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चुनावी बॉन्ड खत्म होने के बाद भी बीजेपी पर बरसा पैसा, प्रूडेंट इलेक्टोरल ट्रस्ट ने अकेले दिए 2180 करोड़

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15 फरवरी 2024 को सुप्रीम कोर्ट ने इलेक्टोरल बॉन्ड योजना को असंवैधानिक बताते हुए बंद करने का आदेश दिया था। अदालत का साफ कहना था कि लोकतंत्र में चंदे की गोपनीयता नहीं, बल्कि पारदर्शिता जरूरी है। हालांकि, इलेक्टोरल बॉन्ड खत्म होने के बाद भी बारतीय जनता पार्टी पर पैसों की बरसात हो रही है।

कुल चंदे का 83 फीसदी बीजेपी के पास

इलेक्टोरल बॉन्ड खत्म होने के बाद पहले वित्त वर्ष यानी 2024-25 में इलेक्टोरल ट्रस्ट ने राजनीतिक पार्टियों को करोड़ों रुपए दान दिए। चुनाव आयोग की वेबसाइट पर दिए गए आंकड़ों के मुताबिक, 2024-25 में इलेक्टोरल ट्रस्ट के जरिए कुल 4,276 करोड़ रुपये का चंदा मिला। इसमें से 83.6% यानी सबसे बड़ा हिस्सा बीजेपी को मिला। यह पिछले साल के मुकाबले चार गुना से भी ज्यादा है।

कांग्रेस को मिले 299 करोड़ रुपए

कांग्रेस को इस रास्ते से 7.3% चंदा मिला, जबकि तृणमूल कांग्रेस को 3.6% मिला। देश की मुख्य विपक्षी पार्टी कांग्रेस को 299 करोड़ रुपए चंदा मिला। अन्य सभी पार्टियों के हिस्से में बाकी बचे 400 करोड़ रुपए आए।

किन ट्रस्टों से कितना मिला बीजेपी को?

2024-25 में बीजेपी को इलेक्टोरल ट्रस्ट से कुल 3,577.5 करोड़ रुपये मिले। इसमें से सबसे ज्यादा पैसा 'प्रूडेंट इलेक्टोरल ट्रस्ट' से आया, जो 2,180.7 करोड़ रुपये था। 'प्रोग्रेसिव ईटी' से 757.6 करोड़ रुपये, 'ए बी जनरल ईटी' से 460 करोड़ रुपये, 'न्यू डेमोक्रेटिक ईटी' से 150 करोड़ रुपये मिले। इसके अलावा 'हार्मनी ईटी' से 30.1 करोड़ रुपये, 'ट्रायम्फ ईटी' से 21 करोड़ रुपये, 'जयभारत ईटी' से 5 करोड़ रुपये, 'समाज ईटी' से 3 करोड़ रुपये, 'जन कल्याण ईटी' से 9.5 लाख रुपये और 'एन्जिगार्टिक ईटी' से 7.75 लाख रुपये मिले।

क्या है इलेक्टोरल ट्रस्ट

दरअसल, केंद्र की मोदी सरकार चुनावी चंदे के लिए इलेक्टोरल बॉन्ड स्कीम लेकर आई थी। जिसे सुप्रीम कोर्ट ने साल 2024 में असंवैधानिक बताते हुए रद्द कर दिया था। अब कॉर्पोरेट कंपनियां चेक, DD या UPI के जरिए पार्टियों को डोनेशन दे सकती हैं। इसके साथ ही इलेक्टोरल ट्रस्ट के जरिए भी चंदा दे सकती हैं। इलेक्टोरल ट्रस्ट के जरिए कोई कंपनी या फिर व्यक्ति एक ट्रस्ट को डोनेशन दे सकता है, जो आगे पार्टियों को डोनेट करता है

गोरखपुर में शुरू हुआ विशेष प्रगाढ़ पुनरीक्षण (SIR) अभियान

गोरखपुर।जिलाधिकारी एवं जिला निर्वाचन अधिकारी दीपक मीणा ने कलेक्ट्रेट स्थित पर्यटन भवन सभागार में आयोजित प्रेस वार्ता के दौरान बताया कि भारत निर्वाचन आयोग के निर्देशानुसार जनपद गोरखपुर में विशेष प्रगाढ़ पुनरीक्षण (Special Intensive Revision - SIR) अभियान शुरू हो गया है। यह अभियान 4 नवंबर 2025 से 4 दिसंबर 2025 तक चलेगा, जिसके तहत जिले की सभी नौ विधानसभाओं में मतदाता सूची का घर-घर जाकर सत्यापन किया जाएगा।

डीएम दीपक मीणा ने कहा कि सन् 2003 के बाद यह पहला अवसर है जब निर्वाचन आयोग इस स्तर पर गहन पुनरीक्षण करा रहा है। इस प्रक्रिया का उद्देश्य मतदाता सूची को शुद्ध, अद्यतन और त्रुटिरहित बनाना है ताकि कोई पात्र मतदाता सूची से वंचित न रहे और कोई अपात्र नाम उसमें शामिल न हो।

मतदाता सूची सत्यापन की प्रक्रिया

डीएम ने बताया कि प्रत्येक मतदान केंद्र पर तैनात बीएलओ (Booth Level Officer) घर-घर जाकर मतदाताओं से विवरण एकत्र करेंगे और गणना प्रपत्र (Enumeration Form) भरवाएंगे। हर बीएलओ को प्रतिदिन कम से कम 50 प्रपत्र भरने का लक्ष्य दिया गया है।

उन्होंने बताया कि यदि किसी परिवार के सदस्य बाहर नौकरी या पढ़ाई के लिए रहते हैं तो घर पर मौजूद परिजन उनके स्थान पर भी फॉर्म भर सकते हैं। यह जानकारी सही और पूर्ण होनी चाहिए ताकि उन मतदाताओं के नाम अंतिम सूची में सम्मिलित किए जा सकें “जो लोग गणना प्रपत्र भर चुके हैं, उनका नाम अंतिम मतदाता सूची में स्वतः शामिल किया जाएगा और उनका नाम सूची से नहीं काटा जाएगा,

यदि किसी मतदाता के फॉर्म में त्रुटि रह जाती है या किसी कारणवश उसका नाम सूची में नहीं आता है, तो वह ईआरओ (Electoral Registration Officer) के समक्ष आपत्ति दाखिल कर अपना नाम पुनः जोड़ सकता है।

एक मतदाता – एक ही जगह नाम

डीएम दीपक मीणा ने कहा कि एक व्यक्ति केवल एक ही विधानसभा क्षेत्र में मतदाता रह सकता है। यदि किसी का नाम दो स्थानों पर पाया जाता है, तो उसे अपने प्रपत्र में यह उल्लेख करना आवश्यक है ताकि पुराने स्थान से नाम हटाया जा सके। “एक व्यक्ति भारतवर्ष में केवल एक ही स्थान पर मतदाता हो सकता है। यदि नाम दो जगह दर्ज है, तो यह नियमों के विरुद्ध है। फॉर्म में पुराने पते का जिक्र कर दें, जिससे नाम वहां से काटा जा सके।”

विशेष पुनरीक्षण कार्यक्रम की प्रमुख तिथियाँ

गणना कार्य की अवधि 04 नवम्बर – 04 दिसम्बर 2025

ड्राफ्ट मतदाता सूची का प्रकाशन 09 दिसम्बर 2025

दावे एवं आपत्तियों की अवधि 09 दिसम्बर 2025 – 08 जनवरी 2026 सुनवाई व निस्तारण की अवधि 09 दिसम्बर 2025 – 31 जनवरी 2026

अंतिम मतदाता सूची का प्रकाशन 07 फरवरी 2026

गोरखपुर में मतदाताओं की स्थिति

डीएम दीपक मीणा ने बताया कि वर्ष 2003 में जिले में कुल 26,68,592 मतदाता थे — पुरुष 14,87,545, महिलाएं 11,81,047।

वर्ष 2025 में मतदाताओं की संख्या बढ़कर 36,66,533 हो गई है, जिनमें पुरुष 19,72,109, महिलाएं 16,94,178 और अन्य 246 हैं। “लगभग 10 लाख नए मतदाताओं का जुड़ना लोकतंत्र के प्रति गोरखपुरवासियों की जागरूकता का प्रमाण है।”

जिले की निर्वाचन व्यवस्था

गोरखपुर जिले में कुल 9 विधानसभा क्षेत्र हैं —

कैम्पियरगंज (320), पिपराइच (321), गोरखपुर शहर (322), गोरखपुर ग्रामीण (323), सहजनवा (324), खजनी (325), चौरीचौरा (326), बांसगांव (327) और चिल्लूपार (328)।

इन विधानसभा क्षेत्रों में कुल 9 निर्वाचक रजिस्ट्रीकरण अधिकारी (EROs), 45 सहायक अधिकारी (AEROs), 3,679 बीएलओ, 440 सुपरवाइजर, 3,679 मतदेय स्थल और 2,063 मतदान केंद्र बनाए गए हैं।

डीएम ने बताया कि प्रत्येक मतदान केंद्र पर अधिकतम 1200 मतदाता होंगे। यदि किसी अपार्टमेंट या कॉलोनी में 1200 से अधिक मतदाता हैं, तो वहां भी नया मतदान केंद्र स्थापित किया जा सकता है।

त्रुटियों के सुधार पर विशेष ध्यान

डीएम दीपक मीणा ने कहा कि प्रवासन, मृत्यु, विवाह या दोहरे नाम जैसी त्रुटियों को सुधारने के लिए यह अभियान महत्वपूर्ण है। कोई भी जीवित पात्र मतदाता सूची से वंचित नहीं रहेगा और कोई मृत या दोहरा नाम सूची में नहीं रहेगा।”

