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बांग्लादेश में फिर शेख हसीना की सरकार, 5वीं बार बनने जा रही प्रधानमंत्री

#sheikhhasinasettobecome_pm

बांग्लादेश में एक बार फिर शेख हसीना प्रधानमंत्री बनने जा रहीं हैं।रविवार को हुए आम चुनाव में उनकी पार्टी आवामी लीग ने 300 में से दो-तिहाई से अधिक सीटें जीत ली हैं।शेख हसीना की पार्टी अवामी लीग ने जहां 222 सीटें जीतीं वहीं निर्दलीय उम्मीदवारों को 63 सीट पर कामयाबी हासिल हुई।शेख हसीना पांचवीं बार प्रधानमंत्री बनेंगी। वह 2009 से ही प्रधानमंत्री हैं।इससे पहले 1991 से 1996 तक भी शेख हसीना प्रधानमंत्री रह चुकीं हैं।

रविवार 7 जनवरी को हुए आम चुनाव में हसीना की पार्टी अवामी लीग ने संसद की 300 में से 204 सीटें जीत लीं। इस बार 299 सीटों पर वोटिंग हुई थी।गोपालगंज-3 सीट से उन्होंने बांग्लादेश सुप्रीम पार्टी के कैंडिडेट एम निजामुद्दीन लश्कर को 2.49 लाख से ज्यादा वोटों के अंतर से हराया। हसीना को 2 लाख 49 हजार 965 तो निजामुद्दीन को महज 469 वोट मिले। 

बांग्लादेश चुनाव आयोग के मुताबिक, इस बार चुनाव में 40% वोट पड़े। यह आंकड़ा बदल सकता है। 2018 के चुनाव में 80% मतदान हुआ था। देश में बांग्लादेश नेशनलिस्ट पार्टी (BNP) समेत विपक्षी पार्टियों ने चुनाव का बहिष्कार किया था।

हसीना का आदेश- जीत का जश्न न मनाएं कार्यकर्ता

प्रधानमंत्री शेख हसीना ने अपनी पार्टी अवामी लीग के नेता और कार्यकर्ताओं को आदेश दिया है कि वो जीत का जश्न न मनाएं और न ही कोई रैली या जुलूस निकालें। हसीना के सेक्रेटरी सायम खान ने रविवार रात इस बारे में प्रधानमंत्री के हवाले से बयान जारी किया। उन्होंने कहा- नतीजे आने के बाद किसी तरह की हिंस नहीं होनी चाहिए, क्योंकि इससे देश को नुकसान होता है।

प्रधानमंत्री रहते हुई आलोचनाओं की शिकार

1996 वह साल था जब उन्होंने पहली बार जीत का स्वाद चखा। वह देश की प्रधानमंत्री बनीं। हसीना का पहला कार्यकाल आर्थिक तरक्की और इंफ्रास्ट्रकचर के विकास के नाम रहा। बांग्लादेश में उनके प्रधानमंत्री रहते हुए आर्थिक उदारीकरण हुआ। साथ ही बड़े पैमाने पर बांग्लादेश में विदेशी निवेश आया। हालांकि शेख हसीना की इस बात पर आलोचना भी हुई की उन्होंने देश की न्यायिक स्वतंत्रता को समाप्त करने में कोई कोर कसर नहीं छोड़ी। साथ ही जमात ए इस्लामी पार्टी पर शेख हसीना ने जो नकेल कसा, उसका कुछ धड़ों ने स्वागत किया तो कुछ ने मानवाधिकार उल्लंघन का हवाला देकर विरोध किया। बीच में एक अंतराल के बाद 2009 में शेख हसीना बांग्लादेश की सत्ता में लौटीं। इसके बाद से लगातार वह शासन में बनी हुई हैं। इसके बाद जो तीन चुनाव वह अब तक जीती हैं, इन सभी चुनावों पर धांधली का आरोप है। आलोचकों का कहना है कि देश में लोकतांत्रिक मूल्य लगातार ढ़लान पर हैं। बोलने की आजादी समय के साथ सीमित होती चली गई है।

