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'रामलला को बनते देखने रोज आते थे ‘हनुमान जी’, प्रतिमा बनाने वाले अरुण योगीराज ने बताए अचंभित करने वाले अनुभव

अयोध्या में विराजमान रामलला की प्रतिमा देश के लोकप्रिय मूर्तिकार अरुण योगीराज द्वारा बनाई गई है। वही पहले व्यक्ति हैं जिन्होंने रामलला के विग्रह को तैयार होने के पश्चात सबसे पहले देखा। ऐसे में प्राण-प्रतिष्ठा के पश्चात् उनसे कई प्रकार के सवाल हो रहे हैं। उनसे उनका अनुभव पूछा जा रहा है। इन सवालों के उत्तर देते हुए उन्होंने अपने इंटरव्यूज में हैरान कर देने वाले खुलासे किए हैं। अरुण योगीराज ने अपने एक इंटरव्यू में चर्चा करते हुए कहा कि ये कार्य उन्होंने स्वयं नहीं किया भगवान ने उनसे करवाया है। वह बोलते हैं कि जब वो रामलला की प्रतिमा को गढ़ रहे थे तो रोज उस प्रतिमा से बात करते थे। वह कहा करते थे, “प्रभु बाकी लोगों से पहले मुझे दर्शन दे दो।” योगीराज की मानें तो जब प्रतिमा की प्राण-प्रतिष्ठा हुई तो उन्हें लगा ही नहीं कि वो प्रतिमा उनके द्वारा बनाई गई है। उसके हाव-भाव बदल चुके थे। इस बारे में उन्होंने लोगों से कहा भी कि उन्हें नहीं भरोसा हो रहा प्रतिमा उनके द्वारा बनाई गई है। उन्होंने माना कि यदि वो प्रयास भी करें तो दोबारा इस प्रकार का विग्रह कभी नहीं बना सकते।

उन्होंने कहा, “जब मैंने प्रतिमा बनाई तब वो अलग थी। गर्भगृह में जाने के बाद और प्राण-प्रतिष्ठा के पश्चात् वो अलग हो गई। मैंने 10 दिन गर्भगृह में गुजारे। एक दिन जब मैं बैठा था मुझे अंदर से लगा ये तो मेरा काम है ही नहीं। मैं उन्हें पहचान नहीं पाया। अंदर जाते ही उनकी आभा बदल गई। मैं उसे अब दोबारा नहीं बना सकता। जहाँ तक छोटे-छोटे विग्रह बनाने की बात है वो बाद में सोचूँगा।” रामलला की प्रतिमा पर इंटरव्यू देते वक़्त अरुण योगीराज नंगे पाँव बैठे नजर आए। उन्होंने कहा कि राम को दुनिया को दिखाने से पहले स्वयं मानना था कि मूरत में राम हैं। वह बोले, “मैं दुनिया को दिखाने से पहले उनके दर्शन करना चाहता था। मैं उन्हें बोलता था- दर्शन दे दीजिए प्रभु। तो, भगवान मेरी जानकारी जुटाने में स्वयं मदद कर रहे थे। कभी दीपावली के समय कोई जानकारी मिल गई। कुछ तस्वीरें मुझे वो मिल गईं जो 400 वर्ष पुरानी थीं। हनुमान जी भी हमारे दरवाजे पर आते थे गेट खटखटाते थे, सब देखते थे, फिर चले जाते थे।”

अपने अद्भुत अनुभवों को बताते हुए उन्होंने कहा, “प्रतिमा बनाने के चलते हर रोज एक बंदर शाम में 4 से 5 बजे के बीच उस जगह आता था, वो सब देखकर चला जाता था। ठंड में हम दरवाजे बंद करने लगे। जब उसने ऐसा देखा तो वो तेज की दरवाजा खोलता अंदर आता, देखता तथा चला जाता। शायद उनका भी देखने का मन होता होगा।” वही योगीराज से जब पूछा गया कि क्या उन्हें सपने भी आते थे कुछ, तो उन्होंने कहा कि वो बीते 7 महीनों से ढंग से सो ही नहीं पाए हैं। इसलिए वो इस पर कुछ नहीं बोल सकते। उनके जहन में हमेशा था कि जो वो कर रहे हैं वो देश को पसंद आना चाहिए। उन्होंने कहा कि उनकी विश्वकर्मा समुदाय सदियों से यही काम करता आया है। उनके स्थानीय क्षेत्र में कहावत भी चलती है- ‘भगवान के स्पर्श से पत्थर फूल बन गए और शिल्प के स्पर्श से पत्थर भगवान बन गए।’

