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मोदी नहीं होते तो बीजेपी 150 सीट भी नहीं जीत पाती”, झारखंड के गोड्डा से सांसद निशिकांत दुबे का बड़ा बयान

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झारखंड के गोड्डा लोकसभा क्षेत्र से बीजेपी सासंद निशिकांत दुबे अपने बेबाक बयानों के लिए अक्सर चर्चा में रहते हैं। अब बीजेपी सांसद निशिकांत दुबे प्रधानमंत्री मोदी को लेकर एक बड़ा बयान दिया है। उन्होंने कहा है कि मोदी को बीजेपी की नहीं बल्कि बीजेपी को मोदी की जरूरत है। इतना ही नहीं उन्होंने यह भी कह दिया कि अगर मोदी हमारे नेता नहीं होते तो बीजेपी 150 सीट भी नहीं जीत पाती। समाचार एजेंसी एएनआई को दिए एक इंटरव्यू में निशिंकात दुबे ने ये बातें कहीं।

15-20 सालों तक मोदी ही नजर आ रहे-निशिंकात

एएनआई को दिए इंटरव्यू में निशिकांत दुबे ने कहा, मुझे 15-20 सालों तक मोदी ही नजर आ रहे हैं। अगर मोदी जी हमारे नेता नहीं हों तो भारतीय जनता पार्टी 150 सीट भी नहीं जीत पाएगी। निशिकांत दुबे ने सीएम योगी को लेकर दिए अपने बयान अभी योगी जी यूपी के सीएम हैं और दिल्ली में जगह खाली नहीं है, को लेकर पूछे गए सवाल के जवाब में ये बातें कहीं।

2029 का चुनाव मोदी के नेतृत्व में लड़ना बीजेपी की मजबूरी-निशिकांत

बीजेपी सांसद से आगे सवाल पूछा गया कि आरएसएस प्रमुख मोहन भागवत कहते हैं कि 75 साल की उम्र के बाद नेताओं को इस्तीफा दे देना चाहिए ? इस सवाल का जवाब देते हुए कि निशिंकात दुबे ने कहा कि साल 2029 चुनाव भी मोदी जी के नेतृत्व में लड़ना पड़ेगा, यह भारतीय जनता पार्टी की मजबूरी है। आज मोदी जी को भाजपा की आवश्यक्ता नहीं है। भाजपा को उनकी आवश्यक्ता है।

लगातार तीसरी बार बने पीएम

बता दें कि मोदी के नेतृत्व में 2014 में बीजेपी ने पहली बार देश में पूर्ण बहुमत की सरकार बनाई थी। 2014 में बीजेपी ने 282 सीटें जीतीं। उसके बाद 2019 और 2024 के लोकसभा चुनावों में भी बीजेपी ने शानदार प्रदर्शन किया। 2019 में पार्टी ने 303 सीटें हासिल कीं थीं। हालांकि, 2024 में बीजेपी को 240 सीटें मिलीं, जो बहुमत (272) से कम थीं, लेकिन एनडीए गठबंधन (292 सीटें) के साथ मोदी ने तीसरी बार सरकार बनाई।

बेटी बचाओ नहीं बेटी जलाओ पार्टी बन चुकी है भाजपा”, बालासोर में छात्रा की आत्महत्या सुप्रियो भट्टाचार्य का हमला

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ओडिशा के बालासोर में फकीर मोहन ऑटोनॉमस कॉलेज में खुद को आग लगाने वाली 20 साल की स्टूडेंट आखिरकार जिंदगी की जंग हार गई। सोमवार देर रात गंभीर रूप से जख्मी छात्रा ने दम तोड़ दिया। छात्रा 95 फीसदी झुलस चुकी थी और 3 दिनों तक भुवनेश्वर के AIIMS में जिंदगी की जंग लड़ रही थी। छात्रा की मौते के बाद देशभर में आक्रोश देखा जा रहा है। अब झारखंड में भी इस मामले पर राजनीति शुरू हो गई है। झारखंड मुक्ति मोर्चा ने इस मामले को लेकर केंद्र और ओडिशा की भाजपा सरकार पर सीधा हमला बोला है।

एक बार फिर हिंदुस्तान शर्मसार- सुप्रियो

पत्रकारों को संबोधित करते हुए भट्टाचार्य ने कहा कि ओडिशा की घटना ने एक बार फिर हिंदुस्तान को शर्मसार कर दिया है। वह (मृतका) एक पढ़ने वाली बच्ची थी, जिसे शिक्षक द्वारा शोषण और अपमान का सामना करना पड़ा। जब उसने और अन्य छात्राओं ने इस मामले की शिकायत कॉलेज प्रिंसिपल से की, तो शिक्षक ने और अधिक असभ्यता दिखाई। नतीजन न्याय नहीं मिलने और उत्पीड़न से टूटकर उसने आत्महत्या कर ली।

बीजेपी सरकार में महिलाओं और बेटियों की सुरक्षा खतरे में-सुप्रियो

झारखंड मुक्ति मोर्चा (झामुमो) ने बीजेपी को ‘बेटी जलाओ पार्टी’ बताया। झारखंड मुक्ति मोर्चा (झामुमो) के केंद्रीय महासचिव और प्रवक्ता सुप्रियो भट्टाचार्य ने राजधानी रांची में एक प्रेस कांफ्रेंस कर भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) पर जोरदार हमला बोला। झामुमो केंद्रीय कमेटी के महासचिव और पार्टी के मुख्य प्रवक्ता सुप्रियो भट्टाचार्य ने कहा कि वर्ष 2014 में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने ‘बेटी बचाओ, बेढ़ी पढ़ाओ’ का नारा दिया था। अब यह पार्टी बेटी जलाओ पार्टी बन गयी है। इस पार्टी को अब हमलोग इसी नाम से संबोधित करेंगे।

जहां भी भाजपा सत्ता में है, बेटियों के साथ अन्याय- सुप्रियो

भट्टाचार्य ने कहा कि यह सिर्फ ओडिशा का मामला नहीं है, बल्कि यूपी, बिहार, मध्यप्रदेश, राजस्थान सहित पूरे देश की बेटियों की यही कहानी है। वर्ष 2014 के बाद से देश के जिस किसी राज्य में बीजेपी की सरकार बनी है, वहां महिलाओं और बेटियों की सुरक्षा खतरे में पड़ गयी है। जहां भी भाजपा सत्ता में है, बेटियों के साथ अन्याय और उत्पीड़न हो रहा है।

राष्ट्रपति और शिक्षा मंत्री से किया सवाल

झामुमो प्रवक्ता ने सवाल उठाया कि जब देश की राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू और केंद्रीय शिक्षा मंत्री धर्मेंद्र प्रधान दोनों ही ओडिशा से हैं, तो अब तक मृत छात्रा को न्याय क्यों नहीं मिला? उन्होंने कहा कि यह पूरी तरह से प्रशासनिक असंवेदनशीलता और राजनीतिक चुप्पी का उदाहरण है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह भी इस मामले में चुप्पी साधे हुए हैं, जो निंदनीय है।

भाजपा के सिस्टम ने की ओडिशा में छात्रा की हत्या”, आत्मदाह करने वाली छात्रा की मौत के बाद राहुल का हमला

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ओडिशा के बालासोर में एक कॉलेज की छात्रा ने सीनियर प्रोफेसर से परेशान होकर आत्मदाह कर लिया था। फकीर मोहन कॉलेज की इस छात्रा की इलाज के दौरान मौत हो गई। आत्मदाह करने वाली छात्रा की मौत के बाद मंगलवार को राहुल गांधी ने बीजेपी पर तीखे वार किए। उन्होंने आरोप लगाया कि भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के सिस्टम ने इस लड़की की हत्या की है। लोकसभा में नेता प्रतिपक्ष ने यह भी कहा कि पीएम मोदी को इस विषय पर चुप्पी नहीं साधनी चाहिए, बल्कि जवाब देना चाहिए।

राहुल ने बालासोर की घटना को लेकर एक्स पोस्ट के जरिए कहा, ओडिशा में इंसाफ के लिए लड़ती एक बेटी की मौत, सीधे-सीधे बीजेपी के सिस्टम द्वारा की गई हत्या है। उस बहादुर छात्रा ने यौन शोषण के खिलाफ आवाज उठाई - लेकिन न्याय देने के बजाय, उसे धमकाया गया, प्रताड़ित किया गया, बार-बार अपमानित किया गया। जिन्हें उसकी रक्षा करनी थी, वही उसे तोड़ते रहे।''

