/home/streetbuzz1/public_html/testnewsapp/system/../storage/avatars/thumbs1/1711827493806071.png/home/streetbuzz1/public_html/testnewsapp/system/../storage/avatars/thumbs4/1711827493806071.png/home/streetbuzz1/public_html/testnewsapp/system/../storage/avatars/thumbs5/1711827493806071.png/home/streetbuzz1/public_html/testnewsapp/system/../storage/avatars/thumbs1/1711827493806071.png/home/streetbuzz1/public_html/testnewsapp/system/../storage/avatars/thumbs4/1711827493806071.png/home/streetbuzz1/public_html/testnewsapp/system/../storage/avatars/thumbs5/1711827493806071.png/home/streetbuzz1/public_html/testnewsapp/system/../storage/avatars/thumbs1/1711827493806071.png/home/streetbuzz1/public_html/testnewsapp/system/../storage/avatars/thumbs4/1711827493806071.png/home/streetbuzz1/public_html/testnewsapp/system/../storage/avatars/thumbs5/1711827493806071.png/home/streetbuzz1/public_html/testnewsapp/system/../storage/avatars/thumbs1/1711827493806071.png/home/streetbuzz1/public_html/testnewsapp/system/../storage/avatars/thumbs4/1711827493806071.png/home/streetbuzz1/public_html/testnewsapp/system/../storage/avatars/thumbs5/1711827493806071.png/home/streetbuzz1/public_html/testnewsapp/system/../storage/avatars/thumbs1/1711827493806071.png/home/streetbuzz1/public_html/testnewsapp/system/../storage/avatars/thumbs4/1711827493806071.png/home/streetbuzz1/public_html/testnewsapp/system/../storage/avatars/thumbs5/1711827493806071.png/home/streetbuzz1/public_html/testnewsapp/system/../storage/avatars/thumbs1/1711827493806071.png/home/streetbuzz1/public_html/testnewsapp/system/../storage/avatars/thumbs4/1711827493806071.png/home/streetbuzz1/public_html/testnewsapp/system/../storage/avatars/thumbs5/1711827493806071.png/home/streetbuzz1/public_html/testnewsapp/system/../storage/avatars/thumbs1/1711827493806071.png/home/streetbuzz1/public_html/testnewsapp/system/../storage/avatars/thumbs4/1711827493806071.png/home/streetbuzz1/public_html/testnewsapp/system/../storage/avatars/thumbs5/1711827493806071.png/home/streetbuzz1/public_html/testnewsapp/system/../storage/avatars/thumbs1/1711827493806071.png/home/streetbuzz1/public_html/testnewsapp/system/../storage/avatars/thumbs4/1711827493806071.png/home/streetbuzz1/public_html/testnewsapp/system/../storage/avatars/thumbs5/1711827493806071.png/home/streetbuzz1/public_html/testnewsapp/system/../storage/avatars/thumbs1/1711827493806071.png/home/streetbuzz1/public_html/testnewsapp/system/../storage/avatars/thumbs4/1711827493806071.png/home/streetbuzz1/public_html/testnewsapp/system/../storage/avatars/thumbs5/1711827493806071.png/home/streetbuzz1/public_html/testnewsapp/system/../storage/avatars/thumbs1/1711827493806071.png/home/streetbuzz1/public_html/testnewsapp/system/../storage/avatars/thumbs4/1711827493806071.png/home/streetbuzz1/public_html/testnewsapp/system/../storage/avatars/thumbs5/1711827493806071.png StreetBuzz नैमिषारण्य में धार्मिक उत्साह: विमलानंद सरस्वती महाराज बने उत्तराधिकारी vivek.dixit051
नैमिषारण्य में धार्मिक उत्साह: विमलानंद सरस्वती महाराज बने उत्तराधिकारी
संत समाज ने किया पट्टाभिषेकनैमिषारण्य
सीतापुर जिले के पावन तीर्थस्थल नैमिषारण्य में स्थित बाँके बिहारी रमण आश्रम के कथा प्रांगण में एक ऐतिहासिक और प्रेरणादायी कार्यक्रम का आयोजन हुआ । कई प्रतिष्ठित महामंडलेश्वरों और महंतों की गरिमामयी उपस्थिति में महामंडलेश्वर विद्यानंद सरस्वती और साध्वी मुमुक्षा ने विमलानंद सरस्वती महाराज का पट्टाभिषेक कर उन्हें अपना उत्तराधिकारी घोषित किया ।
यह समारोह सनातन धर्म की अमर परंपरा को मजबूत करने का प्रतीक बन गया, जहां आध्यात्मिक गुरु परंपरा की निरंतरता को सभी ने हर्षोल्लास से स्वागत किया । आचार्य महामंडलेश्वर निर्वाण पीठाधीश्वर राजगुरु स्वामी विशोकानंद भारती जी महाराज, महामंडलेश्वर देवेंद्रानंद सरस्वती, महामंडलेश्वर विद्यानंद सरस्वती, महामंडलेश्वर विद्याचैतन्य सरस्वती तथा महामंडलेश्वर सदाशिवेंद्र सरस्वती ने विमलानंद सरस्वती महाराज को चादर ओढ़ाकर पट्टाभिषेक की रस्म पूरी की । इसके बाद 84 कोसी परिक्रमा के अध्यक्ष महंत नारायण दास, महंत बजरंग मुनि, महंत राजनारायण पांडेय, महंत सुरेश दास अवस्थी, महंत प्रीतम दास, महंत अंजनी दास, महंत मनमोहन दास, महंत पवन दास, रामानुज कुमारी माताजी, भाजपा जिला अध्यक्ष राजेश शुक्ला, विधायक रामकृष्ण भार्गव, पूर्व जिला पंचायत अध्यक्ष मुनेंद्र अवस्थी तथा विश्व हिंदू परिषद के जिला अध्यक्ष विपुल सिंह ने माल्यार्पण कर अंगवस्त्र भेंट किए । इस पावन अवसर पर बड़ी संख्या में संतजन और स्थानीय भक्तों की उपस्थिति ने वातावरण को दिव्य ऊर्जा से भर दिया, जो सनातन संस्कृति की जीवंतता का जीवंत प्रमाण था । यह कार्यक्रम न केवल आश्रम की परंपरा को सशक्त बनाता है, बल्कि समाज में धार्मिक एकता और आध्यात्मिक जागरण का संदेश भी देता है ।विमल मिश्र से विमलानंद बन युवाओं के बने प्रेरकसीतापुर के पावन तीर्थ नैमिषारण्य में एक युवा हृदय ने सांसारिक मोह त्यागकर आध्यात्मिक यात्रा का संकल्प लिया । बजरंगी विमल मिश्र, जो विश्व हिंदू परिषद (वीएचपी) के सक्रिय कार्यकर्ता के रूप में जानी जाते थे, अब स्वामी विमलानंद सरस्वती महाराज के नाम से सनातन धर्म की सेवा में समर्पित हो चुकी हैं । यह परिवर्तन न केवल एक व्यक्तिगत क्रांति है, बल्कि युवा पीढ़ी के लिए एक जीवंत प्रेरणा स्रोत बन गया है, जो दर्शाता है कि कैसे एक साधारण जीवन से शुरू होकर आध्यात्मिक नेतृत्व तक का सफर संभव है । वीएचपी से जुड़ने के बाद वे 'बजरंगी विमल मिश्र' के नाम से प्रसिद्ध हुईं, जहां उन्होंने नैमिषारण्य की हरियाली संरक्षण, 84 कोसी परिक्रमा के आयोजन और हिंदू एकता के प्रचार में महत्वपूर्ण भूमिका अदा की । उनके सोशल मीडिया हैंडल्स पर राम भक्ति, पर्यावरण जागरूकता और सामाजिक सद्भाव के संदेशों की भरमार रही, जो युवाओं को जोड़ने का माध्यम बने । लेकिन आंतरिक आह्वान ने उन्हें सांसारिक बंधनों से मुक्त होने का मार्ग दिखाया। 15 अक्टूबर 2025 को, भभूत स्नान के बाद उन्होंने स्वयं का पिंडदान कर सन्यास की दीक्षा ली, जो सनातन परंपरा की एक दुर्लभ रस्म है ।
नैमिषारण्य कालीपीठ में शनिवार को मां धूमावती के दर्शन के लिए उमड़े भक्त
नैमिषारण्य

