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दुनिया के सबसे दौलतमंद व्यक्ति ने 'चंद्रशेखर' रखा अपने बेटे का नाम ! जानिए, भारत से है बेहद खास कनेक्शन

 केंद्रीय आईटी मंत्री राजीव चन्द्रशेखर इस समय ब्रिटेन में 'AI सेफ्टी समिट' में भारत का प्रतिनिधित्व कर रहे हैं। अपनी यात्रा के दौरान, चन्द्रशेखर को टेस्ला के CEO और दुनिया के सबसे रईस व्यक्ति एलन मस्क से मिलने का अवसर मिला और उन्हें मस्क के बेटे के नाम के बारे में एक दिलचस्प तथ्य पता चला। केंद्रीय मंत्री ने माइक्रोब्लॉगिंग साइट एक्स (पूर्व में ट्विटर) पर एक पोस्ट में यह जानकारी साझा की है।

चन्द्रशेखर के अनुसार, एलन मस्क ने बताया कि उनके बेटे का मध्य नाम 'चंद्रशेखर' है, जो नोबेल पुरस्कार विजेता प्रोफेसर के सुब्रमण्यम चन्द्रशेखर से प्रेरित है। राजीव चन्द्रशेखर ने मस्क के साथ अपनी एक तस्वीर ट्वीट की और लिखा कि, "देखिए, मैं ब्रिटेन के बैलेचले पार्क में AI सिक्योरिटी समिट में किससे मिला। एलन मस्क ने मुझे बताया कि उनके और शिवॉन गिलीज़ (एलोन मस्क की प्रेमिका) के बेटे का मिडिल नेम 'चंद्रशेखर' है।'' उनका नाम भारतीय वैज्ञानिक, प्रोफेसर सुब्रमण्यम चंद्रशेखर के नाम पर रखा गया, जिन्हें 1983 में भौतिकी के लिए नोबेल मिला था।' 

 

चन्द्रशेखर के ट्वीट के जवाब में मस्क की गर्लफ्रेंड शिवोन गिलीज़ ने जवाब दिया, "हाहा, हां, यह सच है। हम उन्हें संक्षेप में शेखर कहते हैं। यह नाम हमारे बच्चों की विरासत और अद्भुत सुब्रमण्यम चन्द्रशेखर के सम्मान में चुना गया था।" कनाडाई मूल की उद्यम पूंजीपति जिलिस प्रौद्योगिकी और AI के क्षेत्र में काम करते हैं। बता दें कि, भारतीय मूल के खगोलशास्त्री और खगोलशास्त्री सुब्रमण्यम चंद्रशेखर को सितारों की संरचना और विकास के लिए महत्वपूर्ण भौतिक प्रक्रियाओं पर उनके सैद्धांतिक काम के लिए भौतिकी में नोबेल पुरस्कार से सम्मानित किया गया था। एलन मस्क और जिलिस के जुड़वां बच्चे हैं, हालांकि उन्होंने शादी नहीं की है।

केंद्रीय मंत्री राजीव चन्द्रशेखर आधुनिक कंप्यूटिंग के घर कहे जाने वाले बकिंघमशायर के बैलेचले पार्क में आयोजित AI सुरक्षा शिखर सम्मेलन में दुनिया भर के प्रतिनिधियों के साथ शामिल हुए। यह वह जगह है, जहां प्रसिद्ध ब्रिटिश गणितज्ञ एलन ट्यूरिंग की टीम ने द्वितीय विश्व युद्ध के दौरान एनिग्मा कोड को तोड़ा था। ब्रिटिश प्रधान मंत्री ऋषि सनक ने शिखर सम्मेलन की मेजबानी की। 

दो दिवसीय शिखर सम्मेलन के पहले दिन, राजीव चन्द्रशेखर ने 'आर्थिक विकास की प्रेरक शक्ति के रूप में नवीन प्रौद्योगिकी के लिए भारत का दृष्टिकोण' विषय पर पूर्ण सत्र को संबोधित किया। ब्रिटिश प्रधान मंत्री ऋषि सुनक ने चर्चा का नेतृत्व किया और पहले दिन हस्ताक्षरित 'ब्लेचले घोषणा' की भारत सहित 28 देशों के बीच 'ऐतिहासिक' समझौते के रूप में प्रशंसा की। सुनक ने इस बात पर जोर दिया कि हालांकि यूके ने AI सुरक्षा पर वैश्विक सम्मेलन का नेतृत्व किया, लेकिन इन जोखिमों को संबोधित करने के लिए सामूहिक अंतरराष्ट्रीय प्रयास की आवश्यकता है।

दक्षिण-पश्चिमी प्रांत बलूचिस्तान में आतंकी हमले में 14 पाकिस्तानी सैनिकों की मौत, सड़क पर पड़े दिखे शव, सेना को अब तक की सबसे बड़ी क्षति