इतना सराहनीय कार्य करने के पश्चात् भी अरुण इस रामलला के विग्रह के लिए सारा श्रेय खुद नहीं लेते। वो बोलते हैं कि भगवान ने उनसे ये करवाया है। वरना वो प्रतिमा कैसे गढ़ पाते। उन्होंने एक अन्य इंटरव्यू में कहा कि उन लोगों ने रामलला को पत्थर से मूरत में देखने के लिए 6 महीने तक इंतजार किया। उन्होंने बताया कि उनकी बनाई राम प्रतिमा 51 इंच की है। ऐसा इसलिए क्योंकि वैज्ञानिकों की गणित थी इतनी इंच की प्रतिमा हुई तो राम नवमी वाले दिन सूर्य की किरण प्रभु श्री राम के मस्तक पर सीधे पड़ेंगी। इस इंटरव्यू में भी उन्होंने यही बताया कि वो अपने असिस्टेंट्स के जाने के पश्चात् भगवान के विग्रह के पास अकेले बैठते थे तथा यही प्रार्थना करते थे कि प्रभु दूसरों से पहले उन्हें दरश देना।

DRDO ने किया बड़ा ऐलान, मार्च तक शुरू होगा देश की इस शक्तिशाली सुपरसोनिक मिसाइलों का निर्यात

डेस्क: भारत की डिफेंस रिसर्च एंड डेवलपमेंट ऑर्गनाइजेशन (DRDO) ने एक बड़ा ऐलान किया है। डीआरडीओ ने ऐलान करते हुए जानकारी दी है कि इस साल मार्च तक वह देश की शक्तिशाली सुपरसोनिक क्रूज मिसाइल ब्रह्मोस का निर्यात (Export) शुरू कर देगा। माना जा रहा कि ये देश के रक्षा क्षेत्र में यह पूरी तरह आत्मनिर्भर बनने की कोशिश में एक बड़ी उपलब्धि होगी। इस ऐलान की जानकारी खुद डीआरडीओ प्रमुख समीर वी. कामत ने न्यूज एजेंसी एएनआई के जरिए की है।

आ सकते हैं विदेशों से ऑर्डर

डीआरडीओ प्रमुख समीर वी. कामत ने जानकारी देते हुए कहा कि डीआडीओ इस साल मार्च तक ब्रह्मोस सुपरसोनिक क्रूज मिसाइल की निर्यात शुरू करेगा। आगे कहा कि डीआरडीओ अगले 10 दिन में ही इन मिसाइलों की ग्राउंड सिस्टम्स का निर्यात शुरू करेगा। इसके अलावा डीआरडीओ ने जिन 307 ATAGS बंदूकों को डेवलप किया है और जिनका निर्माण भारत फोर्ज और टाटा एडवांस्ड सिस्टम जैसी प्राइवेट सेक्टर की कंपनियां कर रही हैं, इनके भी इस वित्तीय वर्ष के अंत तक विदेशों से ऑर्डर आ सकते हैं।

इस देश के साथ हुआ था मिसाइलों को लेकर सौदा

गौरतलब है, जनवरी 2022 में भारत और फिलीपींस के बीच ब्रह्मोस मिसाइलों को लेकर 375 मिलियन डॉलर की डील हुई थी। इसी के तहत फिलीपींस को मिसाइलों की डिलीवरी होनी है। 290 किमी रेंज वाली इन मिसाइलों का निर्यात अपनी तरह का पहला समझौता था। इस डील के तहत 2 सालों में एंटी-शिप वर्जन की 3 मिसाइल बैटरियों का भी एक्सपोर्ट होना है। इसी कड़ी माना जा रहा कि इन ब्रह्मोस मिसाइलों को फिलीपींस को एक्सपोर्ट किया जाएगा।

कई देशों ने दिखाई थी दिलचस्पी

जानकारी के लिए बता दें कि ब्रह्मोस मिसाइल को खरीदने में दक्षिण एशिया के कई देशों ने दिलचस्पी दिखाई है। जिसमें इंडोनेशिया, वियतनाम जैसे देश शामिल हैं। पिछले साल ही खबर आई थी वियतनाम ब्रह्मोस मिसाइल को लेकर 625 मिलियन डॉलर का सौदा भारत के साथ करना चाहता है।

बंगाल के पूर्वी बर्धमान में प्रशासनिक बैठक से वापस लौटते समय सीएम ममता बनर्जी के सिर में लगी चोट, रुमाल बांध कोलकाता के लिए हुईं रवाना!

