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आचार संहिता में जन सुनवाई बंद, केंद्र को भेजी गईं 1,925 शिकायतें, सर्वाधिक शिकायतें जमीन पर कब्जे की

रायपुर- विधानसभा चुनाव- 2023 की तिथियों की घोषणा के बाद से ही प्रदेशभर में आदर्श आचार संहिता लागू हो गई है। इसकी वजह से जनशिकायतों की सुनवाई लगभग 50 दिनों से बंद है। तब से मुख्यमंत्री और कलेक्टर जनचौपाल में आम लोगों की शिकायतों की सुनवाई बंद हो गई है। इस दौरान लोगों ने केंद्रीय प्रशासनिक सुधार और लोक शिकायत विभाग, राष्ट्रपति, पीएमओ को शिकायतें भेजी हैं। इन दो माह में लगभग 1,925 शिकायतें केंद्र तक पहुंची हैं। जिनमें सबसे ज्यादा शिकायतें लोगों की जमीन से संबंधित हैं, जिसे रायपुर एसडीएम कार्यालय को ट्रांसफर किया गया है।

दूसरे नंबर पर पुलिस अधीक्षक रायपुर को शिकायतें भेजी गई हैं, जिसमें लोगों ने साइबर क्राइम से लेकर, मारपीट और धोखाधड़ी की घटनाओं में अपराध दर्ज नहीं होने को लेकर अपनी शिकायतें की थीं, जिस पर केंद्र से ही सभी शिकायतों को एसएसपी कार्यालय स्थानांतरित किया गया है।

इन विभागों से जुड़े मामलों की शिकायतें

लोक शिकायत विभाग और पीएमओ के पास की गई शिकायतें अधिकांश आदिमजाति विभाग, पर्यावरण संरक्षण मंडल, सीईओ रायपुर, सीएमएचओ रायपुर, नगर पालिका तिल्दा, कृषि विभाग, संचालक शिक्षा विभाग, खाद्य एवं औषधि प्रशासन विभाग, श्रम विभाग, नगर निगम रायपुर, नगर निगम बिरगांव, नजूल अधिकारी, पुलिस अधीक्षक कार्यालय, आरडीए, एसडीएम तिल्दा, एसडीएम रायपुर, खेल एवं युवा कल्याण विभाग, एसडीएम आरंग, एसडीएम अभनपुर के पास निराकरण के पास अभी भी 73 शिकायतें लंबित हैं।

2,364 शिकायतें अब भी हैं लंबित

आचार संहिता के कारण मुख्यमंत्री जनचौपाल बंद होने तक 2,364 शिकायतें रायपुर में लंबित हैं। दूसरी ओर कलेक्टर रायपुर के पास भी 733 शिकायतें अभी भी निराकरण के लिए अटकी हुई हैं। इसकी मूल वजह निराकरण करने वाले अधिकांश अधिकारियों-कर्मचारियों की चुनाव ड्युटी प्रमुख है। जिसकी वजह से अब नई सरकार बनने के बाद ही इन शिकायतों का निराकरण होता दिखाई दे रहा है।

रायपुर कलेक्टर डा. सर्वेश्वर नरेंद्र भुरे ने कहा, जनचौपाल में लंबित शिकायतों का निराकरण किया जा रहा है। आचार संहिता की वजह से अभी जनचौपाल का आयोजन नहीं हो रहा है। आचार संहिता के बाद इसे शुरू किया जाएगा।

नई सरकार के गठन के बाद जनचौपाल

जिला प्रशासन के अधिकारियों का कहना है कि अब आचार संहिता खत्म होने के बाद यानी कि नई सरकार के गठन के बाद ही इसकी दोबारा से शुरुआत हो पाएगी। कलेक्टर जनचौपाल को एक साल पहले ही शुरू किया गया था।

विभिन्न कार्यालयों को भेजी गई शिकायतें

पीएमओ 1,407

राष्ट्रपति 24

प्रशासनिक सुधार और लोक शिकायत विभाग 57

कुल -1,925

छत्‍तीसगढ़ के इस जिले में महिलाओं के कंधों पर होगी मतगणना की पूरी जिम्‍मेदारी, कलेक्‍टर ने बताई ये वजह

