पीड़ित परिवार इंसाफ़ की आस में सरकारी दफ्तरों की लगा रहे चक्कर फिर भी नहीं हों रही सुनवाई
मुज़फ्फरनगर। छह दिन बाद भी पीड़ितों की पुलिस प्रशासन द्वारा रिपोर्ट दर्ज नहीं होने से पीड़ित परिवार ने जिला प्रशासन से इच्छा मृत्यु की गुहार लगाई है। पीड़ित परिवार ने पुलिस प्रशासन की कार्यशैली पर सवाल उठाते हुए कहा कि रुपयों के आधार पर ही इंसाफ़ मिल रहा हैं फिर चाहे वह गलत हों या सही। पीड़ितों ने जल्द इंसाफ़ न मिलने एवं रिपोर्ट दर्ज न किए जाने पर आत्मदाह की चेतावनी दी है।
शुक्रवार को तांगा स्टैंड निवासी पीड़ितों ने मीडिया सेंटर पर पत्रकारो से वार्ता कर बताया कि गत एक अक्टूबर को घर पर शौचालय का पाइप लगा रहे आजम के साथ सारम पुत्र इनाम, भूरा पुत्र यामीन द्वारा लोहे की रोड़ से आजम के ऊपर हमला बोल दिया। आरोप हैं कि दबंगों द्वारा पीट पीटकर ही दो मासूम बच्चों के सर से बाप का साया उठा दिया गया।
वहीं पुलिस प्रशासन की मुस्तादी पर भी पीड़ित परिवार ने आरोप लगाते हुए कहा कि मारपीट के दौरान मृतक आजम का पुत्र जकी दौड़ता हुआ ईदगाह चौकी पर पहुंचा और पुलिस टीम को सारी घटना से अवगत कराया मगर अफसोस किसी भी पुलिसकर्मी द्वारा मासूम की बातों को गंभीरता से नहीं दिया गया।
पीड़ित परिवार का आरोप है कि कहीं ना कहीं इस प्रकरण का जिम्मेदार पुलिस प्रशासन भी है क्योंकि सूचना होने के बावजूद भी चौकी पर ही रहकर अपनी ड्यूटी बजाते रहे।
आप है की एक अक्टूबर की शाम को हुए इस घटनाक्रम के बाद से ही पीड़ित परिवार दबंग के विरुद्ध रिपोर्ट दर्ज करने के लिए थाने की परिक्रमा लगा रहे हैं मगर अफसोस की थाना पुलिस द्वारा छह दिन बीत जाने के बाद भी पीड़ितों की रिपोर्ट दर्ज नहीं की गई जिस कारण पीड़ितों का भरोसा खाकी वर्दी से उठता जा रहा है।
आरोप हैं कि यदि पुलिस प्रशासन अपनी ड्यूटी को सही तरीके से निभाएं तो किसी भी मजलूम के साथ कोई घटना घटित न होगी और ना ही किसी दबंग के द्वारा मजलूमों को सताया जाएगा।
पीड़ितों ने पुलिस प्रशासन एवं जिला प्रशासन को जल्द इंसाफ ने मिलने पर परिवार सहित आत्मदाह करने की चेतावनी दी है।
मैंने अब्बा को अपनी आंखो के सामने तड़प कर मरते हुए देखा है
पत्रकार वार्ता के दौरान मृतक आजम के मासूम बेटे ने घटनाक्रम की आंखों देखी बताई है। उनका कहना है कि अब्बा के साथ बिना कुछ पुछताछ किए ही मारपीट शुरू कर दी गई।
बताया कि मै वहां से भाग कर पुलिस अंकल के पास गया मगर उन्होंने मेरी बातो पर ध्यान नहीं दिया और अभी आते है कहकर भेज दिया। अगर पुलिस अंकल समय से आते तो मेरे अब्बा आज मेरे पास होते। बताया कि मैं अभी बहुत छोटा हूं अब मैं अपने अब्बा के बिना परिवार का लालन पालन या देखभाल कैसे करूंगा।
सोशल मीडिया के माध्यम से मासूम ने अपने पिता के हथियारों को गिरफ्तार करते हुए इंसाफ दिलाए जाने की मांग की है।
Oct 07 2023, 12:13