शारदीय नवरात्रि के दूसरे शनिवार को नैमिषारण्य तीर्थ स्थित कालीपीठ संस्थान में मां धूमावती के दर्शन-पूजन को लेकर भक्तों का अपार जनसैलाब उमड़ पड़ा । पूरे दिन मंदिर में भक्तों की भारी भीड़ रही, जो मां के चरणों में शीश नवाकर सौभाग्य, धन-धान्य और उन्नति की कामना कर रहे थे । सुबह 5 बजे कालीपीठ के महंत एवं ललिता देवी मंदिर पुजारी भाष्कर शास्त्री ने वैदिक रीति-रिवाज से मां धूमावती का पूजन-अर्चन किया और भक्तों के लिए मंदिर के पट खोल दिए । इसके बाद भक्तों ने काली पोटली में तिल अर्पित कर मां के चरणों में मत्था टेका । कालीपीठाधीश्वर एवं प्रधान पुजारी मां ललिता देवी मंदिर गोपाल शास्त्री ने बताया कि दस महाविद्याओं में सातवीं महाविद्या मां धूमावती का स्वरूप अत्यंत उग्र है । नवरात्रि के शनिवार को उनके इस उग्र रूप के दर्शन से भक्तों की विशेष मनोकामनाएं पूर्ण होती हैं । मां धूमावती विधवा स्वरूप की देवी हैं, जिनका वाहन कौआ है । वे श्वेत मलिन वस्त्र धारण करती हैं और उनके केश खुले रहते हैं। परंपरा के अनुसार, सुहागिन महिलाएं मां का पूजन नहीं करतीं, बल्कि दूर से ही दर्शन करती हैं । कालीपीठाधीश्वर ने स्पष्ट किया कि मां धूमावती के दर्शन से पुत्र और पति की रक्षा होती है ।

