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लाल आतंक के विरुद्ध निर्णायक विजय: मुख्यमंत्री विष्णु देव साय ने सुरक्षाबलों के साहस और समर्पण को किया नमन

रायपुर-   नक्सल उन्मूलन अभियान को निर्णायक मोड़ पर ले जाते हुए छत्तीसगढ़-तेलंगाना सीमा पर नक्सल विरोधी ऑपरेशन सफलता पूर्वक संपन्न हुआ। मुख्यमंत्री विष्णु देव साय ने इस ऐतिहासिक सफलता पर सुरक्षा बलों को बधाई दी है और इस निर्णायक उपलब्धि को नक्सलमुक्त भारत की दिशा में एक ऐतिहासिक कदम बताया है।

मुख्यमंत्री श्री साय ने कहा कि यशस्वी प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी एवं केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह के नेतृत्व में 31 मार्च 2026 तक देश को नक्सलवाद से मुक्त करने के लिए हम दृढ़ संकल्प के साथ आगे बढ़ रहे हैं।

मुख्यमंत्री श्री साय ने सुरक्षा बलों विशेषकर सीआरपीएफ, एसटीएफ और डीआरजी के जवानों की सराहना करते हुए कहा कि लाल आतंक के विरुद्ध चल रही इस निर्णायक लड़ाई में हमारे वीर जवानों ने विषम परिस्थितियों में पूरी बहादुरी से नक्सलियों का सामना किया है। उनके अदम्य साहस, धैर्य और पराक्रम को मैं नमन करता हूं।

मुख्यमंत्री श्री साय ने विश्वास व्यक्त किया कि अब वह दिन दूर नहीं जब छत्तीसगढ़ पूरी तरह नक्सलमुक्त होगा, और बस्तर के गांव-गांव में शांति, समृद्धि और विकास की नई रोशनी फैलेगी।

उल्लेखनीय है कि केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने ट्वीट करके बताया है कि छत्तीसगढ़-तेलंगाना सीमा के दुर्गम क्षेत्र पर हाल ही में हुए अब तक के सबसे बड़े नक्सल विरोधी ऑपरेशन में सुरक्षाबलों ने 31 कुख्यात नक्सलियों को मार गिराकर नक्सल उन्मूलन अभियान में ऐतिहासिक सफलता प्राप्त की है। उन्होंने इलाके किया है कि यह क्षेत्र रणनीतिक योजना, नक्सल प्रशिक्षण और हथियार निर्माण का गढ़ रहा है। आज उसी पहाड़ पर शान से तिरंगा लहरा रहा है – यह भारत की आंतरिक सुरक्षा और संप्रभुता की विजय का प्रतीक है।

केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने अपने आधिकारिक वक्तव्य में कहा है कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में हम नक्सलवाद को जड़ से मिटाने के लिए संकल्पित हैं। मैं देशवासियों को पुनः विश्वास दिलाता हूँ कि 31 मार्च 2026 तक भारत का नक्सलमुक्त होना तय है। उन्होंने कहा कि यह ऑपरेशन महज 21 दिनों में पूरा हुआ, और इसमें सुरक्षा बलों का एक भी जवान शहीद नहीं हुआ, जो हमारी रणनीति, समन्वय और शौर्य का प्रमाण है। उन्होंने सीआरपीएफ, एसटीएफ और डीआरजी के जवानों को खराब मौसम और कठिन भूगोल के बावजूद दिखाए गए अदम्य साहस और अनुशासन के लिए बधाई दी।

श्री शाह ने यह भी कहा कि यह सफलता केवल एक सैन्य विजय नहीं, बल्कि एक मनोवैज्ञानिक और वैचारिक विजय भी है, जिसने नक्सल नेटवर्क की रीढ़ को हिला दिया है। देश और विशेषकर छत्तीसगढ़ की जनता को यह विश्वास दिलाता है कि नक्सलवाद अब अंतिम चरण में है। उन्होंने कहा कि जिस स्थान पर कभी लाल आतंक की सत्ता थी, वहाँ आज राष्ट्रध्वज की छाया में शांति, विकास और संविधान का शासन स्थापित हो चुका है। यह अभियान आने वाले समय में सुरक्षा बलों के लिए मॉडल ऑपरेशन के रूप में उदाहरण प्रस्तुत करेगा।

