा या नहीं।

पुतिन ने हालांकि यह भी कहा कि युद्ध समाप्त करने के लिए रूस पर किसी भी तरह का कोई दबाव काम नहीं करेगा। हालांकि वह संकट के समाधान के लिए बातचीत के लिए तैयार हैं। बातचीत ऐसी हो जो दोनों पक्षों के हित में हो।

क्रेमलिन के बयान के काफी देर बाद आई पुतिन की प्रतिक्रिया

बता दें कि रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन का ये बयान ट्रंप की राष्ट्रपति पद पर जीत को लेकर क्रेमलिन के बयान के काफी देर बाद आया है। क्रेमलिन द्वारा जारी बयान में कहा गया था कि अमेरिका में ट्रंप की जीत के बाद यूक्रेन के साथ 30 महीने से अधिक समय से जारी युद्ध समाप्त होता है या नहीं, यह देखना बेहद दिलचस्प रहेगा। क्रेमलिन के प्रवक्ता दिमित्री पेस्कोव ने कहा कि ट्रंप ने अपने चुनाव अभियान के दौरान यूक्रेन युद्ध को समाप्त करने के बारे में कुछ महत्वपूर्ण बयान दिए थे। लेकिन यह तो समय ही बताएगा कि इन बयानों पर कार्रवाई होती है या नहीं।

रूस ने साफ किया रूख

रूस-यूक्रेन युद्ध के कारण अमेरिका और रूस के रिश्तों में काफी तनाव पैदा हो चुका है। अमेरिका ने रूस के खिलाफ कई प्रतिबंध लगाए हैं और रूस की आक्रामकता का बड़े मंचो पर कड़ा विरोध भी किया। इन परिस्थितियों में, ट्रंप का रूस के साथ रिश्तों को सुधारने की बात करना एक नया पहलू हो सकता है। पुतिन ने बधाई देकर संकेत दिया कि वह इस मुद्दे पर ट्रंप से बातचीत करने के लिए तैयार हैं, लेकिन इसके लिए अमेरिका का रुख जानना महत्वपूर्ण होगा।

फिर दिखा पुतिन का भारत प्रेम, पीएम मोदी की यूक्रेन युद्ध पर चिंता से लेकर भारतीय फिल्मों तक पर की बात

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प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी 16वें ब्रिक्स समिट में भाग लेने के लिए 22-23 अक्टूबर तक रूस का दौरा करेंगे। इससे पहले रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन ने एक प्रेस कॉन्फ्रेंस के दौरान पीएम मोदी और भारतीय फिल्मों की जमकर सराहना की। पुतिन का कहना है कि भारत के प्रधानमंत्री मोदी यूक्रेन युद्ध को लेकर फिक्रमंद रहते हैं।इस दौरान उन्होंने यूक्रेन युद्ध पर चिंता जताने और समाधान निकालने के प्रयासों के लिए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का आभार व्यक्त किया।

पीएम मोदी का जताया आभार

रूस में ब्रिक्स शिखर सम्मेलन से पहले शुक्रवार को मीडिया से बातचीत में व्लादिमीर पुतिन से यूक्रेन विवाद पर सवाल हुआ था। इस पर जवाब देते हुए रूसी प्रेसीडेंट ने कहा कि जब भी बातचीत होती है तो पीएम मोदी हर बार इस मुद्दे (यूक्रेन-रूस युद्ध) को उठाते हैं और अपने विचार व्यक्त करते हैं।पुतिन ने कहा कि पीएम मोदी ने हमेशा संघर्ष के स्थायी और शांतिपूर्ण समाधान के लिए सभी हितधारकों के साथ संवाद व कूटनीति के महत्व पर जोर दिया है। इसके लिए हम पीएम मोदी आभार भी व्यक्त करते हैं।

यूक्रेन में युद्ध की समाप्ति की समयसीमा तय करना आसान नहीं-पुतिन

मॉस्को में विदेशी पत्रकारों के एक समूह से बातचीत के दौरान पुतिन ने कहा कि रूस के साथ युद्ध में यूक्रेन का समर्थन अमेरिका और पश्चिमी देश कर रहे हैं। उन्होंने जोर देकर कहा कि पश्चिमी देशों का सैन्य गठबंधन नाटो यूक्रेन के लिए युद्ध लड़ रहा है, जो सही नहीं है। रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन ने इस दौरान कहा कि यूक्रेन में युद्ध की समाप्ति के लिए समयसीमा तय करना आसान नहीं है। इसकी कोई समय सीमा तय करना मुश्किल और प्रतिकूल होगा। हालांकि उन्होंने रूस की जीत का दावा जरूर किया।

पुतिन ने की भारतीय फिल्मों की सराहना

इस दौरान पुतिन ने भारतीय फिल्मों की जमकर सराहना की। साथ ही उन्होंने रूस में भारतीय फिल्मों के प्रसारण को बढ़ावा देने की संभावनाओं पर भी जोर दिया। पुतिन ने कहा कि अगर हम ब्रिक्स देशों को देखें, तो मुझे लगता है कि हमारे यहां भारतीय फिल्में सबसे लोकप्रिय हैं। एक टीवी चैनल पर तो चौबीसों घंटे भारतीय फिल्में दिखाई जाती हैं। हमें भारतीय फिल्मों में बहुत रुचि है। हम इस साल मॉस्को अंतर्राष्ट्रीय फिल्म महोत्सव में बीआरसीआईएस देशों की फिल्में पेश करेंगे।

रूस में अगले हफ्ते होगा ब्रिक्स सम्मेलन

रूस के कजान में अगले हफ्ते ब्रिक्स शिखर सम्मेलन होने जा रहा है।ब्रिक्स शिखर सम्मेलन की 16वीं बैठक रूस के कजान में आयोजित की जाएगी। ब्रिक्स के इस साल के शिखर सम्मेलन का विषय 'वैश्विक विकास और सुरक्षा के लिए बहुपक्षवाद को मजबूत करना' है।ग्रुप के नौ सदस्यों तक विस्तार होने के बाद यह पहला शिखर सम्मेलन है। मिस्र, ईरान, इथियोपिया और यूएई इस साल दक्षिण अफ्रीका में 2023-समिट में सदस्यता की पेशकश के बाद ग्रुप में शामिल हुए थे।

यूक्रेन पर रूस का बड़ा हमला, बैलिस्टिक मिसाइल अटैक में 41 की मौत

#zelensky_says_41_killed_in_russian_attack_on_ukrainian_city 

रूस ने मंगलवार को यूक्रेन के पोल्तावा शहर में 2 बैलिस्टिक मिसाइलों से हमला किया। रूस ने कब्जे वाले क्रीमिया क्षेत्र से 3 इस्कंदर बैलिस्टिक मिसाइलें दागीं, जिसमें से 2 मिसाइलों ने एक मिलिट्री स्कूल और अस्पताल को चपेट में लिया। यूक्रेन के राष्ट्रपति वोलोदिमिर जेलेंस्की ने दावा किया है कि इस हमले में 41 लोगों की मौत हो गई है। वहीं 180 से ज्यादा लोग घायल हुए हैं।

यूक्रेन के राष्ट्रपति वोलोदिमीर जेलेंस्की ने अपने टेलीग्राम चैनल के जरिए बताया है कि एक हमला पोल्तावा के मिलिट्री कॉलेज में हुआ, जिसमें कम से कम 41 लोग मारे गए हैं। यूक्रेन के रक्षा मंत्रालय ने बताया कि अलर्ट सायरन बजने और मिसाइल अटैक होने में बेहद कम समय का अंतर था। लोग बॉम्ब शेल्टर की तरफ जा ही रहे थे कि उन पर हमला हो गया। रेस्क्यू टीम ने 25 लोगों को बचा लिया जिनमें से 11 मलबे के नीचे दबे थे।

जेलेंस्की ने कहा कि रूस ने उनके एक एजुकेशनल इंस्टिट्यूट और अस्पताल को निशाना बनाया। इस दौरान एक इमारत को काफी नुकसान पहुंचा। कई नागरिक इमारत के मलबे के नीचे दब गए। हमले के बाद पोल्तावा में तीन दिन के शोक की घोषणा की है। जेलेंस्की ने कहा है कि उन्होंने इस हमले को लेकर पूर्ण जांच के निर्देश दे दिए हैं।

जेलेंस्की ने कहा है कि रूसी हमलावरों को इसका खामियाजा भुगतना होगा। उन्होंने कहा कि दुनिया के वो सभी देश जो इस युद्ध को रोकने की ताकत रखते हैं, हम उनसे अपील कर रहे हैं कि यूक्रेन को एयर डिफेंस सिस्टम और मिसाइलों की जरूरत है। लंबी दूरी तक मार करने वाली मिसाइलें ही यूक्रेन को रूस के आक्रमण से बचा सकती हैं। उन्होंने कहा कि दुर्भाग्य से देरी का हर दिन अधिक से अधिक लोगों की जान ले रहा है।