कांकेर-   छत्‍तीसगढ़ में मतों की गणना तीन दिसंबर को होगी। मतगणना को लेकर तैयारियां पूरी हो चुकी हैं। इस बार बस्‍तर संभाग के कांकेर जिले में मतगणना की जिम्‍मेदारी महिलाओं के कंधे पर होगी। इसके लिए महिलाओं को आवश्‍यक प्रशिक्षण दिए गए हैं।

कलेक्‍टर प्रियंका शुक्ला ने कहा, "मतदान के दिन, हमने एक इंद्रधनुष थीम वाला मतदान केंद्र भी बनाया। हमने पांच अलग-अलग थीम पर मतदान केंद्र बनाए थे, जिनमें से इंद्रधनुष मतदान केंद्रों ने सबसे ज्यादा ध्यान आकर्षित किया। ऐसा इसलिए किया गया क्योंकि थर्ड जेंडर खुद को खास महसूस कराने के लिए किया था।

इस बार जिले में पूरी मतगणना महिलाएं करेंगी। मुख्य संदेश जो हम देना चाहते हैं वह यह है कि काम करने की क्षमता लिंग पर निर्भर नहीं करती है। लगभग 200 महिलाएं हैं इसके लिए प्रशिक्षित किया गया है, और रिजर्व जोड़ने के बाद संख्या बढ़ जाएगी।

कलेक्टर-एसपी ने लिया मतगणना स्थल का जायजा

इसी बीच मतगणना के लिए आवश्यक तैयारियों का जायजा लेने कलेक्टर व जिला निर्वाचन अधिकारी डा. प्रियंका शुक्ला और एसपी दिव्यांग पटेल ने नाथिया नवागांव के शासकीय पालीटेक्निक कालेज का निरीक्षण किया। साथ ही अधिकारियों को आवश्यक निर्देश दिए।

अधिकारी द्वय ने अंतागढ़, भानुप्रतापपुर और कांकेर विधानसभा क्षेत्र के लिए तैयार किए गए अलग-अलग मतगणना कक्ष में आवश्यक व्यवस्थाओं का अवलोकन किया। इसके बाद उन्होंने ईटीपीबीएस स्कैनिंग रूम सहित मंच एवं मीडिया सेंटर का निरीक्षण कर अधिकारियों को भारत निर्वाचन आयोग से जारी नियमों व निर्देशों का कड़ाई से पालन करने के लिए कहा।

एग्जिट पोल से कांग्रेस-भाजपा के नेताओं की धड़कनें तेज, बागियों और तीसरे मोर्चे की पूछपरख बढ़ी

रायपुर-    छत्तीसगढ़ विधानसभा चुनाव को लेकर आए विभिन्न एग्जिट पोल ने कांग्रेस-भाजपा के नेताओं की धड़कनें तेज कर दी हैं। एग्जिट पोल में भले ही छत्तीसगढ़ में कांग्रेस की सरकार बनती दिख रही हो, लेकिन कुछ सीटों पर मुकाबला कांटे का ही बताया जा रहा है।

एग्जिट पोल ने दो से पांच सीटों पर निर्दलीय व तीसरे मोर्चे के प्रत्याशियों के जीतने की भी संभावना जताई है। प्रदेश की 90 विधानसभा सीटों में बहुमत के साथ सरकार बनाने के लिए 46 सीटें जीतनी होंगी। ऐसे में यदि कोई पार्टी दो-चार सीटों से चूकती है तो निर्दलीय व तीसरे मोर्चे से बनने वाले विधायकों पर नजर रहेगी। हालांकि प्रदेश का चुनावी इतिहास हमेशा कांग्रेस-भाजपा के बीच ही केंद्रित रहा है और तीसरी ताकतों ने सेंध लगाने के लिए प्रयास किए, लेकिन वे सफल नहीं हो पाईं।

पिछली बार विधानसभा चुनाव 2018 में प्रदेश की 90 विधानसभा सीटों में से कांग्रेस 68 सीट के साथ सबसे बड़ी पार्टी बनकर उभरी थी, भाजपा को 15 सीट मिली थी। जबकि जनता कांग्रेस छत्तीसगढ़(जे) को पांच और बहुजन समाज पार्टी (बसपा) को दो सीटें मिलीं थीं। कांग्रेस भारी बहुमत में थी इसलिए तीसरे मोर्चे की जरूरत नहीं पड़ी। इस बार मामला कुछ अलग ही बनता दिख रहा है।

