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इंडिया बेचैन और एनडीए खेमे में हलचल, बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के दिल्ली में जी20 समिट के दौरान राष्ट्रपति की मेजबानी में डिनर भोज खाने क

बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार जब से दिल्ली में जी20 समिट के दौरान राष्ट्रपति की मेजबानी में डिनर भोज खाकर लौटे हैं तबसे इंडिया गठबंधन में खलबली मची हुई है। एक तो प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के साथ नीतीश की हंसती-खिलखिलाती मुलाकात और फिर उनको अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडेन से मिलवाने की तस्वीर सामने आने से बिहार एनडीए में शामिल चिराग पासवान, जीतनराम मांझी और उपेंद्र कुशवाहा के पेट में दर्द होने लगा है। ये तीनों नीतीश विरोधी हैं और दो तो हाल में ही उनका साथ छोड़कर इधर आए हैं।

मोदी और नीतीश की दोस्ताना मुलाकात से इंडिया गठबंधन में अलग खलबली है जिसकी खीज लोग जी20 पर निकाल रहे हैं। आरजेडी अध्यक्ष लालू यादव ने जी20 को पैसे की बर्बाद बताकर सवाल पूछा कि इससे देश के आम लोगों को क्या मिला। प्रशांत किशोर कह रहे हैं कि नीतीश के लिए इंडिया गठबंधन दरवाजा है और एनडीए एक खिड़की है। वो जहां चाहें, जा सकते हैं। पूर्व सीएम जीतनराम मांझी कह रहे हैं कि बिहार में राजनीतिक भूचाल आने वाला है और आगे-आगे देखिए क्या होता है।

मांझी कह रहे हैं कि नीतीश के पास मोदी की शरण में आने के अलावा कोई विकल्प नहीं है। इंडिया गठबंधन में राहुल गांधी को लालू यादव ने दूल्हा बनवा दिया और नीतीश को संयोजक भी नहीं बनने दिया। मांझी ने कहा कि नीतीश के मन में कुछ नहीं होता तो वो दिल्ली में जी20 के भोज में नहीं जाते। नीतीश के मन की बात तो नीतीश ही जानें लेकिन उनके दिल्ली जाने और पीएम मोदी के साथ मुस्कुराने से काफी हलचल है।

बुधवार को दिल्ली में इंडिया गठबंधन के कोर्डिनेशन कमिटी की पहली मीटिंग है लेकिन नीतीश की पार्टी जेडीयू के अध्यक्ष ललन सिंह उसमें शामिल नहीं होंगे। उनके बदले भी कोई नहीं जाएगा। पार्टी की तरफ से कहा गया है कि वो बीमार हैं। बिहार से कमिटी में दो ही नेता हैं और दूसरे नेता आरजेडी के तेजस्वी यादव दिल्ली पहुंच गए हैं। ये तय है कि जेडीयू अध्यक्ष के नहीं जाने से सीट शेयरिंग पर जो भी बात कर लें, बिहार की बात ना शुरू हो पाएगी और ना ही पूरी हो पाएगी। लालू ने कल ही कहा था कि सीट शेयरिंग पर दिल्ली की मीटिंग में बात शुरू हो जाएगी। लेकिन बिना जेडीयू के बिहार में सीट का बंटवारा कैसे होगा।

बीते दिनों सीपीआई माले महासचिव दीपांकर भट्टाचार्य ने अपनी सीट की डिमांड आरजेडी को सौंपी और बताया कि मुंबई में यही तय हुआ है कि हर राज्य में जो सबसे बड़ी पार्टी है, उसे ही बाकी दल अपनी मांग सौंपेंगे। तो क्या बिहार में जेडीयू को अपनी विश लिस्ट आरजेडी को देनी होगी या इन दोनों के लिए बराबरी का स्पेशल केस होगा। जो नीतीश कुमार पीएम पद की नारेबाजी को लेकर कार्यकर्ताओं को शांत करा देते थे अब उनकी पार्टी के अध्यक्ष ललन सिंह ने दो दिन पहले कहा है कि नीतीश कुमार में पीएम बनने की पूरी क्षमता है।

लालू यादव ने जब जी20 को पैसे की बर्बादी बताया तो बीजेपी के राष्ट्रीय सचिव ऋृतुराज सिन्हा ने कहा कि नीतीश और पीएम मोदी के मिलने से कौन जल रहा है, ये सबको पता है। संयोग कि मोदी-नीतीश मुलाकात के अगले ही दिन केंद्र सरकार ने प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र और दूसरी योजनाओं के लिए 1942 करोड़ का फंड जारी कर दिया।

नीतीश कुछ राजनीतिक सोच के साथ गए थे या मुख्यमंत्री के पद पर रहने के कारण एक राजनेता की तरह दिल्ली गए थे, ये तो कभी पता नहीं चल पाएगा लेकिन उनके जी20 डिनर में जाने और पीएम मोदी के साथ तस्वीरें आने से एक साथ कई निशाने सध गए हैं। एक तो राहुल गांधी को इंडिया गठबंधन में आगे बढ़ाने के लिए परेशान कांग्रेस को इशारा हो गया है कि विकल्प और भी हैं। दूसरा इशारा लालू यादव को भी हो गया है कि तेजस्वी यादव का सीएम-इन-वेटिंग का इंतजार और लंबा हो सकता है अगर नीतीश को ज्यादा परेशान किया गया। राहुल गांधी को दूल्हा बताने वाले लालू यादव ने ही कहा था कि विपक्षी गठबंधन का कोई एक संयोजक नहीं होगा।

