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'गंगा मैया की जय कहना डूब मरने वाली बात, मुसलमानों ने चूड़ियां नहीं पहनीं..', कांग्रेस नेता अजीज कुरैशी के नफरती बोल, वीडियो वायरल

उत्तर प्रदेश और उत्तराखंड के पूर्व गवर्नर और कांग्रेस के दिग्गज नेता अजीज कुरैशी ने स्टेज से नफरती बयान दिया है। कहा कि कांग्रेस के कुछ लोग हिंदुत्व की धार्मिक यात्राओं के बारे में बात करते हैं। जय गंगा मैया की, जय नर्मदा मैया के नारे लगाते हैं। यह बड़े शर्म की बात है, डूब मरने वाली बात है। कांग्रेस नेता ने मूर्ति पूजा पर कट्टरपंथियों वाली नफरत को भी दोहराया। अजीज कुरैशी ने धमकी भरे लहजे में कहा कि 'मुझे कांग्रेस से निकालना हो तो निकाल देना, लेकिन पार्टी दफ्तर में मूर्तियां बिठाना डूब मरने की बात है।'

उन्होंने कहा कि, 'मुझे कोई डर नहीं, निकाल देना पार्टी से। नेहरू के वारिस आज धार्मिक यात्राएं निकालते हैं, गंगा मैया की जय बोलते हैं, गर्व से कहो मैं हिंदू हूं। प्रदेश कांग्रेस के दफ्तर में मूर्तियां बिठाते हैं, ये डूब मरने की बात है।' कांग्रेस नेता अजीज कुरैशी ने सख्त लहजे में कहा कि 'देश की सभी पार्टियां, जिसमें कांग्रेस का नाम भी शामिल है। उनसे मैं कहना चाहता हूं वह अच्छी तरह समझ लें कि मुसलमान आपका गुलाम नहीं है। मुसलमान क्यों वोट दे आपको, नौकरी आप देते नहीं, पुलिस, सेना, नौसेना में आप मुसलमानों को लेते नहीं, फिर मुस्लिम आपको क्यों वोट दे।  

अजीज कुरैशी ने कहा कि 22 करोड़ मुसलमान में से यदि एक-दो करोड़ मर भी जाएं, तो कोई बात नहीं। उन्होंने कहा कि, 'जब पानी हद से गुजर जाएगा, तो मुस्लिमों ने हाथों में चूड़ियां नही पहन रखी हैं।' अजीज कुरैशी ने कहा कि, 'मैंने इसलिए कहा है क्योंकि देश में मुस्लिम, दहशत के साये में जी रहा है। मुस्लिमों को डराया धमकाया जा रहा है।' वहीं कांग्रेस के धार्मिक कार्यों के प्रति अपनी नफरत जाहिर करते हुए अजीज कुरैशी ने कहा कि, 'कांग्रेस पार्टी बीच-बीच में हिंदुत्व की बात करने लगती है, जो सरासर गलत है। जैसे कांग्रेस दफ्तर में पूजा हो, मूर्तियां रखी जाएं, जय श्री राम के नारे लगें, यह नेहरू के ख्वाब की हत्या करना है। कांग्रेस सेक्युलर पार्टी है, मगर कुछ लोग हैं, जो इससे हटने का प्रयास कर रहे हैं उनको रोकने में लगा हूं।' 

हालाँकि, गौर करने वाली बात ये भी है कि, आज तक कांग्रेस इस्लामी टोपियां पहनकर देश या प्रदेश स्तर पर हर साल इफ्तार पार्टियों का आयोजन करते आई है, लेकिन, उस समय तक अजीज कुरैशी को कांग्रेस के धार्मिक होने से दिक्कत नहीं थी, लेकिन जब गंगा मैया, नर्मदा मैया की जय के नारे कांग्रेस नेता (कमलनाथ-दिग्विजय सिंह) लगा रहे हैं, तो अजीज कुरैशी उन्हें सेकुलरिज्म का पाठ पढ़ाने लगे हैं। यानी अजीज मियां की धर्मनिरपेक्षता एकतरफ़ा है, यहाँ तक कि इसे हिन्दू धर्म के प्रति उनकी नफरत भी कहा जा सकता है। क्योंकि, उन्होंने स्पष्ट रूप से आपत्ति ही इस बात पर जताई है कि, कांग्रेस दफ्तर में मूर्तियां रखना गलत है, नर्मदा मैया की जय कहना डूब मरने वाली बात है, ये सब अजीज कुरैशी को नेहरू की विचारधारा के खिलाफ लगता है। 