पीएम मोदी पर विवादित टिप्पणी के बाद भारत का सख्त रुख, मालदीव के उच्चायुक्त को किया तलब

#maldives_india_controversy_india_summons_maldives_high_commissioner

प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी पर अपमानजनक बयान को लेकर जारी विवाद के बीच भारत ने सख्त रूख अख्तियार कर लिया है। विदेश मंत्रालय ने भारत में मालदीव के उच्चायुक्त इब्राहिम शाहीब को तलब किया है।मालदीव के उच्चायुक्त इब्राहिम शाहीब दिल्ली के साउथ ब्लॉक में विदेश मंत्रालय पहुंचे। भारत ने पीएम मोदी के खिलाफ बयानों पर मंत्रियों की टिप्पणियों को लेकर सख्त नाराजगी जताई है।इस संबंध में विदेश मंत्रालय स्टेटमेंट जारी करेगा।

दरअसल, पीएम मोदी ने पिछले दिनों लक्षद्वीप की यात्रा की थी। इस दौरान पीएम मोदी ने लक्षद्वीप की खूबसूरत तस्वीरें शेयर की थीं और भारतीयों से इस केंद्रशासित राज्य को अपने टूरिस्ट डेस्टिनेशन लिस्ट में शामिल करने की अपील की थी। इसके बाद सोशल मीडिया पर कई लोगों ने दावा किया था कि यह मालदीव के लिए झटका होगा। सोशल मीडिया पर भारतीयों द्वारा इस दावे से भड़के मालदीव के कई नेताओं ने सोशल मीडिया पर पीएम मोदी की यात्रा का मजाक उड़ाया था और उनके खिलाफ अपमानजनक टिप्पणी की थी। इसके बाद भारत के लोगों का गुस्सा इतना बढ़ गया कि देश में अभियान शुरू हो गया।

लक्षद्वीप यात्रा को लेकर पीएम मोदी पर टिप्पणी पर प्रतिक्रिया देते हुए मालदीव सरकार ने रविवार को अपने तीन मंत्रियों मालशा शरीफ, मरियम शिउना और अब्दुल्ला महजूम माजिद को निलंबित कर दिया। इतना ही नहीं सरकार ने इस बयान से खुद को अलग कर लिया है। मालदीव सरकार ने मंत्रियों के बयान को निजी बताया।मंत्री की टिप्पणी मालदीव सरकार के विचारों का प्रतिनिधित्व नहीं करती है।

इस बीच EaseMyTrip ने बड़ा फैसला लिया है। कंपनी के सह-संस्थापक और मुख्य कार्यकारी अधिकारी निशांत पिट्टी ने बताया मालदीव के लिए सभी फ्लाइट बुकिंग को बंद कर दिया गया है।

पीएम मोदी के खिलाफ आपत्तिजनक टिप्पणी मालदीव को भारी पड़ा, EaseMyTrip ने सभी फ्लाइट की बुकिंग रद्द की

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भारत और मालदीव के बीच विवाद लगातार बढ़ता जा रहा है।मालदीव के नेताओं की तरफ से भारत और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को लेकर की गई आपत्तिजनक टिप्पणी के बाद मालदीव पर भारत का गुस्सा कम होने का नाम नहीं ले रहा है। इस बीच EaseMyTrip ने बड़ा फैसला लिया है। कंपनी के सह-संस्थापक और मुख्य कार्यकारी अधिकारी निशांत पिट्टी ने बताया मालदीव के लिए सभी फ्लाइट बुकिंग को बंद कर दिया गया है। बता दें कि पीएम मोदी की लक्षद्वीप की यात्रा को लेकर मालदीव के कुछ मंत्रियों की ओर से अपमानजनक टिप्पणी की गई थी। जिसके बाद भारतीयों में गुस्सा देका जा रहा है।