 पाकिस्तान के अशांत दक्षिण-पश्चिमी प्रांत बलूचिस्तान में सुरक्षा बलों को ले जा रहे दो वाहनों पर आतंकवादियों द्वारा घात लगाकर किए गए हमले में कम से कम 14 पाकिस्तानी सैनिक मारे गए। शुक्रवार को हुई मौत इस साल बलूचिस्तान प्रांत में सेना को हुई सबसे बड़ी क्षति है, जहां नवंबर 2022 में चरमपंथी संगठन तहरीक-ए-तालिबान पाकिस्तान (TTP) और पाकिस्तान सरकार के बीच संघर्ष विराम समझौते के समाप्त होने के बाद से अलगाववादियों और आतंकवादियों ने अपने हमले तेज कर दिए हैं।

पाकिस्तानी सेना के एक बयान के अनुसार, यह घटना तब हुई जब आतंकवादियों ने पसनी से प्रांत के ग्वादर जिले के ओरमारा इलाके में सैनिकों को ले जा रहे दो वाहनों पर घात लगाकर हमला किया। बयान में कहा गया है कि इलाके में तलाशी अभियान चलाया जा रहा है और इस जघन्य कृत्य के अपराधियों का पता लगाया जाएगा और उन्हें न्याय के कठघरे में लाया जाएगा। सैन्य मीडिया विंग द्वारा कोई और विवरण नहीं दिया गया।

बलूचिस्तान के कार्यवाहक मुख्यमंत्री अली मर्दन डोमकी ने हमले की कड़ी निंदा की और कसम खाई कि हमले के पीछे के आतंकवादियों को न्याय के कटघरे में लाया जाएगा। यह हमला सुरक्षा बलों द्वारा बुधवार को प्रांत के झोब जिले के सांबास इलाके में छह आतंकवादियों को मार गिराने के ठीक दो दिन बाद हुआ है। इससे पहले दिन में, खैबर पख्तूनख्वा प्रांत के डेरा इस्माइल खान जिले में एक पुलिस काफिले को निशाना बनाकर किए गए बम विस्फोट में पांच लोगों की मौत हो गई थी और 20 से अधिक घायल हो गए थे।

पूरे साल भर आतंकी और अलगाववादी बलूचिस्तान में सुरक्षा बलों को निशाना बनाते रहे हैं। पिछले रविवार को अवारन जिले के खोरो इलाके में दो सैनिकों की मौत हो गई थी। मस्तुंग के सुदूर जिले में सितंबर में एक धार्मिक जुलूस को निशाना बनाकर किए गए एक आत्मघाती हमलावर ने एक पुलिसकर्मी सहित कम से कम 60 लोगों की जान ले ली थी और 60 अन्य घायल हो गए थे। जुलाई में बलूचिस्तान के झोब और सुई इलाकों में अलग-अलग सैन्य अभियानों में 12 सैनिक मारे गए थे. अगस्त 2021 में अफगानिस्तान में तालिबान के सत्ता में आने के बाद से पाकिस्तान को हिंसा में वृद्धि का सामना करना पड़ रहा है।

सितंबर में जारी पाकिस्तान इंस्टीट्यूट फॉर कॉन्फ्लिक्ट एंड सिक्योरिटी स्टडीज (PICSS) की रिपोर्ट के अनुसार, पाकिस्तान को अगस्त में 99 हमलों का सामना करना पड़ा, जो नवंबर 2014 के बाद से एक महीने में सबसे अधिक संख्या है। अगस्त में आतंकवादी हमलों की संख्या मासिक हमलों के लिए सबसे अधिक थी। ग्वादर जिले में हाल के महीनों में सबसे अधिक हमले हुए हैं और अगस्त में प्रतिबंधित बलूच लिबरेशन आर्मी से जुड़े अलगाववादियों ने ग्वादर के बंदरगाह शहर में 23 चीनी इंजीनियरों के काफिले पर हमला किया था। हमले में तीन आतंकवादी मारे गए जबकि चीनी इंजीनियर सुरक्षित बच गए। इंजीनियर ग्वादर बंदरगाह में बुनियादी ढांचा परियोजनाओं पर काम कर रहे थे।

सेंटर फॉर रिसर्च एंड सिक्योरिटी स्टडीज (सीआरएसएस), एक थिंक टैंक, ने अक्टूबर में जारी एक रिपोर्ट में कहा कि सुरक्षा बलों ने 2023 के पहले नौ महीनों में कम से कम 386 कर्मियों को खो दिया, जो आठ साल का उच्चतम स्तर है। जियो न्यूज की रिपोर्ट के अनुसार, 2023 की तीसरी तिमाही में 190 आतंकी हमलों और आतंकवाद विरोधी अभियानों में लगभग 445 लोगों की जान चली गई और 440 लोग घायल हो गए। खैबर पख्तूनख्वा और बलूचिस्तान हिंसा के प्राथमिक केंद्र थे, इस अवधि के दौरान दर्ज की गई सभी मौतों में से लगभग 94 प्रतिशत और 89 प्रतिशत हमलों (आतंकवाद और सुरक्षा बलों के संचालन की घटनाओं सहित) के लिए जिम्मेदार थे।

