*गोमती आरती केवल आरती नहीं माँ से सीधा संवाद है*
सुल्तानपुर,आज से लगभग 14 वर्ष पूर्व जब गोमती मित्र मण्डल के वरिष्ठ पदाधिकारी दिनकर सिंह ने गोमती आरती की शुरुआत की थी तो उनका मकसद था लोगों को माँ गोमती से जोड़ना,उनकी दुर्दशा को महसूस कराना,चंद मिनट उनके सामने खड़े होकर उनसे संवाद स्थापित करना और गर्व है गोमती मित्रों को की आज जनपद के हजारों लोग इस मुहिम में जुड़ रहे हैं।
वक्त के साथ लोगों की संख्या बढ़ी तो आरती का अंदाज और स्वरुप भी बदला,मीडिया प्रभारी रमेश माहेश्वरी बताते हैं की अब तो हर महीने के अंतिम रविवार को काशी में माँ गंगा के तट पे होने वाली आरती की ही तर्ज पे बड़े ही आकर्षक अंदाज में तीन आचार्यों के द्वारा होने लगी है। 27 जुलाई को भी देर शाम माँ गोमती की भव्य आरती तीन आचार्यों पं.आनन्द वत्स मिश्र,प्रांजल सिंह व राज मिश्र की मौजूदगी में मुख्य यजमान विनोद पाठक द्वारा गगनभेदी जयकारों व प्रसाद वितरण के साथ संपन्न करायी गयी।
आरती में प्रदेश अध्यक्ष रूद्र प्रताप सिंह “मदन”,राजेन्द्र शर्मा,रमेश माहेश्वरी, संतकुमार प्रधान,राकेश सिंह दद्दू,राकेश मिश्रा,अजीत शर्मा,राजेश पाठक, राजीव कसौंधन,विकास शर्मा,योगेश सिंह,महेश प्रताप,अनुज सिंह,दाऊ जी,अजय प्रताप सिंह,डॉ.कुंवर दिनकर प्रताप सिंह,दुर्गेश,रामेन्द्र प्रताप सिंह ”राणा” शालिनी कसौंधन,मिथिलेश पाण्डेय,आमिना बानो सहित सभी पदाधिकारी व सदस्य उपस्थित रहे।
Aug 01 2025, 04:35