डुमरी उपचुनाव में दोनों प्रमुख महिला प्रत्याशी आमने सामने, देखना है जन्माष्टमी में किन्हें मिलेगा विजय का आशीर्वाद
गिरिडीह: डुमरी विधानसभा उपचुनाव में उम्मीदवार रहे कुल 6 प्रत्याशियों में से केवल दो मुख्य दावेदारों के भाग्य का फैसला होना है। जहां दोनों गठबंधन के सिपहसलार मतदान पश्चात बीती रात से ही जोड़-घटाव करने और बूथों में पड़े वोटो की गणना का आकलन करने में बेचैन हैं। वही मतदाताओं में भी खासी बेचैनी देखी जा रही है।कहा जा रहा है कि चौक चौराहे पर परिणाम पूर्व चर्चा का बाजार गर्म है,लेकिन कोई स्वयं के खुलासे नहीं कर रहे हैं। कोई भी मतदाता अपने गठबंधन दल के प्रत्याशी को लेकर सीना ठोक कर जीत का दावा जहां नहीं कर पा रहे हैं,वहीं अधिकांश मतदाताओं की बोलती भी बंद है।मतदाता स्पष्ट नहीं कर पा रहे हैं कि लोकतंत्र के महापर्व में उनका योगदान किसी ओर रहा।
हालांकि अभी सभी ईवीएम सुरक्षित रूप से गिरिडीह में बने मतगणना से पूर्व स्ट्रांग रूम में रखे हैं। लेकिन अगले शुक्रवार के सुबह की बेचैनी इस बार डुमरी विधानसभा चुनाव के मुख्य दोनो महिला प्रत्याशियों इंडिया और एनडीए में भी बढ़ती जा रही होगी। इंडिया प्रत्याशी बेबी देवी को यदि जीत हासिल होती है तो झारखंड सरकार के मंत्रिमंडल में उनकी जगह जहां बरकरार रहेगी, वही एनडीए प्रत्याशी यशोदा देवी पहली बार झारखंड विधानसभा में पहुंचने में कामयाबी हासिल कर लेंगी।
साथ ही बताया जाता है कि चुनाव में पूर्व की चुनाव की भांति मुस्लिम वोटो का ध्रुवीकरण के प्रयास को कामयाबी नहीं मिलने के संकेत मिल रहे हैं। जिससे मतदान से पूर्व डुमरी उपचुनाव के त्रिकोणीय संघर्ष होने का दावा जहां खोखला साबित होता नजर आ रहा है। वही अब टक्कर बिलकुल आमने-सामने की दिख रही है।
चाहे जो भी हो झारखंड में हुए इस अंतिम उपचुनाव में बोकारो और गिरिडीह जिलों के प्रशासन की सफलता साफ झलक रही है।यह चुनाव वास्तव में शांतिपूर्ण ढंग से और निष्पक्ष रूप से संपन्न कराने में उन्हें सफलता हाथ लगी है।
जबकि इस चुनाव हेतु घोषणा के समय से ही नामांकन प्रपत्रों के क्रय विक्रय,प्रपत्रों के परिपूर्ण कर प्रस्तुतिकरण,नाम वापसी,चुनाव प्रचार,मतदान आदि समस्त कार्यों की अवधि में मीडिया चाहे वह प्रिंट, इलेक्ट्रॉनिक टीवी चैनल,डिजीटल आदि सभी की भूमिका अहम रही,जिससे डुमरी ने देश भर में सुर्खियां बटोरीं।इस दौरान खबरनवीशों की सच्ची व निष्पक्ष पत्रकारिता से आम लोग रूबरू हुए।
इधर मतदाताओं ने भी दिल खोलकर मतदान में भाग लिया,जिसमें महिला मतदाताओं की भागेदारी सबसे अधिक रही।अब देखना है कि किस ओर पटाखे फूटेंगे, मिठाइयां बटेंगे,फूल मालाओं के ढेर लगेंगे।लेकिन इतना तय है कि आगामी लोकसभा एवं विधान सभा चुनावों में भी बहुत देरी नहीं है।जिसका सामना पुनः करना पड़ेगा।
Sep 06 2023, 21:55