अब ये तो कांग्रेस को स्पष्ट करना चाहिए कि, क्या गंगा मैया की जय बोलना नेहरू के सिद्धांतों के खिलाफ है ? क्या कांग्रेस कभी हिन्दू हित में बात नहीं कर सकती, करेगी तो अजीज मियां पार्टी को सांप्रदायिक ठहरा देंगे ? दिग्विजय सिंह नर्मदा यात्रा निकालेंगे तो, अजीज कुरैशी के अनुसार ये डूब मरने वाली बात होगी ? क्योंकि जब तक दिग्विजय सिंह, भगोड़े इस्लामी उपदेशक और कई युवाओं को आतंकी बनाने वाले जाकिर नाइक को शांति का मसीहा और आतंकी मसूद अज़हर को साहब बता रहे थे, तब तक अजीज मियां खामोश थे। अब मध्य प्रदेश में चुनाव हैं, तो पूर्व सीएम कमलनाथ ने नर्मदा जल के साथ टैंकर कलश यात्रा निकाली थी, शायद यही अजीज कुरैशी को पसंद नहीं आया हो या फिर बीते कुछ वर्षों से कांग्रेस के प्रमुख नेता राहुल गांधी का मंदिर दर्शन उन्हें खटका हो। हालाँकि, अब ये देखना भी दिलचस्प होगा कि, क्या कांग्रेस अपने नेता के भड़काऊ बयानों पर उनसे स्पष्टीकरण मांगेगी ? या फिर उनकी सलाह मानकर धार्मिक यात्राओं में शामिल होना, दफ्तर में मूर्तियां रखना और नर्मदा मैया कि जय बोलना बंद कर देगी ? साथ ही ये भी देखने लायक होगा कि, क्या अदालत इसे हेट स्पीच मानकर इसपर संज्ञान लेगी ?

26/11 मुंबई हमलों के आरोपी तहव्वुर राणा के प्रत्यर्पण पर अमेरिकी कोर्ट ने लगाई रोक, भारत के प्रयासों को झटका

#us_court_stays_extradition_of_26_11_mumbai_attack_accused_tahawwur_rana 

26/11 मुंबई आतंकी हमले के आरोपी और पाकिस्तानी मूल के कनाडाई व्यवसायी तहव्वुर राणा के भारत प्रत्यर्पण पर अमेरिका ने रोक लगा दी है। बाइडन प्रशासन की अपील को खारिज करते हुए एक अमेरिकी अदालत ने तहव्वुर राणा के भारत प्रत्यर्पण पर रोक लगाने का आदेश दिया है। राणा मुंबई में 2008 में हुए आतंकवादी हमले में शामिल होने के मामले में भारत में मुकदमे का सामना कर रहा है।

दरअसल, अमेरिकी शहर कैलिफॉर्निया के सेंट्रल डिस्ट्रिक्ट के यूनाइटेड स्टेट्स डिस्ट्रिक्ट जज डेल एस फिशर ने दो अगस्त को राणा की बंदी प्रत्यक्षीकरण रिट याचिका को खारिज कर दिया था। इस आदेश के खिलाफ उसने नौवें सर्किट कोर्ट में अपील की थी कि सुनवाई तक उसे भारत को न सौंपा जाए। इसी को लेकर, डिस्ट्रिक्ट जज डेल एस. फिशर ने 18 अगस्त को एक नया आदेश जारी किया। उन्होंने कहा कि राणा के प्रत्यर्पण पर रोक लगाने की मांग करने वाले एकतरफा आवेदन को मंजूरी दी जाती है। उन्होंने सरकार की उन सिफारिशों को भी खारिज कर दिया, जिसमें कहा गया था कि राणा के प्रत्यर्पण पर कोई रोक नहीं होनी चाहिए। न्यायाधीश ने कहा कि राणा के भारत प्रत्यर्पण पर नौवें सर्किट कोर्ट के समक्ष उसकी अपील के पूरा होने तक रोक लगाई जाती है।

इससे पहले अमेरिका की एक संघीय अदालत ने मई में तहव्वुर राणा के भारत प्रत्यर्पण के लिए सहमति दे दी थी, जिसे भारत के लिए एक बड़ी कानूनी जीत बताया जा रहा था। सेंट्रल डिस्ट्रिक्ट कोर्ट की अमेरिकी मजिस्ट्रेट न्यायाधीश जैकलीन चोलजियान ने 48 पन्नों के अपने आदेश में कहा था कि भारत और अमेरिका के बीच प्रत्यर्पण संधि के तहत 62 वर्षीय राणा को भारत प्रत्यर्पित करना चाहिए।

दस जून, 2020 को भारत ने प्रत्यर्पण की दृष्टि से राणा की अस्थायी गिरफ्तारी की मांग करते हुए शिकायत दर्ज कराई थी। बाइडन प्रशासन ने राणा के भारत प्रत्यर्पण का समर्थन किया था और उसे मंजूरी दी थी।

