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गया जिला कांग्रेस कार्यालय में पूर्व मुख्यमंत्री भोला पासवान की जयंती मनाई गई, शास्त्री जी के जीवनी पर अपने अपने विचार दिये

गया जिला कांग्रेस कार्यालय राजेन्द्र आश्रम में बिहार के पूर्व मुख्यमंत्री भोला पासवान की जयंती मनाई गई. सबसे पहले इनके तैल चित्र पर पुष्प अर्पित किया गया. इस कार्यक्रम की अध्यक्षता जिला कांग्रेस महिला प्रकोष्ठ के पूर्व जिला प्रभारी डॉ कुमारी गीता पासवान की अध्यक्षता मे जयंती मनाई गयी.

शास्त्री जी के जीवनी पर अपने अपने विचार दिये. एक ऐसा मुख्यमंत्री जिसे लोग उनकी इमानदारी के लिए याद करते है, जिसके बारे में लोग अपने बच्चों को बताते हुए आज भी कहते हैं कि अगर सच में कुछ बनना है तो भोला पासवान की तरह बनो लेकिन आज के समाज में अगर हम अपने घर में किसी राजनेता का नाम ले लेते हैं या फिर तारीफ कर देते हैं तो लोग कहते हैं कि क्या कह रहे हो? दरअसल आज जिस व्यक्ति के बारे में बता रहे हैं वो तीन बार बिहार के मुख्यमंत्री रह चुके हैं,एक ऐसा नेता जिसकी छबि आज के राजनेताओं से बिलकुल उलटी थी.

सादगी ऐसी थी कि बड़ी–बड़ी ऑफिसियल मीटिंग्स भी एक पेड़ के नीचे कर लिया करते थे. मुख्यमंत्री ऐसा कि जब सोने की बात आती थी तो एक झोपड़ी में सो लेते थे, लेकिन अपने कर्तव्यों के साथ कभी समझौता नहीं करते थे. आज हम बात करने जा रहे हैं बिहार के तीन बार के मुख्यमंत्री भोला पासवान शास्त्री के व्यक्तित्व के बारे में मुख्यमंत्री का सफ़र बैलगाड़ी से देश को पहले दलित मुख्यमंत्री मिलने की तारीख थी 22 मार्च 1968 राज्य था बिहार और मुख्यमंत्री का नाम था. भोला पासवान शास्त्री राजनीतिक सियासत कि शुरुआत तो उन्होंने देश के सबसे बड़ी पार्टी कांग्रेस से की थी, लेकिन साल 1967 में हुए विधानसभा चुनाव में हारने और फिर कांग्रेस का बाहर से समर्थन देकर वीपी मंडल को मुख्यमंत्री बनाने को लेकर जो सियासी ड्रामा हुआ, उससे कांग्रेस टूट गई विनोदानंद झा के नेतृत्व में भोला पासवान शास्त्री समेत कुल विधायकों ने पार्टी तोड़कर नई पार्टी बनाई और नाम रखा लोकतांत्रिक कांग्रेस संयुक्त सोशलिस्ट पार्टी, जन क्रांति दल, जनसंघ और निर्दलीय विधायकों के समर्थन से भोला पासवान शास्त्री 22 मार्च 1968 को बिहार के मुख्यमंत्री और देश के पहले दलित मुख्यमंत्री बने.