गौरतलब है कि मां धूमावती के दर्शन अगले छह माह बाद, यानी अगली नवरात्रि में ही होंगे । तब तक मंदिर के पट बंद रहेंगे । इस अवसर पर कालीपीठ में विशेष सुरक्षा व्यवस्था की गई थी, ताकि भक्तों को किसी प्रकार की असुविधा न हो ।
नैमिष तीर्थ में सेवा करना पुण्य का काम : महंत पवन दास
नैमिषारण्य

नैमिष तीर्थ ऋषियों की भूमि है, यहां आने वाले श्रद्धालुओं को सुविधा देना पुण्य का काम है, यह बातें हनुमान गढ़ी महंत पवन दास ने सर्विस कैंप के उद्घाटन के दौरान कही । शारदीय नवरात्र पर्व पर नैमिषारण्य तीर्थ में आने वाले सभी वाहनों की फ्री सर्विस फोर्स कंपनी के द्वारा की जाएगी । इसके अंतर्गत तीर्थ आने वाले इस कंपनी की प्रत्येक गाड़ी की फ्री सर्विस की जाएगी । इस सर्विस कैंप का उद्घाटन मंगलवार देर शाम हनुमान गढ़ी के महंत पवन दास जी महाराज के द्वारा किया गया । महाराज जी का कंपनी के अधिकारियों के द्वारा माल्यार्पण और दुपट्टा ओढ़ाकर स्वागत किया गया । महंत जी ने रिबन काट कर नैमिष नाथ का पूजन किया एवं झंडा लहराकर सर्विस वैन को रवाना किया । कंपनी के एमडी कनिष्क रस्तोगी ने बताया कि फोर्स मोटर्स द्वारा नैमिष तीर्थ पर आयोजित इस सेवा केंद्र का संचालन अधिकृत विक्रेता मेसर्स आरएसके मोटर्स के सहयोग से 22 सितंबर से 30 सितंबर तक चलेगा । इस आयोजन के जरिए, सुदूर क्षेत्रों से पहुंची फोर्स वाहनों का निःशुल्क परीक्षण किया जाएगा तथा चालकों को वाहन संरक्षण की नवीनतम तकनीकों से परिचित कराया जाएगा । अवसर पर कंपनी के दर्शन पांडेय, गजानंद तिवारी, अनिकेत श्रीवास्तव, शंकर शरण बाजपेयी, अस्वेन्द्र यादव, संजीव पाल, कमल किशोर सहित अन्य स्टाफ हूं इस  दस्य उपस्थित रहे।उठ एक खबर सामने
पितृ पक्ष के अवसर पर सूत गद्दी मंदिर में 108 ब्राह्मणों का भोज
नैमिषारण्य


