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सर्जिकल स्ट्राइक पर सबूत मांगकर फिर घिरी कांग्रेस, संबित पात्रा बोले-ये CWC नहीं पाकिस्तान वर्किंग कमेटी है

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कांग्रेस नेता चरणजीत सिंह चन्नी के बयान के बाद सियासी पारा हाई है।चरणजीत सिंह चन्नी द्वारा सर्जिकल स्ट्राइल पर सवाल उठाने के बाद अब भाजपा ने इस पर पलटवार किया है। भाजपा सांसद संबित पात्रा ने एक प्रेस कॉन्फ्रेंस कर कांग्रेस को आड़े हाथों लिया है। उन्होंने हमला बोलते हुए कहा कि ये कांग्रेस वर्किंग कमेटी नहीं, बल्कि पाकिस्तान वर्किंग कमेटी है! जो देश के अंदर से पाकिस्तान के लिए काम कर रही है।

बीजेपी पार्टी के प्रवक्ता और सांसद संबित पात्रा ने पंजाब के पूर्व सीएम चन्नी के बयान पर निशाना साधते हुए कहा, देश पर हुए आतंकी हमले को लेकर कांग्रेस संजीदा नहीं है। कांग्रेस वर्किंग कमेटी की मीटिंग में जो प्रस्ताव पारित हुए उसके बाद कांग्रेस ने दूसरी प्रेस कान्फ्रेस की और उसे चरणजीत सिंह चन्नी ने किया जो पुलवामा के हमले का खण्डन करते हैं। संबित पात्रा ने आगे कहा, पंजाब के सीएम रह चुके चरणजीत सिंह चन्नी ने पुलवामा हमले के बाद भारतीय सेना की तरफ से की गई सर्जिकल स्ट्राइक पर सवाल उठाए।

कांग्रेस हेशा पाक का मनोबल बढ़ाने का काम करती है-पात्रा

सर्जीकल स्ट्राइक को लेकर पाक मे खलबली मची थी। पाकिस्तान के मंत्री अभी भी कह रहे है कि फिर से सर्जीकल स्ट्राइक ना हो जाए। रोज इस पर डिबेट हो रही है। कोई कही गुहार लगाने भाग रहा है और इधर कांग्रेस के नेताओं का बयान भारत की सेना की मनोबल को गिराने का काम कर रही है। ये भारत की सेना के मनोबल को गिराता है। कांग्रेस हर समय पाकिस्तान का मनोबल बढ़ाने का काम करती है।

आंतकियों को ऑक्सीजन सप्लाई करने का काम कर रही कांग्रेस-पात्रा

संबित पात्रा ने आगे कहा कि कांग्रेस कोई भी ऐसा अवसर नहीं छोड़ती, जिससे पाकिस्तान के आंतकियों को आक्सीजन सप्लाई नहीं होता हो। आंतकियो को आक्सीजन सप्लाई करने का काम ये कांग्रेस पार्टी करती है। कांग्रेस का हमेशा से ये तरीका रहा है। ये बाहर से सीडबल्यूसी और अंदर से पीडबल्यूसी (पाकिस्तान वर्किंग कमेटी) है। ऐसे तो नहीं हो सकता है कि एक दिन पाक के समर्थन में बोल दें। जब से आंतकी हमला हुआ है- हर दिन सैफुदिन सोज, जो कि कश्मीर के एक बडे नेता हैं। कहते हैं कि हमें बात करनी चाहिए। हमें पाक का पानी बंद नहीं करना चाहिए। कर्नाटक के मुख्यमंत्री सिद्धारमैया का रोना धोना शुरू हो गया है। वह कहते हैं कि युद्ध नहीं होना चाहिए, कर्नाटक के मंत्री का कहना है कि सरकार झूठ बोल रही है। आंतकियों ने कोई धर्म नहीं पूछा था, बीके हरिप्रसाद कहते है बीजेपी के लिए पाक दुश्मन राष्ट होगा हमारे लिए नेबरिंग कंट्री है।

क्या कहा था चन्नी ने?

इससे पहले शुक्रवार को पंजाब के पूर्व सीएम चरणजीत सिंह चन्नी ने पुलवामा हमले का जिक्र करते हुए कहा था कि '40 भारतीय सैनिक मारे गए थे और जब चुनाव हुए, तो सरकार ने कार्रवाई का दावा किया, लेकिन हमने कभी नहीं देखा कि पाकिस्तान में कहां हमले किए गए और कहां लोग मारे गए। अगर कोई हमारे देश में बम फेंके, तो क्या लोगों को पता नहीं चलेगा? उन्होंने पाकिस्तान के खिलाफ सर्जिकल स्ट्राइक करने का दावा किया, लेकिन कुछ नहीं हुआ। सर्जिकल स्ट्राइक कहीं नहीं देखी गई और किसी को उसके बारे में पता भी नहीं था।

बिना रजिस्ट्रेशन कुकुरमुत्ता की तरह झोलाछाप डॉक्टर के चल रहा क्लीनिक, डॉक्टर गिरजेश पांडे पर गंभीर आरोप

बलरामपुर।ग्राम हरैय्या चंदरसी में मानकों की उड़ रही धज्जियाँ, मरीजों की जान से हो रहा खिलवाड़

नारकोटिक दवाओं की अवैध बिक्री का अड्डा बनता जा रहा है पचपेड़वा का यह क्लीनिक

बलरामपुर जनपद के विकासखंड पचपेड़वा के अंतर्गत आने वाली ग्राम पंचायत हरैय्या चंदरसी में स्थित एक क्लीनिक इन दिनों चर्चाओं में है। जानकारी के अनुसार, इस क्लीनिक को डॉक्टर गिरिजेश पांडे द्वारा संचालित किया जा रहा है, लेकिन न तो इसका कोई विधिवत रजिस्ट्रेशन है और न ही चिकित्सा मानकों का पालन किया जा रहा है।

स्थानीय लोगों ने आरोप लगाया है कि यहां मरीजों का इलाज मनमाने तरीके से किया जा रहा है, जिससे उनकी जान को खतरा हो सकता है।

सबसे गंभीर बात यह है कि इस क्लीनिक में नारकोटिक (मादक) दवाओं की भी अवैध बिक्री की जा रही है। इन दवाओं का उपयोग नशे के रूप में भी किया जा सकता है, जिससे युवाओं में इसकी लत लगने का खतरा बढ़ गया है। ग्रामीणों ने बताया कि डॉक्टर पांडे के पास न तो फार्मेसी लाइसेंस है और न ही नारकोटिक दवाओं के स्टॉक की कोई वैध अनुमति।

स्थानीय प्रशासन की लापरवाही के चलते यह क्लीनिक अब तक बेधड़क संचालित हो रहा है। ग्रामीणों ने स्वास्थ्य विभाग और जिला प्रशासन से इस क्लीनिक की तत्काल जांच कर आवश्यक कार्रवाई की मांग की है। यदि समय रहते इस पर रोक नहीं लगाई गई तो यह लोगों की जान पर भारी पड़ सकता है और समाज में नशाखोरी की समस्या को और बढ़ा सकता है।

प्रशासन को चाहिए कि तुरंत संज्ञान लेकर जांच शुरू करे और दोषियों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की जाए।

दिनेश मिरानिया की अंत्येष्टि में भाजपा नेताओं की हंसी-ठिठोली, कांग्रेस ने वीडियो वायरल कर कहा- यह बेशर्मी की पराकाष्ठा है…

रायपुर- पहलगाम में पर्यटकों पर आतंकवादियों की गोली से केवल 27 पर्यटकों का शरीर ही छलनी नहीं हुआ, देश का सीना भी छलनी हुआ है. इस आतंकी घटना से देश दुखी है. भावनाओं का सैलाब चारों ओर उमड़ रहा है. रायपुर के दिनेश मिरानिया का नाम भी उन पर्यटकों में शामिल था, जिनकी मौत आतंकवादियों की गोली से हुई. रायपुर पहुंचने के बाद दिनेश मिरानिया का पार्थिव शरीर आज पंचतत्व में विलीन कर दिया गया. मारवाड़ी श्मशान घाट में हुए अंतिम संस्कार के कार्यक्रम में पूरी सरकार मौजूद थी.

कांग्रेस ने वीडियो वायरल कर कहा- देखिए भाजपा का संस्कार

अंतिम संस्कार के इसी कार्यक्रम के दौरान का एक वीडियो कांग्रेस ने सोशल मीडिया पर वायरल किया और भाजपा के संस्कार पर सवाल उठाया. छत्तीसगढ़ कांग्रेस ने विभिन्न सोशल माध्यमों में वीडियो को साझा करते हुए लिखा है, बेशर्मी की पराकाष्ठा : पहलगाम में आतंकवादियों द्वारा मारे गए स्व. दिनेश मीरानिया की शोक सभा में भाजपाई हंसी-ठिठोली कर रहे हैं.

 

कांग्रेस की ओर से वायरल वीडियो में भाजपा नेता संजय श्रीवास्तव ठहाके लगाते हुए नजर आ रहे हैं. कुछ क्षण का यही क्लिप वायरल है. संजय श्रीवास्तव जहां हंस रहे थे उस जगह सूबे के मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय, आरएसएस के मध्य क्षेत्र के क्षेत्र संघचालक डॉक्टर पूर्णेन्दु सक्सेना, प्रदेश अध्यक्ष किरण देव, गृह मंत्री विजय शर्मा समेत सरकार के प्रमुख चेहरे मौजूद थे.

किस बात पर आई हंसी ?

वीडियो को गौर से देखने पर पता चल रहा है कि मारवाड़ी श्मशान घाट में मृतक दिनेश मिरानिया के अंतिम संस्कार का कार्यक्रम चल रहा था. एक किनारे लगाए गए पंडाल के नीचे पहली पंक्ति में सरकार के तमाम प्रमुख चेहरों के साथ संजय श्रीवास्तव भी बैठे थे. इस दौरान वहां नगर निगम पार्षद सचिन मेघानी ने उनके कान में आकर कुछ बातें कहीं, जिसके बाद दोनों नेता ठहाका लगाकर हंसते नजर आए. यकायक वहां मौजूद कई चेहरों की नजर उन पर पड़ी. श्मशान घाट में मौजूद लोग इस हंसी-ठिठोली पर अचंभित नजर आए. हालांकि यह पता नहीं चल सका कि संजय श्रीवास्तव को आखिर इतनी जोर से हंसी शोक वाली जगह पर कैसे आई ? क्योंकि संजय श्रीवास्तव गम्भीर नेता माने जाते हैं.

