जब लोकतंत्र को कुचला गया था… बलिया में गूंजे जयप्रकाश के नारे,आपातकाल की 50वीं वर्षगांठ पर काला दिवस मनाया गया
ओमप्रकाश वर्मा
नगरा(बलिया)। आपातकाल के काले अध्याय की 50वीं वर्षगांठ पर बलिया के लोकतंत्र सेनानियों ने बुधवार को जिलाधिकारी कार्यालय परिसर में काला दिवस मनाकर इतिहास के उस दर्द को फिर से जीवित कर दिया, जब बोलने की आज़ादी पर ताले जड़ दिए गए थे। लोकतंत्र सेनानी कल्याण समिति (उत्तर प्रदेश) के बैनर तले आयोजित इस कार्यक्रम में मंच से लेकर परिसर तक ‘लोकनायक जयप्रकाश नारायण अमर रहें’ के नारों की गूंज रही। कार्यक्रम की अध्यक्षता प्रदेश उपाध्यक्ष राघव जी गुप्ता ने की जबकि संचालन डॉ. सुरेश तिवारी ने किया। उपस्थित सेनानियों ने न केवल उस दौर को याद किया, बल्कि वर्तमान लोकतंत्र की चुनौतियों पर भी सवाल खड़े किए। जिलाध्यक्ष स्वतंत्रदेव सिंह ने सभा को संबोधित करते हुए कहा, "आज से पचास साल पहले हमारे भीतर जो साहस, जोश और आत्मबल था, वह अब कमजोर पड़ा है, लेकिन आज भी हम देश की अखंडता, एकता और लोकतंत्र की रक्षा के लिए तत्पर हैं।" उन्होंने कहा कि लोकतंत्र के लिए जो संघर्ष हुआ, उसे नई पीढ़ी तक पहुंचाना बेहद जरूरी है। इस अवसर पर केश्वरनाथ पाण्डेय ने तीखा कटाक्ष करते हुए कहा, "हमने भ्रष्टाचार के विरुद्ध आंदोलन किया था, लेकिन वह आज भी ज्यों का त्यों बना हुआ है। सरकारें बदलीं लेकिन व्यवस्था नहीं।" रामकुँवर जी ने कहा कि लोकतंत्र सेनानियों को स्वतंत्रता सेनानियों जैसा सम्मान मिलना चाहिए। "हमें कुछ नहीं चाहिए, बस सरकार हमें वह दर्जा दे दे जो हमारा अधिकार है," उन्होंने कहा। संचालन कर रहे डा. सुरेश तिवारी ने प्रस्ताव रखा कि जैसे स्वतंत्रता संग्राम सेनानियों की गाथाएं स्कूली पाठ्यक्रम में शामिल हैं, वैसे ही लोकतंत्र सेनानियों की कहानियों को भी पढ़ाया जाना चाहिए ताकि आने वाली पीढ़ी त्याग और संघर्ष का मूल्य समझ सके। सभा में जैसे ही ‘जयप्रकाश नारायण अमर रहें’ के नारे लगे, पूरा परिसर आंदोलित हो उठा। ऐसा प्रतीत हुआ मानो वर्ष 1975 की त्रासदी फिर से आंखों के सामने आ गई हो। इस आयोजन में वरिष्ठ लोकतंत्र सेनानियों ने भी अपनी बात रखी। जिनमें हरिन्द्र गुप्ता, रामदेव यादव, भूलोटन वर्मा, मुक्तेश्वर सिंह, कन्हैयां जी, रामाशंकर चौहान, डा. रामाशंकर प्रसाद, हरिशचन्द्र पाण्डेय, गोपाल जी सिंह, छविनाथ सिंह, कमला शर्मा, धनराज सिंह, अशोक सिंह, अनिल सिंह, गुलाब गुप्ता, दयाशंकर सिंह, शिवप्रकाश पाण्डेय आदि प्रमुख रूप से शामिल थे। सभा में लोकतंत्र सेनानियों के चेहरे पर एक ओर गर्व की चमक थी तो दूसरी ओर गहरा दर्द भी कि जिन अधिकारों के लिए उन्होंने जेल की सलाखों को चूमा, आज उन्हीं अधिकारों की कद्र घटती जा रही है। कार्यक्रम का समापन राष्ट्रगीत के साथ हुआ और यह संदेश भी दिया गया कि लोकतंत्र की रक्षा सिर्फ एक दौर का काम नहीं, बल्कि निरंतर चलने वाली जिम्मेदारी है।