“देश की बेटियां जल रही हैं”

राहुल गांधी ने आगे लिखा, “हर बार की तरह बीजेपी का सिस्टम आरोपियों को बचाता रहा, और एक मासूम बेटी को खुद को आग लगाने पर मजबूर कर दिया, ये आत्महत्या नहीं, सिस्टम द्वारा संगठित हत्या है। मोदी जी, ओडिशा हो या मणिपुर, देश की बेटियां जल रही हैं, टूट रही हैं, दम तोड़ रही हैं, और आप? खामोश बने बैठे हैं, देश को आपकी चुप्पी नहीं, जवाब चाहिए. भारत की बेटियों को सुरक्षा और इंसाफ चाहिए।”

क्या है मामला

एक शिक्षक द्वारा कथित तौर पर यौन उत्पीड़न किए जाने के मामले में न्याय न मिलने पर आत्मदाह करने वाली छात्रा ने तीन दिन तक जिंदगी और मौत से लड़ने के बाद भुवनेश्वर स्थित अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान (एम्स) में सोमवार रात दम तोड़ दिया।वह बालासोर के फकीर मोहन (स्वायत्त) महाविद्यालय की एकीकृत बीएड सेकंड इयर की छात्रा थी। शिक्षक के खिलाफ कोई ठोस कार्रवाई नहीं किए जाने से आहत छात्रा ने शनिवार को यह कदम उठाया और वह 95 प्रतिशत तक झुलस गई थी।

मल्लिकार्जुन खरगे ने किया राष्ट्रपति मुर्मू का अपमान? बीजेपी ने कांग्रेस अध्यक्ष से की माफी की मांगे

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भाजपा ने कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे पर राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू के खिलाफ आपत्तिजनक शब्दों का इस्तेमाल करने का आरोप लगाया है। बीजेपी के प्रवक्ता गौरव भाटिया ने कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे पर निशाना साधा। भाटिया ने प्रेस कॉन्फ्रेंस में कांग्रेस के राष्ट्रीय अध्यक्ष और राज्यसभा सांसद मल्लिकार्जुन खरगे पर तीखा हमला किया है। गौरव भाटिया ने कहा, मल्लिकार्जुन खरगे ने भारत की राष्ट्रपति के लिए आपत्तिजनक शब्दों का प्रयोग किया है।

कांग्रेस लगातार देश की आदिवासी राष्ट्रपति का अपमान करते रहे

बीजेपी प्रवक्ता गौरव भाटिया ने कहा कि कांग्रेस नेता लगातार देश की आदिवासी राष्ट्रपति का अपमान करते रहे हैं। कभी अधीर रंजन चौधरी ने राष्ट्रपति को राष्टपत्नी कहा, तो कभी उदित राज ने कहा कि किसी भी देश को मुर्मू जैसा राष्ट्रपति नहीं मिलना चाहिए। उन्होंने कहा कि कांग्रेस लगातार देश के सर्वोच्च पद पर बैठी महिला का अपमान करती रही है। पार्टी कांग्रेस अध्यक्ष से माफी की मांग करती है।

पूर्व राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद का भी अपमान किया गया

भाजपा प्रवक्ता गौरव भाटिया ने कहा कि उन्होंने पूर्व राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद का भी अपमान किया। गौरव भाटिया ने कहा कि 'मल्लिकार्जुन खरगे पूर्व राष्ट्रपति जी राम नाथ कोविंद जी को 'कोविड' बुलाते हैं। आप राष्ट्रपति को बिना किसी सम्मान के 'मुर्मा जी' कहकर संबोधित करते हैं और फिर अंत में उन्हें भूमाफिया बताते हैं। पूरा देश जानता है कि अगर देश में कोई भूमाफिया है तो वह फर्जी गांधी परिवार है।

खरगे से माफी की मांग

भाजपा प्रवक्ता गौरव भाटिया ने कहा कि 'उदित राज कहते हैं कि किसी देश को द्रौपदी मुर्मू जैसी राष्ट्रपति नहीं मिलनी चाहिए। अधीर रंजन चौधरी राष्ट्रपति को राष्ट्रपत्नि कहकर संबोधित करते हैं। यह एक आदिवासी महिला के खिलाफ बेहद आपत्तिजनक टिप्पणी है। कांग्रेस नेताओं को लगता है कि सिर्फ फर्जी गांधी परिवार के सदस्य ही देश में संवैधानिक पदों पर बैठ सकते हैं। अजय कुमार कहते हैं कि राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू बुरी मानसिकता को दर्शाती हैं। आज मल्लिकार्जुन खरगे का आपत्तिजनक बयान सबूत है कि उनकी कोई जुबान नहीं फिसली है। यह जानबूझकर किया गया। हम मल्लिकार्जुन खरगे से मांग करते हैं कि वे अपने बयान पर माफी मांगें।

सिर्फ नकली गांधी परिवार…

गौरव भाटिया ने कहा कि कांग्रेस नेताओं का मानना है कि केवल नकली गांधी परिवार के सदस्य ही संवैधानिक पदों पर आसीन हो सकते हैं। अजॉय कुमार ने कहा कि राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू एक दुष्ट मानसिकता को दर्शाती हैं। मल्लिकार्जुन खरगे की आपत्तिजनक टिप्पणी साबित करती है कि यह जुबान की फिसलन नहीं है। यह पूरी तरह से जानबूझकर किया गया है।

भाजपा सांसद निशिकांत दुबे का कांग्रेस पर बड़ा आरोप, रूसी खुफिया एजेंट थे 150 से अधिक कांग्रेसी सांसद

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भारतीय जनता पार्टी के वरिष्ठ नेता और झारखंड के गोड्डा लोकसभा सीट से सांसद निशिकांत दुबे ने कांग्रेस पर बड़ा आरोप लगाया है। निशिकांत दुबे ने सोमवार को अमेरिकी खुफिया एजेंसी सीआईए द्वारा 2011 में जारी एक दस्तावेज शेयर कर कांग्रेस पार्टी पर निशाना साधा। उन्होंने आरोप लगाया कि दिवंगत कांग्रेस नेता एचकेएल भगत के नेतृत्व में 150 से अधिक कांग्रेस सांसदों को रूस से फंडिंग मिली थी। इन सांसदों ने रूस के एजेंट के तौर पर काम किया था।

निशिकांत दुबे ने एक्स पर पोस्ट किया, कांग्रेस, भ्रष्टाचार और गुलामी। यह अवर्गीकृत गुप्त दस्तावेज सीआईए द्वारा 2011 में जारी किया गया था। इसके अनुसार, दिवंगत कांग्रेस नेता एचकेएल भगत के नेतृत्व में 150 से अधिक कांग्रेस सांसदों को सोवियत रूस द्वारा फंड किया गया था, जो रूस के एजेंट के रूप में काम कर रहे थे?

रूसी खुफिया एजेंसियों के 1100 लोग भारत में

बीजेपी सांसद ने आगे कहा कि पत्रकारों का एक समूह उनका एजेंट था। रूस ने कुल 16,000 समाचार प्रकाशित कराए थे। इसका अमेरिकी खुफिया एजेंसी के दस्तावेज में जिक्र है। उस समय के आसपास रूसी खुफिया एजेंसियों के 1100 लोग भारत में थे, जो नौकरशाहों, व्यापारिक संगठनों, कम्युनिस्ट पार्टियों और राय निर्माताओं को अपनी जेब में रखकर भारत की नीतियों को आकार और सूचनाएं भी दे रहे थे।

50 साल पहले लगे आपातकाल के विरोध में भाजपा आज मनाएगी संविधान हत्या दिवस, दिलाई जाएगी काले दौर की याद

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देश में आपातकाल की घोषणा हुए आज 50 साल हो गए। साल 1975 में 25 और 26 जून की दरम्यानी रात से 21 मार्च 1977 तक (21 महीने) तत्कालीन प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी ने देश में आपातकाल की घोषणा की थी। आपातकाल के 50 वर्ष पूरे होने के मौके पर बुधवार को भाजपा देशभर में संविधान हत्या दिवस का आयोजन करेगी। विभिन्न कार्यक्रमों के आयोजन के जरिये लोगों को आपातकाल के काले दौर की याद दिलाई जाएगी। जिला स्तर पर होने वाले कार्यक्रमों में मीसा बंदियों का सम्मान किया जाएगा।

पीएम मोदी ने लिया संविधान हत्या दिवस मनाने का निर्णय

इससे पहले आपातकाल की 50वीं बरसी की पूर्व संध्या पर नई दिल्ली में श्यामा प्रसाद मुखर्जी न्यास की ओर से आयोजित आपातकाल के 50 साल कार्यक्रम में शाह ने कहा कि जब 11 जुलाई 2024 को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने निर्णय किया कि हर वर्ष 25 जून को संविधान हत्या दिवस मनाया जाएगा, तब यह सवाल उठे कि 50 साल पहले हुई किसी घटना पर बात करके आज क्या हासिल होगा?