कांग्रेस और भाजपा प्रवक्ता ने क्या कहा‌?


इस मामले में कांग्रेस नेता धनंजय ठाकुर ने कहा, ये बेशर्मी की पराकाष्ठा है. पूरा देश जहां गम में है. शोक सभा में भाजपा नेता जिस प्रकार से हंसी-ठिठोली कर रहे यह भाजपा की संवेदनहीनता है. पीड़ित परिवार पर क्या गुजर रहा होगा. इस घटना पर पूरे देश में आक्रोश है और भाजपा नेता को मजा आ रहा है. ये भाजपा की बेशर्मी है. पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी की अस्थि कलश यात्रा के राजधानी पहुंचने पर रखी गई श्रद्धांजलि सभा में भी भाजपा नेता बृजमोहन अग्रवाल और अजय चंद्राकर हंसी-ठिठोली करते दिखे थे. ये लोग गम का उपहास उड़ाने का काम करते हैं. वहीं भाजपा प्रवक्ता राजीव चक्रवर्ती ने कहा है कि किसी पुरानी बात पर हंसी आ गई तो इसका मतलब ये नहीं कि हम पीड़ित परिवार के साथ नहीं है. हमारी पूरी संवेदना पीड़ित परिवार के साथ है. जो पर्यटक कश्मीर में फंसे हैं उन्हें सुरक्षित लाने की कवायद हमारी सरकार कर रही।


अटल अस्थि कलश की याद हुई ताजा

सात साल पहले पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी की अस्थि कलश यात्रा के राजधानी पहुंचने पर रखी गई श्रद्धांजलि सभा के दौरान भी पूर्व मंत्री बृजमोहन अग्रवाल और अजय चंद्राकर की हंसी-ठिठोली से भरी तस्वीर वायरल हुई थी. भाजपा हाईकमान को यह खबर पता चलने पर कड़ा एतराज जताया गया था.

है.


पहलगाम अटैक पर लिखा Thank You Pakistan, मोहम्मद नौशाद गिरफ्तार; MLA बोले- ऐसे आस्तीन के सांप को

पहलगाम अटैक में 28 लोगों की मौत हो गई. इसे लेकर जहां पूरे देश में शोक व्याप्त है. वहीं, झारखंड के बोकारो निवासी मोहम्मद नौशाद ने इस पर खुशी जाहिर की थी. उसने सोशल मीडिया पर एक पोस्ट डाला, जिसमें पाकिस्तान और लश्कर-ए-तैयबा को हमले के लिए धन्यवाद दिया. पुलिस ने अब मोहम्मद नौशाद को गिरफ्तार कर लिया है.

आरोपी बालीडीह के मिल्लत नगर का रहने वाला है. थाना प्रभारी नवीन कुमार ने उसकी गिरफ्तारी की पुष्टि की है. उन्होंने कहा- हमें मोहम्मद नौशाद के खिलाफ शिकायत मिली थी. उसे गिरफ्तार कर लिया गया है. मामले में आगामी कार्रवाई जारी है.

दरअसल कश्मीर के पहलगाम शहर के पास स्थित पर्यटन स्थल बैसरन घाटी में मंगलवार को हमला हुआ था. इसमें 28 लोगों की मौत हो गई. कई अन्य घायल भी हुए. जानकारी के मुताबिक, गिरफ्तार मोहम्मद नौशाद के पिता का नाम मोहम्मद मुस्ताक है और वह मिल्लत नगर का रहने वाला है. फिलहाल बोकारो पुलिस गिरफ्तार मोहम्मद नौशाद से पूछताछ कर रही है.

थाना प्रभारी नवीन कुमार ने कहा- पुलिस मोहम्मद नौशाद के सोशल मीडिया के अकाउंट खंगाल रही है. वहीं, उसके बारे में पूरी जानकारी निकाली जा रही है.

‘स्लीपर सेल की तरह करते हैं काम’

मोहमद नौशाद के गिरफ्तार होने पर भाजपा के वरिष्ठ विधायक सीपी सिंह ने कहा- मैंने तो कल रात में ही सोशल मीडिया पर इसे लेकर लिखा था. और बोकारो के एसपी से बात की थी.आज उसकी गिरफ्तारी हुई है. मुझे खुशी हुई कि उसे गिरफ्तार कर लिया गया है. विधायक सीपी सिंह ने कहा कि ऐसे आस्तीन के सांप के फन को कूचना और कठोर कार्रवाई करना ही राष्ट्रहित में सही है. देश में बहुत से ऐसे लोग हैं जो स्लीपर सेल की तरह काम कर रहे हैं जो देश के लिए खतरा हैं. ऐसे लोगों को पनाह देने वालों पर भी कार्रवाई होनी चाहिए.

ऐसा क्या लिखा था पोस्ट पर?

बालीडीह के रहने वाले मोहमद नौशाद ने जम्मू कश्मीर के पहलगाम में मंगलवार को हुए आतंकी हमले के बाद जश्न मानते हुए सोशल मीडिया पर लिखा था- थैंक्यू पाकिस्तान, थैंक्यू लश्कर-ए-तैयबा. अल्लाह आपकी लंबी उम्र करे. आमीन, आमीन. हमें ज्यादा खुशी तब होगी जब आप बीजेपी, आरएसएस, बजरंग दल और मीडिया को निशाना बनाओ. अब RSS, BJP और बजरंग दल कहां गए, जाओ सरहद पर जाकर उछल और कूदकर दिखाओ

भाजपा विधायक ईश्वर साहू ने सुप्रीम कोर्ट पर की अभद्र टिप्पणी ! फेसबुक पोस्ट वायरल होते ही दी सफाई…

रायपुर-  सुप्रीम कोर्ट पर अभद्र टिप्पणी करके भाजपा विधायक ईश्वर विवादों में आ गए हैं. एक के बाद कई पोस्ट ईश्वर साहू के फेसबुक पेज से हुआ है, जिसमें उन्होंने सुप्रीम कोट के लिए आपत्तिजनक शब्द का कोठा का इस्तेमाल किया है. उनके इस पोस्ट के बाद छत्तीसगढ़ में सियासी बवाल भी मच गया. कांग्रेस ने इस पर कड़ी आपत्ति करते हुए कहा कि विधायक को शर्म आनी चाहिए. उन्हें अपने इस कृत्य के लिए माफी मांगनी चाहिए.

भाजपा विधायक ईश्वर साहू ने दी सफाई

वहीं पोस्ट वायरल होने के बाद मचे बवाल के बीच विधायक साहू की सफाई भी आ गई है. उन्होंने इंस्टाग्राम में स्टोरी लगाकर कहा कि मेरे नाम से अज्ञात व्यक्ति द्वारा फेसबुक और इंस्टाग्राम में फर्जी आईडी बनाकर अनर्गल बयानबाजी की जा रही है. इसके साथ ही उन्होंने सभी से ऐसे आईडी को रिपोर्ट कर अनफॉलो करने की अपील की है.

पीसीसी चीफ दीपक बैज ने BJP पर साधा निशाना:

साजा विधायक के फेसबुक पर हुए इस विवादित पोस्ट को लेकर पीसीसी चीफ दीपक बैज ने भाजपा पर निशाना साधा है. उन्होंने कहा कि उनके fb अकाउंट से पोस्ट जारी हुआ है. न्यायालय के खिलाफ अपशब्दों का प्रयोग किया है. बीजेपी की मानसिकता इस पोस्ट से देखी जा सकती है. अपने अकाउंट से पोस्ट कर ऐसी टिप्पणी करना सही नहीं है. ईश्वर साहू को माफी मांगनी चाहिए. बीजेपी को इस पर कड़ी कार्रवाई करनी चाहिए.

विधायक के फेसबुक पर किए गए एक के बाद एक विवादित पोस्ट:

विवादित पोस्ट के वायरल होने के बाद विधायक ने दी सफाई:

वक्फ संशोधन बिल पर सुप्रीम कोर्ट का फैसला:

दरअसल यह पूरा मामला वक़्फ संसोशन बिल से जुड़ा है. जिसे लेकर देशभर में सियासत गरमाई हुई है. एक बड़ा विवाद खड़ा हो गया है. वक्फ संशोधन बिल पर रोक लगाने की मांग को लेकर सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई जारी है. SC ने 17 अप्रैल को वक्फ (संशोधन) अधिनियम, 2025 की संवैधानिक वैधता को चुनौती देने वाली याचिकाओं पर सुनवाई करते हुए केंद्र सरकार को एक सप्ताह के भीतर जवाब दाखिल करने का निर्देश दिया है. साथ ही अदालत ने स्पष्ट किया कि अगली सुनवाई तक वक्फ परिषद और राज्य वक्फ बोर्डों में किसी भी प्रकार की नई नियुक्ति नहीं किए जाने के निर्देश दिए हैं.

बता दें केंद्र की ओर से पेश सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता ने अदालत से अनुरोध किया कि कुछ आवश्यक दस्तावेजों के साथ जवाब दाखिल करने के लिए समय दिया जाए. SC ने यह अनुरोध स्वीकार करते हुए केंद्र को 7 दिन का समय दिया और स्पष्ट किया कि बड़ी संख्या में दायर याचिकाओं में से केवल 5 पर ही सुनवाई की जाएगी, क्योंकि सभी याचिकाओं पर सुनवाई करना संभव नहीं है.

कांग्रेस ने ED को बताया BJP की कठपुतली, मंत्रोच्चार के साथ किया नाम संस्कार… भाजपा कार्यालय रखा ED दफ्तर का नाम

रायपुर- नेशनल हेराल्ड केस मामले में कांग्रेस के शीर्ष नेतृत्व सोनिया गांधी और राहुल गांधी का नाम ED की चार्जशीट में दायर होने के बाद से पूरे देश में कांग्रेस का विरोध जारी है. आज यूथ कांग्रेस द्वारा छत्तीसगढ़ की राजधानी रायपुर में एक बार फिर विरोध प्रदर्शन किया गया. ये प्रदर्शन ED कार्यालय के नामकरण संस्कार का था पूर्व विधायक विकास उपाध्याय, यूथ कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष आकाश शर्मा सहित यूथ कांग्रेस और NSUI के सभी कार्यकर्ता मौजूद रहे और एकजुट होकर ED दफ़्तर का घेराव करते हुए रीति रिवाज़ो के साथ उसे बीजेपी कार्यालय नाम दे दिया. विरोध के दौरान पीएम मोदी का पुतला भी फूंका गया.