बीएलओ घर-घर जाकर पहचान पत्र जैसे आधार, पैन, ड्राइविंग लाइसेंस या अन्य सरकारी प्रमाण पत्र देखकर पहचान सत्यापित करेंगे कोई पहचान पत्र नहीं देना है।

राजनीतिक दलों और नागरिकों से अपील

डीएम दीपक मीणा ने सभी राजनीतिक दलों, जनप्रतिनिधियों और नागरिकों से अपील की कि वे इस अभियान में बढ़-चढ़कर सहयोग करें। “यह केवल प्रशासनिक प्रक्रिया नहीं, बल्कि लोकतंत्र की नींव को मजबूत करने का कार्य है। हर पात्र नागरिक का नाम सूची में शामिल करना हम सबकी सामूहिक जिम्मेदारी है।

प्रेस वार्ता में उप जिला निर्वाचन अधिकारी/एडीएम वित्त विनीत कुमार सिंह,

सहायक निर्वाचन अधिकारी शंकर मिश्रा,

सहायक सूचना निदेशक प्रशांत श्रीवास्तव सहित सभी तहसीलों के एसडीएम और निर्वाचन विभाग के अधिकारी मौजूद रहे।

डीएम का संदेश ने कि “विशेष प्रगाढ़ पुनरीक्षण केवल एक औपचारिक प्रक्रिया नहीं, बल्कि यह लोकतांत्रिक सहभागिता का आधार है। हर पात्र मतदाता का नाम सूची में जुड़ना उसका अधिकार है और इस अधिकार को सुनिश्चित करना प्रशासन की सर्वोच्च प्राथमिकता है।

बिहार में चुनाव आयोग आज जारी करेगा नई मतदाता सूची, जानें कैसे चेक करेंगे अपना नाम

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बिहार की विधानसभा चुनाव की सुगबुगाहट तेज हो गई है। बिहार में विधानसभा चुनाव की तैयारियों के बीच निर्वाचन आयोग अंतिम मतदाता सूची जारी करने जा रही है। विशेष गहन संशोधन (एसआईआर) के बाद आज अंतिम मतदाता सूची का प्रकाशन किया जा रहा है। 1 अगस्त को प्रारूपिक मतदाता सूची प्रकाशित की गई थी, जिसके बाद नागरिकों और राजनीतिक दलों को 1 सितंबर तक सुधार के लिए दावे और आपत्तियां दर्ज कराने का अवसर दिया गया। प्रारूपिक सूची में कुल 7.24 करोड़ मतदाता शामिल थे।।

चुनाव आयोग ने पहले ही कहा था कि 30 सितंबर कोर अंतिम मतदाता सूची प्रारूप का प्रकाशन कर दिया जाएगा। चुनाव आयोग ने मतदाता सूची को सार्वजनिक करने के साथ-साथ हर जिले के निर्वाचन पदाधिकारी के कार्यालय में भौतिक प्रति भी उपलब्ध करवा देगी। सभी राजनीतिक दलों को भी मतदाता सूची प्रारूप की अंतिम सूची उपलब्ध करवाई जाएगी।

अपना नाम ऑनलाइन कैसे देखें?

तकनीकी सुविधा के चलते अब मतदाता अपने नाम और विवरण ऑनलाइन भी देख सकते हैं।

• सबसे पहले राष्ट्रीय मतदाता सेवा पोर्टल पर जाएं।

• यहां Search in Electoral Roll ऑप्शन पर क्लिक करें।

• मतदाता पहचान पत्र या नाम, पिता/पति का नाम और जन्मतिथि जैसी जानकारी भरकर खोज की जा सकती है।

• इसके अलावा राज्य निर्वाचन आयोग की वेबसाइट और मोबाइल ऐप के जरिए भी यह सुविधा उपलब्ध है।

अगर छूट गया है नाम तो क्या करना होगा?

राज्य निर्वाचन विभाग ने स्पष्ट किया है कि वोटर लिस्ट के अंतिम प्रकाशन के बाद भी जिन नागरिकों के नाम इसमें दर्ज नहीं हैं, वे अब भी अपना नाम शामिल करा सकते हैं। इस प्रक्रिया के लिए उन्हें फॉर्म-6 भरकर अपने क्षेत्र के बूथ लेवल ऑफिसर (बीएलओ) के पास जमा करना होगा। यह प्रक्रिया पूरी तरह से सरल और पारदर्शी बनाई गई है। नागरिक चाहें तो ऑनलाइन और ऑफलाइन दोनों माध्यमों से आवेदन कर सकते हैं।

65 लाख मतदाताओं के नाम काटे गए थे

निर्वाचन आयोग ने मतदाता पुनरीक्षण कार्य की शुरुआत जून माह में की थी। इस कार्य से पहले 7 करोड़ 89 लाख मतदाता थे। इसके पुनरीक्षण कार्य के बाद कुल 65 करोड़ मतदाताओं के नाम कटे थे। इनमें 22 लाख से अधित मृत मतदाता, करीब 35 लाख विस्थापित मतदाता थे। वहीं करीब सात लाख लोग ऐसे मतदाता थे, जिनका नाम दो जगह दर्ज था। हालांकि, चुनाव आयोग ने इन्हें दावा आपत्ति के लिए 30 दिन का वक्त दिया था।

फाइनल वोटर लिस्ट के बाद तारीखों की घोषणा

एक रिपोर्ट के अनुसार, चुनाव की तारीखें मंगलवार 30 सितंबर को अंतिम मतदाता सूची (फाइनल वोटर लिस्ट) प्रकाशित होने के ठीक बाद घोषित की जाएंगी। रिपोर्ट बताती है कि मतदान का पहला चरण छठ महापर्व के बाद अक्तूबर के अंतिम सप्ताह में शुरू होने की संभावना है। छठ पूजा 25 से 28 अक्तूबर तक मनाई जाएगी, जिसका मतलब है कि बिहार में चुनाव या तो अक्तूबर के अंतिम दिनों में या नवंबर के पहले सप्ताह में शुरू होंगे। बता दें, मौजूदा बिहार सरकार का कार्यकाल 22 नवंबर को समाप्त होने वाला है।

पश्चिम बंगाल में 13.69 प्रतिशत फर्जी मतदाता, SIR से पहले रिसर्च रिपोर्ट में बड़ा दावा

देशभर में मतदाता सूची को लेकर राजनीतिक दलों के बीच चल रही बहस अब पश्चिम बंगाल तक पहुंच गई है. बिहार में चुनाव आयोग के विशेष मतदाता पुनरीक्षण अभियान (SIR) के दौरान लाखों नाम काटे जाने के बाद अब पश्चिम बंगाल की मतदाता सूची पर भी सवाल खड़े हो गए हैं. विशेषज्ञों का मानना है कि राज्य की मतदाता सूची में करीब 13.69 प्रतिशत नाम फर्जी या मृतकों के हैं.

बिहार में 65 लाख से अधिक मतदाता सूची से हटाए जाने के बाद अब चुनाव आयोग ने संकेत दिया है कि पश्चिम बंगाल में भी एसआईआर अभियान चलाया जाएगा. हालांकि आयोग ने इस प्रक्रिया की समय-सीमा स्पष्ट नहीं की है.

पश्चिम बंगाल में आखिरी बार मतदाता सूची का गहन पुनरीक्षण 2002 में हुआ था. बीते 22 वर्षों में इस सूची की ठीक से समीक्षा नहीं की गई, जिसके चलते मृतकों और डुप्लीकेट नामों को हटाया ही नहीं गया.

शोध रिपोर्ट में चौंकाने वाले आंकड़े

अगस्त 2025 में प्रकाशित शोध Electoral Roll Inflation in West Bengal: A Demographic Reconstruction of Legitimate Voter Counts (2024) में विद्यु शेखर (एसपी जैन, मुंबई) और मिलन कुमार (आईआईएम विशाखापत्तनम) ने पश्चिम बंगाल की मतदाता सूची का गहन विश्लेषण किया है. अध्ययन के अनुसार, 2024 की मतदाता सूची में करीब 1.04 करोड़ अतिरिक्त नाम मौजूद हैं. यह कुल सूची का लगभग 13.69 प्रतिशत है. शोध में चेतावनी दी गई है कि यह आंकड़ा न्यूनतम है, वास्तविक संख्या इससे भी अधिक हो सकती है.

शोध में दावा किया गया है कि बिहार की तरह पश्चिम बंगाल की मतदाता सूची में भी मृत लोगों के नाम बड़े पैमाने पर दर्ज हैं। 2004 की सूची में राज्य में 4.74 करोड़ मतदाता थे. बीस साल बाद प्राकृतिक मृत्यु दर और उम्र के आधार पर अनुमान लगाया गया कि इनमें से लगभग एक करोड़ लोग अब जीवित नहीं हैं। इसके बावजूद उनके नाम मतदाता सूची से हटाए नहीं गए हैं.

अध्ययन के अनुसार, 1986 से 2006 के बीच जन्मे और 18 वर्ष की आयु पूरी करने वाले नए मतदाताओं को जोड़ने और प्रवासन को घटाने के बाद, 2024 में पश्चिम बंगाल में वैध मतदाताओं की संख्या करीब 6.57 करोड़ होनी चाहिए थी, लेकिन चुनाव आयोग के आंकड़ों में यह संख्या 7.61 करोड़ दर्ज है यानी करीब 1.04 करोड़ नाम अतिरिक्त पाए गए। यह अंतर चुनावी नतीजों पर बड़ा असर डाल सकता है.