26 नवंबर 2008 को मुंबई में हुए भीषण आतंकी हमलों में भूमिका को लेकर भारत द्वारा प्रत्यर्पण का अनुरोध किए जाने पर राणा को अमेरिका में गिरफ्तार किया गया था। अदालती सुनवाई के दौरान, अमेरिकी सरकार के वकीलों ने तर्क दिया था कि राणा को मालूम था कि उसके बचपन का दोस्त पाकिस्तानी-अमेरिकी डेविड कोलमैन हेडली लश्कर-ए-तैयबा में शामिल है। इसके बावजूद राणा ने हेडली की मदद की। राणा को इस बात की भी जानकारी थी कि हेडली हमले की योजना बना रहा है और इस तरह हेडली की सहायता करके एवं उसकी गतिविधियों के लिए उसे बचाव प्रदान कर उसने आतंकवादी संगठन और इसके सहयोगियों की मदद की।

15वें ब्रिक्स शिखर सम्मेलन में भाग लेने दक्षिण अफ्रीका के जोहान्सबर्ग पहुंचे पीएम मोदी, लगे हर-हर मोदी और वंदे मातरम के नारे

#pmmodiarrivesinjohannesburgsouthafrica 

प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी दक्षिण अफ्रीका के जोहान्सबर्ग में 15वें ब्रिक्स (BRICS) शिखर सम्मेलन में हिस्सा लेने के लिए पहुंच चुके हैं।पीएम मोदी शाम करीब सवा पांच बजे जोहान्सबर्ग पहुंचे। उपराष्ट्रपति पॉल मैशाटाइल मिलिट्री बेस के हवाई अड्डे पर उनका स्वागत करने के लिए पहुंचे। इस दौरान उनका एयरपोर्ट पर जोरदार स्वागत किया गया। दक्षिण अफ्रीका में रहने वाले भारतीय मूल के लोग पीएम मोदी के स्वागत को पहुंचे।इस दौरान प्रवासी भारतीय समुदाय काफी उत्साहित नजर आया। लोगो ने हर-हर मोदी और वंदे मातरम के नारे लगाए। इस दौरान मोदी ने लोगों का अभिवादन किया और हाथ भी मिलाया।

ब्रिक्स शिखर सम्मेलन 2023 दक्षिण अफ्रीका के जोहान्सबर्ग में हो रहा है। यह शिखर सम्मेलन 22 अगस्त से 24 अगस्त तक चलेगा। इसमें भारत, चीन और ब्राजील के राष्ट्र प्रमुख हिस्सा लेने पहुंचे हैं। वहीं रूस की ओर से वरिष्ठ राजनयिक इस मीटिंग में शामिल होंगे। यह 15वां ब्रिक्स शिखर सम्मेलन है। चीन के राष्ट्रपति शी जिनपिंग की दक्षिण अफ्रीका की यह राजकीय यात्रा भी है। 2019 के बाद यह पहला व्यक्तिगत ब्रिक्स शिखर सम्मेलन है। इस आयोजन में 45 से अधिक देशों के प्रतिनिधिमंडल भाग ले रहे हैं।

चीनी राष्‍ट्रपति से मुलारात की संभावना

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी अपनी इस यात्रा में चीन के राष्‍ट्रपति शी चिनफिंग से भी मिल सकते हैं। कूटनीतिक जानकार बता रहे हैं कि इस बार पीएम मोदी और राष्ट्रपति चिनफिंग के बीच आधिकारिक द्विपक्षीय मुलाकात की पूरी संभावना है। दोनों नेताओं के बीच अक्टूबर, 2019 के बाद आधिकारिक मुलाकात नहीं हुई है। इनके बीच एक संक्षिप्त मुलाकात दिसंबर, 2022 में बाली (जी-20 बैठक के दौरान) हुई थी, जिसकी जानकारी दोनों पक्षों ने कई महीनों के बाद सार्वजनिक की थी।

ब्रिक्स नेताओं के साथ रात्रिभोज में हिस्सा लेंगे पीएम मोदी

विदेश सचिव विनय क्वात्रा ने सोमवार को बताया था कि 22 अगस्त, 2023 को पीएम मोदी ब्रिक्स नेताओं के साथ रात्रिभोज में हिस्सा लेंगे। इस दौरान वहां चीन के राष्ट्रपति शी चिनफिंग भी होंगे। इन दोनों नेताओं के बीच द्विपक्षीय स्तर पर बातचीत होने की संभावना के बारे में उन्होंने कुछ नहीं बताया, हालांकि यह स्वीकार किया कि पीएम मोदी की कई वैश्विक नेताओं के साथ द्विपक्षीय बैठकें होंगी।

132 Durand Cup 2023 Quarter-final Fixtures Announced Today

The quarter-final line-ups of the 132nd IndianOil Durand Cup, to be played at 18.00hrs at all venues, are as follows:

Quarter-final 1 (August 24, 2023 Indira Gandhi Athletic Stadium, Guwahati):

NorthEast United FC v Indian Army FT

Quarter-final 2 (August 25, 2023 Vivekananda Yuba Bharati Krirangan, Kolkata):