केंद्रीय गृह मंत्री ने राज्य और केंद्र के बीच समन्वय की सराहना करते हुए कहा कि यह साझा प्रयासों का ही परिणाम है कि इतने बड़े अभियान में ज़ीरो कैज़ुअल्टी के साथ इतनी बड़ी सफलता प्राप्त हुई है। भारत सरकार और सुरक्षा एजेंसियाँ 2026 तक देश को पूरी तरह नक्सलमुक्त बनाने के लक्ष्य के प्रति पूरी निष्ठा और सामर्थ्य के साथ कार्य कर रही हैं। अमित शाह ने कहा कि यह लक्ष्य अब केवल रणनीति नहीं, राष्ट्रीय संकल्प है।

बस्तर में सड़क निर्माण गड़बड़ी को लेकर डिप्टी सीएम ने ली बैठक, कहा- नक्सलवाद और भ्रष्टाचारवाद साथ-साथ समाप्त होगा

बस्तर- डिप्टी सीएम अरुण साव ने बस्तर में सड़क निर्माण में गड़बड़ी पर आज फिर जांच बैठाई है. इस दौरान डिप्टी सीएम अरुण साव ने कहा कि बस्तर में नक्सलवाद और भ्रष्टाचार वाद साथ-साथ समाप्त होगा. विकास भी होगा सांय- सांय और कार्रवाई भी होगी सांय- सांय.

उप मुख्यमंत्री अरुण साव ने सोशल मीडिया पोस्ट कर आदेश कॉपी सार्वजनिक करते हुए, विभागीय जांच की जानकारी भी साझा की है. सोशल मीडिया पोस्ट में उन्होंने लिखा- “माओवाद और भ्रष्टाचार वाद दोनों का समूल नाश निश्चित है “विष्णु के सुशासन” में! बस्तर के नारायणपुर-सोनपुर-मरोड़ा मार्ग में एल. डब्लू. ई योजना अन्तर्गत निर्माणाधीन सड़क में लापरवाही और गुणवत्ताहीन कार्य की जानकारी मिली थी. विभाग के अधिकारियों को कल सुबह ही तत्काल कार्रवाई के निर्देश दिए थे, शाम में जांच कमेटी का गठन कर कार्रवाई सुनिश्चित कर दी गई.”

“बस्तर के विकास के रोडमैप में कोई भी बाधा आए, उस पर शासकीय बुलडोजर चला दिया जाएगा l”

देश के यशस्वी गृह ने जो बस्तर की खुशहाली-तरक्की और शांति के लिए बड़ा टारगेट सुनिश्चित किया है, उसे पूरा करने विकास और इंफ्रास्ट्रक्चर की बड़ी भूमिका है. उसमें कोई लापरवाही कोई गड़बड़ी हमें मंजूर नहीं है.

“विकास भी होगा सांय- सांय”

“कार्रवाई भी होगी सांय- सांय”

देखें डिप्टी सीएम साव का ट्वीट:

 

बता दें, बीते दिनों उप मुख्यमंत्री साव की सजगता और विभागीय जांच के आदेश के बाद ही सड़क भ्रष्टाचार में लिप्त सुरेश चंद्राकर तथाकथित कांग्रेस कार्यकर्ता के भ्रष्टाचार का भंडाफोड़ हुआ था, PWD ने ठेकेदार सुरेश चंद्राकर पर कड़ी कार्रवाई करते हुए उसका लाइसेंस रद्द कर दिया था. साथ ही अधिकारियों एवं ठेकेदार पर पुलिसिया कार्रवाई भी करवाई थी. डिप्टी सीएम साव लापरवाही और भ्रष्टाचार के खिलाफ लगातार आक्रामक मूड में दिखाई दे रहे हैं.