अल्पसंख्यक इलाकों में मतदाताओं की संख्या में इजाफा

शोध में यह भी पाया गया कि अल्पसंख्यक बहुल इलाकों में मतदाता संख्या में असामान्य वृद्धि हुई है. कई क्षेत्रों में मतदाता संख्या वास्तविक जनसंख्या से भी अधिक दर्ज की गई. साथ ही 2011 के बाद राज्य से होने वाले पलायन को भी सूची में नहीं जोड़ा गया, जबकि यह संख्या लगातार बढ़ रही है. अगर इसे शामिल किया जाता तो वैध मतदाताओं की संख्या और कम हो जाती.

बिहार के अनुभव को देखते हुए अब पश्चिम बंगाल में भी यह आशंका गहराने लगी है कि बड़े पैमाने पर मतदाता सूची से नाम हट सकते हैं. इससे राजनीतिक दलों के बीच टकराव और बढ़ सकता है. विपक्ष जहां इसे फर्जी वोटरों को बचाने की साजिश बताएगा, वहीं सत्तारूढ़ दल इसे लोकतंत्र की मजबूती और पारदर्शिता के लिए आवश्यक कदम करार दे सकता है.

उपमुख्यमंत्री विजय सिन्हा पर तेजस्वी यादव का बड़ा आरोप, बोले- 'वोटर लिस्ट और उम्र में किया है घोटाला'*
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पटना: बिहार के उपमुख्यमंत्री विजय सिन्हा पर नेता प्रतिपक्ष तेजस्वी प्रसाद यादव ने एक बड़ा आरोप लगाया है। उन्होंने कहा कि विजय सिन्हा के दो विधानसभा क्षेत्रों की मतदाता सूचियों में नाम दर्ज हैं, और दोनों जगहों पर उनकी उम्र भी अलग-अलग है। तेजस्वी ने चुनाव आयोग की कार्रवाई पर सवाल उठाते हुए पूछा कि इस गंभीर मामले में आयोग चुप क्यों है। दो जगहों पर नाम और उम्र का अंतर अपने आवास पर आयोजित एक संवाददाता सम्मेलन में तेजस्वी यादव ने आरोप लगाते हुए कहा कि उपमुख्यमंत्री विजय सिन्हा का नाम मुंगेर लोकसभा क्षेत्र के लखीसराय विधानसभा (भाग संख्या 168) और पटना साहिब लोकसभा क्षेत्र के बांकीपुर विधानसभा (भाग संख्या 182) की मतदाता सूची में दर्ज है। लखीसराय विधानसभा: यहां उनका उम्र 57 वर्ष दर्ज है। बांकीपुर विधानसभा: यहां उनका उम्र 60 वर्ष दर्ज है। तेजस्वी ने कहा कि दो अलग-अलग जिलों में दो EPIC नंबर और दो तरह की उम्र से यह साफ होता है कि वोटर लिस्ट में बड़े पैमाने पर गड़बड़ी हो रही है। उन्होंने कहा कि जब गहन मतदाता पुनरीक्षण (Special Revision of Electoral Roll- SIR) के बाद भी उपमुख्यमंत्री का नाम दो जगह है, तो यह फर्जीवाड़ा है। तेजस्वी ने चुनाव आयोग पर उठाए सवाल तेजस्वी ने खुद पर हुई कार्रवाई का जिक्र करते हुए कहा कि उनके मामले में बिना सच्चाई जाने मीडिया ट्रायल शुरू कर दिया गया था, जबकि उपमुख्यमंत्री के खिलाफ अभी तक कोई नोटिस जारी नहीं हुआ है। उन्होंने चुनाव आयोग से पूछा कि क्या यह फर्जीवाड़ा उपमुख्यमंत्री ने किया है या फिर SIR में ही गड़बड़ी हुई है। उन्होंने यह भी आरोप लगाया कि चुनाव आयोग भाजपा के इशारे पर काम कर रहा है और विपक्ष की ओर से उठाई गई शिकायतों पर ध्यान नहीं दे रहा है। तेजस्वी ने कहा कि 65 लाख मतदाताओं के नाम हटाने के बाद भी, उनकी सूची सार्वजनिक नहीं की गई है, जिससे पारदर्शिता की कमी साफ दिखती है। तेजस्वी ने चुनाव आयोग पर आरोप लगाते हुए कहा कि उनकी पार्टी राष्ट्रीय जनता दल ने बार-बार शिकायतें दर्ज कराई हैं, लेकिन आयोग झूठ का सहारा ले रहा है। उन्होंने चेतावनी दी कि आने वाले दिनों में वह और भी बड़े खुलासे करेंगे। इस संवाददाता सम्मेलन में राजद के कई वरिष्ठ नेता, जैसे डॉ. सुनील कुमार सिंह, कारी मोहम्मद सोहैब, शक्ति सिंह यादव और एजाज अहमद भी उपस्थित थे।
बैक डोर से एनआरसी लाने की कोशिश, टीएमसी ने मतदाता सूची की जांच पर उठाए सवाल

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पश्चिम बंगाल की सत्ताधारी पार्टी तृणमूल कांग्रेस ने मतदाता सूची के पुनर्निरीक्षण पर सवाल उठाया है। तृणमूल कांग्रेस (टीएमसी) के सांसद डेरेक ओ’ब्रायन ने चुनाव आयोग पर इसको लेकर गंभीर आरोप लगाए हैं। चुनाव आयोग के अभियान की टाइमिंग पर सवाल उठाते हुए टीएमसी नेता डेरेक ओ ब्रायन ने एक प्रेस कॉन्फ्रेंस में कहा कि विपक्षी इंडी गठबंधन की पार्टियां इस मुद्दे को संसद के भीतर और बाहर दोनों जगह उठाएंगी।

एनआरसी लागू करने की खतरनाक साज़िश’ करार

दिल्ली में आयोजित प्रेस कॉन्फ्रेंस में ब्रायन कहा कि बिहार से शुरू होकर पश्चिम बंगाल में लागू होने जा रही ‘स्पेशल इंटेंसिव रिविजन ऑफ इलेक्टोरल रोल’ की प्रक्रिया संविधान और लोकतंत्र के खिलाफ है। टीएमसी सांसद ने इसे ‘पीछे के दरवाज़े से एनआरसी लागू करने की खतरनाक साज़िश’ करार दिया। उन्होंने कहा कि यह कवायद संदिग्ध समय पर शुरू की गई है।

चुनावी गणित बदलने की कोशिश का आरोप

डेरेक ओ’ब्रायन ने सवाल उठाया, अब अचानक इस प्रक्रिया की क्या जरूरत पड़ गई? उन्होंने दावा किया, हमारे पास सबूत हैं कि यह कवायद क्यों की जा रही है। बीजेपी के आंतरिक सर्वे में उन्हें बंगाल में केवल 46-49 सीटें मिलती दिख रही हैं, और इसी हताशा में वे चुनावी गणित बदलने की कोशिश कर रहे हैं।

बता दें कि चुनाव आयोग ने पिछले सोमवार को बिहार में इस विशेष गहन समीक्षा की प्रक्रिया शुरू करने के निर्देश दिए थे, जिसका मकसद अपात्र नामों को हटाना और पात्र नागरिकों को मतदाता सूची में शामिल करना बताया गया है। यह कवायद बिहार में इस साल के अंत में होने वाले विधानसभा चुनावों से पहले हो रही है। बिहार में पिछली बार इस तरह की समीक्षा 2003 में हुई थी।

घर बैठे चुटकियों में निकल जाएगी Voter Slip, ये है पूरा प्रोसेस

दिल्ली विधानसभा इलेक्शन के लिए वोटिंग 5 फरवरी को होगी. ऐसे में अगर आप भी वोट डालने के लिए जाने वाले हैं तो अपनी वोटिंग स्लिप घऱ से ही निकाल कर जाएं. इससे आपका काफी समय बचेगा. आप 10 सेकंड से भी कम समय में अपनी वोटिंग स्लिप निकाल सकते हैं. इसके लिए आपको ज्यादा कुछ नहीं करना पड़ेगा. बस अपने स्मार्टफोन के जरिए घर बैठे ये काम तुरंत करें. वोटिंग के लिए कई जरूरी डॉक्यूमेंट की जरूरत होती है. जिनके बिना आप वोट नहीं डाल पाएंगे.

इलेक्शन कमीशन वोटर इन्फोर्मेशन स्लिप (VIS) जारी करता है. इसमें वोटर की उम्र, जेंडर, नाम, असेंबली कांस्टीट्यूएंसी, पोलिंग स्टेशन लोकेशन जैसी जानकारी मेंशन होती हं. वोटर स्लिप ऑनलाइन डाउनलोड करने के लिए दिया गया प्रोसेस फॉलो करें.

SMS के जरिए वोटर स्लिप

SMS के जरिए वोटर स्लिप निकालने के लिए अपने फोन के मैसेज सेक्शन में जाएं. ECI (आपका वोटर आईडी नंबर) डालें. इसके बाद 1950 नंबर पर सेंड कर दें. इसके बाद आपको चुनाव आयोग की तरफ से धन्यवाद का मैसेज आएगा. SMS करने के 10 सेकंड के अंदर वोटर स्लिप भी भेज दी जाएगी. अगर आप वोटर हेल्पलाइन नंबर के जरिए स्लिप निकालना चाहते हैं तो ये प्रोसेस फॉलो करें.

