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अपनी मांगों के लिए गरजे विद्युत कर्मी

रायबरेली। संयुक्त संघर्ष समिति के बैनर तले जिले सभी विद्युत कर्मियों ने कार्य बहिष्कार किया। इसमें अधीक्षण अभियन्ता, अधिषासी अभियन्ता, उपखण्ड अधिकारी, अवर अभियन्ता, टी जी-2 कार्यालय कर्मचारी तथा संविदा स्टाफ ने सुबह 10 बजे से 5 बजे तक गोराबाजार, कार्यालय के प्रागंण में एक दिन के कार्य बहिष्कार में बढ़ चढ़कर शामिल हुए।

पदाधिकारियों ने एक स्वर में यह अपील की कि मुख्यमंत्री तथा ऊर्जामंत्री व नामित शासन के सदस्य के साथ तथा प्रबन्धन व संयुक्त संघर्ष समिति के मध्य हुये समझौते को लागू किया जाय। हमारी मांगे न तो अपनी वेतन वृद्धि के लिये है न ही सरकार पर कोई अतिरिक्त बोझ डालने के लिये है।ये सारी मांगे 3 दिसम्बर को हुये समझौते को लागू कराने के लिये है।

जेई संगठन के सचिव तथा विद्युत संघर्ष समिति के सह-संयोजक इं युद्धवीर ने कहा कि जब 3 दिसम्बर को ऊर्जामंत्री की अध्यक्षता में लिखित समझौता हो गया है। तथा उसे 15 दिन में लागू करने की बात थी लेकिन 100 दिन बीत जाने के बाद भी उस पर कोई कार्य नही हुआ।

कैशलेस इलाज की सुविधा मांगना कहां से सरकार के अहित की बात है।धर्मेन्द्र कुमार संविदाकर्मी ने सभी संविदाकार्मियों को समान कार्य के एवज में समान वेतन दिया जाय तथा संविदा की आउटसोर्सिंग समाप्त किया जाय। संविदा स्टाफ का उत्पीड़न बन्द किया जाय।

संविदाकर्मी अनुज ने बताया कि बिजली कर्मचारी अपने हित को सुरक्षित रखने तथा विभाग को बचाने के लिये प्रबन्धन को ईट-से-ईट बजा देंगे।विद्युत कर्मचारी संयुक्त संघर्ष समिति के संयोजक इं सौरभ प्रजापति के कहा कि सरकार विद्युत पारेषण तथा विद्युत उत्पादन के निजीकरण की सारी प्रक्रिया तुरन्त वापस की जाये तथा प्रबन्धन हमारी जायज मांगों को मानने में देरी न करते हुए हमें हड़ताल पर जाने को विवष न करें।

अवर अभियन्ता हरेन्द्र सिंह ने कहा कि प्रबन्धन के जो अधिकारी जो विभाग तथा कर्मचारी हित में कार्य करने में सक्षम हैं तुरन्त अपना पद छोड़ देना चाहिये।

कर्मचारी विनोद कुमार ने कहा कि यह लड़ाई कर्मचारियों के साथ-साथ माननीय ऊर्जामंत्री के सम्मान की लड़ाई है। अतः ऊर्जामंत्री जी को प्रभावी हस्तक्षेप कर 3 दिसम्बर के समझौते को लागू कराने की कार्यवाही करने की अपील की।

 मनोज मिश्रा ने कहा कि प्रषासन के बल पर पावर हाउस चलाने की प्रबन्धन की मंषा कभी सफल नहीं होगी। बिजली अपने आप में एक बहुत ही विषेष योग्यता से चलने वाली युक्ति हैं, जो कि प्रशासन के लोगों के माध्यम से चलवाना दुर्घटना को दावत देने जैसा है।

अवर अभियन्ता प्रवीण पाण्डेय ने कहा कि हमारे सभी स्टाफ,कर्मचारी तथा अधिकारी पूर्ण मनोयोग से काम करते हैं तथा हमारी मांगे जायज व न्योचित हैं जिसपर मुख्यमंत्री व ऊर्जामंत्री को सहानुभूतिपूर्वक विचार कर लागू करना चाहिये।