पूर्वी बर्द्धमान जिले में एक प्रशासनिक बैठक से लौटते समय मुख्यमंत्री ममता बनर्जी के माथे पर हल्की चोट लग गई। दरअसल, कार चालक ने अचानक से ब्रेक लगा दिया जिसकी वजह से मुख्यमंत्री चोटिल हो गईं।

बुधवार को पूर्वी बर्द्धमान के गोदार मैदान में ममता ने प्रशासनिक बैठक की। बैठक के बाद मुख्यमंत्री कोलकाता लौटने के लिए कार में बैठ गईं। सभा स्थल से जीटी रोड पर चढ़ते समय रास्ते में चालक ने अचानक ब्रेक मार दिया। उस झटके में मुख्यमंत्री के माथे पर चोट लग गई। हालांकि, ममता बिना गाड़ी रोके सीधे कोलकाता के लिए रवाना हो गईं।

मुख्यमंत्री ने माथे पर बांधा रुमाल

एक प्रत्यक्षदर्शी के मुताबिक, घायल होने के बाद मुख्यमंत्री ने माथे पर रुमाल बांधा था। बता दें कि बुधवार को तकरीबन साढ़े 12 बजे ममता बनर्जी ने बैठक शुरू की। हेलीकाप्टर से वह पूर्वी बर्द्धमान पहुंची थी, लेकिन बैठक खत्म होने से पहले ही मौसम बिगड़ने लगा। कोहरे के साथ ही बारिश भी शुरू हो गई। उसी वक्त तय हो गया कि मुख्यमंत्री हेलीकाप्टर से नहीं लौटेंगी। सड़क मार्ग से कोलकाता जाएंगी।

मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार जिस कार में मुख्यमंत्री बैठी थीं, उसके ड्राइवर ने सभा स्थल से मुख्य सड़क तक जाते समय अचानक ब्रेक लगा दी। उस झटके में ममता के माथे पर हल्की चोट लग गई।

पांच साल के बच्चे को हरिद्वार के हरकी पैड़ी लेकर पहुंचे परिजन, गंगा में डुबोकर ले ली जान, भीड़ ने आरोपियों को पकड़ा


हरिद्वार में बुधवार को सनसनीखेज मामला सामने आया है। जहां एक परिवार ने अपने ही पांच साल के बच्चे को हरकी पैड़ी पर गंगा में डुबोकर मार डाला। पुलिस ने फिलहाल बच्चे के शव को कब्जे में ले लिया है।

पुलिस के अनुसार, घटना बुधवार दोपहर की है। एक परिवार बच्चे को लेकर हरकी पैड़ी पर आया। बच्चे की मां के अलावा अन्य परिजन भी साथ थे। उन्होंने बच्चे को ब्रह्मकुंड में ले जाकर डुबो दिया। इतना ही नहीं उसे लगातार डुबोते रहे। आस-पास के लोगों ने जब ये देखा वहां अफरा-तफरी मच गई। बच्चे को तुरंत बाहर निकाला गया।

सूचना मिलने पर नगर कोतवाली प्रभारी भावना कैंथोला, हरकी पैड़ी चौकी इंचार्ज संजीव चौहान टीम के साथ मौके पर पहुंचे। बच्चे को तुरंत जिला अस्पताल पहुंचाया, जहां चिकित्सकों ने उसे मृत घोषित कर दिया। कोतवाली प्रभारी भावना कैंथोला ने बताया कि शव को कब्जे में ले लिया गया है। साथ में आए परिजनों को हिरासत में लेते हुए पूछताछ शुरू कर दी गई है। उनके बात के बाद ही पूरी स्थिति स्पष्ट हो पाएगी।

भीड़ ने आरोपियों को पकड़ा

घटना का पता लगते ही मौके पर सैकड़ों लोगों की भीड़ वहां जुट गई। इस दौरान लोगों ने आरोपियों को पकड़ लिया और पीट दिया।

लोकसभा चुनाव से पूर्व सिंधिया ने कांग्रेस को दिया एक और बड़ा झटका, एक दिन में 228 नेताओं को कराया भाजपा में शामिल

चंबल में ज्योतिरादित्य सिंधिया ने कांग्रेस को एक बार फिर से बड़ा झटका दे दिया है। इस बार सिंधिया ने मुरैना जिले के तमाम पदाधिकारी सहित 228 कांग्रेसियों को भारतीय जनता पार्टी में सम्मिलित करके कांग्रेस की हालत खराब कर दी है। बीते दिनों सिंधिया ने मुरैना से कांग्रेस के पूर्व MLA राकेश मावई को भी भारतीय जनता पार्टी में सम्मिलित करके कांग्रेस को करारा झटका दिया था। अब राकेश मावई की अगुवाई में ही 228 कांग्रेसियों ने भारतीय जनता पार्टी ज्वाइन करके कांग्रेस को अलविदा कह दिया है। 