मध्यप्रदेश के उज्जैन में कम कीमत पर नहीं दी शराब, तो बदमाशों ने दूकान पर फेंक दिया पेट्रोल बम, दो युवक झुलसे

मध्य प्रदेश के उज्जैन में कम कीमत पर शराब की बोतल नहीं देने पर शराब दुकान पर पेट्रोल बम फेंकने का मामला प्रकाश में आया है। इस घटना में दुकान पर शराब खरीद रहे दो अन्य युवक आग से मामूली रूप से झुलस गए। गनीमत यह रही कि बम दुकान के बोर्ड से टकराकर नीचे गिर गया और इस वजह से दुकान में आगजनी की बड़ी घटना होने से बच गई।

सामने आए CCTV कैमरे के फुटेज में बम फेंकने का पूरा घटनाक्रम दिखाई दे रहा है। फुटेज में दो बदमाश दिखाई दे रहे हैं। एक बदमाश के खिलाफ देवासगेट पुलिस ने जिलाबदर का प्रस्ताव बनाकर कलेक्टर को ज्ञापित किया है। कोतवाली पुलिस ने जानकारी दी है कि आगर रोड स्थित कोयला फाटक पर देशी विदेशी शराब की दुकान है। जहां पर गुरुवार रात को चार-पांच युवक शराब खरीदने के लिए आए थे। शराब की कीमत को लेकर वह दुकान के कर्मचारियों से बहस करने लगे। इस दौरान कुछ कर्मचारियों ने एक युवक को पीट दिया।

लगभग एक घंटे बाद युवक अपने एक साथी को लेकर आया और दुकान में पेट्रोल बम फेंक दिया। गनीमत रही कि बम दुकान के बोर्ड से टकराकर नीचे गिर पड़ा। लेकिन इस घटना में शराब खरीद रहे दो युवक मामूली रूप से झुलस गए। CCTV कैमरे के फुटेज में सुदामा नगर क्षेत्र का निवासी विपिन नामक बदमाश नजर आ रहा है। इसके विरुद्ध देवासगेट पुलिस ने जिलाबदर का प्रस्ताव बनाकर कलेक्टर को भेजा है। पुलिस आरोपी की तलाश में लगी हुई है।

आईसीसी वनडे वर्ल्ड कप 2023 के बीच भारतीय टीम को बड़ा झटका, हार्दिक पांड्या टूर्नामेंट से बाहर, जानें टीम को कैसे हो सकती है परैशानी

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वर्ल्ड कप-2023 के बीच टीम इंडिया को बड़ा झटका लगा है। टीम के स्टार ऑलराउंडर हार्दिक पंड्या चोट के कारण टूर्नामेंट से बाहर हो गए हैं। तेज गेंदबाज प्रसिद्ध कृष्णा उनकी जगह लेंगे। हार्दिक को बांग्लादेश के खिलाफ मैच में गेंदबाजी के दौरान चोट लगी थी। इसके बाद से ही वह लगातार टीम से बाहर थे। हार्दिक पंड्या का टूर्नामेंट से बाहर होना टीम इंडिया के लिए तगड़ झटका है।

आईसीसी ने जानकारी देते हुए बताया कि हार्दिक पांड्या पूरे विश्व कप से बाहर हो गए हैं। उनकी जगह प्रसिद्ध कृष्णा को टीम में शामिल किया गया है। वह पिछले 3 मुकाबले से टीम से बाहर चल रहे थे।चोट के कारण हार्दिक न्यूजीलैंड, इंग्लैंड और श्रीलंका के खिलाफ नहीं खेल पाए थे। कयास लगाए जा रहे थे कि वह सेमीफाइनल तक टीम में वापसी कर लेंगे, लेकिन वह विश्व कप से बाहर हो गए हैं।

विश्व कप 2023 में बांग्लादेश के खिलाफ मैच में हार्दिक पांड्या अपने पहले ओवर डालते समय ही चोटिल हो गए थे। वह उस मैच में सिर्फ 3 गेंद ही फेंक सके थे। हार्दिक 4 रन बचाने के चक्कर में गेंद को पैर से रोकने का प्रयास कर रहे थे, लेकिन इस दौरान उनका बाएं टखने में चोट लग गई और उन्हें मैच से बाहर जाना पड़ा। इसके बाद 30 साल के हार्दिक को लेकर अभी अपडेट सामने आया है कि उन्हें उबरने में समय लगेगा। इसकी वजह से हार्दिक पांड्या वनडे विश्व कप 2023 से बाहर हो चुके हैं।