राजनीतिक प्रेक्षकों के अनुसार अगर दोनों ही दलों की सीट 45 या इसके आसपास तक पहुंची तो त्रिशंकु विधानसभा की संभावनाओं से इंकार नहीं किया जा सकता है। इस बार बस्तर में कांग्रेस के पूर्व नेता अरविंद नेताम की हमर राज पार्टी की पार्टी चुनावी मैदान में है ,जबकि प्रदेश के कुछ आइएएस अफसरों की ओर खड़ी की गई छत्तीसगढ़ महतारी पार्टी भी मोर्चे पर है। इसके अलावा जनता कांग्रेस छत्तीसगढ़ (जकांछ), आम आदमी पार्टी (आप), बसपा, गोंडवाना गणतंत्र पार्टी (गोंगपा) और भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी (सीपीआइ) सहित लगभग 60 राजनीतिक दल मैदान में हैं।

कांग्रेस-भाजपा दोनों चिंतित

कांग्रेस-भाजपा दोनों ही दल के नेता भले ही जीत को लेकर आश्वस्त नजर आ रहे हैं मगर पार्टियों को अपने विधायकों की खरीद-फरोख्त की भी चिंता सता रही है। यही कारण है कि जीतने के बाद किसी भी जीते हुए प्रत्याशी को पार्टिंयां एक घंटे भी अकेले नहीं छोड़ना चाहेंगी।

सूत्रों के अनुसार कांग्रेस-भाजपा दोनों ने चार्टर्ड प्लेन बुक कर लिया है। कांग्रेस सभी प्रत्याशियों को जीत का प्रमाण पत्र लेने के बाद रायपुर के वीआइपी रोड स्थित एक होटल में ठहराने की योजना बना ली है। इसके बाद उन्हें बैंगलुरू ले जाया जा सकता है। जबकि भाजपा भी अपने विधायकों को दिल्ली ले जा सकती है। मतदाताओं के रूझान के अनुसार एग्जिट पोल से इतर कांग्रेस-भाजपा दाेनों पार्टियों का 35-35 सीटों पर आसानी से जीत का आकलन किया जा रहा है मगर 20 ऐसी सीटे हैं जिनमें कड़ा मुकाबला है।

महिलाओं की ज्यादा भागीदारी से पार्टियां उत्साहित

प्रदेश की 90 में से 71 सीटों में इस बार मतदान बढ़ा है। इनमें 51 सीटें ऐसी हैं जहां महिला मतदाताओं का मतदान प्रतिशत वर्ष 2018 की तुलना में बढ़ा है। इससे कांग्रेस-भाजपा दोनों ही पार्टियां उत्साहित हैं और दावा है कि तीन दिसंबर काे मतगणना के बाद परिणाम उनके अनुकूल आएगा।

भाजपा का दावा है कि महतारी वंदन योजना में हर महीने एक हजार रुपये मिलने की योजना और 500 रुपये में रसोई गैस सिलेंडर मिलने की योजना में महिलाएं अधिक मतदान की हैं। जबकि सत्तारूढ़ पार्टी कांग्रेस का दावा है कि किसानों की कर्ज माफी, महिला स्व सहायता समूहों की कर्ज माफी, हर वर्ग की महिलाओं को गैस सिलेंडर में 500 रुपये की सब्सिडी और गृह लक्ष्मी योजना में हर महिला को 15 हजार रुपये सालाना देने की घोषणा से महिलाओं का मत कांग्रेस के पक्ष में गए हैं।

बहुमत से बन रही है सरकार

छत्तीसगढ़ के उप मुख्यमंत्री टीएस सिंहदेव ने कहा, पहली बात तो एग्जिट पोल के रूझान बता रहे हैं कि कांग्रेस की बहुमत से सरकार बन रही है। जहां तक तीसरे मोर्चों से संपर्क की बात है 