आपातकाल तानाशाही मानसिकता और सत्ता की भूख की उपज-शाह

गृह मंत्री अमित शाह ने आपातकाल को अन्यायकाल बताया है। अमित शाह ने कहा कि 1975 में तत्कालीन प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी का लाया आपातकाल असल में कांग्रेस का अन्यायकाल था। आपातकाल परिस्थिति और मजबूरी की नहीं बल्कि तानाशाही मानसिकता और सत्ता की भूख की उपज होता है। शाह ने यह भी कहा कि 25 जून सभी को याद दिलाता है कि कांग्रेस सत्ता के लिए किस हद तक जा सकती है।

बंगाल विधानसभा चुनाव के लिए भाजपा का स्पेशल प्लान: धनबाद और रांची में IT सेंटर स्थापित करने की तैयारी

2026 के मार्च में संभावित पश्चिम बंगाल विधानसभा चुनावों को देखते हुए भारतीय जनता पार्टी (BJP) ने अपनी रणनीतिक तैयारियों को तेज कर दिया है। पार्टी अब बंगाल से सटे झारखंड के दो प्रमुख शहरों – धनबाद और रांची – में स्पेशल IT सेंटर स्थापित करने जा रही है।

क्या है भाजपा का प्लान?

IT सेंटर की स्थापना: ये सेंटर मतदाताओं तक डिजिटल माध्यम से संदेश पहुंचाने का कार्य करेंगे। सोशल मीडिया, व्हाट्सएप और अन्य डिजिटल प्लेटफॉर्म्स के जरिये चुनाव प्रचार को मजबूती दी जाएगी।

डाटा कलेक्शन और रिसर्च: इन सेंटरों में सीटवार रणनीति तैयार करने के लिए मतदाता डेटा, सामाजिक समीकरण और मुद्दों पर रिसर्च की जाएगी।

बड़े नेताओं की आवाजाही के लिए बेस: बोकारो, धनबाद और रांची का उपयोग पुरुलिया व आसपास के बंगाल क्षेत्रों में नेताओं की आवाजाही के लिए बेस कैंप के रूप में होगा।

रांची में होगी अहम बैठक

इस महीने बंगाल भाजपा के वरिष्ठ नेता रांची पहुंचकर झारखंड प्रदेश के भाजपा नेताओं से मुलाकात करेंगे। इस बैठक में आगामी चुनाव की ग्राउंड रणनीति तैयार की जाएगी।

क्यों अहम हैं ये सेंटर?

झारखंड की सीमा बंगाल से लगती है, जिससे भौगोलिक और सांस्कृतिक जुड़ाव बनता है।

धनबाद और रांची में भाजपा का मजबूत सांगठनिक ढांचा है, जिसे बंगाल चुनाव के लिए सपोर्ट सिस्टम के रूप में इस्तेमाल किया जाएगा।

भारत निर्वाचन आयोग की 21 नई पहल: 100 दिनों में निर्वाचन प्रबंधन और मतदाता सुविधा में ऐतिहासिक सुधार

रायपुर- भारत निर्वाचन आयोग ने मुख्य निर्वाचन आयुक्त ज्ञानेश कुमार के कार्यभार संभालने के पहले 100 दिनों में निर्वाचन प्रबंधन को और अधिक पारदर्शी, कुशल और मतदाता अनुकूल बनाने के उद्देश्य से 21 नई पहलों की शुरुआत की है। 19 फरवरी 2025 से 29 मई 2025 के दौरान लागू इन सुधारों ने देशभर में लोकतांत्रिक प्रक्रिया को और सशक्त किया है।

इन सुधारों के माध्यम से निर्वाचन प्रक्रिया में तकनीकी सुधार, प्रशिक्षण कार्यक्रम, कानूनी ढांचे को मजबूती और हितधारकों के साथ समन्वय को प्राथमिकता दी गई है। इन सुधारों की प्रमुख विशेषताएं इस प्रकार हैं:

1. मतदान केंद्रों पर मतदाताओं की अधिकतम संख्या: प्रति मतदान केंद्र अधिकतम 1,200 मतदाता सुनिश्चित कर भीड़ प्रबंधन और सुविधाजनक मतदान का प्रावधान।

2. अतिरिक्त मतदान बूथ: ऊँची इमारतों और कॉलोनियों में नए मतदान बूथ की स्थापना, जिससे शहरी क्षेत्रों में सुगम मतदान अनुभव।

3. निर्वाचक नामावली का अद्यतनीकरण: मृत्यु पंजीकरण डेटा को सीधे रजिस्ट्रार जनरल ऑफ इंडिया (RGI) के डेटाबेस से लिंक कर सत्यापन उपरांत नामावली को अद्यतन करने की प्रक्रिया।

4. मतदाता सूचना पर्ची: मतदाता के क्रमांक और भाग संख्या को प्रमुखता से प्रदर्शित किया जाएगा ताकि मतदाताओं को आसान जानकारी मिले।

5. मोबाइल जमा सुविधा: मतदान केंद्रों के ठीक बाहर मोबाइल जमा करने की सुविधा, जिससे मतदान केंद्र के भीतर निष्पक्षता और गोपनीयता सुनिश्चित हो।

6. सर्वदलीय बैठकें: पूरे देश में CEO, DEO और ERO स्तर पर 4,719 बैठकें आयोजित, जिनमें 28,000 से अधिक राजनीतिक दलों के प्रतिनिधियों ने भाग लिया।

7. ECI की बैठकें: राष्ट्रीय और राज्य स्तरीय राजनीतिक दलों (AAP, BJP, BSP, CPI(M), NPP) के प्रमुखों के साथ सीधे संवाद और चर्चा।

8. क्षमता निर्माण: बिहार, तमिलनाडु और पुडुचेरी में IIIDEM द्वारा बूथ लेवल एजेंटों के लिए विशेष प्रशिक्षण कार्यक्रम।

9. प्रचार दूरी नियम में बदलाव: राजनीतिक दल अब मतदान केंद्र से 100 मीटर की दूरी पर बूथ स्थापित कर सकेंगे (पहले 200 मीटर की बाध्यता थी)।

10. ECINET डैशबोर्ड: हितधारकों के लिए सभी सेवाओं को एकीकृत करने हेतु नया प्लेटफार्म, जो 40 से अधिक ऐप्स/वेबसाइट्स को समाहित करेगा।

11. यूनिक EPIC नंबर: डुप्लिकेट EPIC नंबर की समस्या के समाधान के लिए नया तंत्र विकसित किया गया है।

12. हितधारक पहचान: निर्वाचक नामावली और चुनाव प्रक्रिया में शामिल 28 प्रमुख हितधारकों की पहचान और प्रतिनिधित्व अधिनियम 1950, 1951, नियम 1960 और ECI के निर्देशों के अनुरूप कार्य।

13. प्रशिक्षण सामग्री: अधिनियमों, नियमों और निर्वाचन आयोग के निर्देशों के आधार पर हितधारकों के लिए प्रशिक्षण प्रस्तुतियों का विकास।

14. कानूनी ढांचे को मजबूत करना: निर्वाचन आयोग और राज्य निर्वाचन अधिकारियों का प्रतिनिधित्व करने वाले वकीलों का राष्ट्रीय सम्मेलन आयोजित कर तालमेल और कानूनी सहायता को सशक्त बनाना।

15. BLO पहचान पत्र: बूथ लेवल अधिकारियों को मानक फोटो पहचान पत्र प्रदान कर उनकी पहचान और कार्य प्रणाली को अधिक पारदर्शी बनाना।

16. IIIDEM, नई दिल्ली में क्षमता निर्माण: 3,500 से अधिक बूथ लेवल सुपरवाइजर्स का प्रशिक्षण; आगामी 45 दिनों में 20 बैचों में लगभग 6,000 BLOs/सुपरवाइजर्स को प्रशिक्षण; अगले कुछ वर्षों में 1 लाख+ BLO सुपरवाइजर्स को प्रशिक्षित करने का लक्ष्य।