आज के दौर में मुख्यमंत्री का ओहदा कितना बड़ा होता है. इसका अंदाजा आप टीवी चैनलों मुख्यमंत्री को देख कर लगा सकते हैं या फिर आप अगर कभी उनसे रूबरू हुए हों, लेकिन इन सब से अलग थे ये मुख्यमंत्री जो मुख्यमंत्री बनने के बाद भी उन्हें अपने गांव जाने के लिए बैलगाड़ी का ही सहारा लेते थे क्योंकि गांव में सड़क तक नहीं थी, उनका गांव पूर्णिया जिले में पड़ता था, जिसका नाम था बैरगाछी भोला पासवान शास्त्री की खुद की कोई औलाद नहीं थी तो उनके भतीजे विरंची पासवान ने उनसे कहा कि वो अपने गांव में एक सड़क बनवा दें ताकि लोगों को आने-जाने में सुविधा हो सके. भोला पासवान शास्त्री ने कहा था - अगर मैं अपने गांव में सड़क बनवा दूंगा तो मेरे ऊपर एक दाग लग जाएगा, 3 महीने तक चला पहला कार्यकाल हालांकि भोला पासवान शास्त्री जब पहली बार मुख्यमंत्री बने तो महज तीन महीने तक ही अपना कार्यकाल संभाल सके क्योंकि सिर्फ 17 विधायकों वाली पार्टी के एक नेता का लंबे समय तक मुख्यमंत्री पद पर बने रहना मुश्किल ही था और यही हुआ जून महीना खत्म होते-होते उन्होंने इस्तीफा दे दिया और फिर 29 जून 1968 को बिहार में पहली बार राष्ट्रपति शासन लगाया गया,फरवरी 1969 में बिहार में मिडिल-टर्म इलेक्शन हुए और बिहार के सियासी इतिहास में ये पहली बार था, मिडिल-टर्म इलेक्शन करवाए जा रहे थे,इस मिडिल-टर्म इलेक्शन के बाद भी किसी दल को बहुमत नहीं मिला,कांग्रेस भले ही सबसे बड़ी पार्टी थी, लेकिन बहुमत नहीं था तो उसने दूसरी पार्टियों और निर्दलियों के सहारे सरदार हरिहर सिंह को मुख्यमंत्री बना दिया लेकिन सरकार नहीं ही चलनी थी तो नहीं चली | सरदार हरिहर सिंह के इस्तीफे के बाद फिर से भोला पासवान शास्त्री मुख्यमंत्री बने और फिर से 13 दिन के अंदर ही उन्हें फिर से इस्तीफ़ा देना पड़ गया और एक बार फिर वही हुआ जो साल 1968 में हुआ था | प्रदेश में राष्ट्रपति शासन लग गया लेकिन बस फर्क इतना था कि इस बार विधानसभा भंग नहीं हुई थी तो चुनाव की नौबत नहीं आई थी,कांग्रेस ने जैसे-तैसे कोशिश करके दरोगा प्रसाद राय को मुख्यमंत्री बना दिया उसके बाद भी सरकार नहीं चली तो फिर गैर कांग्रेसी दलों ने कर्पूरी ठाकुर को मुख्यमंत्री बना दिया,ये सरकार भी नहीं चली और फिर से भोला पासवान शास्त्री के नेतृत्व में लोकतांत्रिक कांग्रेस की सरकार बनी क्योंकि तब तक लोकतांत्रिक कांग्रेस के संस्थापक विनोदानंद झा इंदिरा गांधी वाली कांग्रेस के साथ लौट चुके थे और भोला पासवान शास्त्री लोकतांत्रिक कांग्रेस को लोकतांत्रिक दल के नाम से चला रहे थे,इंदिरा गाँधी वाली कांग्रेस भोला पासवान शास्त्री को समर्थन दे ही रही थी इंदिरा गाँधी के मंसूबों पर फेर दिया था पानी देश में लोकतंत्र का वो दौर था जब राजनीति में पैसे या अपनी मर्ज़ी से दल बदल जैसा कोई कानून नहीं था, ऐसे में पार्टी बदलना और पार्टी का ही नाम बदलकर सत्ता में रहना काफी आसान था, इस बीच इंदिरा गाँधी वाली कांग्रेस के नेताओं ने जिद्द कर दी कि भोला पासवान शास्त्री को अपनी पार्टी का कांग्रेस के साथ विलय कर देना चाहिए लेकिन भोला पासवान शास्त्री नहीं माने और कांग्रेस ने राजनीतिक लालच का हथकंडा अपनाया जिसके बाद भोला पासवान की पार्टी में कांग्रेस कोटे से बने सारे मंत्रियों ने पार्टी से ही इस्तीफ़ा दे दिया जिसका नतीजा ये हुआ कि सरकार फिर गिर गई और भोला पासवान शास्त्री ने विधानसभा को भी भंग करने की सिफारिश कर दी, जिसके बाद बिहार में फिर से विधानसभा के चुनाव हुए हालांकि सरकार गिरने के बाद भोला पासवान शास्त्री ने अपनी पार्टी का कांग्रेस में विलय कर लिया इंदिरा गांधी ने उन्हें राज्यसभा में भेज दिया और वहां केंद्र में उन्हें शहरी विकास और आवास मंत्री बना दिया गया, साल 1978 में जब जनता पार्टी की सरकार बनी तो संविधान के अनुच्छेद 338 के तहत अनुसूचित जाति और जनजाति आयोग बनाया गया तब कांग्रेस का नेता होने के बावजूद भोला पासवान शास्त्री को आयोग का पहला अध्यक्ष बनाया गया,परिवार आज भी जी रहा मजदूरों की जिन्दगी अब आप जरा उनके व्यक्तित्व पर गौर करिए, कि एक इंसान जो बिहार जैसे प्रदेश का तीन बार का मुख्यमंत्री, इंदिरा गाँधी सरकार में केंद्रीय मंत्री और फिर एससी-एसटी आयोग का अध्यक्ष, लेकिन 09 सितंबर, 1984 को जब उनकी मृत्यु हुई तो परिवार के पास इतने भी पैसे नहीं थे कि पूरे रीति रिवाज़ के साथ उनका श्राद्ध कार्यक्रम किया जा सके, आज की तारीख में भी उनका परिवार झोपड़ी में रहता है और मनरेगा के तहत मजदूरी करता है और जब ऐसी दशा एक मुख्यमंत्री और केंद्रीय मंत्री के परिवार की है तो ऐसे में इस बात का अंदाजा बड़ी ही आसानी से लगाया जा सकता है कि आज के दौर में इतने दलित कानूनों के बावजूद भी दलितों की स्थिति और उनकी बदहाली का क्या ही आलम होगा,

