सूर्या हांसदा एनकाउंटर केस की जांच करेगी CID, तीन पूर्व मुख्यमंत्रियों ने मुठभेड़ पर उठाए सवाल
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एनकाउंटर में मारे गए सूर्या हांसदा की मौत के बाद झारखंड की सियासत गर्म है। राज्य के कई नेताओं और विधायकों ने इस एनकाउंटर को संदेहास्पद बताया है। इस बीच सूर्या हांसदा एनकाउंटर केस की सीआइडी जांच कराने का फैसला लिया गया है। गोड्डा पुलिस ने आरंभिक रिपोर्ट सीआइडी मुख्यालय को भेज दी है। गोड्डा जिला में कमलडोर (रहड़बड़िया) पहाड़ के पास बीते रविवार की रात सूर्या हांसदा पुलिस एनकाउंटर में मारा गया था।
सूर्या हांसदा के एनकाउंटर को लेकर झारखंड की राजनीति में उबाल आ गया है। राज्य के तीन पूर्व मुख्यमंत्री बाबूलाल मरांडी, अर्जुन मुंडा और चंपाई सोरेन ने इस एनकाउंटर को संदेहास्पद बताते हुए सीबीआई या हाईकोर्ट की निगरानी में जांच की मांग की थी। इस बीच सूर्या हांसदा एनकाउंटर केस की सीआइडी जांच के आदेश दे दिए गए हैं।
यह एनकाउंटर नहीं, हत्या- बाबूलाल मरांडी
इससे पहले भाजपा प्रदेश अध्यक्ष और नेता प्रतिपक्ष बाबूलाल मरांडी ने इस एनकाउंटर को सीधे तौर पर हत्या करार दिया। उन्होंने कहा कि सूर्या हांसदा की पत्नी और मां लगातार कह रही हैं कि यह फर्जी मुठभेड़ है और उनकी एकमात्र मांग है कि पूरे मामले की जांच CBI से कराई जाए। मरांडी ने राज्य सरकार पर निशाना साधते हुए कहा, आदिवासी नेता को अपराधी साबित करना हो, या जमीन पर कब्जा कराना हो झारखंड पुलिस के कुछ अधिकारी पैसे लेकर यह सब करवा रहे हैं। उन्होंने मुख्यमंत्री से अपील की कि अगर CBI जांच संभव नहीं है, तो कम से कम हाईकोर्ट के सिटिंग जज की अध्यक्षता में जांच करवाई जाए।
साजिश के तहत की गई हत्य- अर्जुन मुंडा
पूर्व मुख्यमंत्री अर्जुन मुंडा ने भी इसे गहरी साजिश का हिस्सा बताया। उन्होंने कहा कि सूर्या हांसदा लगातार कोयला, बालू, और गिट्टी के अवैध खनन के खिलाफ आवाज उठा रहे थे। उन्होंने बताया कि हांसदा की गिरफ्तारी उनके घर से हुई थी, वह बीमार थे और उनकी पत्नी ने पुलिस से गुहार भी लगाई थी, बावजूद इसके उन्हें फर्जी एनकाउंटर में मार दिया गया। मुंडा ने स्पष्ट किया कि वह अपराधियों के खिलाफ कार्रवाई के विरोध में नहीं हैं, लेकिन फर्जी मुठभेड़ों के जरिए निर्दोषों को खत्म करना न्याय के साथ खिलवाड़ है।
चंपाई सोरेन ने उठाए सवाल
पूर्व मुख्यमंत्री चंपाई सोरेन ने भी सवाल किया, अगर सूर्या को देवघर में गिरफ्तार किया गया, तो रास्ते में वह कैसे हमलावर हो गया? हथकड़ी लगे एक बीमार व्यक्ति ने पुलिस पर कितनी गोलियां चलाईं? आधी रात को जंगल में क्यों ले जाया गया? और गोलियां सीने पर क्यों लगीं? चंपाई सोरेन ने कहा कि एक ही राज्य में, जब आरोपी किसी खास समुदाय से होता है, तो सरकार उसके परिवार को मदद, नौकरी, और समर्थन देती है। लेकिन आदिवासी नेताओं के साथ ऐसा क्यों नहीं होता? उन्होंने चेतावनी दी कि यह प्रवृत्ति खतरनाक है और झारखंड में अब आदिवासियों पर अत्याचार सामान्य होता जा रहा है।
पुलिस ने क्या कहा?
सूर्या हांसदा के एनकाउंटर के संबंध में गोड्डा एसपी ने बताया था कि घटना से पहले सूर्या को देवघर के नावाडीह गांव से गिरफ्तार किया गया था। पुलिस उसे लेकर हथियार बरामद करने के लिए रहड़बड़िया पहाड़ जा रही थी। इसी दौरान सूर्या पुलिस से इंसास राइफल छीनकर भागने लगा था। उसने पुलिस पर फायरिंग भी की। जवाबी फायरिंग में सूर्या हांसदा मारा गया था।
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