दरअसल, मुरैना विधानसभा से कांग्रेस के MLA रहे राकेश मावई अपनी पार्टी से नाराज चल रहे थे। विधानसभा चुनाव में टिकट नहीं प्राप्त होने से नाराज राकेश मावई ने बीते दिनों भारतीय जनता पार्टी का दामन थाम लिया था। केंद्रीय नागरिक उड्डयन मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया के समक्ष दिल्ली पहुंचकर राकेश मावई ने भारतीय जनता पार्टी की सदस्यता ली। कांग्रेस यह झटका अभी खेल भी नहीं पाई थी कि सिंधिया ने राकेश मावई के जरिए कांग्रेस को एक बार फिर से जोरदार झटका देते हुए मुरैना के तमाम पदाधिकारी समय 228 कांग्रेसियों को भारतीय जनता पार्टी में सम्मिलित कर लिया है। 

वही अब तक प्राप्त हुई खबर के मुताबिक, सिंधिया के ग्वालियर स्थित जय विलास पैलेस में राकेश मावई कांग्रेस के पदाधिकारी एवं कार्यकर्ताओं को लेकर पहुंचे थे। यहां सिंधिया के समक्ष सभी पदाधिकारी एवं कांग्रेस कार्यकर्ताओं ने भारतीय जनता पार्टी ज्वाइन कर ली। भारतीय जनता पार्टी में सम्मिलित होने वाले पदाधिकारियों में मुरैना की महिला कांग्रेस की जिला अध्यक्ष संजू शर्मा, अल्पसंख्यक विभाग के शहर अध्यक्ष हसनैन खान, बानमोर ब्लॉक के सभी मंडल अध्यक्ष, सेक्टर अध्यक्ष एवं मुरैना दक्षिण के सभी सेक्टर एवं मुरैना उत्तर के 15 सेक्टर एवं 7 मंडल एवं जिला पदाधिकारी और ब्लॉक पदाधिकारी सहित आईटी सेल की प्रदेश पदाधिकारी एवं जिला पदाधिकारी सम्मिलित हैं। 

कुल मिलाकर 228 लोगों ने कांग्रेस को छोड़कर भारतीय जनता पार्टी का दामन थाम लिया है। लोकसभा चुनाव के पहले सिंधिया निरंतर कांग्रेस को झटका देते दिखाई दे रहे हैं। जिस तरीके से मुरैना के इन तमाम पदाधिकारी एवं कांग्रेसी कार्यकर्ताओं ने कांग्रेस का दामन छोड़कर भारतीय जनता पार्टी ज्वाइन की है, उससे लगता है कि आगामी लोकसभा चुनाव में कांग्रेस के लिए बड़ा संकट खड़ा होने जा रहा है।

*"एकला चलो" की राह पर ममता बनर्जी:इंडिया गठबंधन को दिया बड़ा झटका,बंगाल में अकेले चुनाव लड़ेगी टीएमसी*

विपक्षी पार्टियों से मिलकर बने इंडिया गठबंधन को लोकसभा चुनाव से पहले बड़ा झटका लगा है।बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी की पार्टी तृणमूल कांग्रेस ने अकेले चुनाव लड़ने का ऐलान किया है।ममता बनर्जी ने एलान किया है कि आम चुनाव में सीट साझा करने पर उनका किसी से संपर्क नहीं है। उन्होंने कहा कि लोकसभा चुनाव के लिए उनकी पार्टी अकेले उतरेगी। 

बंगाल में किसी भी पार्टी में तालमेल नहीं-ममता

ममता ने कहा कि इंडिया गठबंधन ने मेरा कोई भी प्रस्ताव नहीं माना है। ऐसे में हमारी पार्टी अकेले ही चुनाव लड़ेगी। उन्होंने कहा कि बंगाल में किसी भी पार्टी में तालमेल नहीं है।इतना ही नहीं, ममता बनर्जी ने आरोप लगाया कि राहुल गांधी की भारत जोड़ो न्याय यात्रा के लिए भी उन्हें अब तक न्योता नहीं भेजा गया है। उन्होंने कहा कि हम इंडिया गठबंधन का हिस्सा हैं, इसके बावजूद रैली को लेकर हमसे बात नहीं की गई। 