भारतीय ऑनलाइन ट्रैवल कंपनी EaseMyTrip के को-फाउंडर और चीफ एग्जिक्यूटिव ऑफिसर (सीईओ) निशांत पिट्टी ने भारत के समर्थन में सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर फ्लाइट्स बुकिंग सस्पेंड करने का ऐलान किया। उन्होंने लिखा, अपने देश के साथ एकजुटता दिखाते हुए EaseMyTrip ने मालदीव के लिए सभी फ्लाइट्स बुकिंग को सस्पेंड कर दिया है। 

एक्स पर अपने पोस्ट में उन्होंने आगे लिखा लक्षद्वीप का पानी और समुद्र तट मालदीव जितने अच्छे हैं। हम EaseMyTrip पर इस प्राचीन डेस्टिनेशन को बढ़ावा देने के लिए विशेष ऑफर लेकर आएंगे, जहां हमारे प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने हाल ही में दौरा किया है! EaseMyTrip ने लक्षद्वीप घूमने जाने के लिए भी ऑनलाइन अभियान की शुरुआत कर दी है।

बता दें कि पीए मोदी पर मालदीव के नेताओं द्वारा विवादित बयानों के बाद भारत में सोशल मीडिया पर ट्रेंड कर रहा है। अब तक हजारों लोगों ने मालदीव जाने का अपना प्लान बंद कर दिया है। भारत से बड़ी संख्या में लोग मालदीव घूमने जाते हैं। ऐसे में माना जा रहा है कि मालदीव टूरिज्म को बड़ा झटका लग सकता है।

इधर, भारत में विरोध होने के बाद मालदीव सरकार ने पीएम मोदी के खिलाफ अपमानजनक टिप्पणी को लेकर तीन मंत्रियों को निलंबित कर दिया। दरअसल, भारत ने इस मसले को मालदीव सरकार के सामने जोरदार तरीके से उठाया था। वहीं, द्वीप राष्ट्र के टॉप विपक्षी नेताओं ने इस मुद्दे पर सरकार की जमकर आलोचना की थी। मालदीव की मीडिया का कहना है कि युवा मंत्रालय में मंत्री मालशा शरीफ, मरियम शिउना और अब्दुल्ला महजूम माजिद को उनके पदों से निलंबित कर दिया गया है।

मिजोरम के सीएम लालदुहोमा का ऐलान- म्यांमा के शरणार्थियों को सरकार देती रहेगी सहायता

डेस्क: मिजोरम के मुख्यमंत्री लालदुहोमा ने कहा कि उनकी सरकार केंद्र के सहयोग से म्यांमा के शरणार्थियों और मणिपुर के आंतरिक रूप से विस्थापित लोगों को सहायता प्रदान करना जारी रखेगी। लालदुहोमा ने दिल्ली से लौटने के बाद शनिवार को आइजोल में मीडिया से कहा, "भले ही केंद्र सरकार म्यांमा के नागरिकों को शरणार्थी का दर्जा नहीं दे सकती, लेकिन वह उन्हें राहत प्रदान करने में हमारे साथ सहयोग करने के लिए तैयार है।" लालदुहोमा ने कहा कि जातीय हिंसा के कारण अपने घर छोड़कर भागे मणिपुर के लोगों की भी मदद की जाएगी। 

म्यांमा के 31 हजार और मणिपुर के 9 हजार शरणार्थी

अधिकारियों के अनुसार, म्यांमा में सेना द्वारा तख्तापलट किए जाने के बाद फरवरी 2021 से चिन समुदाय के 31 हजार से अधिक लोग मिजोरम में शरणार्थी के तौर पर रह रहे हैं। मणिपुर के 9 हजार से अधिक आंतरिक रूप से विस्थापित लोगों ने भी मिजोरम में शरण ली हुई है। म्यांमा का चिन समुदाय और मणिपुर का कुकी-जो समुदाय मिजोरम के लोगों के साथ जातीय संबंध साझा करते हैं।