उक्त कार्य बहिष्कार स्थल पर सभी कर्मचारी,अधिकारी संघो के समस्त पदाधिकारी तथा सदस्य उपस्थित रहे। उक्त कार्यक्रम का संचालन इं युद्धवीर ने किया।तथा इं पीसी भारतीय, इं सौरभ, इं प्रवीण पाण्डेय, अनुज, विनोद कुमार, इं वीके सिंह, कैलाष सिंह यादव, धर्मेन्द्र, हरेन्द्र सिंह, बड़े बाबू मनोज मिश्रा, राज कुमार द्विवेदी, जी समेत तमाम कर्मचारियों ने अपने विचार रखें।संघर्ष समिति के संयोजक ने बताया कि आज की रात्रि 10 बजे से समिति के समस्त घटको के सदस्य 72 घण्टें की पूर्ण हड़ताल पर रहेंगे जिसकी सम्पूर्ण जिम्मेदारी ऊर्जा प्रबन्धन व सरकार की होगी।

महाविद्यालय का वार्षिकोत्सव मनाया

रायबरेली।इंदिरा गांधी राजकीय महिला महाविद्यालय का सत्ताइसवाँ वार्षिकोत्सव तथा पुरस्कार वितरण समारोह उल्लासपूर्ण वातावरण में सम्पन्न हुआ। समारोह के मुख्य अतिथि प्रो0 शहला नुसरत किदवई, प्राचार्य, महामाया राजकीय महाविद्यालय रही। समारोह की अध्यक्षता महाविद्यालय की प्राचार्य प्रो सुषमा देवी ने की।

सरस्वती वंदना, दीप प्रज्ज्वलन तथा अतिथियों के सम्मान से प्रारम्भ इस कार्यक्रम में स्वागत गीत एवं सरस्वती वंदना अर्चिता, प्रगति आदि ने प्रस्तुत किया। 

विषिष्ट अतिथि डॉ पीएस मिश्र ने कहा कि यह समाज सहयोग से चलता है और हमें हमेषा सकारात्मक मनोवृत्ति के साथ कार्य करना चाहिए। डॉ संतलाल ने दिनकर जी की पंक्तियों को उद्धृत करते हुए छात्राओं से कहा कि बत्ती जो नहीं जलायेगा, रोषनी नहीं वो पायेगा।इसलिए सफल होने के लिए उद्यम करते रहिए, तभी सफलता प्राप्त होगी।     

 

महाविद्यालय की छात्राओं प्रिंसी सिंह, दिव्या द्विवेदी, रूचिका, अर्चिता, कोमल, सुषीला, प्रगति आदि के द्वारा स्वागत गीत, कुलगीत-‘नवल उत्थान का मंदिर...’ एक स्वर में गाया। इसके पश्चात कालेज की छात्राओं ने शिक्षा के प्रति समाज को जागरूक करने के लिए हास्य नाटिका, नृत्य और गीत का संगीतमय ऐसा समा बांधा कि दर्षक मंत्रमुग्ध हो गये। 

छात्राओं ने कार्यक्रमों में सतरंगी छटा विखेर कर खूब तालियां बटोरी। समारोह, डॉ प्रीती तिवारी ने महाविद्यालय की वार्षिक आख्या प्रस्तुत करते हुए कालेज की उपलब्धियों का वर्णन किया। इस अवसर पर पुष्पेन्द्र सिंह, शिखा मौर्या, प्रियंका आदि रही।

फाइलेरिया ग्रसित मरीजों को बांटी गई एमएमडीपी किट

कानपुर | जिले में सभी स्वास्थ्य केंद्रों पर बुधवार को एकीकृत निक्षय दिवस मनाया गया। कार्यक्रम में टीबी के साथ-साथ फाइलेरिया, मलेरिया, चिकनगुनिया और कुष्ठ के मरीज की भी जांच की गई। ओपीडी में आने वाले 10 फीसदी मरीजों की बलगम की जांच की गई।

इसके साथ ही स्वयंसेवी संस्था सेंटर फॉर एडवोकेसी एंड रिसर्च (सीफार) के सहयोग से सरसौल ब्लॉक में फाइलेरिया यानी हाथीपांव के मरीजों को रुग्णता प्रबन्धन एवं दिव्यांगता निवारण (एमएमडीपी) किट देकर प्रभावित अंगों की साफ सफाई का तरीका भी बताया गया । सरसौल ब्लॉक के हाथीपुर, एमा और करनाखेरा गाँव में जिला मलेरिया अधिकारी एके सिंह ने मरीजों और आशा कार्यकर्ताओं की काउंसिलिंग की।