इससे पहले रूसी सेना ने रविवार को यूक्रेन के खारकीव में घातक हमले किए थे जिसमें 5 बच्चों समेत कम से कम 47 लोगों की मौत हो गई थी। यूक्रेनी अधिकारियों के मुताबिक ये 47 मौतें खारकीव के एक मॉल पर हुए रूसी मिसाइलों के हमलों में हुईं। खारकीव में रूसी हमलों के बाद यूक्रेन की राष्ट्रपति वोलोदिमीर जेलेंस्की ने अपने पश्चिमी सहयोगियों से चर्चा की थी और उनकी तरफ से दी गई मिसाइलों से रूस पर हमला करने की इजाजत मांगी थी। यूक्रेन का कहना है कि वह रूस के और अंदरूनी इलाकों में हमला करना चाहता है।

वहीं, रूसी अधिकारियों की तरफ से भी कहा गया था कि यूक्रेन ने करीब 158 ड्रोन रूसी शहरों पर दागे हैं, जिसके बाद मॉस्को ऑयल रिफाइनरी और कोनाकोवो पावर स्टेशन में आग लग गई। पिछले हफ्ते रूस के शहर सरतोवा की बिल्डिंग पर एक यूक्रेनी ड्रोन से हमला किया गया था, इस हमले की तुलना अमेरिका के 9/11 से हुई थी।

एस जयशंकर ने भी माना भारतीयों नागरिकों को रूसी सेना में भर्ती के लिए किया गया गुमराह, लोकसभा में दिया बयान*
#s_jaishankar_on_indian_civilians_in_russian_army
लोकसभा में विदेश मंत्री एस जयशंकर ने रूसी सेना में भर्ती किए गए भारतीयों को लेकर बयान दिया है। जयशंकर के मुताबिक़, 91 भारतीय नागरिक रूसी सेना में शामिल हुए थे। इनमें से आठ नागरिकों की मौत भी हो चुकी है। विदेश मंत्री जयशंकर ने बताया कि 14 भारतीयों को सरकारी सहायता से रूसी सेना से बाहर निकाल लिया गया है। जबकि 69 भारतीय अभी भी रूस से वापस भारत आने का इंतज़ार कर रहे हैं। विदेश मंत्री एस जयशंकर ने शुक्रवार को लोकसभा में कहा कि कई मामलों में ऐसे संकेत मिले हैं कि भारतीय नागरिकों को गुमराह किया गया। लोकसभा में बोलते हुए मंत्री ने यह भी कहा कि सरकार ने रूसी सेना में भारतीय नागरिकों की भर्ती और दक्षिण पूर्व एशियाई देशों में नागरिकों की साइबर अपराध तस्करी जैसे मुद्दों को गंभीरता से लिया है। *रूसी सेना से 69 भारतीय नागरिकों की रिहाई का इंतजार* एस जयशंकर ने कहा कि रूसी सेना में भारतीय नागरिकों की भर्ती के अब तक कुल 91 मामले सामने आए हैं। इनमें से आठ की मौत हो चुकी है, 14 को छुट्टी दे दी गई है या वापस भेज दिया गया है और 69 नागरिकों की रिहाई का इंतजार है। उन्होंने कहा, 'हम इस मुद्दे को बहुत गंभीरता से ले रहे हैं। मैंने खुद रूसी विदेश मंत्री के साथ कई बार इस मुद्दे को उठाया है। उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने भी पिछले महीने रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन के साथ अपनी बैठक के दौरान इस मुद्दे को उठाया था। *हमारे नागरिकों को गुमराह किया गया-जयशंकर* जयशंकर ने बताया कि समस्या यह है कि रूसी अधिकारी यह मानते हैं कि इन भारतीय नागरिकों ने रूसी सेना के साथ सर्विस के लिए क़रार किया था। लेकिन हम ऐसा नहीं मानते, मुझे लगता है कि हमारे नागरिकों को गुमराह किया गया था, उन्हें बताया गया था कि वे किसी अन्य नौकरी के लिए जा रहे हैं और फिर उन्हें रूसी सेना में तैनात किया गया। विदेश मंत्री ने बताया कि सीबीआई ने 19 व्यक्तियों और संस्थाओं के ख़िलाफ़ आपराधिक मामला दर्ज किया है। उन 14 लोगों की जांच भी हुई है, जो रूस से लौटे हैं। 10 मानव तस्करों के ख़िलाफ़ पर्याप्त सबूत सामने आए हैं। इस मामले की जांच के दौरान, 24 अप्रैल को दो अभियुक्तों को गिरफ्तार किया गया और 7 मई को दो और लोगों को गिरफ्तार किया गया। सभी चार अभियुक्त अभी में न्यायिक हिरासत में हैं।
रूस से आई बड़ी खुशखबरी, वापस लौटेंगे रूसी सेना में शामिल भारतीय, पुतिन ने किया एलान

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प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी इस समय रूस के दो दिवसीय दौरे पर हैं। इस दौरान उन्होंने रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन से मुलाकात की। पीएम मोदी को इस यात्रा से बड़ी कामयाबी मिली है। दरअसल, सोमवार को पुतिन के साथ डिनर के दौरान पीएम मोदी ने रूस की सेना में भारतीय सैनिकों के फंसने का मुद्दा उठाया। जिसे पुतिन ने तत्काल सुलझा दिया। रूसी सेना में कार्यरत सभी भारतीयों को बर्खास्त करने का निर्णय लिया है। 

बता दें कि कई भारतीयों को धोखा देकर रूसी सेना में भर्ती करने का खुलासा हुआ था। दर्जनों भारतीय रूसी सेना में फंसे हैं और कई भारतीय रूस-यूक्रेन युद्ध में मोर्चे पर तैनात हैं। प्रधानमंत्री मोदी ने सोमवार शाम राष्ट्रपति पुतिन के साथ निजी रात्रिभोज में यह मुद्दा उठाया। जिस पर रूसी राष्ट्रपति अपनी सेना में कार्यरत सभी भारतीयों को बर्खास्त करने और उनकी भारत वापसी में मदद करने पर सहमत हो गए।

रूसी राष्ट्रपति के नोवो-ओगारियोवो निवास पर व्लादिमीर पुतिन प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की मुलाकात हुई है। दोनों नेताओं ने एक अनौपचारिक मुलाकात भी की है। माना जा रहा है कि इस मुलाकात में मैत्रीपूर्ण रूसी-भारत संबंध, साथ ही वर्तमान अंतर्राष्ट्रीय और क्षेत्रीय मुद्दों पर चर्चा हुई है। इसी दौरान पीएम मोदी ने रूसी सेना में भारतीयों के फंसे होने का मुद्दा उठाया।

अब रूस की सेना में शामिल भारतीयों की जानकारी और डेटा को लेकर दोनों देश मिलकर काम करेंगे। करीब 200 लोग एजेंट के झांसे की वजह से रूस-यूक्रेन वॉर जोन में फंसे हैं। नौकरी के लालच में उन्हें रूस जाने पर युद्धक्षेत्र में भेज दिया गया है। दो भारतीय व्यक्ति की युद्ध में मौत हो चुकी है।

इस साल की शुरुआत में एक वीडियो वायरल हुआ था, जिसमें पंजाब और हरियाणा के कुछ लोगों को रूसी सेना की वर्दी में देखा गया था। इस वीडियो में इन भारतीयों ने दावा किया कि उन्हें यूक्रेन में युद्ध लड़ने के लिए धोखा दिया गया। इन भारतीयों ने सरकार से उनकी वतन वापसी के लिए कोशिश करने की अपील की थी। वीडियो सामने आने के बाद भारत सरकार ने रूस के समक्ष ये मुद्दा उठाया था।

24 साल बाद उत्तर कोरिया जा रहे पुतिन, जानिए क्या हैं इसके मायने

#russian_president_vladimir_putin_on_visit_of_north_korea 

रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन मंगलवार को दो दिवसीय यात्रा पर उत्तर कोरिया पहुंचने वाले हैं। बीते 24 वर्षों में पुतिन की उत्तर कोरिया की पहली यात्रा होगी। माना जा रहा है कि पुतिन उत्तर कोरिया के नेता किम जोंग उन से मुलाकात कर के सैन्य सहयोग बढ़ाने पर चर्चा कर सकते हैं। दोनों देश अमेरिका के साथ अपने अलग-अलग मतभेदों के मद्देनजर अपने गठबंधन को और मजबूत कर रहे हैं।

उत्तर कोरिया की आधिकारिक कोरियन सेंट्रल न्यूज एजेंसी ने कहा कि पुतिन किम के निमंत्रण पर मंगलवार और बुधवार को राजकीय यात्रा पर रहेंगे। उत्तर कोरिया की सरकारी मीडिया ने इस बारे में तत्काल विस्तृत जानकारी नहीं दी है। साथ ही रूस ने भी इस यात्रा की पुष्टि की।इस बात को लेकर तमाम तरह की अटकलें लगाई जा रही हैं कि रूस और उत्तर कोरिया एक दूसरे से क्या चाहते हैं। ऐसा लगता है कि ये सारा मामला हथियारों की आपूर्ति पर जाकर रुक जाता है।