तो पार्टी पहले से ही सभी के साथ संपर्क में रहती है। तीन दिसंबर को क्या स्थिति बनती है, इसके बाद पार्टी आगे की रणनीति तय करेगी।

अंडर करेंट से बनेगी भाजपा की सरकार

छत्तीसगढ़ के पूर्व मंत्री बृजमोहन अग्रवाल ने कहा, भाजपा स्पष्ट बहुमत से सरकार बना रही है। एग्जिट पोल में जो आंकड़े दिख रहे हैं उनमें सर्वे के सैंपल कुछ वर्ग तक सीमित है। भाजपा ने महतारी वंदन योजना में महिलाओं को 12,000 रुपये सालाना और एकमुश्त किसानों को भुगतान, बकाया बोनस जैसी घोषणाएं की है। जिसे लेकर अंडर करेंट है। इससे सरकार बनेगी।

तहसीलदार को मित्र बता 2 लाख में नामांतरण का दिया झांसा

रायपुर-   राजधानी रायपुर में लगातार किसानों के साथ धोखाधड़ी का मामला सामने आ रहा है। एक मामला ऐसा है जहां आरोपी ने स्वयं को तहसीलदार का मित्र बता पहले नामांतरण के नाम पर लाखों रुपए ऐंठे फिर कूटरचित दस्तावेजों के माध्यम से किसान की ज़मीन ही हड़प ली। इस मामले की शिकायत सिविल लाइन थाना में की गई है जहां पुलिस पूरे मामले की जांच कर रही है।

आपको बता दे की पीड़ित किसान रूपेंद्र कुमार जांगड़े के स्वर्गीय पिता सुखेलाल जांगड़े के नाम पर ग्राम पंडरीतराई स्थित भूमि के नामांतरण की प्रक्रिया के लिए उसने जमीन दलाल विकास राकुंडला से संपर्क किया जिस पर विकास ने स्वयं को तहसीलदार का मित्र बताते हुए 2 लाख रुपयों में नामांतरण करवा देने का आश्वासन देते हुए 1 लाख रुपए लिए जिसके बाद किसान व उसकी माता को जालसाजी कर उनसे मुख्यतार नामा लेते हुए स्वयं के पिता व मित्र के नाम पर उक्त भूमि की रजिस्ट्री कर ली। अब किसान का आरोप है की उक्त भूमि के वारिसान सूखेलाल की तीनो बेटियां भी थी, जिनके ना कही हस्ताक्षर मौजूद है ना ही किसी अन्य प्रकार के दस्तावेज, साथ ही मुख्तयार नामा केवल न्यायिक प्रक्रिया में उपयोग हेतु दिया गया था ना की ज़मीन बेचने के लिए। ये सब के अलावा किसान ने यह भी आरोप लगाया है की रजिस्ट्री में दर्शाई गई राशि गलत है, रजिस्ट्रार ने उक्त भूमि का बिना स्थल निरीक्षण किए ही बैनामा पंजीयन हेतु अनुमति दे दी जिससे शासन को भी राजस्व का नुकसान हुआ है।

किसान ने रायपुर तहसील की प्रक्रिया पर भी सवालिया निशाना खड़े करते हुए आरोप लगाया है की फर्जी दस्तावेजों की बिना जांच किए, असली हकदारों के बिना हस्ताक्षर किए,बिना नोटिस तामील कराए,बड़ी रफ्तार के साथ जिस प्रकार से आरोपी के पक्ष में नामांतरण की कार्यवाही की गई है, इसमें अधिकारियों की भूमिका संदिग्ध नज़र आ रही है। अब किसान ने न्याय के लिए पुलिस का दरवाज़ा खटखटाया है, देखना यह होगा कि कब तक पुलिस मामले की जांच कर आरोपी को हिरासत में लेकर उचित कार्यवाही करती है, क्युकी अगर कार्यवाही नही होती तो ऐसे अपराधियों के हौसले बुलंद होते चले जायेंगे और छत्तीसगढ़ की राजधानी रायपुर में किसान प्रताड़ित होते रहेंगे।

निर्दलीय प्रत्याशी ने छत्तीसगढ़ विधानसभा चुनाव रद्द करने हाईकोर्ट में दायर की याचिका, चुनाव आयुक्त पर केस दर्ज की भी मांग, जानिए मामला