मरीजों की देखरेख को लेकर लगभग 50 एमएमडीपी किट का भी वितरण किया। ग्रामीणों को जागरूक कर फाइलेरिया से बचाव लेकर दवा खाने को प्रेरित किया। उन्होंने मरीजों से यह जानने का प्रयास किया कि उनके घर में उनके अलावा और किसी को तो फाइलेरिया की शिकायत नहीं है।

उन्होंने कहा कि मच्छरों से बचाव और साल में एक बार सर्वजन दवा सेवन (एमडीए) अभियान के दौरान फाइलेरिया मरीजों को और जिन्हें फाइलेरिया नहीं है उन्हें भी दवा का सेवन अवश्य करना चाहिए। दो साल से कम उम्र के बच्चों, गर्भवती और गंभीर बीमारी से ग्रसित को छोड़ कर सभी को दवा का सेवन करना है।

जिला मलेरिया अधिकारी ने मरीजों को एमएमडीपी किट देने के साथ ही बताया कि हाथीपांव के मरीज को सबसे पहले प्रभावित अंग को टब में रखना है और फिर मग से धीरे धीरे पानी प्रभावित अंग पर डालना चाहिए। पानी न तो ठंडा हो और न ही गरम होनाचाहिए।

इसके बाद साबुन को हाथों में रगड़ कर झाग बना लेना चाहिए और फिर उसी झाग को हल्के हाथों से प्रभावित अंग पर धीरे- धीरे मलना है। इसके बाद धीरे धीरे पानी डाल कर प्रभावित अंग को धोना है। फिर साफ कॉटन से हल्के हाथ से बिना रगड़े अंग को साफ करना है।

अगर प्रभावित अंग कहीं कटा पिटा है तो वहां क्रीम लगाना है । रोजाना ऐसा करने से प्रभावित अंग साफ रहता है और आराम भी मिलता है। साफ सफाई के अलावा मरीज को नियमित एड़ियों के सहारे खड़ा होकर व्यायाम करने की सलाह दी ।

उन्होंने बताया कि प्रभावित अंग को सहारा देकर रखें और उसे ज्यादा देर तक लटका कर रखने से बचें। बेड पर सोते समय पैर की तरफ दो तकिया लगालें या बेड के नीचे पैर की तरफ ईंट रख कर उसे ऊंचा कर लें।

सरसौल ब्लॉक के हाथीपुर गांव की निवासी धनपति (53 ) ने बताया कि वह गांव में बने फाइलेरिया मरीज सहायता समूह (पीएसजी) के सदस्य हैं। उन्होंने बताया की कार्यक्रम में फाइलेरिया से बचाव और व्यायाम के बारे में जानकारी दी गयी । एक बाल्टी, टब, मग, तौलिया, साबुन और मलहम (क्रीम) दिया गया और इसके प्रयोग के बारे में बताया गया । नियमित साफ सफाई और व्यायाम से काफी आराम मिल रहा है । इस दौरान स्वास्थकर्मियो सहित फाईलेरिया मरीज़ व अन्य लोग उपस्थित रहे।

*ड्रग इंस्पेक्टर व आबकारी निरीक्षक के द्वारा मेडिकल स्टोर दवाओं की जांच पड़ताल की गई*

विद्याधर तिवारी

सुल्तानपुर जिलाधिकारी  के आदेश पर ड्रग इंस्पेक्टर अनीता कुरील द्वारा हरि मेडिकल एजेंसीज, गोमती मेडिकल एजेंसीज गल्ला मंडी, दीप मेडिकल स्टोर व बाबा मेडिकल स्टोर पर दवाओं की जांच पड़ताल की गई।

नशीली दवाओं के कारोबार की जांच पड़ताल करने और अवैध कारोबार पर स्थाई विराम लगाने के मद्देनजर छापेमारी हुई। जांच पड़ताल में दवा व्यवसायियों में हड़कंप रहा।

ड्रग इंस्पेक्टर अनीता कुरील के साथ सुभाष चंद्र सिंह आबकारी निरीक्षक क्षेत्र प्रथम एवं संजय कुमार श्रीवास्तव आबकारी निरीक्षक क्षेत्र 4 लंभुआ सुल्तानपुर भी उपस्थित रहे। एक युद्ध नशे के विरुद्ध अभियान के तहत कार्रवाई की गई है।

उत्तरी ग्रिड ने घटाई बिजली की मांग , 500 मेगावाट की यूनिट बंद

ऊंचाहार ।ग्रीष्म ऋतु शुरू होते ही एक तरफ जहां बिजली की मांग बढ़ने से उपभोक्ताओं को समस्या हो रही है , वहीं दूसरी ओर उत्तरी ग्रिड ने बिजली की मांग घटा दी है। जिसके कारण एनटीपीसी की ऊंचाहार में 500 मेगावाट क्षमता की एक इकाई को बंद कर दिया है।