भोला पासवान शास्त्री का कार्यकाल भले ही छोटा रहा हो लेकिन एक दलित नेता के तौर पर उन्होंने मुख्यमंत्री रहते हुए जिस तरह से अपने कार्यों का निर्वाहन किया है उससे आज पूरे देश में केवल दलित समाज ही नहीं बल्कि हर इंसान को ऐसे मुख्यमंत्री पर गर्व महसूस होता है एक राजनेता के तौर आज के बड़े और छोटे नेताओं को इस बात की सीख लेनी चाहिए की आपका चुनाव जनता ने किया है ताकि आप जनता की भलाई कर सको ना कि अपनी खुद की कमाई मोटी करने में लगे रहो,ऐसे महान सपूत को ह्रदय से जयंती पर हृदय से श्रद्धांजलि दिया गया इस कार्यक्रम मे जिला कार्यकारी अध्यक्ष उदय मांझी, सहकारिता विभाग जिला अध्यक्ष कुमार ओंकार शक्ति, प्रखंड अध्यक्ष राजीव कुमार सिंह, शोशल मीडिया अध्यक्ष संजय कुमार, उपाध्यक्ष युगल किशोर सिंह,कार्यालय प्रभारी कमलेश चंद्रवंशी,वरिष्ठ कांग्रेस नेता सम्मी अख्तर खान,जिला प्रवक्ता अशोक प्रसाद भारती, चन्दन कुमार, पंकज कुमार यादव,देवेंदर प्रताप, सूरज कुमार,बबलू शर्मा सहित लोग जयंती कार्यक्रम मे उपस्थित हुए..

गया में पितृ पक्ष मेला में 15 दिन चले प्रजापति समाज का निशुल्क चिकित्सा शिविर में हजारों श्रद्धालुओं को मिली दवाइयां, सहकारिता मंत्री ने सराहना

गया: गया में पितृपक्ष मेला 2025 के दौरान बिहार कुम्हार प्रजापति समन्वय समिति जिला शाखा गया के नेतृत्व में 15 दिवसीय निःशुल्क चिकित्सा शिविर का आयोजन किया गया। इस मौके पर विशिष्ट अतिथि पूर्व प्रदेश अध्यक्ष दानी प्रजापति शामिल हुए. मुख्य अतिथि के तौर पर बिहार सरकार के सहकारिता मंत्री डॉ प्रेम कुमार शामिल हुए और नि:शुल्क चिकित्सा का समापन सहकारिता मंत्री डॉ प्रेम कुमार के कर कमलों द्वारा किया गया.

शिविर में देश-विदेश से आए हजारों पिंडदानी श्रद्धालुओं को दिन-रात सुविधाएं प्रदान की गईं। श्रद्धालुओं को निशुल्क दवाइयां उपलब्ध कराए गए. अमावस्या के दिन निशुल्क चिकित्सा शिविर का विधिवत समापन हुआ। इस निशुल्क चिकित्सा शिविर का समापन के अवसर पर सहकारिता मंत्री डॉ प्रेम कुमार ने प्रजापति समाज को अतिथि देवो भव के तर्ज पर आए हुए श्रद्धालुओं को निशुल्क चिकित्सा सेवा मुहैया कराने के लिए धन्यवाद देता हूँ. श्रद्धालुओं को जो निशुल्क दवा मुहैया कराया है, वह बहुत ही बड़ा नेक और पुण्य कार्य है. 

मंत्री डॉक्टर प्रेम कुमार ने बिहार कुम्हार प्रजापति से समन्वय समिति के अध्यक्ष कृष्ण कुमार अजय की सेवा-भावना की सराहना की। उन्हें मंत्री डॉक्टर प्रेम कुमार को अंगवस्त्र पहनाकर सम्मानित किया गया. इस मौके पर बिहार कुम्हार प्रजापति समन्वय समिति के जिलाध्यक्ष कृष्ण कुमार अजय ने कहा कि पितृपक्ष मेले में अतिथि सत्कार की परंपरा का निर्वहन करना उनके लिए सौभाग्य की बात है। उन्होंने बताया कि तीर्थयात्रियों की सेवा से उन्हें आत्मिक संतोष मिलता है। वे भविष्य में भी जनसेवा के कार्यों को जारी रखेंगे। जिला प्रशासन और मेला आयोजन से जुड़े सभी लोगों के सहयोग से मेला सफलतापूर्वक संपन्न हुआ। 

इस समापन कार्यक्रम में चिकित्सा प्रकोष्ठ के जिला अध्यक्ष डा राजा राम प्रजापति, पूर्व जिला अध्यक्ष नंदलाल प्रजापति, संरक्षक द्वारिका प्रजापति, चंद्र देव प्रसाद आर्य, बाल अमृत प्रसाद, मोहन प्रजापति, धर्मेंद्र कुमार, सुरेश प्रजापति, राजेंद्र पंडित, डॉक्टर बच्चन प्रजापति, नागेश्वर प्रजापति, अटल प्रजापति, सीताराम प्रजापति, सुरेंद्र प्रजापति, नंदू प्रजापति समेत कई समाज के लोग मौजूद रहे.