रायपुर-   निर्दलीय प्रत्याशी ने छग हाई कोर्ट में याचिका दायर कर विधानसभा चुनाव रद्द करने की मांग की है। प्रत्याशी ने याचिका में कहा है कि आचार संहिता के बाद मतदाताओं को लुभाने के लिए की गई घोषणाएं नियमों का उल्लंघन है। उन्होंने हाई कोर्ट में एक याचिका दायर की है।

रायगढ़ के निर्दलीय प्रत्याशी राधेश्याम शर्मा ने दायर याचिका में बताया कि चुनाव आयोग ने जिस दिन विधानसभा चुनाव 2023 की अधिसूचना जारी की, उसी दिन से आदर्श आचार संहिता लागू है। इसके बाद कांग्रेस- भाजपा दोनों प्रमुख दलों ने किसानों को कर्ज माफी, बेरोजगारों को रोजगार देने, महिलाओं को नगद राशि और मुफ्त गैस सिलेंडर देने की घोषणा कर मतदाताओं को लुभाने का प्रयास किया है। यह चुनाव आयोग के निर्देशों का उल्लंघन है।

मालुम हो कि आचार संहिता लागू होने के बाद मतदाताओं को प्रभावित करने के लिए इस तरह की घोषणाएं नहीं की जा सकती। याचिका में कहा गया है कि केंद्रीय और राज्य चुनाव आयोग के संरक्षण में मतदाताओं को प्रलोभन देने का खुला खेल चला है, इसके लिए चुनाव आयुक्त को पद से हटाकर उनके खिलाफ आपराधिक प्रकरण दर्जकिये जाने की मांग की है, उन्होंने कहा है कि कांग्रेस और भाजपा की राजनीतिक दल की मान्यता रद्द की जाए। याचिका पर सुनवाई के संबंध में अभी कोई निर्णय कोर्ट ने नहीं लिया है।

कांग्रेस-बीजेपी ने किया उल्लंघन

छत्तीसगढ़ में औद्योगिकीकरण सहित जनहित के मामलों को लेकर आंदोलन करते रहे सामाजिक कार्यकर्ता राधेश्याम शर्मा ने हाईकोर्ट में रिट याचिका दायर की है. इसमें उन्होंने बताया कि वे रायगढ़ से बतौर निर्दलीय प्रत्याशी विधानसभा चुनाव लड़ा, जिसमें उन्हें बेबी वॉकर चुनाव चिन्ह आवंटित किया गया था. उन्होंने याचिका में बताया है कि विधानसभा चुनाव 2023 के लिए केंद्रीय चुनाव आयोग ने जिस दिन अधिसूचना जारी की, उसी दिन से राज्य में आदर्श आचार संहिता लागू हो गई. इसके बाद भी कांग्रेस और भाजपा जैसे प्रमुख राजनीतिक दलों ने आचार संहिता लागू होने के बाद मतदाताओं को लुभाने के लिए कर्जमाफी, बेरोजगारों को रोजगार देने, महिला स्वसहायता समूह की कर्ज माफी, महिलाओं को मुफ्त में गैस सिलेंडर, आर्थिक प्रलोभन जैसे कई घोषणाएं की है, जो चुनाव आयोग के दिशा-निर्देशों का उल्लंघन है।

आचार संहिता दूषित हुई

राधेश्याम शर्मा ने हाईकोर्ट में दायर याचिका में चुनाव आयोग के दिशानिर्देशों का उल्लेख करते हुए कहा कि केंद्रीय और राज्य चुनाव आयोग के संरक्षण में दोनों राजनीतिक दलों ने लोक लुभावन घोषणा पत्र जारी किया है. इससे स्वस्थ्य लोकतंत्र की स्थापना संभव नहीं है. आचार संहिता के बीच राजनीतिक दलों ने जिस तरह से मतदाताओं को प्रभावित करने के लिए प्रलोभन देकर घोषणाएं की है और आर्थिक लाभ देने का झांसा दिया है. इससे आचार संहिता पूरी तरह दूषित हो गई है।