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नगरा(बलिया)। आपातकाल के काले अध्याय की 50वीं वर्षगांठ पर बलिया के लोकतंत्र सेनानियों ने बुधवार को जिलाधिकारी कार्यालय परिसर में काला दिवस मनाकर इतिहास के उस दर्द को फिर से जीवित कर दिया, जब बोलने की आज़ादी पर ताले जड़ दिए गए थे। लोकतंत्र सेनानी कल्याण समिति (उत्तर प्रदेश) के बैनर तले आयोजित इस कार्यक्रम में मंच से लेकर परिसर तक ‘लोकनायक जयप्रकाश नारायण अमर रहें’ के नारों की गूंज रही। कार्यक्रम की अध्यक्षता प्रदेश उपाध्यक्ष राघव जी गुप्ता ने की जबकि संचालन डॉ. सुरेश तिवारी ने किया। उपस्थित सेनानियों ने न केवल उस दौर को याद किया, बल्कि वर्तमान लोकतंत्र की चुनौतियों पर भी सवाल खड़े किए। जिलाध्यक्ष स्वतंत्रदेव सिंह ने सभा को संबोधित करते हुए कहा, "आज से पचास साल पहले हमारे भीतर जो साहस, जोश और आत्मबल था, वह अब कमजोर पड़ा है, लेकिन आज भी हम देश की अखंडता, एकता और लोकतंत्र की रक्षा के लिए तत्पर हैं।" उन्होंने कहा कि लोकतंत्र के लिए जो संघर्ष हुआ, उसे नई पीढ़ी तक पहुंचाना बेहद जरूरी है। इस अवसर पर केश्वरनाथ पाण्डेय ने तीखा कटाक्ष करते हुए कहा, "हमने भ्रष्टाचार के विरुद्ध आंदोलन किया था, लेकिन वह आज भी ज्यों का त्यों बना हुआ है। सरकारें बदलीं लेकिन व्यवस्था नहीं।" रामकुँवर जी ने कहा कि लोकतंत्र सेनानियों को स्वतंत्रता सेनानियों जैसा सम्मान मिलना चाहिए। "हमें कुछ नहीं चाहिए, बस सरकार हमें वह दर्जा दे दे जो हमारा अधिकार है," उन्होंने कहा। संचालन कर रहे डा. सुरेश तिवारी ने प्रस्ताव रखा कि जैसे स्वतंत्रता संग्राम सेनानियों की गाथाएं स्कूली पाठ्यक्रम में शामिल हैं, वैसे ही लोकतंत्र सेनानियों की कहानियों को भी पढ़ाया जाना चाहिए ताकि आने वाली पीढ़ी त्याग और संघर्ष का मूल्य समझ सके। सभा में जैसे ही ‘जयप्रकाश नारायण अमर रहें’ के नारे लगे, पूरा परिसर आंदोलित हो उठा। ऐसा प्रतीत हुआ मानो वर्ष 1975 की त्रासदी फिर से आंखों के सामने आ गई हो। इस आयोजन में वरिष्ठ लोकतंत्र सेनानियों ने भी अपनी बात रखी। जिनमें हरिन्द्र गुप्ता, रामदेव यादव, भूलोटन वर्मा, मुक्तेश्वर सिंह, कन्हैयां जी, रामाशंकर चौहान, डा. रामाशंकर प्रसाद, हरिशचन्द्र पाण्डेय, गोपाल जी सिंह, छविनाथ सिंह, कमला शर्मा, धनराज सिंह, अशोक सिंह, अनिल सिंह, गुलाब गुप्ता, दयाशंकर सिंह, शिवप्रकाश पाण्डेय आदि प्रमुख रूप से शामिल थे। सभा में लोकतंत्र सेनानियों के चेहरे पर एक ओर गर्व की चमक थी तो दूसरी ओर गहरा दर्द भी कि जिन अधिकारों के लिए उन्होंने जेल की सलाखों को चूमा, आज उन्हीं अधिकारों की कद्र घटती जा रही है। कार्यक्रम का समापन राष्ट्रगीत के साथ हुआ और यह संदेश भी दिया गया कि लोकतंत्र की रक्षा सिर्फ एक दौर का काम नहीं, बल्कि निरंतर चलने वाली जिम्मेदारी है।

के नशे में टल्ली नजर आई। जिसका वीडियो सोशल मीडिया social media पर जमकर वायरल viral हो रहा है।