कांग्रेस लगातार केंद्रीय एजेंसियों और बीजेपी पर विपक्षी दल के नेताओं को टारगेट करने आरोप लगाते आई है. बीते दिनों कांग्रेस ने प्रदेश स्तरीय एक दिवसीय धारना प्रदर्शन भी किया जिसमें वरिष्ठ नेताओं ने एजेंसियो पर भाजपा के इशारों पर काम करने का आरोप लगाया था. और इसी कड़ी में आज प्रदर्शन के ज़रिये यूथ कांग्रेस ने ED दफ़्तर का नाम भाजपा कार्यालय रख दिया है.

ED को बताया BJP की कठपुतली

पूर्व विधायक विकास उपाध्याय ने केंद्रीय एजेंसियों को बीजेपी की कठपुतली बताया. उन्होंने कहा आम आदमी की आवाज़ बुलंद करने वालों और देश को बांटने की विचारधारा के खिलाफ काम करने वाले हर व्यक्ति के पीछे ED को छोड़ दिया जाता है. ये एजेंसिया बीजेपी के लिए काम करती है, जो अब पूरा देश समझ चुका है और इसीलिए हमने ED कार्यालय का नाम बीजेपी कार्यालय रखा है. यदि कठपुतली बनकर ही कम कर रहे है तो नाम भी वही होना चाहिए.

60 साल की उम्र में दिलीप घोष कर रहे शादी, जानें बीजेपी की कौन महिला नेता बन रही दुल्हन

पश्चिम बंगाल बीजेपी के दिग्गज नेता और पूर्व प्रदेश अध्यक्ष दिलीप घोष शादी के बंधन में बंधने जा रहे हैं. वो शुक्रवार को अपने कोलकाता स्थित आवास पर रिंकी मजूमदार से शादी करेंगे. दिलीप घोष 60 साल की उम्र में पहली शादी कर रहे हैं. घोष 19 साल की उम्र में राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के साथ जुड़े गए थे और अब 41 साल के बाद अपनी मां के कहने पर शादी करने का फैसला किया है. दिलीप घोष की मां अपने बेटे की शादी में शामिल होने के लिए कल ही कोलकाता पहुंच गई है.

दिलीप घोष और रिंकी मजूमदार शुक्रवार को एक बहुत ही निजी समारोह में विवाह बंधन में बंध जाएंगे. दिलीप और रिंकू के करीबी रिश्तेदार ही शादी में शामिल होंगे. ऐसे में सवाल यह उठता है कि दिलीप घोष की दुल्हन बनने जा रही रिंकी मजूमदार कौन है और कैसे उनकी दोस्ती अब शादी में बदलने जा रही है?

दिलीप घोष की दुल्हन रिंकी मजूमदार कौन हैं?

बीजेपी के प्रदेश अध्यक्ष रहे दिलीप घोष की दुल्हन रिंकी मजूमदार बनने जा रही हैं. रिंकी मजूमदार 50 साल की हैं और वो तलाकशुदा हैं. रिंकी का एक 25 साल का बेटा भी है, जो आईटी सेक्टर में नौकरी करता है. रिंकी मजूमदार बीजेपी की सक्रिय सदस्य हैं और पार्टी की महिला मोर्चा से जुड़ी हुई हैं. घोष और मजूमदार एक ही पार्टी में ही नहीं बल्कि एक ही इलाके कोलकाता के न्यूटाउन में रहते भी हैं.

कैसे करीब आए दिलीप और रिंकी मजूमदार

दिलीप घोष जब बीजेपी प्रदेश अध्यक्ष थे, तभी एक कार्यक्रम के दौरान उनकी मुलाकात रिंकी मजूमदार से हुई थी. दिलीप घोष के कहने पर ही रिंकी मजूमदार बीजेपी में शामिल हुई थी. 2021 में रिंकी मजूमदार की दिलीप घोष से दोस्ती हुई और फिर उनकी दोस्ती प्रेम में बदल गई. 2024 में दिलीप घोष लोकसभा चुनाव हार जाने के बाद काफी उदास थे, तो रिंकी मजूमदार ने दिलीप घोष के सामने शादी का प्रस्ताव रखा था.

रिंकी मजूमदार ने कहा था कि वे साथ मिलकर परिवार शुरू करना चाहती हैं, उन्होंने कहा कि अब उनके साथ कोई नहीं है और तुम्हारे साथ रहना चाहती हूं. दिलीप घोष ने उस समय शादी से मना कर दिया था, लेकिन बाद में अपनी मां के आग्रह पर विचार कर सहमत हो गए. दिलीप घोष की शादी करने के लिए उनकी मां ने मनाने का काम किया था.

संघ के समर्पित कार्यकर्ता होने के नाते दिलीप घोष शादी के बंधन में बंधने के बारे में नहीं सोचा था, लेकिन धीरे-धीरे उन्हें यह भी एहसास हुआ कि जीवन का यह चक्र भी पूरा होना चाहिए. ईडन गार्डन स्टेडियम में तीन अप्रैल को केकेआर के आईपीएल मैच दिलीप घोष, रिंकी मजूमदार और उनका 25 साल का बेटा देखने गए थे.

रिंकी ने कैसे मनाया शादी के लिए

रिंकू मजूमदार ने दिलीप घोष को शादी के लिए तैयार करने के लिए काफी मशक्कत की है. रिंकी ने खुद दिलीप घोष की मां को अपने बेटे की शादी के लिए मनाने की कोशिश की थी. दिलीप अपनी मां पुष्पलता घोष को अपने न्यूटाउन स्थित घर ले आए हैं. बताया जाता है कि रिंकू ने वहां BJP नेता की मां से मुलाकात की और बातचीत की. इसके बाद ही पुष्पलता घोष ने अपने बेटे दिलीप घोष को शादी के लिए राजी किया.

दिलीप की मां चाहती थीं कि दिलीप शादी कर लें और परिवारिक जीवन शुरू करें. फिर वह अपनी बहू के साथ कुछ समय बिता सकेंगे. दिलीप की मां उनके साथ रहती है. दिलीप का जीवन राजनीतिक है. आगामी विधानसभा चुनाव में भी उनकी महत्वपूर्ण भूमिका रहेगी. बीजेपी उन्हें फिर से विधानसभा चुनाव में उतार सकती है. चुनावी अभियान के लिए उनकी जरूरत होगी. उन्हें पूरे राज्य का भ्रमण करना पड़ेगा.

दिलीप की शादी की खबर गुरुवार को मीडिया में फैलनी शुरू हुई, जब सीधे तौर पर उनसे मीडिया इस संबंध में पूछा तो उन्होंने अपने अंदाज में कहा कि क्यों,क्या मैं शादी नहीं कर सकता? क्या शादी करना कोई अपराध है? इसके बाद ही फाइनल हो गया है कि दिलीप घोष शादी के बंधन में बंधने का फैसला किया.

दिलीप की शादी की सियासी हलचल

दिलीप घोष अपने साल 60 साल के सफर में पहली शादी करने जा रहे हैं. दिलीप घोष 1984 में आरएसएस यानी राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ में शामिल हुए थे. 2014 से भाजपा में एक्टिव हुए हैं. संघ के समर्पित कार्यकर्ता होने के नाते शादी के बंधन में नहीं बंधना चाहते थे,लेकिन मां की बात मानते हुए रजामंद हुए हैं. दिलीप घोष की शादी को लेकर सियासी हलचल बढ़ गई है.

दिलीप घोष की शादी की खबर आते ही बीजेपी के अंदर बवाल मचा हुआ है. यह भले ही घोष का व्यक्तिगत मामला हो, लेकिन पार्टी में कुछ लोगों का कहना था कि दिलीप घोष को समय का ध्यान रखना चाहिए था. सूत्रों की मानें तो स्थिति को भांपते हुए राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ सहित पार्टी के एक वर्ग ने दिलीप घोष को शादी न करने की सलाह दी, लेकिन अपने फैसले से पीछे नहीं हटे. हालांकि, पार्टी खेमे में इस बात को लेकर चिंता बढ़ती जा रही है कि कहीं दिलीप की शादी ने 2026 के विधानसभा चुनाव से पहले जनता के मन में उनकी छवि तो खराब नहीं कर दी है.

बीजेपी-एआईएडीएमके के बीच कैसा गठबंधन? साथ चुनाव लड़ेंगे पर साथ में सरकार में नहीं बनाएंगे

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तमिलनाडु में अगले साल विधानसभा चुनाव होने वाले हैं। इससे पहले बीजेपी और विपक्षी एआईएडीएमके ने साथ मिलकर चुनाव लड़ने का फैसला किया। हालांकि, इस गठबंधन में “गांठ” पड़ती दिख रही है। दरअसल, एआईएडीएमके ने अगले साल होने वाले तमिलनाडु चुनाव के लिए बीजेपी की योजनाओं पर पानी फेरते हुए घोषणा की कि यदि उसका गठबंधन चुनाव जीतता है तो राज्य में कोई 'गठबंधन सरकार' नहीं बनेगी। एआईएडीएमके ने साफ कर दिया कि बीजेपी के साथ उनका गठबंधन सिर्फ चुनाव लड़ने तक सीमित है।

एआईएडीएमके के वरिष्ठ नेता और राज्यसभा सांसद एम. थंबीदुरई ने कहा है कि तमिलनाडु में गठबंधन सरकार के लिए कोई जगह नहीं है और अगर उनकी पार्टी 2026 के विधानसभा चुनाव में जीतती है, तो एडप्पाडी के. पलानीस्वामी अकेले सरकार बनाएंगे। गुरुवार को पत्रकारों से बात करते हुए थंबीदुरई ने साफ किया कि भले ही भाजपा उनके गठबंधन में शामिल हो, लेकिन सत्ता में साझेदारी नहीं होगी। उन्होंने कहा कि तमिलनाडु में आज तक कभी गठबंधन सरकार नहीं बनी है। चाहे वो कांग्रेस के नेता सी. राजगोपालाचारी, के. कामराज, या द्रविड़ नेता एम.जी. रामचंद्रन और करुणानिधि हों सभी ने अकेले सरकार चलाई है। थंबीदुरई ने कहा कि 2026 में भी एडप्पाडीयार (पलानीस्वामी) अकेले सरकार बनाएंगे। गठबंधन सरकार की कोई जरूरत नहीं है और न ही इसकी परंपरा है।