एग्जिट पोल के बाद एक-एक सीट पर टिकी नजरें

बिलासपुर-   टीवी चैनलों और सर्वे कंपनियों ने छत्तीसगढ़ सहित देश के जिन पांच राज्यों में विधानसभा चुनाव सम्पन्न हो गया है, एग्जिट पोल जारी कर दिया है। छत्तीसगढ़ में कांग्रेस की बढ़त को लेकर सभी चैनलों में एक राय दिखाई है। गुरुवार को जारी पोल सर्वे के बाद सत्ताधारी दल कांग्रेस व प्रमुख विपक्षी दल भाजपा के रणनीतिकारों ने सेंट्रल छत्तीसगढ़ के अंतर्गत आने वाले 64 विधानसभा सीटों पर नजरें टिका दी है।

बिलासपुर संभाग में इस बार भी कांग्रेस बढ़त की ओर है। इसे लेकर एक बार भी अटकलबाजी के साथ ही जीतने वाली सीटों को लेकर आकलन शुरू हो गया है। वर्ष 2018 के विधानसभा चुनाव के नतीजों पर गौर करें तो बिलासपुर संभाग की 24 में से 13 सीट कांग्रेस और छह सीटें भाजपा के पास थी। बहुजन समाज पार्टी और जनता कांग्रेस छत्तीसगढ़ ने पांच सीटें आपस में बांट ली थी। इसमें दो सीट बसपा और तीन सीटें जोगी कांग्रेस को मिली थी।

विधानसभा चुनाव के ढाई साल बाद पूर्व मुख्यमंत्री अजीत जोगी के निधन के बाद मरवाही सीट पर कांग्रेस ने कब्जा जमा लिया। रायगढ़ जिले के विभाजन से नए बने सारंगढ़ जिला बनने के बाद बिलाईगढ़ विधानसभा सीट बिलासपुर संभाग में शामिल हो गया। इसके चलते सीटों का आंकड़ा भी बदल गया है। लिहाजा कांग्रेस के पास 15 सीटें हो गई। जनता कांग्रेस छत्तीसगढ़ के बैनर तले लोरमी विधानसभा से विधायक धर्मजीत सिंह भाजपा में शामिल हो गए हैं।

आंकड़ेबाजी के बीच गुरुवार को विभिन्न टीवी चैनलों के एग्जिट पोल के अनुसार सेंट्रल छत्तीसगढ़ में कांग्रेस ने 44 फीसद वोट शेयर किया है। वहीं भाजपा ने 40 वोट शेयर किया है। दोनों दलों के बीच चार फीसद का भारी अंतर है। भारी अंतर इसलिए कि महज एक से डेढ़ फीसद के बीच छत्तीसगढ़ में सरकार बनती और बिगड़ती है। राज्य गठन के बाद वर्ष 2018 के विधानसभा चुनाव को अपवाद स्वरूप छोड़ दें तो वर्ष 2003 से 2013 तक दोनों दलों के वोट शेयर में डेढ़ से दो फीसद का ही अंतर रहा है। वर्ष 2018 में कांग्रेस के पक्ष में लहर चली थी। इसका असर भी दिखाई दिया। मौजूदा पोल सर्वे के बाद कांग्रेस व भाजपा के रणनीतिकारों की नजर बिलासपुर संभाग की 25 सीटों पर जा टिकी है। एक-एक सीट को लेकर एक बार फिर आंकलन शुरू हो गया है।

जिले की सीटों पर पैनी निगाहें

बिलासपुर जिले के अंतर्गत आने वाली छह सीटों पर रणनीतिकारों की दिलचस्पी एक बार फिर बढ़ने लगी है।बीते विधानसभा चुनाव में जिन सीटों पर भाजपा ने जीत दर्ज की थी और जहां कांग्रेस आगे रही। एक बार फिर मतदान के आंकड़ों से लेकर मतदाताओं के रुझान पर चर्चा होने लगी है। सत्ताधारी दल के रणनीतिकारों की मानें तो बिलासपुर जिले में इस बार आंकड़ा बदलेगा और कांग्रेस की सीटें भी इसी अंदाज में बढ़ेगी। भाजपाई रणनीतिकार भी कुछ इसी अंदाज में दावा कर कर रहे हैं।

