औरंगाबाद में बीजेपी की पहली रैली फ्लॉप त्रिविक्रम की एंट्री पर जनता ने दिखाई बेरुख़ी, खाली कुर्सियां बनी चर्चा का विषय
औरंगाबाद। बिहार विधानसभा चुनाव के बीच बीजेपी को औरंगाबाद से करारा झटका लगा है। पार्टी के नए उम्मीदवार त्रिविक्रम नारायण की पहली चुनावी सभा में जनता की भारी बेरुख़ी देखने को मिली। नामांकन के बाद अनुग्रह मेमोरियल कॉलेज में आयोजित रैली में खाली पड़ी कुर्सियां पार्टी की सियासी ‘ताकत’ पर बड़ा सवाल खड़ा कर गईं। हेलिकॉप्टर से उत्तर प्रदेश के डिप्टी सीएम केशव प्रसाद मौर्य और राज्यसभा सांसद रामनाथ ठाकुर जैसे बड़े नेताओं के आने के बावजूद भीड़ न जुट पाना पार्टी के लिए परेशानी का सबब बन गया है
सभा में जितनी खाली कुर्सियां थीं, उससे कहीं ज़्यादा सोशल मीडिया पर वायरल वो तस्वीरें हो गईं, जिनमें रैली स्थल सूना पड़ा दिखा। पार्टी कार्यकर्ताओं में इसको लेकर गुस्सा और नाराजगी खुलकर सामने आ रही है। स्थानीय नेताओं के टिकट काटकर बाहरी चेहरे को उतारने के फैसले से जमीनी कार्यकर्ता हतोत्साहित हैं। एक वरिष्ठ कार्यकर्ता ने नाम न छापने की शर्त पर कहा, “हमने सालों मेहनत करके सीट को मज़बूत बनाया। अब बाहरी चेहरे को थोपकर हमारी अनदेखी की जा रही है। नतीजा सामने है — रैली में जनता भी नहीं आई।
राजनीतिक गलियारों में यह सभा त्रिविक्रम नारायण के लिए ‘लिटमस टेस्ट’ मानी जा रही थी, लेकिन भीड़ की जगह खाली कुर्सियों ने उनकी सियासी जमीन को कमजोर कर दिया है। विपक्ष ने भी इस पर हमला बोल दिया है। कांग्रेस नेता आशुतोष सिंह ने तंज कसा, “हेलिकॉप्टर से नेता उतर रहे हैं लेकिन जनता नहीं।
जनता ने बीजेपी को साफ संदेश दे दिया है कि हवाई राजनीति यहां नहीं चलेगी।” स्थानीय जानकारों का कहना है कि जिस तरह एनडीए 2020 में 6 विधानसभा सीट हारी थी उसी तरह फिर हारेगी जिस औरंगाबाद सीट को बीजेपी का गढ़ माना जाता था, वहां इस तरह की नाकामी पार्टी के लिए बड़ा चेतावनी संकेत है।
औरंगाबाद से धीरेन्द्र पाण्डेय





Oct 19 2025, 19:34
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