पितृपक्ष मेला महासंगम 2025 के अंतिम दिन गया पहुंचे बिहार के डिप्टी सीएम विजय कुमार सिन्हा

पितरों व वीर शहीदों की आत्मा की शांति के लिए किया जल तर्पण, भगवान विष्णु का आशीर्वाद लिए

गयाजी। बिहार के गया में पितृपक्ष मेला महासंगम 2025 के अंतिम दिन फल्गु तट पर बिहार के डिप्टी सीएम विजय कुमार सिन्हा ने अपने दिवंगत पितरों तथा देश के अमर वीर शहीदों की आत्मा की शांति हेतु जल तर्पण किया। मंदिर परिसर में डिप्टी सीएम का पुजारियों और श्रद्धालुओं ने पारंपरिक तरीके से स्वागत किया.

उसके बाद उन्होंने सीताकुंड मंदिर व विष्णुपद मंदिर के गर्भगृह में विशेष तुलसी अर्चना कर भगवान विष्णु नारायण से आशीर्वाद लिया। इसके साथ ही बाहर आएं तीर्थयात्रियों के बीच फल का वितरण कर सरकार व जिला प्रशासन की व्यवस्थाओं का फीडबैक लिया।

मौके पर तीर्थयात्रियों ने भी सरकार की व्यवस्थाओं को भी सराहा। इस मौके पर डिप्टी सीएम ने कहा कि पितृपक्ष हमें यह स्मरण कराता है कि पूर्वजों के आशीर्वाद से ही जीवन का मार्ग प्रशस्त होता है। उनके पुण्य विचारों और आदर्शों को आत्मसात कर ही हम सच्चे अर्थों में धर्म का पालन कर सकते हैं।

बिहार के डिप्टी सीएम विजय कुमार सिन्हा जल तर्पण करने के बाद श्रद्धालुओं से संवाद किया और मंदिर परागण की ऐतिहासिक व आध्यात्मिक महत्व को रेखांकित किया. इस मौके पर बिहार के डिप्टी सीएम विजय कुमार सिन्हा ने विपक्ष पर निशाना साधा है. डिप्टी सीएम ने कहा है कि सरकार जनता के विकास और आस्था के केदो को संरक्षण के लिए प्रतिबंध है. उन्होंने विश्वास सताया है कि गया जी जैसे तीर्थ स्थलों का महत्व समय के साथ और बढ़ेगा. विष्णुपद मंदिर हिंदू धर्म का एक प्रमुख खस्तस्था ले जहां श्रद्धा और पिंडदान के लिए देश-विदेश से श्रद्धालु पहुंचते हैं और अपने पितरों का श्राद्ध और कर्मकांड करते हैं.

उन्होंने कहा कि गया कि आध्यात्मिक परंपरा पूरे देश में अद्वितीय है और यह स्थान न केवल बिहार बल्कि संपूर्ण भारत की आस्था का केंद्र है. विष्णुपद मंदिर हिंदू धर्मावलंबियों के लिए अत्यंत महत्वपूर्ण है. यहां हर साल बड़ी संख्या में श्रद्धालु अपने पितरों के मोच और तर्पण के लिए पिंडदान करने आते हैं मंदिर की आस्था और परंपरा ने इस देश-विदेश के श्रद्धालुओं के लिए प्रमुख तीर्थ स्थल बना दिया है.

गया जिले के कुरुमडीह मोड के पास हाईवा की चपेट में आने से वृद्ध व्यक्ति की घटना स्थल पर मौत, सड़क जाम