पुतिन उत्तर कोरिया की यात्रा पर ऐसे वक्त जा रहे हैं जब अंतरराष्ट्रीय समुदाय किसी हथियार समझौते के बारे में चिंता जता रहा है। माना जा रहा है कि प्योंगयांग द्वारा आर्थिक सहायता और प्रौद्योगिकी हस्तांतरण के बदले में मास्को को आवश्यक हथियार उपलब्ध कराया जाएगा। युक्रेन से जारी युद्ध में ये हथियार पुतिन के लिए बहुत ज्यादा ही जरूरी हैं। दक्षिण कोरिया के रक्षा मंत्रालय के सूत्रों के हवाले से ब्लूमबर्ग की एक हालिया रिपोर्ट में कहा गया था कि उत्तर कोरिया ने तोप के लगभग पचास लाख गोले रूस भेजे हैं।

सवाल ये है कि पुतिन का दौरा क्यों अहम है और वो इसी वक़्त क्यों उत्तर कोरिया जा रहे हैं? पहली बात तो ये है कि पुतिन चूंकि सिर्फ़ दूसरी बार उत्तर कोरिया जाने वाले हैं, तो उनके दौरे को लेकर उत्सुकता होना लाज़मी है। इससे पहले वो साल 2000 में तब उत्तर कोरिया के दौरे पर गए थे, जब उन्होंने पहली बार राष्ट्रपति का पद संभाला था। उस समय किम जोंग उन के पिता किम जोंग इल, उत्तर कोरिया के सर्वोच्च नेता थे। लेकिन, इससे इतर दोनों देशों के बीच एक ऐसा रिश्ता है, जो एक दूसरे के प्रति दोस्ती जताने से आगे बढ़कर अब एक दूसरे के फ़ायदे वाला हो गया है और इससे पश्चिमी देशों की चिंता बढ़ गई है। हालांकि अभी भी रूस और उत्तर कोरिया के संबंध उस स्तर के नहीं हैं, जैसे सोवियत संघ के ज़माने में थे।

हालांकि, रूस के लिए एक ऐसा साझीदार तलाशना काफ़ी महत्वपूर्ण है जो उसी की तरह पश्चिमी देशों और उनके प्रतिबंधों से नफ़रत करता हो और इसी वजह से रूस के साथ कारोबार करने के लिए राज़ी हो।

Euro Cup 2024 starts today
#Sports News# Football #URO Cup ,2024 # Street Buzz News


*SB News Bureau:* The most entertaining competition after the football World Cup, the Euro Cup is going to start on Friday. As a result, football lovers of the city started waking up at night.

Two years ago, the magnificent football World Cup was held in Qatar. In the last 32-country fight, many countries have caught the eye separately. After the World Cup, arguably football's competition ahead of the rest, the Euro Cup gets underway on Friday. Germany and Scotland meet in the first match in Munich. Cristiano Ronaldo's Portugal, Kylian Mbappe's France, Harry Kane's England or three-time winners Spain, there is no shortage of countries to catch the eye at the Euro Cup. But this competition is always used to surprise. In 2004, Greece surprised everyone and won the trophy. A last-minute opportunity after Yugoslavia's relegation, Denmark surprised by winning Euro 1992. This time also any country can surprise.

Germany, which hosted the World Cup in 2006, is now the host of the Euro Cup. They want to bring back the experience of 18 years ago. Millions of people have already gathered in that country. Every stadium is likely to be full. But this time the political context of Europe is different. It's the first time since the Russian invasion of Ukraine that the Euros are taking place. It's hard to predict who will win after a month of football war. However, UEFA and host Germany have promised to set this year's Euros apart from the rest. Football lovers all over the world are looking forward to enjoy that joy.

*Pic Courtesy by: Reuters.*
रूस में फिर पुतिन राज, एक तरफ जीत हासिल करती है दुनिया को डराया, दी तीसरे विश्वयुद्ध की चेतावनी

#vladimirputinwinsrecordlandslideinrussian_election

एक बार फिर से रूस में पुतिन का राज होगा। व्लादिमीर पुतिन ने रूस में हुए राष्ट्रपति चुनाव में बड़ी जीत हासिल की है। 71 वर्षीय पुतिन ने आसानी से एक बार फिर अपना छह साल का नया कार्यकाल सुरक्षित कर लिया है। सत्ता पर करीब 25 साल से काबिज राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन को 88 प्रतिशत वोट मिले हैं।बतौर राष्ट्रपति ये उनका पांचवा कार्यकाल होगा। वो 2030 तक रूस के राष्ट्रपति बने रहेंगे। 1999 में रूस की सत्ता की बागडोर व्लादिमीर पुतिन को सौंपी गई थी। तब से लेकर आज तक वो कई चुनाव नहीं हारे।

सोमवार को नतीजों की घोषणा होने के बाद पुतिन ने अपने पहले संबोधन में पश्चिमी देशों को धमकी देते हुए तीसरे विश्वयुद्ध की चेतावनी दे दी। उन्होंने कहा कि रूस और अमेरिका के नेतृत्व वाले नाटो गठबंधन में अगर संघर्ष हुआ तो इसका मतलब ये है कि यह दुनिया तीसरे विश्वयुद्ध से महज एक कदम दूर होगी और शायद ही कोई ऐसी परिस्थिति देखना चाहता है।

जीत के बाद व्लादिमीर पुतिन रूस के लोगों और यूक्रेन में लड़ रहे सैनिकों को धन्यवाद दिया। उन्होंने एक इंटरव्यू में कहा कि रूस को न तो डराया जा सकता है और न ही दबाया जा सकता है। उन्होंने कहा वोट के नतीजे उनके नेतृत्व में रूसी नागरिकों के भरोसे को दर्शाते हैं। रूस के लोग उन पर भरोसा करते हैं ये बात चुनाव के नतीजों से साफ पता चलती है। उन्होंने रूस के उन लड़ाकों का खास तौर पर धन्यवाद किया जो बिना किसी डर और निस्वार्थ भाव से देश की रक्षा करते हैं।

अमेरिका का उड़ाया मजाक

वहीं, पुतिन ने अमेरिका और पश्चिमी देशों द्वारा रूस के चुनाव की आलोचना करने पर खुद अमेरिका के लोकतंत्र का मजाक उड़ाया और कहा कि 'पूरी दुनिया उन (अमेरिका) पर हंस रही है, वहां क्या हो रहा है।' 

अमेरिका ने लगाया आरोप

दरअसल, संयुक्त राज्य अमेरिका, जर्मनी, यूनाइटेड किंगडम और अन्य देशों ने रूस में हुए चुनाव की आलोचना की है। पश्चिमी देशों ने कहा है कि राजनीतिक विरोधियों की कैद और सेंसरशिप के कारण वोट न तो स्वतंत्र था और न ही निष्पक्ष था। व्हाइट हाउस की राष्ट्रीय सुरक्षा परिषद के प्रवक्ता ने कहा, "चुनाव स्पष्ट रूप से स्वतंत्र या निष्पक्ष नहीं हैं, क्योंकि पुतिन ने राजनीतिक विरोधियों को जेल में डाल दिया है और दूसरों को उनके खिलाफ लड़ने से रोका है। पुतिन द्वारा यूक्रेन पर आक्रमण का आदेश देकर द्वितीय विश्व युद्ध के बाद सबसे घातक यूरोपीय संघर्ष शुरू करने के ठीक दो साल बाद यह चुनाव हुआ है। उन्होंने इसे "विशेष सैन्य अभियान" बताया।

रूस के विदेश मंत्री ने की एस जयशंकर की प्रशंसा, जानें क्या है वजह

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यूक्रेन पर हमले के बाद से रूस की पश्चिमी देशों ने चौतरफा हमले किए। अमेरिका समेत कई देशों ने रूस पर कई प्रतिबंध भी लगाए। हालांकि, इस दौरान भारत ने तटस्थ रहते हुए रूस के साथ बेहतर संबंध बनाए रखा। भारत ने हमेशा युद्ध की आलोचना की लेकिन रूस पर सीधे तौर पर कभी अंगुली नहीं उठाई। वहीं, रूस ने कई मौकों पर भारत की प्रशंसा की है। रूस और यूक्रेन की जंग के दौरान पुतिन ने भारत को अपना पारंपरिक दोस्त बताया था और पीएम मोदी की तारीफ की थी। इस बीच रूस ने भारती की प्रशंसा की है। रूसी विदेश मंत्री सर्गेई लावरोव ने जयशंकर की तारीफ करते हुए कहा कि एस जयशंकर ने रूस से भारत के तेल ख़रीदने पर पश्चिमी देशों के सवाल का क़ायदे से जवाब दिया था।