कलाकारों और साहित्यकारों के प्रति संवेदनशीलता का परिचायक है मासिक पेंशन बढ़ाने का निर्णय: मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय

रायपुर-  मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय के नेतृत्व में आयोजित मंत्रिपरिषद की बैठक में राज्य के उन कलाकारों और साहित्यकारों के लिए एक महत्वपूर्ण और भावनात्मक निर्णय लिया गया, जो आर्थिक कठिनाइयों से जूझ रहे हैं। अब इन्हें दी जाने वाली मासिक वित्तीय सहायता (पेंशन) राशि को 2000 रुपये से बढ़ाकर 5000 रुपये प्रतिमाह किया गया है।

मुख्यमंत्री श्री साय ने कहा कि हमारे कलाकार और साहित्यकार समाज की आत्मा हैं। उनका योगदान अमूल्य है। यह निर्णय केवल आर्थिक सहायता नहीं, बल्कि उनके प्रति राज्य की संवेदना और सम्मान का प्रतीक है। उन्होंने कहा कि यह निर्णय बजट सत्र में की गई घोषणा का परिपालन है, और हमारी सरकार हर वर्ग के सशक्तिकरण हेतु प्रतिबद्ध है।

यह पेंशन संस्कृति विभाग की वित्तीय सहायता योजना नियम-1986 के अंतर्गत दी जाती है। इस योजना की शुरुआत 1986 में हुई थी, जब सहायता राशि न्यूनतम 150 रुपये और अधिकतम 600 रुपये थी। बाद में 2007 में इसे 1500 रुपये और 2012 में 2000 रुपये किया गया, लेकिन 12 वर्षों से इसमें कोई वृद्धि नहीं हुई थी।

उल्लेखनीय है कि राज्य में वर्तमान में कुल 162 कलाकारों और साहित्यकारों को यह मासिक पेंशन दी जा रही है। अब उन्हें सालाना 24 हजार की जगह 60 हजार रुपये मिलेंगे, जिससे वे अपनी बुनियादी जरूरतें बेहतर ढंग से पूरी कर सकेंगे।

मंत्रिपरिषद द्वारा अनुमोदित इस संशोधन से राज्य पर कुल 58.32 लाख रुपये का वार्षिक अतिरिक्त व्यय भार आएगा। पहले जहां कुल वार्षिक व्यय 38.88 लाख रुपये था, वह अब बढ़कर 97.20 लाख रुपए वार्षिक हो जाएगा। लेकिन यह व्यय राज्य सरकार के लिए गौरवपूर्ण कर्तव्य है।

मुख्यमंत्री श्री साय ने कहा कि जिन लोगों ने कला, साहित्य और संस्कृति की सेवा में अपना जीवन समर्पित कर दिया, उनका आत्मसम्मान बनाए रखना हमारा दायित्व है। यह निर्णय संवेदनशील और समावेशी शासन का प्रमाण है। सरकार का यह कदम न केवल आर्थिक सहारा देगा, बल्कि कलाकारों और साहित्यकारों को आत्मबल और सामाजिक प्रतिष्ठा भी प्रदान करेगा।

भाजपा जिला उपाध्यक्ष पर आरक्षक ने की फायरिंग, इलाके में मचा हड़कंप

बीजापुर- छत्तीसगढ़ के बीजापुर जिले में भाजपा जिला उपाध्यक्ष पर फायरिंग होने से इलाके में हड़कंप मच गया है. पुलिस आरक्षक ने अपनी पिस्टल से भाजपा जिला उपाध्यक्ष लव कुमार रायडू पर फायरिंग की है. इस घटना में भाजपा नेता बाल-बाल बाल बच गए. यह घटना भैरमगढ़ नगर की है.

बताया जा रहा है किसी बात को लेकर आरक्षक ने गुस्से में आकर पिस्तौल से भाजपा जिला उपाध्यक्ष लव कुमार पर गोलियां दाग दी. हालांकि इस घटना में लवकुमार बाल-बाल बच गए. वर्तमान में उन्हें सुरक्षा भी प्राप्त है. घटना की रिपोर्ट दर्ज कराने भाजपा जिला उपाध्यक्ष भैरमगढ़ थाने पहुंचे हैं.