भारत-म्यांमा सीमा पर बाड़बंदी का फैसला रद्द कर सकती है सरकार

मिजोरम के मुख्यमंत्री लालदुहोमा ने उम्मीद जताई कि केंद्र सरकार भारत-म्यांमा सीमा के एक हिस्से पर बाड़ लगाने के अपने फैसले को रद्द कर देगी। केंद्र सरकार ने हाल में कहा था कि वह म्यांमा के साथ 300 किलोमीटर लंबी बिना बाड़ वाली सीमा पर बाड़ लगाने और मुक्त आवाजाही व्यवस्था को समाप्त करने की योजना बना रही है। इस अंतरराष्ट्रीय सीमा के जरिए दोनों ओर रहने वाले लोग बिना वीजा के एक-दूसरे के क्षेत्र में 16 किलोमीटर भीतर तक यात्रा कर सकते हैं। 

गृहमंत्री शाह ने नागरिकों को वापस ना भेजने की कही बात

गौरतलब है कि केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह ने मिजोरम के मुख्यमंत्री लालदुहोमा को सूचित किया था कि जबतक म्यांमा में सामान्य स्थिति बहाल नहीं हो जाती, तबतक फरवरी 2021 के बाद शरण की आस में आए नागरिकों को वापस नहीं भेजा जाएगा। बयान के मुताबिक दिल्ली में हुई बैठक में शाह ने लालदुहोमा से विदेशियों के बायोमेट्रिक आंकड़े एकत्र करने के महत्व पर चर्चा की। मिजोरम की पूर्ववर्ती सरकार ने विदेशियों का बायोमेट्रिक आंकड़े एकत्र करने से इनकार कर दिया था।

गगनयान मिशन: 2025 में ISRO अंतरिक्ष में भेजेगा इंसान, केंद्रीय मंत्री जितेंद्र सिंह ने बताया पूरा प्लान

डेस्क: आदित्य एल1 मिशन की सफलता के बाद अब भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (ISRO) अपने अगले बड़े मिशन की तैयारी में जुट गया है। इसरो के लिए अब बड़ा मिशन अंतरिक्ष में इंसान भेजने का है। इस मिशन को साल 2025 में लॉन्च किया जाएगा और इसे गगनयान नाम दिया गया है। लेकिन इसके लिए अभ्यास अभी से शुरू हो गया है। इस साल मिशन गगनयान से जुड़े कई बड़े काम होने हैं।

मिशन गगनयान के के लिए यह साल बेहद ही महत्वपूर्ण रहने वाला

इसके बारे में जानकारी देते हुए केंद्रीय मंत्री जितेंद्र सिंह ने बताया कि मिशन गगनयान के के लिए यह साल बेहद ही महत्वपूर्ण रहने वाला है। इस साल इस मिशन से जुड़ी परीक्षण उड़ानें की जाएंगी। किसी इंसान को अंतरिक्ष में भेजना महत्वपूर्ण और रोमांचक है। उन्होंने कहा कि इंसान को सुरक्षित और स्वस्थ वापस लाना भी उतना ही महत्वपूर्ण है। हमारे पास एक क्रू मॉड्यूल और एक ऑपरेशन मॉड्यूल है और परीक्षण उड़ानें यह सुनिश्चित करेंगी कि ये सभी कार्य वैसे ही होंगे जैसे हमने कल्पना की है।

केंद्रीय मंत्री ने बताया कि गगनयान की उड़ान से पहले इसरो एक महिला रोबो वॉयो मित्राको अंतरिक्ष भेजेगा। यह रोबोट अंतरिक्ष में वह सभी काम करेगा, जो किसी इंसान के द्वारा बाद में किए जाएंगे। उन्होंने कहा कि हमारी तैयारी तेज गति से चल रही है और चंद्रयान-3 तथा आदित्य एल1 के बाद हमारे वैज्ञानिकों के इस मिशन में भी सफलता मिलने वाली है।