   उत्तरी ग्रिड के नियंत्रक नार्दन रीजन लोड डिस्पैच सेंटर ( एनआरएलडीसी) ने ऊंचाहार परियोजना से उत्पादन कम करने का निर्देश दिया है। ग्रिड के निर्देश के बाद स्थानीय प्रबंधन ने पहले यूनिटों का भार कम किया । उसके बाद लगातार बिजली की मांग घटाने के कारण अन्ततः परियोजना में 500 मेगावाट क्षमता की यूनिट नंबर छः को बंद कर दिया गया है।

इस यूनिट को बंद करने के बाद एनटीपीसी ऊंचाहार का उत्पादन 1550 मेगावाट से घटकर 1050 मेगावाट हो गया है । ज्ञात हो कि ऊंचाहार परियोजना में 210 मेगावाट प्रत्येक यूनिट उत्पादन क्षमता की कुल पांच इकाइयां और 500 मेगावाट की एक इकाई स्थापित है। 

परियोजना की जनसंपर्क अधिकारी कोमल शर्मा ने बताया कि यूनिट नंबर छः पूरी तरह उत्पादन के लिए तैयार है । ग्रिड द्वारा बिजली की मांग कम करने के कारण इस यूनिट को रिजर्व शट डाउन में बंद किया गया है ।

मुंडन संस्कार से वापस आ रहा ट्रैक्टर अनियंत्रित होकर पलट 27 लोग दवे , दो की मौत

फर्रुखाबाद l मुंडन संस्कार के बाद ट्रैक्टर पर सवार होकर वापस आ रहे ट्रैक्टर पलटने से 27 लोग दब गए जिसमें 2 की ट्रैक्टर ट्रॉली के नीचे दबने से मौत हो गई l 

अमृतपुर थाना क्षेत्र के गांव खुशाली नगला शे ट्रैक्टर पर सवार होकर मुंडन संस्कार करने के लिए जगदीश आनंद आश्रम मोहकमपुर परिवार व गांव के लोग गए हुए थे आश्रम से वापस आते समय और गांव से 1 किलोमीटर दूरी पर ट्रैक्टर अनियंत्रित होकर पलट गया ।

ट्राली में सवार महिला पुरुष और बच्चे उसके नीचे दब गए ट्राली में देखते ही चीख-पुकार देखकर आसपास के लोग दौड़ पड़े लोगों ने ट्रैक्टर ट्राली के नीचे फंसे लोगों को बमुश्किल बाहर निकाला और पुलिस को सूचना दी पुलिस ने घटनास्थल पर आकर एंबुलेंस को सूचना दी l 

साथ ही मुख्यालय पर घटना के संबंध में अधिकारियों को भी अवगत कराया घटनास्थल पर क्षेत्राधिकारी अमृतपुर रविंद्र नाथ राय उप जिलाधिकारी पदम सिंह थानाध्यक्ष अमृतपुर संत प्रकाश पटेल थानाध्यक्ष राजेपुर सत्य प्रकाश भारी पुलिस बल के साथ पहुंच गए और घायलों को एंबुलेंस के द्वारा जिला अस्पताल के लिए भेजा गया l 

मृतक महिलाओं का पंचनामा भरकर पोस्टमार्टम के लिए भेजा है l ट्रैक्टर ट्राली में गीता देवी पत्नी सिद्धाराम 35 वर्ष अक्षय पुत्र नीरज उम्र 4 वर्ष राम चकोरी पत्नी बेचेलाल उम्र 45 वर्ष कीर्ति पुत्री अरविंद कुमार उम्र 12 वर्ष सोमवती उर्फ सौम्या पुत्री बुद्धू राम उम्र 20 वर्ष लॉन्ग श्री पत्नी लोक राम 55 वर्ष कंचन पत्नी धनीराम 75 वर्ष ध्रुव तारा पुत्र निकुल उम्र 15 साल जूली पुत्री बलवीर उम्र 8 वर्ष अंशी पुत्री सरवन उम्र 11 साल रोशनी पुत्री अर्जुन सिंह उम्र 15 साल संध्या सौम्या पुत्री शीशराम उम्र 8 वर्ष इसमें 10 घायल हुए हैं l