डोभी गया सड़क मार्ग के करमौनी के पास कुरुमडीह मोड पर रविवार की सुबह 7 बजे एक हाईवा की चपेट में आने से पंडरी निवासी 65 वर्षीय सिवल मांझी की मौत घटनास्थल हो गया। स्थानीय लोगों ने मृत व्यक्ति की पहचान के बाद गया डोभी सड़क मार्ग को टायर जलाकर सड़क को जाम कर दिया। जिससे गया डोभी सड़क मार्ग के दोनों लेन पर आवागमन पूरी तरह से बाधित हो गया। सूचना के बाद डोभी थानाध्यक्ष मुकेश कुमार दलबल के साथ पहुंचे। जाम हटाने का लोगो से प्रयास किया। कभी समझाने के बाद पारिवारिक लाभ का ₹20 हजार रुपए का चेक वीडियो लक्ष्मण कुमार के द्वारा दिए जाने एवं आपदा के तहत आपदा राशि उपलब्ध कराने के आश्वासन पर जाम पर काबू पाया गया। इधर डोभी थानाध्यक्ष ने बताया शव को कब्जे में लेकर पोस्टमार्डम के लिए गया मगध मेडिकल भेजा गया है। इस दौरान सड़क पर लगभग तीन घंटा जाम की स्थिति बनी रही।

बिहार चुनाव और दुर्गा पूजा की तैयारियों पर DM-SSP ने की समीक्षा बैठक

गया- आगामी बिहार विधानसभा चुनाव 2025 और दुर्गा पूजा को शांतिपूर्ण ढंग से संपन्न कराने के लिए गया के जिलाधिकारी शशांक शुभंकर और वरीय पुलिस अधीक्षक आनंद कुमार ने वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए एक संयुक्त समीक्षा बैठक की।

मतदान केंद्रों का भौतिक सत्यापन 7 दिनों में करने का निर्देश

जिलाधिकारी ने सभी प्रखंड विकास अधिकारियों, अंचल अधिकारियों और थाना अध्यक्षों को निर्देश दिया है कि वे अगले सात दिनों के भीतर सभी मतदान केंद्रों का भौतिक सत्यापन करें। इसमें रैंप, बिजली, रोशनी, पीने का पानी और शौचालय जैसी मूलभूत सुविधाओं की जांच शामिल है। यदि किसी बूथ पर सुविधाएं उपलब्ध नहीं हैं, तो उन्हें तुरंत पूरा करने का निर्देश दिया गया है। इसके अलावा, नक्सल प्रभावित क्षेत्रों के मतदान केंद्रों का भी सत्यापन करने और लोगों को मतदान के लिए जागरूक करने को कहा गया है।

त्योहारों के लिए सुरक्षा व्यवस्था

वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक आनंद कुमार ने सभी थाना अध्यक्षों को अपने-अपने क्षेत्र में लगातार निरीक्षण और वाहन चेकिंग अभियान चलाने का निर्देश दिया।

लाइसेंस और रूट: दुर्गा पूजा के लिए प्रतिमा स्थापित करने वाले आयोजकों को लाइसेंस लेना अनिवार्य है और विसर्जन मार्गों का अच्छे से सत्यापन करने को कहा गया है।

सुरक्षा और निगरानी: सभी पूजा पंडालों में पर्याप्त पुलिस बल की तैनाती, फायर सेफ्टी की व्यवस्था और अलग प्रवेश व निकास गेट बनाने का निर्देश दिया गया है। ड्रोन और सीसीटीवी के माध्यम से भी निगरानी रखी जाएगी।

रावण दहन: रावण दहन स्थलों का भी निरीक्षण कर पर्याप्त रोशनी, बैरिकेडिंग और सीसीटीवी लगाने को कहा गया है।

शराबबंदी और अपराध: लंबित शराब विनष्टीकरण के काम में तेजी लाने और पर्व-त्योहारों के दौरान वाहनों की जांच बढ़ाने का निर्देश दिया गया। सोशल मीडिया पर भी कड़ी निगरानी रखने को कहा गया है।

बैठक में कई वरिष्ठ अधिकारी, पुलिसकर्मी और संबंधित विभाग के लोग मौजूद थे।

रूस-यूक्रेन के श्रद्धालुओं ने गया में एक साथ किया पिंडदान, दिखा आस्था का अद्भुत संगम

गया - इस साल के विश्व प्रसिद्ध पितृपक्ष मेला में एक अनूठा और अद्भुत दृश्य देखने को मिला, जब रूस और यूक्रेन जैसे युद्धग्रस्त देशों के श्रद्धालु एक साथ बैठकर अपने पूर्वजों का पिंडदान करते नजर आए। गुरुवार को फल्गु नदी के देवघाट पर रूस, यूक्रेन, अमेरिका और स्पेन के कुल 17 विदेशी श्रद्धालुओं ने हिंदू रीति-रिवाज से पिंडदान और तर्पण किया।

गयापाल पंडा मनोज लाल टइयां के मार्गदर्शन में हुए इस अनुष्ठान में 3 पुरुष और 14 महिलाएं शामिल थीं। सभी श्रद्धालु भारतीय परिधान में थे और मंत्रोच्चार के बीच अपने पितरों की आत्मा की शांति के लिए पिंडदान कर रहे थे। विदेशी श्रद्धालुओं ने कहा कि गया का विष्णुपद मंदिर और पितृपक्ष मेला भारतीय संस्कृति का एक जीवंत उदाहरण है।

