अमेरिकी उद्योगपति नेविल रॉय सिंघम को ईडी का समन, न्यूजक्लिक पर चीन से पैसे लेकर प्रोपेगंडा फैलाने का आरोप
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अमेरिकी व्यवसायी नेविल रॉय सिंघम को प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने पूछताछ के लिए समन भेजा है। ईडी समाचार वेबसाइट न्यूजक्लिक के फंडिंग मामले में उनसे पूछताछ करना चाह रही है। न्यूजक्लिक पर चीन से पैसे लेकर प्रोपेगंडा फैलाने का आरोप है।ये मामला मनी लांड्रिंग का है। आरोप है कि नेविल रॉय सिंघम चीन की सत्ताधारी कम्युनिस्ट पार्टी (सीसीपी) से जुड़ा हुआ है। वो चीनी प्रोपेगंडा को फैलाने के लिए दुनिया भर में फंडिंग करता है।
न्यूज़क्लिक फंडिंग मामले में ईडी ने विदेश मंत्रालय के जरिए अमेरिकी करोड़पति नेविल रॉय सिंघम को समन भेजा है। नेविल राय फिलहाल चीन में हैं। दिल्ली की एक अदालत ने सबसे पहले ईडी को लेटर ऑफ रोगेटरी (विदेशी अदालत से सहायता के लिए औपचारिक निवेदन) जारी किया।ताकि उसका बयान दर्ज किया जा सके। दरअसल, विदेश में किसी व्यक्ति को सीधे समन नहीं भेजा जा सकता। इसके लिए संबंधित देश की अथॉरिटी के पास समन को लेकर अनुरोध पत्र भेजा जाता है जिसे लेटर रोगेटरी कहते हैं।
सीबीआई ने दो महीने पहले न्यूज़क्लिक के ख़िलाफ़ एफसीआरए उल्लंघन का मामला दर्ज किया था और नेविल रॉय सिंघम को आरोपी बनाया था, अब उनको समन जारी किया गया है।नेविल रॉय सिंघम को इससे पहले भी समन भेजा जा चुका है, ताकि वो पूछताछ के लिए हाजिर हो।ईडी ने पिछले साल ही सिंघम को समन भेजा था लेकिन चीनी अथॉरिटीज ने उसे सर्व करने से इनकार कर दिया था। इसके बाद एजेंसी ने विदेश मंत्रालय के जरिए फिर से समन भेजकर सिंघ को दिल्ली में आकर आरोपों पर अपना बयान दर्ज कराने को कहा है।
बता दें कि न्यू यॉर्क टाइम्स ने इसी साल अपनी रिपोर्ट में दावा किया था कि अमेरिका में चीन का अजेंडा बढ़ाने के आरोपों को लेकर वहां की एजेंसियां सिंघम और उनकी ऐक्टिविस्ट पत्नी की जांच कर रही हैं। सिंघम और उनकी पत्नी ने इन आरोपों का खंडन किया था। उन पर भारत में भी चीनी प्रॉपगैंडा फैलाने का आरोप है। इस बीच ईडी ने न्यूजक्लिक के प्रमोटर प्रबीर पुरकायस्थ से पूछताछ के लिए कस्टडी मांगने का फैसला किया है। फिलहाल वह न्यायिक हिरासत में हैं। दिल्ली पुलिस ने उन्हें कथित तौर पर भारत-विरोधी गतिविधियों के लिए गिरफ्तार किया था। पुरकायस्थ और न्यूजक्लिक के एचआर हेड अमित चक्रवर्ती को दिल्ली पुलिस ने न्यूज पोर्टल पर चीनी प्रॉपगैंडा चलाने के लिए 3 अक्टूबर को आतंकरोधी कानून यूएपीए (अनलॉफुल ऐक्टिविटीज प्रिवेंशन ऐक्ट) के तहत गिरफ्तार किया था।
न्यूयॉर्क टाइम्स ने अगस्त 2023 में सिंघम और उनकी कंपनी को लेकर बड़ा खुलासा किया था। अखबार ने लिखा था कि चीन दुनिया में अगुवा बनने के लिए इस वक्त धूम्र रहित युद्द (स्मॉकलेस वार) का सहारा ले रहा है। चीन के स्मॉकलेस वार को जमीन पर उतारने का काम सिंघम की कंपनी कर रही है। सिंघम पर आरोप है कि शेल कंपनियों से फंडिंग कराकर वे इन कामों को अंजाम देते हैं।रिपोर्ट के मुताबिक चीन के स्मॉकलेस वार को प्रभावी करने के लिए दक्षिण अफ्रीका में राजनीतिक दल, भारत और ब्राजील में मीडिया और मैसाचुसेट्स में थिंक टैंक आउटलेट्स का सहारा ले रहा है। सिंघम पर आरोप है कि उनकी कंपनी उन कंटेंट को बढ़ावा देती है, जो चीन सरकर के प्रभुत्व को दिखाती है। यानी सिंघम उन कंपनियों को फंड करती है, जो किसी देश में वामपंथ विचारधारा के लिए वहां की सरकार और सिस्टम के खिलाफ बिगुल फूंकती है।
Nov 16 2023, 16:33