*ऊंचाहार में तीन बच्चे गंगा में डूबे, एक को बचाया दो लापता*
रायबरेली। गोकना गांव स्थित चांदी बाबा कुटी घाट पर नहाते समय तीन बच्चे गंगा में डूब गए। जिनमें एक बच्ची किसी तरह निकल कर बाहर सुरक्षित आ गई।
जबकि दो बच्चे गंगा की तेजधारा में गहरे जल में समा गए। किसी तरह बाहर निकली बच्ची की चीख पुकार सुनकर मौके पर लोग पहुंचे और कई लोग बच्चों की तलाश में गंगा में कूद गए। उधर, दो बच्चों के गंगा में डूबने की सूचना पर पहुंची पुलिस ने गोताखोरों की मदद से बच्चों की खोजबीन शुरू की है। लेकिन खबर लिखे जाने तक डूबे बच्चों का पता नहीं चल सका है।
बुधवार की दोपहर करीब 12 बजे गोकना गांव के दलित परिवार के राकेश कुमार की पुत्री गुंजा उर्फ पायल (14) व सलोनी (13) तथा रामलाल का बेटा अभिषेक कुमार (12) गांव के बगल चांदी बाबा कुटी घाट पर गंगा नहा रहे थे। तभी तीनों गहरे जल की ओर चले गए और डूबने उतराने लगे। बताते हैं कि बच्चों की चीख पुकार सुनकर कई लोग मौके पर पहुंच गए। सलोनी किसी तरह बाहर निकलने में कामयाब रही।
उसी ने शोर मचाकर दो बच्चों के डूबने की बात बताई। तभी गांव के कई गोताखोरों ने गंगा में छलांग लगाकर बच्चों को खोजने लगे। इस बीच सूचना पर पुलिस मौके पर पहुंची और नाव व गोताखोरों की मदद से डूबे बच्चों का सर्च ऑपरेशन शुरू किया गया। एसडीएम सिद्धार्थ चौधरी भी मौके पर पहुंचे और घटना का जायजा लिया।
कोतवाल आदर्श कुमार सिंह ने बताया कि तीन बच्चे गंगा में स्नान कर रहे थे। तभी तीनों गहरे जल में डूब गए। एक बच्ची सलोनी को गोताखोर ने बचा लिया जबकि अभिषेक और गुंजा गंगा में डूब गए हैं। गोताखोरों के साथ नाव के जरिए जल में जाल डालकर डूबे बच्चों की तलाश की जा रही है।
बच्चों के माता-पिता का रो-रो कर हुआ बुरा हाल
ऊंचाहार। गोकना गांव में गंगा में डूबे दो बच्चों के माता पिता का रो रो कर बुरा हाल है। राकेश की दो बेटियां गुंजा और सलोनी तथा उनके भाई रामलाल का बेटा अभिषेक बुधवार को रोजाना की भांति गांव के बगल गंगा घाट पर स्नान कर रहे थे। तभी गुंजा और अभिषेक डूब गए।जिनकी गोताखोरों द्वारा तलाश की जा रही है। वहीं परिजनों में कोहराम मचा है। राकेश की पत्नी लाली का रो रो कर बुरा हाल है।
उसके बेहोश होने पर परिवार में दूसरी मुसीबत खड़ी हो गई। उसकी तबियत बिगड़ने पर उसे सरकारी अस्पताल में भर्ती कराया है। जहां दो घंटे बाद उसकी तबियत ठीक होने पर उसे घर लाया गया। बिलखती लाली का कहना है। कि रोज रोज गंगा में स्नान के लिए मना किया था। लेकिन उसकी बात को अनसुना कर बच्चे चुपके से नहाने निकल गए।
वहीं डूबने से बची सलोनी उर्फ गीता ने बताया कि छोटी बहन गुंजा डूब रही थीं बचाने का प्रयास किया था। लेकिन हम डूबने लगे तो अपनी जान बचाने के लिए बाहर की ओर किसी तरह निकल आए और शोर मचाया। तभी गांव के कई लोग आ गए और डूबे बहन व चचेरे भाई को खोजने के लिए गंगा में कूद पड़े।
लेकिन उन्हें दोनों नहीं मिले। ग्रामीण बताते हैं। कि गांव गंगा के छोर पर बसा हुआ है। जिससे अधिकतर लोग रोजाना गंगा में स्नान करते हैं।लेकिन इधर गंगा में जलस्तर बढ़ने के चलते कम लोग ही गंगा में स्नान के लिए उतरते हैं। इसके बावजूद कुछ लोग व बच्चे रोजाना ही गंगा में नहाया करते हैं। लेकिन दो बच्चों के डूबने से लोग विशेषकर बच्चे डरे हुए हैं।
Sep 20 2023, 20:32