17. मीडिया प्रशिक्षण: सभी 36 राज्यों/केंद्रशासित प्रदेशों के CEO कार्यालयों के मीडिया अधिकारियों के लिए विशेष ओरिएंटेशन कार्यक्रम।

18. पुलिस प्रशिक्षण: बिहार के पुलिस अधिकारियों के लिए IIIDEM में विशेष प्रशिक्षण कार्यक्रम आयोजित कर चुनाव प्रक्रिया को सुचारु बनाने में सहयोग।

19. बायोमेट्रिक उपस्थिति प्रणाली: निर्वाचन कार्यालयों में कर्मचारियों की उपस्थिति की पारदर्शिता और जवाबदेही के लिए बायोमेट्रिक प्रणाली लागू।

20. ई-ऑफिस रोलआउट: निर्वाचन प्रक्रियाओं के डिजिटलीकरण और कार्यप्रणाली को और अधिक सहज और प्रभावी बनाने हेतु ई-ऑफिस की शुरुआत।

21. नियमित ECI-CEO बैठकें: सभी 36 राज्यों/केंद्रशासित प्रदेशों के मुख्य निर्वाचन अधिकारियों के साथ नियमित बैठकें आयोजित कर समन्वय, पारदर्शिता और कुशल प्रबंधन को और अधिक सशक्त किया गया।

ये सभी 21 पहलें मतदाता सुविधा, पारदर्शिता और निर्वाचन प्रक्रिया की दक्षता को निरंतर मजबूत करने के लिए आयोग की प्रतिबद्धता को दर्शाती हैं।

मणिपुर से हटेगा राष्ट्रपति शासन? बीजेपी ने राज्यपाल से मिल 44 विधायकों के समर्थन का किया दावा

#manipurbjpstakeclaimtoformgovernment

मणिपुर में एक बार फिर राजनीति हलचल देखी जा रही है। मणिपुर में 10 विधायकों ने बुधवार को राज्यपाल अजय कुमार भल्ला से मिलकर सरकार बनाने का दावा पेश किया है। इनमें 8 भाजपा, एनपीपी और निर्दलीय के एक-एक विधायक हैं। इन्होंने दावा किया है इनके पास 44 विधायकों का समर्थन है।

विधायक राधेश्याम ने इस मुलाकात के बाद घोषणा की कि 44 विधायकों का समर्थन प्राप्त है, जो एक लोकप्रिय और स्थिर सरकार बनाने के लिए तैयार हैं।विधायक राधेश्याम ने मीडिया से बातचीत में कहा, हमारे पास 44 विधायकों का समर्थन है, और सभी भाजपा विधायक एकजुट होकर जनता की इच्छा के अनुरूप सरकार बनाने के लिए प्रतिबद्ध हैं। हम राज्यपाल से अनुरोध करते हैं कि वे हमारे बहुमत को मान्यता दें और शीघ्र कार्रवाई करें।

विधानसभा अध्यक्ष ने 44 विधायकों से मुलाकात की

बीजेपी नेता राधेश्याम सिंह ने कहा, यह बताना कि हम तैयार हैं, सरकार बनाने का दावा पेश करने जैसा है। विधानसभा अध्यक्ष सत्यव्रत ने 44 विधायकों से व्यक्तिगत और संयुक्त रूप से मुलाकात की है। किसी ने भी नई सरकार के गठन का विरोध नहीं किया है। उन्होंने कहा, लोगों को बहुत अधिक कठिनाई का सामना करना पड़ रहा है। पिछले कार्यकाल में कोविड के कारण दो साल बर्बाद हो गए थे और इस कार्यकाल में संघर्ष के कारण दो और साल बर्बाद हो गए हैं।

विधानसभा अध्यक्ष केंद्रीय नेतृत्व के बुलावे पर दिल्ली रवाना

दूसरी तरफ, विधानसभा अध्यक्ष सत्यव्रत केंद्रीय नेतृत्व के बुलावे पर दिल्ली रवाना हो गए हैं। जल्द ही सरकार बनाने पर आलाकमान का फैसला आ सकता है। मणिपुर में 60 विधानसभा सीटें हैं। सरकार बनाने के लिए बहुमत का आंकड़ा 31 है।

13 फरवरी से मणिपुर में लागू है राष्ट्रपति शासन

बता दें कि मणिपुर में एन. बीरेन सिंह की सरकार 9 फरवरी 2025 को उनके इस्तीफे के साथ गिर गई थी।मई 2023 से मैतेई और कुकी समुदायों के बीच राज्‍य में जातीय हिंसा जारी है, जिसमें 250 से अधिक लोगों की मौत हो चुकी है। इस मुद्दे पर उनकी सरकार पर दबाव बढ़ा। विपक्ष और भाजपा के 19 विधायकों ने उनके खिलाफ अविश्वास प्रस्ताव की तैयारी की, जिसके डर से बीरेन ने इस्तीफा दे दिया। इसके बाद 13 फरवरी 2025 को मणिपुर में राष्ट्रपति शासन लागू हुआ। ऐसा इस‍लिए हुआ क्‍योंकि भाजपा नया मुख्यमंत्री नहीं चुन पाई थी।

अनावश्यक बयानबाजी से बचें…पीएम मोदी की बीजेपी नेताओं को नसीहत

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प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने भाजपा नेताओं को अपने बयानों को लेकर संयम बरतने की सलाह दी है। पीएम मोदी ने ये बात एनडीए के मुख्यमंत्रियों और उपमुख्यमंत्रियों की बैठक के दौरान बीजेपी नेताओं के लिए निर्देश जारी करते हुए कही। माना जा रहा है कि ऑपरेशन सिंदूर को लेकर बिना वजह की बयानबाजी करके बीजेपी की किरकिरी कराने वाले नेताओं को प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने खास नसीहत दी है। हाल ही में मध्यप्रदेश के मंत्री विजय शाह और हरियाणा से पार्टी के सांसद रामचंद्र जांगड़ा ने जो विवादित बयान दिए, उसे लेकर पीएम मोदी की नेताओं को दी गई सलाह काफी अहम मानी जा रही है।

सूत्रों के अनुसार, प्रधानमंत्री ने अपने समापन भाषण में स्पष्ट रूप से कहा कि सार्वजनिक जीवन में वाणी का सही उपयोग और सदुपयोग जरूरी है। उन्होंने नेताओं को आगाह करते हुए कहा कि हर विषय पर टिप्पणी करना आवश्यक नहीं होता, क्योंकि इससे पार्टी को नुकसान हो सकता है।

बता दें कि विजय शाह ने 12 मई ऑपरेशन सिंदूर के बारे में मीडिया के माध्यम से देश-विदेश को जानकारी देने वाली कर्नल सोफिया के बारे में आपत्तिजनक बयान दिया था। उन्होंने इंदौर के महू के पास एक कार्यक्रम में कहा था कि भारत ने 22 अप्रैल को पहलगाम आतंकी हमले के लिए जिम्मेदार लोगों को ‘उनकी अपनी बहन’ का इस्तेमाल करके सबक सिखाया है। जिसके बाद मध्यप्रदेश हाईकोर्ट ने मामले में स्वत: संज्ञान लेते हुए एफआईआर दर्ज करने के आदेश दिए थे। विजय शाह ने इसके खिलाफ सुप्रीम कोर्ट का दरवाजा खटखटाया था, जहां अदालत ने उन्हें फटकार लगाई और मामले की एसआईटी जांच के आदेश दिए।

इसी तरह से जांगड़ा भी अपने एक बयान को लेकर विवाद में फंस गए हैं। राज्यसभा सदस्य राम चंद्र जांगड़ा 24 मई को पहलगाम आतंकी हमले को लेकर कहा कि पर्यटकों को संघर्ष करना चाहिए था और आतंकी हमले में अपने पतियों को खोने वाली महिलाओं को ‘वीरांगना’ की तरह व्यवहार करना चाहिए था। भाजपा सांसद ने कहा कि जिन महिलाओं ने आतंकी हमले में अपने पतियों को खोया, उनमें तब ‘वीरांगनाओं’ के भाव की ‘कमी’ थी। जांगड़ा ने कहा, वहां जो हमारी वीरांगनाएं बहन थीं, जिनकी मांग का सिंदूर छीन लिया गया, उनमें वीरांगनाओं को भाव ही नहीं थी, जोश नहीं था, जज्बा नहीं था। इसलिए हाथ जोड़कर गोली का शिकार हो गए।