कांग्रेस बोली ममता के बिना गठबंधन की कल्पना नहीं

वही, कांग्रेस नेता जयराम रमेश ने ममता के बयान पर कहा कि उन्हें नहीं पता ममता ने यह बात किस संदर्भ में कही है। लेकिन ममता ने कहा है कि, वो बीजेपी को हराएंगी। रमेश ने आगे कहा कि जब हम लंबे सफर पर चलते हैं तो कभी राह में स्पीड ब्रेकर और लाल बत्ती आती हैं, लेकिन हम उसको पार करते हैं, लाल बत्ती हरी हो जाती है, सफर जारी रहता है। ममता जी के बिना इंडिया गठबंधन की कल्पना नहीं कि जा सकती। कल राहुल जी भी इस पर बयान दिया था।राहुल जी और खरगे जी ने इंडिया गठबन्धन के दलों के नेताओं को यात्रा में शामिल होने का न्योता दिया है। जो बातचीत चल रही है, उसमें बीच का रास्ता निकल जायेगा।  

ममता ने पहले ही कांग्रेस को दिया नसीहत

गौरतलब है कि बंगाल की सीएम ने एक दिन पहले ही कांग्रेस को नसीहत दी थी। उन्होंने कहा था कि कांग्रेस लोकसभा की 300 सीटों पर चुनाव लड़ सकती है, लेकिन उसे कुछ क्षेत्रों को पूरी तरह क्षेत्रीय दलों के लिए छोड़ देना चाहिए। पर कांग्रेस अपनी मनमानी पर अड़ी है। उन्होंने कहा कि कोई भी भाजपा का उतना सीधा मुकाबला नहीं करता, जितना वह करती हैं। उन्होंने साफ कहा था कि अगर इंडिया गठबंधन की पार्टियां उनका साथ नहीं देतीं तो टीएमसी सभी 42 लोकसभा सीटों पर अकेले चुनाव लड़ने के लिए तैयार हैं।

ऑस्ट्रेलियाई क्रिकेटर डेविड वार्नर भी बोले जय श्री राम ! अफ्रीकी क्रिकेटर केशव महाराज ने भी राम मंदिर उद्घाटन पर जताई ख़ुशी, दी शुभकामनाएं


ऑस्ट्रेलियाई क्रिकेटर डेविड वार्नर, अक्सर भारतीय संस्कृति, व्यंजन और त्योहारों की प्रशंसा करते रहते हैं। अब उन्होंने अयोध्या में राम जन्मभूमि पर भव्य अभिषेक समारोह के लिए भारतीयों को शुभकामनाएं दीं हैं। ऑस्ट्रेलियाई बल्लेबाज ने एक इंस्टाग्राम पोस्ट साझा किया है, जिसमें उन्होंने कहा कि, "जय श्री राम भारत।"

पोस्ट में भगवान श्री राम के आगमन को चिह्नित करने के लिए एक AI तस्वीर भी शामिल थी। उन्होंने विकास कुमार को भी टैग किया जो कई IPL टीमों के साथ सहायक स्टाफ के रूप में जुड़े हुए हैं और उन्होंने एक दिन पहले भी यही तस्वीर साझा की थी। इस पोस्ट को भारतीयों से काफी प्रशंसा मिली है और कुछ लोगों ने मज़ाक में ऑस्ट्रेलियाई क्रिकेटर को एक विशिष्ट पहचान प्रणाली आधार कार्ड के लिए आवेदन करने की सलाह दी है।

एक यूजर ने लिखा कि, 'हम भारतीय आपका सम्मान करते हैं। जय श्री राम।' बता दें कि, पहले भी वार्नर को भारतीय गानों और ट्रेंडिंग रीलों पर थिरकते देखा गया था, जिसमें पुष्पा का उनका अब सिग्नेचर मूव भी शामिल है। इस बीच, दक्षिण अफ्रीकी क्रिकेटर केशव महाराज ने राम मंदिर उद्घाटन से पहले भारतीय समुदाय के लिए शुभकामनाएं दीं। उन्होंने कहा, “सभी को नमस्ते। मैं कल अयोध्या में राम मंदिर के उद्घाटन के लिए दक्षिण अफ्रीका में अपने भारतीय समुदाय को शुभकामनाएं देना चाहता हूं। सभी के लिए शांति, सद्भाव और आध्यात्मिक ज्ञान हो। जय श्री राम।”

बता दें कि, केशव महाराज ने पहले खुलासा किया था कि वह भगवान राम और भगवान हनुमान के अनुयायी हैं। इस क्रिकेट स्टार ने अपने बल्ले पर 'ॐ' स्टिकर चिपका रखा है, जिसे वह जब भी खेलने आता है, तो गर्व से प्रदर्शित करता है। इस बीच, सोमवार को अभिषेक समारोह में भारत रत्न सचिन तेंदुलकर, अनिल कुंबले और वेंकटेश्वर प्रसाद सहित कई भारतीय क्रिकेट के दिग्गज शामिल हुए। अन्य लोगों ने भी भव्य आयोजन पर खुशी जताई है।