संजीव सिंह बलिया। 15000 शिक्षक भर्ती के अंतर्गत नियुक्त शिक्षकों के वेतन वृद्धि में उत्पन्न विसंगति को लेकर आज एक प्रतिनिधिमंडल ने श्रीमान जिला बेसिक शिक्षा अधिकारी बलिया से मुलाकात की और पूरी समस्या को विस्तार से अवगत कराया। प्रतिनिधिमंडल ने बताया कि वर्ष 2016 की शिक्षक भर्ती के अंतर्गत चयनित शिक्षकों को 28 जून 2016 को नियुक्ति पत्र वितरित किए गए थे। नियमानुसार उन्हें 1 जुलाई 2016 को कार्यभार ग्रहण करना था, किंतु 1 जुलाई को सार्वजनिक अवकाश होने के कारण अधिकांश शिक्षकों ने 2 जुलाई 2016 को कार्यभार ग्रहण किया। इस आधार पर शिक्षा विभाग द्वारा यह मानते हुए कि शिक्षकों ने 6 माह की सेवा पूरी नहीं की, उनकी वार्षिक वेतन वृद्धि 1 जनवरी 2017 को नहीं दी गई। जबकि शासनादेश में स्पष्ट उल्लेख है कि यदि 1 जुलाई अथवा 1 जनवरी को रविवार या राजपत्रित अवकाश पड़ता है तो उस स्थिति में 2 जुलाई को कार्यभार ग्रहण करने पर भी उसे 1 जुलाई माना जाएगा और कर्मचारी को समस्त नियमानुसार लाभ दिए जाएंगे। इस विषय पर जिला बेसिक शिक्षा अधिकारी बलिया ने शिक्षकों की बात को गंभीरता से सुना और पूरे प्रकरण को ध्यानपूर्वक समझने के पश्चात यह आश्वासन दिया कि संबंधित शिक्षकों को नियमानुसार लाभ दिलाने हेतु शीघ्र ही आवश्यक आदेश जारी किया जाएगा। इस अवसर पर गौरव यादव, शिवेंद्र प्रताप सिंह, विपिन सिंह, जयप्रकाश मौर्य, अजय मौर्या, विकास सिंह, जमाल अख्तर, राजेश यादव, रंजीत यादव, अजय दुबे, अविनाश श्रीवास्तव, राहुल तिवारी, रविंद्र यादव, कुलदीप कुमार, नीतिश जयसवाल, विकास शर्मा, अभिनव सिंह, अभिमन्यु यादव, भानु प्रताप सिंह सहित कई शिक्षक उपस्थित रहे। शिक्षकों ने जिला बेसिक शिक्षा अधिकारी के सकारात्मक रुख की सराहना की और आशा जताई कि जल्द ही इस विषय में न्यायोचित कार्यवाही होगी।
संजीव सिंह बलिया। उत्तर प्रदेश प्राथमिक शिक्षक संघ जनपद बलिया द्वारा प्रदेश नेतृत्व के आवाहन पर स्कूल मर्जर के आदेश को निरस्त करने की मांग को लेकर एक महत्वपूर्ण ज्ञापन जनपद के प्रभारी मंत्री एवं उत्तर प्रदेश सरकार के माननीय मंत्री दयाशंकर मिश्र 'दयालु' जी को सौंपा गया। यह पत्र माननीय मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ जी को संबोधित करते हुए मंत्री श्री मिश्र को प्रेषित किया गया। इस अवसर पर जिला प्राथमिक शिक्षक संघ बलिया के पदाधिकारियों एवं सैकड़ों शिक्षकों की उपस्थिति में एक संगठित एवं शांतिपूर्ण तरीके से ज्ञापन सौंपा गया। कार्यक्रम की अध्यक्षता जिला अध्यक्ष अजय कुमार सिंह ने की, जबकि संचालन जिला मंत्री राधेश्याम पाण्डेय ने किया। उपस्थित प्रमुख पदाधिकारियों में मुरली छपरा के अध्यक्ष शशिकांत जी, नगरा के अध्यक्ष ब्रजेश कुमार सिंह 'तेगा', मंत्री राजीव नयन पाण्डेय, अटेवा नगरा के अध्यक्ष राकेश कुमार सिंह, संयोजक गड़वार विजय कृष्ण सिंह, मंत्री मुरली छपरा धर्मेंद्र शर्मा, प्रदीप कुमार उपाध्याय (मुरली छपरा) एवं मनियर के अध्यक्ष अजीजुर रहमान खान प्रमुख रूप से सम्मिलित रहे। सभा को संबोधित करते हुए वक्ताओं ने कहा कि स्कूल मर्जर का निर्णय ग्रामीण क्षेत्रों में शिक्षा व्यवस्था को प्रभावित करेगा और छात्र संख्या में कमी के नाम पर स्कूलों को बंद करना एक अनुचित कदम है। इससे दूरस्थ ग्रामीण अंचलों में बच्चों की शिक्षा बाधित होगी और शिक्षकों का मनोबल भी गिरेगा। शिक्षक संघ ने यह भी मांग रखी कि इस निर्णय को अविलंब वापस लिया जाए और शिक्षकों से संवाद कर भविष्य की योजनाओं को क्रियान्वित किया जाए। उन्होंने यह चेतावनी भी दी कि यदि सरकार इस निर्णय को वापस नहीं लेती है तो राज्य स्तर पर बड़ा आंदोलन किया जाएगा। कार्यक्रम में शिक्षकों का उत्साह, अनुशासन और एकजुटता देखते ही बनती थी। ज्ञापन सौंपते समय प्रभारी मंत्री ने आश्वस्त किया कि वे शिक्षकों की भावनाओं को मुख्यमंत्री तक पहुंचाएंगे और इस विषय पर शीघ्र वार्ता कर समाधान की दिशा में कदम उठाएंगे। इस पूरे कार्यक्रम में सैकड़ों की संख्या में शिक्षक गण उपस्थित रहे और अपनी एकता का परिचय दिया। यह आयोजन प्राथमिक शिक्षक संघ की संगठित शक्ति और शिक्षकों की समस्याओं के प्रति उनकी जागरूकता का प्रत्यक्ष प्रमाण था।
संजीव सिंह बलिया !माह मई 2025 का मानदेय अब तक नहीं मिलने से आहत शिक्षामित्रों ने धरना-प्रदर्शन का अल्टीमेटम दिया है। जिला बेसिक शिक्षा अधिकारी को सम्बोधित ज्ञापन जिला समन्वयक (प्रशिक्षण) को सौंपते हुए उत्तर प्रदेश प्राथमिक शिक्षा मित्र संघ के जिलाध्यक्ष पंकज सिंह ने कहा है कि शासन द्वारा चार जून को ही बजट निर्गत कर दिया गया था। प्रदेश के लगभग सभी जनपदों में समय से भुगतान भी हो चुका है, किंतु बलिया में अब तक भुगतान नहीं हो पाना, अत्यंत खेदजनक है। मानदेय भुगतान में अनावश्यक विलम्ब से शिक्षा मित्र मानसिक एवं आर्थिक संकट से जूझ रहे हैं। इस समस्या से एक सप्ताह पहले भी अवगत कराया गया, लेकिन कोई कार्यवाही नहीं हुई। जिलाध्यक्ष ने कहा है कि 29 जून 2025 तक भुगतान नहीं होता है, तो उत्तर प्रदेश प्राथमिक शिक्षा मित्र संघ 30 जून को जिला बेसिक शिक्षा अधिकारी कार्यालय पर धरना-प्रदर्शन करने को बाध्य होगा। ज्ञापन देने वाले प्रांतीय संयुक्त मंत्री अखिलेश पाण्डेय, जिला महामंत्री अमृत सिंह,जिला कोषाध्यक्ष राकेश पाण्डेय, जिला मीडिया प्रभारी परवेज अहमद, जिला प्रवक्ता निर्भय नारायण राय, जिला मंत्री डिम्पल सिंह, निरुपमा सिंह,मुरली छपरा ब्लाक अध्यक्ष बिनोद चौबे, बेलहरी ब्लाक अध्यक्ष मंजूर हुसैन, नवानगर ब्लाक अध्यक्ष फैसल अजीज, गड़वार ब्लाक अध्यक्ष अवधेश भारती, दुबहड़ ब्लाक अध्यक्ष लाल जी वर्मा हनुमानगंज ब्लाक अध्यक्ष शिवकुमार सिंह,महामंत्री राजेश प्रजापति, अमित चेला मिश्र, जितेंदर ओझा, पप्पू कुंवर, भोलानाथ भारती, अरविंद राजभर,,जगनारायण पाठक,, मंगनी राम, जितेंदर सिंह, हरेंद्र, ज़ाहिर अंसारी, आदि थे