मुख्यमंत्री शिक्षा गुणवत्ता अभियान: शैक्षणिक क्रांति की ओर छत्तीसगढ़ का निर्णायक कदम

रायपुर-  छत्तीसगढ़ सरकार ने प्रदेश में शासकीय विद्यालयों की शैक्षणिक गुणवत्ता में सुधार हेतु एक ऐतिहासिक निर्णय लिया है। आज यहां मंत्रालय महानदी भवन में आयोजित मंत्रिपरिषद की बैठक में ‘‘मुख्यमंत्री शिक्षा गुणवत्ता अभियान” शुरू करने को मंजूरी दी गई, जो छत्तीसगढ़ में शिक्षा की संरचना और परिणामों को एक नई दिशा देगा।

मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय ने इस अवसर पर कहा कि शिक्षा जीवन निर्माण की प्रक्रिया है। हमारी सरकार का संकल्प है कि राज्य के हर बच्चे को गुणवत्तापूर्ण और समग्र शिक्षा मिले, चाहे वह किसी भी कोने में क्यों न रहता हो। उन्होंने इसे भविष्य निर्माण की नींव बताया और कहा कि शिक्षा की गुणवत्ता सुधारना राज्य का सर्वोच्च प्राथमिकता वाला कार्य है। इस अभियान के अंतर्गत राज्य भर के शासकीय विद्यालयों में शिक्षा की गुणवत्ता बढ़ाने के लिए बहुआयामी रणनीतियाँ लागू की जाएंगी। स्कूल शिक्षा विभाग शीघ्र ही विस्तृत दिशा-निर्देश जारी करेगा, जिनमें विद्यालय स्तर पर क्रियान्वयन की स्पष्ट रूपरेखा दी जाएगी।

विद्यालयों का सामाजिक अंकेक्षण मुख्यमंत्री शिक्षा गुणवत्ता अभियान की प्रमुख विशेषता है। इसके अंतर्गत प्रत्येक विद्यालय की शैक्षणिक गुणवत्ता, शिक्षण प्रक्रिया, विद्यार्थियों की उपलब्धियाँ, आधारभूत सुविधाएँ और शिक्षक उपस्थिति जैसे संकेतकों के आधार पर ग्रेडिंग की जाएगी। यह पारदर्शिता और उत्तरदायित्व की नई मिसाल होगी। जो विद्यालय अपेक्षित गुणवत्ता तक नहीं पहुँच पा रहे हैं, उनकी नियमित मॉनिटरिंग सुनिश्चित की जाएगी। यह कार्य न केवल शिक्षा विभाग द्वारा, बल्कि अन्य विभागों के अधिकारियों और स्थानीय जनप्रतिनिधियों की सहभागिता से किया जाएगा, जिससे सामुदायिक निगरानी को बल मिलेगा।

मुख्यमंत्री श्री साय ने कहा कि एक ओर जहाँ कमजोर विद्यालयों को चिन्हित किया जाएगा, वहीं दूसरी ओर मॉडल विद्यालयों का चयन कर भी किया जाएगा। कमजोर विद्यालयों के शिक्षकों को इन मॉडल स्कूलों का शैक्षणिक भ्रमण कराया जाएगा, ताकि वे श्रेष्ठ शैक्षणिक व्यवहार और व्यवस्थाओं से प्रेरणा ले सकें।

मुख्यमंत्री श्री साय ने कहा कि पालक-शिक्षक सहभागिता मुख्यमंत्री शिक्षा गुणवत्ता अभियान का एक महत्वपूर्ण पहलू है। पालक-शिक्षक बैठकों (PTM) को एक औपचारिकता नहीं, बल्कि संवाद और सहभागिता का माध्यम बनाया जाएगा। इससे शिक्षकों और अभिभावकों के बीच बेहतर समन्वय स्थापित होगा और बच्चों की प्रगति पर संयुक्त रूप से कार्य हो सकेगा।

इस अभियान के तहत कक्षा शिक्षण की गुणवत्ता में सुधार पर विशेष फोकस रहेगा। शिक्षकों को प्रशिक्षित किया जाएगा कि वे आधुनिक शिक्षण विधियों, टेक्नोलॉजी के उपयोग और छात्र-केंद्रित दृष्टिकोण को अपनाएँ, जिससे सीखने की प्रक्रिया आनंददायक और प्रभावी हो।

मुख्यमंत्री श्री साय ने यह भी कहा कि यह अभियान केवल शिक्षा विभाग का नहीं बल्कि पूरे समाज का दायित्व है। छत्तीसगढ़ सरकार का यह कदम शिक्षा को केवल पहुंच का विषय नहीं, बल्कि गुणवत्ता का विषय भी बनाता है। मुख्यमंत्री शिक्षा गुणवत्ता अभियान न केवल प्रदेश के लाखों विद्यार्थियों का भविष्य उज्जवल बनाएगा, बल्कि शिक्षा के क्षेत्र में छत्तीसगढ़ को अग्रणी राज्य के रूप में स्थापित करेगा।