विपक्षी दलों को एकजुट करने की ज्यादातर कोशिश का श्रेय नीतीश कुमार को जाता है लेकिन पटना से लेकर मुंबई तक की तीन दौर की मीटिंग में तमाम अटकलों के बावजूद उनको संयोजक नहीं बनाने की बात जेडीयू को पसंद नहीं आई। नीतीश खुद से कुछ भी कहें लेकिन जेडीयू को उम्मीद थी कि उनके नेता को उनकी मेहनत का वाजिब सम्मान मिलेगा। वो नहीं मिला। जेडीयू के नेताओं के मन में ये बात आ रही है कि लालू यादव कांग्रेस के हिसाब से चल रहे हैं। उन्होंने राहुल गांधी की शादी की बात उठाई और दूल्हा बताया जिसका मतलब पीएम दावेदारी निकाला गया। फिर संयोजक पर भी कांग्रेस ने नीतीश पर भरोसा नहीं किया और लालू ने भी कह दिया कि कोई एक संयोजक नहीं होगा।

जी20 में नीतीश कुमार की प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से एक शिष्टाचार मुलाकात हुई और इस दौरान दोनों नेता अच्छे मूड में कैमरे में कैद हुए। इसका ये मतलब निकालना जल्दबाजी होगी कि नीतीश गठबंधन बदलने का मूड बना रहे हैं। इंडिया गठबंधन को बनाने में वो काफी आगे निकल चुके हैं। वहां से लौटना आसान नहीं है। नीतीश इंडिया गठबंधन में पूरी तरह खुश नहीं हैं लेकिन वो इसे जाहिर भी नहीं कर रहे हैं। जहां तक हो सके वो इसका खंडन भी कर देते हैं कि वो नाराज हैं। ऐसे में इस मुलाकात से और कुछ हो ना हो इंडिया गठबंधन में उनका वजन बढ़ेगा, इसमें कोई दिक्कत नहीं है।

विशेष सत्र से एक दिन पहले नई संसद पर फहराया जाएगा तिरंगा, उसी दिन है पीएम नरेंद्र मादी का जन्‍मदिन

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18 सितंबर से 22 सितंबर के बीच संसद के विशेष सत्र को बुलाया गया है। इससे एक दिन पहले 17 सितंबर को नई संसद में तिरंगा फहराया जाएगा। 17 सितंबर को राज्यसभा चेयरमैन और लोकसभा स्पीकर ओम बिरला नई संसद के गजद्वार पर तिरंगा झंडा फहराएंगे। इस दौरान पीएम नरेंद्र मोदी भी वहां मौजूद रह सकते हैं।बता दें कि उसी दिन यानी 17 सितंबर को पीएम नरेंद्र मोदी का जन्‍मदिन भी है और साथ ही विश्‍वकर्मा जयंती भी है।

संसद भवन से जुड़े सूत्रों ने बताया कि केंद्रीय लोक निर्माण विभाग ने नई इमारत का निर्माण किया है और इस विभाग ने तीन औपचारिक प्रवेश द्वारों में से एक, गज द्वार के सामने राष्ट्रीय ध्वजारोहण समारोह की तैयारी शुरू कर दी है। संसद की नई इमारत में इस तरह का पहला और औपचारिक ध्वजारोहण होगा। सूत्रों के मुताबिक 18 से 22 सितंबर तक चलने वाला विशेष सत्र पुराने भवन में शुरू होगा और फिर नए भवन में चलेगा। 19 सितंबर को पुरानी संसद भवन से नई संसद भवन में शिफ्टिंग का कार्यक्रम होगा।

माना जा रहा है कि संसद का विशेष सत्र होने के चलते केंद्र सरकार इसमें कुछ विशेष बिल ला सकती है। कुछ रिपोर्ट में यह भी दावा किया गया है कि इस सत्र में सरकार एक देश-एक चुनाव का बिल ला सकती है। संसद के विशेष सत्र को लेकर विपक्ष आक्रामक है। हाल ही में सोनिया गांधी ने चिट्ठी लिखी थी, जिसमें उन्होंने कहा था कि बिना किसी चर्चा के विशेष सत्र की घोषणा कर दी गई है।

इसी बीच नई संसद में कर्मचारियों के लिए ड्रेस कोड जारी किया गया है। इस ड्रेस कोड के तहत लोकसभा और राज्‍यसभा सचिवालय में काम करने वाले कर्मचारी अब खाकी रंग की पैंट पहनेंगे। उन्‍हें अब बंद गले का सूट नहीं पहनना होगा। इसके स्‍थान पर मैजेंटा व गहरे गुलाबी रंग की नेहरु जैकेट संसद के कर्मचारी पहने नजर आएंगे। कर्मचारियों की शर्ट गहरी गुलाबी रंग की होगी, जिनपर कमल का निशाना भी बना होगा। संसद के दोनों सदनों में मार्शल की नयी पोशाक में अब मणिपुरी पगड़ी शामिल होगी। संसद के सुरक्षा कर्मचारी नीले सफारी सूट के बजाय सेना की वर्दी जैसी पोशाक में नजर आएंगे।