के परिवार के प्रति अपनी एकजुटता दिखाई और सामाजिक मूल्यों की मिसाल पेश की। इस अवसर पर सभी ने यह कामना की कि ईश्वर परिवार को इस दुख से उबरने की शक्ति दे।
संजीव सिंह बलिया।उत्तर प्रदेश सरकार की 'पेयरिंग एवं मर्जिंग योजना' के खिलाफ प्रदेश प्रोफेसर टीचर एंड नॉन टीचिंग इम्प्लाइज ऑर्गेनाइजेशन (प्रोटान शिक्षक संघ) द्वारा जिलाध्यक्ष/संयोजक प्रेमचंद के नेतृत्व में कड़ा विरोध जताते हुए मंगलवार को मुख्यमंत्री उत्तर प्रदेश सरकार को जिला समन्वयक प्रशिक्षण के माध्यम से ज्ञापन भेजा गया जिसमें प्रस्तावित योजना पर तत्काल प्रभाव से स्थगन व निरस्तीकरण की मांग की गई है। संघ का कहना है कि स्कूलों की पेयरिंग का निर्णय ग्रामीण क्षेत्रों के छात्रों के भविष्य के साथ घोर अन्याय है। विद्यालयों की जबरन विलय की प्रक्रिया से न केवल शिक्षण संसाधनों में कमी आएगी, बल्कि स्वत: ही शिक्षकों के पदों में कटौती भी सुनिश्चित हो जाएगी। ग्रामीण क्षेत्रों में बसे छोटे-छोटे स्कूल केवल शिक्षा का केंद्र ही नहीं, बल्कि सामाजिक जागरूकता और विकास के भी आधार हैं। यदि इन विद्यालयों को बंद किया गया तो उन बच्चों के लिए निकटतम विद्यालय तक जाना कठिन हो जाएगा, जिससे शिक्षा से उनका नाता टूट सकता है।ग्यापन सौपने वालों में प्रेमचंद, संजय कुमार, अनिरुद्ध आर्या,अनिल प्रियदर्शन, चन्द्र शेखर पासवान, लवकुमार टार्जन, अनिल यादव, राजकुमार चौहान आदि रहे।
बेल्थरारोड विधानसभा क्षेत्र के समाजवादी पार्टी के नव नियुक्त विधानसभा प्रभारी रामनाथ यादव का नगर पंचायत नगरा में जोरदार स्वागत किया गया। स्वागत में ढोल-नगाड़ों और फूल-मालाओं के साथ सैकड़ों कार्यकर्ताओं ने उनका अभिनंदन किया। इस स्वागत कार्यक्रम का नेतृत्व नगर पंचायत प्रतिनिधि उमाशंकर राम ने किया, जिसमें सपा नेता रामदरस ‘क्रांति’, राजेश यादव ‘मंटू’, विनय यादव समेत कई अन्य समाजवादी कार्यकर्ता मौजूद रहे। इस अवसर पर रामनाथ यादव ने समाजवादी पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष अखिलेश यादव का आभार प्रकट करते हुए कहा कि मैं अपनी जिम्मेदारी पूरी ईमानदारी और निष्ठा से निभाऊंगा, और 2027 के विधानसभा चुनाव में भाजपा को पराजित कर सपा को विजयी बनाना मेरा लक्ष्य है। वहीं कार्यक्रम में कार्यकर्ताओं में खासा उत्साह देखने को मिला, जिससे यह संकेत गया कि समाजवादी पार्टी आगामी चुनावों के लिए पूरी तरह से सक्रिय हो चुकी है।
उत्तर प्रदेश में पुलिस विभाग में खाली पड़े पदों को भरने की दिशा में एक बड़ी पहल होने जा रही है। उप निरीक्षक (SI) के 4543 पदों पर भर्ती प्रक्रिया को अंतिम रूप देने की तैयारियां शुरू हो चुकी हैं। उत्तर प्रदेश पुलिस भर्ती एवं प्रोन्नति बोर्ड द्वारा इस भर्ती का नोटिफिकेशन अगले माह तक जारी किए जाने की संभावना है। पुलिस से पहले दरोगा भर्ती को दी जा रही प्राथमिकता जानकारी के मुताबिक, प्रदेश सरकार ने पहले ही पुलिस विभाग में कुल 24 हजार पदों पर नियुक्ति की मंजूरी दी है। इसमें 19220 सिपाही और 4543 उप निरीक्षक (दरोगा) पद शामिल हैं। हालांकि सिपाही भर्ती प्रक्रिया में कुछ तकनीकी बिंदुओं पर शासन की स्वीकृति लंबित होने के कारण फिलहाल दरोगा भर्ती को प्राथमिकता दी जा रही है।