PM आवास योजना की धीमी रफ्तार पर कलेक्टर उइके हुए सख्त, 13 अधिकारी-कर्मचारी को जारी किया नोटिस…

गरियाबंद- प्रधानमंत्री आवास योजना के तहत फिंगेश्वर ब्लॉक में निर्माण कार्यों की धीमी प्रगति और लापरवाही पर गरियाबंद कलेक्टर बी.एस. उइके ने सख्त रुख अपनाया है. मंगलवार को जनपद पंचायत फिंगेश्वर के सभाकक्ष में हुई समीक्षा बैठक में कलेक्टर ने 12 ग्राम पंचायत सचिवों और 1 तकनीकी सहायक को कारण बताओ नोटिस जारी करने के निर्देश दिए हैं. 

कलेक्टर ने साफ कहा कि योजनाओं में ढिलाई अब बर्दाश्त नहीं की जाएगी. उन्होंने अधूरे और प्रारंभ नहीं हुए आवास निर्माण कार्यों में तेजी लाकर समयसीमा में पूर्ण करने के निर्देश दिए.

इन पंचायत सचिवों पर गिरी गाज

चरौदा, धुरसा, पतोरा, रक्सा, टेका, पाली, भसेरा, गनियारी, सेंदर, बिनौरी, बासीन और छुईहा के पंचायत सचिवों पर कार्य में लापरवाही के चलते नोटिस जारी किया गया है. साथ ही तकनीकी सहायक अलेश धृतलहरे को भी कारण बताओ नोटिस दिया गया है.

बैठक में जिला पंचायत सीईओ जीआर मरकाम, अपर कलेक्टर नवीन भगत, एसडीएम विशाल महाराणा, डिप्टी कलेक्टर अंजली खलखो सहित पंचायत सचिव, तकनीकी सहायक, रोजगार सहायक और अन्य अधिकारी उपस्थित रहे.

6,219 में से 1,900 आवास पूर्ण, शेष प्रगतिरत

समीक्षा में बताया गया कि वर्ष 2024-25 के अंतर्गत फिंगेश्वर ब्लॉक में प्रधानमंत्री आवास योजना के तहत कुल 6,219 आवास स्वीकृत हुए हैं, जिनमें से केवल 1,900 पूर्ण हो पाए हैं. इसी प्रकार पीएम जनमन योजना के तहत स्वीकृत 153 आवासों में से 111 पूर्ण हुए हैं.

शिकायत मिली तो होगी सख्त कार्रवाई

कलेक्टर उइके ने स्पष्ट किया कि आवास योजना के तहत सर्वे, जिओ टैगिंग और किस्त वितरण के नाम पर अवैध वसूली की शिकायत नहीं आनी चाहिए. किसी भी प्रकार की गड़बड़ी पर कड़ी कार्रवाई की जाएगी.

जिम्मेदारों को दी चेतावनी

कलेक्टर ने कहा कि तकनीकी सहायक यदि योजना में रुचि नहीं दिखा रहे हैं, तो उनके सेवा विस्तार पर पुनर्विचार किया जाएगा. साथ ही जिन कर्मचारियों ने बेहतर प्रगति दिखाई है, उनके अनुभव साझा किए गए.

सूचना पटल पर सूची अनिवार्य

उन्होंने सभी पंचायत सचिवों और रोजगार सहायकों को निर्देशित किया कि ग्राम पंचायत भवनों में स्वीकृत आवासों की सूची अनिवार्य रूप से सूचना पटल पर प्रदर्शित करने हिदायत दिए है.