देश के 40% सांसदों पर दर्ज हैं अपराधिक मामले, जानें किस दल में हैं सबसे ज्यादा दागी

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हमारे देश के लगभग 40 प्रतिशत मौजूदा सांसदों के खिलाफ आपराधिक मामले दर्ज हैं। जिनमें से 25 प्रतिशत ने हत्या, हत्या के प्रयास, अपहरण और महिलाओं के खिलाफ अपराध के तहत गंभीर आपराधिक मामले घोषित किए हैं। चुनाव अधिकार निकाय एडीआर ने यह जानकारी दी है। एडीआर ने कहा कि लोकसभा और राज्यसभा के प्रत्येक सांसद की संपत्ति का औसत मूल्य 38.33 करोड़ रुपये है और 53 (7 प्रतिशत) अरबपति हैं। 

भाजपा के 385 सांसदों में से लगभग 98 दागी

एडीआर के मुताबिक, भाजपा के 385 सांसदों में से लगभग 98 (25 प्रतिशत), कांग्रेस के 81 सांसदों में से 26 (32 प्रतिशत), तृणमूल कांग्रेस के 36 सांसदों में से सात (19 प्रतिशत),राजद के 6 सांसदों में से 3 (50 प्रतिशत), माकपा के 8 सांसदों में से 2 (25 प्रतिशत), आप के 11 सांसदों में से 1 (9 प्रतिशत) वाईएसआर कांग्रेस पार्टी के 31 में से 11 (35 प्रतिशत) और राकांपा के 8 में से 2 (25 प्रतिशत) सांसदों ने अपने हलफनामे में गंभीर आपराधिक मामले घोषित किए हैं। यह आंकड़ा सांसदों द्वारा अपने पिछले चुनाव और उसके बाद का कोई भी उप-चुनाव लड़ने से पहले दायर किए गए हलफनामों से निकाला गया है। उसके मुताबिक, विश्लेषण किए गए 763 मौजूदा सांसदों में से 306 (40 प्रतिशत) मौजूदा सांसदों ने अपने खिलाफ आपराधिक मामलों की जानकारी दी है और 194 (25 प्रतिशत) मौजूदा सांसदों ने उनके खिलाफ गंभीर आपराधिक मामले होने की जानकारी दी है, जिनमें हत्या, हत्या के प्रयास, अपहरण, महिलाओं के खिलाफ अपराध आदि से संबंधित मामले शामिल हैं।

केरल के 29 सांसदों में से 23 दागी

एडीआर ने कहा कि दोनों सदनों के सदस्यों में, केरल के 29 सांसदों में से 23 (79 प्रतिशत), बिहार के 56 सांसदों में से 41 (73 प्रतिशत), महाराष्ट्र के 65 सांसदों में से 37 (57 प्रतिशत), तेलंगाना के 24 सांसदों में से 13 (54 प्रतिशत) दिल्ली के 10 सांसदों में से पांच (50 प्रतिशत) ने अपने शपथपत्रों में उनके खिलाफ आपराधिक मामले घोषित किए हैं। 

बिहार के 56 सांसदों में से लगभग 28 (50 प्रतिशत), तेलंगाना के 24 सांसदों में से नौ (38 प्रतिशत), केरल के 29 सांसदों में से 10 (34 प्रतिशत), महाराष्ट्र के 65 सांसदों में से 22 (34 प्रतिशत) और उत्तर प्रदेश से 108 सांसदों में से 37 (34 प्रतिशत) ने अपने शपथपत्रों में गंभीर आपराधिक मामलों की जानकारी दी है।

ये हैं सबसे अमीर सांसदों वाला राज्य

एडीआर की रिपोर्ट के अनुसार, प्रति सांसद उच्चतम औसत संपत्ति वाला राज्य तेलंगाना है। यहां के सांसदों की औसत संपत्ति 262.26 करोड़ रुपये है। इसके बाद आंध्र प्रदेश की प्रति सांसद औसत संपत्ति 150.76 करोड़ रुपये है। तीसरे पर पंजाब (88.94 करोड़ रुपये ) है। सांसदों की सबसे कम औसत संपत्ति वाला राज्य लक्षद्वीप (9.38 लाख रुपये) है। इसके बाद त्रिपुरा (1.09 करोड़ रुपये), मणिपुर (1.12 करोड़ रुपये) का नंबर है।

ग्यारह मौजूदा सांसदों ने हत्या (भारतीय दंड संहिता धारा-302) से संबंधित मामलों , 32 मौजूदा सांसदों ने हत्या के प्रयास (आईपीसी धारा-307) के मामलों जबकि 21 मौजूदा सांसदों ने महिलाओं के खिलाफ अपराध से संबंधित मामलों की घोषणा की है। इन 21 सांसदों में से चार सांसदों ने दुष्कर्म (आईपीसी धारा-376) से संबंधित मामलों की घोषणा की है।