Emami East Bengal FC v Gokulam Kerala FC

Quarter-final 3 (August 26, 2023 Indira Gandhi Athletic Stadium, Guwahati):

FC Goa v Chennaiyin FC

Quarter-final 4 (August 27, 2023 Vivekananda Yuba Bharati Krirangan, Kolkata):

Mohun Bagan Super Giant v Mumbai City FC

दिल्ली में फिर दरिंदगीःसरकार के आला अधिकारी ने दोस्त की बेटी से किया रेप, पिता की मौत के बाद ऐसे की मदद?*

#delhigovtofficerrapecase

देश की राजधानी दिल्ली में एक नाबालिग बच्ची से दरिंदगी का सनसनीखेज मामला सामने आया है। दिल्ली सरकार के एक सीनियर अधिकारी को अपने दोस्त की बेटी से रेप के मामले में हिरासत में लिया गया है। इस मामले में अधिकारी की पत्नी को भी पुलिस ने हिरासत में लिया है।मानवता के साथ रिश्तों को शर्मसार करने वाले इस मामले में हैरान करने वाली बात एक बात यह भी रही कि आरोपी दिल्ली सरकार के महिला एवं बाल विकास विभाग में डिप्टी डायरेक्टर था।हैवानियत करने वाले आरोपी अफसर का नाम प्रेमोदय खाखा है. मामला का खुलासा होने के बाद उसे सस्पेंड कर दिया गया है।

जिस असिस्टेंट डायरेक्टर ने नाबालिग बच्ची का बार-बार रेप किया, वह उसे 'मामा' बोलती थी। पुलिस ने बताया कि प्रेमोदय खाखा ने अपने मृत दोस्त की नाबालिग बेटी से कई बार दुष्कर्म किया। इस कारण वो प्रेग्नेंट हो गई। प्रेग्नेंसी रोकने के लिए उसकी पत्नी सीमा रानी ने पीड़िता को अबॉर्शन पिल दी। 

लड़की को एंजाइटी अटैक आने के बाद खुला मामला

मामला तब सामने आया, जब लड़की को लगातार एंजाइटी अटैक आने के बाद अस्पताल में भर्ती कराया गया। मनोचिकित्सा सत्र के दौरान, उसने डॉक्टरों को दिल्ली अधिकारी द्वारा कथित यौन उत्पीड़न के बारे में बताया। इसके बाद डॉक्टरों ने पुलिस को सतर्क किया, जो हरकत में आई और अधिकारी को हिरासत में ले लिया।

नवंबर 2020 से जनवरी 2021 तक दरिंदगी

आरोपी अफसर और पीड़िता के पिता दोनों अच्छे दोस्त थे। पुलिस ने बताया है कि लड़की के पिता की मौत के बाद उनकी नाबालिग़ बेटी को वह अधिकारी अपने घर पर लाया था कि वही देखरेख करेगा।1 अक्टूबर 2020 को पीड़िता के पिता की मौत हो गई। इसके बाद आरोपी अफसर उनकी बेटी को अपने घर ये कहकर ले आया कि वो उसकी अच्छे से देखभाल करेगा। कोरोना महामारी में जब दुनियाभर के लोग घर और बाहर दोनों जगह वायरस की चपेट में आने से बचने के लिए दो गज की दूरी बरतते थे। उस समय भी ये दरिंदा हैवानियत की हदें पार कर रहा था। 

पुलिस ने बताया कि यह मामला तीन साल पुराना है लेकिन सामने पिछले हफ़्ते आया जब लड़की को अस्पताल में भर्ती किया गया।काउंसलिंग के बाद लड़की ने डॉक्टरों से बताया कि वह लंबे समय से उत्पीड़न का सामना कर रही है।लड़की ने अपने बयान में बताया है कि वह अपने माता-पिता के साथ स्थानीय चर्च में जाया करती थी। दोनों सरकारी अधिकारी थे। संदिग्ध भी अपने परिवार के साथ यहाँ आता था। इस दौरान दोनों परिवारों में क़रीबी बढ़ी। वर्ष 2020 में लड़की के पिता की मौत हो गई। इसके बाद अपनी माँ की सहमति से वह लड़की उस परिवार के घर रहने गई। बच्ची प्रेमोदय के घर नवंबर 2020 से जनवरी 2021 तक रही। इस दौरान कई बार उसके साथ गलत काम किया गया। पुलिस का कहना है कि जब लड़की 2021 में अपनी माँ के पास वापस आई तो चुप रहने लगी। उसने अपनी माँ को भी नहीं बताया लेकिन हाल में डॉक्टरों ने काउंसलिंग की तो लड़की ने सब कुछ बता दिया। इसके बाद पुलिस को सूचित किया गया।