ग्रामीणों ने की शराब दुकान खोलने की मांग, विधायक बोले – 22 साल के राजनीतिक करियर में पहली बार आया ऐसा आवेदन

तखतपुर- क्षेत्र के विधायक धर्मजीत सिंह उस वक्त हैरान हो गए जब ग्रामीणों ने उसके सामने शराब दुकान खोलने की मांग की. आज जरौंदा में आयोजित समाधान शिविर में भाजपा विधायक धर्मजीत ने कहा कि 22 साल के राजनीतिक करियर में मेरे पास शराब दुकान खोलने का आवेदन पहली बार आया है. उन्होंने आबकारी निरीक्षक से शराब दुकान खोलने की प्रक्रिया की जानकारी ली और मंच से ग्रामीणों को शराब दुकान खोलने का आश्वासन दिया.

बता दें कि आज बिलासपुर जिले के तखतपुर क्षेत्र के ग्राम पंचायत जरौंदा में सुशासन तिहार के तहत समाधान शिविर का आयोजन किया गया था, जहां क्षेत्र के विधायक धर्मजीत सिंह पहुंचे थे. इस दौरान उन्होंने कोड़ापुरी के ग्रामीणों द्वारा शराब खोलने की मांग को पूरा करने की बात कही.

ग्रामीणों ने कहा – शराब लेने जाना पड़ता है 20 किमी दूर

विधायक धर्मजीत सिंह को कोड़ापुरी के ग्रामीणों ने बताया कि ग्राम पंचायत कोड़ापुरी शराब विहीन क्षेत्र है, जिसके कारण परेशानी होती है. शराब लेने 20 किलोमीटर का सफर तय करके शहर जाना पड़ता है. इस मामले में आबकारी निरीक्षक कल्पना राठौर ने बताया कि ग्रामीणों की मांग को लेकर प्रस्ताव शासन को भेजा गया है. जल्द ही उनके मांग का निराकरण किया जाएगा.

कर्नल सोफिया के खिलाफ आपत्तिजनक टिप्पणी का मामला: भारतीय सेना के सम्मान में कांग्रेस ने किया मंत्री विजय शाह का पुतला दहन

कोंडागांव- भारतीय सेना और उनके सम्मान को लेकर एक बार फिर सियासी सरगर्मियां तेज हो गई हैं. मध्यप्रदेश केबिनेट मंत्री विजय शाह द्वारा कर्नल सोफिया को लेकर की गई कथित अपमानजनक टिप्पणी के विरोध में कांग्रेस ने तीखा रुख अपनाया है. इस मुद्दे पर छत्तीसगढ़ प्रदेश कांग्रेस ने राज्यभर में विरोध प्रदर्शन करने के निर्देश दिए, जिसके तहत कोंडागांव जिला कांग्रेस कमेटी ने जोरदार प्रदर्शन किया और मंत्री विजय शाह का पुतला दहन कर अपना विरोध दर्ज कराया.

कांग्रेस नेताओं का कहना है कि भारतीय सेना देश की रक्षा के लिए अपना सब कुछ न्यौछावर करने वाले वीर सपूतों की संस्था है, और उसके किसी भी अधिकारी के प्रति अपमानजनक भाषा का इस्तेमाल न केवल अस्वीकार्य है बल्कि राष्ट्र की अस्मिता पर हमला है. मंत्री विजय शाह की टिप्पणी को सेना के गौरव के खिलाफ बताते हुए कांग्रेस कार्यकर्ताओं ने जिला मुख्यालय पर एकत्र होकर नारेबाजी की और उनका पुतला जलाकर विरोध जताया.

कोंडागांव जिला कांग्रेस अध्यक्ष बुधराम नेताम ने इस मौके पर कहा, “हम सेना और उसके जवानों के सम्मान के लिए कोई भी कदम उठाने को तैयार हैं. मंत्री विजय शाह की टिप्पणी केवल कर्नल सोमिया का ही नहीं, बल्कि समस्त भारतीय सेना का अपमान है. जब तक वे सार्वजनिक रूप से माफी नहीं मांगते, हमारा विरोध जारी रहेगा.”

प्रदर्शन के दौरान जिला कांग्रेस के वरिष्ठ नेताओं, युवा कांग्रेस, महिला कांग्रेस, NSUI और अन्य प्रकोष्ठों के कार्यकर्ता भी भारी संख्या में उपस्थित रहे. उन्होंने एक स्वर में कहा कि भारतीय सेना को राजनीतिक विवादों से दूर रखा जाना चाहिए और जो नेता इस तरह की बयानबाजी करते हैं, उन्हें अपने पद पर बने रहने का कोई नैतिक अधिकार नहीं है.