रूस के सोच्ची शहर में आयोजित विश्व युवा मंच को संबोधित करने के दौरान सर्गेई लावरोव ने एस जयशंकर की तारीफ करते हुए उनके पिछले बयान को याद किया। यहां उनसे रूस से भारत की तेल खरीद के बारे में पूछा गया। इस पर उन्होंने एस जयशंकर के शब्दों को याद किया, जिन्होंने यूरोपीय लोगों को दूसरों को व्याख्यान देने से पहले खुद को देखने की सलाह दी थी। उन्होंने कहा, "मेरे मित्र, विदेश मंत्री सुब्रमण्यम जयशंकर, एक बार संयुक्त राष्ट्र में भाषण दे रहे थे। उनसे पूछा गया कि उन्होंने रूस से इतना अधिक तेल क्यों खरीदना शुरू कर दिया। उन्होंने उनको अपने काम से काम रखने की सलाह दी और याद दिलाया कि पश्चिम ने कितना तेल खरीदना शुरू कर दिया है। भारत ने लगातारक रूसी संघ से तेल खरीदना जारी रखा है। यह उनकी हमारे लिए सोच दिखाता है।"

सर्गेई लावरोव ने इस दौरान भारत और रूस के बीच ऐतिहासिक साझेदारी पर भी बात की।उन्होंने कहा कि शीतयुद्ध के दौरान सोवियत संघ ने भारत की मदद की थी. तब पाकिस्तान अमेरिकी खेमे में था और भारत ने इस खेमे में शामिल होने से इनकार कर दिया था। रूसी विदेश मंत्री भारत के साथ सोवियत यूनियन और बाद में रूस के साथ बढ़ते सहयोग का हवाला देते हुए कहा, ''जब पश्चिम के देश भारत में आधुनिक हथियार भेजने के लिए सोचते तक नहीं थे तब सोवियत यूनियन और बाद में रूस ने न केवल आधुनिक हथियारों की आपूर्ति की, बल्कि हाईटेक मिसाइल का संयुक्त उत्पादन भी शुरू किया। मिसाल के तौर पर ब्रह्मोस मिसाइल। इसी का नतीजा है कि हम मुश्किल वक़्त में भी हमेशा एक दूसरे के साथ खड़े रहते हैं। हम इसे कभी भूल नहीं पाते हैं और भारतीयों में भी यह ख़ूबी है।

बता दें कि भारत अभी रूस के कच्चे तेल के बड़े ख़रीदारों में से एक है। फ़रवरी 2022 में जब रूस ने यूक्रेन पर हमला किया तब से रूसी तेल का आयात भारत बढ़ाता गया। 2022 के अक्तूबर में तो रूस भारत में सबसे बड़ा तेल आपूर्तिकर्ता देश बन गया था। इससे पहले सऊदी अरब और इराक़ भारत के बड़े तेल आपूर्तिकर्ता देश थे। अप्रैल 2022 में भारत के विदेश मंत्री एस जयशंकर का एक वीडियो क्लिप भी सोशल मीडिया पर वायरल हुआ था। जयशंकर तब अमेरिकी विदेश मंत्री और रक्षा मंत्री के साथ वॉशिंगटन में पत्रकारों के सवालों का जवाब दे रहे थे। एक पत्रकार ने रूस से भारत के तेल ख़रीदने पर सवाल पूछा था। इसके जवाब में एस जयशंकर ने कहा था, ''आप भारत के तेल ख़रीदने से चिंतित हैं लेकिन यूरोप जितना तेल एक दोपहर में ख़रीदता है, उतना भारत एक महीने में भी नहीं ख़रीदता है।''

कौन है यूलिया नवलनया जिसने पुतिन को ललकारा? पति की मौत के लिए ठहराया जिम्मेदार

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रूस की जेल में पति एलेक्सी नवलनी की मौत के बाद उनकी पत्नी यूलिया नवलनया रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन के विरोध में उतर आईं है।रूसी विपक्षी नेता एलेक्सी नवलनी की विधवा पत्नी यूलिया नवलनाया ने अपने पति की मौत के लिए रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन को जिम्मेदार ठहराया है। यूलिया ने पुतिन पर आरोप लगाते हुए आजाद रूस के लिए अपनी लड़ाई जारी रखने की कसम खाई है। दरअसल, एलेक्सी नवलनी की मौत जेल में संदिग्ध तरीके से हुई थी।यूलिया ने एक बार फिर ये भी दोहराया है कि जेल में उनके पति की स्वभाविक मौत नहीं हुई है बल्कि राष्ट्रपति पुतिन ने साजिश रचकर उनकी हत्या कराई है।

पुतिन के आलोचक और कट्टर विरोधी एलेक्सी नवलनी की जेल में संदिग्ध मौत के बाद यूलिया का कहना है, उनके पति को जहर दिया गया। उन्होंने पति की मौत के लिए पुतिन को जिम्मेदार बताया है। यूलिया ने आरोप लगाते हुए कहा है कि जानबूझकर जेल प्रशासन उनके पति एलेक्सी का शव नहीं दे रहा। यूलिया ने रूसी अधिकारियों पर अपने पति का शव छिपाने का भी आरोप लगाया है, जिससे कि उनके शरीर से नोविचोक नर्व एजेंट के निशान गायब हो सकें।

सोमवार को एक नौ मिनट का वीडियो जारी करते हुए यूलिया ने कहा, 'तीन दिन पहले व्लादिमीर पुतिन ने मेरे पति एलेक्सी नवलनी की हत्या कर दी। एलेक्सी की हत्या के साथ ही पुतिन ने मुझे, मेरे दिल को और मेरी आत्मा को भी आधा मार दिया है। लेकिन मेरे पास अभी भी आधा हिस्सा बचा हुआ है, जो मुझे यह बताता है कि मुझे अभी हार नहीं मानना है। मैं एलेक्सी के कम को जारी रखूंगी और अपने देश के लिए लड़ना जारी रखूंगी।

एलेक्सी ने कहा है कि मैं पुतिन और उनके सभी कर्मचारियों को यह बताना चाहती हूं कि उन्होंने मेरे पति के साथ जो किया है उसके लिए मैं उन्हें माफ नहीं करूंगी। पिछले कुछ सालों में देश में किए गए अत्याचारों के लिए पुतिन को दोषी ठहराया जाना चाहिए।

यूलिया ने आगे कहा, मैं एक स्वतंत्र रूस में रहना चाहती हूं। मैं स्वतंत्र रूस बनाना चाहती हूं। मेरी आपसे विनती है कि आप मेरे साथ खड़े रहें। मैं आपसे आपके गुस्से को साझा करने के लिए कह रहीं हूं। उन लोगों के प्रति गुस्सा और नफरत है, जिन्होंने हमारे भविष्य को खत्म करने का साहस किया है।

यूलिया ने इससे पहले राजनीतिक रूप से सक्रिय होने में कोई दिलचस्पी नहीं दिखाई थी लेकिन अब उन्होंने भूमिका बदलने का फैसला लिया है।यूलिया राजनीति में आने के सवाल पर कहती रही थीं कि वह एक पत्नी और मां की भूमिका में खुश हैं लेकिन शुक्रवार को अपने पति की मौत के बाद वह राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन के विरुद्ध खड़ी हो गई हैं। यूलिया रूस के एक वैज्ञानिक बोरिस अंब्रोसिमोव की बेटी हैं। 1998 में उनकी मुलाकात एलेक्सी से हुई थी। यूलिया और एलेक्सी युवावस्था से ही एक जैसे राजनीतिक विचार रखते थे। दोनों ने रूस की लिबरल पार्टी याबलोको की सदस्यता ली थी। बाद में यूलिया ने खुद को घर तक सीमित किया और एलेक्सी राजनीति में आगे बढ़ गए।

डोनाल्ड ट्रंप की जीत पर व्लादिमीर पुतिन की पहली प्रतिक्रिया, बधाई के साथ तारीफ में कही ये बात

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अमेरिकी राष्ट्रपति चुनाव में जीत हासिल करने के बाद डोनाल्ड ट्रंप को दुनिया भर के नेता बधाई दे रहे हैं। चीनी राष्ट्रपति शी जिपिंग के बाद अब आखिरकार रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन ने भी बधाई दी है। जीत की बधाई देते हुए पुतिन ने डोनाल्ड ट्रंप की तारीफ भी की। पुतिन ने एक कार्यक्रम में ट्रंप को शुभकामनाएं देते हुए कहा कि वो एक बहादुर नेता हैं। अमेरिका के चुनावी परिणाम सामने आने के बाद यह पुतिन की पहली सार्वजनिक टिप्पणी है। यह बधाई ऐसे समय में आई है जब अमेरिका और रूस के बीच संबंधों में भारी तनाव है, खासकर यूक्रेन युद्ध को लेकर, जिसमें अमेरिका ने यूक्रेन का समर्थन किया है।

रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन सोची रिसॉर्ट में एक अंतरराष्ट्रीय सम्मेलन में भाग ले रहे थे। पुतिन से सम्मेलन में ट्रंप की जीत को लेकर सवाल किया गया। इस पर पुतिन ने कहा कि "मैं इस अवसर पर संयुक्त राज्य अमेरिका के राष्ट्रपति के रूप में उनके चुनाव पर उन्हें बधाई देना चाहता हूं।"

इस दौरान पुतिन ने ट्रंप की बहादुरी की तारीफ भी की। इतना ही नहीं ट्रंप पर जुलाई में हुए हत्या के प्रयास के बाद उनके द्वारा की गई प्रतिक्रिया को भी उन्होंने सराहा। पुतिन ने कहा, मैंने ट्रंप के व्यवहार को देखा है, उन्होंने काफी साहस दिखाया। पुतिन ने यह भी कहा कि वह ट्रंप से बातचीत के लिए तैयार हैं और अमेरिका से संबंधों को बहाल करने में कोई आपत्ति नहीं है, लेकिन यह पूरी तरह से अमेरिका पर निर्भर है कि वह इस दिशा में कदम उठाएगा या नहीं।

पुतिन ने हालांकि यह भी कहा कि युद्ध समाप्त करने के लिए रूस पर किसी भी तरह का कोई दबाव काम नहीं करेगा। हालांकि वह संकट के समाधान के लिए बातचीत के लिए तैयार हैं। बातचीत ऐसी हो जो दोनों पक्षों के हित में हो।

क्रेमलिन के बयान के काफी देर बाद आई पुतिन की प्रतिक्रिया

बता दें कि रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन का ये बयान ट्रंप की राष्ट्रपति पद पर जीत को लेकर क्रेमलिन के बयान के काफी देर बाद आया है। क्रेमलिन द्वारा जारी बयान में कहा गया था कि अमेरिका में ट्रंप की जीत के बाद यूक्रेन के साथ 30 महीने से अधिक समय से जारी युद्ध समाप्त होता है या नहीं, यह देखना बेहद दिलचस्प रहेगा। क्रेमलिन के प्रवक्ता दिमित्री पेस्कोव ने कहा कि ट्रंप ने अपने चुनाव अभियान के दौरान यूक्रेन युद्ध को समाप्त करने के बारे में कुछ महत्वपूर्ण बयान दिए थे। लेकिन यह तो समय ही बताएगा कि इन बयानों पर कार्रवाई होती है या नहीं।

रूस ने साफ किया रूख

रूस-यूक्रेन युद्ध के कारण अमेरिका और रूस के रिश्तों में काफी तनाव पैदा हो चुका है। अमेरिका ने रूस के खिलाफ कई प्रतिबंध लगाए हैं और रूस की आक्रामकता का बड़े मंचो पर कड़ा विरोध भी किया। इन परिस्थितियों में, ट्रंप का रूस के साथ रिश्तों को सुधारने की बात करना एक नया पहलू हो सकता है। पुतिन ने बधाई देकर संकेत दिया कि वह इस मुद्दे पर ट्रंप से बातचीत करने के लिए तैयार हैं, लेकिन इसके लिए अमेरिका का रुख जानना महत्वपूर्ण होगा।

फिर दिखा पुतिन का भारत प्रेम, पीएम मोदी की यूक्रेन युद्ध पर चिंता से लेकर भारतीय फिल्मों तक पर की बात

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प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी 16वें ब्रिक्स समिट में भाग लेने के लिए 22-23 अक्टूबर तक रूस का दौरा करेंगे। इससे पहले रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन ने एक प्रेस कॉन्फ्रेंस के दौरान पीएम मोदी और भारतीय फिल्मों की जमकर सराहना की। पुतिन का कहना है कि भारत के प्रधानमंत्री मोदी यूक्रेन युद्ध को लेकर फिक्रमंद रहते हैं।इस दौरान उन्होंने यूक्रेन युद्ध पर चिंता जताने और समाधान निकालने के प्रयासों के लिए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का आभार व्यक्त किया।

पीएम मोदी का जताया आभार

रूस में ब्रिक्स शिखर सम्मेलन से पहले शुक्रवार को मीडिया से बातचीत में व्लादिमीर पुतिन से यूक्रेन विवाद पर सवाल हुआ था। इस पर जवाब देते हुए रूसी प्रेसीडेंट ने कहा कि जब भी बातचीत होती है तो पीएम मोदी हर बार इस मुद्दे (यूक्रेन-रूस युद्ध) को उठाते हैं और अपने विचार व्यक्त करते हैं।पुतिन ने कहा कि पीएम मोदी ने हमेशा संघर्ष के स्थायी और शांतिपूर्ण समाधान के लिए सभी हितधारकों के साथ संवाद व कूटनीति के महत्व पर जोर दिया है। इसके लिए हम पीएम मोदी आभार भी व्यक्त करते हैं।

यूक्रेन में युद्ध की समाप्ति की समयसीमा तय करना आसान नहीं-पुतिन

मॉस्को में विदेशी पत्रकारों के एक समूह से बातचीत के दौरान पुतिन ने कहा कि रूस के साथ युद्ध में यूक्रेन का समर्थन अमेरिका और पश्चिमी देश कर रहे हैं। उन्होंने जोर देकर कहा कि पश्चिमी देशों का सैन्य गठबंधन नाटो यूक्रेन के लिए युद्ध लड़ रहा है, जो सही नहीं है। रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन ने इस दौरान कहा कि यूक्रेन में युद्ध की समाप्ति के लिए समयसीमा तय करना आसान नहीं है। इसकी कोई समय सीमा तय करना मुश्किल और प्रतिकूल होगा। हालांकि उन्होंने रूस की जीत का दावा जरूर किया।

पुतिन ने की भारतीय फिल्मों की सराहना

इस दौरान पुतिन ने भारतीय फिल्मों की जमकर सराहना की। साथ ही उन्होंने रूस में भारतीय फिल्मों के प्रसारण को बढ़ावा देने की संभावनाओं पर भी जोर दिया। पुतिन ने कहा कि अगर हम ब्रिक्स देशों को देखें, तो मुझे लगता है कि हमारे यहां भारतीय फिल्में सबसे लोकप्रिय हैं। एक टीवी चैनल पर तो चौबीसों घंटे भारतीय फिल्में दिखाई जाती हैं। हमें भारतीय फिल्मों में बहुत रुचि है। हम इस साल मॉस्को अंतर्राष्ट्रीय फिल्म महोत्सव में बीआरसीआईएस देशों की फिल्में पेश करेंगे।

रूस में अगले हफ्ते होगा ब्रिक्स सम्मेलन

रूस के कजान में अगले हफ्ते ब्रिक्स शिखर सम्मेलन होने जा रहा है।ब्रिक्स शिखर सम्मेलन की 16वीं बैठक रूस के कजान में आयोजित की जाएगी। ब्रिक्स के इस साल के शिखर सम्मेलन का विषय 'वैश्विक विकास और सुरक्षा के लिए बहुपक्षवाद को मजबूत करना' है।ग्रुप के नौ सदस्यों तक विस्तार होने के बाद यह पहला शिखर सम्मेलन है। मिस्र, ईरान, इथियोपिया और यूएई इस साल दक्षिण अफ्रीका में 2023-समिट में सदस्यता की पेशकश के बाद ग्रुप में शामिल हुए थे।

यूक्रेन पर रूस का बड़ा हमला, बैलिस्टिक मिसाइल अटैक में 41 की मौत

#zelensky_says_41_killed_in_russian_attack_on_ukrainian_city 

रूस ने मंगलवार को यूक्रेन के पोल्तावा शहर में 2 बैलिस्टिक मिसाइलों से हमला किया। रूस ने कब्जे वाले क्रीमिया क्षेत्र से 3 इस्कंदर बैलिस्टिक मिसाइलें दागीं, जिसमें से 2 मिसाइलों ने एक मिलिट्री स्कूल और अस्पताल को चपेट में लिया। यूक्रेन के राष्ट्रपति वोलोदिमिर जेलेंस्की ने दावा किया है कि इस हमले में 41 लोगों की मौत हो गई है। वहीं 180 से ज्यादा लोग घायल हुए हैं।

यूक्रेन के राष्ट्रपति वोलोदिमीर जेलेंस्की ने अपने टेलीग्राम चैनल के जरिए बताया है कि एक हमला पोल्तावा के मिलिट्री कॉलेज में हुआ, जिसमें कम से कम 41 लोग मारे गए हैं। यूक्रेन के रक्षा मंत्रालय ने बताया कि अलर्ट सायरन बजने और मिसाइल अटैक होने में बेहद कम समय का अंतर था। लोग बॉम्ब शेल्टर की तरफ जा ही रहे थे कि उन पर हमला हो गया। रेस्क्यू टीम ने 25 लोगों को बचा लिया जिनमें से 11 मलबे के नीचे दबे थे।