एक्टर प्रकाश राज के खिलाफ पुलिस में शिकायत दर्ज, चंद्रयान 3 का मजाक उड़ाना पड़ा भारी

#case_filed_against_actor_prakash_raj_accused_of_making_fun_of_chandrayaan_3

फिल्म अभिनेता प्रकाश राज की मुश्किल बढ़ सकती है। चंद्रयान-3 पर पोस्ट की वजह से केस दर्ज किया गया है।प्रकाश राज ने सोशल मीडिया पर 'चंद्रयान-3' से जोड़कर एक फोटो शेयर की थी, जिसको लेकर उन्हें काफी ट्रोल किया गया।अब हिंदूवादी संगठनों ने उनके खिलाफ शिकायत भी दर्ज कराई है।प्रकाश राज के खिलाफ कर्नाटक के बागलकोट जिले के बनहट्टी पुलिस स्टेशन में शिकायत दर्ज कराई गई है।

भारत के मून मिशन चंद्रयान-3 पर अभिनेता प्रकाश राज की एक हालिया पोस्ट ने सोशल मीडिया पर आक्रोश पैदा कर दिया है। 58 साल के अभिनेता के चंद्रमा पर एक चाय बेचने वाले के बारे में एक पुराने मलयाली चुटकुले के चित्रण को चंद्रयान-3 मिशन पर व्यंग्यात्मक और अपमानजनक रूप में देखा जा रहा है। 

प्रकाश राज ने हाल ही में ट्विटर पर एक विवादित पोस्ट किया था और 'इसरो' के मून मिशन 'चंद्रयान 3' का मजाक उड़ाया था। एक्टर ने इस मून मिशन का मजाक उड़ाते हुए एक कार्टून शेयर किया था। उनके इस पोस्ट में एक शख्स लुंगी पहने हुए एक मग से दूसरे मग में चाय डालता दिख रहा है। इसे तस्वीर के साथ उन्होंने लिखा है, 'चंद्रयान-3 के विक्रम लैंडर से चांद की आने वाली पहली तस्वीर'।

सोशल मीडिया पर आक्रोश का सामना कर रहे प्रकाश राज ने एक्स पर स्पष्ट किया कि उनकी टिप्पणियां केवल मजाक के तौर पर थीं। नफरत केवल नफरत देखती है...मैं हमारे केरल चायवाला का जश्न मनाते हुए #आर्मस्ट्रांग के समय के एक चुटकुले का जिक्र कर रहा था - ट्रोल्स ने कौन सा चायवाला देखा? अगर आपको चुटकुला समझ नहीं आया तो चुटकुला आप पर है. बड़े हो जाओ #जस्टअस्किंग"।

चंद्रयान 3 ने भेजी नई तस्वीरें, इसरो ने जारी की 70 किलोमीटर की ऊंचाई से ली गई वीडियो, लैंडिग को लेकर दिया खुश करने वाला बयान

#isro_big_update_regarding_landing

चांद पर हिन्दुस्तान का तिरंगा लहराने वाला है।चंद्रयान-3 के चांद पर लैंड करने की खबरों को पूरी दुनिया टकटकी लगाए देख रही है। जैसे-जैसे 23 अगस्त को लैंडिंग की घड़ी नजदीक आ रही है, लोगों की उत्सुकता भी बढ़ती जा रही है।इस बीच भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संस्थान ने एक नया वीडियो पोस्ट कर मिशन को लेकर उत्सुकता बढ़ा दी है। एजेंसी ने बताया कि मिशन तय समय पर है। 

सॉफ्ट लैंडिंग से पहले इसरो ने विक्रम लैंडर को लेकर ताजा बयान दिया है। इसरो का कहना है कि अभी सारी स्थिति लैंडिंग के अनुकूल हैं और यह तय समय पर ही होगी। हम पूरी तरह से आश्वस्त हैं कि 23 अगस्त को तय समय पर हम चांद की सतह पर उतर रहे होंगे।वहीं, चंद्रयान के लैंडर ने लगभग 70 किमी. की ऊंचाई से लैंडर पोजिशन डिटेक्शन कैमरा (एलपीडीसी) से चंद्रमा की कुछ तस्वारें भेजी हैं, जिसे इसरो ने शेयर किया है। एलपीडीसी तस्वीरें ऑनबोर्ड चंद्रमा के मैप के साथ मिलान करके लैंडर मॉड्यूल को उसकी स्थिति निर्धारित करने में सहायता करती हैं।

लैंडर के चंद्रमा की सतह पर उतरने के तय समय से एक दिन पहले कहा कि चंद्रयान-3 मिशन निर्धारित कार्यक्रम के अनुसार आगे बढ़ रहा है। अंतरिक्ष एजेंसी ने कहा कि यहां ‘इसरो टेलीमेट्री, ट्रैकिंग और कमांड नेटवर्क’ (आईएसटीआरएसी) में स्थित ‘मिशन ऑपरेशंस कॉम्प्लेक्स’ में उत्साह का माहौल है। इसरो ने चंद्रमा पर भारत के तीसरे मिशन की आज दोपहर को ताजा जानकारी देते हुए कहा कि ‘मिशन तय कार्यक्रम के अनुसार आगे बढ़ रहा है। प्रणालियों की नियमित जांच की जा रही है। सुचारू संचालन जारी है।