वहीं, एआईएडीएमके के महासचिव और विपक्ष के नेता एडप्पाडी के. पलानीस्वामी ने बुधवार को साफ कर दिया कि बीजेपी के साथ उनका गठबंधन सिर्फ चुनाव लड़ने तक सीमित है। पलानीस्वामी ने कहा है कि, केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने कभी नहीं कहा कि चुनाव के बाद तमिलनाडु में गठबंधन सरकार होगी। हमने केवल इतना कहा कि हम गठबंधन का हिस्सा हैं। हमने कभी नहीं कहा कि हम गठबंधन सरकार बनाएंगे।

यह बयान ऐसे समय आया है, जब ऐसी खबरें हैं कि एआईएडीएमके के कुछ नेता बीजेपी के साथ गठबंधन से नाखुश हैं। इस नाखुशी की वजह राज्य में 2019 विधानसभा और 2024 लोकसभा चुनावों में दोनों के खराब ट्रैक रिकॉर्ड से उपजी है। कथित तौर पर वक्फ कानूनों में बदलाव के खिलाफ विरोध प्रदर्शनों के मद्देनजर मुसलमानों सहित अल्पसंख्यक समुदायों के वोटों के संभावित नुकसान को देखते हुए भी एआईएडीएमके ने अपना रुख बदला है।

बता दें कि केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह की मौजूदगी में 12 अप्रैल को बीजेपी और एआईएडीएमके के गठबंधन पर मुहर लगी थी। एआईएडीएमके से दोस्ती के लिए बीजेपी अपने आक्रामक नेता अन्नामलाई को प्रदेश अध्यक्ष पद से इस्तीफा ले लिया था, क्योंकि पलानीस्वामी उन्हें पसंद नहीं करते हैं। इसके बाद अमित शाह ने ऐलान किया था कि प्रदेश में 2026 का विधानसभा चुनाव एआईएडीएमके के साथ और अन्नाद्रमुक अध्यक्ष पलानीस्वामी के नेतृत्व में लड़ा जाएगा। अब पलानीस्वामी के बदले रुख से बीजेपी की सियासी टेंशन बढ़ गई है।

कौन होगा भाजपा का अगला राष्ट्रीय अध्यक्ष? 20 अप्रैल के बाद हो सकता है ऐलान

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बीजेपी के राष्ट्रीय अध्यक्ष का चुनाव 20 अप्रैल के बाद हो सकता है। इसके साथ ही उत्तर प्रदेश, कर्नाटक, मध्य प्रदेश और पश्चिम बंगाल जैसे राज्यों के पार्टी अध्यक्षों के नाम भी कुछ दिनों में घोषित किए जा सकते हैं। बीजेपी संगठन चुनाव के मद्देनजर प्रधानमंत्री आवास पर बुधवार को बैठक हुई। इसमें प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के अलावा गृहमंत्री अमित शाह, रक्षामंत्री राजनाथ सिंह और बीजेपी के राष्ट्रीय संगठन मंत्री बीएल संतोष मौजूद रहे। प्रधानमंत्री मोदी की अगुवाई में हुई इस बैठक में बीजेपी के राष्ट्रीय अध्यक्ष के चुनाव को लेकर भी चर्चा हुई।

20 अप्रैल के बाद शुरू होगी चुनावी प्रक्रिया

सूत्रों के मुताबिक एक हफ्ते के भीतर पार्टी अध्यक्ष के चुनाव की घोषणा हो सकती है। बैठक में कर्नाटक, उत्तर प्रदेश, पश्चिम बंगाल और मध्य प्रदेश जैसे राज्यों के अध्यक्षों के नामों पर चर्चा हुई है। अगले दो-तीन दिनों में करीब आधा दर्जन राज्यों के अध्यक्षों की घोषणा हो सकती है। इसके बाद राष्ट्रीय अध्यक्ष की चुनाव प्रक्रिया 20 अप्रैल के बाद कभी भी शुरू हो सकती है।

राष्ट्रीय अध्यक्ष के चुनाव में क्यों देरी?

जेपी नड्डा जनवरी, 2020 से राष्ट्रीय अध्यक्ष के रूप में काम कर रहे हैं। पार्टी संविधान के मुताबिक उनका कार्यकाल जनवरी, 2023 में खत्म हो गया, लेकिन लोकसभा चुनाव समेत कई बड़े चुनावों के मद्देनजर उनका कार्यकाल आगे बढ़ा दिया गया। उनका कार्यकाल जून 2024 तक बढ़ाया गया था, ताकि वे लोकसभा चुनाव तक काम कर सकें। अध्यक्ष पद का चुनाव फरवरी 2025 तक पूरा होना था, लेकिन हरियाणा, महाराष्ट्र, झारखंड और दिल्ली के राज्य चुनावों के कारण इसमें देरी हो गई।

आधा दर्जन प्रदेश अध्यक्षों के नामों की घोषणा

सूत्रों का कहना है कि बैठक में राष्ट्रीय अध्यक्ष के चुनाव के साथ ही उत्तर प्रदेश, मध्य प्रदेश समेत कई राज्यों के बीजेपी प्रदेश अध्यक्षों के नामों पर भी चर्चा की गई। अगले 2 से 3 दिन में आधा दर्जन प्रदेश अध्यक्षों के नामों की घोषणा की जा सकती है। पश्चिम बंगाल में अगले साल विधानसभा चुनाव होने वाले हैं। इसलिए बीजेपी एक नए राज्य अध्यक्ष और नई टीम की तलाश में है, जो चुनाव से पहले जिम्मेदारी संभाल सके।

युवा चेहरों को मिल सकता है मौका

पार्टी सूत्रों का कहना है कि बीजेपी एक युवा टीम बनाना चाहती है। इसलिए कुछ महासचिवों को बदला जा सकता है और उनकी जगह युवा चेहरों को मौका मिल सकता है। पार्टी भविष्य को ध्यान में रखते हुए यह बदलाव कर रही है। इसका मतलब है कि बीजेपी में युवाओं को आगे लाने की तैयारी है। पार्टी चाहती है कि युवा नेता आगे आएं और पार्टी को नई दिशा दें। यह बदलाव बीजेपी को भविष्य के लिए तैयार करने में मदद करेगा

नेशनल हेराल्ड केस : चार्जशीट में आया सोनिया-राहुल का नाम, CM विष्णुदेव साय बोले- ED अपने तरीके से करती है काम 

रायपुर-  नेशनल हेराल्ड मामले में केंद्रीय जांच एजेंसी ED की ओर से विशेष अदालत में चार्जशीट दाखिल किए जाने के विरोध में कांग्रेस आज सड़क पर उतर आई. कांग्रेस इस कार्रवाई को पूरी तरह बदले की राजनीति बता रही है. इन सब के बीच मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय का पूरे मामले पर बड़ा बयान सामने आया है.

मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय ने कहा कि प्रवर्तन निदेशायल अभी मामले की जांच कर रही है. कांग्रेस के आरोपों पर बोले कि केंद्रीय एजेंसी अपने तरीके से काम करती है. मामले में निष्पक्ष तरीके से कार्रवाई की जा रही है.

रायपुर में ED दफ्तर के बाहर कांग्रेस का प्रदर्शन

देशभर में आज कांग्रेस ने सड़क पर उतर कर विरोध प्रदर्शन किया. छत्तीसगढ़ की राजधानी में ED दफ्तर के बाहर पूर्व सीएम बघेल, पूर्व डिप्टी सीएम टीएस सिंहदेव समेत कई वरिष्ठ कांग्रेस नेताओं ने प्रदर्शन किया. इस दौरान कांग्रेसियों ने नेशनल हेराल्ड मामले में अदालत में चार्जशीट दाखिल करने की कार्रवाई को को केंद्रीय एजेंसियों के बल पर विपक्ष की आवाज को कुचलने का प्रयास बताया. 

जानिए क्या है नेशनल हेराल्ड केस

BJP नेता सुब्रमण्यम स्वामी ने 2012 में दिल्ली के पटियाला हाउस कोर्ट में एक याचिका दाखिल करते हुए सोनिया गांधी, राहुल गांधी और कांग्रेस के ही मोतीलाल वोरा, ऑस्कर फर्नांडीज, सैम पित्रोदा और सुमन दुबे पर घाटे में चल रहे नेशनल हेराल्ड अखबार को धोखाधड़ी और पैसों की हेराफेरी के जरिए हड़पने का आरोप लगाया था. आरोप के मुताबिक, कांग्रेसी नेताओं ने नेशनल हेराल्ड की संपत्तियों पर कब्जे के लिए यंग इंडियन लिमिटेड ऑर्गेनाइजेशन बनाया और उसके जरिए नेशनल हेराल्ड का प्रकाशन करने वाली एसोसिएटेड जर्नल लिमिटेड (AJL) का अवैध अधिग्रहण कर लिया. स्वामी का आरोप था कि ऐसा दिल्ली के बहादुर शाह जफर मार्ग स्थित हेराल्ड हाउस की 2000 करोड़ रुपए की बिल्डिंग पर कब्जा करने के लिए किया गया था.

सुब्रमण्यम स्वामी ने 2000 करोड़ रुपए की कंपनी को केवल 50 लाख रुपए में खरीदे जाने को लेकर सोनिया गांधी, राहुल गांधी समेत केस से जुड़े कांग्रेस के अन्य वरिष्ठ नेताओं के खिलाफ आपराधिक मुकदमा चलाने की मांग की थी. जून 2014 ने कोर्ट ने सोनिया, राहुल समेत अन्य आरोपियों के खिलाफ समन जारी किया. अगस्त 2014 में ED ने इस मामले में एक्शन लेते हुए मनी लॉन्ड्रिंग का केस दर्ज किया. दिसंबर 2015 में दिल्ली के पटियाला कोर्ट ने सोनिया, राहुल समेत सभी आरोपियों को जमानत दे दी.