अयोध्या में श्रीरामजन्मभूमि में खुदाई के दौरान मिले प्राचीन मंदिर के अवशेष, चंपत राय ने शेयर की तस्वीरें

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अयोध्या में बन रहे भव्य राम मंदिर की निर्माण प्रक्रिया अब अपने अंतिम चरण की तरफ हैं।राम मंदिर के निर्माण का काम तय समय पर पूरा करने के लिए निर्माण कार्य तेजी से चल रहा है।ऐसे में राम मंदिर को बनाए जाने के लिए हुई खुदाई के दौरान प्राचीन मंदिर के अवशेष मिले हैं। श्रीराम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट के महासचिव चंपत राय ने इससे संबंधित एक तस्वीर सोशल मीडिया पर शेयर कर इसकी जानकारी दी है।

चंपत राय ने सोशल मीडिया साइट एक्स पर एक फोटो शेयर की। इसमें खंभे, मूर्तियां, पत्थर, शिलालेख नजर आ रहे हैं। उन्होंने इसके साथ ही जानकारी देते हुए लिखा कि श्री रामजन्मभूमि पर खुदाई में मिले प्राचीन मंदिर के अवशेष। इसमें अनेकों मूर्तियाँ और स्तंभ शामिल हैं। हालांकि, इन अवशेषों को लेकर इससे अधिक कोई भी जानकारी शेयर नहीं की गई है। मंदिर परिसर में इन अवशेष को श्रद्धालुओं के दर्शन के लिए रखा गया है। 

कितना हुआ काम?

श्रीराम जन्मभूमि मंदिर का काम तेजी से पूरा किया जा रहा है। अब तक सामने आई जानकारी के मुताबिक, मंदिर के प्रथम तल का निर्माण कार्य पूरा किया जा चुका है। वहीं, द्वितीय तल को पूरा करने का काम किया जा रहा है। इसके साथ ही मंदिर की दीवार, पत्थरों और स्तंभों पर नक्काशी का काम भी चल रहा है। ऐसी संभावना है कि इस साल के आखिर तक मंदिर निर्माण का कार्य पूरा हो जाएगा।

कब होगा उद्घाटन?

यूपी के सीएम योगी आदित्यनाथ ने भी कहा था कि अयोध्या में चल रहे राम मंदिर के काम को निश्चित समय सीमा में पूरा करें। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने हाल ही में पीएम मोदी से मुलाकात कर के उन्हें मंदिर के उद्घाटन के लिए निमंत्रण दिया था। ऐसी संभावना है कि 21 से 23 जनवरी, 2024 के बीच की तारीख को मंदिर का उद्घाटन हो सकता है।

भाजपा केंद्रीय चुनाव समिति की बैठक आज, मध्यप्रदेश और छत्तीसगढ़ के उम्मीदवारों की दूसरी सूची पर लग सकती है मुहर

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पांच राज्यों मध्य प्रदेश, छत्तीसगढ़, राजस्थान, तेलंगाना और मिजोरम में इसी साल नवंबर-दिसंबर में विधानसभा चुनाव होने वाले हैं। सभी दलों ने चुनाव की तैयारियां शुरू कर दी है। इसी क्रम में भारतीय जनता पार्टी केंद्रीय चुनाव समिति की आज अहम बैठक दिल्ली में होने जा रही है। इस बैठक में पीएम मोदी, जेपी नड्डा और अमित शाह भी शामिल होंगे। माना जा रहा है कि आज की अहम बैठक में आने वाले विधानसभा चुनावों में उम्मीदवारों की लिस्ट पर अंतिम मुहर लग सकती है।

भाजपा केंद्रीय चुनाव समिति की ये मीटिंग शाम 5 बजे होनी है। समाचार एजेंसी पीटीआई के मुताबिक, बीजेपी की चुनाव समिति की बैठक की अध्यक्षता प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी करेंगे। मीटिंग में समिति के सदस्य चल रही चुनावी तैयारियों की समीक्षा करेंगे, चुनावी रणनीति तैयार होगी और फीडबैक लिया जाएगा। इसके साथ ही मीटिंग में उम्मीदवारों का चयन भी आज हो सकता है।

इस बैठक में मध्यप्रदेश और छत्तीसगढ़ के उम्मीदवारों की दूसरी सूची पर मुहर लग सकती है। मध्यप्रदेश की 40 से 45 और छत्तीसगढ़ की 21 से 25 नामों पर बीजेपी सीईसी मुहर लगा सकता है। मध्यप्रदेश की बी और सी कैटेगरी और छत्तीसगढ़ की सी और डी कैटेगरी सीटों पर उम्मीदवारों के नाम की सूची पर अंतिम लगेगी। एमपी (39) और छत्तीसगढ़ (19) के सी और डी कैटेगरी सीटों पर उम्मीदवारों की पहली सूची 3 हफ्ते पहले ही तय की जा चुकी है। आज रात या कल तक उम्मीदवारों के नामों का ऐलान भी किया जा सकता है।