ऐसे निकालें Voter Slip

Voter Helpline मोबाइल ऐप के जरिए आप आसानी से वोटर स्लिप निकाल सकते हैं. सबसे पहले Voter Helpline App को गूगल प्ले स्टोर या एपल ऐप स्टोर से इंस्टॉल करें. मोबाइल नंबर से रजिस्टर करें और पासवर्ड से रजिस्टर कर लें. अगर पहले से अकाउंट है तो लॉगिन करें., Search Your Name in Electoral Roll ऑप्शन पर जाएं और अपना नाम वहां पर सर्च करें..सर्च बाई EPIC No, Search by Bar/QR Code या Search by Mobile इन चारों ऑप्शन में से कोई भी एक सलेक्ट करें.. जरूरी जानकारी भरें और सर्च वाले ऑप्शन पर क्लिक करें. आपके सामने सभी डिटेल्स आ जाएंगी. डाउनलोड आइकन पर क्लिक करके डाउनलोड कर सकते हैं.

दिल्ली विधानसभा चुनाव 2025: जानें कैसे चेक करें वोटर लिस्ट में अपना नाम

दिल्ली विधानसभा चुनाव 2025 की तारीखों का ऐलान हो गया है, अगले महीने 5 फरवरी को चुनाव होंगे. दिल्ली में वोटिंग के बाद 8 फरवरी को राजनीतिक पार्टियों की किस्मत का फैसला होगा. आप भी अगर दिल्ली में रहते हैं तो चुनाव की तारीख नजदीक आने से पहले इस बात को जरूर चेक कर लें कि आपका नाम वोटर लिस्ट में है भी या नहीं?

आइए आपको बताते हैं कि दिल्ली विधानसभा चुनाव की तारीख नजदीक आने से पहले आप किस तरह से Voter List में अपना नाम चेक कर सकते हैं? Voter List में आप लोगों का नाम है या फिर नहीं? इस बात को जानने के लिए कहीं भी जाने की जरूरत नहीं, घर बैठे आसानी से इस बात का पता लगा पाएंगे. वोटर लिस्ट में नाम चेक करने से पहले EPIC Number अपने पास रखें, ये नंबर आपको वोटर आईडी कार्ड पर लिखा मिलेगा.

Voter List में ऐसे चेक करें नाम

गूगल पर Voters Service Portal लिखकर सर्च करें या electoralsearch.eci.gov.in पर जाएं. साइट पर आप लोगों को नाम चेक करने के लिए तीन विकल्प दिखेंगे. पहला विक्लप, Search by EPIC, दूसरा तरीका सर्च बाय डिटेल्स और तीसरा तरीका सर्च बाय मोबाइल.

Search by EPIC ऑप्शन में पहले भाषा चुनने के लिए कहा जाएगा, इसके बाद EPIC नंबर, अपना राज्य और कैप्चा भरकर सर्च ऑप्शन पर क्लिक कर दें. दूसरा, सर्च बाय डिटेल्स ऑप्शन में राज्य, भाषा, नाम, पिता/पति का नाम, डेट ऑफ बर्थ, उम्र, जिला और विधानसभा निर्वाचन क्षेत्र जैसी जरूरी जानकारी भरनी होगी. ये सभी जानकारी देने के बाद कैप्चा भरकर सर्च करें.

तीसरा तरीका, सर्च बाय मोबाइल ऑप्शन में नाम चेक करने के लिए ये तरीका खोजते हैं तो आपको भाषा, राज्य, मोबाइल नंबर और कैप्चा भरकर सर्च करना होगा. आपके नंबर पर ओटीपी आएगा, ओटीपी डालने के बाद जैसे ही आप सर्च दबाएंगे आपको इस बात की जानकारी मिल जाएगी कि आपका नाम वोटर लिस्ट में है या नहीं.

विधानसभा निर्वाचन क्षेत्र की निर्वाचक नामावलियों का विशेष संक्षिप्त पुनरीक्षण कार्यक्रम 29 अक्टूबर से 28 नवंबर 2024 तक

अमेठी। अपर जिलाधिकारी/उप जिला निर्वाचन अधिकारी अर्पित गुप्ता ने बताया कि भारत निर्वाचन आयोग के निर्देश के क्रम में 29 अक्टूबर 2024 को मतदाता सूची का आलेख्य प्रकाशन जनपद के समस्त मतदेय स्थलों एवं तहसीलों पर किया जायेगा तथा दावे और आपत्ति प्राप्त करने की अवधि 29 अक्टूबर 2024 से 28 नवम्बर 2024 तक निर्धारित है। उन्होंने बताया कि उक्त निर्धारित अवधि में सम्बन्धित बी0एल0ओ0, तहसील स्तर पर स्थापित मतदाता पंजीकरण केन्द्र में अथवा जिला निर्वाचन कार्यालय अमेठी से फार्म प्राप्त अथवा जमा कर सकते है ।

इस अवधि में 09 व 10 नवम्बर 2024 एवं 23 व 24 नवम्बर 2024 को विशेष अभियान की तिथियॉ भी निर्धारित है तथा मतदाता सूची का अन्तिम प्रकाशन 06 जनवरी 2024 को किया जायेगा। इस सम्बन्ध में उन्होंने बताया कि भावी मतदाताओं के साथ-साथ विशेष संक्षिप्त पुनरीक्षण 2025 का पूर्ण लाभ वर्तमान मतदाताओं को प्राप्त हो, इसके लिए आवश्यक है कि वर्तमान मतदाता, मतदाता सूची में ससमय अपना नाम चेक कर लें तथा तदानुसार अग्रिम अपेक्षित कार्यवाही करें।

इस हेतु मतदाताओं द्वारा अपना नाम मतदाता सूची में देखने के लिए विभिन्न व्यवस्थायें की गयी है। उन्होंने बताया कि मतदाता सूची 29 अक्टूबर 2024 से 28 नवम्बर 2024 के मध्य सभी मतदान केन्द्रों पर देखने के लिए उपलब्ध रहेगी तथा वेबसाइट www.ceouttarpradesh.nic.in पर Search Your Name Electoral Roll बटन पर क्लिक करके मतदाताओं द्वारा अपने से सम्बन्धित विवरण की पुष्टि की जा सकती है। उन्होंने बताया कि मतदाता https://electoralsearch.in एवं https://voters.eci.gov.in पर भी अपना नाम मतदाता सूची में देख सकते है तथा अपने मोबाइल में वोटर हेल्पलाइन ऐप डाउनलोड करके भी उक्त सेवाओं को प्राप्त कर सकते है।

बीआर इंटरनेशनल स्कूल, चाराडीह में विधान सभा चुनाव 2024 के संबंध में पोस्टर निर्माण और पेंटिंग प्रतियोगिता का आयोजन
आगामी विधान सभा चुनाव 2024 के प्रति जागरूकता फैलाने के उद्देश्य से बीआर इंटरनेशनल स्कूल, चाराडीह में आज एक पोस्टर निर्माण और पेंटिंग प्रतियोगिता का आयोजन किया गया। यह कार्यक्रम चुनाव आयोग द्वारा चलाए जा रहे SVEEP (Systematic Voters' Education and Electoral Participation) अभियान के अंतर्गत रखा गया। प्रतियोगिता में छात्रों ने बड़ी उत्सुकता और उत्साह के साथ भाग लिया। प्रतियोगिता का मुख्य उद्देश्य युवाओं और छात्रों को लोकतांत्रिक प्रक्रिया के महत्व के बारे में जागरूक करना और चुनावों में उनकी सक्रिय भागीदारी को प्रोत्साहित करना था। पोस्टरों और पेंटिंग्स के माध्यम से छात्रों ने मतदान के महत्व, निष्पक्ष चुनाव प्रक्रिया, और लोकतंत्र की मजबूती जैसे विषयों पर अपने विचार प्रकट किए। इस प्रतियोगिता को सफल बनाने के पीछे विद्यालय के निदेशक श्री ओम प्रकाश राय, प्रशासक सुनील कुमार, शिक्षिका लक्ष्मी कुमारी, इंद्रमणी कुमारी, शिक्षक विजय प्रकाश, और कला के शिक्षक कालिदास घोष आदि की महत्वपूर्ण भूमिका रही। इन सभी के सहयोग और मार्गदर्शन से कार्यक्रम का आयोजन सफलतापूर्वक संपन्न हुआ। छात्रों को प्रोत्साहित करने के लिए सभी शिक्षकगण मौजूद थे और उन्होंने प्रतियोगिता की सराहना की।विद्यालय के निदेशक श्री ओप राय ने कहा की "विधान सभा चुनाव सिर्फ एक मतदान प्रक्रिया नहीं है, बल्कि यह हमारे देश के लोकतंत्र की नींव को मजबूत करने का अवसर भी है। इस प्रतियोगिता के माध्यम से छात्रों ने अपनी रचनात्मकता के जरिये चुनाव से जुड़े विभिन्न पहलुओं पर प्रकाश डाला है।" प्रतियोगिता में छात्रों ने रंग-बिरंगे पोस्टर और आकर्षक पेंटिंग्स के माध्यम से यह संदेश दिया कि हर नागरिक का एक-एक वोट महत्वपूर्ण है। इस अवसर पर जजों के पैनल ने छात्रों की कलात्मकता और विषय की समझ की सराहना की। विजेताओं को पुरस्कार देकर सम्मानित किया गया, साथ ही सभी प्रतिभागियों को प्रमाण पत्र प्रदान किए गए। इस कार्यक्रम ने न केवल छात्रों को कला के प्रति प्रेरित किया, बल्कि उन्हें आगामी चुनाव प्रक्रिया में अपनी जिम्मेदारी समझने का भी अवसर दिया।
चुनावी बॉन्ड खत्म होने के बाद भी बीजेपी पर बरसा पैसा, प्रूडेंट इलेक्टोरल ट्रस्ट ने अकेले दिए 2180 करोड़