भाजपा शासित राज्यों के मुख्यमंत्री कैबिनेट संग करेंगे रामलला के दर्शन, जानिए कौन कब जाएगा 'अयोध्या'

अयोध्या में रामलला विराजमान हो गए हैं। इसके पश्चात् से प्रभु श्री राम की एक झलक पाने के लिए निरंतर भक्तों की बंपर भीड़ उमड़ी है। अब भारतीय जनता पार्टी शासित राज्यों के मुख्यमंत्री अयोध्या आकर रामलला के दर्शन करेंगे। अलग-अलग प्रदेशों के सीएम अपनी मंत्रिमंडल के साथ करेंगे रामलला के दर्शन करेंगे।

त्रिपुरा के सीएम अपने मंत्रिमंडल के साथ 31 जनवरी को रामलला का दर्शन करेंगे। उत्तर प्रदेश के सीएम योगी आदित्यनाथ सहित पूरी मंत्रिमंडल एक फरवरी को रामलला के दर्शन करेगें। उत्तराखंड के सीएम पुष्कर सिंह धामी पूरी मंत्रिमंडल के साथ 2 फरवरी को रामलला के दर्शन करेंगे। महाराष्ट्र की मंत्रिमंडल 5 फरवरी को रामलला के दर्शन करेगी। हरियाणा के सीएम मनोहर लाल खट्टर मंत्रिमंडल के साथ 9 फरवरी को करेंगे रामलला के दर्शन करेंगे।

राजस्थान के सीएम भजनलाल शर्मा अपनी मंत्रिमंडल के साथ 12 फरवरी को करेंगे दर्शन करेंगे। गोवा के सीएम मंत्रिमंडल के साथ 15 फरवरी को रामलला के दर्शन करेंगे। असम के सीएम हेमंता विश्व सरमा अपनी मंत्रिमंडल के साथ 15 फरवरी को दर्शन करेंगे। गुजरात के सीएम भूपेंद्र पटेल पूरी मंत्रिमंडल के साथ 24 फरवरी को रामलला के दर्शन करेंगे। मध्य प्रदेश के सीएम मोहन यादव करेंगे मंत्रिमंडल के साथ 4 मार्च को प्रभु श्री राम के दर्शन करेंगे।

भारी गड़बड़ी करके चुनाव जीतती है BJP! दिग्विजय सिंह ने मीडिया के सामने हैक करके दिखाई मशीन


भारतीय जनता पार्टी ने डेढ़ महीने पहले मध्य प्रदेश सहित 3 प्रदेशों में पूर्ण बहुमत से सरकार बनाई है। इसे लेकर कांग्रेस ने एक बार फिर इलेक्ट्रॉनिक वोटिंग मशीन को लेकर सवाल उठाए हैं। राज्य के पूर्व सीएम दिग्विजय सिंह ने गुजरात से आए अतुल पटेल के साथ EVM को हैक कर दिखाया। बचते-बचाते यह दावा भी कर दिया कि EVM हैकिंग से 30 से 40 फीसदी वोटों में हेरफेर हो सकता है। बुधवार को दिग्विजय सिंह ने अपने घर पर प्रेस कॉन्फ्रेंस बुलाई। इस के चलते उन्होंने गुजरात से आए अतुल पटेल के साथ EVM का डेमो दिया। इस के चलते डेमो मशीन से वीवीपीएटी या वीवीपैट रसीद पर वोट बदलने का प्रदर्शन किया। उन्होंने दावा किया कि EVM के सॉफ्टवेयर से वोटों को बदला जा सकता है। उन्होंने बचते-बचाते कहा कि मैं यह नहीं कह रहा कि EVM में वोटों का हेरफेर हो रहा है मगर यह कह रहा हूं कि हेरफेर हो सकता है। 30 से 40 प्रतिशत वोटों में हेरफेर किया जा सकता है। उन्होंने इस मुद्दे पर निर्वाचन आयोग की निष्पक्षता को लेकर भी सवाल उठाए हैं।