नैमिषारण्य के ऐतिहासिक सूत गद्दी मंदिर में पितृपक्ष के समापन पर एक विशेष ब्राह्मण भोज का आयोजन किया गया । मंदिर प्रबंधक श्री मनीष शास्त्री जी के नेतृत्व में श्री सूत गद्दी मंदिर पौराणिक संस्थान ने 108 ब्राह्मणों को भोजन और दक्षिणा प्रदान की ।


श्री मनीष शास्त्री जी ने कहा, “वेदों में ब्राह्मणों को भगवान का स्वरूप माना गया है । उन्हें भोजन कराने से पितरों को अक्षय तृप्ति मिलती है और भगवान का आशीर्वाद प्राप्त होता है ।” यह आयोजन पितरों की शांति और तीर्थ के पौराणिक महत्व को और सशक्त करता है ।
पितृविसर्जनी अमावस्या: नैमिषारण्य में पितृपक्ष का भक्तिमय समापन
विवेक शास्त्री
नैमिषारण्य पितृविसर्जनी अमावस्या के साथ पितृपक्ष 2025 का समापन आज उत्तर प्रदेश के पवित्र तीर्थस्थल नैमिषारण्य में पूरे भक्ति भाव के साथ संपन्न हुआ। लाखों श्रद्धालुओं ने चक्रतीर्थ, काशीकुण्ड, और आदिगंगा गोमती तट पर स्नान, तर्पण, श्राद्ध, और पिंडदान कर अपने पितरों को श्रद्धांजलि अर्पित की। सुबह 4 बजे से शुरू हुआ यह आध्यात्मिक अनुष्ठान देर शाम तक जारी रहा, जिसमें तीर्थ पुरोहितों ने श्रद्धालुओं का मार्गदर्शन किया।

पितृकर्म के बाद श्रद्धालुओं ने नैमिषारण्य के प्रमुख मंदिरों जैसे ललिता देवी मंदिर, कालीपीठ, हनुमान गढ़ी, व्यास गद्दी, देवपुरी मंदिर, बाला जी मंदिर, देवदेवेश्वर धाम, महाकाली, और मनसा देवी मंदिर में दर्शन किए। नगर के शिव मंदिरों में भी दिनभर पूजा-पाठ और अनुष्ठानों का सिलसिला चलता रहा। एक तीर्थयात्री, अनीता मिश्रा, ने बताया, “नैमिषारण्य में पिंडदान करने से पितरों को मोक्ष मिलता है। यह हमारी आस्था का केंद्र है।”

"आधुनिक चुनौतियां और समाधान"
हालांकि, तीर्थयात्रियों ने स्वच्छता, पेयजल, और भीड़ प्रबंधन की कमी पर चिंता जताई। कई ने डिजिटल बुकिंग और बेहतर सुविधाओं की मांग की। स्थानीय प्रशासन ने अगले वर्ष के लिए डिजिटल पंजीकरण और बेहतर व्यवस्थाओं का आश्वासन दिया है। इस बार कई श्रद्धालुओं ने ऑनलाइन माध्यमों से पुरोहितों से संपर्क कर कर्मकांड पूरे किए, जिससे डिजिटल युग में परंपराओं का नया स्वरूप सामने आया।