मोदी नहीं होते तो बीजेपी 150 सीट भी नहीं जीत पाती”, झारखंड के गोड्डा से सांसद निशिकांत दुबे का बड़ा बयान

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झारखंड के गोड्डा लोकसभा क्षेत्र से बीजेपी सासंद निशिकांत दुबे अपने बेबाक बयानों के लिए अक्सर चर्चा में रहते हैं। अब बीजेपी सांसद निशिकांत दुबे प्रधानमंत्री मोदी को लेकर एक बड़ा बयान दिया है। उन्होंने कहा है कि मोदी को बीजेपी की नहीं बल्कि बीजेपी को मोदी की जरूरत है। इतना ही नहीं उन्होंने यह भी कह दिया कि अगर मोदी हमारे नेता नहीं होते तो बीजेपी 150 सीट भी नहीं जीत पाती। समाचार एजेंसी एएनआई को दिए एक इंटरव्यू में निशिंकात दुबे ने ये बातें कहीं।

15-20 सालों तक मोदी ही नजर आ रहे-निशिंकात

एएनआई को दिए इंटरव्यू में निशिकांत दुबे ने कहा, मुझे 15-20 सालों तक मोदी ही नजर आ रहे हैं। अगर मोदी जी हमारे नेता नहीं हों तो भारतीय जनता पार्टी 150 सीट भी नहीं जीत पाएगी। निशिकांत दुबे ने सीएम योगी को लेकर दिए अपने बयान अभी योगी जी यूपी के सीएम हैं और दिल्ली में जगह खाली नहीं है, को लेकर पूछे गए सवाल के जवाब में ये बातें कहीं।

2029 का चुनाव मोदी के नेतृत्व में लड़ना बीजेपी की मजबूरी-निशिकांत

बीजेपी सांसद से आगे सवाल पूछा गया कि आरएसएस प्रमुख मोहन भागवत कहते हैं कि 75 साल की उम्र के बाद नेताओं को इस्तीफा दे देना चाहिए ? इस सवाल का जवाब देते हुए कि निशिंकात दुबे ने कहा कि साल 2029 चुनाव भी मोदी जी के नेतृत्व में लड़ना पड़ेगा, यह भारतीय जनता पार्टी की मजबूरी है। आज मोदी जी को भाजपा की आवश्यक्ता नहीं है। भाजपा को उनकी आवश्यक्ता है।

लगातार तीसरी बार बने पीएम

बता दें कि मोदी के नेतृत्व में 2014 में बीजेपी ने पहली बार देश में पूर्ण बहुमत की सरकार बनाई थी। 2014 में बीजेपी ने 282 सीटें जीतीं। उसके बाद 2019 और 2024 के लोकसभा चुनावों में भी बीजेपी ने शानदार प्रदर्शन किया। 2019 में पार्टी ने 303 सीटें हासिल कीं थीं। हालांकि, 2024 में बीजेपी को 240 सीटें मिलीं, जो बहुमत (272) से कम थीं, लेकिन एनडीए गठबंधन (292 सीटें) के साथ मोदी ने तीसरी बार सरकार बनाई।

बेटी बचाओ नहीं बेटी जलाओ पार्टी बन चुकी है भाजपा”, बालासोर में छात्रा की आत्महत्या सुप्रियो भट्टाचार्य का हमला

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ओडिशा के बालासोर में फकीर मोहन ऑटोनॉमस कॉलेज में खुद को आग लगाने वाली 20 साल की स्टूडेंट आखिरकार जिंदगी की जंग हार गई। सोमवार देर रात गंभीर रूप से जख्मी छात्रा ने दम तोड़ दिया। छात्रा 95 फीसदी झुलस चुकी थी और 3 दिनों तक भुवनेश्वर के AIIMS में जिंदगी की जंग लड़ रही थी। छात्रा की मौते के बाद देशभर में आक्रोश देखा जा रहा है। अब झारखंड में भी इस मामले पर राजनीति शुरू हो गई है। झारखंड मुक्ति मोर्चा ने इस मामले को लेकर केंद्र और ओडिशा की भाजपा सरकार पर सीधा हमला बोला है।

एक बार फिर हिंदुस्तान शर्मसार- सुप्रियो

पत्रकारों को संबोधित करते हुए भट्टाचार्य ने कहा कि ओडिशा की घटना ने एक बार फिर हिंदुस्तान को शर्मसार कर दिया है। वह (मृतका) एक पढ़ने वाली बच्ची थी, जिसे शिक्षक द्वारा शोषण और अपमान का सामना करना पड़ा। जब उसने और अन्य छात्राओं ने इस मामले की शिकायत कॉलेज प्रिंसिपल से की, तो शिक्षक ने और अधिक असभ्यता दिखाई। नतीजन न्याय नहीं मिलने और उत्पीड़न से टूटकर उसने आत्महत्या कर ली।

बीजेपी सरकार में महिलाओं और बेटियों की सुरक्षा खतरे में-सुप्रियो

झारखंड मुक्ति मोर्चा (झामुमो) ने बीजेपी को ‘बेटी जलाओ पार्टी’ बताया। झारखंड मुक्ति मोर्चा (झामुमो) के केंद्रीय महासचिव और प्रवक्ता सुप्रियो भट्टाचार्य ने राजधानी रांची में एक प्रेस कांफ्रेंस कर भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) पर जोरदार हमला बोला। झामुमो केंद्रीय कमेटी के महासचिव और पार्टी के मुख्य प्रवक्ता सुप्रियो भट्टाचार्य ने कहा कि वर्ष 2014 में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने ‘बेटी बचाओ, बेढ़ी पढ़ाओ’ का नारा दिया था। अब यह पार्टी बेटी जलाओ पार्टी बन गयी है। इस पार्टी को अब हमलोग इसी नाम से संबोधित करेंगे।

जहां भी भाजपा सत्ता में है, बेटियों के साथ अन्याय- सुप्रियो

भट्टाचार्य ने कहा कि यह सिर्फ ओडिशा का मामला नहीं है, बल्कि यूपी, बिहार, मध्यप्रदेश, राजस्थान सहित पूरे देश की बेटियों की यही कहानी है। वर्ष 2014 के बाद से देश के जिस किसी राज्य में बीजेपी की सरकार बनी है, वहां महिलाओं और बेटियों की सुरक्षा खतरे में पड़ गयी है। जहां भी भाजपा सत्ता में है, बेटियों के साथ अन्याय और उत्पीड़न हो रहा है।

राष्ट्रपति और शिक्षा मंत्री से किया सवाल

झामुमो प्रवक्ता ने सवाल उठाया कि जब देश की राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू और केंद्रीय शिक्षा मंत्री धर्मेंद्र प्रधान दोनों ही ओडिशा से हैं, तो अब तक मृत छात्रा को न्याय क्यों नहीं मिला? उन्होंने कहा कि यह पूरी तरह से प्रशासनिक असंवेदनशीलता और राजनीतिक चुप्पी का उदाहरण है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह भी इस मामले में चुप्पी साधे हुए हैं, जो निंदनीय है।

भाजपा के सिस्टम ने की ओडिशा में छात्रा की हत्या”, आत्मदाह करने वाली छात्रा की मौत के बाद राहुल का हमला

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ओडिशा के बालासोर में एक कॉलेज की छात्रा ने सीनियर प्रोफेसर से परेशान होकर आत्मदाह कर लिया था। फकीर मोहन कॉलेज की इस छात्रा की इलाज के दौरान मौत हो गई। आत्मदाह करने वाली छात्रा की मौत के बाद मंगलवार को राहुल गांधी ने बीजेपी पर तीखे वार किए। उन्होंने आरोप लगाया कि भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के सिस्टम ने इस लड़की की हत्या की है। लोकसभा में नेता प्रतिपक्ष ने यह भी कहा कि पीएम मोदी को इस विषय पर चुप्पी नहीं साधनी चाहिए, बल्कि जवाब देना चाहिए।

राहुल ने बालासोर की घटना को लेकर एक्स पोस्ट के जरिए कहा, ओडिशा में इंसाफ के लिए लड़ती एक बेटी की मौत, सीधे-सीधे बीजेपी के सिस्टम द्वारा की गई हत्या है। उस बहादुर छात्रा ने यौन शोषण के खिलाफ आवाज उठाई - लेकिन न्याय देने के बजाय, उसे धमकाया गया, प्रताड़ित किया गया, बार-बार अपमानित किया गया। जिन्हें उसकी रक्षा करनी थी, वही उसे तोड़ते रहे।''