उन्होंने कहा कि 2003 से लेकर आज तक निर्वाचन आयोग ने EVM के सॉफ्टवेयर को पब्लिक डॉमिन में क्यों नहीं डाला है? मशीन के पार्ट्स अलग-अलग जगह से आते हैं। पहले इसमें लगने वाला चिप सिंगल प्रोग्रामेबल था, जिसे अब मल्टीपल प्रोग्रामेबल चिप में परिवर्तित कर दिया है। ऐसा क्यों? चुनाव आयोग इन सवालों का जवाब नहीं दे रहा है। सॉफ्टवेयर कौन डाल रहा है? इसका कोई जवाब नही है। इससे तो ऐसा लग रहा है कि मतदाता नहीं बल्कि सॉफ्टवेयर इंस्टॉल करने वाला तय करेगा कि सरकार किसकी बनेगी। कौन-सी मशीन किस बूथ पर जाएगी, यह रिटर्निंग ऑफिसर तय नहीं करता। यह भी कंप्यूटर तय करता है। बीजेपी को जनता का नहीं मशीन का वोट प्राप्त हो रहा है। EVM से इतना प्रेम है तो हमें EVM से निकलने वाली वीवीपैट (VVPAT) पर्ची हाथ में दे दीजिए। हम उसे डिब्बे में डालेंगे। हमारी मांग संवैधानिक है। न्यायपालिका की जिम्मेदारी है कि वह हमारी संवैधानिक मांगों का संरक्षण करें।

दिग्विजय सिंह ने आरोप लगाया कि चुनावों से पहले ही भारतीय जनता पार्टी माहौल बनाती है। इसके माध्यम से नैरेटिव सेट किया जाता है। 2019 के लोकसभा चुनाव से पहले पीएम नरेंद्र मोदी ने पुलवामा को लेकर वोट देने की मांग की। मध्य प्रदेश विधानसभा चुनावों से पहले मामा (शिवराज सिंह चौहान) ने लाड़ली बहना योजना को वोट देने की बात कही तथा माहौल बनाया। मेरा आरोप है कि चुनाव आयोग भी पीएम नरेंद्र मोदी एवं भारतीय जनता पार्टी के दबाव में काम कर रहा है। आयोग को मेरे खिलाफ जो कार्रवाई करना है कर लें। जब मोदी जी कोई बयान दें तो उन पर आयोग कोई करवाई नहीं करता है।

दिग्विजय सिंह से पूछे गए सवाल

नैरेटिव की बात है तो कर्नाटक में बजरंग बली के मुद्दे पर भारतीय जनता पार्टी क्यों नहीं जीती?

दिग्विजयः हर जगह नहीं करेंगे। इससे उनकी पोल खुल जाएगी। पंजाब में नहीं करेंगे, तमिलनाडु में नहीं करेंगे, केरल में नहीं करेंगे, क्योंकि इन प्रदेशों में उनके पास जनता का समर्थन नहीं है। समर्थन नहीं है तथा करेंगे तो पोल खुल जाएगी। हमारी लड़ाई लोकतंत्र और संविधान के लिए है।

सवालः आप यह लड़ाई कैसे जीतेंगे?

दिग्विजयः जब अन्याय अपनी सीमा को पार कर जाता है तो कोई न कोई प्रकट होता है। फिर कोई न कोई प्रकट होगा तथा लोकतंत्र की जीत होगी।

सवालः आपकी पार्टी तो आपकी ही नहीं सुनती। अगर पहले सुन लेती तो कांग्रेस के हालात आज ऐसे नहीं होते?

दिग्विजयः पार्टी पर बात अलग से करेंगे। आज की प्रेस कॉन्फ्रेंस सिर्फ इसी मुद्दे पर है कि चुनाव को किस प्रकार से प्रभावित किया जा रहा है। ईवीएम से वोटों में हेरफेर हो रहा है। सॉफ्टवेयर से सबकुछ हो रहा है। आज मैं सिर्फ इसी मुद्दे पर बातचीत करना चाहता हूं।

सवालः मध्य प्रदेश में तो 2018 में कांग्रेस की सरकार बनी थी, तब क्या हुआ था?

दिग्विजयः जी हां, विध्य में हमें अच्छी सीट मिलनी थी। वहां पर हमें सिर्फ सात सीट मिली थी। उन्होंने कुछ सीटों पर मशीनों का खेल किया। वहां हमें एक सीट मिली है। इसमें ही खेल कर दिया। यह मेरा आरोप है।

डिटेल में जानिए, कौन है कर्पूरी ठाकुर? जिन्हे मिलेगा 'भारत रत्न' राष्ट्रपति भवन से बयान भी हो गया है जारी

