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आखिरकार राजकीय मेडिकल कालेज के प्राचार्य डा. संदीप कौशिक हटे, डॉ. अमीरुल हसन को मिली जिम्मेदारी


अंबेडकरनगर। चिकित्सकों के भारी विरोध और आंदोलन के बाद महामाया राजकीय मेडिकल कॉलेज के प्राचार्य डॉ. संदीप कौशिक को हटा दिया गया। कॉलेज के ही एक वरिष्ठ चिकित्सक को कार्यवाहक प्राचार्य की जिम्मेदारी सौंपी गई है। इसकी सूचना मिलते ही छात्र-छात्राओं में खुशी की लहर दौड़ गई। प्राचार्य के रवैये से नाराज चिकित्सकों ने भी एक-दूसरे से खुशियां बांटीं।

प्राचार्य को हटाने के लिए करीब एक माह से चल रहा था हंगामा

महामाया राजकीय मेडिकल कॉलेज सद्दरपुर में लगभग एक माह से हंगामा बरपा हुआ था। प्राचार्य डॉ. संदीप कौशिक के रवैये से न सिर्फ छात्र-छात्राएं भड़के थे वरन तीन-चार चिकित्सकों को छोड़ अन्य सभी चिकित्सक नाराज थे। शोषण व अभद्र रवैये का आरोप लगाते हुए मेडिकोज ने कॉलेज परिसर में धरना दिया था जिसके बाद डीएम सैमुअल पॉल एन ने एडीएम व एएसपी से जांच कराई। दोनों अधिकारियों ने कॉलेज प्राचार्य के खिलाफ रिपोर्ट दी। डीएम ने इस पर प्राचार्य को हटाए जाने की संस्तुति कर दी। इसके बाद भी कार्रवाई नहीं हुई तो छात्र-छात्राओं का धैर्य जवाब दे गया। ओपीडी बंद कराने के साथ ही वे सड़क पर उतर गए। हालात बेकाबू होते देख डीएम ने एक बार फिर शासन को अवगत कराया। इस पर महानिदेशक स्वास्थ्य यहां पहुंचीं। उन्होंने कार्रवाई का भरोसा दिलाते हुए छात्र-छात्राओं को शांत कराया।

लखनऊ पदमार्च के निर्णय लेने के बाद चिकित्सा प्रशासन ने उठाया कदम

हालांकि इसके बाद भी कार्रवाई नहीं हुई। मेडिकोज ने शासन के एक वरिष्ठ अफसर पर प्राचार्य को बचाने का आरोप लगाते हुए लखनऊ पदमार्च का निर्णय ले लिया। इससे प्रशासन के हाथ-पांव फूल गए। इस बार डीएम ने फिर से शासन को अवगत कराया, तब जाकर प्राचार्य को हटाने की प्रक्रिया शुरू हो सकी। अधिकारियों के चार-पांच दिन में कार्रवाई के आश्वासन पर मेडिकोज ने लखनऊ तक का पदमार्च टाल दिया। आखिरकार बुधवार को शासन ने प्राचार्य को यहां से हटा दिया। चिकित्सा शिक्षा विभाग की विशेष सचिव दुर्गाशक्ति नागपाल ने यहां तैनात रहे कम्युनिटी मेडिसिन विभागाध्यक्ष डॉ. अमीरुल हसन को ही अगले आदेशों तक सभी वित्तीय एवं प्रशासनिक कार्यों के लिए अधिकृत कर दिया। अब तक राजकीय मेडिकल कॉलेज सद्दरपुर में प्राचार्य रहे डॉ. संदीप कौशिक को यहां से हटाकर उनके पूर्व तैनाती वाले राजकीय मेडिकल कॉलेज कन्नौज भेज दिया गया है। वहां उन्हें ईएनटी विभाग में आचार्य के पद पर तैनात किया गया है। अब वे वहां कार्यभार ग्रहण करने के साथ ही नाक, कान व गला रोग से संबंधित मरीजों का इलाज करेंगे।

इस बात को लेकर हो रहा था विवाद

जानकारी के लिए बता दें कि कौशिक के प्राचार्य पद पर कार्यभार ग्रहण करने के कुछ दिन बाद तक तो स्थिति सामान्य रही लेकिन आरडी यादव नामक बाहरी व्यक्ति की दखल बढ़ने के बाद से विवाद की शुरुआत हो गई थी। आरडी यादव की प्राचार्य से इतनी ज्यादा नजदीकी थी कि वह छात्र-छात्राओं के अलावा चिकित्सकों को भी धौंस देने लगा था। शिकायतों के बाद पुलिस को आरडी यादव के विरुद्ध शांतिभंग की कार्रवाई करनी पड़ी थी। पुलिस ने आरडी को यह चेतावनी भी दी थी कि वह अनावश्यक तौर पर मेडिकल कॉलेज परिसर में न दिखाई पड़े।