बता दें कि अपनी परंपरा से हटते हुए भाजपा ने इस बार विधानसभा चुनाव की तारीखों की घोषणा होने से काफी पहले ही अपने उम्मीदवारों के नामों की घोषणा शुरू कर दी है। इसके पहले मंगलवार को अमित शाह के घर छत्तीसगढ़ को लेकर एक अहम बैठक हुई, जिसमें राज्य के आला नेताओं के साथ बीजेपी अध्यक्ष जेपी नड्डा भी शामिल थे। पिछले महीने हुई केंद्रीय चुनाव समिति की बैठक में बीजेपी ने मध्य प्रदेश के लिए 39 और छत्तीसगढ़ के लिए 21 उम्मीदवारों के नाम की लिस्ट जारी की थी। इसमें से अधिकतर सीट ऐसी थीं, जिस पर बीजेपी ने पिछले चुनाव में हार का सामना किया था।

भाजपा के खिलाफ विपक्षी दलों में कैसे बटेंगी सीटें, शरद पवार के आवास पर आज I.N.D.I.A. गठबंधन की बैठक में होगा फैसला, यहां पढ़िए पूरी रिपोर्ट

विपक्षी I.N.D.I.A. ब्लॉक की समन्वय समिति आज बुधवार (13 सितंबर) को अपनी पहली बैठक आयोजित करने के लिए तैयार है और विवरण के अनुसार, कई विपक्षी दलों के नेताओं ने जल्द सीट-बंटवारे के फॉर्मूले पर काम करने की मांग की है, ताकि यह सुनिश्चित किया जा सके कि लोकसभा सीटों पर भाजपा के उम्मीदवारों के खिलाफ विपक्ष की ओर से एक संयुक्त उम्मीदवार खड़ा किया जाए। 

कई विपक्षी नेताओं ने कहा कि पार्टियों को इस तरह के फॉर्मूले पर पहुंचने के लिए "अपने अहंकार" और "निहित स्वार्थों" को छोड़ना होगा। विपक्ष के 14 सदस्यीय महत्वपूर्ण पैनल की बैठक 13 सितंबर की शाम को नई दिल्ली में राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (NCP) के अध्यक्ष शरद पवार के आवास पर होगी। हालांकि मानदंडों पर कोई निर्णय नहीं लिया गया है, यह हाल के चुनावों में किसी विशेष सीट पर पार्टियों के प्रदर्शन पर आधारित होने की संभावना है। सीट बंटवारे के मुद्दे पर विचार किया जाएगा, भले ही बुधवार की बैठक में इसे अंतिम रूप नहीं दिया जा सके। सूत्रों के हवाले से बताया गया है कि विपक्षी नेता, भाजपा से मुकाबला करने के लिए चुनाव अभियान का व्यापक खर्च भी उठाएंगे।

शरद पवार से ठाकरे ने की मुलाकात 

इससे पहले मंगलवार को, विपक्षी गठबंधन भारत की समन्वय समिति की पहली बैठक की पूर्व संध्या पर, शिवसेना (UBT) प्रमुख उद्धव ठाकरे ने मुंबई में शरद पवार से मुलाकात की, जहां उनकी बैठक लगभग 90 मिनट तक चली। पत्रकारों से बात करते हुए, NCP (शरद पवार गुट) की राज्य इकाई के प्रमुख जयंत पाटिल, जो शिवसेना (UBT) सांसद संजय राउत के साथ बैठक का हिस्सा थे, ने कहा कि I.N.D.I.A. ब्लॉक के समन्वय पैनल की बैठक और महाराष्ट्र की वर्तमान राजनीतिक स्थिति पर चर्चा हुई।

पाटिल ने कहा कि महाराष्ट्र, जो लोकसभा में 48 सांसदों को भेजता है, राज्य में विपक्षी सहयोगियों के बीच उत्तर प्रदेश के बाद दूसरा सबसे बड़ा सीट-बंटवारे की व्यवस्था जल्द ही संपन्न हो जाएगी। राज्य के पूर्व मंत्री ने कहा, ठाकरे, पवार और कांग्रेस नेता नाना पटोले, बालासाहेब थोराट और अशोक चव्हाण सीट बंटवारे पर चर्चा करेंगे। उन्होंने कहा कि पिछले लोकसभा चुनाव में भाजपा या उसके सहयोगियों द्वारा जीती गई 25 सीटें महा विकास अघाड़ी (MVA) के तीन सहयोगियों के बीच उचित रूप से वितरित की जाएंगी।

विपक्ष की चुनावी रणनीति

विपक्ष के I.N.D.I.A. गठबंधन की समन्वय सह चुनाव रणनीति समिति में 14 सदस्य हैं - केसी वेणुगोपाल (कांग्रेस), टीआर बालू (DMK), हेमंत सोरेन (JMM), संजय राउत (शिवसेना-UBT), तेजस्वी यादव (RJD), राघव चड्ढा (AAP), जावेद अली खान (सपा), ललन सिंह (JDU), डी राजा (CPI), उमर अब्दुल्ला (नेशनल कॉन्फ्रेंस), महबूबा मुफ्ती (PDP), अभिषेक बनर्जी (TMC), और CPIM से एक सदस्य है।  