हार्दिक पांड्या ने किया ट्वीट

विश्व कप से बाहर होने के बाद हार्दिक पांड्या का रिएक्शन सामने आया है। उन्होंने ट्वीट करते हुए कहा कि मैं विश्व कप से बाहर हो गया हूं, मैं विश्व कप के शेष भाग में नहीं खेल पाऊंगा। इस बात को पचाना बहुत कठिन है। मैं पूरी भावना के साथ टीम के साथ रहूंगा और हर खेल की हर गेंद पर उनका उत्साहवर्धन करूंगा। मेरी ओर से भारतीय टीम को शुभकामनाएं है। मुझे मिलने वाले प्यार और समर्थन के लिए बहुत-बहुत धन्यवाद। यह काफी अविश्वसनीय है। मुझे यकीन है कि हमारी टीम सभी को गौरवान्वित करेंगी।

टीम को दिक्कत का सामना करना पड़ सकता है

पांड्या के जाने से भारत को चैंपियन बनने में दिक्कत का सामना करना पड़ सकता है। हार्दिक टीम इंडिया के लिए कई बड़े मुकाबलों में अच्छा परफॉर्म कर चुके हैं। वे बतौर ऑलराउंडर टीम का बैलेंस बनाने में अहम भूमिका निभा रहे थे।लेकिन अब भारत को दिक्कत हो सकती है। वे फिनिशर के रूप में अहम भूमिका निभा सकते थे। लेकिन अब भारत यह भूमिका सूर्यकुमार यादव को सौंप सकता है। टीम इंडिया की बैटिंग नंबर 6 तक ही सीमित होकर रह जाएगी। ऐसे में वह पांच गेंदबाजों के साथ मैदान पर उतर सकती है। अगर टीम इंडिया का कोई भी गेंदबाज नहीं चला तो दिक्कत बढ़ जाएगी।

बता दें कि भारतीय टीम के फिलहाल लीग राउंड के दो मैच बाकी हैं। भारत का अगला मैच दक्षिण अफ्रीका से है, जो कि रविवार को कोलकाता में खेला जाएगा। इसके बाद नीदरलैंड्स से 12 नवंबर को मैच होगा। विश्व कप 2023 का पहला सेमीफाइनल 15 नवंबर और दूसरा सेमीफाइनल 16 नवंबर को खेला जाएगा।

राजनीति से संन्यास लेंगी वसुंधरा राजे? रैली में बेटे का भाषण सुनकर दिए संकेत

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राजस्थान में विधानसभा चुनाव की सरगर्मियां जोरों पर हैं।इस बीच सूबे में बीजेपी की दिग्गज नेता और पूर्व मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे सिंधिया को मुख्यमंत्री का कैंडिडेट बनाने की मांग उनके समर्थन कर रहे हैं। ऐसे समय में वसुंधरा ने राजनीति छोड़ने के संकेत दिए हैं।झालावाड़ में एक चुनाव प्रचार में उनके बेटे दुष्यंत सिंह ने संबोधन किया। उससे वसुंधरा इतनी गदगद हुईं कि अपने संबोधन के समय उन्होंने महत्वपूर्ण संकेत दे दिए।

अपने नामांकन से एक दिन पहले पूर्व मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे ने राजनीति से संन्यास लेने का संकेत देकर सबको चौका दिया।झालावाड़ की रैली में राजे ने अपने सांसद बेटे दुष्यंत का भाषण सुनने के बाद कहा, ‘मेरे बेटे की बात सुनने के बाद मुझे लगता है कि अब रिटायरमेंट ले लेना चाहिए।राजे ने आगे कहा, आप सभी ने उसे इतनी अच्छी तरह प्रशिक्षित किया है कि मुझे उसे आगे बढ़ाने की जरूरत नहीं है।सभी विधायक यहां हैं और मुझे लगता है कि उन पर नजर रखने की कोई जरूरत नहीं है। क्योंकि वे अपने दम पर लोगों के लिए काम करेंगे।

वसुंधरा के बयान के क्या हैं मायने?