दरअसल, इससे पहले कहा जा रहा था कि लैंडिंग के लिए निर्धारित समय से ठीक 2 घंटे पहले यान को उतारने या न उतारने पर अंतिम निर्णय होगा।यानी इसरो की तरफ से इस तारीख में बदलाव भी किया जा सकता है।अहमदाबाद स्थित इसरो के अंतरिक्ष अनुप्रयोग केंद्र के निदेशक नीलेश एम. देसाई ने कहा, चंद्रयान के चांद पर उतरने से 2 घंटे पहले हम लैंडर और चांद की स्थिति का जायजा लेंगे और उसके बाद लैंडर के चांद पर लैंड कराने पर फैसला लेंगे।नीलेश एम देसाई ने बताया कि यह निर्णय उस समय लैंडर मॉड्यूल की सेहत, टेलीमेट्री डाटा और चंद्रमा की स्थिति के आधार पर होगा। अगर उस समय कोई ऐसी वजह सामने आई जो चंद्रयान 3 को उतारने के लिए अनुकूल नहीं लगी, तो लैंडिंग को टाल कर 27 अगस्त के लिए निर्धारित किया जाएगा। वहीं अगर कोई समस्या नजर नहीं आई, तो 23 अगस्त को ही लैंडर उतारा जाएगा।

पीएम मोदी को राखी बांधेंगी पाकिस्तानी बहन, बोलीं- खुद तैयार की राखी,30 साल से निभा रही रिश्ता

#pmmodispakistanisisterqamarmohsitotiehimrakhithisyear

भारत और पाकिस्तान के बीच सियासी संबंध अच्छे नहीं है। दोनों देशों के बीच अक्सर तनाव की खबरें सामने आती हैं। बहुत कम ही ऐसे अवसर देखे गए हैं, जब दोनों देशों के बीच प्यार मोहब्बत की बातें होती है। इस बीच रक्षाबंधन पर भारत-पाकिस्तान के बीच भाई-बहन का प्यार देखने को मिलेगा।इस रक्षाबंधन प्रधानमंत्री नरेंद्री मोदी की कलाई पर उनकी पाकिस्तानी बहन राखी बांधेंगी।पीएम मोदी के इस मुंहबोली बहन का नाम कमर मोहसिन शेख है. कमर मोहसिन शेख ने कहा है कि उन्होंने अपने भाई (पीएम मोदी) के लिए खुद राखी बनाई है।

राखी पर पीएम मोदी को किताब भेंट करेंगी

समाचार एजेंसी एएनआई से बातचीत के दौरान कमर शेख ने कहा कि रक्षाबंधन के मौके पर वह प्रधानमंत्री मोदी को गिफ्ट के रूप में एग्रीकल्चर बेस्ड एक किताब भी भेंट करेंगी। उन्होंने कहा उनके भाई (पीएम मोदी) को किताब पढ़ने का बहुत शौक है। शेख ने कहा कि कोरोना के चलते 2-3 साल तक मैं उन्हें राखी बांधने नहीं जा सकी, लेकिन इस बार मैं राखी बांधूंगी और उनसे मुलाकात भी करूंगी।

30 साल से पीएम मोदी को राखी बांध रही

कमर शेख ने बताया कि वह पिछले 30 साल से पीएम मोदी को राखी बांध रही हैं।पीएम मोदी की राखी बहन कमर शेख ने कहा कि मैं तबसे उन्हें राखी बांधती आ रही हूं जब वो आरएसएस के साधारण कार्यकर्ता थे। तब से अबतक उनके व्यवहार में कोई बदलाव नहीं आया है।

पीएम के इस बहन की सारी दुआं पूरी हुई

मोहसिन ने अपने और पीएम मोदी के बीच होने वाली कुछ मजाकिया बातों का भी जिक्र किया। कमर शेख ने अपने पहले रक्षाबंधन को याद करते हुए बताया कि जब उन्होंने पहली बार पीएम मोदी को राखी बांधी थी तब वो आरएसएस कार्यकर्ता थे, तब उनके लिए बहुत दुआ मांगी थी कि वो सीएम बनें और बाद में वो बन भी गए। आगे कहा कि जब मैंने फिर मोदी को राखी बांधी और कहा कि मैं चाहती हूं कि आप पीएम बनें, इसके लिए मैं दुआ करूंगी। इस पर उन्होंने हंसते हुए कहा था कि हां तेरी सारी दुआएं पूरी हो जाएंगी। उन्होंने आगे कहा कि जब वो पीएम बनें तो मैं बहुत खुश थी। मैं उनके लिए दुआ करती हूं कि वो ऐसे ही आगे बढ़ते रहें और स्वस्थ्य रहें।