सुप्रीम कोर्ट के न्यायमूर्ति ने कालीपीठ गुरुकुल का शिलान्यास
कालीपीठ मंदिर में जगदंबा प्रसाद शास्त्री की प्रतिमा का हुआ अनावरण
नैमिषारण्य

भाद्रपद मास की शनिश्चरी अमावस्या के अवसर पर कालीपीठ संस्थान, नैमिषारण्य में कालीपीठ गुरुकुल के शिलान्यास और ब्रह्मलीन प्रधान पुजारी जगदंबा प्रसाद शास्त्री की प्रतिमा अनावरण का भव्य आयोजन हुआ । इस अवसर पर कालीपीठ संस्थान में ललिता देवी मंदिर के ब्रह्मलीन पुजारी जगदंबा प्रसाद शास्त्री की प्रतिमा का अनावरण किया गया, साथ ही लखनऊ रोड पर कालीपीठ गुरुकुल के लिए भूमि पूजन संपन्न हुआ । कार्यक्रम में मुख्य अतिथि के रूप में सर्वोच्च न्यायालय के न्यायमूर्ति पंकज मित्थल अन्य न्यायाधीशों के साथ कालीपीठ पहुंचे । काली पीठाधीश्वर गोपाल शास्त्री व संस्थान संचालक भास्कर शास्त्री ने अतिथियों को काली माता के दर्शन व पूजन-अर्चन कराया । इसके पश्चात ब्रह्मलीन जगदंबा प्रसाद शास्त्री की प्रतिमा का अनावरण और कालीपीठ गुरुकुल के निर्माण हेतु भूमि पूजन किया गया । इस समारोह में लखनऊ उच्च न्यायालय के न्यायमूर्ति पंकज भाटिया, सौरभ लवानिया, जसप्रीत सिंह, राजीव सिंह, डी.के. त्रिवेदी, मां ललिता देवी मंदिर प्रबंध समिति के अध्यक्ष व जिला न्यायाधीश कुलदीप सक्सेना, अपर जिला जज व मंदिर प्रबंध समिति के रिसीवर, जिलाधिकारी अभिषेक आनंद, पुलिस अधीक्षक अंकुर अग्रवाल, समिति के सदस्य महेंद्र सिंह, नरेंद्र नाथ त्रिपाठी, कविता सिंह, राजेंद्र कुमार सिंह, गौरव प्रकाश सहित गौरव मल्होत्रा, प्रणव त्रिपाठी, समाजसेवी मुनेंद्र अवस्थी, यतींद्र अवस्थी, बिंदा प्रसाद त्रिपाठी, कालीपीठ संस्थान की प्रबंधक शुभांगी पुजारी, सदस्य गोविंद पुजारी सहित अनेक गणमान्य व्यक्ति उपस्थित रहे ।
नैमिष तीर्थ का गौरव: कृष्णा दीक्षित ने NEET 2025 में हासिल की शानदार सफलता
विवेक दीक्षित
नैमिषारण्य नैमिष तीर्थ के निवासी डॉ. नीरज दीक्षित और श्रीमती शैल दीक्षित के पुत्र कृष्णा दीक्षित ने राष्ट्रीय पात्रता सह प्रवेश परीक्षा 2025 में शानदार प्रदर्शन कर क्षेत्र का नाम रोशन किया है । कृष्णा ने इस प्रतिष्ठित परीक्षा में ऑल इंडिया रैंक  10774 और सामान्य आर्थिक रूप से कमजोर वर्ग श्रेणी में 1124वां स्थान प्राप्त किया है।
कृष्णा की इस उपलब्धि पर उनके माता-पिता को स्थानीय निवासियों, रिश्तेदारों और शुभचिंतकों की ओर से बधाइयों का तांता लगा हुआ है । नैमिष तीर्थ के निवासियों ने इस सफलता पर हर्ष व्यक्त करते हुए इसे पूरे क्षेत्र के लिए गर्व का क्षण बताया । स्थानीय लोगों का कहना है कि कृष्णा की मेहनत और लगन अन्य युवाओं के लिए प्रेरणा का स्रोत है । डॉ. नीरज दीक्षित ने अपने पुत्र की सफलता पर खुशी जाहिर करते हुए कहा कि कृष्णा ने दिन-रात मेहनत की और ह मारा सिर गर्व से ऊंचा किया। यह उसकी लगन और गुरुजनों के मार्गदर्शन का फल है। श्रीमती शैल दीक्षित ने भी बेटे की इस उपलब्धि को परिवार के लिए यादगार क्षण बताते हुए सभी शुभचिंतकों का आभार व्यक्त किया । कृष्णा ने अपनी सफलता का श्रेय अपने माता-पिता, शिक्षकों और दोस्तों को देते हुए कहा कि यह मेरे लिए एक सपने के सच होने जैसा है। मैं अपने परिवार और नैमिष तीर्थ के लोगों का समर्थन और प्रोत्साहन के लिए आभारी हूँ। मेरा लक्ष्य एक अच्छा डॉक्टर बनकर समाज की सेवा करना है।
नीट 2025 के परिणाम 14 जून 2025 को राष्ट्रीय परीक्षा परिषद द्वारा घोषित किए गए, जिसमें देशभर के लाखों छात्रों ने हिस्सा लिया था । कृष्णा की इस उपलब्धि ने नैमिष तीर्थ को गौरवान्वित किया है और क्षेत्र के अन्य छात्रों के लिए एक नई मिसाल कायम की है ।
रामनाम की धुन पर नाचते गाते पहले पड़ाव कोरौना को पहुंचे परिक्रमार्थी