“देश की बेटियां जल रही हैं”

राहुल गांधी ने आगे लिखा, “हर बार की तरह बीजेपी का सिस्टम आरोपियों को बचाता रहा, और एक मासूम बेटी को खुद को आग लगाने पर मजबूर कर दिया, ये आत्महत्या नहीं, सिस्टम द्वारा संगठित हत्या है। मोदी जी, ओडिशा हो या मणिपुर, देश की बेटियां जल रही हैं, टूट रही हैं, दम तोड़ रही हैं, और आप? खामोश बने बैठे हैं, देश को आपकी चुप्पी नहीं, जवाब चाहिए. भारत की बेटियों को सुरक्षा और इंसाफ चाहिए।”

क्या है मामला

एक शिक्षक द्वारा कथित तौर पर यौन उत्पीड़न किए जाने के मामले में न्याय न मिलने पर आत्मदाह करने वाली छात्रा ने तीन दिन तक जिंदगी और मौत से लड़ने के बाद भुवनेश्वर स्थित अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान (एम्स) में सोमवार रात दम तोड़ दिया।वह बालासोर के फकीर मोहन (स्वायत्त) महाविद्यालय की एकीकृत बीएड सेकंड इयर की छात्रा थी। शिक्षक के खिलाफ कोई ठोस कार्रवाई नहीं किए जाने से आहत छात्रा ने शनिवार को यह कदम उठाया और वह 95 प्रतिशत तक झुलस गई थी।

मल्लिकार्जुन खरगे ने किया राष्ट्रपति मुर्मू का अपमान? बीजेपी ने कांग्रेस अध्यक्ष से की माफी की मांगे

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भाजपा ने कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे पर राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू के खिलाफ आपत्तिजनक शब्दों का इस्तेमाल करने का आरोप लगाया है। बीजेपी के प्रवक्ता गौरव भाटिया ने कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे पर निशाना साधा। भाटिया ने प्रेस कॉन्फ्रेंस में कांग्रेस के राष्ट्रीय अध्यक्ष और राज्यसभा सांसद मल्लिकार्जुन खरगे पर तीखा हमला किया है। गौरव भाटिया ने कहा, मल्लिकार्जुन खरगे ने भारत की राष्ट्रपति के लिए आपत्तिजनक शब्दों का प्रयोग किया है।

कांग्रेस लगातार देश की आदिवासी राष्ट्रपति का अपमान करते रहे

बीजेपी प्रवक्ता गौरव भाटिया ने कहा कि कांग्रेस नेता लगातार देश की आदिवासी राष्ट्रपति का अपमान करते रहे हैं। कभी अधीर रंजन चौधरी ने राष्ट्रपति को राष्टपत्नी कहा, तो कभी उदित राज ने कहा कि किसी भी देश को मुर्मू जैसा राष्ट्रपति नहीं मिलना चाहिए। उन्होंने कहा कि कांग्रेस लगातार देश के सर्वोच्च पद पर बैठी महिला का अपमान करती रही है। पार्टी कांग्रेस अध्यक्ष से माफी की मांग करती है।

पूर्व राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद का भी अपमान किया गया

भाजपा प्रवक्ता गौरव भाटिया ने कहा कि उन्होंने पूर्व राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद का भी अपमान किया। गौरव भाटिया ने कहा कि 'मल्लिकार्जुन खरगे पूर्व राष्ट्रपति जी राम नाथ कोविंद जी को 'कोविड' बुलाते हैं। आप राष्ट्रपति को बिना किसी सम्मान के 'मुर्मा जी' कहकर संबोधित करते हैं और फिर अंत में उन्हें भूमाफिया बताते हैं। पूरा देश जानता है कि अगर देश में कोई भूमाफिया है तो वह फर्जी गांधी परिवार है।

खरगे से माफी की मांग

भाजपा प्रवक्ता गौरव भाटिया ने कहा कि 'उदित राज कहते हैं कि किसी देश को द्रौपदी मुर्मू जैसी राष्ट्रपति नहीं मिलनी चाहिए। अधीर रंजन चौधरी राष्ट्रपति को राष्ट्रपत्नि कहकर संबोधित करते हैं। यह एक आदिवासी महिला के खिलाफ बेहद आपत्तिजनक टिप्पणी है। कांग्रेस नेताओं को लगता है कि सिर्फ फर्जी गांधी परिवार के सदस्य ही देश में संवैधानिक पदों पर बैठ सकते हैं। अजय कुमार कहते हैं कि राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू बुरी मानसिकता को दर्शाती हैं। आज मल्लिकार्जुन खरगे का आपत्तिजनक बयान सबूत है कि उनकी कोई जुबान नहीं फिसली है। यह जानबूझकर किया गया। हम मल्लिकार्जुन खरगे से मांग करते हैं कि वे अपने बयान पर माफी मांगें।

सिर्फ नकली गांधी परिवार…

गौरव भाटिया ने कहा कि कांग्रेस नेताओं का मानना है कि केवल नकली गांधी परिवार के सदस्य ही संवैधानिक पदों पर आसीन हो सकते हैं। अजॉय कुमार ने कहा कि राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू एक दुष्ट मानसिकता को दर्शाती हैं। मल्लिकार्जुन खरगे की आपत्तिजनक टिप्पणी साबित करती है कि यह जुबान की फिसलन नहीं है। यह पूरी तरह से जानबूझकर किया गया है।

भाजपा सांसद निशिकांत दुबे का कांग्रेस पर बड़ा आरोप, रूसी खुफिया एजेंट थे 150 से अधिक कांग्रेसी सांसद

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भारतीय जनता पार्टी के वरिष्ठ नेता और झारखंड के गोड्डा लोकसभा सीट से सांसद निशिकांत दुबे ने कांग्रेस पर बड़ा आरोप लगाया है। निशिकांत दुबे ने सोमवार को अमेरिकी खुफिया एजेंसी सीआईए द्वारा 2011 में जारी एक दस्तावेज शेयर कर कांग्रेस पार्टी पर निशाना साधा। उन्होंने आरोप लगाया कि दिवंगत कांग्रेस नेता एचकेएल भगत के नेतृत्व में 150 से अधिक कांग्रेस सांसदों को रूस से फंडिंग मिली थी। इन सांसदों ने रूस के एजेंट के तौर पर काम किया था।

निशिकांत दुबे ने एक्स पर पोस्ट किया, कांग्रेस, भ्रष्टाचार और गुलामी। यह अवर्गीकृत गुप्त दस्तावेज सीआईए द्वारा 2011 में जारी किया गया था। इसके अनुसार, दिवंगत कांग्रेस नेता एचकेएल भगत के नेतृत्व में 150 से अधिक कांग्रेस सांसदों को सोवियत रूस द्वारा फंड किया गया था, जो रूस के एजेंट के रूप में काम कर रहे थे?

रूसी खुफिया एजेंसियों के 1100 लोग भारत में

बीजेपी सांसद ने आगे कहा कि पत्रकारों का एक समूह उनका एजेंट था। रूस ने कुल 16,000 समाचार प्रकाशित कराए थे। इसका अमेरिकी खुफिया एजेंसी के दस्तावेज में जिक्र है। उस समय के आसपास रूसी खुफिया एजेंसियों के 1100 लोग भारत में थे, जो नौकरशाहों, व्यापारिक संगठनों, कम्युनिस्ट पार्टियों और राय निर्माताओं को अपनी जेब में रखकर भारत की नीतियों को आकार और सूचनाएं भी दे रहे थे।

50 साल पहले लगे आपातकाल के विरोध में भाजपा आज मनाएगी संविधान हत्या दिवस, दिलाई जाएगी काले दौर की याद

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देश में आपातकाल की घोषणा हुए आज 50 साल हो गए। साल 1975 में 25 और 26 जून की दरम्यानी रात से 21 मार्च 1977 तक (21 महीने) तत्कालीन प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी ने देश में आपातकाल की घोषणा की थी। आपातकाल के 50 वर्ष पूरे होने के मौके पर बुधवार को भाजपा देशभर में संविधान हत्या दिवस का आयोजन करेगी। विभिन्न कार्यक्रमों के आयोजन के जरिये लोगों को आपातकाल के काले दौर की याद दिलाई जाएगी। जिला स्तर पर होने वाले कार्यक्रमों में मीसा बंदियों का सम्मान किया जाएगा।

पीएम मोदी ने लिया संविधान हत्या दिवस मनाने का निर्णय

इससे पहले आपातकाल की 50वीं बरसी की पूर्व संध्या पर नई दिल्ली में श्यामा प्रसाद मुखर्जी न्यास की ओर से आयोजित आपातकाल के 50 साल कार्यक्रम में शाह ने कहा कि जब 11 जुलाई 2024 को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने निर्णय किया कि हर वर्ष 25 जून को संविधान हत्या दिवस मनाया जाएगा, तब यह सवाल उठे कि 50 साल पहले हुई किसी घटना पर बात करके आज क्या हासिल होगा?