5 सालों तक सौरमंडल की स्टडी करेगा आदित्य एल1

बता दें कि आदित्य एल1 अगले 5 सालों तक सौरमंडल की स्टडी करेगा। यह भारत की पहली अंतरिक्ष ऑब्जर्वेटरी है और इसको सफलतापूर्वक ऑर्बिट में पहुंचाने के लिए इसरो के वैज्ञानिक लगातार मॉनिटरिंग कर रहे हैं। 2023 में चंद्रमा की सतह पर चंद्रयान-3 की सफल लैंडिंग से पूरी दुनिया में अपनी काबिलियत का लोहा मनवा चुका ISRO 2024 की शुरुआत में अपने सूर्य मिशन आदित्य L1 को उसकी मंजिल तक पहुंचाने के लिए तैयार है। 2 सितंबर 2023 को श्रीहरिकोटा के सतीश धवन स्पेस सेंटर से भारत का यह पहला सूर्य मिशन लॉन्च किया गया था।

PM मोदी के लक्षद्वीप दौरे पर 'अपमानजनक' टिप्पणी पर मालद्वीव का बड़ा एक्शन, शिउना समेत 3 मंत्रियों को किया निलंबित

डेस्क: मालद्वीव की सरकार ने भारत के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पर 'अपमानजनक' टिप्पणी करने वाली अपनी मंत्री मरियम शिउना समेत 3 को निलंबित कर दिया है। मालद्वीव की स्थानीय मीडिया एटोल टाइम्स की रिपोर्ट के अनुसार मुइज्जू सरकार ने मरियम शिउना, मालशा और हसन जिहान समेत अपने तीन मंत्रियों- को भारत के प्रधान मंत्री नरेंद्र मोदी की लक्षद्वीप यात्रा के बाद उन पर अभद्र टिप्पणी करने के लिए यह सख्त कार्रवाई की है। 

इससे पहले मालदीव सरकार ने एक बयान जारी कर पीएम नरेंद्र मोदी की लक्षद्वीप यात्रा पर मंत्री मरियम शिउना की टिप्पणी पर अपना रुख स्पष्ट किया था। मालदीव ने पीएम मोदी पर अपनी मंत्री की ओर से की गई टिप्पणी के बाद देश में अचानक भारत से पर्यटकों की संख्या रद्द होने में बड़ी वृद्धि देखने के बाद कहा कि वे ऐसी "अपमानजनक टिप्पणी" करने वालों के खिलाफ कार्रवाई करने में संकोच नहीं करेंगे। रविवार को एक बयान में, मालदीव के विदेश मंत्रालय ने कहा कि वे "विदेशी नेताओं और उच्च पदस्थ व्यक्तियों के खिलाफ सोशल मीडिया प्लेटफार्मों पर अपमानजनक टिप्पणियों" से अवगत थे। पिछले हफ्ते सोशल मीडिया पर तब विवाद खड़ा हो गया, जब मालदीव के एक मंत्री मरियम शिउना और कुछ अन्य नेताओं ने लक्षद्वीप के एक प्राचीन समुद्र तट पर प्रधानमंत्री मोदी का एक वीडियो पोस्ट करने के बाद उनके खिलाफ अपमानजनक टिप्पणी की।

भारत-मालद्वीव के संबंध तनावपूर्ण

मालद्वीव में मो. मुइज्जू के राष्ट्रपति बनने के बाद से ही दोनों देशों के संबंध तनावपूर्ण हो गए हैं। मुइज्जू चीन के समर्थक माने जाते हैं। करीब 2 माह पहले मालद्वीव के राष्ट्रपति बनने के बाद मुइज्जू ने भारतीय सेना को अपने देश से हटाने का पहला फैसला किया। उन्हें अक्सर भारत विरोधी बयान देने के लिए जाना जाता है। मुइज्जू ने मालद्वीव सरकार की परंपरा तोड़ते हुए दो मुस्लिम देशों की यात्रा का निश्चय कर भारत के साथ अपने संबंधों को और खराब कर लिया। मुइज्जू ने पहले मुश्लिम देश तुर्की की यात्रा करने के बाद भारत को दरकिनार करते हुए अब 8 जनवरी से चीन की यात्रा को प्राथमिकता दी है।