वसुंधरा राजे के बयान का मतलब समझें, उससे पहले एक पुरानी घटना का जिक्र करना जरूरी है। बात ज्यादा पुरानी नहीं है। अक्टूबर के पहले हफ्ते में पीएम मोदी जोधपुर के दौरे पर थे। इस दौरान पीएम नरेंद्र मोदी और पूर्व सीएम वसुंधरा राजे के बीच दूरियां नजर आईं। जयपुर, चित्तौड़गढ़ के बाद यह तीसरा वाकया था, जब पीएम ने राजे को कोई तवज्जो नहीं दी। इससे सियासी हल्के में संदेश गया कि भाजपा राजस्थान में वसुंधरा राजे को साइडलाइन करते हुए चुनाव लड़ना चाहती है।यही वजह है कि राजस्थान में सीएम फेस कौन है, यह तय नहीं किया गया है। साफ संदेश दिया गया है कि राजस्थान में बीजेपी का चेहरा केवल कमल का फूल है।वसुंधरा राजे का नामांकन से पहले अपनी रिटायरमेंट को लेकर संकेत देना काफी गंभीर माना जा रहा है। 

आज नामांकन दाखिल करेंगी वसुंधरा

वसुंधरा राजे आज शनिवार को झालावाड़ विधानसभा क्षेत्र से अपना नामांकन पत्र दाखिल करेंगी। । वहीं, उनके बेटे दुष्यंत लोकसभा में झालावाड़-बारां का प्रतिनिधित्व करते हैं।पांच बार सांसद और चार बार विधायक रहीं वसुंधरा को मुख्यमंत्री का चेहरा घोषित करने को लेकर लगातार मांग हो रही है। हालांकि बीजेपी ने ऐसा किया नहीं है जिसके बाद उनकी भूमिका को लेकर कई सवाल उठ रहे हैं।

बता दें कि राजस्थान में 200 सदस्यीय विधानसभा चुनाव में 25 नवंबर को मतदान है और 3 दिसंबर को काउंटिंग होगी।

पाकिस्तान में एयरबेस पर फिदायीन हमला, सेना का दावा-4 आतंकी ढेर

#pakistan_mianwali_airbase_terrorist_attack

पाकिस्तान में पंजाब प्रांत के मियांवाली में पाकिस्तान एयरफोर्स के बेस स्टेशन पर शनिवार सुबह आतंकी हमले की खबर सामने आई। मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार बताया गया है कि कई आत्मघाती हमलावरों और हथियारबंद जिहादियों ने मियांवाली में पाकिस्तान वायु सेना के अड्डे पर हमला किया है।पाकिस्तानी सुरक्षा बलों ने करीब चार आतंकियों को मार गिराया है।इस हमले की जिम्मेदारी आतंकी संगठन तहरीक-ए-जिहाद ने ली है।

न्यूज साइट द फ्री प्रेस जर्नल की एक रिपोर्ट के अनुसार, पाकिस्तान के मियांवाली एयरबेस में घुसने के लिए आतंकियों और आत्मघातियों ने दीवार पर सीढ़ी लगाई।रिपोर्ट में कहा गया है कि आतंकियों ने बेस के दो परिसरों पर हमला किया है। इस दौरान बेस के अंदर खड़े कई विमानों को नष्ट कर दिया गया है। रिपोर्ट में कहा गया है कि आतंकवादियों ने एयरबेस की सुरक्षा में लगे एक टैंक को भी नष्ट कर दिया है। खबरें ये भी हैं कि पाकिस्तानी सुरक्षा बलों ने करीब चार आतंकवादियों को मार गिराया है। हालांकि अभी तक आतंकियों की संख्या को लेकर कोई अपडेट सामने नहीं आया है। 

इस घटना से जुड़ी जो तस्वीरें सामने आई हैं, उनमें एयरबेस में भीषण गोलीबारी और बमबारी के बाद आग लगी देखी जा सकती है। हालांकि, इन वीडियोज की अभी पुष्टि नहीं हो पाई है। न्यूज एजेंसी रॉयटर्स के मुताबिक, एयरबेस पर छह आतंकियों ने हमला किया था। इनमें से तीन को पाकिस्तानी सेना ने मार गिराया। हालांकि, तीन आतंकी अभी भी बेस पर ही छिपे हैं।

तहरीक-ए-जिहाद ने क्या कहा?

इस हमले की जिम्मेदारी आतंकी संगठन तहरीक-ए-जिहाद ने ली है।तहरीक-ए-जिहाद के प्रवक्ता मुल्ला मोहम्मद कासिम पाकिस्तानी एयरफोर्स पर हुए फिदायीन हमले की जिम्मेदारी ली है। प्रवक्ता ने दावा किया है कि हमले में कई हमलावर शामिल थे। मियांवली एयरफोर्स बेस पर 9 मई को इमरान खान के समर्थकों ने तब हमला कर दिया था जब उनकी गिरफ्तारी हुई थी। इमरान खान के समर्थकों ने बेस पर आगजनी की थी। गिरफ्तारी से नाराज समर्थकों ने एक एयरक्राफ्ट को भी आग के हवाले कर दिया था। तहरीक-ए-जिहाद एक आतंकी संगठन है, जिसके बारे में बहुत ज्यादा जानकारी मौजूद नहीं है। तहरीक-ए-जिहाद पहले चमन, बोलान, स्वात के क्षेत्र कबल और लकी मरूत में हमलों की जिम्मेदारी ले चुका है। लेकिन कई मीडिया रिपोर्ट्स में दावा किया गया है कि ये संगठन कई हमलों में शामिल नहीं था मगर हमले की जिम्मेदारी ले ली। 

