*विद्युत विभाग के जर्जर भवनों में जान जोखिम में डाल रहते हैं कर्मचारी*
रायबरेली। जिन कंधो पर जिले को बिजली देने की जिम्मेदारी है वही सुरक्षित नही है तो फिर किस तरह वो काम में मन लगा सकते हैं।जिला मुख्यालय और देहात में बिजली सप्लाई करने वाले विद्युत सब स्टेशन के आउट डेटेड भवन कभी भी गिरने की आशंका रहती है। आलम यह है कि रोज छत से प्लास्टर टूटकर गिरता रहता है।
सुबह ड्यूटी पर पहुंचे कर्मचारी पहले छत से गिरे प्लास्टर के टुकड़ों को बाहर फेंकते हैं। बारिश होने पर लाइन में फाॅल्ट आने पर विद्युतकर्मियों को दिक्कतों का सामना करना पड़ता है। जानकारों के अनुसार 7-8 साल में एक बार इसके लिए टेंडर कराया जाता है। जहां पर कर्मचारी व लाइन मैन दिन और रात में काम करते हैं। लेकिन 24 घंटे जिस छत के नीचे कर्मचारी काम करते हैं। बारिश के होते ही पानी टपकने लगता है और सीपेज होता है।स्टाफ भी कम इसलिए अधिक परेशानी होती है।
नगरीय क्षेत्र में पावर ट्रिप होने से लोगों के गुस्से को सामना कंट्रोल रूम के कर्मचारियों को करना पड़ता है। जबकि सबसे इंसुलेटर पंचर होने की शिकायत सामने आती है। कर्मचारी कम हैं इससे भी समस्या बनी रहती है।
जर्जर भवन निर्माण के बजट के लिए भेजा प्रस्ताव : यदुराम
बिजली विभाग के एसी प्रथम यदुराम ने बताया कि विभाग के सिविल डिपार्टमेंट को इसके लिए प्रस्ताव भेज दिया गया है। नगर में करीब आधा दर्जन जर्जर भवन हैं। जिसके लिए प्रस्ताव भेजा गया है। बाकी थोड़ा बहुत निर्माण हम लोग करा लेते हैं।
Sep 20 2023, 18:59