मुर्शिदाबाद में TMC नेता की गोली मारकर हत्या, कभी अधीर रंजन चौधरी का हुआ करते थे दाहिना हाथ

डेस्क: पश्चिम बंगाल के मुर्शिदाबाद जिले के बहरामपुर में रविवार को खुलेआम फायरिंग हुई। लोकसभा चुनाव से पहले एक सक्रिय तृणमूल कार्यकर्ता की गोली मारकर हत्या कर दी गई। बहरामपुर थाना अंतर्गत भकुरी चालटिया इलाके में रविवार दोपहर को तृणमूल कार्यकर्ता सत्यन चौधरी की गोली मारकर हत्या कर दी गई। बहरामपुर मुर्शिदाबाद मेडिकल कॉलेज अस्पताल में इलाज के तुरंत बाद उनकी मृत्यु हो गई। 

इलाज के दौरान हो गई मौत 

मालूम हो कि भाकुड़ी चालटिया इलाके में जिस घर में सत्यन चौधरी बैठे थे, उसके पास एक फ्लैट बन रहा था, तभी एक बाइक पर सवार होकर आए तीन बदमाशों ने सत्यन चौधरी को गोली मार दी। सत्यन चौधरी गंभीर रूप से घायल हो गए और उन्हें बहरामपुर के मुर्शिदाबाद मेडिकल कॉलेज अस्पताल में भर्ती कराया गया, जहां इलाज के तुरंत बाद उनकी मृत्यु हो गई। घटना की सूचना पाकर बहरामपुर थाने की पुलिस मौके पर पहुंची। 

पुलिस प्रशासन ने पूरी घटना की जांच शुरू कर दी है। बहरहाल, लोकसभा चुनाव से पहले इस गोलीबारी की घटना से शहर के लोग काफी भयभीत हैं। सूत्रों के मुताबिक, सत्यन बहरामपुर के भाकुरी इलाके में एक बहुमंजिला इमारत के पास कुछ समर्थकों के साथ बैठे थे। उसी समय बदमाशों ने उन पर गोली चला दी। 

यह नेता कभी जिले में अधीर रंजन चौधरी के दाहिने हाथ हुआ करते थे। बाद में उनसे मतभेद के चलते सत्यन ने कांग्रेस छोड़ दी और तृणमूल में शामिल हो गए। पार्टी सूत्रों के मुताबिक, पिछले विधानसभा चुनाव से पहले पार्टी से असहमति की वजह से वह पार्टी से दूर रहे थे। हालांकि, पुलिस ने इस तृणमूल कार्यकर्ता की मौत के पीछे का सही कारण जानने के लिए जांच शुरू कर दी है।

पीएम मोदी के लक्षद्वीप दौरे से मालदीव को हुई जलन, महिला मंत्री ने प्रधानमंत्री को लेकर की विवादित टिप्पणी

डेस्क: मालदीव में मोहम्मद मुइज्जू की सरकार आने के बाद भारत से रिश्ते बिगाड़ने पर तुला हुआ है। इसके बाद भारतीय प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के लक्षद्वीप दौरे से मालदीव की चिंता और बढ़ गई। इसी जलन में मालदीव सरकार में युवा अधिकारिता उपमंत्री मरियम शिउना ने पीएम मोदी को लेकर अपमानजनक टिप्पणी की है। हालांकि इसके बाद उन्होंने अपने बयान को सोशल मीडिया प्लेटफ़ॉर्म एक्स से हटा दिया।