24 घंटे में दूसरा बड़ा हमला

पाकिस्तान के मियांवाली में हुआ हमला 24 घंटे में दूसरी बड़ी वारदात है। बता दें कि पाकिस्तान के खैबर पख्तूनख्वा के डेरा इस्माइल खान इलाके में भी बम विस्फोट किया गया था। यहां पुलिस को निशाना बनाकर हमला किया गया था। मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार, इस हमले में करीब 5 लोगों की मौत हुई थी। घटना के बाद प्रधानमंत्री अनवारुल हक कांकेर ने निंदा की थी। उन्होंने कहा था कि आतंक के खिलाफ उनकी जंग जारी रहेगी।

नेपाल में भूकंप से भारी तबाही, अबतक 128 लोगों की मौत, हजारों घायल

#earthquake_in_nepal_jajarkot_and_west_rukum

नेपाल में एक बार फिर तेज भूकंप से भारी तबाही मची है।6.4 की तीव्रता से आए भूकंप से नेपाल में भारी तबाही मची है। तक 128 लोगों की मौत की खबर है और 1000 से अधिक लोग घायल हो गये हैं।नेपाल की न्यूज साइट काठमांडू पोस्ट के मुताबिक मारने वालों का आंकड़ा अभी और बढ़ सकता है।नेपाल के राष्ट्रीय भूकंप मापन केंद्र के अधिकारियों के अनुसार भूकंप का केंद्र जाजरकोट जिले के लामिडांडा क्षेत्र में था।

नेपाल में शुक्रवार रात 6.4 तीव्रता का जोरदार भूकंप आया, जिसके झटके राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र सहित उत्तर भारत के कई हिस्सों में महसूस किए गए। रात करीब 11 बजकर 32 मिनट पर आए भूकंप के कारण लोगों को अपने घरों से बाहर निकलना पड़ा। राष्ट्रीय भूकंप विज्ञान (एनसीएस) के मुताबिक, भूकंप का केंद्र नेपाल में अयोध्या से लगभग 227 किलोमीटर उत्तर और काठमांडू से 331 किलोमीटर पश्चिम उत्तर-पश्चिम में 10 किलोमीटर की गहराई में था

न्यूज एजेंसी एएनआई के मुताबिक, शुक्रवार रात नेपाल में आए भूकंप के बाद शनिवार सुबह 5 बजे ताजा अपडेट सामने आया है। रिपोर्ट के अनुसार, जाजरकोट के एक स्थानीय अधिकारी ने कहा कि भूकंप के कारण यहां 34 लोग मारे गए हैं। उधर, जजारकोट के पड़ोसी रुकुम पश्चिम जिले में करीब 36 लोगों की मौत की सूचना मिली है। इसके अलावा और भी इलाकों में रेस्क्यू ऑपरेशन जारी है।पश्चिमी रुकुम में भी भारी तबारी मची, जहां 62 लोगों की जान चली गई। कमोबेश 150 लोग घायल हुए हैं, जिन्हें तुरंत अस्पताल पहुंचाया गया. घायल लोगों का स्थानीय अस्पतालों में इलाज चल रहा है।

भूकंप के झटके दिल्ली से सटे नोएडा और ग्रेटर नोएडा के कुछ हिस्सों में भी महसूस किए गए, जिसके चलते ऊंची इमारतों में रहने वाले कई लोग बाहर निकल आए।भूकंप के झटके उत्तर प्रदेश के लखनऊ, बस्ती, बाराबंकी, फिरोजाबाद, अमेठी, गोंडा, प्रतापगढ़, भदोही, बहराइच, गोरखपुर और देवरिया जिलों के अलावा बिहार के कटिहार, मोतीहारी तथा पटना में भी महसूस किए गए।

हिजबुल्लाह चीफ हसन नसरुल्लाह ने हमास के समर्थन का किया एलान, कहा- हमले के सिवा कोई विकल्प नहीं था

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इजराइल-हमास युद्ध को एक महीने होने को हैं, लेकिन जंग है कि रूकने का नाम ही नहीं ले रही है।इसी बीच हिज्बुल्ला ने इजराइल के लिए परेशानी बढ़ा रखी है। इस बीच ‘हिजबुल्लाह’ के नेता हसन नसरुल्लाह ने हमास का समर्थन करने का ऐलान कर इजराइल की चुनौती दी है। उन्होंने कहा कि फिलिस्तीन में बड़ा युद्ध हो रहा है, जो जिंदा हैं, उन्हें मारा जा रहा है। इजराइल की सरकार जालिम है।