सीएम ममता बनर्जी के भतीजे अभिषेक बनर्जी, जिन्हें प्रवर्तन निदेशालय ने उसी दिन पेश होने के लिए बुलाया था, बैठक में शामिल नहीं होंगे। CPIM ने अभी तक समिति के लिए किसी सदस्य को नामित नहीं किया है और वह बैठक में भी अनुपस्थित रहेगी। पार्टी सूत्रों ने कहा कि CPIM का प्रतिनिधित्व कौन करेगा, इसका फैसला 16-17 सितंबर को होने वाली पोलित ब्यूरो की बैठक में लिया जाएगा। बता दें कि, जून में पटना में विपक्षी गुट की पहली बैठक में यह निर्णय लिया गया कि लोकसभा चुनाव के लिए प्रत्येक सीट से सबसे मजबूत उम्मीदवार को चुना जाएगा। 

गठबंधन की तीसरी बैठक के बाद 1 सितंबर को जारी प्रस्ताव में कहा गया है कि पार्टियां "जहां तक संभव हो" एक साथ चुनाव लड़ेंगी, और विभिन्न राज्यों में सीटों के बंटवारे की व्यवस्था "तुरंत शुरू" की जाएगी और "जल्द से जल्द" संपन्न की जाएगी।" विपक्षी नेताओं के अनुसार, जहां महाराष्ट्र, तमिलनाडु और बिहार जैसे राज्यों को सुलझा लिया गया है, वहीं दिल्ली, पंजाब और पश्चिम बंगाल जैसे अन्य राज्य चुनौतीपूर्ण होने की संभावना है। बैठक में आने वाले दिनों में होने वाले अभियानों और रैलियों को अंतिम रूप देने पर भी ध्यान दिया जाएगा।

लैंड फॉर जॉब मामले में आरजेडी सुप्रीमो लालू प्रसाद यादव की बढ़ने वाली हैं मुश्किलें, केंद्रीय गृह मंत्रालय ने सीबीआई को केस चलाने की दी मंजूरी

लैंड फॉर जॉब मामले में आरजेडी सुप्रीमो लालू प्रसाद यादव की मुश्किलें बढ़ने वाली हैं। केंद्रीय गृह मंत्रालय ने सीबीआई को केस चलाने की मंजूरी दे दी है। कोर्ट में सीबीआई ने यह जानकारी दी है। मामले की अगली सुनवाई 21 सितंबर को होगी। सीबीआई के मुताबिक जमीन के बदले नौकरी देने के मामले में गृह मंत्रालय ने उसे नई चार्जशीट के तहत केस चलाने की मंजूरी दे दी है। हालांकि, तीन रेलवे अधिकारियों के मामले में अभी तक उसे मंजूरी नहीं मिली है। 

जानकारी के मुताबिक सीबीआई ने मंगलवार को दिल्ली की राउज एवेन्यू कोर्ट को सूचित किया कि आरजेडी सुप्रीमो लालू प्रसाद यादव के खिलाफ कथित लैंड फॉर जॉब घोटाले में जो ताजा चार्जशीट दाखिल की गई है, उस संबंध में गृह मंत्रालय से मंजूरी प्राप्त कर ली गई है। सीबीआई के मुताबिक तीन रेलवे अधिकारियों के खिलाफ केस चलाने की अभी तक मंजूरी नहीं मिली है। जांच एजेंसी का कहना है कि एक हफ्ते के भीतर अन्य आरोपियों के खिलाफ भी मंजूरी मिलने की उम्मीद है। कोर्ट ने फिलहाल मामले की अगली सुनवाई 21 सितंबर तय की है।

बता दें कि यह कथित घोटाला 2004 से 2009 के बीच का है जब लालू यादव यूपीए सरकार में रेल मंत्री थे। आरोप है कि लालू के रेल मंत्री रहते हुए रेलवे में कई पदों पर नियमों की अनदेखी करके लोगों को नौकरी दी गई थी। इसकी एवज में बहुत कम दाम में बेशकीमती जमीनें पटना, दिल्ली, मुंबई समेत अन्य शहरों में लालू परिवार के सदस्यों के नाम कराई गई थीं। सीबीआई ने नई चार्जशीट में लालू के बेटे एवं बिहार के डिप्टी सीएम तेजस्वी यादव को भी आरोपी बनाया है। इसके अलावा पूर्व सीएम राबड़ी देवी, राज्यसभा सांसद मीसा भारती एवं लालू परिवार के अन्य सदस्य और करीबी भी शामिल हैं।

यूपी बिग ब्रेकिंग : सपा नेता आजम खां के तीस ठिकानों पर आयकर की छापेमारी, गेट कूदकर खुलवाया दरवाजा, खंगाले जौहर ट्रस्ट के खाते

भाजपा की सरकारों पर निशाने पर आए आजम खां के रामपुर स्थित आवास व कार्यालयों पर आायकर विभाग ने छापा मारा है। जानकारी के अनुसार रामपुर के साथ प्रदेश के विभिन्न शहरों में आजम खां के आफिसों पर आयकर विभाग की छापेमारी की जा रही है। रामपुर में करीब 22 जगहों पर आयकर विभाग के अधिकारी छापेमारी कर रहे हैं। एसएसबी के जवानों व पुलिस ने आजम खां के मकान को घेर लिया है और किसी को अंदर जाने व घर से बाहर आने नहीं दिया जा रहा है।