सर्जिकल स्ट्राइक पर सबूत मांगकर फिर घिरी कांग्रेस, संबित पात्रा बोले-ये CWC नहीं पाकिस्तान वर्किंग कमेटी है

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कांग्रेस नेता चरणजीत सिंह चन्नी के बयान के बाद सियासी पारा हाई है।चरणजीत सिंह चन्नी द्वारा सर्जिकल स्ट्राइल पर सवाल उठाने के बाद अब भाजपा ने इस पर पलटवार किया है। भाजपा सांसद संबित पात्रा ने एक प्रेस कॉन्फ्रेंस कर कांग्रेस को आड़े हाथों लिया है। उन्होंने हमला बोलते हुए कहा कि ये कांग्रेस वर्किंग कमेटी नहीं, बल्कि पाकिस्तान वर्किंग कमेटी है! जो देश के अंदर से पाकिस्तान के लिए काम कर रही है।

बीजेपी पार्टी के प्रवक्ता और सांसद संबित पात्रा ने पंजाब के पूर्व सीएम चन्नी के बयान पर निशाना साधते हुए कहा, देश पर हुए आतंकी हमले को लेकर कांग्रेस संजीदा नहीं है। कांग्रेस वर्किंग कमेटी की मीटिंग में जो प्रस्ताव पारित हुए उसके बाद कांग्रेस ने दूसरी प्रेस कान्फ्रेस की और उसे चरणजीत सिंह चन्नी ने किया जो पुलवामा के हमले का खण्डन करते हैं। संबित पात्रा ने आगे कहा, पंजाब के सीएम रह चुके चरणजीत सिंह चन्नी ने पुलवामा हमले के बाद भारतीय सेना की तरफ से की गई सर्जिकल स्ट्राइक पर सवाल उठाए।

कांग्रेस हेशा पाक का मनोबल बढ़ाने का काम करती है-पात्रा

सर्जीकल स्ट्राइक को लेकर पाक मे खलबली मची थी। पाकिस्तान के मंत्री अभी भी कह रहे है कि फिर से सर्जीकल स्ट्राइक ना हो जाए। रोज इस पर डिबेट हो रही है। कोई कही गुहार लगाने भाग रहा है और इधर कांग्रेस के नेताओं का बयान भारत की सेना की मनोबल को गिराने का काम कर रही है। ये भारत की सेना के मनोबल को गिराता है। कांग्रेस हर समय पाकिस्तान का मनोबल बढ़ाने का काम करती है।

आंतकियों को ऑक्सीजन सप्लाई करने का काम कर रही कांग्रेस-पात्रा

संबित पात्रा ने आगे कहा कि कांग्रेस कोई भी ऐसा अवसर नहीं छोड़ती, जिससे पाकिस्तान के आंतकियों को आक्सीजन सप्लाई नहीं होता हो। आंतकियो को आक्सीजन सप्लाई करने का काम ये कांग्रेस पार्टी करती है। कांग्रेस का हमेशा से ये तरीका रहा है। ये बाहर से सीडबल्यूसी और अंदर से पीडबल्यूसी (पाकिस्तान वर्किंग कमेटी) है। ऐसे तो नहीं हो सकता है कि एक दिन पाक के समर्थन में बोल दें। जब से आंतकी हमला हुआ है- हर दिन सैफुदिन सोज, जो कि कश्मीर के एक बडे नेता हैं। कहते हैं कि हमें बात करनी चाहिए। हमें पाक का पानी बंद नहीं करना चाहिए। कर्नाटक के मुख्यमंत्री सिद्धारमैया का रोना धोना शुरू हो गया है। वह कहते हैं कि युद्ध नहीं होना चाहिए, कर्नाटक के मंत्री का कहना है कि सरकार झूठ बोल रही है। आंतकियों ने कोई धर्म नहीं पूछा था, बीके हरिप्रसाद कहते है बीजेपी के लिए पाक दुश्मन राष्ट होगा हमारे लिए नेबरिंग कंट्री है।

क्या कहा था चन्नी ने?

इससे पहले शुक्रवार को पंजाब के पूर्व सीएम चरणजीत सिंह चन्नी ने पुलवामा हमले का जिक्र करते हुए कहा था कि '40 भारतीय सैनिक मारे गए थे और जब चुनाव हुए, तो सरकार ने कार्रवाई का दावा किया, लेकिन हमने कभी नहीं देखा कि पाकिस्तान में कहां हमले किए गए और कहां लोग मारे गए। अगर कोई हमारे देश में बम फेंके, तो क्या लोगों को पता नहीं चलेगा? उन्होंने पाकिस्तान के खिलाफ सर्जिकल स्ट्राइक करने का दावा किया, लेकिन कुछ नहीं हुआ। सर्जिकल स्ट्राइक कहीं नहीं देखी गई और किसी को उसके बारे में पता भी नहीं था।

बिना रजिस्ट्रेशन कुकुरमुत्ता की तरह झोलाछाप डॉक्टर के चल रहा क्लीनिक, डॉक्टर गिरजेश पांडे पर गंभीर आरोप

बलरामपुर।ग्राम हरैय्या चंदरसी में मानकों की उड़ रही धज्जियाँ, मरीजों की जान से हो रहा खिलवाड़

नारकोटिक दवाओं की अवैध बिक्री का अड्डा बनता जा रहा है पचपेड़वा का यह क्लीनिक

बलरामपुर जनपद के विकासखंड पचपेड़वा के अंतर्गत आने वाली ग्राम पंचायत हरैय्या चंदरसी में स्थित एक क्लीनिक इन दिनों चर्चाओं में है। जानकारी के अनुसार, इस क्लीनिक को डॉक्टर गिरिजेश पांडे द्वारा संचालित किया जा रहा है, लेकिन न तो इसका कोई विधिवत रजिस्ट्रेशन है और न ही चिकित्सा मानकों का पालन किया जा रहा है।

स्थानीय लोगों ने आरोप लगाया है कि यहां मरीजों का इलाज मनमाने तरीके से किया जा रहा है, जिससे उनकी जान को खतरा हो सकता है।

सबसे गंभीर बात यह है कि इस क्लीनिक में नारकोटिक (मादक) दवाओं की भी अवैध बिक्री की जा रही है। इन दवाओं का उपयोग नशे के रूप में भी किया जा सकता है, जिससे युवाओं में इसकी लत लगने का खतरा बढ़ गया है। ग्रामीणों ने बताया कि डॉक्टर पांडे के पास न तो फार्मेसी लाइसेंस है और न ही नारकोटिक दवाओं के स्टॉक की कोई वैध अनुमति।

स्थानीय प्रशासन की लापरवाही के चलते यह क्लीनिक अब तक बेधड़क संचालित हो रहा है। ग्रामीणों ने स्वास्थ्य विभाग और जिला प्रशासन से इस क्लीनिक की तत्काल जांच कर आवश्यक कार्रवाई की मांग की है। यदि समय रहते इस पर रोक नहीं लगाई गई तो यह लोगों की जान पर भारी पड़ सकता है और समाज में नशाखोरी की समस्या को और बढ़ा सकता है।

प्रशासन को चाहिए कि तुरंत संज्ञान लेकर जांच शुरू करे और दोषियों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की जाए।

दिनेश मिरानिया की अंत्येष्टि में भाजपा नेताओं की हंसी-ठिठोली, कांग्रेस ने वीडियो वायरल कर कहा- यह बेशर्मी की पराकाष्ठा है…

रायपुर- पहलगाम में पर्यटकों पर आतंकवादियों की गोली से केवल 27 पर्यटकों का शरीर ही छलनी नहीं हुआ, देश का सीना भी छलनी हुआ है. इस आतंकी घटना से देश दुखी है. भावनाओं का सैलाब चारों ओर उमड़ रहा है. रायपुर के दिनेश मिरानिया का नाम भी उन पर्यटकों में शामिल था, जिनकी मौत आतंकवादियों की गोली से हुई. रायपुर पहुंचने के बाद दिनेश मिरानिया का पार्थिव शरीर आज पंचतत्व में विलीन कर दिया गया. मारवाड़ी श्मशान घाट में हुए अंतिम संस्कार के कार्यक्रम में पूरी सरकार मौजूद थी.

कांग्रेस ने वीडियो वायरल कर कहा- देखिए भाजपा का संस्कार

अंतिम संस्कार के इसी कार्यक्रम के दौरान का एक वीडियो कांग्रेस ने सोशल मीडिया पर वायरल किया और भाजपा के संस्कार पर सवाल उठाया. छत्तीसगढ़ कांग्रेस ने विभिन्न सोशल माध्यमों में वीडियो को साझा करते हुए लिखा है, बेशर्मी की पराकाष्ठा : पहलगाम में आतंकवादियों द्वारा मारे गए स्व. दिनेश मीरानिया की शोक सभा में भाजपाई हंसी-ठिठोली कर रहे हैं.

 

कांग्रेस की ओर से वायरल वीडियो में भाजपा नेता संजय श्रीवास्तव ठहाके लगाते हुए नजर आ रहे हैं. कुछ क्षण का यही क्लिप वायरल है. संजय श्रीवास्तव जहां हंस रहे थे उस जगह सूबे के मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय, आरएसएस के मध्य क्षेत्र के क्षेत्र संघचालक डॉक्टर पूर्णेन्दु सक्सेना, प्रदेश अध्यक्ष किरण देव, गृह मंत्री विजय शर्मा समेत सरकार के प्रमुख चेहरे मौजूद थे.

किस बात पर आई हंसी ?

वीडियो को गौर से देखने पर पता चल रहा है कि मारवाड़ी श्मशान घाट में मृतक दिनेश मिरानिया के अंतिम संस्कार का कार्यक्रम चल रहा था. एक किनारे लगाए गए पंडाल के नीचे पहली पंक्ति में सरकार के तमाम प्रमुख चेहरों के साथ संजय श्रीवास्तव भी बैठे थे. इस दौरान वहां नगर निगम पार्षद सचिन मेघानी ने उनके कान में आकर कुछ बातें कहीं, जिसके बाद दोनों नेता ठहाका लगाकर हंसते नजर आए. यकायक वहां मौजूद कई चेहरों की नजर उन पर पड़ी. श्मशान घाट में मौजूद लोग इस हंसी-ठिठोली पर अचंभित नजर आए. हालांकि यह पता नहीं चल सका कि संजय श्रीवास्तव को आखिर इतनी जोर से हंसी शोक वाली जगह पर कैसे आई ? क्योंकि संजय श्रीवास्तव गम्भीर नेता माने जाते हैं.