उपेंद्र यादव पुत्र विद्याराम 23 वर्ष लक्ष्मी देवी पत्नी बेचेलाल गीता देवी पत्नी राम सागर 35 वर्ष सोनी पुत्री श्री सिद्धि राम, शशि पुत्री मुकेश सिंह 11 वर्ष रागिनी पुत्री देवेंद्र सिंह 12 वर्ष सीमा पुत्री नकुल 10 वर्ष चित्र पुत्री धनीराम 10 वर्ष रंजना पुत्री रत्नेश सहित 27 लोग ट्रैक्टर ट्राली में दब गए जिसमें से एक 8 वर्षीय बालिका और महिला की घटनास्थल पर मौत हो गई है आधा दर्जन से अधिक गंभीर रूप से घायल हुए हैं ज्यादा गंभीर घायलों को कानपुर के लिए रिफर किया गया है l 

पुलिस अधीक्षक अशोक कुमार मीणा ने जिला अस्पताल पहुंचकर घायलों से हालचाल पूछा और उन्हें पूर्ण स्वस्थ होने का भरोसा दिया l

कहीं खुशी कही गम पुरानी यादों को ताजा करता डलमऊ का इतिहास

हर्षित शुक्ला

डलमऊ, रायबरेली।होली का त्यौहार भले ही देश व समाज के कोने कोने में खुशियां लेकर आता हो लेकिन डलमऊ व इसके आसपास के लोगों के लिए यह त्यौहार करीब 500 वर्षों से एक अभिशाप छोड़ जाता है।

 जिसका कारण यहां का इतिहास जिसकी एक घटना ने क्षेत्र के लोगों को शोक मग्न होने के लिए मजबूर कर दिया। करीब 500 साल गुजर जाने के बाद भी इस क्षेत्र की जनता उस घटना को भूल नहीं सकी जिसके कारण क्षेत्र में होली का त्यौहार 3 दिन का सूदक मानने के बाद आज होली का त्यौहार मनाया जाएगा।

पुराना इतिहास इस बात का गवाह है कि इसी दिन यहां के जनप्रिय प्रजावत्सल राजा डल की हत्या शाह शर्की की सेनाओं के द्वारा कर दी गई थी ।हत्या उस समय की गई थी।जब राजा अपनी प्रजा के साथ होली के रंग में सराबोर थे।राजा डल सूर्यवंशी परंपरा के अंतिम राजा के रूप में माने जाते हैं।

 इतिहास की यह ह्रदय विदारक मार्मिक घटना ने डलमऊ का इतिहास ही बदल कर रख दिया ।उनका शासन कोई 1402 ई से 1421 ई तक माना जाता है। घटना के पीछे एक किंवदंती है बाबर सैयद की पुत्री सलमा कुशाग्र बुद्धि वाली और रूपवती थी।वह अपने सिपह- सलाहकारो के साथ जल मार्ग से गंगा के रास्ते डलमऊ क्षेत्र में शिकार खेलने आई थी।

इधर राजा डल अपने अंगरक्षकों के साथ आखेट पर निकले थे। आखेट के दौरान ही प्रतापगढ़ जनपद के कड़े मानिकपुर नामक स्थान पर दोनों की आंखें चार हुई। यही वह क्षण था जिसने डलमऊ का भाग्य बदलने का काम किया। सलमा की खूबसूरती ने राजा को मोहित कर दिया ।

उन्होंने सलमा से मिलने का नाकाम प्रस्ताव भी भेजा।जिसके बाद राजा डल अपने अंगरक्षकों के साथ डलमऊ वापस आ गए। राजा ने अपने महल वापस आकर अपने सेनापति के माध्यम से आमंत्रण भेजा। आमंत्रण पाकर सलमा क्रोध की ज्वाला में जल उठी। उसने राजा डल के कृत्य कार्य को धृष्टता मानते हुये।

बदला लेने की ठान ली ।वह फौरन अपने लाव लश्कर के साथ जौनपुर के लिए लौट पडी। उसने आप बीती बाबर सैय्यद को बताई बाबर सैय्यद ने इस बाबत जौनपुर के बादशाह इब्राहिम शाहशर्की से बात की शाहशर्की ने राजा के कार्य को अपना अपमान समझा ।

उन्होंने राजा से बदला लेने की ठान ली। शाहशर्की यह भली भांति जानता था कि वह आमने सामने से युद्ध में राजा से पार नहीं पा सकता।अतः उसने क्षेत्र में जासूस लगा दिए गुप्त चर पल पल की सूचना शाहशर्की को भेजने लगे। इस कार्य में डलमऊ के ही जुम्मन व जुनैद नाम के दो नपुंसको ने महत्वपूर्ण भूमिका निभाई।