मध्यप्रदेश में भाजपा को झटका, पूर्व सीएम की पौत्रवधु रोशनी यादव ने छोड़ी पार्टी, थामेंगी कांग्रेस का दामन, उनका इस्तीफा सोशल मीडिया पर वायरल

भाजपा की बड़ी नेता और मध्य प्रदेश के निवाड़ी जिले की उपाध्यक्ष रोशनी यादव ने हाल ही में पार्टी से इस्तीफा दे दिया है। बारह पंक्तियों के एक पत्र में उन्होंने इस्तीफा देने के अपने कारण बताए और पार्टी पर कई आरोप लगाए। उनका इस्तीफा सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म पर भी शेयर किया गया है। अपनी राजनीतिक भागीदारी के अलावा, रोशनी यादव एक भक्ति गायिका के रूप में भी जानी जाती हैं और जिला पंचायत की सदस्य हैं। वह राजनीतिक पृष्ठभूमि से आती हैं, उत्तर प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री राम नरेश यादव की पौत्रवधु हैं, जो मध्य प्रदेश के राज्यपाल भी रहे। रोशनी यादव के त्याग पत्र ने पार्टी के नेतृत्व और कार्यकर्ताओं और जनता के प्रति उनके व्यवहार से निराशा व्यक्त की। उन्होंने महिलाओं के प्रति पार्टी के दृष्टिकोण और उनके खिलाफ हिंसा की बढ़ती घटनाओं की आलोचना की। रोशनी यादव ने भाजपा सदस्य के रूप में बेरोजगारी, भ्रष्टाचार और महंगाई के बारे में जनता द्वारा उठाई गई चिंताओं को दूर करने में अपनी असमर्थता का उल्लेख किया। उन्होंने इन्हीं कारणों से इस्तीफा देने के फैसले की घोषणा की।

खबर है कि रोशनी यादव 24 अगस्त को कांग्रेस पार्टी में शामिल होंगी। उनके दल बदलने की अटकलें पिछले कुछ समय से चल रही थीं, खासकर उनके इस्तीफे से एक महीने पहले पूर्व मुख्यमंत्री कमल नाथ से मुलाकात के बाद। राजनीतिक विश्लेषकों का सुझाव है कि रोशनी यादव निवाड़ी विधानसभा क्षेत्र से टिकट की आकांक्षा रखती थीं, लेकिन भाजपा के भीतर उनकी उम्मीदें कम होती जा रही थीं, जिसके कारण संभवत: उन्होंने पाला बदलने का फैसला किया। रोशनी यादव एक राजनीतिक वंश से आती हैं, क्योंकि उनके ससुर राम नरेश यादव यूपीए सरकार के कार्यकाल के दौरान उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री और बाद में मध्य प्रदेश के राज्यपाल के रूप में कार्यरत थे। पारिवारिक विरासत को जारी रखते हुए, रोशनी यादव वर्तमान में जिला पंचायत की सदस्य हैं, और उनका हालिया कदम बड़े पैमाने पर राजनीति को आगे बढ़ाने के उनके इरादे को इंगित करता है।

अपनी राजनीतिक भागीदारी से परे, रोशनी यादव अपने आध्यात्मिक झुकाव के लिए जानी जाती हैं। वह पूजा और भक्ति गायन में संलग्न रहती है, अक्सर संबंधित सामग्री सोशल मीडिया पर साझा करती है। वह बागेश्वर धाम के आध्यात्मिक गुरु पंडित धीरेंद्र कृष्ण शास्त्री को बहुत सम्मान देती हैं। सोशल मीडिया पर उनकी सक्रिय उपस्थिति ने उन्हें अपनी राजनीतिक और सामाजिक पहलों को प्रदर्शित करने की अनुमति दी है, और उन्हें गुरु पूर्णिमा सहित विभिन्न अवसरों के दौरान पंडित धीरेंद्र कृष्ण शास्त्री से आशीर्वाद मिला है।

चीन ने तो लद्दाख में पूरे चारागाह पर कब्जा कर लिया है : राहुल गांधी

कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने लद्धाख में दावा किया है कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी दावा करते रहे हैं कि भारत में किसी तरह की चीनी घुसपैठ नहीं हुई लेकिन वे झूठ बोल रहे हैं। चीनी घुसपैठ भी हुई है और लद्दाख के लोगों की जमीन पर उन्होंने कब्जा भी किया है, और ये बात यहां के लोग भी आपको बता देंगे।

