17 साल के निर्वासन के बाद तारिक रहमान की वचन वापसी, ढाका में सियासत हलचल तेज*
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बांग्लादेश की राजनीति में एक बड़े घटनाक्रम के तहत बांग्लादेश नेशनलिस्ट पार्टी (बीएनपी) प्रमुख बेगम खालिदा जिया के बेटे तारिक रहमान करीब 17 वर्षों के लंबे अंतराल के बाद स्वदेश लौट आए हैं। रहमान लंदन में स्व-निर्वासन में रहने के बाद ढाका आए हैं। तारिक रहमान के बांग्लादेश पहुंचते ही बीएनपी के समर्थकों ने उनका जोरदार स्वागत किया।तारिक रहमान की वापसी के बाद बीएनपी समर्थकों में जबरदस्त उत्साह देखा जा रहा है और इसे देश की राजनीति में एक निर्णायक मोड़ के रूप में देखा जा रहा है।
रहमान की वापसी ऐसे समय में हुई है जब प्रमुख युवा नेता शरीफ उस्मान हादी की हत्या के बाद देश में अशांति और राजनीतिक अस्थिरता की एक नई लहर चल रही है। हादी ने पूर्व प्रधानमंत्री शेख हसीना को सत्ता से हटाने में अहम भूमिका निभाई थी।
पीएम पद के प्रमुख दावेदार के रूप में उभरे
बीमार पूर्व प्रधानमंत्री खालिदा जिया के 60 वर्षीय बेटे रहमान, आने वाले फरवरी के आम चुनावों में प्रधानमंत्री पद के लिए एक प्रमुख दावेदार के रूप में उभरे हैं। रहमान की बांग्लादेश वापसी इसलिए भी महत्वपूर्ण है क्योंकि जमात बांग्लादेश के टूटे-फूटे राजनीतिक परिदृश्य में अपना प्रभाव बढ़ाने की कोशिश कर रही है।
शेख हसीना के जाने के बाद वापसी
17 साल के निर्वासन के दौरान तारिक रहमान लंदन में रह रहे थे और इस बीच उन पर कई कानूनी मामले चले। हालांकि शेख हसीना सरकार के सत्ता से हटने के बाद अदालतों से उन्हें राहत मिली और उनकी वापसी का रास्ता साफ हुआ।
चुनाव में बीएनपी को मिलेगी नई ऊर्जा
तारिक रहमान की वापसी को बीएनपी राजनीतिक प्रतिशोध के अंत के तौर पर पेश कर रही है। राजनीतिक जानकारों का मानना है कि तारिक रहमान की वापसी से बांग्लादेश की चुनावी राजनीति पूरी तरह गरमा गई है। ऐसे समय में, जब देश हालिया हिंसा, छात्र आंदोलनों और सुरक्षा चिंताओं से गुजर रहा है, उनकी मौजूदगी न सिर्फ बीएनपी को नई ऊर्जा देगी बल्कि सत्ताधारी अंतरिम सरकार पर दबाव भी बढ़ाएगी। फरवरी में प्रस्तावित आम चुनावों से पहले तारिक रहमान की यह वापसी बांग्लादेश की राजनीति की दिशा और दशा दोनों बदलने वाली मानी जा रही है।



1 hour and 53 min ago
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