उन्होंने शाहशर्की को सुझाया की राजा से बदला लेने का सबसे सुनहरा अवसर होली के दिन रंग खेलने के समय का है क्योंकि उस दिन राजा प्रजा के साथ रंग में सराबोर हो जाते हैं और अधिकांश फौज होली की छुट्टी पर चली जाती है। शाहशर्की की सेनाओं ने लुक छिप कर राजा पर आक्रमण कर दिया राजा और प्रजा सभी निहत्थे थे। 

 फिर भी राजा हिम्मत नहीं हारे उन्होंने फाग में सराबोर होते हुए डलमऊ के पास सूरजूपुर में शाहशर्की की सेनाओ से युद्ध किया और वीरगति को प्राप्त हुए ।

ऐसा भी मान्यता है कि शाहशर्की की सेनाओ के साथ सलमा भी मौजूद थी वह राजा की मृत्यु के बाद उनका सिर लेकर भाग निकली जब कि धड सुरजूपुर के पास ही रह गया। वही आज भी राजा की विखंडित प्रतिमा के रूप मे उनकी पूजा की जाती है सदिया गुजर गयी तब से अब तक सावन महीने में उस पवित्र स्थल पर राजा डलचन्द्र की स्मृति मे मेला लगता है।

इन गांवों में मनाई जाएगी होली

राजा डल की स्मृति में डलमऊ क्षेत्र के इन गांव में होली का त्यौहार मनाया जाएगा।इनमें डलमऊ ग्राम पंचायत के 27 मजरे पूरे वल्ली, नेवाजगंज, पूरे बघेलन, पूरे गुलाब राय, पूरे जोधी, नाथ खेड़ा, पूरे बिंदा भगत, पूरे रेवती सिंह, पूरे अंबहा, बबुरा आदि सहित मुराई बाग, देवली, पूरे लालता, पूरे कोयली, मोहद्दीनपुर, आफताब नगर, मखदुमपुर, बलभद्रपुर, पूरे सेखन, मुर्शिदाबाद, दरबानीहार, पूरे चोपदारन, सदलापुर, ढेलहा, भीमगंज, दीनगंज, शिवपुरी, पूरे गुरबक्श, पूरे मातादीन, पूरे दुबे, पूरे भवानीदीन, कुरौली दमा, सूरजूपुर, पूरे पासिन, पूरे कोदऊ, पूरे डेरा, पूरे गोसाइन, शोभवापुर, ठाकुर द्वारा, पूरे बिजयी, पूरे देबीबक्श आदि अस्सी गांव शामिल है।

एनटीपीसी के अधिकारियों ने किया ऊंचाहार परियोजना का निरीक्षण

ऊंचाहार।एनटीपीसी के अध्यक्ष एवं प्रबंध निदेशक गुरदीप सिंह ने निदेशक (प्रचालन) रमेश बाबू वी, क्षेत्रीय कार्यकारी निदेशक (उत्तर) प्रवीण सक्सेना व ऊंचाहार परियोजना के कार्यकारी निदेशक अभय कुमार समैयार सहित ऊंचाहार परियोजना का दौरा किया। परियोजना विस्तार क्षेत्र के सभी क्षेत्रों का अवलोकन करते हुए कार्य की प्रगति की समीक्षा की गई।

श्री सिंह ने निर्माणाधीन वैगन टिप्पलर, एफजीडी के पहले, दूसरे व तीसरे चरण व चतुर्थ चरण के कंट्रोल रूम का दौरा किया। जिसके बाद उन्होंने शक्ति सेवा भवन नामक नवनिर्मित सर्विस बिल्डिंग का उद्घाटन किया।

 इस अवसर पर श्री सिंह ने अपने विचार व्यक्त करते हुए कहा कि मेरा विश्वास है कि इस बिल्डिंग के नाम की तरह ही हम सभी एनटीपीसी ऊंचाहार के माध्यम से शक्ति सेवा के मार्ग पर और तीव्र गति से प्रशस्त होंगे। ऊंचाहार परियोजना अपनी उत्कृष्ट कार्य नीति के लिए वास्तव में बधाई की पात्र है। ऊर्जा क्षेत्र में भारत को आत्मनिर्भर बनाने के लिए ऊंचाहार परियोजना सहित एनटीपीसी की समस्त परियोजनाएं प्रतिबद्ध एवं निरंतर क्रियाशील हैं और हमें गर्व है कि हम विद्युत उत्पादन के माध्यम से राष्ट्र सेवा में सहयोग कर पा रहे हैं।