कांग्रेस और भाजपा प्रवक्ता ने क्या कहा‌?


इस मामले में कांग्रेस नेता धनंजय ठाकुर ने कहा, ये बेशर्मी की पराकाष्ठा है. पूरा देश जहां गम में है. शोक सभा में भाजपा नेता जिस प्रकार से हंसी-ठिठोली कर रहे यह भाजपा की संवेदनहीनता है. पीड़ित परिवार पर क्या गुजर रहा होगा. इस घटना पर पूरे देश में आक्रोश है और भाजपा नेता को मजा आ रहा है. ये भाजपा की बेशर्मी है. पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी की अस्थि कलश यात्रा के राजधानी पहुंचने पर रखी गई श्रद्धांजलि सभा में भी भाजपा नेता बृजमोहन अग्रवाल और अजय चंद्राकर हंसी-ठिठोली करते दिखे थे. ये लोग गम का उपहास उड़ाने का काम करते हैं. वहीं भाजपा प्रवक्ता राजीव चक्रवर्ती ने कहा है कि किसी पुरानी बात पर हंसी आ गई तो इसका मतलब ये नहीं कि हम पीड़ित परिवार के साथ नहीं है. हमारी पूरी संवेदना पीड़ित परिवार के साथ है. जो पर्यटक कश्मीर में फंसे हैं उन्हें सुरक्षित लाने की कवायद हमारी सरकार कर रही।


अटल अस्थि कलश की याद हुई ताजा

सात साल पहले पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी की अस्थि कलश यात्रा के राजधानी पहुंचने पर रखी गई श्रद्धांजलि सभा के दौरान भी पूर्व मंत्री बृजमोहन अग्रवाल और अजय चंद्राकर की हंसी-ठिठोली से भरी तस्वीर वायरल हुई थी. भाजपा हाईकमान को यह खबर पता चलने पर कड़ा एतराज जताया गया था.

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पहलगाम अटैक पर लिखा Thank You Pakistan, मोहम्मद नौशाद गिरफ्तार; MLA बोले- ऐसे आस्तीन के सांप को

पहलगाम अटैक में 28 लोगों की मौत हो गई. इसे लेकर जहां पूरे देश में शोक व्याप्त है. वहीं, झारखंड के बोकारो निवासी मोहम्मद नौशाद ने इस पर खुशी जाहिर की थी. उसने सोशल मीडिया पर एक पोस्ट डाला, जिसमें पाकिस्तान और लश्कर-ए-तैयबा को हमले के लिए धन्यवाद दिया. पुलिस ने अब मोहम्मद नौशाद को गिरफ्तार कर लिया है.

आरोपी बालीडीह के मिल्लत नगर का रहने वाला है. थाना प्रभारी नवीन कुमार ने उसकी गिरफ्तारी की पुष्टि की है. उन्होंने कहा- हमें मोहम्मद नौशाद के खिलाफ शिकायत मिली थी. उसे गिरफ्तार कर लिया गया है. मामले में आगामी कार्रवाई जारी है.

दरअसल कश्मीर के पहलगाम शहर के पास स्थित पर्यटन स्थल बैसरन घाटी में मंगलवार को हमला हुआ था. इसमें 28 लोगों की मौत हो गई. कई अन्य घायल भी हुए. जानकारी के मुताबिक, गिरफ्तार मोहम्मद नौशाद के पिता का नाम मोहम्मद मुस्ताक है और वह मिल्लत नगर का रहने वाला है. फिलहाल बोकारो पुलिस गिरफ्तार मोहम्मद नौशाद से पूछताछ कर रही है.

थाना प्रभारी नवीन कुमार ने कहा- पुलिस मोहम्मद नौशाद के सोशल मीडिया के अकाउंट खंगाल रही है. वहीं, उसके बारे में पूरी जानकारी निकाली जा रही है.

‘स्लीपर सेल की तरह करते हैं काम’

मोहमद नौशाद के गिरफ्तार होने पर भाजपा के वरिष्ठ विधायक सीपी सिंह ने कहा- मैंने तो कल रात में ही सोशल मीडिया पर इसे लेकर लिखा था. और बोकारो के एसपी से बात की थी.आज उसकी गिरफ्तारी हुई है. मुझे खुशी हुई कि उसे गिरफ्तार कर लिया गया है. विधायक सीपी सिंह ने कहा कि ऐसे आस्तीन के सांप के फन को कूचना और कठोर कार्रवाई करना ही राष्ट्रहित में सही है. देश में बहुत से ऐसे लोग हैं जो स्लीपर सेल की तरह काम कर रहे हैं जो देश के लिए खतरा हैं. ऐसे लोगों को पनाह देने वालों पर भी कार्रवाई होनी चाहिए.

ऐसा क्या लिखा था पोस्ट पर?

बालीडीह के रहने वाले मोहमद नौशाद ने जम्मू कश्मीर के पहलगाम में मंगलवार को हुए आतंकी हमले के बाद जश्न मानते हुए सोशल मीडिया पर लिखा था- थैंक्यू पाकिस्तान, थैंक्यू लश्कर-ए-तैयबा. अल्लाह आपकी लंबी उम्र करे. आमीन, आमीन. हमें ज्यादा खुशी तब होगी जब आप बीजेपी, आरएसएस, बजरंग दल और मीडिया को निशाना बनाओ. अब RSS, BJP और बजरंग दल कहां गए, जाओ सरहद पर जाकर उछल और कूदकर दिखाओ

भाजपा विधायक ईश्वर साहू ने सुप्रीम कोर्ट पर की अभद्र टिप्पणी ! फेसबुक पोस्ट वायरल होते ही दी सफाई…

रायपुर-  सुप्रीम कोर्ट पर अभद्र टिप्पणी करके भाजपा विधायक ईश्वर विवादों में आ गए हैं. एक के बाद कई पोस्ट ईश्वर साहू के फेसबुक पेज से हुआ है, जिसमें उन्होंने सुप्रीम कोट के लिए आपत्तिजनक शब्द का कोठा का इस्तेमाल किया है. उनके इस पोस्ट के बाद छत्तीसगढ़ में सियासी बवाल भी मच गया. कांग्रेस ने इस पर कड़ी आपत्ति करते हुए कहा कि विधायक को शर्म आनी चाहिए. उन्हें अपने इस कृत्य के लिए माफी मांगनी चाहिए.

भाजपा विधायक ईश्वर साहू ने दी सफाई

वहीं पोस्ट वायरल होने के बाद मचे बवाल के बीच विधायक साहू की सफाई भी आ गई है. उन्होंने इंस्टाग्राम में स्टोरी लगाकर कहा कि मेरे नाम से अज्ञात व्यक्ति द्वारा फेसबुक और इंस्टाग्राम में फर्जी आईडी बनाकर अनर्गल बयानबाजी की जा रही है. इसके साथ ही उन्होंने सभी से ऐसे आईडी को रिपोर्ट कर अनफॉलो करने की अपील की है.

पीसीसी चीफ दीपक बैज ने BJP पर साधा निशाना:

साजा विधायक के फेसबुक पर हुए इस विवादित पोस्ट को लेकर पीसीसी चीफ दीपक बैज ने भाजपा पर निशाना साधा है. उन्होंने कहा कि उनके fb अकाउंट से पोस्ट जारी हुआ है. न्यायालय के खिलाफ अपशब्दों का प्रयोग किया है. बीजेपी की मानसिकता इस पोस्ट से देखी जा सकती है. अपने अकाउंट से पोस्ट कर ऐसी टिप्पणी करना सही नहीं है. ईश्वर साहू को माफी मांगनी चाहिए. बीजेपी को इस पर कड़ी कार्रवाई करनी चाहिए.

विधायक के फेसबुक पर किए गए एक के बाद एक विवादित पोस्ट:

विवादित पोस्ट के वायरल होने के बाद विधायक ने दी सफाई:

वक्फ संशोधन बिल पर सुप्रीम कोर्ट का फैसला:

दरअसल यह पूरा मामला वक़्फ संसोशन बिल से जुड़ा है. जिसे लेकर देशभर में सियासत गरमाई हुई है. एक बड़ा विवाद खड़ा हो गया है. वक्फ संशोधन बिल पर रोक लगाने की मांग को लेकर सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई जारी है. SC ने 17 अप्रैल को वक्फ (संशोधन) अधिनियम, 2025 की संवैधानिक वैधता को चुनौती देने वाली याचिकाओं पर सुनवाई करते हुए केंद्र सरकार को एक सप्ताह के भीतर जवाब दाखिल करने का निर्देश दिया है. साथ ही अदालत ने स्पष्ट किया कि अगली सुनवाई तक वक्फ परिषद और राज्य वक्फ बोर्डों में किसी भी प्रकार की नई नियुक्ति नहीं किए जाने के निर्देश दिए हैं.

बता दें केंद्र की ओर से पेश सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता ने अदालत से अनुरोध किया कि कुछ आवश्यक दस्तावेजों के साथ जवाब दाखिल करने के लिए समय दिया जाए. SC ने यह अनुरोध स्वीकार करते हुए केंद्र को 7 दिन का समय दिया और स्पष्ट किया कि बड़ी संख्या में दायर याचिकाओं में से केवल 5 पर ही सुनवाई की जाएगी, क्योंकि सभी याचिकाओं पर सुनवाई करना संभव नहीं है.

कांग्रेस ने ED को बताया BJP की कठपुतली, मंत्रोच्चार के साथ किया नाम संस्कार… भाजपा कार्यालय रखा ED दफ्तर का नाम

रायपुर- नेशनल हेराल्ड केस मामले में कांग्रेस के शीर्ष नेतृत्व सोनिया गांधी और राहुल गांधी का नाम ED की चार्जशीट में दायर होने के बाद से पूरे देश में कांग्रेस का विरोध जारी है. आज यूथ कांग्रेस द्वारा छत्तीसगढ़ की राजधानी रायपुर में एक बार फिर विरोध प्रदर्शन किया गया. ये प्रदर्शन ED कार्यालय के नामकरण संस्कार का था पूर्व विधायक विकास उपाध्याय, यूथ कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष आकाश शर्मा सहित यूथ कांग्रेस और NSUI के सभी कार्यकर्ता मौजूद रहे और एकजुट होकर ED दफ़्तर का घेराव करते हुए रीति रिवाज़ो के साथ उसे बीजेपी कार्यालय नाम दे दिया. विरोध के दौरान पीएम मोदी का पुतला भी फूंका गया.