कांग्रेस के पूर्व प्रदेश अध्यक्ष मोहन मरकाम ने कहा कि भाजपा नेतृत्व इस मामले में संज्ञान ले और मंत्री विजय शाह को उनके पद से हटाया जाए. यदि ऐसा नहीं किया गया तो कांग्रेस राज्यभर में आंदोलन को और तेज करने की चेतावनी दे रही है.

नाबालिग दुष्कर्म पीड़िता हुई गर्भवती: जान पर बन आई तो डॉक्टरों ने मांगी अबॉर्शन की अनुमति, हाई कोर्ट ने सुनाया ये फैसला

बिलासपुर- छत्तीसगढ़ के गौरेला-पेंड्रा-मरवाही (जीपीएम) जिले में दुष्कर्म की शिकार एक नाबालिग छात्रा के गर्भवती होने के बाद उसकी जान पर बन आई है। चिकित्सकीय रिपोर्ट में खुलासा हुआ कि गर्भावधि अधिक होने के कारण अब पीड़िता के शारीरिक स्वास्थ्य पर गंभीर प्रभाव पड़ने लगा है। डॉक्टरों ने स्पष्ट चेतावनी दी कि यदि गर्भपात (अबार्शन) जल्द नहीं कराया गया, तो पीड़िता की जान को गम्भीर खतरा हो सकता है।

चिकित्सकों की सिफारिश और सीएमएचओ (CMHO) की रिपोर्ट को गंभीरता से लेते हुए छत्तीसगढ़ हाई कोर्ट ने मेडिकल टर्मिनेशन ऑफ प्रेग्नेंसी एक्ट के तहत गर्भपात की अनुमति प्रदान कर दी है। कोर्ट ने यह निर्देश भी दिया है कि गर्भपात विशेषज्ञ चिकित्सकों की निगरानी में कराया जाए और पीड़िता की पहचान पूरी तरह गोपनीय रखी जाए।

पीड़िता 10 हफ्ते चार दिन की गर्भवती, भ्रूण जीवित अवस्था में पाया गया

मेडिकल रिपोर्ट के अनुसार, पीड़िता 10 सप्ताह 4 दिन की गर्भवती है और भ्रूण जीवित अवस्था में पाया गया है। प्रारंभ में डॉक्टरों ने, हाई कोर्ट में मामला लंबित होने और मेडिकल मानकों के अनुसार अनुमति न होने के चलते, अबार्शन करने से इनकार कर दिया था। लेकिन बाद में छात्रा को स्वास्थ्य संबंधी जटिलताएं उत्पन्न होने लगीं, जिससे मामला गंभीर हो गया।

आरोपी पर दर्ज हुए गंभीर धाराएं, POCSO व BNS एक्ट में मामला दर्ज

बता दें कि नाबालिग छात्रा को बहला-फुसलाकर ले जाने के बाद आरोपी ने उसके साथ दुष्कर्म किया। घटना के बाद पीड़िता ने परिजनों के साथ थाने में शिकायत दर्ज कराई। पुलिस ने त्वरित कार्रवाई करते हुए आरोपी के खिलाफ BNS की धारा 64 (1), 64(2), 64 (2)(F), 64 (2)(M), 365 (2) तथा POCSO एक्ट की धारा 6 के तहत गंभीर आपराधिक मामला दर्ज किया है।

कोर्ट के निर्देश पर CMHO ने दी रिपोर्ट, मानसिक जांच भी अनिवार्य

हाई कोर्ट ने गर्भपात की अनुमति देने से पहले पीड़िता के भविष्य के स्वास्थ्य पर असर की जानकारी मांगी थी। CMHO की ओर से सौंपे गए मेडिकल परीक्षण रिपोर्ट में कहा गया कि अबार्शन करना सुरक्षित रहेगा। कोर्ट ने यह भी कहा कि प्रक्रिया के दौरान पीड़िता का मानसिक व शारीरिक स्वास्थ्य परीक्षण दोबारा किया जाए। रिपोर्ट संतोषजनक रही तो विशेषज्ञ चिकित्सकों की देखरेख में गर्भपात की कार्रवाई की जाएगी।