इस अवसर पर परियोजना समीक्षा बैठक का आयोजन किया गया। जिसमें श्री सिंह को परियोजना की प्रमुख गतिविधियों से अवगत करवाया गया और उनसे परियोजना की निरंतर प्रगति व उत्थान के लिए सुझाव भी लिए गए। 

इसके बाद परियोजना के युवा कार्यपालकों, महिला कर्मचारियों व यूनियन एवं एसोसिएशन के पदाधिकारियों के साथ एक बैठक का आयोजन किया गया, जिसमें श्री सिंह से एनटीपीसी व ऊंचाहार परियोजना से संबंधित वार्ता की और नई ऊर्जा से ओतप्रोत युवा कार्यपालकों को एनटीपीसी में नवीन ऊर्जा का संचार करने की अपील की।

इसके पूर्व एक दिवसीय दौरे पर ऊंचाहार पहुंचने पर अतिथियों के सम्मान में परियोजना के कार्यकारी निदेशक अभय कुमार समैयार ने एनटीपीसी ऊंचाहार की तरफ से अध्यक्ष एवं प्रबंध निदेशक गुरदीप सिंह, निदेशक (प्रचालन) रमेश बाबू वी तथा उनके साथ पधारे क्षेत्रीय कार्यकारी निदेशक (उत्तर) प्रवीण सक्सेना को बुके देकर उनका स्वागत एवं अभिनंदन किया।

सम्पूर्ण दौरे में महाप्रबंधक (प्रचालन एवं अनुरक्षण) गौतम कुमार जाना, महाप्रबंधक (मानव संसाधन व एनटीपीसी सुरक्षा अकादमी) अनिल कुमार डैंग, महाप्रबंधक (प्रोजेक्ट) स्वप्न कुमार मंडल, महाप्रबंधक (ईंधन प्रबंधन) के डी यादव, महाप्रबंधक (प्रचालन) राजेश कुमार, अन्य विभागाध्यक्ष समेत अन्य वरिष्ठ अधिकारी व कर्मचारी उपस्थित रहे।

गुरु देव के बताए मार्ग पर चलकर ही हो सकता है जीवन सार्थक: पंड्या

रायबरेली।अखिल विश्व गायत्री परिवार के संस्थापक गुरुदेव वेदमूर्ति पं श्री राम शर्मा आचार्य एवं माता भगवती देवी शर्मा के साकार स्वरूप सजल श्रद्धा - प्रखर का गायत्री शक्तिपीठ पर लोकार्पण हुआ। यह कार्यक्रम देवसंस्कृति विश्वविद्यालय के प्रतिकुलपति डा चिन्मय पंड्या ने किया ।

तत्पश्चात् उन्होंने मनिका सिनेमा रोड जिसका का नया नाम आचार्य श्री राम शर्मा मार्ग के नाम है उसका लोकार्पण किया। इसके बाद राजकीय इण्टर कालेज मैदान पर उपस्थित विशाल जनसमुदाय , परिजनों, गणमान्य नागरिकों, पत्रकारों, शासन प्रशासन के लोगों के समक्ष अपना गरिमामयी उद्बोधन दिया, जिसमें उन्होंने बताया कि श्रद्धा और विश्वास का मानव जीवन के नैतिक उत्थान में बहुत योगदान है ।

वाह्य जगत में तो लगता है कि सब ठीक है, परन्तु मनुष्य जब सावधानी से अवलोकन करता है तब उसको समर्थ गुरु रामदास, महात्मा गौतम बुद्ध जैसी अनुभूतियां होती हैं और वे साधारण मनुष्य से देव पुरुष बन जाते हैं । एक साधारण राजकुमार सिद्धार्थ जब वृद्ध और शव यात्रा जैसी घटनाओं का आत्मा की गहराई में चिन्तन करता है तो भगवान बुद्ध बन जाता है।

उन्होंने बताया कि सजल श्रद्धा - प्रखर प्रज्ञा का जिले में नवनिर्मित स्वरूप बहुत ही सुन्दर और शांति कुंज हरिद्वार के बाद जिले में ही देखने को मिला है। यहां प्रत्येक व्यक्ति गुरु देव माता के समक्ष जनकल्याण हेतु आराधना कर सकता है और गुरु देव के बताए मार्ग पर चलकर ही अपना जीवन सार्थक बनाते हुए परिवार समाज और राष्ट्र निर्माण में सहयोग करके मनुष्य में देवत्व का उदयऔर धरती पर स्वर्ग का अवतरण के विशिष्ट प्रयोजन को प्रशस्त कर सकता है।