जेलेंस्की ने कहा कि रूस ने उनके एक एजुकेशनल इंस्टिट्यूट और अस्पताल को निशाना बनाया। इस दौरान एक इमारत को काफी नुकसान पहुंचा। कई नागरिक इमारत के मलबे के नीचे दब गए। हमले के बाद पोल्तावा में तीन दिन के शोक की घोषणा की है। जेलेंस्की ने कहा है कि उन्होंने इस हमले को लेकर पूर्ण जांच के निर्देश दे दिए हैं।

जेलेंस्की ने कहा है कि रूसी हमलावरों को इसका खामियाजा भुगतना होगा। उन्होंने कहा कि दुनिया के वो सभी देश जो इस युद्ध को रोकने की ताकत रखते हैं, हम उनसे अपील कर रहे हैं कि यूक्रेन को एयर डिफेंस सिस्टम और मिसाइलों की जरूरत है। लंबी दूरी तक मार करने वाली मिसाइलें ही यूक्रेन को रूस के आक्रमण से बचा सकती हैं। उन्होंने कहा कि दुर्भाग्य से देरी का हर दिन अधिक से अधिक लोगों की जान ले रहा है।

इससे पहले रूसी सेना ने रविवार को यूक्रेन के खारकीव में घातक हमले किए थे जिसमें 5 बच्चों समेत कम से कम 47 लोगों की मौत हो गई थी। यूक्रेनी अधिकारियों के मुताबिक ये 47 मौतें खारकीव के एक मॉल पर हुए रूसी मिसाइलों के हमलों में हुईं। खारकीव में रूसी हमलों के बाद यूक्रेन की राष्ट्रपति वोलोदिमीर जेलेंस्की ने अपने पश्चिमी सहयोगियों से चर्चा की थी और उनकी तरफ से दी गई मिसाइलों से रूस पर हमला करने की इजाजत मांगी थी। यूक्रेन का कहना है कि वह रूस के और अंदरूनी इलाकों में हमला करना चाहता है।

वहीं, रूसी अधिकारियों की तरफ से भी कहा गया था कि यूक्रेन ने करीब 158 ड्रोन रूसी शहरों पर दागे हैं, जिसके बाद मॉस्को ऑयल रिफाइनरी और कोनाकोवो पावर स्टेशन में आग लग गई। पिछले हफ्ते रूस के शहर सरतोवा की बिल्डिंग पर एक यूक्रेनी ड्रोन से हमला किया गया था, इस हमले की तुलना अमेरिका के 9/11 से हुई थी।

एस जयशंकर ने भी माना भारतीयों नागरिकों को रूसी सेना में भर्ती के लिए किया गया गुमराह, लोकसभा में दिया बयान*
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लोकसभा में विदेश मंत्री एस जयशंकर ने रूसी सेना में भर्ती किए गए भारतीयों को लेकर बयान दिया है। जयशंकर के मुताबिक़, 91 भारतीय नागरिक रूसी सेना में शामिल हुए थे। इनमें से आठ नागरिकों की मौत भी हो चुकी है। विदेश मंत्री जयशंकर ने बताया कि 14 भारतीयों को सरकारी सहायता से रूसी सेना से बाहर निकाल लिया गया है। जबकि 69 भारतीय अभी भी रूस से वापस भारत आने का इंतज़ार कर रहे हैं। विदेश मंत्री एस जयशंकर ने शुक्रवार को लोकसभा में कहा कि कई मामलों में ऐसे संकेत मिले हैं कि भारतीय नागरिकों को गुमराह किया गया। लोकसभा में बोलते हुए मंत्री ने यह भी कहा कि सरकार ने रूसी सेना में भारतीय नागरिकों की भर्ती और दक्षिण पूर्व एशियाई देशों में नागरिकों की साइबर अपराध तस्करी जैसे मुद्दों को गंभीरता से लिया है। *रूसी सेना से 69 भारतीय नागरिकों की रिहाई का इंतजार* एस जयशंकर ने कहा कि रूसी सेना में भारतीय नागरिकों की भर्ती के अब तक कुल 91 मामले सामने आए हैं। इनमें से आठ की मौत हो चुकी है, 14 को छुट्टी दे दी गई है या वापस भेज दिया गया है और 69 नागरिकों की रिहाई का इंतजार है। उन्होंने कहा, 'हम इस मुद्दे को बहुत गंभीरता से ले रहे हैं। मैंने खुद रूसी विदेश मंत्री के साथ कई बार इस मुद्दे को उठाया है। उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने भी पिछले महीने रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन के साथ अपनी बैठक के दौरान इस मुद्दे को उठाया था। *हमारे नागरिकों को गुमराह किया गया-जयशंकर* जयशंकर ने बताया कि समस्या यह है कि रूसी अधिकारी यह मानते हैं कि इन भारतीय नागरिकों ने रूसी सेना के साथ सर्विस के लिए क़रार किया था। लेकिन हम ऐसा नहीं मानते, मुझे लगता है कि हमारे नागरिकों को गुमराह किया गया था, उन्हें बताया गया था कि वे किसी अन्य नौकरी के लिए जा रहे हैं और फिर उन्हें रूसी सेना में तैनात किया गया। विदेश मंत्री ने बताया कि सीबीआई ने 19 व्यक्तियों और संस्थाओं के ख़िलाफ़ आपराधिक मामला दर्ज किया है। उन 14 लोगों की जांच भी हुई है, जो रूस से लौटे हैं। 10 मानव तस्करों के ख़िलाफ़ पर्याप्त सबूत सामने आए हैं। इस मामले की जांच के दौरान, 24 अप्रैल को दो अभियुक्तों को गिरफ्तार किया गया और 7 मई को दो और लोगों को गिरफ्तार किया गया। सभी चार अभियुक्त अभी में न्यायिक हिरासत में हैं।
रूस से आई बड़ी खुशखबरी, वापस लौटेंगे रूसी सेना में शामिल भारतीय, पुतिन ने किया एलान

#russia_will_return_all_indians_working_in_the_russian_army 

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी इस समय रूस के दो दिवसीय दौरे पर हैं। इस दौरान उन्होंने रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन से मुलाकात की। पीएम मोदी को इस यात्रा से बड़ी कामयाबी मिली है। दरअसल, सोमवार को पुतिन के साथ डिनर के दौरान पीएम मोदी ने रूस की सेना में भारतीय सैनिकों के फंसने का मुद्दा उठाया। जिसे पुतिन ने तत्काल सुलझा दिया। रूसी सेना में कार्यरत सभी भारतीयों को बर्खास्त करने का निर्णय लिया है। 

बता दें कि कई भारतीयों को धोखा देकर रूसी सेना में भर्ती करने का खुलासा हुआ था। दर्जनों भारतीय रूसी सेना में फंसे हैं और कई भारतीय रूस-यूक्रेन युद्ध में मोर्चे पर तैनात हैं। प्रधानमंत्री मोदी ने सोमवार शाम राष्ट्रपति पुतिन के साथ निजी रात्रिभोज में यह मुद्दा उठाया। जिस पर रूसी राष्ट्रपति अपनी सेना में कार्यरत सभी भारतीयों को बर्खास्त करने और उनकी भारत वापसी में मदद करने पर सहमत हो गए।

रूसी राष्ट्रपति के नोवो-ओगारियोवो निवास पर व्लादिमीर पुतिन प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की मुलाकात हुई है। दोनों नेताओं ने एक अनौपचारिक मुलाकात भी की है। माना जा रहा है कि इस मुलाकात में मैत्रीपूर्ण रूसी-भारत संबंध, साथ ही वर्तमान अंतर्राष्ट्रीय और क्षेत्रीय मुद्दों पर चर्चा हुई है। इसी दौरान पीएम मोदी ने रूसी सेना में भारतीयों के फंसे होने का मुद्दा उठाया।

अब रूस की सेना में शामिल भारतीयों की जानकारी और डेटा को लेकर दोनों देश मिलकर काम करेंगे। करीब 200 लोग एजेंट के झांसे की वजह से रूस-यूक्रेन वॉर जोन में फंसे हैं। नौकरी के लालच में उन्हें रूस जाने पर युद्धक्षेत्र में भेज दिया गया है। दो भारतीय व्यक्ति की युद्ध में मौत हो चुकी है।

इस साल की शुरुआत में एक वीडियो वायरल हुआ था, जिसमें पंजाब और हरियाणा के कुछ लोगों को रूसी सेना की वर्दी में देखा गया था। इस वीडियो में इन भारतीयों ने दावा किया कि उन्हें यूक्रेन में युद्ध लड़ने के लिए धोखा दिया गया। इन भारतीयों ने सरकार से उनकी वतन वापसी के लिए कोशिश करने की अपील की थी। वीडियो सामने आने के बाद भारत सरकार ने रूस के समक्ष ये मुद्दा उठाया था।