90 सीटों के लिए मतगणना की तैयारी पूरी, सुबह 8 बजे से पोस्टल बैलेट तो 8.30 बजे से ईवीएम मतो की होगी गणना

रायपुर-  मुख्य निर्वाचन पदाधिकारी ने प्रेस कॉन्फ्रेंस ली। इस दौरान मतगणना की तैयारी को लेकर रीना बाबा साहेब कंगाले ने जानकारी देते हुए बताया कि 90 सीटों के लिए मतगणना की तैयारी पूरी हो गई हैं। पारदर्शिता हेतु 90 ऑब्जर्वर की नियुक्ति की गई है।

90 में से 6 सीटों पर 21 काउंटिंग टेबल और बाकी सीटों पर 14 काउंटिंग टेबल होगी। वहीं, मतगणना हाल में मोबाइल पूरी तरह प्रतिबंधित रहेगा। सुबह 7 बजे स्ट्रांग रूम खोले जायेंगे। 8 बजे से पोस्टल बैलेट की गणना होगी। वहीं, 8.30 बजे से ईवीएम मतो की गणना शुरू होगी।

धोखाधड़ी के आरोप पर भाजपा अजजा मोर्चा जिला उपाध्यक्ष गिरफ्तार, शंकरगढ पुलिस ने की गिरफ्तारी

अंबिकापुर-   छत्तीसगढ़ राज्य विद्युत वितरण कंपनी में आपरेटर की नौकरी लगवाने का झांसा देकर तीन लाख की ठगी करने के आरोप में शंकरगढ़ पुलिस ने भाजपा नेता सेतराम बड़ा को गिरफ्तार कर न्यायिक डिमांड पर भेज दिया है। आरोपित सेतराम बड़ा भाजपा सरगुजा अनुसूचित जनजाति मोर्चा के उपाध्यक्ष हैं। वे पूर्व में जनता कांग्रेस छत्तीसगढ़ से जुड़े हुए थे।

जनता कांग्रेस छत्तीसगढ़ की टिकट पर उन्होंने वर्ष 2018 में सीतापुर विधानसभा का चुनाव भी लड़ा था। बाद में उन्होंने भाजपा की सदस्यता ग्रहण कर ली थी। संगठन ने भाजपा अनुसूचित जनजाति मोर्चा में जिम्मेदारी दी थी। शंकरगढ़ थाना प्रभारी जितेंद्र सोनी ने बताया कि शंकरगढ़ निवासी अनिल कुमार खाखा ने सेतराम बड़ा के विरुद्ध लिखित शिकायत दर्ज कराई थी।

उनका कहना था कि सेतराम बड़ा ने छत्तीसगढ़ राज्य विद्युत वितरण कंपनी में आपरेटर की नौकरी लगवाने का आश्वासन दिया था। इसके एवज में तीन लाख रुपये की मांग की थी। थाना प्रभारी के मुताबिक प्रार्थी ने तीन किस्त में एक-एक लाख रुपए सेतराम बड़ा को दिए थे।

बिजली आपरेटर की नौकरी नहीं लगने पर जब प्रार्थी ने रूपयों की मांग की तो आरोपित देने से इनकार करने लगा।तब प्रार्थी ने पुलिस से लिखित शिकायत की थी। लिखित शिकायत की जांच में आरोप प्रमाणित पाए गए आरोपित सेतराम बड़ा के विरुद्ध धोखाधड़ी का अपराध पंजीकृत किया गया था। उसकी तलाश की जा रही थी। आखिरकार उसे गिरफ्तार कर न्यायिक रिमांड पर भेजा गया है।

मतगणना के पहले कांग्रेस में मंथन, विधायकों को एकजुट करने कोर कमेटी ने बनाई रणनीति

रायपुर-   विधानसभा चुनाव के मतगणना के पहले विधायकों को एकजुट करने के लिए प्रदेश में कांग्रेस कोर कमेटी की देर रात तक बैठक हुई। छत्तीसगढ़ प्रभारी कुमारी सैलजा की मौजूदगी में मुख्यमंत्री भूपेश बघेल, उप मुख्यमंत्री टीएस सिंहदेव, प्रदेशाध्यक्ष दीपक बैज, विधानसभा अध्यक्ष चरणदास महंत, गृहमंत्री ताम्रध्वज साहू सहित अन्य मंत्रियों के साथ रणनीति बनी।