विवेक शास्त्री

नैमिषारण्य


अट्ठासी हजार ऋषियों की तपोभूमि नैमिषारण्य तीर्थ से शनिवार को ब्रह्ममुहूर्त में आदिशक्ति माँ ललिता देवी और बाबा भूतेश्वर नाथ के आशीर्वाद लेकर परिक्रमार्थी कोरौना के लिए श्रीगणेश किया । हाईटेक रथ, पीनस, पालकी, लग्जरी कारों, हाथी, घोड़ों पर सवार साधु संत और पैदल परिक्रमार्थियों का रेला पहले पड़ाव के लिए निकल पड़ा । 

परिक्रमा में व्यास पीठाधीश अनिल शास्त्री, परिक्रमा समिति अध्यक्ष पहला महंत नारायण दास, परिक्रमा समिति सचिव बनगढ़ महंत संतोष दास खाकी, स्वामी वीरेंद्रानंद पुरी, विमल मिश्र समेत कई संत रथों पर सवार हो परिक्रमा में शामिल हुए । डंके के नाद को सुन परिक्रमार्थी  संत, महंत सबसे पहले चक्रतीर्थ पहुंचे । चक्रतीर्थ पर प्रधान पुजारी राजनारायण पांडेय ने साधु संतों को तीर्थ का पूजन कराया । परिक्रमार्थी चक्रतीर्थ स्थित भगवान राम द्वारा पूजित सिद्धिविनायक गणेश को लड्डुओं का भोग लगाकर एवं ललिता देवी का आशीर्वाद लेकर परिक्रमा के लिए प्रथम पड़ाव कोरौना को कूच कर गए । परिक्रमार्थी ललिता देवी चौराहे से भैरमपुर मार्ग से परसपुर, अरबगंज, औरंगाबाद, कमईपुर, कुनेरा तीर्थ सहित विभिन्न ग्रामीण इलाकों से होते हुए दोपहर तक अपने गंतव्य तक पहुंच गए ।


"ऋषियों और देवताओं के तप से ऊर्जावान रहती है नैमिष की भूमि"