गेट कूदकर खुलवाया दरवाजा

खबर मिली है कि बुधवार सुबह करीब छह बजे आयकर विभाग की टीम आजम खां के आवास पर पहुंची थी। दरवाजा खटखटाने पर जब दरवाजा नहीं खुला तो सुरक्षा बल ने गेट से कूदकर गेट को खुलवाया है। इससे पहले आयकर विभाग की टीम ने आजम खां के आवास पर लगे सीसीटीवी कैमरों की दिशा भी बदल दी थी। मीडिया रिपोर्ट में बताया गया है कि रामपुर के अलावा आजम खां के मेरठ, गाजियाबाद, सहारनपुर, सीतापुर, लखनऊ तथा मध्य प्रदेश के कार्यालयों में आयकर विभाग की टीमें छापेमारी कर रही हैं। आयकर विभाग की टीम जब आजम खां के आवास पर पहुंची तो वह घर पर थे। छापेमार टीम के साथ केंद्रीय सुरक्षा बल भी मौजूद है। करीब एक दर्जन वाहनों से आायकर विभाग के अधिकारी पहुंचे हैं। बताया जा रहा है कि आयकर विभाग जौहर विश्वविद्यालय के ट्रस्ट के खातों की जांच कर रही है। मौके पर मौजूद मीडिया कर्मियों ने आयकर विभाग की टीम से बात करनी चाही, लेकिन किसी ने कोई जवाब नहीं दिया है।

ट्रस्ट से जुड़े लोगों के घर पर छापे

रामपुर में मौहम्मद अली जौहर यूनिवर्सिटी की जांच के लिए अल जौहर ट्रस्ट के खातों को चेक किया जा रहा है। ट्रस्ट से जुड़े नसीर खां के साथ जौहर विश्वविद्यालय आदि में आायकर टीमें खातों की जांच कर रही हैं। छापे की सूचना मिलने पर सपा कार्यकर्ता आाजम खां के आवास के बाहर एकत्र होने लगे हैं। केंद्रीय सुरक्षा बल के साथ पुलिस को भी तैनात किया गया है। गौरतलब है कि सपा नेता आजम खान 10 बार रामपुर से विधायक रहे हैं और दो बार सांसद भी रह चुके हैं। उनकी पत्नी तजीन फातिमा भी सांसद रहीं हैं और बेटा अब्दुल्लाह आजम भी पूर्व विधायक है। जौहर यूनिवर्सिटी को बनाने में उन पर कई आरोप लगे हैं और करीब 90 मुकदमें भी आजम खान पर चल रहे हैं।

अब सेब पर सियासत ! प्रियंका वाड्रा के आरोप पर केंद्र सरकार ने जारी किया स्पष्टीकरण

केंद्र सरकार ने मंगलवार (12 सितंबर) को अमेरिकी सेब, अखरोट और बादाम पर अतिरिक्त शुल्क हटाने पर एक बयान जारी करते हुए कहा कि इस फैसले से घरेलू सेब, अखरोट और बादाम उत्पादकों पर कोई नकारात्मक प्रभाव नहीं पड़ेगा। वाणिज्य और उद्योग मंत्रालय ने एक आधिकारिक बयान में कहा है कि अमेरिकी सेब और अखरोट पर 50 प्रतिशत और 100 प्रतिशत का MFN (मोस्ट फेवर्ड नेशन) शुल्क लागू रहेगा, क्योंकि केवल 20 प्रतिशत अतिरिक्त शुल्क हटाया गया है। आधिकारिक बयान के अनुसार, अमेरिकी बादाम पर MFN दर 100 रुपये प्रति किलोग्राम लागू रहेगी, क्योंकि केवल अतिरिक्त MFN दर 20 रुपये प्रति किलोग्राम हटा दी गई है।

केंद्र सरकार का यह स्पष्टीकरण तब आया है, जब कांग्रेस नेता प्रियंका गांधी वाड्रा ने सरकार पर अमेरिकी सेब पर अतिरिक्त आयात शुल्क हटाने के बाद, देश के सेब किसानों के बजाय अमेरिका में सेब उत्पादकों की मदद करने का आरोप लगाया था। बाढ़ से हुई तबाही की समीक्षा करने के लिए हिमाचल प्रदेश में मौजूद प्रियंका गांधी वाड्रा ने मीडिया को बताया कि अमेरिका से आने वाले सेब पर टैरिफ कटौती के केंद्र सरकार के कदम से राज्य के किसानों पर प्रतिकूल प्रभाव पड़ेगा। उन्होंने पुछा कि 'इससे आयात (अमेरिकी सेब का) आसान हो जाएगा और वे आसानी से बेचे जाएंगे। शिमला में सेब की खरीद की कीमतें बड़े उद्योगपतियों द्वारा कम कर दी गई हैं। जब सेब उत्पादक यहां पीड़ित हैं, तो किसकी मदद की जानी चाहिए? वे, या अमेरिका में किसान?