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15 फरवरी 2024 को सुप्रीम कोर्ट ने इलेक्टोरल बॉन्ड योजना को असंवैधानिक बताते हुए बंद करने का आदेश दिया था। अदालत का साफ कहना था कि लोकतंत्र में चंदे की गोपनीयता नहीं, बल्कि पारदर्शिता जरूरी है। हालांकि, इलेक्टोरल बॉन्ड खत्म होने के बाद भी बारतीय जनता पार्टी पर पैसों की बरसात हो रही है।

कुल चंदे का 83 फीसदी बीजेपी के पास

इलेक्टोरल बॉन्ड खत्म होने के बाद पहले वित्त वर्ष यानी 2024-25 में इलेक्टोरल ट्रस्ट ने राजनीतिक पार्टियों को करोड़ों रुपए दान दिए। चुनाव आयोग की वेबसाइट पर दिए गए आंकड़ों के मुताबिक, 2024-25 में इलेक्टोरल ट्रस्ट के जरिए कुल 4,276 करोड़ रुपये का चंदा मिला। इसमें से 83.6% यानी सबसे बड़ा हिस्सा बीजेपी को मिला। यह पिछले साल के मुकाबले चार गुना से भी ज्यादा है।

कांग्रेस को मिले 299 करोड़ रुपए

कांग्रेस को इस रास्ते से 7.3% चंदा मिला, जबकि तृणमूल कांग्रेस को 3.6% मिला। देश की मुख्य विपक्षी पार्टी कांग्रेस को 299 करोड़ रुपए चंदा मिला। अन्य सभी पार्टियों के हिस्से में बाकी बचे 400 करोड़ रुपए आए।

किन ट्रस्टों से कितना मिला बीजेपी को?

2024-25 में बीजेपी को इलेक्टोरल ट्रस्ट से कुल 3,577.5 करोड़ रुपये मिले। इसमें से सबसे ज्यादा पैसा 'प्रूडेंट इलेक्टोरल ट्रस्ट' से आया, जो 2,180.7 करोड़ रुपये था। 'प्रोग्रेसिव ईटी' से 757.6 करोड़ रुपये, 'ए बी जनरल ईटी' से 460 करोड़ रुपये, 'न्यू डेमोक्रेटिक ईटी' से 150 करोड़ रुपये मिले। इसके अलावा 'हार्मनी ईटी' से 30.1 करोड़ रुपये, 'ट्रायम्फ ईटी' से 21 करोड़ रुपये, 'जयभारत ईटी' से 5 करोड़ रुपये, 'समाज ईटी' से 3 करोड़ रुपये, 'जन कल्याण ईटी' से 9.5 लाख रुपये और 'एन्जिगार्टिक ईटी' से 7.75 लाख रुपये मिले।

क्या है इलेक्टोरल ट्रस्ट

दरअसल, केंद्र की मोदी सरकार चुनावी चंदे के लिए इलेक्टोरल बॉन्ड स्कीम लेकर आई थी। जिसे सुप्रीम कोर्ट ने साल 2024 में असंवैधानिक बताते हुए रद्द कर दिया था। अब कॉर्पोरेट कंपनियां चेक, DD या UPI के जरिए पार्टियों को डोनेशन दे सकती हैं। इसके साथ ही इलेक्टोरल ट्रस्ट के जरिए भी चंदा दे सकती हैं। इलेक्टोरल ट्रस्ट के जरिए कोई कंपनी या फिर व्यक्ति एक ट्रस्ट को डोनेशन दे सकता है, जो आगे पार्टियों को डोनेट करता है

गोरखपुर में शुरू हुआ विशेष प्रगाढ़ पुनरीक्षण (SIR) अभियान

गोरखपुर।जिलाधिकारी एवं जिला निर्वाचन अधिकारी दीपक मीणा ने कलेक्ट्रेट स्थित पर्यटन भवन सभागार में आयोजित प्रेस वार्ता के दौरान बताया कि भारत निर्वाचन आयोग के निर्देशानुसार जनपद गोरखपुर में विशेष प्रगाढ़ पुनरीक्षण (Special Intensive Revision - SIR) अभियान शुरू हो गया है। यह अभियान 4 नवंबर 2025 से 4 दिसंबर 2025 तक चलेगा, जिसके तहत जिले की सभी नौ विधानसभाओं में मतदाता सूची का घर-घर जाकर सत्यापन किया जाएगा।

डीएम दीपक मीणा ने कहा कि सन् 2003 के बाद यह पहला अवसर है जब निर्वाचन आयोग इस स्तर पर गहन पुनरीक्षण करा रहा है। इस प्रक्रिया का उद्देश्य मतदाता सूची को शुद्ध, अद्यतन और त्रुटिरहित बनाना है ताकि कोई पात्र मतदाता सूची से वंचित न रहे और कोई अपात्र नाम उसमें शामिल न हो।

मतदाता सूची सत्यापन की प्रक्रिया

डीएम ने बताया कि प्रत्येक मतदान केंद्र पर तैनात बीएलओ (Booth Level Officer) घर-घर जाकर मतदाताओं से विवरण एकत्र करेंगे और गणना प्रपत्र (Enumeration Form) भरवाएंगे। हर बीएलओ को प्रतिदिन कम से कम 50 प्रपत्र भरने का लक्ष्य दिया गया है।

उन्होंने बताया कि यदि किसी परिवार के सदस्य बाहर नौकरी या पढ़ाई के लिए रहते हैं तो घर पर मौजूद परिजन उनके स्थान पर भी फॉर्म भर सकते हैं। यह जानकारी सही और पूर्ण होनी चाहिए ताकि उन मतदाताओं के नाम अंतिम सूची में सम्मिलित किए जा सकें “जो लोग गणना प्रपत्र भर चुके हैं, उनका नाम अंतिम मतदाता सूची में स्वतः शामिल किया जाएगा और उनका नाम सूची से नहीं काटा जाएगा,

यदि किसी मतदाता के फॉर्म में त्रुटि रह जाती है या किसी कारणवश उसका नाम सूची में नहीं आता है, तो वह ईआरओ (Electoral Registration Officer) के समक्ष आपत्ति दाखिल कर अपना नाम पुनः जोड़ सकता है।

एक मतदाता – एक ही जगह नाम

डीएम दीपक मीणा ने कहा कि एक व्यक्ति केवल एक ही विधानसभा क्षेत्र में मतदाता रह सकता है। यदि किसी का नाम दो स्थानों पर पाया जाता है, तो उसे अपने प्रपत्र में यह उल्लेख करना आवश्यक है ताकि पुराने स्थान से नाम हटाया जा सके। “एक व्यक्ति भारतवर्ष में केवल एक ही स्थान पर मतदाता हो सकता है। यदि नाम दो जगह दर्ज है, तो यह नियमों के विरुद्ध है। फॉर्म में पुराने पते का जिक्र कर दें, जिससे नाम वहां से काटा जा सके।”

विशेष पुनरीक्षण कार्यक्रम की प्रमुख तिथियाँ

गणना कार्य की अवधि 04 नवम्बर – 04 दिसम्बर 2025

ड्राफ्ट मतदाता सूची का प्रकाशन 09 दिसम्बर 2025

दावे एवं आपत्तियों की अवधि 09 दिसम्बर 2025 – 08 जनवरी 2026 सुनवाई व निस्तारण की अवधि 09 दिसम्बर 2025 – 31 जनवरी 2026

अंतिम मतदाता सूची का प्रकाशन 07 फरवरी 2026

गोरखपुर में मतदाताओं की स्थिति

डीएम दीपक मीणा ने बताया कि वर्ष 2003 में जिले में कुल 26,68,592 मतदाता थे — पुरुष 14,87,545, महिलाएं 11,81,047।

वर्ष 2025 में मतदाताओं की संख्या बढ़कर 36,66,533 हो गई है, जिनमें पुरुष 19,72,109, महिलाएं 16,94,178 और अन्य 246 हैं। “लगभग 10 लाख नए मतदाताओं का जुड़ना लोकतंत्र के प्रति गोरखपुरवासियों की जागरूकता का प्रमाण है।”

जिले की निर्वाचन व्यवस्था

गोरखपुर जिले में कुल 9 विधानसभा क्षेत्र हैं —

कैम्पियरगंज (320), पिपराइच (321), गोरखपुर शहर (322), गोरखपुर ग्रामीण (323), सहजनवा (324), खजनी (325), चौरीचौरा (326), बांसगांव (327) और चिल्लूपार (328)।

इन विधानसभा क्षेत्रों में कुल 9 निर्वाचक रजिस्ट्रीकरण अधिकारी (EROs), 45 सहायक अधिकारी (AEROs), 3,679 बीएलओ, 440 सुपरवाइजर, 3,679 मतदेय स्थल और 2,063 मतदान केंद्र बनाए गए हैं।

डीएम ने बताया कि प्रत्येक मतदान केंद्र पर अधिकतम 1200 मतदाता होंगे। यदि किसी अपार्टमेंट या कॉलोनी में 1200 से अधिक मतदाता हैं, तो वहां भी नया मतदान केंद्र स्थापित किया जा सकता है।

त्रुटियों के सुधार पर विशेष ध्यान

डीएम दीपक मीणा ने कहा कि प्रवासन, मृत्यु, विवाह या दोहरे नाम जैसी त्रुटियों को सुधारने के लिए यह अभियान महत्वपूर्ण है। कोई भी जीवित पात्र मतदाता सूची से वंचित नहीं रहेगा और कोई मृत या दोहरा नाम सूची में नहीं रहेगा।”