कांग्रेस लगातार केंद्रीय एजेंसियों और बीजेपी पर विपक्षी दल के नेताओं को टारगेट करने आरोप लगाते आई है. बीते दिनों कांग्रेस ने प्रदेश स्तरीय एक दिवसीय धारना प्रदर्शन भी किया जिसमें वरिष्ठ नेताओं ने एजेंसियो पर भाजपा के इशारों पर काम करने का आरोप लगाया था. और इसी कड़ी में आज प्रदर्शन के ज़रिये यूथ कांग्रेस ने ED दफ़्तर का नाम भाजपा कार्यालय रख दिया है.

ED को बताया BJP की कठपुतली

पूर्व विधायक विकास उपाध्याय ने केंद्रीय एजेंसियों को बीजेपी की कठपुतली बताया. उन्होंने कहा आम आदमी की आवाज़ बुलंद करने वालों और देश को बांटने की विचारधारा के खिलाफ काम करने वाले हर व्यक्ति के पीछे ED को छोड़ दिया जाता है. ये एजेंसिया बीजेपी के लिए काम करती है, जो अब पूरा देश समझ चुका है और इसीलिए हमने ED कार्यालय का नाम बीजेपी कार्यालय रखा है. यदि कठपुतली बनकर ही कम कर रहे है तो नाम भी वही होना चाहिए.

60 साल की उम्र में दिलीप घोष कर रहे शादी, जानें बीजेपी की कौन महिला नेता बन रही दुल्हन

पश्चिम बंगाल बीजेपी के दिग्गज नेता और पूर्व प्रदेश अध्यक्ष दिलीप घोष शादी के बंधन में बंधने जा रहे हैं. वो शुक्रवार को अपने कोलकाता स्थित आवास पर रिंकी मजूमदार से शादी करेंगे. दिलीप घोष 60 साल की उम्र में पहली शादी कर रहे हैं. घोष 19 साल की उम्र में राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के साथ जुड़े गए थे और अब 41 साल के बाद अपनी मां के कहने पर शादी करने का फैसला किया है. दिलीप घोष की मां अपने बेटे की शादी में शामिल होने के लिए कल ही कोलकाता पहुंच गई है.

दिलीप घोष और रिंकी मजूमदार शुक्रवार को एक बहुत ही निजी समारोह में विवाह बंधन में बंध जाएंगे. दिलीप और रिंकू के करीबी रिश्तेदार ही शादी में शामिल होंगे. ऐसे में सवाल यह उठता है कि दिलीप घोष की दुल्हन बनने जा रही रिंकी मजूमदार कौन है और कैसे उनकी दोस्ती अब शादी में बदलने जा रही है?

दिलीप घोष की दुल्हन रिंकी मजूमदार कौन हैं?

बीजेपी के प्रदेश अध्यक्ष रहे दिलीप घोष की दुल्हन रिंकी मजूमदार बनने जा रही हैं. रिंकी मजूमदार 50 साल की हैं और वो तलाकशुदा हैं. रिंकी का एक 25 साल का बेटा भी है, जो आईटी सेक्टर में नौकरी करता है. रिंकी मजूमदार बीजेपी की सक्रिय सदस्य हैं और पार्टी की महिला मोर्चा से जुड़ी हुई हैं. घोष और मजूमदार एक ही पार्टी में ही नहीं बल्कि एक ही इलाके कोलकाता के न्यूटाउन में रहते भी हैं.

कैसे करीब आए दिलीप और रिंकी मजूमदार

दिलीप घोष जब बीजेपी प्रदेश अध्यक्ष थे, तभी एक कार्यक्रम के दौरान उनकी मुलाकात रिंकी मजूमदार से हुई थी. दिलीप घोष के कहने पर ही रिंकी मजूमदार बीजेपी में शामिल हुई थी. 2021 में रिंकी मजूमदार की दिलीप घोष से दोस्ती हुई और फिर उनकी दोस्ती प्रेम में बदल गई. 2024 में दिलीप घोष लोकसभा चुनाव हार जाने के बाद काफी उदास थे, तो रिंकी मजूमदार ने दिलीप घोष के सामने शादी का प्रस्ताव रखा था.

रिंकी मजूमदार ने कहा था कि वे साथ मिलकर परिवार शुरू करना चाहती हैं, उन्होंने कहा कि अब उनके साथ कोई नहीं है और तुम्हारे साथ रहना चाहती हूं. दिलीप घोष ने उस समय शादी से मना कर दिया था, लेकिन बाद में अपनी मां के आग्रह पर विचार कर सहमत हो गए. दिलीप घोष की शादी करने के लिए उनकी मां ने मनाने का काम किया था.

संघ के समर्पित कार्यकर्ता होने के नाते दिलीप घोष शादी के बंधन में बंधने के बारे में नहीं सोचा था, लेकिन धीरे-धीरे उन्हें यह भी एहसास हुआ कि जीवन का यह चक्र भी पूरा होना चाहिए. ईडन गार्डन स्टेडियम में तीन अप्रैल को केकेआर के आईपीएल मैच दिलीप घोष, रिंकी मजूमदार और उनका 25 साल का बेटा देखने गए थे.

रिंकी ने कैसे मनाया शादी के लिए

रिंकू मजूमदार ने दिलीप घोष को शादी के लिए तैयार करने के लिए काफी मशक्कत की है. रिंकी ने खुद दिलीप घोष की मां को अपने बेटे की शादी के लिए मनाने की कोशिश की थी. दिलीप अपनी मां पुष्पलता घोष को अपने न्यूटाउन स्थित घर ले आए हैं. बताया जाता है कि रिंकू ने वहां BJP नेता की मां से मुलाकात की और बातचीत की. इसके बाद ही पुष्पलता घोष ने अपने बेटे दिलीप घोष को शादी के लिए राजी किया.

दिलीप की मां चाहती थीं कि दिलीप शादी कर लें और परिवारिक जीवन शुरू करें. फिर वह अपनी बहू के साथ कुछ समय बिता सकेंगे. दिलीप की मां उनके साथ रहती है. दिलीप का जीवन राजनीतिक है. आगामी विधानसभा चुनाव में भी उनकी महत्वपूर्ण भूमिका रहेगी. बीजेपी उन्हें फिर से विधानसभा चुनाव में उतार सकती है. चुनावी अभियान के लिए उनकी जरूरत होगी. उन्हें पूरे राज्य का भ्रमण करना पड़ेगा.

दिलीप की शादी की खबर गुरुवार को मीडिया में फैलनी शुरू हुई, जब सीधे तौर पर उनसे मीडिया इस संबंध में पूछा तो उन्होंने अपने अंदाज में कहा कि क्यों,क्या मैं शादी नहीं कर सकता? क्या शादी करना कोई अपराध है? इसके बाद ही फाइनल हो गया है कि दिलीप घोष शादी के बंधन में बंधने का फैसला किया.

दिलीप की शादी की सियासी हलचल

दिलीप घोष अपने साल 60 साल के सफर में पहली शादी करने जा रहे हैं. दिलीप घोष 1984 में आरएसएस यानी राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ में शामिल हुए थे. 2014 से भाजपा में एक्टिव हुए हैं. संघ के समर्पित कार्यकर्ता होने के नाते शादी के बंधन में नहीं बंधना चाहते थे,लेकिन मां की बात मानते हुए रजामंद हुए हैं. दिलीप घोष की शादी को लेकर सियासी हलचल बढ़ गई है.

दिलीप घोष की शादी की खबर आते ही बीजेपी के अंदर बवाल मचा हुआ है. यह भले ही घोष का व्यक्तिगत मामला हो, लेकिन पार्टी में कुछ लोगों का कहना था कि दिलीप घोष को समय का ध्यान रखना चाहिए था. सूत्रों की मानें तो स्थिति को भांपते हुए राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ सहित पार्टी के एक वर्ग ने दिलीप घोष को शादी न करने की सलाह दी, लेकिन अपने फैसले से पीछे नहीं हटे. हालांकि, पार्टी खेमे में इस बात को लेकर चिंता बढ़ती जा रही है कि कहीं दिलीप की शादी ने 2026 के विधानसभा चुनाव से पहले जनता के मन में उनकी छवि तो खराब नहीं कर दी है.

बीजेपी-एआईएडीएमके के बीच कैसा गठबंधन? साथ चुनाव लड़ेंगे पर साथ में सरकार में नहीं बनाएंगे

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तमिलनाडु में अगले साल विधानसभा चुनाव होने वाले हैं। इससे पहले बीजेपी और विपक्षी एआईएडीएमके ने साथ मिलकर चुनाव लड़ने का फैसला किया। हालांकि, इस गठबंधन में “गांठ” पड़ती दिख रही है। दरअसल, एआईएडीएमके ने अगले साल होने वाले तमिलनाडु चुनाव के लिए बीजेपी की योजनाओं पर पानी फेरते हुए घोषणा की कि यदि उसका गठबंधन चुनाव जीतता है तो राज्य में कोई 'गठबंधन सरकार' नहीं बनेगी। एआईएडीएमके ने साफ कर दिया कि बीजेपी के साथ उनका गठबंधन सिर्फ चुनाव लड़ने तक सीमित है।

एआईएडीएमके के वरिष्ठ नेता और राज्यसभा सांसद एम. थंबीदुरई ने कहा है कि तमिलनाडु में गठबंधन सरकार के लिए कोई जगह नहीं है और अगर उनकी पार्टी 2026 के विधानसभा चुनाव में जीतती है, तो एडप्पाडी के. पलानीस्वामी अकेले सरकार बनाएंगे। गुरुवार को पत्रकारों से बात करते हुए थंबीदुरई ने साफ किया कि भले ही भाजपा उनके गठबंधन में शामिल हो, लेकिन सत्ता में साझेदारी नहीं होगी। उन्होंने कहा कि तमिलनाडु में आज तक कभी गठबंधन सरकार नहीं बनी है। चाहे वो कांग्रेस के नेता सी. राजगोपालाचारी, के. कामराज, या द्रविड़ नेता एम.जी. रामचंद्रन और करुणानिधि हों सभी ने अकेले सरकार चलाई है। थंबीदुरई ने कहा कि 2026 में भी एडप्पाडीयार (पलानीस्वामी) अकेले सरकार बनाएंगे। गठबंधन सरकार की कोई जरूरत नहीं है और न ही इसकी परंपरा है।