सरकार की ओर से आया स्पष्टीकरण

प्रियंका गांधी के इन आरोपों पर वाणिज्य और उद्योग मंत्रालय ने कहा कि अतिरिक्त शुल्क हटाने से सेब, अखरोट और बादाम के घरेलू उत्पादकों को नुकसान नहीं होगा। बल्कि, इसके परिणामस्वरूप इन उत्पादों के प्रीमियम बाजार खंड में उचित प्रतिस्पर्धा होगी, जिससे भारतीय उपभोक्ताओं के लिए प्रतिस्पर्धी कीमतों पर बेहतर गुणवत्ता सुनिश्चित होगी। केंद्रीय वाणिज्य मंत्री पीयूष गोयल ने कहा कि भारत और अमेरिका ने अमेरिकी सेब और अखरोट पर अतिरिक्त शुल्क हटाने का निर्णय लिया, क्योंकि दोनों देशों ने अपने-अपने उत्पादों पर लगाए गए शुल्क हटा दिए हैं।

गोयल ने मीडिया से बात करते हुए कहा कि, 'उन्होंने (अमेरिका ने) भारतीय उत्पादों पर लगाए गए अतिरिक्त शुल्क हटा दिए और भारत ने भी सेब और अखरोट सहित अमेरिकी उत्पादों पर जवाबी शुल्क वापस ले लिया।' बता दें कि, भारत से कुछ स्टील और एल्यूमीनियम उत्पादों पर टैरिफ बढ़ाने के अमेरिका के फैसले के जवाब में 2019 में अमेरिकी सेब, अखरोट और बादाम पर 20 प्रतिशत अतिरिक्त शुल्क लगाया गया था। सरकार ने कहा कि अमेरिकी सेब पर आयात शुल्क लगाए जाने के बाद न्यूजीलैंड, भारत के प्रमुख सेब निर्यातक के रूप में उभरा है।

सरकार ने कहा कि अतिरिक्त शुल्क हटाने से अब उन देशों के बीच निष्पक्ष प्रतिस्पर्धा सुनिश्चित होगी, जो भारत को इन उत्पादों का निर्यात कर रहे हैं। भारतीय बाजार को अमेरिका और अन्य देशों से कम गुणवत्ता वाले सेब की आमद से बचाने के लिए, सरकार ने कहा कि उसने भूटान को छोड़कर सभी देशों के सेब के लिए 50 रुपये प्रति किलोग्राम का न्यूनतम आयात मूल्य (MIP) लगाया है।

हिंदू जागरण मंच का अनूठा विरोध! इंदौर में मंदिर की सीढ़ियों पर लगाई उदयनिधि की फोटो, पैर रखकर जा रहे भक्त

 हिन्दू धर्म पर विवादित बयान देने वाले तमिलनाडु के सीएम के बेटे एवं मंत्री उदयनिधि स्टालिन का खूब विरोध हो रहा है। उदयनिधि के विरुद्ध दिल्ली-उत्तर प्रदेश, मुंबई के पश्चात् अब मध्य प्रदेश में अनोखा विरोध हुआ है। यहां लोगों ने मंदिर की सीढ़ियों पर उदयनिधि की फोटो लगाई है, जिस पर श्रद्धालु पैर रखकर आते-जाते हैं। 

 बता दें कि बीते दिनों सनातन धर्म को लेकर उदयनिधि स्टालिन ने विवादित टिप्पणी की थी, जिसके चलते उनका पूरे देश में विरोध आरम्भ हो गया। इसी कड़ी में इंदौर में हिंदू जागरण मंच के कार्यकर्ताओं ने उदयनिधि स्टालिन के खिलाफ अनूठे तरीके से विरोध प्रदर्शन किया है। हिंदू जागरण मंच के कार्यकर्ताओं ने अपने इलाके में उपस्थित एक मंदिर की सीढ़ी पर उदयनिधि स्टालिन की तस्वीर लगा दी। अब यहां जो भी श्रद्धालु भगवान के दर्शन करने के लिए मंदिर में आ रहे हैं, पहले उदयनिधि की फोटो पर पैर रखकर पैर साफ कर रहे हैं, तत्पश्चात, मंदिर में प्रवेश कर रहे हैं। बता दें कि लोकप्रिय कथा वाचक प्रदीप मिश्रा ने सनातन धर्म पर इस प्रकार की टिप्पणी करने वालों को डेंगू और मलेरिया कहकर संबोधित किया है।

हिंदू जागरण मंच इंदौर के जिला संयोजक कन्नू मिश्रा ने कहा कि हमारी भावनाओं को चोट पहुंचाई है, इसलिए मंत्री के बेटे का फोटो हमने मंदिर की सीढ़ियों पर लगाया है। हम उसका विरोध कर रहे हैं, आगे भी आंदोलन करेंगे। उदयनिधि स्टालिन ने जिस प्रकार से सनातन को लेकर टिप्पणी की है, उसके चलते उनका अलग प्रकार से विरोध किया जा रहा है। आगे भी इसी प्रकार अलग-अलग स्थानों पर विरोध होगा।