आपातकाल तानाशाही मानसिकता और सत्ता की भूख की उपज-शाह

गृह मंत्री अमित शाह ने आपातकाल को अन्यायकाल बताया है। अमित शाह ने कहा कि 1975 में तत्कालीन प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी का लाया आपातकाल असल में कांग्रेस का अन्यायकाल था। आपातकाल परिस्थिति और मजबूरी की नहीं बल्कि तानाशाही मानसिकता और सत्ता की भूख की उपज होता है। शाह ने यह भी कहा कि 25 जून सभी को याद दिलाता है कि कांग्रेस सत्ता के लिए किस हद तक जा सकती है।

बंगाल विधानसभा चुनाव के लिए भाजपा का स्पेशल प्लान: धनबाद और रांची में IT सेंटर स्थापित करने की तैयारी

2026 के मार्च में संभावित पश्चिम बंगाल विधानसभा चुनावों को देखते हुए भारतीय जनता पार्टी (BJP) ने अपनी रणनीतिक तैयारियों को तेज कर दिया है। पार्टी अब बंगाल से सटे झारखंड के दो प्रमुख शहरों – धनबाद और रांची – में स्पेशल IT सेंटर स्थापित करने जा रही है।

क्या है भाजपा का प्लान?

IT सेंटर की स्थापना: ये सेंटर मतदाताओं तक डिजिटल माध्यम से संदेश पहुंचाने का कार्य करेंगे। सोशल मीडिया, व्हाट्सएप और अन्य डिजिटल प्लेटफॉर्म्स के जरिये चुनाव प्रचार को मजबूती दी जाएगी।

डाटा कलेक्शन और रिसर्च: इन सेंटरों में सीटवार रणनीति तैयार करने के लिए मतदाता डेटा, सामाजिक समीकरण और मुद्दों पर रिसर्च की जाएगी।

बड़े नेताओं की आवाजाही के लिए बेस: बोकारो, धनबाद और रांची का उपयोग पुरुलिया व आसपास के बंगाल क्षेत्रों में नेताओं की आवाजाही के लिए बेस कैंप के रूप में होगा।

रांची में होगी अहम बैठक

इस महीने बंगाल भाजपा के वरिष्ठ नेता रांची पहुंचकर झारखंड प्रदेश के भाजपा नेताओं से मुलाकात करेंगे। इस बैठक में आगामी चुनाव की ग्राउंड रणनीति तैयार की जाएगी।

क्यों अहम हैं ये सेंटर?

झारखंड की सीमा बंगाल से लगती है, जिससे भौगोलिक और सांस्कृतिक जुड़ाव बनता है।

धनबाद और रांची में भाजपा का मजबूत सांगठनिक ढांचा है, जिसे बंगाल चुनाव के लिए सपोर्ट सिस्टम के रूप में इस्तेमाल किया जाएगा।

भारत निर्वाचन आयोग की 21 नई पहल: 100 दिनों में निर्वाचन प्रबंधन और मतदाता सुविधा में ऐतिहासिक सुधार

रायपुर- भारत निर्वाचन आयोग ने मुख्य निर्वाचन आयुक्त ज्ञानेश कुमार के कार्यभार संभालने के पहले 100 दिनों में निर्वाचन प्रबंधन को और अधिक पारदर्शी, कुशल और मतदाता अनुकूल बनाने के उद्देश्य से 21 नई पहलों की शुरुआत की है। 19 फरवरी 2025 से 29 मई 2025 के दौरान लागू इन सुधारों ने देशभर में लोकतांत्रिक प्रक्रिया को और सशक्त किया है।

इन सुधारों के माध्यम से निर्वाचन प्रक्रिया में तकनीकी सुधार, प्रशिक्षण कार्यक्रम, कानूनी ढांचे को मजबूती और हितधारकों के साथ समन्वय को प्राथमिकता दी गई है। इन सुधारों की प्रमुख विशेषताएं इस प्रकार हैं:

1. मतदान केंद्रों पर मतदाताओं की अधिकतम संख्या: प्रति मतदान केंद्र अधिकतम 1,200 मतदाता सुनिश्चित कर भीड़ प्रबंधन और सुविधाजनक मतदान का प्रावधान।

2. अतिरिक्त मतदान बूथ: ऊँची इमारतों और कॉलोनियों में नए मतदान बूथ की स्थापना, जिससे शहरी क्षेत्रों में सुगम मतदान अनुभव।

3. निर्वाचक नामावली का अद्यतनीकरण: मृत्यु पंजीकरण डेटा को सीधे रजिस्ट्रार जनरल ऑफ इंडिया (RGI) के डेटाबेस से लिंक कर सत्यापन उपरांत नामावली को अद्यतन करने की प्रक्रिया।

4. मतदाता सूचना पर्ची: मतदाता के क्रमांक और भाग संख्या को प्रमुखता से प्रदर्शित किया जाएगा ताकि मतदाताओं को आसान जानकारी मिले।

5. मोबाइल जमा सुविधा: मतदान केंद्रों के ठीक बाहर मोबाइल जमा करने की सुविधा, जिससे मतदान केंद्र के भीतर निष्पक्षता और गोपनीयता सुनिश्चित हो।

6. सर्वदलीय बैठकें: पूरे देश में CEO, DEO और ERO स्तर पर 4,719 बैठकें आयोजित, जिनमें 28,000 से अधिक राजनीतिक दलों के प्रतिनिधियों ने भाग लिया।

7. ECI की बैठकें: राष्ट्रीय और राज्य स्तरीय राजनीतिक दलों (AAP, BJP, BSP, CPI(M), NPP) के प्रमुखों के साथ सीधे संवाद और चर्चा।

8. क्षमता निर्माण: बिहार, तमिलनाडु और पुडुचेरी में IIIDEM द्वारा बूथ लेवल एजेंटों के लिए विशेष प्रशिक्षण कार्यक्रम।

9. प्रचार दूरी नियम में बदलाव: राजनीतिक दल अब मतदान केंद्र से 100 मीटर की दूरी पर बूथ स्थापित कर सकेंगे (पहले 200 मीटर की बाध्यता थी)।

10. ECINET डैशबोर्ड: हितधारकों के लिए सभी सेवाओं को एकीकृत करने हेतु नया प्लेटफार्म, जो 40 से अधिक ऐप्स/वेबसाइट्स को समाहित करेगा।

11. यूनिक EPIC नंबर: डुप्लिकेट EPIC नंबर की समस्या के समाधान के लिए नया तंत्र विकसित किया गया है।

12. हितधारक पहचान: निर्वाचक नामावली और चुनाव प्रक्रिया में शामिल 28 प्रमुख हितधारकों की पहचान और प्रतिनिधित्व अधिनियम 1950, 1951, नियम 1960 और ECI के निर्देशों के अनुरूप कार्य।

13. प्रशिक्षण सामग्री: अधिनियमों, नियमों और निर्वाचन आयोग के निर्देशों के आधार पर हितधारकों के लिए प्रशिक्षण प्रस्तुतियों का विकास।

14. कानूनी ढांचे को मजबूत करना: निर्वाचन आयोग और राज्य निर्वाचन अधिकारियों का प्रतिनिधित्व करने वाले वकीलों का राष्ट्रीय सम्मेलन आयोजित कर तालमेल और कानूनी सहायता को सशक्त बनाना।

15. BLO पहचान पत्र: बूथ लेवल अधिकारियों को मानक फोटो पहचान पत्र प्रदान कर उनकी पहचान और कार्य प्रणाली को अधिक पारदर्शी बनाना।

16. IIIDEM, नई दिल्ली में क्षमता निर्माण: 3,500 से अधिक बूथ लेवल सुपरवाइजर्स का प्रशिक्षण; आगामी 45 दिनों में 20 बैचों में लगभग 6,000 BLOs/सुपरवाइजर्स को प्रशिक्षण; अगले कुछ वर्षों में 1 लाख+ BLO सुपरवाइजर्स को प्रशिक्षित करने का लक्ष्य।