24 साल बाद उत्तर कोरिया जा रहे पुतिन, जानिए क्या हैं इसके मायने

#russian_president_vladimir_putin_on_visit_of_north_korea 

रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन मंगलवार को दो दिवसीय यात्रा पर उत्तर कोरिया पहुंचने वाले हैं। बीते 24 वर्षों में पुतिन की उत्तर कोरिया की पहली यात्रा होगी। माना जा रहा है कि पुतिन उत्तर कोरिया के नेता किम जोंग उन से मुलाकात कर के सैन्य सहयोग बढ़ाने पर चर्चा कर सकते हैं। दोनों देश अमेरिका के साथ अपने अलग-अलग मतभेदों के मद्देनजर अपने गठबंधन को और मजबूत कर रहे हैं।

उत्तर कोरिया की आधिकारिक कोरियन सेंट्रल न्यूज एजेंसी ने कहा कि पुतिन किम के निमंत्रण पर मंगलवार और बुधवार को राजकीय यात्रा पर रहेंगे। उत्तर कोरिया की सरकारी मीडिया ने इस बारे में तत्काल विस्तृत जानकारी नहीं दी है। साथ ही रूस ने भी इस यात्रा की पुष्टि की।इस बात को लेकर तमाम तरह की अटकलें लगाई जा रही हैं कि रूस और उत्तर कोरिया एक दूसरे से क्या चाहते हैं। ऐसा लगता है कि ये सारा मामला हथियारों की आपूर्ति पर जाकर रुक जाता है।

पुतिन उत्तर कोरिया की यात्रा पर ऐसे वक्त जा रहे हैं जब अंतरराष्ट्रीय समुदाय किसी हथियार समझौते के बारे में चिंता जता रहा है। माना जा रहा है कि प्योंगयांग द्वारा आर्थिक सहायता और प्रौद्योगिकी हस्तांतरण के बदले में मास्को को आवश्यक हथियार उपलब्ध कराया जाएगा। युक्रेन से जारी युद्ध में ये हथियार पुतिन के लिए बहुत ज्यादा ही जरूरी हैं। दक्षिण कोरिया के रक्षा मंत्रालय के सूत्रों के हवाले से ब्लूमबर्ग की एक हालिया रिपोर्ट में कहा गया था कि उत्तर कोरिया ने तोप के लगभग पचास लाख गोले रूस भेजे हैं।

सवाल ये है कि पुतिन का दौरा क्यों अहम है और वो इसी वक़्त क्यों उत्तर कोरिया जा रहे हैं? पहली बात तो ये है कि पुतिन चूंकि सिर्फ़ दूसरी बार उत्तर कोरिया जाने वाले हैं, तो उनके दौरे को लेकर उत्सुकता होना लाज़मी है। इससे पहले वो साल 2000 में तब उत्तर कोरिया के दौरे पर गए थे, जब उन्होंने पहली बार राष्ट्रपति का पद संभाला था। उस समय किम जोंग उन के पिता किम जोंग इल, उत्तर कोरिया के सर्वोच्च नेता थे। लेकिन, इससे इतर दोनों देशों के बीच एक ऐसा रिश्ता है, जो एक दूसरे के प्रति दोस्ती जताने से आगे बढ़कर अब एक दूसरे के फ़ायदे वाला हो गया है और इससे पश्चिमी देशों की चिंता बढ़ गई है। हालांकि अभी भी रूस और उत्तर कोरिया के संबंध उस स्तर के नहीं हैं, जैसे सोवियत संघ के ज़माने में थे।

हालांकि, रूस के लिए एक ऐसा साझीदार तलाशना काफ़ी महत्वपूर्ण है जो उसी की तरह पश्चिमी देशों और उनके प्रतिबंधों से नफ़रत करता हो और इसी वजह से रूस के साथ कारोबार करने के लिए राज़ी हो।

Euro Cup 2024 starts today
#Sports News# Football #URO Cup ,2024 # Street Buzz News


*SB News Bureau:* The most entertaining competition after the football World Cup, the Euro Cup is going to start on Friday. As a result, football lovers of the city started waking up at night.

Two years ago, the magnificent football World Cup was held in Qatar. In the last 32-country fight, many countries have caught the eye separately. After the World Cup, arguably football's competition ahead of the rest, the Euro Cup gets underway on Friday. Germany and Scotland meet in the first match in Munich. Cristiano Ronaldo's Portugal, Kylian Mbappe's France, Harry Kane's England or three-time winners Spain, there is no shortage of countries to catch the eye at the Euro Cup. But this competition is always used to surprise. In 2004, Greece surprised everyone and won the trophy. A last-minute opportunity after Yugoslavia's relegation, Denmark surprised by winning Euro 1992. This time also any country can surprise.

Germany, which hosted the World Cup in 2006, is now the host of the Euro Cup. They want to bring back the experience of 18 years ago. Millions of people have already gathered in that country. Every stadium is likely to be full. But this time the political context of Europe is different. It's the first time since the Russian invasion of Ukraine that the Euros are taking place. It's hard to predict who will win after a month of football war. However, UEFA and host Germany have promised to set this year's Euros apart from the rest. Football lovers all over the world are looking forward to enjoy that joy.

*Pic Courtesy by: Reuters.*
रूस में फिर पुतिन राज, एक तरफ जीत हासिल करती है दुनिया को डराया, दी तीसरे विश्वयुद्ध की चेतावनी

#vladimirputinwinsrecordlandslideinrussian_election

एक बार फिर से रूस में पुतिन का राज होगा। व्लादिमीर पुतिन ने रूस में हुए राष्ट्रपति चुनाव में बड़ी जीत हासिल की है। 71 वर्षीय पुतिन ने आसानी से एक बार फिर अपना छह साल का नया कार्यकाल सुरक्षित कर लिया है। सत्ता पर करीब 25 साल से काबिज राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन को 88 प्रतिशत वोट मिले हैं।बतौर राष्ट्रपति ये उनका पांचवा कार्यकाल होगा। वो 2030 तक रूस के राष्ट्रपति बने रहेंगे। 1999 में रूस की सत्ता की बागडोर व्लादिमीर पुतिन को सौंपी गई थी। तब से लेकर आज तक वो कई चुनाव नहीं हारे।

सोमवार को नतीजों की घोषणा होने के बाद पुतिन ने अपने पहले संबोधन में पश्चिमी देशों को धमकी देते हुए तीसरे विश्वयुद्ध की चेतावनी दे दी। उन्होंने कहा कि रूस और अमेरिका के नेतृत्व वाले नाटो गठबंधन में अगर संघर्ष हुआ तो इसका मतलब ये है कि यह दुनिया तीसरे विश्वयुद्ध से महज एक कदम दूर होगी और शायद ही कोई ऐसी परिस्थिति देखना चाहता है।

जीत के बाद व्लादिमीर पुतिन रूस के लोगों और यूक्रेन में लड़ रहे सैनिकों को धन्यवाद दिया। उन्होंने एक इंटरव्यू में कहा कि रूस को न तो डराया जा सकता है और न ही दबाया जा सकता है। उन्होंने कहा वोट के नतीजे उनके नेतृत्व में रूसी नागरिकों के भरोसे को दर्शाते हैं। रूस के लोग उन पर भरोसा करते हैं ये बात चुनाव के नतीजों से साफ पता चलती है। उन्होंने रूस के उन लड़ाकों का खास तौर पर धन्यवाद किया जो बिना किसी डर और निस्वार्थ भाव से देश की रक्षा करते हैं।

अमेरिका का उड़ाया मजाक

वहीं, पुतिन ने अमेरिका और पश्चिमी देशों द्वारा रूस के चुनाव की आलोचना करने पर खुद अमेरिका के लोकतंत्र का मजाक उड़ाया और कहा कि 'पूरी दुनिया उन (अमेरिका) पर हंस रही है, वहां क्या हो रहा है।' 

अमेरिका ने लगाया आरोप

दरअसल, संयुक्त राज्य अमेरिका, जर्मनी, यूनाइटेड किंगडम और अन्य देशों ने रूस में हुए चुनाव की आलोचना की है। पश्चिमी देशों ने कहा है कि राजनीतिक विरोधियों की कैद और सेंसरशिप के कारण वोट न तो स्वतंत्र था और न ही निष्पक्ष था। व्हाइट हाउस की राष्ट्रीय सुरक्षा परिषद के प्रवक्ता ने कहा, "चुनाव स्पष्ट रूप से स्वतंत्र या निष्पक्ष नहीं हैं, क्योंकि पुतिन ने राजनीतिक विरोधियों को जेल में डाल दिया है और दूसरों को उनके खिलाफ लड़ने से रोका है। पुतिन द्वारा यूक्रेन पर आक्रमण का आदेश देकर द्वितीय विश्व युद्ध के बाद सबसे घातक यूरोपीय संघर्ष शुरू करने के ठीक दो साल बाद यह चुनाव हुआ है। उन्होंने इसे "विशेष सैन्य अभियान" बताया।