कोर्ट ने राज्य सरकार और जिला प्रशासन को निर्देशित किया है कि पीड़िता को अभिभावक के साथ जिला अस्पताल भेजा जाए, जहां विशेषज्ञों की टीम आगे की प्रक्रिया सुनिश्चित करेगी। हाई कोर्ट ने स्पष्ट आदेश दिए हैं कि भ्रूण का डीएनए नमूना सुरक्षित रखा जाए, ताकि आगे की जांच और न्यायिक प्रक्रिया में उसे साक्ष्य के रूप में उपयोग किया जा सके।

SP जितेंद्र यादव ने बताई कर्रेगुट्टा पहाड़ी पर चलाए गए एंटी नक्सल ऑपरेशन की सफलता

बीजापुर-  कर्रेगुट्टा की पहाड़ी पर 21 दिनों तक चलाए गए सबसे बड़े एंटी नक्सल ऑपरेशन में सुरक्षा बलों को बड़ी सफलता मिली है. CRPF के डीजी जीपी सिंह और छत्तीसगढ़ DG अरुण देव गौतम ने आज संयुक्त प्रेस कॉन्फ्रेंस कर ऑपरेशन की पूरी जानकारी दी. इस दौरान बीजापुर एसपी जितेंद्र यादव ने 21 अप्रैल से 11 मई तक चलाए गए नक्सल विरोध अभियान की सफलता बताई. उन्होंने कहा, ऑपरेशन के दौरान कुल 21 मुठभेड़ों में कुल 31 माओवादी मारे गए. इनमें से 28 नक्सली की शिनाख्त हो चुकी है, जिन पर एक करोड़ 72 लाख का इनाम घोषित था.

एसपी जितेंद्र यादव ने बताया कि सभी मारे गए 31 माओवादियों के शव के साथ 31 हथियार बरामद किए गए हैं. इसमें एसएलआर, इसांस समेत आटोमेटिकल हथियार शामिल हैं. अब तक 28 नक्सलियों की शिनाख्ती हो चुकी है. शेष शवों की पहचान प्रक्रिया जारी है. अनुमान लगाया जा रहा कि 21 दिनों तक चलाए गए इस ऐतिहासिक एंटी नक्सल ऑपरेशन में कई बड़े नक्सली लीडर या तो मारे गए हैं या घायल हुए हैं. भौगोलिक परिस्थितियों के कारण हमारे जवान बाकी नक्सलियों के शव बरामद नहीं कर पाए है।


214 माओवादी ठिकानों और बंकरों को जवानों ने किया नष्ट


एसपी ने बताया, कर्रेगुट्टा की पहाड़ी पर नक्सल विरोध अभियान के दौरान कुल 214 माओवादी ठिकानों और बंकरों को नष्ट किया गया है. इस दौरान 450 IED रिकवर किए गए हैं. सिर्फ 15 IED ही ब्लास्ट हुए हैं. बड़ी मात्रा में विस्फोटक सामग्री के साथ 12 हजार किलोग्राम खाने का सामान भी बरामद हुआ है. इस इलाके में अब सुरक्षा बलों की मजबूत पकड़ हुई है।


आईईडी विस्फोट में 18 जवान हुए घायल

एसपी यादव ने बताया, ऑपरेशन के दौरान आईईडी विस्फोट में कोबरा, डीआरजी के 18 जवान घायल हुए हैं. हालांकि सभी खतरे से बाहर हैं. सभी का अस्पतालों में इलाज जारी है. उन्होंने बताया, कर्रेगुट्टा की पहाड़ी की परिस्थितियां काफी विपरीत है, यहां का तापमान 45 डिग्री होने के कारण हमारे कई जवान डीहाइड्रेशन के शिकार हुए हैं. फिर भी उनके मनोबल कम नहीं हुए.

नक्सलियों के खिलाफ कुल 17 केस दर्ज

एसपी ने बताया, नक्सलियों के खिलाफ कुल 17 केस दर्ज किए गए हैं. जांच के लिए विशेष टीम गठित की गई है. साथ ही NIA-SIA की भी मदद ली जा रही है. उन्होंने कहा, नक्सलवाद को समूल खत्म करने भविष्य में भी अभियान जारी रहेगा, ताकि बस्तर का विकास हो सके..

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