राहुल गांधी ने लद्दाख दौरे के दौरान पत्रकारों से बात करते हुए कहा कि “भारत जोड़ो यात्रा में लद्दाख भी आना था लेकिन कुछ तार्किक कारणों की वजह से ऐसा नहीं हो पाया तो मैंने सोचा कि क्यों ना लद्दाख का विस्तृत दौरा किया जाए। इसलिए मैं लेह गया।

लद्दाख दौरे के दौरान राहुल पैंगोंग गए, फिर नुब्रा जाएंगे और फिर कारगिल भी जाएंगे और जो जनता के दिल की बात वो सुनेंगे।

पत्रकार की ओर से किए गए सवाल 17 अगस्त से जो आपका दौरा शुरू हुआ और आप युवाओं से मिलते रहे हैं तो युवाओं का क्या रिस्पांस है? का जवाब देते हुए राहुल गांधी ने कहा कि “लद्दाख में लोगों की काफी शिकायतें हैं। जो इनको स्टेटस दिया गया है उससे ये खुश नहीं हैं। इनको प्रतिनिधित्व चाहिए, और बेरोजगारी की समस्या है। सब लोग यही कह रहे हैं कि बेरोजगारी बहुत है और महंगाई बढ़ रही है।“

लद्दाख में काफी समय से चुनाव ना होने के सवाल पर राहुल कहते हैं कि यहां प्रतिनिधित्व की ज़रूरत है। राज्य को नौकरशाही के माध्यम से नहीं चलाना चाहिए। जनता की आवाज से राज्य चलना चाहिए।

राहुल गांधी के इस खुलासे के बाद भारतीय राजनीति को एक नया मुद्दा मिल गया है। हालांकि चीनी घुसपैठ की बातें देश में काफी समय पहले से गूंज रही थीं लेकिन राहुल गांधी ने ये भी साफ तौर पर बताया है कि लद्दाख की जिस जमीन पर चीनी घुसपैठ हुई है वो चारागाह जमीन पर की गयी है और ये बात वहां की जनता कह रही है। मतलब कल तक जिस जमीन पर लद्दाख के लोग अपने मवेशी को चराने जाते थे, वो जमीन अब चीन की हो गयी है। कुछ समय पहले तक चीनी घुसपैठ की खबरें उत्तराखंड से आ रही थीं और तब भी सरकार ने कहा था कि किसी तरह की घुसपैठ नहीं हुई है।

उधर, एएनआई से बात करते हुए शिवसेना(यूबीटी) सदस्य संजय राउत ने कहा कि “चीन ने भारत की ज़मीन पर कब्ज़ा कर लिया है और इसके सबूत भी हैं। अगर रक्षा मंत्री और प्रधानमंत्री इसे स्वीकार नहीं करते हैं, तो मुझे लगता है कि यह भारत माता के साथ नाइंसाफी है। राहुल गांधी इस देश के प्रमुख नेता और सांसद हैं। अगर वो कोई बात सामने रखते हैं या कुछ कहते हैं तो सोच-समझकर कहते हैं। अगर राहुल ने ये बात कही है कि चीन ने हमारी जमीन कब्जे में ले ली है। उसके ऊपर प्रधानमंत्री हो या रक्षा मंत्री उनको जनता को गुमराह करने की जरूरत नहीं… सच बताइए बस यही राहुल जी चाहते हैं।”

कांग्रेस नेता रणदीप सुरजेवाला ने भी कहा कि ‘चीन के साथ 19वें दौर की वार्ता विफल रही है, पिछले 3 साल से हर बार वार्ता से भारत को कोई फायदा नहीं हुआ।’ उन्होंने आगे कहा कि ‘भारत माता’ की रक्षा के लिए बयानबाजी से कब आगे बढ़ेगी केंद्र सरकार? और सीमा पर पहले जैसी स्थिति कब बहाल होगी?

सुरजेवाला ने कहा कि अगर ”किसी ने भी भारतीय क्षेत्र में प्रवेश नहीं किया”, तो चीनियों के साथ बातचीत क्यों की जा रही है और क्या सेना प्रमुख का यह कहना गलत है कि चीनियों ने अवैध रूप से भारतीय क्षेत्र पर कब्जा कर लिया है?

राहुल गांधी के इस बयान पर हर किसी का अपना रुख है। सुरक्षा विशेषज्ञ और सेवानिवृत्त लेफ्टिनेंट जनरल संजय कुलकर्णी ने रविवार को कहा कि राहुल गांधी का दावा जिसमें ये कहा गया है कि भारत की जमीन पर चीन की सेना ने कब्जा किया है…वो गलत है। जब बातचीत चल रही है तो आप इस तरह का बयान नहीं दे सकते हैं।

संजय कुलकर्णी के अनुसार, भारत और चीन के बीच सैन्य वार्ता मुख्य रूप से इसलिए चल रही है क्योंकि दो टकराव के बिंदु हैं – डेमचोक और देपसांग, इन जगहों पर गश्त को प्रतिबंधित किया जा रहा है।