रंग-बिरंगी राखियों संग मिठास घोले रिश्तों का पर्व, नगरा में उमड़ा रक्षा बंधन का उत्सव
ओमप्रकाश वर्मा
नगरा (बलिया)। श्रावण मास शुक्ल पक्ष में पड़ने वाला रक्षा बंधन का पर्व इस बार नगर और ग्रामीण अंचलों में सेवा, प्रेम, परागत, श्रद्धा और हर्षोल्लास के साथ धूमधाम से मनाया गया। भाई-बहन के अटूट स्नेह का यह पर्व कर्तव्यबोध का संदेश देता है। सुबह से ही घर-घर में तैयारियां जोरों पर थीं, बहनों ने थाल सजाए, रोली, चावल, दीपक और मिठाई के साथ राखियों को थाल में रखा और अपने भाइयों की कलाई पर रक्षा सूत्र बांधकर माथे पर मंगल तिलक लगाया। मिठाई खिलाकर भाइयों ने जीवनभर बहनों की रक्षा करने का संकल्प लिया और अपनी सामर्थ्य के अनुसार उपहार भेंट किए। जिन बहनों का ससुराल पास था, वे मायके पहुंचीं, वहीं जो दूर रहीं, उनके भाई राखी बंधवाने बहनों के घर पहुंचे। आपसी मिलने-जुलने से घर-आंगन हंसी-खुशी से गूंज उठे। यह परंपरा सदियों से भाई-बहन के रिश्ते को मजबूत करती आ रही है। रक्षा बंधन के इस पर्व को लेकर स्थानीय नगर पंचायत के बाजार, ग्रामीण अंचलों और चट्टी-चौराहों पर एक सप्ताह पहले से ही चहल-पहल शुरू हो गई थी। रंग-बिरंगी राखियों से सजी दुकानें ग्राहकों को आकर्षित कर रही थीं। डिजाइनर राखियों से लेकर पारंपरिक धागों तक, हर तरह की राखी की मांग रही। मिठाई की दुकानों पर भी भीड़ उमड़ पड़ी, खासकर गुजिया, पेड़ा, रसगुल्ला और लड्डू की बिक्री जमकर हुई। त्योहार से दो दिन पहले से ही बाजारों में रौनक अपने चरम पर थी। दुकानों के बाहर लंबी कतारें, गाड़ियों की आवाजाही और खरीदारी का उत्साह देखने लायक था। कई जगह सड़कों पर ट्रैफिक जाम की स्थिति बन गई, जिसे पुलिसकर्मियों ने मौके पर पहुंचकर नियंत्रित किया। दिन भर रौनक से सराबोर रहा बाजार शाम तक गुलजार रहा। देर रात तक मिठाई और राखियों की बिक्री जारी रही। घर लौटते लोगों के हाथों में मिठाइयों के डिब्बे और राखियों के पैकेट त्योहार की खुशी को और बढ़ा रहे थे। रक्षा बंधन के इस अवसर पर नगरा और आसपास के क्षेत्रों में भाई-बहन के रिश्ते की मिठास हर गली-मोहल्ले में महसूस की गई। रंग-बिरंगी राखियों और मीठे व्यंजनों ने रिश्तों की डोर को और मजबूत कर दिया। यह पर्व एक बार फिर साबित कर गया कि बदलते समय में भी प्रेम, त्याग और स्नेह के बंधन को कोई तोड़ नहीं सकता।
Aug 09 2025, 22:18