प्रदेश प्रभारी ने कहा कि आपरेशन लोटस सफल नहीं होगा। छत्तीसगढ़ में कांग्रेस की सरकार बन रही है। प्रदेश कांंग्रेस कमेटी के बड़े पदाधिकारियों को निर्देशित किया गया कि वे मतगणना के दौरान सभी विधायकों के संपर्क में रहे, वहीं मतगणना के बाद राजीव भवन में उन्हें एकत्र करने के साथ उनसे लगातार संपर्क में रहें। पार्टी सूत्रों के मुताबिक बहुमत मिलने पर तीन दिनों के भीतर शपथ ग्रहण समारोह कराने की तैयारी पर भी चर्चा हुई।

मुख्यमंत्री के चेहरे को लेकर कुमारी सैलजा ने क्‍या कहा

सैलजा ने कहा कि हम बहुमत से सरकार बनाने जा रहे हैं। एग्जिट पोल से भी अधिक सीटें कांग्रेस को मिलेंगी। बहुमत मिलने के बाद मुख्यमंत्री के चेहरे पर पार्टी नेतृत्व का फैसला ही अंतिम निर्णय होगा। भाजपा ने कई राज्यों में आपरेशन लोटस की रणनीति अपनाई,लेकिन छत्तीसगढ़ में यह सफल नहीं होगा। जीते हुए प्रत्याशियों को हार्स ट्रेडिंग से बचाने है, वहीं उन्हें एकजुट करने पर सबसे ज्यादा फोकस किया गया। मतगणना के बाद प्रदेशभर के प्रत्याशियों को रायपुर बुलाया गया है।

आंजनेय यूनिवर्सिटी में प्रतियोगी परीक्षाओं की तैयारी के लिए उत्कर्ष एकेडमी की शुरुआत, छात्रों को मिलेगी निःशुल्क शिक्षा

रायपुर। आंजनेय यूनिवर्सिटी रायपुर में आज प्रतियोगी परीक्षाओं की तैयारी हेतु उत्कर्ष एकेडमी की स्थापना की गई। इस अवसर पर विश्वविद्यालय के कुलाधिपति अभिषेक अग्रवाल ने कहा कि सफलता पाना हर विद्यार्थी का लक्ष्य होता है और इस सफलता को वह विभिन्न आयामों में देखा है। जिसमें एक आयाम प्रतियोगी परीक्षा के माध्यम से उच्च पदों पर बैठना है। विद्यार्थियों के इसी सपने को साकार करने के लिए विश्वविद्यालय यह पहल करने जा रही है। कुलपति डॉ टी रामा राव ने विद्यार्थियों को संबोधित करते हुए कहा कि जीवन में प्रक्रिया का विकल्प होता है लेकिन परिणाम का नहीं । इसलिए विद्यार्थियों को शिक्षा ग्रहण करने के दौरान विभिन्न विकल्पों पर विचार करने चाहिए। विश्वविद्यालय के महानिदेशक डॉ बी जैन ने बड़ी संख्या में विद्यार्थियों को प्रतियोगी परीक्षा की तैयारी हेतु प्रेरित किया। मानविकी विभाग की संकायाध्यक्ष डॉ रुपाली चौधरी ने अपने स्वागत भाषण में कहा कि इस एकेडमी की स्थापना का उद्देश्य विद्यार्थियों को पहले ही दिन से प्रतियोगी परीक्षा की तैयारी करना है जिससे वे स्नातक होते ही किसी भी प्रतियोगी परीक्षा में शामिल हो सकते हैं। इस अवसर पर पत्रकारिता विभाग के विभागाध्यक्ष राहुल तिवारी ने प्रतियोगी परीक्षाओं के पाठ्यक्रम पर चर्चा की । कार्यक्रम का संचालन डॉ. ईशा चटर्जी ने एवं आभार प्रदर्शन डॉ. अनामिका शर्मा ने किया। उद्घाटन कार्यक्रम में सभी संकायाध्यक्ष प्राध्यापकगण एवं बड़ी संख्या में विद्यार्थी शामिल हुए।