रूस के विदेश मंत्री ने की एस जयशंकर की प्रशंसा, जानें क्या है वजह

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यूक्रेन पर हमले के बाद से रूस की पश्चिमी देशों ने चौतरफा हमले किए। अमेरिका समेत कई देशों ने रूस पर कई प्रतिबंध भी लगाए। हालांकि, इस दौरान भारत ने तटस्थ रहते हुए रूस के साथ बेहतर संबंध बनाए रखा। भारत ने हमेशा युद्ध की आलोचना की लेकिन रूस पर सीधे तौर पर कभी अंगुली नहीं उठाई। वहीं, रूस ने कई मौकों पर भारत की प्रशंसा की है। रूस और यूक्रेन की जंग के दौरान पुतिन ने भारत को अपना पारंपरिक दोस्त बताया था और पीएम मोदी की तारीफ की थी। इस बीच रूस ने भारती की प्रशंसा की है। रूसी विदेश मंत्री सर्गेई लावरोव ने जयशंकर की तारीफ करते हुए कहा कि एस जयशंकर ने रूस से भारत के तेल ख़रीदने पर पश्चिमी देशों के सवाल का क़ायदे से जवाब दिया था।

रूस के सोच्ची शहर में आयोजित विश्व युवा मंच को संबोधित करने के दौरान सर्गेई लावरोव ने एस जयशंकर की तारीफ करते हुए उनके पिछले बयान को याद किया। यहां उनसे रूस से भारत की तेल खरीद के बारे में पूछा गया। इस पर उन्होंने एस जयशंकर के शब्दों को याद किया, जिन्होंने यूरोपीय लोगों को दूसरों को व्याख्यान देने से पहले खुद को देखने की सलाह दी थी। उन्होंने कहा, "मेरे मित्र, विदेश मंत्री सुब्रमण्यम जयशंकर, एक बार संयुक्त राष्ट्र में भाषण दे रहे थे। उनसे पूछा गया कि उन्होंने रूस से इतना अधिक तेल क्यों खरीदना शुरू कर दिया। उन्होंने उनको अपने काम से काम रखने की सलाह दी और याद दिलाया कि पश्चिम ने कितना तेल खरीदना शुरू कर दिया है। भारत ने लगातारक रूसी संघ से तेल खरीदना जारी रखा है। यह उनकी हमारे लिए सोच दिखाता है।"

सर्गेई लावरोव ने इस दौरान भारत और रूस के बीच ऐतिहासिक साझेदारी पर भी बात की।उन्होंने कहा कि शीतयुद्ध के दौरान सोवियत संघ ने भारत की मदद की थी. तब पाकिस्तान अमेरिकी खेमे में था और भारत ने इस खेमे में शामिल होने से इनकार कर दिया था। रूसी विदेश मंत्री भारत के साथ सोवियत यूनियन और बाद में रूस के साथ बढ़ते सहयोग का हवाला देते हुए कहा, ''जब पश्चिम के देश भारत में आधुनिक हथियार भेजने के लिए सोचते तक नहीं थे तब सोवियत यूनियन और बाद में रूस ने न केवल आधुनिक हथियारों की आपूर्ति की, बल्कि हाईटेक मिसाइल का संयुक्त उत्पादन भी शुरू किया। मिसाल के तौर पर ब्रह्मोस मिसाइल। इसी का नतीजा है कि हम मुश्किल वक़्त में भी हमेशा एक दूसरे के साथ खड़े रहते हैं। हम इसे कभी भूल नहीं पाते हैं और भारतीयों में भी यह ख़ूबी है।

बता दें कि भारत अभी रूस के कच्चे तेल के बड़े ख़रीदारों में से एक है। फ़रवरी 2022 में जब रूस ने यूक्रेन पर हमला किया तब से रूसी तेल का आयात भारत बढ़ाता गया। 2022 के अक्तूबर में तो रूस भारत में सबसे बड़ा तेल आपूर्तिकर्ता देश बन गया था। इससे पहले सऊदी अरब और इराक़ भारत के बड़े तेल आपूर्तिकर्ता देश थे। अप्रैल 2022 में भारत के विदेश मंत्री एस जयशंकर का एक वीडियो क्लिप भी सोशल मीडिया पर वायरल हुआ था। जयशंकर तब अमेरिकी विदेश मंत्री और रक्षा मंत्री के साथ वॉशिंगटन में पत्रकारों के सवालों का जवाब दे रहे थे। एक पत्रकार ने रूस से भारत के तेल ख़रीदने पर सवाल पूछा था। इसके जवाब में एस जयशंकर ने कहा था, ''आप भारत के तेल ख़रीदने से चिंतित हैं लेकिन यूरोप जितना तेल एक दोपहर में ख़रीदता है, उतना भारत एक महीने में भी नहीं ख़रीदता है।''

कौन है यूलिया नवलनया जिसने पुतिन को ललकारा? पति की मौत के लिए ठहराया जिम्मेदार

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रूस की जेल में पति एलेक्सी नवलनी की मौत के बाद उनकी पत्नी यूलिया नवलनया रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन के विरोध में उतर आईं है।रूसी विपक्षी नेता एलेक्सी नवलनी की विधवा पत्नी यूलिया नवलनाया ने अपने पति की मौत के लिए रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन को जिम्मेदार ठहराया है। यूलिया ने पुतिन पर आरोप लगाते हुए आजाद रूस के लिए अपनी लड़ाई जारी रखने की कसम खाई है। दरअसल, एलेक्सी नवलनी की मौत जेल में संदिग्ध तरीके से हुई थी।यूलिया ने एक बार फिर ये भी दोहराया है कि जेल में उनके पति की स्वभाविक मौत नहीं हुई है बल्कि राष्ट्रपति पुतिन ने साजिश रचकर उनकी हत्या कराई है।

पुतिन के आलोचक और कट्टर विरोधी एलेक्सी नवलनी की जेल में संदिग्ध मौत के बाद यूलिया का कहना है, उनके पति को जहर दिया गया। उन्होंने पति की मौत के लिए पुतिन को जिम्मेदार बताया है। यूलिया ने आरोप लगाते हुए कहा है कि जानबूझकर जेल प्रशासन उनके पति एलेक्सी का शव नहीं दे रहा। यूलिया ने रूसी अधिकारियों पर अपने पति का शव छिपाने का भी आरोप लगाया है, जिससे कि उनके शरीर से नोविचोक नर्व एजेंट के निशान गायब हो सकें।

सोमवार को एक नौ मिनट का वीडियो जारी करते हुए यूलिया ने कहा, 'तीन दिन पहले व्लादिमीर पुतिन ने मेरे पति एलेक्सी नवलनी की हत्या कर दी। एलेक्सी की हत्या के साथ ही पुतिन ने मुझे, मेरे दिल को और मेरी आत्मा को भी आधा मार दिया है। लेकिन मेरे पास अभी भी आधा हिस्सा बचा हुआ है, जो मुझे यह बताता है कि मुझे अभी हार नहीं मानना है। मैं एलेक्सी के कम को जारी रखूंगी और अपने देश के लिए लड़ना जारी रखूंगी।

एलेक्सी ने कहा है कि मैं पुतिन और उनके सभी कर्मचारियों को यह बताना चाहती हूं कि उन्होंने मेरे पति के साथ जो किया है उसके लिए मैं उन्हें माफ नहीं करूंगी। पिछले कुछ सालों में देश में किए गए अत्याचारों के लिए पुतिन को दोषी ठहराया जाना चाहिए।

यूलिया ने आगे कहा, मैं एक स्वतंत्र रूस में रहना चाहती हूं। मैं स्वतंत्र रूस बनाना चाहती हूं। मेरी आपसे विनती है कि आप मेरे साथ खड़े रहें। मैं आपसे आपके गुस्से को साझा करने के लिए कह रहीं हूं। उन लोगों के प्रति गुस्सा और नफरत है, जिन्होंने हमारे भविष्य को खत्म करने का साहस किया है।

यूलिया ने इससे पहले राजनीतिक रूप से सक्रिय होने में कोई दिलचस्पी नहीं दिखाई थी लेकिन अब उन्होंने भूमिका बदलने का फैसला लिया है।यूलिया राजनीति में आने के सवाल पर कहती रही थीं कि वह एक पत्नी और मां की भूमिका में खुश हैं लेकिन शुक्रवार को अपने पति की मौत के बाद वह राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन के विरुद्ध खड़ी हो गई हैं। यूलिया रूस के एक वैज्ञानिक बोरिस अंब्रोसिमोव की बेटी हैं। 1998 में उनकी मुलाकात एलेक्सी से हुई थी। यूलिया और एलेक्सी युवावस्था से ही एक जैसे राजनीतिक विचार रखते थे। दोनों ने रूस की लिबरल पार्टी याबलोको की सदस्यता ली थी। बाद में यूलिया ने खुद को घर तक सीमित किया और एलेक्सी राजनीति में आगे बढ़ गए।