रूस से आईं श्रद्धालु सियाना ने बताया कि गया की आध्यात्मिक धरती और यहां की संस्कृति ने उन्हें बहुत प्रभावित किया है। उन्होंने इसे एक अविस्मरणीय अनुभव बताया। उन्होंने कहा कि पितरों के प्रति प्रेम, श्रद्धा और आस्था ही इस पितृपक्ष की सबसे बड़ी पहचान है।

जिला प्रशासन के मुताबिक, अब तक 25 लाख से ज्यादा श्रद्धालु गयाजी पहुंच चुके हैं और पिंडदान कर रहे हैं। युद्ध के बावजूद रूस और यूक्रेन के नागरिकों का एक साथ पिंडदान करना यह दर्शाता है कि आस्था और संस्कृति की ताकत भौगोलिक सीमाओं और परिस्थितियों से कहीं ज्यादा बड़ी होती है। इस अनोखे संगम ने गया की मोक्ष नगरी में पितरों के उद्धार की परंपरा को और भी जीवंत बना दिया।

28 सितंबर से गयाजी में होगा भव्य रामलीला महोत्सव, अयोध्या की प्रसिद्ध मंडली करेगी शुभारंभ, स्थानीय कलाकार देंगे लीलाओं की प्रस्तुति

गयाजी। धार्मिक और सांस्कृतिक परंपराओं से सराबोर गयाजी की धरती एक बार फिर रामलीला महोत्सव की गवाह बनेगी। श्री आदर्श लीला समिति, गयाजी द्वारा आयोजित यह भव्य आयोजन आगामी 28 सितंबर से 3 अक्टूबर तक ऐतिहासिक आजाद पार्क में किया जाएगा। समिति ने बताया कि इस वर्ष भी रामलीला का आगाज विशेष भव्यता और उत्साह के साथ किया जा रहा है, जिसमें देशभर के श्रद्धालु भाग लेंगे।

अयोध्या मंडली से होगा शुभारंभ

समिति के अध्यक्ष कुमार गौरव उर्फ गौरव सिन्हा ने प्रेस वार्ता में बताया कि रामलीला महोत्सव का शुभारंभ 28 सितंबर की शाम को अयोध्या से आई हुई प्रसिद्ध रामलीला मंडली द्वारा किया जाएगा। मंडली राम विवाह सहित कई महत्वपूर्ण धार्मिक प्रसंगों का मंचन करेगी। गौरव ने कहा

यह महोत्सव न केवल धार्मिक आस्था का प्रतीक है, बल्कि हमारी सांस्कृतिक धरोहर को नई पीढ़ी तक पहुँचाने का माध्यम भी है।

स्थानीय कलाकारों की प्रस्तुति

29 सितंबर से 3 अक्टूबर तक गयाजी और आसपास के स्थानीय कलाकार श्रीराम के जीवन प्रसंगों का मंचन करेंगे। इसमें राम वनगमन, सीता हरण, हनुमान लंका दहन, संजीवनी प्रसंग जैसे प्रमुख प्रसंग शामिल होंगे।

समिति के महासचिव संदीप कुमार सिन्हा ने जानकारी दी कि 2 अक्टूबर को दशहरा कमिटी द्वारा आयोजित रावण वध कार्यक्रम में भी श्री आदर्श लीला समिति की अहम भूमिका रहेगी। समिति के कलाकार भगवान रामचन्द्र की भूमिका निभाते हुए रावण का वध करेंगे। यह आयोजन हर वर्ष की तरह इस बार भी श्रद्धालुओं के लिए विशेष आकर्षण का केंद्र रहेगा।

भरत मिलाप से होगा समापन

महोत्सव का समापन 3 अक्टूबर को भरत मिलाप की भावपूर्ण प्रस्तुति के साथ किया जाएगा। यह दृश्य हर वर्ष की तरह इस बार भी हजारों दर्शकों को भावविभोर कर देगा।

व्यवस्था और सुरक्षा पर जोर

संयोजक संतोष कुमार सिंह ने श्रद्धालुओं से अधिक से अधिक संख्या में उपस्थित होकर धार्मिक व सांस्कृतिक कार्यक्रम का लाभ लेने की अपील की। उन्होंने कहा कि समिति द्वारा सुरक्षा, यातायात और पार्किंग व्यवस्था के साथ-साथ श्रद्धालुओं के लिए आवश्यक सभी इंतजाम किए गए हैं।

धार्मिक उत्सव में उमड़ेगा जनसैलाब

हर साल की तरह इस बार भी गयाजी में रामलीला महोत्सव के दौरान श्रद्धालुओं और दर्शकों की बड़ी भीड़ उमड़ने की संभावना है। आयोजन समिति का मानना है कि यह उत्सव न केवल गयाजी की धार्मिक पहचान को और सशक्त करेगा, बल्कि स्थानीय कलाकारों को भी अपनी प्रतिभा दिखाने का मंच प्रदान करेगा।