 केंद्र सरकार ने बिहार के पूर्व सीएम कर्पूरी ठाकुर को भारत रत्न दिए जाने की घोषणा की गई है। इस सिलसिले में राष्ट्रपति भवन की तरफ से बयान जारी कर ये जानकारी दी गई। राष्ट्रपति भवन की तरफ से जारी बयान में कहा गया कि भारत सरकार को बताते हुए बहुत गर्व हो रहा है कि देश का सर्वोच्च नागरिक सम्मान दिवंगत कर्पूरी ठाकुर को दिया जा रहा है। वह भारतीय राजनीति में सामाजिक न्याय के पुरोधा और एक प्रेरणादायक शख्सियत थे। यह सम्मान समाज के वंचित वर्ग के उत्थान में कर्पूरी ठाकुर के जीवनभर के योगदान एवं सामाजिक न्याय के प्रति उनके अथक प्रयासों को श्रद्धांजलि है। 

कर्पूरी ठाकुर की बुधवार को होने वाली 100वीं जन्म जयंती से पहले उन्हें मरणोपरांत भारत रत्न से नवाजे जाने की घोषणा की गई है। जदयू ने कर्पूरी ठाकुर को भारत रत्न दिए जाने की मांग की थी। इस घोषणा के पश्चात् जदयू ने मोदी सरकार का आभार जताया है। कर्पूरी ठाकुर के बेटे रामनाथ ठाकुर ने कहा कि हमें 36 साल की तपस्या का फल प्राप्त हुआ है। मैं अपने परिवार और बिहार के 15 करोड़ो लोगों की ओर से सरकार को धन्यवाद देना चाहता हूं।

कौन थे कर्पूरी ठाकुर?

कर्पूरी ठाकुर का जन्म समस्तीपुर जिले के पितौझिया गांव में हुआ था। पटना से 1940 में उन्होंने मैट्रिक परीक्षा पास की तथा स्वतंत्रता आंदोलन में कूद पड़े थे। कर्पूरी ठाकुर ने आचार्य नरेंद्र देव के साथ चलना पसंद किया। तत्पश्चात, उन्होंने समाजवाद का रास्ता चुना एवं 1942 में गांधी के असहयोग आंदोलन में भाग लिया। इसके चलते उन्हें जेल में भी रहना पड़ा। वर्ष 1945 में जेल से बाहर आने के पश्चात् कर्पूरी ठाकुर आहिस्ता-आहिस्ता समाजवादी आंदोलन का चेहरा बन गए, जिसका मकसद अंग्रेजों से स्वतंत्रता के साथ-साथ समाज के अंदर पनपे जातीय व सामाजिक पक्षपात को दूर करने का था ताकि दलित, पिछड़े और वंचित को भी एक सम्मान की जिंदगी जीने का हक मिल सके।

कर्पूरी ठाकुर 1952 में ताजपुर विधानसभा क्षेत्र से सोशलिस्ट पार्टी के प्रत्याशी के तौर पर जीतकर MLA बने थे। 1967 के बिहार विधानसभा चुनाव में कर्पूरी ठाकुर के नेतृत्व में संयुक्त सोसलिस्ट पार्टी बड़ी ताकत बन कर उभरी थी, जिसका परिणाम था कि बिहार में पहली बार गैर-कांग्रेस पार्टी की सरकार बनी। महामाया प्रसाद सिन्हा सीएम बने तो कर्पूरी ठाकुर डिप्टी सीएम बने तथा उन्हें शिक्षा मंत्रालय का कार्यभार सौंपा गया था। कर्पूरी ठाकुर ने शिक्षा मंत्री रहते हुए छात्रों की फीस समाप्त कर दी थी तथा अंग्रेजी की अनिवार्यता भी समाप्त कर दी थी। कुछ वक़्त बाद बिहार की राजनीति ने ऐसी करवट ली कि कर्पूरी ठाकुर सीएम बन गए। 

वही इसके चलते वो 6 महीने तक सत्ता में रहे। उन्होंने उन खेतों पर मालगुजारी समाप्त कर दी, जिनसे किसानों को कोई मुनाफा नहीं होता था, साथ ही 5 एकड़ से कम जोत पर मालगुजारी खत्म कर दी गई तथा साथ ही उर्दू को राज्य की भाषा का दर्जा दे दिया। तत्पश्चात, उनकी राजनीतिक ताकत में जबरदस्त बढ़ोतरी हुई तथा कर्पूरी ठाकुर बिहार की सियासत में समाजवाद का एक बड़ा चेहरा बन गए। उन्होंने मंडल आंदोलन से भी पहले सीएम रहते हुए पिछड़ों को 27 प्रतिशत आरक्षण दिया था। लोकनायक जयप्रकाश नारायण एवं राम मनोहर लोहिया इनके राजनीतिक गुरु थे।