डा पंड्या ने वहां पर आये समस्त परिजनों , मीडिया और प्रशासन के लोगों, उत्तर प्रदेश सरकार के राज्य मंत्री दिनेश प्रताप सिंह आदि गुरु देव का संदेश ध्यान पूर्वक सुनने हेतु आभार व्यक्त किया। सभी के समर्पण को सराहा। दुर्गा प्रसाद शुक्ला द्वारा प्रखर प्रज्ञा सजल श्रद्धा के निर्माण में किए गए सहयोग हेतु आशीर्वाद प्रदान किया।

इस अवसर पर राजकीय इण्टर कालेज मैदान मिशन के विभिन्न प्रज्ञा गीतों जैसे हे गुरुवर हे जगजननी मां हमको यह वरदान दो आदि से वातावरण विल्कुल गायत्रीमय हो गया। 

    डा चिन्मय पंड्या ने राजकीय इण्टर कालेज मैदान में लगे विशाल साहित्य स्टाल का सूक्ष्मता से निरीक्षण किया और गुरु देव द्वारा लिखित समस्त साहित्य जनसामान्य को ब्रह्म भोज योजना के अन्तर्गत आधे मूल्य पर उपलब्ध करवाने हेतु गायत्री परिवार की प्रशंसा की।

इस अवसर पर बलवंत त्रिवेदी, अनिल श्रीवास्तव, गिरीश श्रीवास्तव, मनोज गुप्ता,मनोराम शुक्ला, सुधांश त्रिपाठी, मोहनसिंह, हरी कान्त शर्मा,वी बी सिंह,शशी तिवारी, रेनू टंडन, ऊषा सिंह,रामा देवी,प्रेमा सिंह, आरसी श्रीवास्तव, डा तहसीलदार सिंह आदि उपस्थित रहे। यह जानकारी गायत्री परिवार के प्रवक्ता डा भगवान दीन ने दी।

कानपुर : झोपड़ी में लगी आग, माता-पिता और तीन बच्चों की जिंदा जलकर मौत

उत्तर प्रदेश के कानपुर देहात में एक झोपड़ी में आग लगने से माता-पिता और तीन बच्चों की जिंदा जलकर मौत हो गई। जब आग लगी तो परिवार के लोग झोपड़ी में सो रहे थे। इसलिए वह बाहर नहीं निकल पाए। सूचना पर पहुंची फायर ब्रिगेड ने आग पर काबू पाया, लेकिन तब तक परिवार के पांच लोग और पूरी गृहस्थी जल गई।

थाना प्रभारी, सीओ और एसपी देर रात मौके पर पहुंचे और जांच-पड़ताल के बाद शवों को पोस्टमॉर्टम के लिए भेज दिया। घटना रूरा थाना के हारामऊ गांव में बंजारों की बड़ी बस्ती की है।

मृतक सतीश के पिता प्रकाश ने रोते हुए बताया, ''एक कोने से उठी आग एक मिनट में पूरी झोपड़ी को अपनी चपेट में ले ली। बच्चे की आवाज सुनाई दी... पापा बचा लो। आग की वजह से मैं मेन दरवाजे से अंदर नहीं घुस सका।

दूसरी ओर जाकर निकालने का प्रयास किया। लेकिन, नहीं निकाल सका। पांच मिनट में मेरा पूरा परिवार मैदान में मिल गया। आग कैसे लगी, ये मैं नहीं देख पाया।"

एसपी कानपुर देहात बीबीजीटीएस मूर्ति ने बताया, ''शनिवार देर रात झोपड़ी में आग लग गई थी। हादसा में दंपती सतीश (30) और काजल (26) के साथ तीन बच्चे सनी (6), संदीप (5), गुड़िया (3) की जलकर मौत हो गई। चीख-पुकार सुन बस्ती के लोग दौड़े और बाल्टी से पानी डालकर आग पर काबू करने का प्रयास किया।

लेकिन, तब तक पांचों की जलकर मौत हो गई। जबकि आग बुझाने में मृतक सतीश की मां गंभीर रूप से झुलस गईं। सूचना पर पहुंची फायर ब्रिगेड ने आग पर काबू पाया।