रामलीला महोत्सव की विशेष झलकियाँ

28 सितंबर – अयोध्या मंडली द्वारा राम विवाह का मंचन

29 सितंबर से 1 अक्टूबर – स्थानीय कलाकारों द्वारा रामलीलाओं का प्रदर्शन

2 अक्टूबर – रावण वध कार्यक्रम (श्री दशहरा कमिटी के सहयोग से)

3 अक्टूबर – भरत मिलाप की प्रस्तुति और महोत्सव का समापन

1969 से गयाजी की संस्कृति का प्रतीक बनी है श्री आदर्श लीला समिति

धार्मिक आस्था और सांस्कृतिक परंपरा का अद्भुत संगम है श्री आदर्श लीला समिति, जिसने पिछले पचपन वर्षों से गयाजी में रामलीला की परंपरा को जीवित रखा है। वर्ष 1969 में स्थापित इस समिति ने अपनी निरंतरता और समर्पण से गयाजी को बिहार ही नहीं बल्कि पूरे देश में एक विशिष्ट पहचान दिलाई है।

वजीरगंज विधानसभा एनडीए के कार्यकर्ता सम्मेलन में संभावित प्रत्याशी जितेंद्र प्रताप सिंह उर्फ फन्नू बाबू ने दिखाई ताकत,मूसलाधार बारिश में भी डटे

गया जिले के वजीरगंज विधानसभा क्षेत्र भाजपा के कार्यकर्ताओं का सम्मेलन मंगलवार को हुआ. वजीरगंज प्रखंड के अढवा खेल मैदान में यह कार्यकर्ता सम्मेलन हुआ. वहीं, वजीरगंज विधानसभा क्षेत्र से भाजपा के संभावित प्रत्याशी जितेंद्र प्रताप सिंह उर्फ फन्नू बाबू ने इस दौरान अपनी ताकत दिखाई. मूसलाधार बारिश में भी इनके हजारों कार्यकर्ता डटे रहे। एरु अवस्थित अपने राइस मिल के पास उन्होंने हजारों कार्यकर्ताओं और ढोल बाजे के साथ केंद्रीय मंत्री नित्यानंद राय का जोरदार स्वागत किया। बताया जा रहा है कि फन्नू बाबू के टिकट की दावेदारी के साथ सामने आने से वजीरगंज की सियासत गर्म हो गई है। लोगों ने बताया अब तक जनप्रतिनिधियों ने विकास का अधिकांश काम अधूरा छोड़ दिया. सड़क, नली, गली, स्वास्थ्य जैसी मूलभूत समस्याएं वैसी ही रह गई. वजीरगंज विधान सभा से भाजपा के संभावित उम्मीदवार के रूप में जितेंद्र प्रताप सिंह उर्फ फन्नू सिंह ने बताया कि वजीरगंज क्षेत्र का पूर्ण रूप से विकास करने के लिए वे इस बार मैदान में आ रहे हैं. उन्हें जनता पर विश्वास है. जनता के भरोसे ही उन्हें टिकट मिलने जा रहा है. केंद्रीय मंत्री ने भी हमारे साथ रहे जन शक्ति को देखा है. कहा कि उनके मुख्य मुद्दे के रूप में वजीरगंज विधानसभा का पूर्ण रूप से विकास होगा जहां विकास की किरण नहीं पहुंच पाई है, उन क्षेत्रों का विकास करेंगे. आम लोगों से लेकर खास सभी का ख्याल रखेंगे. फन्नू बाबू ने कहा कि एरू प्लांट को शुरू करवाया जाएगा. वहीं, वजीरगंज को अनुमंडल का दर्जा दिलाने को वे प्राथमिक मुद्दे में रखेंगे. सभी जनता खुशहाल रहे, इसके लिए कार्य करेंगे. कहा कि वजीरगंज के अलावा खेल मैदान अढवा झमें एनडीए की सभा हुई है, जिसमें अपार जन समर्थन के बीच वे गए. उनके आवास पर जहां 4 हजार लोगों की भीड़ थी. वहीं मंच पर भी इतने ही तादाद में लोगों की भीड़ थी.