गौरतलब है कि राज्य सरकार ने इस बार उप निरीक्षक भर्ती में उम्मीदवारों को आयु सीमा में 3 वर्ष की छूट देने का फैसला लिया है, जिससे बड़ी संख्या में युवाओं को लाभ मिलेगा। कारागार विभाग में भी 2833 जेल वार्डर पदों पर होगी सीधी भर्ती इसके साथ ही कारागार विभाग में 2833 जेल वार्डर पदों पर भी सीधी भर्ती प्रस्तावित है। हालांकि, इस भर्ती का नोटिफिकेशन भी अप्रैल में प्रस्तावित था लेकिन प्रक्रिया में देरी बनी हुई है। जेल विभाग में नई जेलों में स्टाफ की तैनाती के लिए यह भर्ती अहम मानी जा रही है। उत्तर प्रदेश के हजारों युवाओं की निगाहें अब इस भर्ती प्रक्रिया पर टिकी हैं। चूंकि साठ हजार पुलिसकर्मियों की भर्ती होने के बाद से युवाओं में आत्मविश्वास बढ़ा है। मुख्यमंत्री ने भी विभाग में खाली पदों पर जल्द भर्ती प्रक्रिया पूर्ण करने का निर्देश जारी किया है। इन पदों पर की जाएगी भर्ती नागरिक पुलिस: 4242 पद पीएसी महिला वाहिनी (नागरिक पुलिस): 106 पद सशस्त्र पुलिस: 135 पद विशेष सुरक्षा बल (एसएसएफ): 60 पद इन सभी पदों पर भर्ती सीधी प्रक्रिया के तहत होगी और परीक्षा व अन्य चरणों की विस्तृत रूपरेखा भर्ती बोर्ड द्वारा निर्धारित की जाएगी। इस बार भर्ती प्रक्रिया में पारदर्शिता और निष्पक्षता सुनिश्चित करने के लिए तकनीकी उपायों को भी अपनाने की तैयारी की जा रही है। आयु सीमा में छूट से युवाअों में जगी नई उम्मीद दरोगा भर्ती की खबर आने के बाद से प्रदेश भर के अभ्यर्थियों में उत्साह की लहर दौड़ पड़ी है। विभिन्न कोचिंग संस्थानों में छात्रों की संख्या बढ़ गई है और तैयारी में तेजी देखी जा रही है। लखनऊ, इलाहाबाद, आगरा, मेरठ, बनारस और कानपुर जैसे बड़े शहरों के कोचिंग सेंटर्स में दरोगा परीक्षा की विशेष कक्षाएं चलाई जा रही हैं। अभ्यर्थियों का मानना है कि यह अवसर उनके लिए स्वर्णिम साबित हो सकता है, विशेषकर उन युवाओं के लिए जिनकी उम्र पहले की नियमावली के तहत सीमा पार कर गई थी। सरकार द्वारा दी गई आयु सीमा में छूट ने उन्हें एक नई उम्मीद दी है। अब ज्यादा दिन युवाओं को नहीं करना होगा इंतजार पुलिस और दरोगा बनने के लिए तैयारी कर रहे युवाओं अब ज्यादा दिन इंतजार नहीं करना होगा। बताया जा रहा है कि सबसे पहले दरोगा की भर्ती होगी, चूंकि 24 हजार पदों पर भर्ती की प्रक्रिया का रास्ता साफ हो गया है। इसके बाद पुलिस की भर्ती की जाएगी। इसलिए युवा अभी से ही तैयारी करने में जुट जाए, क्योंकि नोटिफिकेशन अगले माह ही जारी हो सकता है। आयु सीमा में छूट मिलने से जिनकी उम्र निकल गई थी उनके सामने नई उम्मीद जगी है।
Jun 26 2025, 19:58
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