बीएलओ घर-घर जाकर पहचान पत्र जैसे आधार, पैन, ड्राइविंग लाइसेंस या अन्य सरकारी प्रमाण पत्र देखकर पहचान सत्यापित करेंगे कोई पहचान पत्र नहीं देना है।

राजनीतिक दलों और नागरिकों से अपील

डीएम दीपक मीणा ने सभी राजनीतिक दलों, जनप्रतिनिधियों और नागरिकों से अपील की कि वे इस अभियान में बढ़-चढ़कर सहयोग करें। “यह केवल प्रशासनिक प्रक्रिया नहीं, बल्कि लोकतंत्र की नींव को मजबूत करने का कार्य है। हर पात्र नागरिक का नाम सूची में शामिल करना हम सबकी सामूहिक जिम्मेदारी है।

प्रेस वार्ता में उप जिला निर्वाचन अधिकारी/एडीएम वित्त विनीत कुमार सिंह,

सहायक निर्वाचन अधिकारी शंकर मिश्रा,

सहायक सूचना निदेशक प्रशांत श्रीवास्तव सहित सभी तहसीलों के एसडीएम और निर्वाचन विभाग के अधिकारी मौजूद रहे।

डीएम का संदेश ने कि “विशेष प्रगाढ़ पुनरीक्षण केवल एक औपचारिक प्रक्रिया नहीं, बल्कि यह लोकतांत्रिक सहभागिता का आधार है। हर पात्र मतदाता का नाम सूची में जुड़ना उसका अधिकार है और इस अधिकार को सुनिश्चित करना प्रशासन की सर्वोच्च प्राथमिकता है।

बिहार में चुनाव आयोग आज जारी करेगा नई मतदाता सूची, जानें कैसे चेक करेंगे अपना नाम

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बिहार की विधानसभा चुनाव की सुगबुगाहट तेज हो गई है। बिहार में विधानसभा चुनाव की तैयारियों के बीच निर्वाचन आयोग अंतिम मतदाता सूची जारी करने जा रही है। विशेष गहन संशोधन (एसआईआर) के बाद आज अंतिम मतदाता सूची का प्रकाशन किया जा रहा है। 1 अगस्त को प्रारूपिक मतदाता सूची प्रकाशित की गई थी, जिसके बाद नागरिकों और राजनीतिक दलों को 1 सितंबर तक सुधार के लिए दावे और आपत्तियां दर्ज कराने का अवसर दिया गया। प्रारूपिक सूची में कुल 7.24 करोड़ मतदाता शामिल थे।।

चुनाव आयोग ने पहले ही कहा था कि 30 सितंबर कोर अंतिम मतदाता सूची प्रारूप का प्रकाशन कर दिया जाएगा। चुनाव आयोग ने मतदाता सूची को सार्वजनिक करने के साथ-साथ हर जिले के निर्वाचन पदाधिकारी के कार्यालय में भौतिक प्रति भी उपलब्ध करवा देगी। सभी राजनीतिक दलों को भी मतदाता सूची प्रारूप की अंतिम सूची उपलब्ध करवाई जाएगी।

अपना नाम ऑनलाइन कैसे देखें?

तकनीकी सुविधा के चलते अब मतदाता अपने नाम और विवरण ऑनलाइन भी देख सकते हैं।

• सबसे पहले राष्ट्रीय मतदाता सेवा पोर्टल पर जाएं।

• यहां Search in Electoral Roll ऑप्शन पर क्लिक करें।

• मतदाता पहचान पत्र या नाम, पिता/पति का नाम और जन्मतिथि जैसी जानकारी भरकर खोज की जा सकती है।

• इसके अलावा राज्य निर्वाचन आयोग की वेबसाइट और मोबाइल ऐप के जरिए भी यह सुविधा उपलब्ध है।

अगर छूट गया है नाम तो क्या करना होगा?

राज्य निर्वाचन विभाग ने स्पष्ट किया है कि वोटर लिस्ट के अंतिम प्रकाशन के बाद भी जिन नागरिकों के नाम इसमें दर्ज नहीं हैं, वे अब भी अपना नाम शामिल करा सकते हैं। इस प्रक्रिया के लिए उन्हें फॉर्म-6 भरकर अपने क्षेत्र के बूथ लेवल ऑफिसर (बीएलओ) के पास जमा करना होगा। यह प्रक्रिया पूरी तरह से सरल और पारदर्शी बनाई गई है। नागरिक चाहें तो ऑनलाइन और ऑफलाइन दोनों माध्यमों से आवेदन कर सकते हैं।

65 लाख मतदाताओं के नाम काटे गए थे

निर्वाचन आयोग ने मतदाता पुनरीक्षण कार्य की शुरुआत जून माह में की थी। इस कार्य से पहले 7 करोड़ 89 लाख मतदाता थे। इसके पुनरीक्षण कार्य के बाद कुल 65 करोड़ मतदाताओं के नाम कटे थे। इनमें 22 लाख से अधित मृत मतदाता, करीब 35 लाख विस्थापित मतदाता थे। वहीं करीब सात लाख लोग ऐसे मतदाता थे, जिनका नाम दो जगह दर्ज था। हालांकि, चुनाव आयोग ने इन्हें दावा आपत्ति के लिए 30 दिन का वक्त दिया था।

फाइनल वोटर लिस्ट के बाद तारीखों की घोषणा

एक रिपोर्ट के अनुसार, चुनाव की तारीखें मंगलवार 30 सितंबर को अंतिम मतदाता सूची (फाइनल वोटर लिस्ट) प्रकाशित होने के ठीक बाद घोषित की जाएंगी। रिपोर्ट बताती है कि मतदान का पहला चरण छठ महापर्व के बाद अक्तूबर के अंतिम सप्ताह में शुरू होने की संभावना है। छठ पूजा 25 से 28 अक्तूबर तक मनाई जाएगी, जिसका मतलब है कि बिहार में चुनाव या तो अक्तूबर के अंतिम दिनों में या नवंबर के पहले सप्ताह में शुरू होंगे। बता दें, मौजूदा बिहार सरकार का कार्यकाल 22 नवंबर को समाप्त होने वाला है।

पश्चिम बंगाल में 13.69 प्रतिशत फर्जी मतदाता, SIR से पहले रिसर्च रिपोर्ट में बड़ा दावा

देशभर में मतदाता सूची को लेकर राजनीतिक दलों के बीच चल रही बहस अब पश्चिम बंगाल तक पहुंच गई है. बिहार में चुनाव आयोग के विशेष मतदाता पुनरीक्षण अभियान (SIR) के दौरान लाखों नाम काटे जाने के बाद अब पश्चिम बंगाल की मतदाता सूची पर भी सवाल खड़े हो गए हैं. विशेषज्ञों का मानना है कि राज्य की मतदाता सूची में करीब 13.69 प्रतिशत नाम फर्जी या मृतकों के हैं.

बिहार में 65 लाख से अधिक मतदाता सूची से हटाए जाने के बाद अब चुनाव आयोग ने संकेत दिया है कि पश्चिम बंगाल में भी एसआईआर अभियान चलाया जाएगा. हालांकि आयोग ने इस प्रक्रिया की समय-सीमा स्पष्ट नहीं की है.

पश्चिम बंगाल में आखिरी बार मतदाता सूची का गहन पुनरीक्षण 2002 में हुआ था. बीते 22 वर्षों में इस सूची की ठीक से समीक्षा नहीं की गई, जिसके चलते मृतकों और डुप्लीकेट नामों को हटाया ही नहीं गया.

शोध रिपोर्ट में चौंकाने वाले आंकड़े

अगस्त 2025 में प्रकाशित शोध Electoral Roll Inflation in West Bengal: A Demographic Reconstruction of Legitimate Voter Counts (2024) में विद्यु शेखर (एसपी जैन, मुंबई) और मिलन कुमार (आईआईएम विशाखापत्तनम) ने पश्चिम बंगाल की मतदाता सूची का गहन विश्लेषण किया है. अध्ययन के अनुसार, 2024 की मतदाता सूची में करीब 1.04 करोड़ अतिरिक्त नाम मौजूद हैं. यह कुल सूची का लगभग 13.69 प्रतिशत है. शोध में चेतावनी दी गई है कि यह आंकड़ा न्यूनतम है, वास्तविक संख्या इससे भी अधिक हो सकती है.

शोध में दावा किया गया है कि बिहार की तरह पश्चिम बंगाल की मतदाता सूची में भी मृत लोगों के नाम बड़े पैमाने पर दर्ज हैं। 2004 की सूची में राज्य में 4.74 करोड़ मतदाता थे. बीस साल बाद प्राकृतिक मृत्यु दर और उम्र के आधार पर अनुमान लगाया गया कि इनमें से लगभग एक करोड़ लोग अब जीवित नहीं हैं। इसके बावजूद उनके नाम मतदाता सूची से हटाए नहीं गए हैं.

अध्ययन के अनुसार, 1986 से 2006 के बीच जन्मे और 18 वर्ष की आयु पूरी करने वाले नए मतदाताओं को जोड़ने और प्रवासन को घटाने के बाद, 2024 में पश्चिम बंगाल में वैध मतदाताओं की संख्या करीब 6.57 करोड़ होनी चाहिए थी, लेकिन चुनाव आयोग के आंकड़ों में यह संख्या 7.61 करोड़ दर्ज है यानी करीब 1.04 करोड़ नाम अतिरिक्त पाए गए। यह अंतर चुनावी नतीजों पर बड़ा असर डाल सकता है.