17. मीडिया प्रशिक्षण: सभी 36 राज्यों/केंद्रशासित प्रदेशों के CEO कार्यालयों के मीडिया अधिकारियों के लिए विशेष ओरिएंटेशन कार्यक्रम।

18. पुलिस प्रशिक्षण: बिहार के पुलिस अधिकारियों के लिए IIIDEM में विशेष प्रशिक्षण कार्यक्रम आयोजित कर चुनाव प्रक्रिया को सुचारु बनाने में सहयोग।

19. बायोमेट्रिक उपस्थिति प्रणाली: निर्वाचन कार्यालयों में कर्मचारियों की उपस्थिति की पारदर्शिता और जवाबदेही के लिए बायोमेट्रिक प्रणाली लागू।

20. ई-ऑफिस रोलआउट: निर्वाचन प्रक्रियाओं के डिजिटलीकरण और कार्यप्रणाली को और अधिक सहज और प्रभावी बनाने हेतु ई-ऑफिस की शुरुआत।

21. नियमित ECI-CEO बैठकें: सभी 36 राज्यों/केंद्रशासित प्रदेशों के मुख्य निर्वाचन अधिकारियों के साथ नियमित बैठकें आयोजित कर समन्वय, पारदर्शिता और कुशल प्रबंधन को और अधिक सशक्त किया गया।

ये सभी 21 पहलें मतदाता सुविधा, पारदर्शिता और निर्वाचन प्रक्रिया की दक्षता को निरंतर मजबूत करने के लिए आयोग की प्रतिबद्धता को दर्शाती हैं।

मणिपुर से हटेगा राष्ट्रपति शासन? बीजेपी ने राज्यपाल से मिल 44 विधायकों के समर्थन का किया दावा

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मणिपुर में एक बार फिर राजनीति हलचल देखी जा रही है। मणिपुर में 10 विधायकों ने बुधवार को राज्यपाल अजय कुमार भल्ला से मिलकर सरकार बनाने का दावा पेश किया है। इनमें 8 भाजपा, एनपीपी और निर्दलीय के एक-एक विधायक हैं। इन्होंने दावा किया है इनके पास 44 विधायकों का समर्थन है।

विधायक राधेश्याम ने इस मुलाकात के बाद घोषणा की कि 44 विधायकों का समर्थन प्राप्त है, जो एक लोकप्रिय और स्थिर सरकार बनाने के लिए तैयार हैं।विधायक राधेश्याम ने मीडिया से बातचीत में कहा, हमारे पास 44 विधायकों का समर्थन है, और सभी भाजपा विधायक एकजुट होकर जनता की इच्छा के अनुरूप सरकार बनाने के लिए प्रतिबद्ध हैं। हम राज्यपाल से अनुरोध करते हैं कि वे हमारे बहुमत को मान्यता दें और शीघ्र कार्रवाई करें।

विधानसभा अध्यक्ष ने 44 विधायकों से मुलाकात की

बीजेपी नेता राधेश्याम सिंह ने कहा, यह बताना कि हम तैयार हैं, सरकार बनाने का दावा पेश करने जैसा है। विधानसभा अध्यक्ष सत्यव्रत ने 44 विधायकों से व्यक्तिगत और संयुक्त रूप से मुलाकात की है। किसी ने भी नई सरकार के गठन का विरोध नहीं किया है। उन्होंने कहा, लोगों को बहुत अधिक कठिनाई का सामना करना पड़ रहा है। पिछले कार्यकाल में कोविड के कारण दो साल बर्बाद हो गए थे और इस कार्यकाल में संघर्ष के कारण दो और साल बर्बाद हो गए हैं।

विधानसभा अध्यक्ष केंद्रीय नेतृत्व के बुलावे पर दिल्ली रवाना

दूसरी तरफ, विधानसभा अध्यक्ष सत्यव्रत केंद्रीय नेतृत्व के बुलावे पर दिल्ली रवाना हो गए हैं। जल्द ही सरकार बनाने पर आलाकमान का फैसला आ सकता है। मणिपुर में 60 विधानसभा सीटें हैं। सरकार बनाने के लिए बहुमत का आंकड़ा 31 है।

13 फरवरी से मणिपुर में लागू है राष्ट्रपति शासन

बता दें कि मणिपुर में एन. बीरेन सिंह की सरकार 9 फरवरी 2025 को उनके इस्तीफे के साथ गिर गई थी।मई 2023 से मैतेई और कुकी समुदायों के बीच राज्‍य में जातीय हिंसा जारी है, जिसमें 250 से अधिक लोगों की मौत हो चुकी है। इस मुद्दे पर उनकी सरकार पर दबाव बढ़ा। विपक्ष और भाजपा के 19 विधायकों ने उनके खिलाफ अविश्वास प्रस्ताव की तैयारी की, जिसके डर से बीरेन ने इस्तीफा दे दिया। इसके बाद 13 फरवरी 2025 को मणिपुर में राष्ट्रपति शासन लागू हुआ। ऐसा इस‍लिए हुआ क्‍योंकि भाजपा नया मुख्यमंत्री नहीं चुन पाई थी।

अनावश्यक बयानबाजी से बचें…पीएम मोदी की बीजेपी नेताओं को नसीहत

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प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने भाजपा नेताओं को अपने बयानों को लेकर संयम बरतने की सलाह दी है। पीएम मोदी ने ये बात एनडीए के मुख्यमंत्रियों और उपमुख्यमंत्रियों की बैठक के दौरान बीजेपी नेताओं के लिए निर्देश जारी करते हुए कही। माना जा रहा है कि ऑपरेशन सिंदूर को लेकर बिना वजह की बयानबाजी करके बीजेपी की किरकिरी कराने वाले नेताओं को प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने खास नसीहत दी है। हाल ही में मध्यप्रदेश के मंत्री विजय शाह और हरियाणा से पार्टी के सांसद रामचंद्र जांगड़ा ने जो विवादित बयान दिए, उसे लेकर पीएम मोदी की नेताओं को दी गई सलाह काफी अहम मानी जा रही है।

सूत्रों के अनुसार, प्रधानमंत्री ने अपने समापन भाषण में स्पष्ट रूप से कहा कि सार्वजनिक जीवन में वाणी का सही उपयोग और सदुपयोग जरूरी है। उन्होंने नेताओं को आगाह करते हुए कहा कि हर विषय पर टिप्पणी करना आवश्यक नहीं होता, क्योंकि इससे पार्टी को नुकसान हो सकता है।

बता दें कि विजय शाह ने 12 मई ऑपरेशन सिंदूर के बारे में मीडिया के माध्यम से देश-विदेश को जानकारी देने वाली कर्नल सोफिया के बारे में आपत्तिजनक बयान दिया था। उन्होंने इंदौर के महू के पास एक कार्यक्रम में कहा था कि भारत ने 22 अप्रैल को पहलगाम आतंकी हमले के लिए जिम्मेदार लोगों को ‘उनकी अपनी बहन’ का इस्तेमाल करके सबक सिखाया है। जिसके बाद मध्यप्रदेश हाईकोर्ट ने मामले में स्वत: संज्ञान लेते हुए एफआईआर दर्ज करने के आदेश दिए थे। विजय शाह ने इसके खिलाफ सुप्रीम कोर्ट का दरवाजा खटखटाया था, जहां अदालत ने उन्हें फटकार लगाई और मामले की एसआईटी जांच के आदेश दिए।

इसी तरह से जांगड़ा भी अपने एक बयान को लेकर विवाद में फंस गए हैं। राज्यसभा सदस्य राम चंद्र जांगड़ा 24 मई को पहलगाम आतंकी हमले को लेकर कहा कि पर्यटकों को संघर्ष करना चाहिए था और आतंकी हमले में अपने पतियों को खोने वाली महिलाओं को ‘वीरांगना’ की तरह व्यवहार करना चाहिए था। भाजपा सांसद ने कहा कि जिन महिलाओं ने आतंकी हमले में अपने पतियों को खोया, उनमें तब ‘वीरांगनाओं’ के भाव की ‘कमी’ थी। जांगड़ा ने कहा, वहां जो हमारी वीरांगनाएं बहन थीं, जिनकी मांग का सिंदूर छीन लिया गया, उनमें वीरांगनाओं को भाव ही नहीं थी, जोश नहीं था, जज्बा नहीं था। इसलिए हाथ जोड़कर गोली का शिकार हो गए।