भारत ने मालदीव के राष्ट्रपति मोहम्मद मुइज्जू के सामने यह मुद्दा उठाया

उनके इस बयान के बाद भारत ने मालदीव के राष्ट्रपति मोहम्मद मुइज्जू के सामने यह मुद्दा उठाया है। माले में भारतीय उच्चायुक्त ने मालदीव की सरकार के सामने उनकी मंत्री के बयान को लेकर आपत्ति जताई। इसके बाद मालदीव सरकार ने बयान जारी करते हुए कहा कि यह उनकी निजी राय है और सरकार का इससे कोई लेनादेना नहीं है। 

'अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता का प्रयोग जिम्मेदार तरीके से करना चाहिए' 

मालदीव सरकार ने बयान जारी करते हुए कहा कि अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता का प्रयोग लोकतांत्रिक और जिम्मेदार तरीके से किया जाना चाहिए और ऐसे तरीकों से राय रखें, जिससे नफरत, नकारात्मकता न फैले और मालदीव और उसके अंतरराष्ट्रीय भागीदारों के बीच घनिष्ठ संबंधों में बाधा न आए। इसके अलावा, सरकार के संबंधित अधिकारी ऐसी अपमानजनक टिप्पणी करने वालों के खिलाफ कार्रवाई करने में संकोच नहीं करेंगे।

मालदीव नेशनल पार्टी ने भी की आलोचना

मालदीव नेशनल पार्टी ने भी अपनी सरकार के मंत्रियों द्वारा दिए गए बयानों की आलोचना की है। एक पोस्ट कर मालदीव नेशनल पार्टी ने कहा, "एक सरकारी अधिकारी द्वारा एक विदेशी राष्ट्राध्यक्ष के खिलाफ की गई नस्लवादी और अपमानजनक टिप्पणियों की मालदीव नेशनल पार्टी निंदा करती है। यह अस्वीकार्य है। हम सरकार से इसमें शामिल लोगों के खिलाफ आवश्यक कार्रवाई करने का आग्रह करते हैं।"

इजरायल-हमास युद्ध को लेकर फिलिस्तीन समर्थकों ने अमेरिका के सिएटल में जबरदस्त विरोध प्रदर्शन किया

डेस्क: इजरायल-हमास युद्ध को 3 महीने हो चुके हैं, लेकिन अभी भी दोनों पक्षों की ओर से जंग जारी है। इजरायली सेना लगातार गाजा पर बमबारी कर रही है। इससे गाजा की भूमि श्मशान बन चुकी है। गाजा के स्वास्थ्य मंत्रालय के अनुसार 21 हजार से ज्यादा लोग अब तक इजरायली सेना की बमबारी में मारे जा चुके हैं। इनमें से ज्यादातर आम फिलिस्तीनी नागरिक हैं। मगर फिलिस्तीन समर्थक गाजा में लगातार संघर्ष विराम की मांग कर रहे हैं। शनिवार को प्रदर्शनकारियों ने अपनी इस मांग को लेकर अमेरिका में सिएटल की सड़कों को अवरुद्ध कर दिया। 

 

इजरायल-हमास युद्ध में संघर्ष विराम की मांग कर रहे इन प्रदर्शनकारियों की वजह से शनिवार को सिएटल में 'इंटरस्टेट 5' पर उत्तर की ओर जाने वाले सड़कों पर कई किलोमीटर लंबा जाम लग गया। सिएटल टाइम्स की खबर के अनुसार, एक नजदीकी पुल पर प्रदर्शनकारियों ने विरोध प्रदर्शन के समर्थन में नारे भी लगाए। प्रदर्शन की शुरुआत अपराह्न करीब एक बजकर 15 मिनट पर हुई। 

राज्य परिवहन विभाग ने 'एक्स' पर कहा कि एक जगह पर करीब 9.7 किलोमीटर से अधिक लंबा जाम लग गया। जाम के बाद वैकल्पिक मार्गों से लोगों को निकाला सिएटल में प्रदर्शनकारियों के जबरदस्त विरोध के चलते सड़कों पर भयानक जाम लग गया। 