नैमिषारण्य तीर्थ सतयुग का तीर्थ है, ब्रह्मा, विष्णु, एवं महेश के द्वारा सेवित भूमि है । आदिशक्ति माँ ललिता देवी, महर्षि वेदव्यास, महर्षि सूत जी एवं शौनकादि अट्ठासी हजार ऋषियों ने अपने  तप से यहाँ की ऊर्जा को जाग्रत किया है । यहाँ के सभी तीर्थों का पुण्य लेने के लिए दूर दूर से आ रहे परिक्रमार्थी अपने त्रिविध तापों को नष्ट करने के लिए पैदल पथगमन करेंगे । तीरथ वर नैमिष विख्याता, अति पुनीत साधक सिद्धि दाता । रामचरित मानस की इस चौपाई से गोस्वामी तुलसी दास ने नैमिष की महत्ता को बहुत ही सुंदर तरीके से बताया है । साधकों को सिद्धि देने वाले तीर्थ नैमिषारण्य में जब राम नाम के उद्घोषों से परिक्रमा शुरू होगी तब भक्तिमय नजारा देखते ही बनेगा ।

"रथ पर सवार संतों का पुष्पवर्षा और माल्यार्पण कर किया गया स्वागत"

रथ पर सवार साधु संतों का ललिता देवी मंदिर चौराहा स्थित प्रवेश द्वार पर नगर पालिका के द्वारा पुष्प वर्षा कर स्वागत किया गया । नैमिष मिश्रिख नगर पालिका परिषद अध्यक्ष प्रतिनिधि बबलू सिंह, एसडीएम अनिल रस्तोगी, सीओ दीपक सिंह, एसएचओ पंकज तिवारी ने साधु संतों का स्वागत किया गया । वेदव्यास धाम आश्रम से तीन रथ परिक्रमा के लिए निकले ।  रंग बिरंगी झालरों और लाइटों से सजे इन रथों की चमक अलग नजर आ रही थी । पहले रथ में लोक कल्याण के लिए देहदान करने वाले महर्षि दधीचि का विग्रह, दूसरे रथ में वेदों का विस्तार करने वाले पुराणों के रचयिता वेदव्यास तथा तीसरे रथ में राम दरबार का दर्शन श्रद्धालुओं को होगा  । महर्षि दधीचि के रथ पर व्यास पीठाधीश अनिल कुमार शास्त्री बिराजमान होकर परिक्रमा कर रहे हैं ।

 

नैमिषारण्य तीर्थ की प्रसिद्ध चौरासी कोसीय परिक्रमा 1 मार्च से
तीन रथों के साथ परिक्रमा करेंगे व्यास पीठाधीश अनिल शास्त्री 

विवेक शास्त्री 

नैमिषारण्य


महर्षि दधीचि द्वारा लोक कल्याण के लिए सतयुग से शुरू नैमिषारण्य तीर्थ की प्रसिद्ध चौरासी कोसीय परिक्रमा 1 मार्च से प्रारंभ हो रही है । यह परिक्रमा सीतापुर और हरदोई दोनों जनपदों से होकर गुजरेगी ।  इस बार परिक्रमा में बड़े-बड़े संत, महंत, महामंडलेश्वर सहित कई दिव्य आध्यात्मिक विभूतियां शामिल होने जा रही हैं । नैमिष तीर्थ के प्रसिद्ध कथाव्यास व्यासपीठाधीश अनिल कुमार शास्त्री भी पूरी भव्यता के साथ परिक्रमा में शामिल होने जा रहे हैं । 

महर्षि दधीचि जी के देहदान से जुड़ी इस परिक्रमा में सदियों से लाखों श्रद्धालुओं का आगमन होता रहा है। परिक्रमार्थी परिक्रमा में साधु, संतों, तीर्थ स्थलों और देवालयों के दर्शन कर उनका आशीर्वाद प्राप्त करने के लिए परिक्रमा में शामिल होते हैं । इस बार व्यासपीठाधीश अनिल कुमार शास्त्री चौरासी कोसीय परिक्रमा में तीन अत्याधुनिक रथों के साथ यह परिक्रमा करेंगे । शास्त्री जी ने बताया कि पुराणों में इस परिक्रमा का बहुत बड़ा महत्व है किंतु जैसी इसकी महिमा है उसके अनुसार  इस परिक्रमा में सुविधाओं का अभाव है, प्रशासन की तैयारी चल रही हैं लेकिन परिक्रमा के महत्व को देखते हुए और व्यवस्था की आवश्यकता है। शास्त्री जी ने बताया कि हमारा उद्देश्य है कि इस परिक्रमा की महिमा का प्रचार पूरे भारत के साथ-साथ अन्य देशों में भी हो ताकि जिस प्रकार श्रद्धालु वृंदावन और अयोध्या की परिक्रमा वर्ष भर करते हैं वैसे ही यहां भी केवल फाल्गुन मास में ही नहीं पूरे वर्ष भर लोग यहां परिक्रमा के लिए आ सकें। पुष्टिमार्गीय वल्लभ सत्संग सेवा समिति के द्वारा श्रद्धालुओं के ठहरने के लिए पंडाल और टेंट सिटी का निर्माण प्रत्येक पड़ाव स्थल पर किया जा रहा है जिसमें श्रद्धालुओं के आराम करने भजन सहित सभी सुविधाओं से सुसज्जित किया गया है।