अल्पसंख्यक इलाकों में मतदाताओं की संख्या में इजाफा

शोध में यह भी पाया गया कि अल्पसंख्यक बहुल इलाकों में मतदाता संख्या में असामान्य वृद्धि हुई है. कई क्षेत्रों में मतदाता संख्या वास्तविक जनसंख्या से भी अधिक दर्ज की गई. साथ ही 2011 के बाद राज्य से होने वाले पलायन को भी सूची में नहीं जोड़ा गया, जबकि यह संख्या लगातार बढ़ रही है. अगर इसे शामिल किया जाता तो वैध मतदाताओं की संख्या और कम हो जाती.

बिहार के अनुभव को देखते हुए अब पश्चिम बंगाल में भी यह आशंका गहराने लगी है कि बड़े पैमाने पर मतदाता सूची से नाम हट सकते हैं. इससे राजनीतिक दलों के बीच टकराव और बढ़ सकता है. विपक्ष जहां इसे फर्जी वोटरों को बचाने की साजिश बताएगा, वहीं सत्तारूढ़ दल इसे लोकतंत्र की मजबूती और पारदर्शिता के लिए आवश्यक कदम करार दे सकता है.

उपमुख्यमंत्री विजय सिन्हा पर तेजस्वी यादव का बड़ा आरोप, बोले- 'वोटर लिस्ट और उम्र में किया है घोटाला'*
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पटना: बिहार के उपमुख्यमंत्री विजय सिन्हा पर नेता प्रतिपक्ष तेजस्वी प्रसाद यादव ने एक बड़ा आरोप लगाया है। उन्होंने कहा कि विजय सिन्हा के दो विधानसभा क्षेत्रों की मतदाता सूचियों में नाम दर्ज हैं, और दोनों जगहों पर उनकी उम्र भी अलग-अलग है। तेजस्वी ने चुनाव आयोग की कार्रवाई पर सवाल उठाते हुए पूछा कि इस गंभीर मामले में आयोग चुप क्यों है। दो जगहों पर नाम और उम्र का अंतर अपने आवास पर आयोजित एक संवाददाता सम्मेलन में तेजस्वी यादव ने आरोप लगाते हुए कहा कि उपमुख्यमंत्री विजय सिन्हा का नाम मुंगेर लोकसभा क्षेत्र के लखीसराय विधानसभा (भाग संख्या 168) और पटना साहिब लोकसभा क्षेत्र के बांकीपुर विधानसभा (भाग संख्या 182) की मतदाता सूची में दर्ज है। लखीसराय विधानसभा: यहां उनका उम्र 57 वर्ष दर्ज है। बांकीपुर विधानसभा: यहां उनका उम्र 60 वर्ष दर्ज है। तेजस्वी ने कहा कि दो अलग-अलग जिलों में दो EPIC नंबर और दो तरह की उम्र से यह साफ होता है कि वोटर लिस्ट में बड़े पैमाने पर गड़बड़ी हो रही है। उन्होंने कहा कि जब गहन मतदाता पुनरीक्षण (Special Revision of Electoral Roll- SIR) के बाद भी उपमुख्यमंत्री का नाम दो जगह है, तो यह फर्जीवाड़ा है। तेजस्वी ने चुनाव आयोग पर उठाए सवाल तेजस्वी ने खुद पर हुई कार्रवाई का जिक्र करते हुए कहा कि उनके मामले में बिना सच्चाई जाने मीडिया ट्रायल शुरू कर दिया गया था, जबकि उपमुख्यमंत्री के खिलाफ अभी तक कोई नोटिस जारी नहीं हुआ है। उन्होंने चुनाव आयोग से पूछा कि क्या यह फर्जीवाड़ा उपमुख्यमंत्री ने किया है या फिर SIR में ही गड़बड़ी हुई है। उन्होंने यह भी आरोप लगाया कि चुनाव आयोग भाजपा के इशारे पर काम कर रहा है और विपक्ष की ओर से उठाई गई शिकायतों पर ध्यान नहीं दे रहा है। तेजस्वी ने कहा कि 65 लाख मतदाताओं के नाम हटाने के बाद भी, उनकी सूची सार्वजनिक नहीं की गई है, जिससे पारदर्शिता की कमी साफ दिखती है। तेजस्वी ने चुनाव आयोग पर आरोप लगाते हुए कहा कि उनकी पार्टी राष्ट्रीय जनता दल ने बार-बार शिकायतें दर्ज कराई हैं, लेकिन आयोग झूठ का सहारा ले रहा है। उन्होंने चेतावनी दी कि आने वाले दिनों में वह और भी बड़े खुलासे करेंगे। इस संवाददाता सम्मेलन में राजद के कई वरिष्ठ नेता, जैसे डॉ. सुनील कुमार सिंह, कारी मोहम्मद सोहैब, शक्ति सिंह यादव और एजाज अहमद भी उपस्थित थे।
बैक डोर से एनआरसी लाने की कोशिश, टीएमसी ने मतदाता सूची की जांच पर उठाए सवाल

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पश्चिम बंगाल की सत्ताधारी पार्टी तृणमूल कांग्रेस ने मतदाता सूची के पुनर्निरीक्षण पर सवाल उठाया है। तृणमूल कांग्रेस (टीएमसी) के सांसद डेरेक ओ’ब्रायन ने चुनाव आयोग पर इसको लेकर गंभीर आरोप लगाए हैं। चुनाव आयोग के अभियान की टाइमिंग पर सवाल उठाते हुए टीएमसी नेता डेरेक ओ ब्रायन ने एक प्रेस कॉन्फ्रेंस में कहा कि विपक्षी इंडी गठबंधन की पार्टियां इस मुद्दे को संसद के भीतर और बाहर दोनों जगह उठाएंगी।

एनआरसी लागू करने की खतरनाक साज़िश’ करार

दिल्ली में आयोजित प्रेस कॉन्फ्रेंस में ब्रायन कहा कि बिहार से शुरू होकर पश्चिम बंगाल में लागू होने जा रही ‘स्पेशल इंटेंसिव रिविजन ऑफ इलेक्टोरल रोल’ की प्रक्रिया संविधान और लोकतंत्र के खिलाफ है। टीएमसी सांसद ने इसे ‘पीछे के दरवाज़े से एनआरसी लागू करने की खतरनाक साज़िश’ करार दिया। उन्होंने कहा कि यह कवायद संदिग्ध समय पर शुरू की गई है।

चुनावी गणित बदलने की कोशिश का आरोप

डेरेक ओ’ब्रायन ने सवाल उठाया, अब अचानक इस प्रक्रिया की क्या जरूरत पड़ गई? उन्होंने दावा किया, हमारे पास सबूत हैं कि यह कवायद क्यों की जा रही है। बीजेपी के आंतरिक सर्वे में उन्हें बंगाल में केवल 46-49 सीटें मिलती दिख रही हैं, और इसी हताशा में वे चुनावी गणित बदलने की कोशिश कर रहे हैं।

बता दें कि चुनाव आयोग ने पिछले सोमवार को बिहार में इस विशेष गहन समीक्षा की प्रक्रिया शुरू करने के निर्देश दिए थे, जिसका मकसद अपात्र नामों को हटाना और पात्र नागरिकों को मतदाता सूची में शामिल करना बताया गया है। यह कवायद बिहार में इस साल के अंत में होने वाले विधानसभा चुनावों से पहले हो रही है। बिहार में पिछली बार इस तरह की समीक्षा 2003 में हुई थी।

घर बैठे चुटकियों में निकल जाएगी Voter Slip, ये है पूरा प्रोसेस

दिल्ली विधानसभा इलेक्शन के लिए वोटिंग 5 फरवरी को होगी. ऐसे में अगर आप भी वोट डालने के लिए जाने वाले हैं तो अपनी वोटिंग स्लिप घऱ से ही निकाल कर जाएं. इससे आपका काफी समय बचेगा. आप 10 सेकंड से भी कम समय में अपनी वोटिंग स्लिप निकाल सकते हैं. इसके लिए आपको ज्यादा कुछ नहीं करना पड़ेगा. बस अपने स्मार्टफोन के जरिए घर बैठे ये काम तुरंत करें. वोटिंग के लिए कई जरूरी डॉक्यूमेंट की जरूरत होती है. जिनके बिना आप वोट नहीं डाल पाएंगे.

इलेक्शन कमीशन वोटर इन्फोर्मेशन स्लिप (VIS) जारी करता है. इसमें वोटर की उम्र, जेंडर, नाम, असेंबली कांस्टीट्यूएंसी, पोलिंग स्टेशन लोकेशन जैसी जानकारी मेंशन होती हं. वोटर स्लिप ऑनलाइन डाउनलोड करने के लिए दिया गया प्रोसेस फॉलो करें.

SMS के जरिए वोटर स्लिप

SMS के जरिए वोटर स्लिप निकालने के लिए अपने फोन के मैसेज सेक्शन में जाएं. ECI (आपका वोटर आईडी नंबर) डालें. इसके बाद 1950 नंबर पर सेंड कर दें. इसके बाद आपको चुनाव आयोग की तरफ से धन्यवाद का मैसेज आएगा. SMS करने के 10 सेकंड के अंदर वोटर स्लिप भी भेज दी जाएगी. अगर आप वोटर हेल्पलाइन नंबर के जरिए स्लिप निकालना चाहते हैं तो ये प्रोसेस फॉलो करें.