नसरल्लाह ने कहा कि इस जंग में जो देश हमारे साथ खड़ें हैं, मैं उनका शुक्रिया करता हूं।उन्होंने कहा कि सभी को पता है कि फिलिस्तीनी लोग 75 साल से ज्यादा समय से परेशानी का सामना कर रहे हैं, लेकिन पिछले दिनों ये परेशानी काफी बढ़ गई है।इजराजल का क्रूर शासन फिलिस्तीन पर लगातार हमले कर रहा है।बहुत सारे फिलिस्तीनियों को कैद किया गया है, जो इजरायल की जेलों में कैद हैं।

हमास के पास हमले के सिवा कोई विकल्प नहीं था- नसरुल्लाह

हसन नसरुल्लाह ने लेबनान के बेरुत में बड़ी रैली की है।सभा में उन्होंने कहा कि अल अक्सा मस्जिद में शहीद हुए शहीदों के बारे में बात करेंगे। बात करना हमारा मकसद है। जंग में मारे गए लोगों के बारे में बात करूंगा। यह मारे गए लोगों के बारे में याद करने का समय है, जो मारे गए उन्होंने बड़ी कामयाबी हासिल की है। मारे गए लोगों पर बड़ा अत्यचार हुआ है। उन्होंने कहा कि हमास के पास हमले के सिवा कोई विकल्प नहीं था।

फिलिस्तीन में सबसे बड़ा युद्ध चल रहा है- नसरुल्लाह

हसन नसरुल्लाह ने कहा कि कोई भी युद्ध इसे बड़ा युद्ध नहीं है, जो इस वक्त फिलिस्तीन में चल रहा है। फिलिस्तीन में सबसे बड़ा युद्ध चल रहा है।उन्होंने कहा कि फिलिस्तीन में जो हो रहा है कि वह बहुत की गलत हो रहा है। जो हो रहा है कि उस नफरत को बताने के लिए शब्द नहीं है।

कौन हैं नसरुल्लाह?

हसन नसरुल्लाह लेबनानी शिया इस्लामवादी समूह 'हिजबुल्लाह' के नेता हैं। उनका जन्म 18 अगस्त 1960 में एक शिया परिवार में हुआ था। 1975 में जब लेबनीज सिविल वॉर छिड़ा तो उनके परिवार को Bazourieh में जाकर बसना पड़ा। उस वक्त नसरुल्लाह 15 साल के थे। उन्होंने सीनियर सेकेंडरी स्कूल में ही अमल मूवमेंट नाम का एक ग्रुप ज्वाइन किया जो एक लेबनानी शिया राजनीतिक समूह था। ऐसा अनुमान लगाया जा रहा है कि वह शुक्रवार को अपने अनुयायियों को संबोधित कर सकते हैं, जो इज़राइल-हमास युद्ध शुरू होने के बाद उनका पहला पब्लिक कमेंट होगा।

कंगना रनौत ने दिए पॉलिटिक्स में एंट्री के संकेत, बोलीं- भगवान श्री कृष्ण की कृपा रही तो लोकसभा चुनाव लड़ेंगीं

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बॉलीवुड एक्ट्रेस कंगना रनौत अपने बेबाक बयानों के लिए जानी जाती हैं। अक्सर कंगना राजनीतिक मुद्दों पर भी खुलकर अपनी राय रखतीं हैं। ऐसे में लोग उनके सियासत में एंट्री को लेकर सवाल करते हैं। अब बॉलीवुड की क्वीन ने खुद अपने राजनीतिक सफर को लेकर बड़ा दिया है। कंगना रनौत ने मीडिया से बातचीत में लोकसभा चुनाव लड़ने का इशारा किया है।

हाल ही में कंगना की फिल्म तेजस रिलीज हुई है। हालांकि उम्मीद के मुताबिक तेजस की कमाई ने कंगना को कुछ खास खुश नहीं किया है। फिल्म की रिलीज के बाद कंगना गुजरात के प्रसिद्ध यात्राधाम द्वारका के जगत मंदिर पहुंचीं। जहां उन्होंने भगवान के दर्शन किए और द्वारकाधीश मंदिर में माथा भी टेका। कंगना रनौत ने इस दौरान मीडिया से बात की और बातों ही बातों में चुनाव लड़ने का संकेत भी दे दिया।

दरअसल, यहां पत्रकारों ने उनसे 2024 के लोकसभा चुनाव लड़ने को लेकर सवाल किया। जिसका जवाब देते हुए कंगना रनौत ने कहा कि अगर भगवान श्री कृष्ण की कृपा रही तो लोकसभा चुनाव लड़ेंगे। उनके इस बयान के बाद ये माना जा रहा है कि अगर उन्हें मौका मिलेगा तो वह चुनाव लड़ सकती हैं।