"तीन अत्यधिक रथ बढ़ाएंगे परिक्रमा की शोभा"

वेदव्यास धाम आश्रम में तीन अत्यधिक रथों की साज साज का कार्य तेजी से चल रहा है । इन रथों का निर्माण सहारनपुर में किया गया है । रातों को रंग बिरंगी झालरों और लाइटों से सजाया जा रहा है पहले रथ में लोक कल्याण के लिए देहदान करने वाले महर्षि दधीचि का विग्रहदूसरे रथ में वेदों का विस्तार करने वाले पुराणों के रचयिता वेदव्यास तथा तीसरे रथ में राम दरबार का दर्शन श्रद्धालुओं को होगा इन रातों की लंबाई 26 फीट चौड़ाई 8 फीट और ऊंचाई 14 फिट है । यह रथ जब ग्रामीण और शहरी इलाकों से गुजरेंगे तो सहसा ही लोगों के आकर्षण का केंद्र बनेंगे ।

"ये हैं परिक्रमा की तिथियां"

28 फरवरी 2025 नैमिष में परिक्रमा अमावस्या

1 मार्च 2025 नैमिष से पहले पड़ाव कोरौना के लिए प्रस्थान 

2 मार्च 2025 दूसरे पड़ाव हरैया को प्रस्थान

3 मार्च 2025 तीसरे पड़ाव नगवाँ कोथावाँ को प्रस्थान

4 मार्च 2025 चौथे पड़ाव गिरधरपुर उमरारी को प्रस्थान

5 मार्च 2025 पांचवे पड़ाव साक्षी गोपालपुर को प्रस्थान

6 मार्च 2025 छठे पड़ाव देवगवां को प्रस्थान

7 मार्च 2025 सातवें पड़ाव मंडरुआ को प्रस्थान

8 मार्च 2025 आठवें पड़ाव जरीगवां को प्रस्थान

9 मार्च 2025 नवें पड़ाव नैमिषारण्य

10 मार्च 2025  दसवें पड़ाव कोल्हुआ बरेठी

11 मार्च से ग्यारहवें पड़ाव मिश्रिख तीर्थ पंचकोसी परिक्रमा फाल्गुन पूर्णिमा तक

ग्रामीण उपकेन्द्र पर की जाएगी क्षमताव्रद्धि
विवेक शास्त्री

33/11 के वी विद्युत उपकेंद्र नीमसार ग्रामीण उपकेंद्र से जुड़े हुए समस्त विद्युत उपभोक्ताओं की सुविधा को देखते हुए एवम आने वाले ग्रीष्म कालीन समय को देखते हुए 10 एम वी ए ट्रांसफार्मर के स्थापन का कार्य किया जाएगा इसकी जानकारी देते हुए उपखंड अधिकारी शैलेन्द्र पाण्डेय व अवर अभियंता अलंकृत मिश्रा ने बताया कि उपकेंद्र की क्षमतावृद्धि के फलस्वरूप 10 एम वी ए ट्रांसफॉर्मर की स्थापना हेतु दिनाँक 16-2-25 को विद्युत आपूर्ति दूसरे ट्रांसफॉर्मर से वैकल्पिक रूप में किये जाने के कारण प्रत्येक फ़ीडर पर कटौती करके विद्युत आपूर्ति की जाएगी।