वहीं, एआईएडीएमके के महासचिव और विपक्ष के नेता एडप्पाडी के. पलानीस्वामी ने बुधवार को साफ कर दिया कि बीजेपी के साथ उनका गठबंधन सिर्फ चुनाव लड़ने तक सीमित है। पलानीस्वामी ने कहा है कि, केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने कभी नहीं कहा कि चुनाव के बाद तमिलनाडु में गठबंधन सरकार होगी। हमने केवल इतना कहा कि हम गठबंधन का हिस्सा हैं। हमने कभी नहीं कहा कि हम गठबंधन सरकार बनाएंगे।

यह बयान ऐसे समय आया है, जब ऐसी खबरें हैं कि एआईएडीएमके के कुछ नेता बीजेपी के साथ गठबंधन से नाखुश हैं। इस नाखुशी की वजह राज्य में 2019 विधानसभा और 2024 लोकसभा चुनावों में दोनों के खराब ट्रैक रिकॉर्ड से उपजी है। कथित तौर पर वक्फ कानूनों में बदलाव के खिलाफ विरोध प्रदर्शनों के मद्देनजर मुसलमानों सहित अल्पसंख्यक समुदायों के वोटों के संभावित नुकसान को देखते हुए भी एआईएडीएमके ने अपना रुख बदला है।

बता दें कि केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह की मौजूदगी में 12 अप्रैल को बीजेपी और एआईएडीएमके के गठबंधन पर मुहर लगी थी। एआईएडीएमके से दोस्ती के लिए बीजेपी अपने आक्रामक नेता अन्नामलाई को प्रदेश अध्यक्ष पद से इस्तीफा ले लिया था, क्योंकि पलानीस्वामी उन्हें पसंद नहीं करते हैं। इसके बाद अमित शाह ने ऐलान किया था कि प्रदेश में 2026 का विधानसभा चुनाव एआईएडीएमके के साथ और अन्नाद्रमुक अध्यक्ष पलानीस्वामी के नेतृत्व में लड़ा जाएगा। अब पलानीस्वामी के बदले रुख से बीजेपी की सियासी टेंशन बढ़ गई है।

कौन होगा भाजपा का अगला राष्ट्रीय अध्यक्ष? 20 अप्रैल के बाद हो सकता है ऐलान

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बीजेपी के राष्ट्रीय अध्यक्ष का चुनाव 20 अप्रैल के बाद हो सकता है। इसके साथ ही उत्तर प्रदेश, कर्नाटक, मध्य प्रदेश और पश्चिम बंगाल जैसे राज्यों के पार्टी अध्यक्षों के नाम भी कुछ दिनों में घोषित किए जा सकते हैं। बीजेपी संगठन चुनाव के मद्देनजर प्रधानमंत्री आवास पर बुधवार को बैठक हुई। इसमें प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के अलावा गृहमंत्री अमित शाह, रक्षामंत्री राजनाथ सिंह और बीजेपी के राष्ट्रीय संगठन मंत्री बीएल संतोष मौजूद रहे। प्रधानमंत्री मोदी की अगुवाई में हुई इस बैठक में बीजेपी के राष्ट्रीय अध्यक्ष के चुनाव को लेकर भी चर्चा हुई।

20 अप्रैल के बाद शुरू होगी चुनावी प्रक्रिया

सूत्रों के मुताबिक एक हफ्ते के भीतर पार्टी अध्यक्ष के चुनाव की घोषणा हो सकती है। बैठक में कर्नाटक, उत्तर प्रदेश, पश्चिम बंगाल और मध्य प्रदेश जैसे राज्यों के अध्यक्षों के नामों पर चर्चा हुई है। अगले दो-तीन दिनों में करीब आधा दर्जन राज्यों के अध्यक्षों की घोषणा हो सकती है। इसके बाद राष्ट्रीय अध्यक्ष की चुनाव प्रक्रिया 20 अप्रैल के बाद कभी भी शुरू हो सकती है।

राष्ट्रीय अध्यक्ष के चुनाव में क्यों देरी?

जेपी नड्डा जनवरी, 2020 से राष्ट्रीय अध्यक्ष के रूप में काम कर रहे हैं। पार्टी संविधान के मुताबिक उनका कार्यकाल जनवरी, 2023 में खत्म हो गया, लेकिन लोकसभा चुनाव समेत कई बड़े चुनावों के मद्देनजर उनका कार्यकाल आगे बढ़ा दिया गया। उनका कार्यकाल जून 2024 तक बढ़ाया गया था, ताकि वे लोकसभा चुनाव तक काम कर सकें। अध्यक्ष पद का चुनाव फरवरी 2025 तक पूरा होना था, लेकिन हरियाणा, महाराष्ट्र, झारखंड और दिल्ली के राज्य चुनावों के कारण इसमें देरी हो गई।

आधा दर्जन प्रदेश अध्यक्षों के नामों की घोषणा

सूत्रों का कहना है कि बैठक में राष्ट्रीय अध्यक्ष के चुनाव के साथ ही उत्तर प्रदेश, मध्य प्रदेश समेत कई राज्यों के बीजेपी प्रदेश अध्यक्षों के नामों पर भी चर्चा की गई। अगले 2 से 3 दिन में आधा दर्जन प्रदेश अध्यक्षों के नामों की घोषणा की जा सकती है। पश्चिम बंगाल में अगले साल विधानसभा चुनाव होने वाले हैं। इसलिए बीजेपी एक नए राज्य अध्यक्ष और नई टीम की तलाश में है, जो चुनाव से पहले जिम्मेदारी संभाल सके।

युवा चेहरों को मिल सकता है मौका

पार्टी सूत्रों का कहना है कि बीजेपी एक युवा टीम बनाना चाहती है। इसलिए कुछ महासचिवों को बदला जा सकता है और उनकी जगह युवा चेहरों को मौका मिल सकता है। पार्टी भविष्य को ध्यान में रखते हुए यह बदलाव कर रही है। इसका मतलब है कि बीजेपी में युवाओं को आगे लाने की तैयारी है। पार्टी चाहती है कि युवा नेता आगे आएं और पार्टी को नई दिशा दें। यह बदलाव बीजेपी को भविष्य के लिए तैयार करने में मदद करेगा

नेशनल हेराल्ड केस : चार्जशीट में आया सोनिया-राहुल का नाम, CM विष्णुदेव साय बोले- ED अपने तरीके से करती है काम 

रायपुर-  नेशनल हेराल्ड मामले में केंद्रीय जांच एजेंसी ED की ओर से विशेष अदालत में चार्जशीट दाखिल किए जाने के विरोध में कांग्रेस आज सड़क पर उतर आई. कांग्रेस इस कार्रवाई को पूरी तरह बदले की राजनीति बता रही है. इन सब के बीच मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय का पूरे मामले पर बड़ा बयान सामने आया है.

मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय ने कहा कि प्रवर्तन निदेशायल अभी मामले की जांच कर रही है. कांग्रेस के आरोपों पर बोले कि केंद्रीय एजेंसी अपने तरीके से काम करती है. मामले में निष्पक्ष तरीके से कार्रवाई की जा रही है.

रायपुर में ED दफ्तर के बाहर कांग्रेस का प्रदर्शन

देशभर में आज कांग्रेस ने सड़क पर उतर कर विरोध प्रदर्शन किया. छत्तीसगढ़ की राजधानी में ED दफ्तर के बाहर पूर्व सीएम बघेल, पूर्व डिप्टी सीएम टीएस सिंहदेव समेत कई वरिष्ठ कांग्रेस नेताओं ने प्रदर्शन किया. इस दौरान कांग्रेसियों ने नेशनल हेराल्ड मामले में अदालत में चार्जशीट दाखिल करने की कार्रवाई को को केंद्रीय एजेंसियों के बल पर विपक्ष की आवाज को कुचलने का प्रयास बताया. 

जानिए क्या है नेशनल हेराल्ड केस

BJP नेता सुब्रमण्यम स्वामी ने 2012 में दिल्ली के पटियाला हाउस कोर्ट में एक याचिका दाखिल करते हुए सोनिया गांधी, राहुल गांधी और कांग्रेस के ही मोतीलाल वोरा, ऑस्कर फर्नांडीज, सैम पित्रोदा और सुमन दुबे पर घाटे में चल रहे नेशनल हेराल्ड अखबार को धोखाधड़ी और पैसों की हेराफेरी के जरिए हड़पने का आरोप लगाया था. आरोप के मुताबिक, कांग्रेसी नेताओं ने नेशनल हेराल्ड की संपत्तियों पर कब्जे के लिए यंग इंडियन लिमिटेड ऑर्गेनाइजेशन बनाया और उसके जरिए नेशनल हेराल्ड का प्रकाशन करने वाली एसोसिएटेड जर्नल लिमिटेड (AJL) का अवैध अधिग्रहण कर लिया. स्वामी का आरोप था कि ऐसा दिल्ली के बहादुर शाह जफर मार्ग स्थित हेराल्ड हाउस की 2000 करोड़ रुपए की बिल्डिंग पर कब्जा करने के लिए किया गया था.

सुब्रमण्यम स्वामी ने 2000 करोड़ रुपए की कंपनी को केवल 50 लाख रुपए में खरीदे जाने को लेकर सोनिया गांधी, राहुल गांधी समेत केस से जुड़े कांग्रेस के अन्य वरिष्ठ नेताओं के खिलाफ आपराधिक मुकदमा चलाने की मांग की थी. जून 2014 ने कोर्ट ने सोनिया, राहुल समेत अन्य आरोपियों के खिलाफ समन जारी किया. अगस्त 2014 में ED ने इस मामले में एक्शन लेते हुए मनी लॉन्ड्रिंग का केस दर्ज किया. दिसंबर 2015 में दिल्ली के पटियाला कोर्ट ने सोनिया, राहुल समेत सभी आरोपियों को जमानत दे दी.