गया के युवा समाजसेवी सूरजदेव यादव उर्फ सूरज यादव ने किसानो की समस्या को लेकर किसान को करेंगे जागरूक

प्रेस वार्ता कर कहा 17 सितंबर को सम्मेलन कर किसानों की हित में आंदोलन की करेंगे आगाज

गया: गया शहर के चंदौती निवासी सह युवा समाजसेवी सूरजदेव यादव उर्फ सूरज यादव ने सोमवार को अपने आवास पर एक प्रेस कॉन्फ्रेंस का आयोजन किया। प्रेस कांफ्रेंस के दौरान युवा समाजसेवी सूरज यादव ने कहा कि बिहार में सबसे बड़ी समस्या किसानों के साथ कृषि का है ।

उन्होंने कहा कि किसानों की समस्याओं को लेकर हम एक अभियान शुरू करने जा रहे हैं जिससे किसानों की समस्या का निदान हो सके। गया जिले ही नहीं मगध के किसान को सबसे ज्यादा कृषि करने में और उससे भी ज्यादा उनके फसल को सही मूल्य नहीं मिल पाता है

जो सबसे बड़ी समस्या है। उन्होंने कहा कि आगामी 17 सितंबर को मानपुर प्रखंड के मणियारा गांव में किसानों से संबंधित एक सम्मेलन का आयोजन किया गया है जिसमें कृषि सहित किसानों की समस्या पर चर्चाएं की जाएगी और वहीं से किसान के समस्या को लेकर आंदोलन का आगाज किया जाएगा। वही चुनावी मैदान में उतरने के सवाल पर उन्होंने कहा कि चुनाव लड़ने की तैयारी तो नहीं है लेकिन अगर किसी राजनीतिक दल से कोई बातचीत होती है तो आगे देखा जाएगा।

मुख्यमंत्री के मानसिक स्वास्थ्य ठीक नहीं:-सुधीर शर्मा

ओबरा जनसुराज ने संजय जायसवाल पर फिर किया पलटवार, बोले- संजय जायसवाल का दुर्दिन आने वाला है इसलिए उछल रहे हैं, बिहार और दिल्ली में इनकी सरकार है जो करना है कर लें

ओबरा जन सुराज पार्टी के नेताओं ने ओबरा में अपनी बिहार बदलाव यात्रा के क्रम में आज ओबरा विधानसभा क्षेत्र के कई गांवों में ‘बिहार बदलाव यात्रा निकाला। ओबरा प्रखंड के खराटी शहीद जगतपति के स्मारक पर ओबरा से भावी बिधायक प्रत्याशी अभिमन्यु शर्मा के नेतृत्व में भारी संख्या में पहुंच कर माल्यार्पण किया उसके बाद ओबरा बिहार सरकार के पुर्व मुख्यमंत्री श्री कृष्ण सिंह सहित कई महापुरुषों के प्रतिमा पर माल्यार्पण किया और ओबरा विधानसभा क्षेत्र के कई गांवों को दौरा किया उसके बाद जन सुराज के प्रदेश संयोजक सुधीर शर्मा ने पत्रकारों से बात करते हुए भाजपा सांसद संजय जायसवाल पर जोरदार हमला किया।

सुधीर शर्मा ने कहा कि हमारे नेता प्रशान्त किशोर पहले भी कह चुके हैं कि गीदड़ की मौत आती है तो शहर की ओर भागता है। संजय जायसवाल जैसे नेताओं का दुर्दिन आता है तब हम जैसे लोगों से उलझते हैं। अभी वो उछल रहे हैं लेकिन कुछ दिन में ही ठंडा हो जायेंगे। उन्होंने आगे भाजपा सांसद पर पलटवार करते हुए कहा कि वो हमारे नेता प्रशांत किशोर को सात जन्म में भी जेल नहीं भिजवा सकते। बिहार और दिल्ली में उनकी पार्टी की सरकार है, जो चाहें कर लें। सभी लोग जानते हैं कि संजय जायसवाल के पेट्रोल पंप पर नगर निगम की गाड़ियों की फर्जी बिलिंग होती है। सभी पेट्रोल पंप के मालिकों ने इसकी कंप्लेन की है।

बेतिया नगर निगम के प्रोसीडिंग में इस फर्जीवाड़ा का जिक्र है। हमारे नेता फिर से यह कह रहे हैं, हम गलत बोल रहे हैं तो हमपर केस कर दो, जेल भिजवा दो। और आगे कहा कि सम्राट चौधरी फर्जी डिग्री पर उपमुख्यमंत्री बने हैं नाम भी फर्जी है और बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के बारे में अब हमलोग नहीं बोलेंगे की उनका मानसिक स्वास्थ्य ठीक नहीं है ।

वहीँ अभिमन्यु शर्मा ने राजद नेता तेजस्वी यादव पर तंज कसते हुए कहा कि लालू राबड़ी की सरकार में घर से भी निकलना मुश्किल हो गया था लेकिन तेजस्वी यादव इसी बहाने वो कम से कम घर से बाहर तो निकलेंगे। यह खुशी की बात है। है कि अपने माता पिता के किए हुए कार्यो को जनता के सामने रखेंगे। इस कार्यक्रम में जनसुराज के जिला अध्यक्ष बृजमोहन सिंह ,जनसुराज नेता नन्दकिशोर यादव ,शशिकांत शर्मा सहित अन्य कार्यकर्ता उपस्थित थे।