बच्चों को हर हाल में मां-बाप का कहना मानना चाहिए : मुजफ्फर रूमी
गोरखपुर। रविवार को जामिया अल इस्लाह एकेडमी नौरंगाबाद में दीनी बाल संगोष्ठी हुई। कुरआन-ए-पाक की तिलावत हाफिज रहमत अली निजामी ने की। उन्होंने ही नात-ए-पाक पेश की।
बच्चों को संबोधित करते हुए मुख्य वक्ता वरिष्ठ शिक्षक मुजफ्फर हसनैन रूमी ने कहा कि बच्चों को हर हाल में मां-बाप का कहना मानना चाहिए।पढ़ाई, शादी ब्याह, चाकलेट, कपड़े से लेकर हमारे हक में बेहतर व हर फैसला लेने का हक मां-बाप को है। मां-बाप हमारी लिए बड़ी नेमत हैं। उनकी कद्र करें। उनकी बात मानें। किताब व कलम से दोस्ती करें। हर रोज किताब पढ़ें। महीने में एक किताब जरूर खत्म करें। नेक बनें, बुराई से दूर रहें। मां-बाप को भी चाहिए कि बच्चों को शिक्षा जरूर दिलाएं। आत्मविश्वास का एक महत्वपूर्ण आधार अल्लाह में दृढ़ विश्वास रखना है। अल्लाह की इच्छा के बिना कुछ भी नहीं हो सकता, और यही विश्वास एक इंसान को शक्ति देता है। जब कोई इंसान किसी काम का फैसला करता है, तो उसे अल्लाह पर भरोसा रखना चाहिए, क्योंकि अल्लाह ऐसे लोगों को पसंद करता है जो उस पर भरोसा करते हैं। एक आत्मविश्वास से भरा इंसान अपनी क्षमताओं को जानता है और दूसरों से तुलना नहीं करता, बल्कि अल्लाह की कृपा के प्रति आभारी रहता है। इस्लाम धर्म में खाने, पीने, उठने, बैठने, सोने यहां तक कि इस्तिंजा करने का तरीका भी बताया गया है। रास्ता चलने के आदाब भी बयान किए गए हैं। अल्लाह के हुक्म के साथ-साथ बंदों के हुकूक के बारे में विस्तार से बता कर उनको अदा करने का बार-बार निर्देश दिया गया है। इस्लाम ने नाप तौल में कमी, सूद, रिश्वत, जुआ, शराब और दूसरी नशे वाली चीजों को हराम करार दिया है, ताकि इन बर्बाद करने वाली बुराईयों से बचकर एक अच्छे व पाक साफ समाज को वजूद में लाया जा सके।
विशिष्ट वक्ता कारी मुहम्मद अनस रजवी ने कहा कि तौहीद व अमन इस्लाम की पहचान और इंसानियत इस्लाम की धरोहर है। नबी-ए-पाक हजरत मुहम्मद सल्लल्लाहु अलैहि वसल्लम ने पूरी दुनिया को तौहीद, अमन और इंसानियत की पहचान कराई। कुरआन-ए-पाक में हर चीज का इल्म है। कुरआन-ए-पाक इब्तिदा-ए-इस्लाम से आज तक वैसा ही है जैसा नाजिल हुआ था और हमेशा वैसा ही रहेगा। अब न कोई नबी पैदा होने वाला है और न कोई किताब आने वाली है। जो कुरआन पर विश्वास न करे वह मुसलमान नहीं है।
अंत में दरूदो सलाम पढ़कर मुल्क में शांति, तरक्की व भाईचारगी की दुआ मांगी गई। चाकलेट बांटी गई। संगोष्ठी में अली अहमद, विद्यालय संचालक आसिफ महमूद, प्रधानाचार्या आयशा खातून, नेहाल अहमद, शीरीन आसिफ, बेलाल अहमद, आरजू, गुल अफ्शा, अदीबा, फरहीन, मंतशा, सना, आफरीन, नाजिया, फरहत, यासमीन, आयशा, तानिया, शिफा खातून, सना फातिमा, सादिया नूर सहित तमाम लोग मौजूद रहे।

Sep 14 2025, 19:37