भारत के अल्टीमेटम के बाद बैकफुट पर कनाडा, अपने 41 राजनयिकों को बुलाया वापस, सितम्बर से जारी है तनाव
खालिस्तानी आतंकवादी हरदीप सिंह निज्जर की हत्या पर बढ़े राजनयिक तनाव के बीच कनाडा ने कहा कि उसने भारत से 41 राजनयिकों को वापस बुला लिया है। बता दें कि जून में कनाडा के ब्रिटिश कोलंबिया में निज्जर की हत्या पर कनाडा के प्रधान मंत्री जस्टिन ट्रूडो के भारत के खिलाफ विस्फोटक आरोपों के बाद सितंबर से भारत और कनाडा के बीच संबंध तनाव में हैं।
एक प्रेस वार्ता में कनाडाई विदेश मंत्री मेलानी जोली ने कहा कि भारत ने शुक्रवार तक कनाडा के 21 राजनयिकों और उनके परिवारों को छोड़कर सभी के लिए राजनयिक छूट रद्द करने की अपनी योजना बता दी है, जिससे ओटावा को अन्य को बाहर निकालने के लिए मजबूर होना पड़ा है। उन्होंने कहा कि, 'हमने भारत से उनके सुरक्षित प्रस्थान की सुविधा प्रदान की है। इसका मतलब है कि हमारे राजनयिक और उनके परिवार अब चले गए हैं। हमें चंडीगढ़, मुंबई और बेंगलुरु में अपने वाणिज्य दूतावासों में सभी व्यक्तिगत सेवाओं पर रोक लगानी होगी।'
उन्होंने आगे कहा कि 41 राजनयिकों की राजनयिक छूट को रद्द करना अभूतपूर्व है, लेकिन इस बात पर जोर दिया कि कनाडा जवाबी कार्रवाई पर विचार नहीं कर रहा है, ताकि "स्थिति न बिगड़े"। उन्होंने कहा कि, "कनाडा अंतरराष्ट्रीय कानून का बचाव करना जारी रखेगा, जो सभी देशों पर लागू होता है और भारत के साथ जुड़ना जारी रखेगा।"
भारत और कनाडा के बीच संबंधों में क्यों आई दरार?
बता दें कि, 18 सितंबर को, जस्टिन ट्रूडो ने आरोप लगाया कि उनके पास हरदीप सिंह निज्जर की हत्या में भारत सरकार के एजेंटों की "संभावित" संलिप्तता का "विश्वसनीय आरोप" है। भारत में वांछित आतंकवादियों में से एक निज्जर की 18 जून को ब्रिटिश कोलंबिया, कनाडा के सरे में गोली मारकर हत्या कर दी गई थी। कनाडाई राष्ट्रपति के विस्फोटक आरोपों पर भारत से तीखी प्रतिक्रिया हुई और उन्हें "बेतुका" और प्रेरित बताकर खारिज कर दिया गया। दोनों देशों ने एक-दूसरे के राजनयिकों को भी निलंबित कर दिया। भारत ने कहा कि कनाडा के आरोप वहां खालिस्तानी तत्वों की बढ़ती गतिविधियों से ध्यान हटाने की कोशिश कर रहे हैं।
भारत पर आरोप के बाद ट्रूडो का यू-टर्न
जैसे ही उनके विस्फोटक आरोपों के कारण राजनयिक तनाव बढ़ा, जस्टिन ट्रूडो नाराज भारत को शांत करते दिखे। इस महीने की शुरुआत में, उन्होंने कहा था कि वह घनिष्ठ संबंध रखने के लिए प्रतिबद्ध हैं और ओटावा नई दिल्ली के साथ तनाव बढ़ाना नहीं चाहता है। ट्रूडो ने यह भी कहा कि उनका देश भारत के साथ "रचनात्मक संबंध" जारी रखेगा। उन्होंने बताया कि कनाडा भारत के साथ "बेहद चुनौतीपूर्ण समय" से गुजर रहा है, लेकिन उन्होंने जोर देकर कहा कि उनका देश नई दिल्ली के साथ "जिम्मेदारी और रचनात्मक रूप से" जुड़ना जारी रखेगा।
Oct 20 2023, 12:36