झारखंड में 1 सितंबर से निजी हाथों में होगी शराब की बिक्री, नई उत्पाद नीति के तहत लॉटरी संपन्न
रांची: झारखंड में 1 सितंबर से नई उत्पाद नीति (New Excise Policy) लागू हो रही है, जिसके तहत खुदरा शराब की बिक्री अब निजी हाथों में होगी। शुक्रवार को राज्य के सभी जिलों में शराब दुकानों की बंदोबस्ती के लिए ई-लॉटरी (E-Lottery) प्रक्रिया पूरी की गई। इस प्रक्रिया से राज्य सरकार को आवेदन शुल्क के रूप में लगभग 40 करोड़ रुपये का राजस्व प्राप्त हुआ है।
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नई नीति के तहत राज्य में कुल 1,343 दुकानें संचालित होंगी। इनमें 1,184 कंपोजिट दुकानें (देसी और विदेशी दोनों शराब) और 159 देसी शराब की दुकानें शामिल हैं। राजधानी रांची में सबसे अधिक 150 दुकानें हैं। इन लॉटरी प्रक्रिया में झारखंड के अलावा उत्तर प्रदेश, बिहार और मध्य प्रदेश के कारोबारियों ने भी हिस्सा लिया।
शराब के दाम में बदलाव
नई नीति के तहत, शराब पर लगने वाले वैट (VAT) को कम किया गया है, जबकि एक्साइज ड्यूटी (Excise Duty) और ट्रांसपोर्ट ड्यूटी (Transport Duty) बढ़ाई गई है। इससे कुछ लोकप्रिय ब्रांड की शराब 10 से 20 रुपये तक महंगी हो सकती है, जबकि विदेशों में बनी शराब की कीमतें कम होने की संभावना है।
रामगढ़ और गुमला में बंदोबस्ती
- रामगढ़: जिले की कुल 42 दुकानों के लिए 12 समूह बनाए गए थे। ऑनलाइन पोर्टल के जरिए 178 आवेदन प्राप्त हुए, और शुक्रवार को ई-लॉटरी के माध्यम से बंदोबस्ती की गई। 1 सितंबर से चयनित निजी लाइसेंसधारियों द्वारा जिले में शराब की बिक्री शुरू होगी।
- गुमला: उत्पाद अधीक्षक क्षितिज विजय मिंज ने बताया कि जिले में 57 करोड़ रुपये की बंदोबस्ती हुई है। कुल 89 आवेदन प्राप्त हुए, जिसमें लॉटरी के तहत पांच समूहों का चयन किया गया है। प्रत्येक समूह को तीन-तीन दुकानें चलाने का दायित्व मिला है। यह बंदोबस्ती अगले पांच वर्षों के लिए हुई है, जिसमें प्रतिवर्ष 10 प्रतिशत की वृद्धि होगी।
11 hours ago