सांप के जहर से कैसे करते हैं नशा? जिस केस में एल्विश यादव पर दर्ज हुई एफआईआर

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हेरोइन, कोकीन, मॉर्फिन का नशा करने वालों के बारे में तो सभी ने सुना है। अब देश में नशा करने का एक और तरीका खोज निकाला गया है। जिसे सांप के जहर का नशा कहते हैं। ऐसा नशा करने से जुड़ा एक मामला सामने आया है। देश की राजधानी दिल्ली से नोएडा में बिग बॉस ओटीटी-2 के विनर एल्विश यादव के खिलाफ केस दर्ज किया गया है। उन पर अपने दोस्तों के साथ मिलकर एक रेव पार्टी करने और उसमें सांप के जहर का नशा करने का आरोप लगा है।

बिग बॉस ओटीटी के विजेता और यूट्यूबर एल्विश यादव पर नोएडा की रेव पार्टी में सांप का जहर सप्लाई करने के आरोप लगे हैं।इस संबंध में पुलिस ने एल्विश समेत छह लोगों पर एफआईआर दर्ज की है। एफआईआर में कहा गया है कि एल्विश यादव जहरीले और जिंदा सांपों के साथ नोएडा के फार्म हाउस में वीडियो बनाते हैं और रेव पार्टी कराते हैं। कहा जा रहा है कि पार्टी में विदेशी महिलाएं भी शामिल होती हैं।और सांप के जहर को ड्रग्स की तरह लिया जाता है।

अब सवाल उठता है कि आखिर सांप के काट लेने से शरीर में फैलने वाला जहर किसी की जान ले लेता है तो इसका नशा कैसे किया जा सकता है? स्नेक बाइट के बाद शरीर में कैसा बदलाव होता है?

पिछले कुछेक सालों में ऐसी रिपोर्टें सामने आती रही हैं जिसमें कहा जा रहा है कि दिल्ली की रेव पार्टियों में सांप के जहर की मांग बढ़ती जा रही हैं। द संडे गार्डियन ने कुछ समय पहले प्रकाशित अपनी एक रिपोर्ट में कहा था कि दिल्ली की रेव पार्टियों में सांप के जहर से बनी गोलियां या फिर सीधे सांप से कटवा नशा करने का चलन बढ़ा है।

मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक, कोबरा के जहर का नशा दुनिया का सबसे बड़ा नशा है। पूरी दुनिया में कोबरा के जहर से नशा करने का ट्रेंड बढ़ने लगा है। इंडिया में यह ट्रेंड जोर पकड़ने लगा है, जिसके कई उदाहरण सामने आ चुके हैं। सांपों और कोबरा की तस्करी के मामले और तस्करी करने वालों का पकड़ा जाना इसका उदाहरण है। साल 2017 में बिहार से 70 करोड़ रुपये का कोबरा का जहर मिल चुका है। कोबरा के जहर को पाउडर में बदला जाता है और फिर नशा किया जाता है।कोबरा के जहर से बने पाउडर को नशे के लिए ड्रिंक्स में मिलाया जाता है।

ऐसे मामलों से जुड़े लोगों का कहना है कि सांपों का जहर निकालने के बाद उसे अन्य तत्वों के साथ मिलाकर नशे के असर को हलक्का कर दिया है, ताकि यह जानलेवा न बन जाए। ये शराब, ड्रग्स जैसे दूसरे नशीले पदार्थों से भी ज्यादा प्रभाव डालने वाला होता है। जहर का इस्तेमाल करने वालों में तीन से चार हफ्तों तक अजीब सी खुशी, खुद को दुनिया से ऊपर समझने और अच्छी नींद आने जैसे लक्षण दिखते हैं।

चंडीगढ़ के पोस्ट ग्रेजुएट इंस्टिट्यूट ऑफ मेडिकल एजुकेशन ऐंड रीसर्च के शोधकर्ताओं ने हाल ही में स्नेक बाइट लेने वाले लोगों पर एक अध्ययन किया था। इसमें उन्होंने दो लड़कों पर नजर रखी और देखा कि स्नेक बाइट लेने वाले इन लड़कों के शरीर में इसका क्या प्रभाव होता है। खबरों की मानें तो जब कोई स्नेक बाइट का नशा करता है तो सांप के काटते ही सबसे पहले उसे एक झटका महसूस होता है। इसके बाद धीरे-धीरे सब धुंधला हो जाता है। इसका नशा करने वाले बताते हैं कि स्नेक बाइट लेने के बाद एक घंटे तक वह पूरी तरह से सुन्न रहते हैं। आपको बता दें, कई बार लोगों की इस नशे के चक्कर में मौत भी हो जाती है।