ऐसे निकालें Voter Slip

Voter Helpline मोबाइल ऐप के जरिए आप आसानी से वोटर स्लिप निकाल सकते हैं. सबसे पहले Voter Helpline App को गूगल प्ले स्टोर या एपल ऐप स्टोर से इंस्टॉल करें. मोबाइल नंबर से रजिस्टर करें और पासवर्ड से रजिस्टर कर लें. अगर पहले से अकाउंट है तो लॉगिन करें., Search Your Name in Electoral Roll ऑप्शन पर जाएं और अपना नाम वहां पर सर्च करें..सर्च बाई EPIC No, Search by Bar/QR Code या Search by Mobile इन चारों ऑप्शन में से कोई भी एक सलेक्ट करें.. जरूरी जानकारी भरें और सर्च वाले ऑप्शन पर क्लिक करें. आपके सामने सभी डिटेल्स आ जाएंगी. डाउनलोड आइकन पर क्लिक करके डाउनलोड कर सकते हैं.

दिल्ली विधानसभा चुनाव 2025: जानें कैसे चेक करें वोटर लिस्ट में अपना नाम

दिल्ली विधानसभा चुनाव 2025 की तारीखों का ऐलान हो गया है, अगले महीने 5 फरवरी को चुनाव होंगे. दिल्ली में वोटिंग के बाद 8 फरवरी को राजनीतिक पार्टियों की किस्मत का फैसला होगा. आप भी अगर दिल्ली में रहते हैं तो चुनाव की तारीख नजदीक आने से पहले इस बात को जरूर चेक कर लें कि आपका नाम वोटर लिस्ट में है भी या नहीं?

आइए आपको बताते हैं कि दिल्ली विधानसभा चुनाव की तारीख नजदीक आने से पहले आप किस तरह से Voter List में अपना नाम चेक कर सकते हैं? Voter List में आप लोगों का नाम है या फिर नहीं? इस बात को जानने के लिए कहीं भी जाने की जरूरत नहीं, घर बैठे आसानी से इस बात का पता लगा पाएंगे. वोटर लिस्ट में नाम चेक करने से पहले EPIC Number अपने पास रखें, ये नंबर आपको वोटर आईडी कार्ड पर लिखा मिलेगा.

Voter List में ऐसे चेक करें नाम

गूगल पर Voters Service Portal लिखकर सर्च करें या electoralsearch.eci.gov.in पर जाएं. साइट पर आप लोगों को नाम चेक करने के लिए तीन विकल्प दिखेंगे. पहला विक्लप, Search by EPIC, दूसरा तरीका सर्च बाय डिटेल्स और तीसरा तरीका सर्च बाय मोबाइल.

Search by EPIC ऑप्शन में पहले भाषा चुनने के लिए कहा जाएगा, इसके बाद EPIC नंबर, अपना राज्य और कैप्चा भरकर सर्च ऑप्शन पर क्लिक कर दें. दूसरा, सर्च बाय डिटेल्स ऑप्शन में राज्य, भाषा, नाम, पिता/पति का नाम, डेट ऑफ बर्थ, उम्र, जिला और विधानसभा निर्वाचन क्षेत्र जैसी जरूरी जानकारी भरनी होगी. ये सभी जानकारी देने के बाद कैप्चा भरकर सर्च करें.

तीसरा तरीका, सर्च बाय मोबाइल ऑप्शन में नाम चेक करने के लिए ये तरीका खोजते हैं तो आपको भाषा, राज्य, मोबाइल नंबर और कैप्चा भरकर सर्च करना होगा. आपके नंबर पर ओटीपी आएगा, ओटीपी डालने के बाद जैसे ही आप सर्च दबाएंगे आपको इस बात की जानकारी मिल जाएगी कि आपका नाम वोटर लिस्ट में है या नहीं.

विधानसभा निर्वाचन क्षेत्र की निर्वाचक नामावलियों का विशेष संक्षिप्त पुनरीक्षण कार्यक्रम 29 अक्टूबर से 28 नवंबर 2024 तक

अमेठी। अपर जिलाधिकारी/उप जिला निर्वाचन अधिकारी अर्पित गुप्ता ने बताया कि भारत निर्वाचन आयोग के निर्देश के क्रम में 29 अक्टूबर 2024 को मतदाता सूची का आलेख्य प्रकाशन जनपद के समस्त मतदेय स्थलों एवं तहसीलों पर किया जायेगा तथा दावे और आपत्ति प्राप्त करने की अवधि 29 अक्टूबर 2024 से 28 नवम्बर 2024 तक निर्धारित है। उन्होंने बताया कि उक्त निर्धारित अवधि में सम्बन्धित बी0एल0ओ0, तहसील स्तर पर स्थापित मतदाता पंजीकरण केन्द्र में अथवा जिला निर्वाचन कार्यालय अमेठी से फार्म प्राप्त अथवा जमा कर सकते है ।

इस अवधि में 09 व 10 नवम्बर 2024 एवं 23 व 24 नवम्बर 2024 को विशेष अभियान की तिथियॉ भी निर्धारित है तथा मतदाता सूची का अन्तिम प्रकाशन 06 जनवरी 2024 को किया जायेगा। इस सम्बन्ध में उन्होंने बताया कि भावी मतदाताओं के साथ-साथ विशेष संक्षिप्त पुनरीक्षण 2025 का पूर्ण लाभ वर्तमान मतदाताओं को प्राप्त हो, इसके लिए आवश्यक है कि वर्तमान मतदाता, मतदाता सूची में ससमय अपना नाम चेक कर लें तथा तदानुसार अग्रिम अपेक्षित कार्यवाही करें।

इस हेतु मतदाताओं द्वारा अपना नाम मतदाता सूची में देखने के लिए विभिन्न व्यवस्थायें की गयी है। उन्होंने बताया कि मतदाता सूची 29 अक्टूबर 2024 से 28 नवम्बर 2024 के मध्य सभी मतदान केन्द्रों पर देखने के लिए उपलब्ध रहेगी तथा वेबसाइट www.ceouttarpradesh.nic.in पर Search Your Name Electoral Roll बटन पर क्लिक करके मतदाताओं द्वारा अपने से सम्बन्धित विवरण की पुष्टि की जा सकती है। उन्होंने बताया कि मतदाता https://electoralsearch.in एवं https://voters.eci.gov.in पर भी अपना नाम मतदाता सूची में देख सकते है तथा अपने मोबाइल में वोटर हेल्पलाइन ऐप डाउनलोड करके भी उक्त सेवाओं को प्राप्त कर सकते है।

बीआर इंटरनेशनल स्कूल, चाराडीह में विधान सभा चुनाव 2024 के संबंध में पोस्टर निर्माण और पेंटिंग प्रतियोगिता का आयोजन
आगामी विधान सभा चुनाव 2024 के प्रति जागरूकता फैलाने के उद्देश्य से बीआर इंटरनेशनल स्कूल, चाराडीह में आज एक पोस्टर निर्माण और पेंटिंग प्रतियोगिता का आयोजन किया गया। यह कार्यक्रम चुनाव आयोग द्वारा चलाए जा रहे SVEEP (Systematic Voters' Education and Electoral Participation) अभियान के अंतर्गत रखा गया। प्रतियोगिता में छात्रों ने बड़ी उत्सुकता और उत्साह के साथ भाग लिया। प्रतियोगिता का मुख्य उद्देश्य युवाओं और छात्रों को लोकतांत्रिक प्रक्रिया के महत्व के बारे में जागरूक करना और चुनावों में उनकी सक्रिय भागीदारी को प्रोत्साहित करना था। पोस्टरों और पेंटिंग्स के माध्यम से छात्रों ने मतदान के महत्व, निष्पक्ष चुनाव प्रक्रिया, और लोकतंत्र की मजबूती जैसे विषयों पर अपने विचार प्रकट किए। इस प्रतियोगिता को सफल बनाने के पीछे विद्यालय के निदेशक श्री ओम प्रकाश राय, प्रशासक सुनील कुमार, शिक्षिका लक्ष्मी कुमारी, इंद्रमणी कुमारी, शिक्षक विजय प्रकाश, और कला के शिक्षक कालिदास घोष आदि की महत्वपूर्ण भूमिका रही। इन सभी के सहयोग और मार्गदर्शन से कार्यक्रम का आयोजन सफलतापूर्वक संपन्न हुआ। छात्रों को प्रोत्साहित करने के लिए सभी शिक्षकगण मौजूद थे और उन्होंने प्रतियोगिता की सराहना की।विद्यालय के निदेशक श्री ओप राय ने कहा की "विधान सभा चुनाव सिर्फ एक मतदान प्रक्रिया नहीं है, बल्कि यह हमारे देश के लोकतंत्र की नींव को मजबूत करने का अवसर भी है। इस प्रतियोगिता के माध्यम से छात्रों ने अपनी रचनात्मकता के जरिये चुनाव से जुड़े विभिन्न पहलुओं पर प्रकाश डाला है।" प्रतियोगिता में छात्रों ने रंग-बिरंगे पोस्टर और आकर्षक पेंटिंग्स के माध्यम से यह संदेश दिया कि हर नागरिक का एक-एक वोट महत्वपूर्ण है। इस अवसर पर जजों के पैनल ने छात्रों की कलात्मकता और विषय की समझ की सराहना की। विजेताओं को पुरस्कार देकर सम्मानित किया गया, साथ ही सभी प्रतिभागियों को प्रमाण पत्र प्रदान किए गए। इस कार्यक्रम ने न केवल छात्रों को कला के प्रति प्रेरित किया, बल्कि उन्हें आगामी चुनाव प्रक्रिया में अपनी जिम्मेदारी समझने का भी अवसर दिया।