इसके बाद चालकों से वैकल्पिक मार्गों का उपयोग करने के लिए कहा गया। प्रदर्शनकारियों ने 'फ्री, फ्री फिलस्तीन' (फिलस्तीन को मुक्त करो) और 'हे हे, हो हो, ऑक्यूपेशन हैज टू गो' (आक्रमणकारियों को वापस जाना होगा) के नारे लगाए। बता दें कि 7 अक्टूबर को हमास ने गाजा पट्टी से दक्षिणी इजरायल पर ताबड़तोड़ हमले किए थे, जिसमें लगभग 1,200 लोग मारे गए और लगभग 250 अन्य लोगों को बंधक बना लिया गया था। यह इजरायल के इतिहास का सबसे भयानक हमला था। जवाब में इजरायली सेना गाजा में हमास पर लगातार हमले कर रही है।

इंडिया गठबंधन के बीच सीट शेयरिंग को लेकर बड़ी खबर, कांग्रेस और RJD के नेताओं के बीच शुरू हुई बैठक

डेस्क: इंडिया गठबंधन के बीच सीट शेयरिंग को लेकर मंथन शुरू हो गया है। इसे लेकर आज बैठक भी शुरू हो गई है। बैठक में आरजेडी के नेता मनोज झा भी शामिल हुए हैं। इसके साथ ही बिहार कांग्रेस के अध्यक्ष अखिलेश प्रसाद सिंह भी इस बैठक में पहुंचे हैं। आरजेडी के नेताओं के साथ यह बैठक की जा रही है। वहीं इस बैठक के बाद जेडीयू के साथ भी बैठक होगी। माना जा रहा है कि बिहार में 17 सीटें आरजेडी, 17 सीटें जेडीयू, 4 सीटें कांग्रेस को और 2 सीटें अन्य वामपंथी दलों को दी जा सकती है। यह बैठक मुकुल वासनिक के घर पर हो रही है।

अंदरखाने चल रही लड़ाई

बता दें कि इंडिया गठबंधन में सीट बंटवारे की लड़ाई अंदरखाने चल रही है, लेकिन अभी कुछ तय नजर नहीं आ रहा है। सीटों के बंटवारे को लेकर सदस्य दल खुलेआम लड़ते नजर आ रहे हैं। वहीं बिहार में नीतीश कुमार के नेतृत्व वाली जनता दल-यूनाइटेड (जेडीयू) ने 16 सीटों से कम पर चुनाव नहीं लड़ने के अपने रुख को लगभग स्वीकार कर लिया है, जो स्पष्ट संकेत है कि गठबंधन सहयोगियों में एक-दूसरे के साथ मतभेद हैं और हर कोई अंतिम वार्ता में बढ़त हासिल करने की कोशिश कर रहा है। हालांकि अभी जेडीयू के नेताओं के साथ सीट शेयरिंग को लेकर चर्चा होनी बाकी है।

गठबंधन की बैठक के बाद से नीतीश नाराज

दरअसल, इंडिया गठबंधन की नई दिल्ली में संपन्न हुई चौथी बैठक के बाद नीतीश कुमार के नाराज होने की चर्चाएं सामने आने लगी थीं। कहा ये भी जा रहा था कि नीतीश कुमार का नाम पीएम पद के लिए प्रस्तावित किया जाना था, लेकिन ममता बनर्जी और अरविंद केजरीवाल ने मल्लिकार्जुन खरगे का नाम आगे कर दिया, जिससे नीतीश कुमार नाराज हो गए। इस बैठक से नीतीश के साथ-साथ लालू प्रसाद यादव भी खुश नहीं दिखे। ऐसे में अब कांग्रेस का प्रयास है कि विपक्ष के सभी दलों को एक साथ लेकर आए और चुनाव में साथ लड़ें। इसी को लेकर कांग्रेस द्वारा अन्य दलों के साथ लगातार बैठकें की जा रही हैं।